किसानों की आय दोगुनी करने (Doubling of Farm Income: DFI) के सरकार के लक्ष्य

प्रश्न: किसानों की आय दोगुनी करने की अपनी कार्य योजना में सरकार द्वारा पहचाने गए आय वृद्धि के स्रोतों का विवरण प्रस्तुत करते हुए, इस संबंध में सरकार द्वारा उठाए गए कदमों का उल्लेख कीजिए।

दृष्टिकोण:

  • किसानों की आय दोगुनी करने (Doubling of Farm Income: DFI) के सरकार के लक्ष्य का संक्षेप में उल्लेख करते हुए उत्तर प्रारम्भ कीजिए।
  • DFI के लिए अपनी कार्य योजना में सरकार द्वारा पहचाने गए आय वृद्धि के स्रोतों का विवरण प्रस्तुत कीजिए।
  • इस संदर्भ में सरकार द्वारा उठाए गए कदमों को रेखांकित कीजिए।
  • उपर्युक्त बिंदुओं के आधार पर निष्कर्ष प्रस्तुत कीजिए।

उत्तर:

सरकार द्वारा वर्ष 2022 तक किसानों की आय को दोगुना करने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। इसे प्राप्त करने के लिए सरकार द्वारा किसानों की आय को दोगुना करने (Doubling of Farm Income: DFI) से संबंधित मुद्दों की जांच करने और रणनीतियों की अनुशंसा करने के लिए एक अंतर-मंत्रालयी समिति का गठन किया गया।

इस समिति ने आय वृद्धि के सात स्रोतों की पहचान की है, जिनमें निम्नलिखित शामिल हैं: 

  • फसल उत्पादकता में सुधार
  • पशुधन उत्पादकता में सुधार
  • संसाधन के उपयोग में दक्षता लाना अथवा उत्पादन की लागत में बचत करना
  • फसल गहनता में वृद्धि
  • उच्च मूल्य वाली फसलों की ओर विविधीकरण
  • किसानों द्वारा प्राप्त वास्तविक कीमतों में सुधार, और
  • कृषि से गैर-कृषि व्यवसायों में स्थानांतरण।

इस संदर्भ में सरकार द्वारा उठाए गए कदमों में शामिल हैं:

  • बाजार में सुधार:
  • मॉडल अनुबंध कृषि अधिनियम (कॉन्ट्रैक्ट फार्मिंग एक्ट) को प्रख्यापित करके राज्य सरकारों के माध्यम से अनुबंध कृषि को प्रोत्साहित करना।
  • यह किसानों को ऐसे बाजारों तक पहुंच प्रदान करती है जो अन्यथा उनके लिए उपलब्ध नहीं होती है। किसानों से कृषि वस्तुओं की प्रत्यक्ष खरीद करने तथा एकत्रीकरण के केंद्र के रूप में कार्य करने हेतु ग्रामीण हाटों का उन्नयन करना।
  • किसानों को एक इलेक्ट्रॉनिक ऑनलाइन ट्रेडिंग प्लेटफॉर्म प्रदान करने के लिए e-NAMI
  • आगत युक्तिकरण:
  • किसानों को मृदा स्वास्थ्य कार्ड का वितरण करना ताकि उर्वरकों के उपयोग को युक्तिसंगत बनाया जा सके।
  • सिंचाई जल की दक्षता बढ़ाने हेतु प्रधानमंत्री कृषि सिचाई योजना। इसके अतिरिक्त, जल संरक्षण और सिंचाई संबंधी समस्याओं के समाधान के लिए सरकार ने एक नवीन जल शक्ति मंत्रालय का गठन किया है।
  • जोखिमों को कम करना: प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना (PMFBY) के अंतर्गत 4 प्रतिशत प्रति वर्ष की निम्न दर पर किसानों को ऋण उपलब्ध करवाने से फसलों के बेहतर बीमा कवरेज में वृद्धि होगी।
  • ऋण की उपलब्धता: पशुपालन और मत्स्यन से संबंधित गतिविधियों के लिए किसान क्रेडिट कार्ड (KCC) की सुविधा के साथ-साथ ऐसी श्रेणियों के किसानों के लिए ब्याज सहायता सुविधाएं (Interest Subvention facilities)।
  • प्रत्यक्ष आय सहायता: 2 हेक्टेयर तक कृषि भूमि के स्वामित्व वाले अनुमानित 125 मिलियन लघु और सीमांत किसानों को तीन समान किस्तों में प्रति वर्ष 6000 रुपए प्रदान करने हेतु प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि आय सहायता योजना।
  • विविधीकरण: 
  • वृक्षारोपण (हर मेड़ पर पेड़), मधुमक्खी पालन, डेयरी और मत्स्यन से संबंधित योजनाओं को भी कार्यान्वित किया गया है। मत्स्यन उद्योग से संबंधित अवसंरचना के विकास हेतु एक विशेष कोष का सृजन किया गया है।
  • सरकार द्वारा खाद्य प्रसंस्करण में 100% प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (FDI) की स्वीकृति प्रदान की गई है तथा फार्म (खेत) से लेकर रिटेल आउटलेट (खुदरा दुकानों) तक कुशल आपूर्ति शृंखला प्रबंधन के साथ आधुनिक अवसंरचना के सृजन हेतु संपदा (कृषि समुद्री उत्पाद प्रसंस्करण एवं कृषि प्रसंस्करण क्लस्टर विकास स्कीम अर्थात् Scheme for AgroMarine Processing and Development of Agro-Processing Clusters: SAMPADA)} योजना को कार्यान्वित किया गया है, जिससे किसानों को बेहतर कीमत प्राप्त होने के साथ उनकी आय को दोगुनी करने में सहायता प्राप्त होगी।

किसानों की आय को दोगुना करने हेतु एक अन्य सहायता प्रदान करते हुए, सरकार ने वर्ष 2018-19 की अवधि के लिए खरीफ और रबी की सभी फसलों के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य (Minimum Support Price: MSP) में उत्पादन की लागत की कम से कम डेढ़ गुना वृद्धि को स्वीकृति प्रदान की है। यदि इन कदमों का प्रभावी रूप से कार्यान्वयन किया जाता है, तो इनमें किसानों की आय को अधिकतम बनाने की संभावना है।

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