राजा राम मोहन राय का संक्षिप्त परिचय : राजा राम मोहन राय “आधुनिक भारत के जनक”
प्रश्न: राजा राम मोहन राय को “आधुनिक भारत के जनक” के रूप में वर्णित किया गया है। क्या आप ऐसे चरित्र चित्रण से सहमत हैं? यथोचित तर्कों और प्रमाणों के साथ अपते उत्तर का औचित्य सिद्ध कीजिए।
दृष्टिकोण
- राजा राम मोहन राय का संक्षिप्त परिचय दीजिए।
- उनके योगदानों का मूल्यांकन करते हुए बताइए कि क्या उन्हें “आधुनिक भारत के जनक” के रूप में वर्णित किया जा सकता
उत्तर
राजा राम मोहन राय भारतीय पुनर्जागरण के अग्रदूत थे। उनके द्वारा स्थापित ब्रह्म समाज, प्रारंभिक आधुनिक सुधारवादी आंदोलन था। उनके सुधार प्रयासों में धार्मिक, सामाजिक, राजनीतिक और आर्थिक पहलू सम्मिलित थे। इन पहलुओं को निम्नलिखित बिन्दुओं के माध्यम से स्पष्ट किया जा सकता है:
1. धार्मिक –
- उन्होंने अंधविश्वास और नियतिवाद की निंदा की और वेदांत एवं तार्किकता के दर्शन को प्रोत्साहित किया।
- बहुदेववाद, मूर्तिपूजा, जातीय कठोरता और अर्थहीन अनुष्ठानों की निंदा की, जिससे एकेश्वरवाद को बढ़ावा मिला।
- उन्होंने हिंदुओं में स्वाभिमान और आधुनिक मूल्यों का समावेश किया। गांधीजी ने उन्हें “हिंदू धर्म में आधुनिक उदार विचारों का जनक” कहा है।
2. सामाजिक –
- उन्होंने बंगाल सती उन्मूलन कानून, 1829 को पारित कराने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।
- उन्होंने पर्दा प्रथा, बहुविवाह और बाल-विवाह के उन्मूलन के लिए विभिन्न कार्य किये तथा महिला शिक्षा एवं विधवा पुनर्विवाह का भी समर्थन किया।
- कलकत्ता में हिन्दू कॉलेज की स्थापना कर भारतीयों में आधुनिक वैज्ञानिक शिक्षा और उदारवादी मूल्यों के प्रसार के लिए कार्य किया।
3. राजनीतिक
- उन्होंने लोगों को राजनीतिक रूप से शिक्षित करने तथा उनकी शिकायतों को सरकार के समक्ष रखने के लिए अंग्रेज़ी, हिंदी, फ़ारसी और बंगाली में पत्रिकाओं का प्रकाशन किया।
- उन्होंने उच्च सेवाओं के भारतीयकरण, न्यायपालिका से कार्यपालिका के पृथक्करण, भारतीय और यूरोपीय लोगों के मध्य न्यायिक समानता तथा न्यायपीठ (जूरी) द्वारा मुकदमा चलाए जाने की माँग की।
- उनके विचारों से प्रेरित होकर, बंगाल में राजनीतिक गतिविधियों की शुरुआत हुई।
- देश का प्रथम राजनीतिक संगठन बंगभाषा प्रकाशिका सभा था, जिसे राम मोहन राय के सहयोगियों द्वारा स्थापित किया गया था। डेरोजियो के अनुयायियों के अतिवादी राजनैतिक विचार उनसे प्रेरित थे।
4. आर्थिक
- उन्होंने बंगाली जमींदारों के शोषणकारी व्यवहार की निंदा की और भारतीय सामग्री (माल) पर अधिकतम शुल्क तय करने और निर्यात शुल्क में कमी करने की मांग की।
- ईस्ट इंडिया कंपनी के व्यापारिक अधिकारों के उन्मूलन की माँग की।
इस प्रकार, आधुनिक भारत के निर्माण में उनके द्वारा किये गए योगदानों के लिए, राजा राम मोहन राय को “आधुनिक भारत का जनक” कहा जा सकता है।
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