Category: भारतीय राजनीति

भारतीय संविधान : ब्रिटिश सिद्धांत और न्यायिक सर्वोच्चता के अमेरिकी सिद्धांत के मध्य संयोजन

प्रश्न: भारतीय संविधान ने संसदीय संप्रभुता के ब्रिटिश सिद्धांत और न्यायिक सर्वोच्चता के अमेरिकी सिद्धांत के मध्य संयोजन को प्राथमिकता प्रदान […]...

73वें संशोधन अधिनियम : आधारभूत लोकतंत्र का परिचायक

प्रश्न: 73वां संशोधन अधिनियम देश में आधारभूत लोकतांत्रिक संस्थानों के क्रमिक विकास का एक महत्वपूर्ण परिचायक है, जिसमें प्रतिनिधि लोकतंत्र को […]...

फर्स्ट पास्ट द पोस्ट (FPTP) सिस्टम

प्रश्न: टिप्पणी कीजिए कि क्या फर्स्ट पास्ट द पोस्ट सिस्टम पर फिर से विचार किए जाने और इसे आनुपातिक प्रतिनिधित्व […]...

संसदीय विशेषाधिकार : भारत में इनके विकास का विश्लेषण

प्रश्न: विधायी विशेषाधिकारों के संहिताकरण और नागरिकों के वाक् स्वतंत्रता के अधिकार को इन पर प्राथमिकता देने की आवश्यकता है। भारत […]...

न्यायिक समीक्षा, न्यायिक सक्रियता और न्यायिक अतिक्रमण पदों की व्याख्या

प्रश्न: भारतीय संदर्भ में न्यायिक समीक्षा, न्यायिक सक्रियता और न्यायिक अतिक्रमण (जूडिशियल ओवररीच) पद से आप क्या समझते हैं? दृष्टिकोण: न्यायिक […]...

संविधान संशोधन की विभिन्न विधियों की व्याख्या : “संविधान की मूल संरचना” के सिद्धांत के आलोक में संशोधन करने की शक्ति पर चर्चा

प्रश्न: भारत का संविधान कठोरता और लचीलापन के मध्य एक उचित संतुलन स्थापित करता है। भारत के संविधान में संशोधन […]...

राष्ट्रपति की अध्यादेश निर्माण की शक्ति : अध्यादेश के दुरुपयोग के विरुद्ध विभिन्न संवैधानिक सुरक्षा उपाय

प्रश्न: अध्यादेश के माध्यम से विधि-निर्माण की असाधारण शक्ति का प्रयोग संसद की विधायी शक्ति के एक विकल्प के रूप […]...

भारतीय संविधान की प्रस्तावना

प्रश्न: भारतीय संविधान की प्रस्तावना का वर्णन करते हुए इसकी प्रकृति और विषय क्षेत्र पर टिप्पणी कीजिए। दृष्टिकोण प्रस्तावना के […]...

भारत निर्वाचन आयोग : ‘स्वतंत्र एवं निष्पक्ष’ चुनावों में भारत निर्वाचन आयोग (ECI) की भूमिका

प्रश्न: भारत निर्वाचन आयोग की कार्यपद्धति से जुड़े प्रासंगिक संवैधानिक और सांविधिक प्रावधानों का उल्लेख कीजिए। इस निकाय की स्वायत्तता और […]...

दल परिवर्तन कानून : व्हिप के कार्यों की प्रासंगिकता

प्रश्न: दल परिवर्तन कानून और राजनीतिक दलों द्वारा व्हिप जारी करने से सांसदों की स्वतंत्रता और स्वाधीनता कम हो जाती […]...