Category: आधुनिक भारत

भारतीय राष्ट्रवाद के उदय के लिए उत्तरदायी सामान्य कारणों और विरोधाभासों का उल्लेख

प्रश्न: भारतीय राष्ट्रवाद का उद्भव तब हुआ जब ब्रिटिश राज के लक्ष्यों और उद्देश्यों तथा भारतीयों के हितों के मध्य […]...

शिकायतों, स्थानीय प्रकृति, संगठन और नेतृत्व के संदर्भ में, 19वीं और 20वीं शताब्दी के किसान विद्रोहों की प्रकृति और विशेषताओं का वर्णन

प्रश्न: ब्रिटिश नीतियों के विरुद्ध किसानों द्वारा आरंभ किए गए अधिकतर विरोध प्रदर्शन, विद्रोह और आंदोलन स्थानीय शिकायतों से उत्पन्न हुए […]...

राष्ट्रीय आंदोलन : ब्रिटिश भारत और देशी रियासतों अंतर

प्रश्न: रियासतों के प्रति ब्रिटिश नीति के क्रमगत विकास का पता लगाइए। रियासतों में राष्ट्रीय आंदोलन ब्रिटिश भारत के शेष […]...

नागरिक विद्रोह : 1817 के पाइका विद्रोह के अंतर्निहित कारणों और परिणामों की व्याख्या

प्रश्न: ब्रिटिश राज के प्रथम 100 वर्षों के दौरान नागरिक विद्रोहों का सिलसिला लगातार चलता रहा। इस संदर्भ में, 1817 […]...

राजा राम मोहन राय का संक्षिप्त परिचय : राजा राम मोहन राय “आधुनिक भारत के जनक”

प्रश्न: राजा राम मोहन राय को “आधुनिक भारत के जनक” के रूप में वर्णित किया गया है। क्या आप ऐसे […]...

राज्यों का पुनर्गठन : स्वतंत्रता के बाद राज्यों के पुनर्गठन के विभिन्न चरण

प्रश्न: स्वातंत्र्योत्तर भारत में राज्यों का पुनर्गठन अलग-अलग सहायक कारकों के साथ एक सतत प्रक्रिया रही है। विश्लेषण कीजिए। दृष्टिकोण […]...

बंगाल विभाजन : स्वदेशी आंदोलन की सफलताओं और कमियों की विवेचना

प्रश्न: बंगाल विभाजन के लिए उत्तरदायी कारणों की व्याख्या करते हुए, इसके आलोक में आरंभ किए गए स्वदेशी आंदोलन की सफलताओं […]...

सामाजिक-धार्मिक सुधार आंदोलनों : उन्नीसवीं सदी वस्तुतः पारंपरिक संस्कृति के पश्चगामी तत्वों के विरूद्ध संघर्ष की साक्षी बनी

प्रश्न:  उन्नीसवीं सदी वस्तुतः पारंपरिक संस्कृति के पश्चगामी तत्वों के विरूद्ध संघर्ष की साक्षी बनी। सामाजिक-धार्मिक सुधार आंदोलनों के संदर्भ में […]...

स्वतंत्रता पूर्व और स्वातंत्र्योत्तर काल में स्वतंत्रता सेनानी, समाज सुधारक और महिला अधिकारों की समर्थक के रूप में कमला देवी चट्टोपाध्याय की भूमिका

प्रश्न: कमला देवी चट्टोपाध्याय का व्यक्तित्व बहुआयामी था। उनका स्वतंत्रता पूर्व और स्वातंत्र्योत्तर भारत में योगदान महत्वपूर्ण था। स्पष्ट कीजिए। दृष्टिकोण […]...

1935 के अधिनियम के अंतर्गत कांग्रेस मंत्रालयों के अठ्ठाईस महीनों के शासनकाल की संक्षिप्त पृष्ठभूमि

प्रश्न: 1935 के अधिनियम के अंतर्गत अट्ठाईस महीनों के शासनकाल के दौरान कांग्रेस मंत्रालयों का विधायी और प्रशासनिक रिकॉर्ड सकारात्मक रहा […]...