Tag: क्षेत्रवाद

पंथनिरपेक्षता की पाश्चात्य अवधारणा का संक्षिप्त वर्णन : भारतीय पंथनिरपेक्षता, सभी धर्मों के प्रति समान आदर सुनिश्चित करने हेतु राज्य और धर्म के कठोर पृथक्करण के विचार से परे है।

प्रश्न: भारत में पंथनिरपेक्षता, राज्य और धर्म के कठोर पृथक्करण के बजाय सभी धर्मों के प्रति समान आदर के विचार […]...

निबंध: भारत की सामाजिक सांस्कृतिक विविधता (Essay: Socio cultural diversity of India)

प्रसिद्ध व्यक्तियों के कथन (Quotes of famous personalities) “विविधता, किसी समाज के एक-साथ रहने में कठिनाई उत्पन्न कर सकती है […]...

भाषायी पुनर्गठन : स्वतंत्रता-प्राप्ति से पूर्व भारत में भाषायी पुनर्गठन की अवधारणा के विकास के इतिहास का संक्षिप्त विवरण

प्रश्न: यद्यपि भाषाई राज्यों का विचार स्वतंत्रता-प्राप्ति से पहले का था, तथापि स्वतंत्रता-प्राप्ति के पश्चात भी इस विचार को कार्यान्वित करने […]...

भारत में वामपंथी उग्रवाद (LWE) की समस्या के संदर्भ में संक्षिप्त चर्चा : सरकार द्वारा अपनाई गई नक्सल विरोधी रणनीति की प्रमुख विशेषतायें

प्रश्न: सरकार ने भारत में वामपंथी उग्रवाद (लेफ्ट विंग एक्सट्रीमिजम) से निपटने के लिए सुरक्षा एजेंडे, विकास संबंधी गतिविधियों और […]...

‘मिट्टी के लाल के सिद्धांत’ : देशीय राजनीतिक दलों और आंदोलनों द्वारा “स्थानीय” लोगों को रोजगार की मांग

प्रश्न: देशीय राजनीतिक दलों और आंदोलनों द्वारा “स्थानीय” लोगों को रोजगार में प्राथमिकता देने की मांग ने कुछ निश्चित मुद्दों […]...

क्षेत्रवाद की संक्षिप्त व्याख्या

प्रश्न: भारत में क्षेत्रवाद, देश की बहुविध विविधता पर आधारित है। उपयुक्त उदाहरणों से पुष्टि कीजिए। स्वतंत्रता के बाद से […]...