1. भारतीय संसद किस रीति से प्रशासन (Administration) पर नियंत्रण करती है?
(a) संसदीय समितियों के माध्यम से
(b) विभिन्न मंत्रालयों की परामर्शदात्री समितियों के माध्यम से
(c) प्रशासकों से आवधिक प्रतिवेदन भिजवा कर
(d) कार्यपालिका को रिट जारी करने के लिए बाध्य कर
[I.A.S. (Pre) 2001]
उत्तर- (a) संसदीय समितियों के माध्यम से
- भारतीय संसद संसदीय समितियों के माध्यम से प्रशासन पर नियंत्रण करती है।
- उदाहरणार्थ लोक वित्त पर नियंत्रण वह तीन समितियों के माध्यम से करती है लोक लेखा समिति, प्राक्कलन समिति एवं लोक उपक्रमों पर समिति।
- ध्यातव्य है कि भारतीय संविधान में संसदीय समितियों के बारे में विशेष रूप से कोई उपबंध नहीं किया गया है।
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2. निम्नलिखित में से कौन-सी एक सबसे बड़ी संसदीय समिति है?
(a) लोक लेखा समिति
(b) प्राक्कलन समिति
(c) सरकारी उपक्रम समिति
(d) याचिका समिति (कमिटी ऑन पिटिशंस)
[I.A.S. (Pre) 2014 U.P.P.C.S. (Mains) 2017]
उत्तर-(b) प्राक्कलन समिति
- प्रश्नगत विकल्पों में प्राक्कलन समिति संसद की सबसे बड़ी समिति है।
- संसद का बहुत-सा काम सभा की समितियों द्वारा निपटाया जाता है, जिन्हें ‘संसदीय समितियां कहते हैं।
- संसदीय समिति से तात्पर्य उस समिति से है, जो सदन/ सदनों द्वारा नियुक्त या निर्वाचित की जाती है अथवा अध्यक्ष या सभापति द्वारा नाम निर्देशित की जाती है तथा अपना प्रतिवेदन सदन को या अध्यक्ष/सभापति को प्रस्तुत करती है।
- अपनी प्रकृति के अनुसार, संसदीय समितियां दो प्रकार की होती हैं-स्थायी समितियां एवं तदर्थ समितियां।
- (1) लोक लेखा समिति दोनों सदनों द्वारा निर्वाचित कुल 22 सदस्य इस समिति के सदस्य होते हैं, जिनमें 15 सदस्य लोक सभा से और 7 सदस्य राज्य सभा से आते हैं।
- यह समिति भारत सरकार के विनियोग लेखा और उन पर नियंत्रक तथा महालेखापरीक्षक के प्रतिवेदन की जांच करती है।
- इस समिति का कार्यकाल 1 वर्ष होता है।
- (2) प्राक्कलन समिति इस समिति में सदस्यों की संख्या 30 होती है।
- इसके सदस्य केवल लोक सभा द्वारा निर्वाचित होते हैं। इसका कार्यकाल 1 वर्ष होता है।
- प्राक्कलन समिति यह बताती है कि प्राक्कलनों में निहित नीति के अनुरूप क्या मितव्ययिता बरती जा सकती है, तथा संगठन, कार्य कुशलता और प्रशासन में क्या-क्या सुधार किए जा सकते हैं।
- (3) सरकारी उपक्रम समिति इस समिति में कुल 22 सदस्य होते हैं जिनमें 15 लोक सभा और 7 राज्य सभा द्वारा निर्वाचित होते हैं।
- इस समिति का कार्यकाल 1 वर्ष होता है।
- यह समिति सरकारी उपक्रमों के प्रतिवेदनों और लेखाओं की जांच तथा यदि सरकारी उपक्रमों के संबंध में भारत के नियंत्रक व महालेखा परीक्षक की कोई रिपोर्ट हो तो उसकी जांच भी करती है यह सरकारी उपक्रमों की स्वायत्तता और कार्यकुशलता के संदर्भ में भी जांच करती है।
- नोट: उपर्युक्त तीनों समितियां सार्वजनिक व्यय पर संसदीय नियंत्रण का अंग हैं, जबकि भारत का नियंत्रक व महालेखा परीक्षक संघ तथा राज्य दोनों के लेखाओं के परीक्षण का कार्य करता है।
- (4) याचिका समिति याचिका समिति के सदस्यों की संख्या लोक सभा में 15 तथा राज्य सभा में 10 होती है।
- इसके सदस्य अध्यक्ष या सभापति द्वारा नाम निर्देशित होते हैं।
- इसका कार्यकाल नियत नहीं है।
- पुनर्गठन किए जाने तक यह समिति बनी रहती है।
- इस समिति का कार्य लोक सभा या राज्य सभा को प्रस्तुत की गई याचिकाओं पर विचार करना और प्रतिवेदन प्रस्तुत करना है।
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3. प्राक्कलन समिति के सदस्यों का कार्यकाल होता है-
(a) दो वर्ष का
(b) एक वर्ष का
(c) तीन वर्ष का
(d) चार वर्ष का
[U.P.P.C.S. (Mains) 2016]
उत्तर-(b) एक वर्ष का
- प्राक्कलन समिति इस समिति में सदस्यों की संख्या 30 होती है।
- इसके सदस्य केवल लोक सभा द्वारा निर्वाचित होते हैं।
- इसका कार्यकाल 1 वर्ष होता है।
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4. संसद की स्थायी समिति के सदस्यों को लोक सभा एवं राज्य सभा से किस अनुपात में लिया जाता है?
(a) क्रमशः दो और एक के अनुपात में
(b) क्रमशः तीन और एक के अनुपात में
(c) क्रमशः चार और एक के अनुपात में
(d) दोनों सदनों से समान संख्या में
[U.P.P.C.S. (Mains) 2013]
उत्तर- (a) क्रमशः दो और एक के अनुपात में
- संसदीय समितियों को मुख्यतः दो भागों में विभाजित किया जाता है।
- पहली ‘स्थायी समिति’ एवं दूसरी ‘तदर्थ समिति’ के नाम से जानी जाती है।
- सदन विशेष की स्थायी समितियों तथा कुछ अपवादस्वरूप कुछ विशिष्ट समितियों (यथा- प्राक्कलन समिति) को छोड़कर संसद के दोनों सदनों के सदस्यों से मिलकर बनने वाली सभी स्थायी समितियों में लोक सभा एवं राज्य सभा के सदस्यों का अनुपात लगभग क्रमशः दो और एक का होता है।
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5. निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिए:
1. लोक लेखा समिति का अध्यक्ष, लोक सभा अध्यक्ष द्वारा नियुक्त किया जाता है।
2. लोक लेखा समिति में लोक सभा सदस्य, राज्य सभा सदस्य और उद्योग तथा व्यापार के कुछ जाने-माने व्यक्ति सम्मिलित होते हैं।
उपर्युक्त कथनों में से कौन सा/से सही है/हैं?
(a) केवल 1
(b) केवल 2
(c) 1 और 2 दोनों
(d) न तो 1 और न ही 2
[I.A.S. (Pre) 2007]
उत्तर- (a) केवल 1
- लोक लेखा समिति का मुख्य कार्य भारत सरकार के विनियोग लेखाओं पर नियंत्रक महालेखा परीक्षक के प्रतिवेदन की समीक्षा करना है।
- इस समिति में कुल 22 सदस्य होते हैं। इसमें से 15 सदस्य लोक सभा सदस्यों में से आनुपातिक प्रतिनिधित्व पद्धति से एकल संक्रमणीय मत द्वारा चुने जाते हैं, जबकि समिति में राज्य सभा द्वारा चुने गए 7 सदस्य बाद में जुड़ जाते हैं।
- कोई भी मंत्री इस समिति का सदस्य निर्वाचित नहीं किया जा सकता है।
- लोक लेखा समिति के अध्यक्ष के रूप में लोक सभा अध्यक्ष द्वारा परंपरा के अनुसार, विपक्ष के किसी नेता को चुना जाता है।
- अतः कथन सत्य है।
- कथन 2 असत्य है, क्योंकि लोक लेखा समिति में लोक सभा एवं राज्य सभा सदस्यों के अतिरिक्त उद्योग तथा व्यापार से संबंधित किसी बाहरी व्यक्ति को चुनने का कोई प्रावधान नहीं है।
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6. निम्न कथनों पर विचार कीजिए:
1. लोक लेखा तथा सार्वजनिक उपक्रमों की समितियों से राज्य सभा के सदस्य भी संबंधित होते हैं, जबकि प्राक्कलन समिति के लिए सदस्य केवल लोक सभा से ही लिए जाते हैं
2. संसदीय कार्य मंत्रालय कुल मिलाकर संसदीय कार्यों की मंत्रिमंडलीय समिति के निर्देशन में कार्य करता है
3. विभिन्न मंत्रालयों में भारत सरकार द्वारा गठित समितियों, परिषदों, मंडलों एवं आयोगों के सदस्यों को संसदीय कार्य मंत्री नामित करता है।
इनमें से कौन-से कथन सत्य हैं?
(a) 1 और 2
(b) 2 और 3
(c) 1 और 3
(d) 1, 2 और 3
[I.A.S. (Pre) 2003]
उत्तर-(d) 1, 2 और 3
- लोक लेखा समिति एवं सार्वजनिक उपक्रमों की समिति में लोक सभा एवं राज्य सभा दोनों के सदस्य (15 लोक सभा एवं 7 राज्य सभा से) होते हैं, जबकि प्राक्कलन समिति या आकलन समिति (Estimate Committee) में केवल लोक सभा से 30 सदस्य चुने जाते हैं।
- इस प्रकार कथन सत्य है।
- संसद के दोनों सदनों में सरकारी कार्य को समन्वित करने और तत्संबंधी व्यवस्था की जिम्मेदारी संसदीय कार्य मंत्रालय को सौंपी गई है, जो कि कुल मिलाकर संसदीय कार्यों की मंत्रिमंडलीय समिति के समग्र निर्देशन में कार्य करता है।
- संसदीय कार्य मंत्रालय ही संसद सदस्यों को भारत सरकार द्वारा विभिन्न मंत्रालयों में स्थापित समितियों, परिषदों, बोर्डों और आयोगों आदि में मनोनीत करता है।
- अतः तीनों कथन सत्य हैं।
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7. संसद की लोक लेखा समिति का प्रमुख कार्य है-
(a) शासन के वित्तीय लेखा एवं विनियम तथा कॅम्पट्रोलर एवं ऑडिटर जनरल की रिपोर्ट का परीक्षण
(b) सार्वजनिक क्षेत्र की इकाइयों के उच्च पदों पर नियुक्ति करना
(c) नीति के अनुसार वित्तीय प्रावधान का परीक्षण
(d) इनमें से कोई नहीं
[M.P.P.C.S. (Pre) 1993]
उत्तर-(a) शासन के वित्तीय लेखा एवं विनियम तथा कॅम्पट्रोलर एवं ऑडिटर जनरल की रिपोर्ट का परीक्षण
- लोक लेखा समिति (Public Account Committee) लोक व्ययों पर नियंत्रण रखने वाली एक संसदीय समिति है।
- इनमें लोक सभा के 15 और राज्य सभा के 7 सदस्यों समेत कुल 22 सदस्य होते हैं।
- इसका उद्देश्य लोक व्यय के दुरुपयोग एवं अनियमितताओं को सदन के समक्ष उजागर करना होता है।
- यह उन लोक प्राधिकारियों के विरुद्ध कार्यवाही की भी सिफारिश करती है, जो व्यय के दुरुपयोग हेतु उत्तरदायी पाए जाते हैं।
- यह समिति सरकार के विनियोग तथा वित्त लेखाओं की जांच करती है और नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक की रिपोर्ट को आधार मानकर लोक व्ययों का प्रतिपरीक्षण करती है।
- सामान्यतः विपक्ष के लोक सभा सदस्य को इसका अध्यक्ष नियुक्त किए जाने की प्रथा है। लोक लेखा समिति के अध्यक्ष की नियुक्ति लोक सभा के स्पीकर द्वारा की जाती है।
- लोक लेखा समिति द्वारा अपनी रिपोर्ट लोक सभा के स्पीकर को ही प्रस्तुत की जाती है।
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8. लोक लेखा समिति अपनी रिपोर्ट प्रस्तुत करती है-
(a) नियंत्रक एवं महालेखापरीक्षक को
(b) लोक सभा के स्पीकर को
(c) संसदीय मामलों के मंत्री को
(d) भारत के राष्ट्रपति को
[53rd to 55th B.P.S.C. (Pre) 2011 Jharkhand P.C.S. (Pre) 2011]
उत्तर-(b) लोक सभा के स्पीकर को
- लोक लेखा समिति द्वारा अपनी रिपोर्ट लोक सभा के स्पीकर को ही प्रस्तुत की जाती है।
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9. लोक लेखा समिति में निम्नलिखित सदस्य होते हैं-
नीचे दिए गए कूट में से सही उत्तर दीजिए:
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लोक सभा |
राज्य सभा |
कुल |
(a) |
11 |
05 |
16 |
(b) |
15 |
07 |
22 |
(c) |
10 |
05 |
15 |
(d) |
17 |
10 |
27 |
[U.P. R.O./A.R.O. (Mains) 2014]
उत्तर-(b) 15, 07, 22
- लोक लेखा समिति (Public Account Committee) लोक व्ययों पर नियंत्रण रखने वाली एक संसदीय समिति है।
- इनमें लोक सभा के 15 और राज्य सभा के 7 सदस्यों समेत कुल 22 सदस्य होते हैं।
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10. सूची-1 को सूची-11 के साथ सुमेलित कीजिए तथा सूचियों के नीचे दिए गए कूट का प्रयोग कर सही उत्तर चुनिए:
सूची I |
सूची II |
A. लोक लेखा समिति |
1. तदर्थ समिति |
B. याचिका समिति |
2. स्टैंडिंग समिति |
C. स्टॉक बाजार-स्कैम संयुक्त समिति |
3. वित्तीय समिति |
D. विभागीय समितियां |
4. कार्यकारी समिति |
कूट :
A, B, C, D
(a) 1, 4, 3, 2
(b) 2, 3, 4, 1
(c) 3, 4, 1, 2
(d) 4, 2, 1, 3
[U.P.P.C.S. (Mains) 2005]
उत्तर-(c) 3, 4, 1, 2
- सही सुमेलन इस प्रकार है :
-
सूची I |
सूची II |
A. लोक लेखा समिति |
3. वित्तीय समिति |
B. याचिका समिति |
4. कार्यकारी समिति |
C. स्टॉक बाजार-स्कैम संयुक्त समिति |
1. तदर्थ समिति |
D. विभागीय समितियां |
2. स्टैंडिंग समिति |
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11. राज्य सभा के सदस्यों को संबद्ध नहीं किया जाता है-
1. पब्लिक एकाउंट्स कमेटी से
2. इस्टीमेट्स कमेटी से
3. सार्वजनिक उद्यमों की कमेटी से अपना उत्तर दिए गए कूट से चुनिए:
कूट :
(a) 1 और 2
(b) 3
(c) 2
(d) 1 और 3
[U.P.P.C.S. (Spl.)(Mains) 2008]
उत्तर-(c) ) 2
- प्राक्कलन या आकलन (Estimate) कमेटी के सभी 30 सदस्य लोक सभा से लिए जाते हैं तथा इसमें राज्य सभा के सदस्यों को संबद्ध नहीं किया जाता है।
- जबकि लोक लेखा (Public Accounts) कमेटी और सार्वजनिक उद्यमों की कमेटी दोनों में 15 सदस्य लोक सभा से और 7 सदस्य राज्य सभा से चुने जाते हैं।
- सरकारी आश्वासनों पर स्थायी समिति दोनों सदनों में पृथक रूप से गठित होती है, जिसमें लोक सभा की समिति में 15 सदस्य तथा राज्य सभा की समिति में 10 सदस्य होते हैं।
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12. निम्नांकित में से कौन-सी भारतीय संसद की वित्तीय समितियां हैं?
(A) प्राक्कलन समिति
(B) लोक लेखा समिति
(C) लोक उपक्रम समिति
(D) संसद सदस्यों के वेतन तथा भत्तों संबंधी संयुक्त समिति
सही उत्तर का चयन नीचे दिए गए कूट से कीजिए।
कूट :
(a) (A), (C) और (D)
(b) (A), (B) और (D)
(c) (A), (B) और (C)
(d) (B), (C) और (D)
[R.A.S./R.T.S. (Pre) 2018]
उत्तर-(c) (A), (B) और (C)
- भारतीय संसद की वित्तीय स्थायी समितियां निम्न हैं-
- (1) प्राक्कलन समिति (इसमें 30 सदस्य होते हैं, जो एक वर्ष के लिए कार्य करते हैं)
- (2) लोक (सार्वजनिक) लेखा समिति [22 सदस्य (15 लोक सभा + 7 राज्य सभा से) जो एक वर्ष के लिए कार्य करते हैं।
- (3) लोक (सार्वजनिक) उपक्रम समिति [22 सदस्य (15 लोक सभा + 7 राज्य सभा से) जो एक वर्ष के लिए कार्य करते हैं।
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13. निम्नलिखित में से कौन संसद की स्थायी समिति नहीं है?
(a) लोक लेखा समिति
(b) आकलन समिति
(c) अनुसूचित जातियों एवं अनुसूचित जनजातियों की कल्याण समिति
(d) सार्वजनिक उपक्रम समिति
(e) उपरोक्त सभी
[U.P.P.C.S. (Mains) 2015]
उत्तर-(e) उपरोक्त सभी
- संसदीय समितियां दो प्रकार की होती हैं (1) स्थायी समितियां (Stand- ing Committees) और (2) तदर्थ समितियां (ad hoc Committees)|
- स्थायी समितियों में तीन मुख्य वित्तीय समितियां आकलन समिति, लोक लेखा समिति, सार्वजनिक उपक्रम समिति हैं।
- अन्य स्थायी समितियों में जांच समिति, संवीक्षण समिति, सदन के दिन-प्रतिदिन की कार्यवाही से संबंधित समिति, अनुसूचित जातियों और अनुसूचित जनजातियों के कल्याण पर समिति, सदस्यों की सुविधाओं के प्रावधानों से संबंधित समिति आदि शामिल हैं।
- अतः प्रश्नानुसार चारों विकल्पों में उल्लिखित समितियां स्थायी समितियां हैं।
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14. निम्नलिखित में से किसके बारे में संसदीय समिति गठित नहीं की गई है?
(a) सार्वजनिक उद्यमों के बारे में
(b) सरकारी आश्वासनों के बारे में
(c) आकलनों के बारे में
(d) अल्पसंख्यकों के कल्याण के बारे में
[U.P. P.C.S. (Mains) 2012]
उत्तर-(d) अल्पसंख्यकों के कल्याण के बारे में
- संसद की सार्वजनिक उपक्रम समिति सार्वजनिक क्षेत्र के उद्यमों के संदर्भ में नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक की रिपोर्ट (यदि कोई हो) की जांच करने तथा सार्वजनिक उद्यमों के प्रबंधन एवं उनके कुशलतापूर्वक चलाए जाने की जांच करती है।
- प्रत्येक सदन की सरकारी आश्वासनों संबंधी समिति मंत्रियों द्वारा सदन में दिए गए आश्वासनों, वादों एवं संकल्पों पर उनके कार्यान्वित होने तक नजर रखती है।
- संसद की प्राक्कलन समिति आकलनों की जांच, मितव्ययिता एवं धन के व्यय पर निगरानी रखती है।
- अल्पसंख्यकों के कल्याण हेतु संसदीय समिति नहीं है, बल्कि इसके लिए अल्पसंख्यक आयोग का गठन किया गया है।
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15. रेलवे अंचलों के लिए संसद सदस्यों की परामर्शदात्री समिति का गठन किया जाता है-
(a) भारत के राष्ट्रपति द्वारा
(b) रेल मंत्रालय द्वारा
(c) संसदीय कार्य मंत्रालय द्वारा
(d) परिवहन मंत्रालय द्वारा
[I.A.S. (Pre) 2005, M.P.P.C.S. (Pre) 2012]
उत्तर-(c) संसदीय कार्य मंत्रालय द्वारा
- संसदीय कार्य मंत्रालय रेलवे के प्रत्येक जोन के लिए सलाहकारी समिति का गठन करता है।
- इसमें संबंधित जोन की सीमा से चुने गए सांसद, सदस्य होते हैं।
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16. 2-जी स्पेक्ट्रम मुद्दे की जांच करने के लिए बनाई गई संयुक्त संसदीय समिति में शामिल हैं
(a) दोनों सदनों से प्रत्येक के 15 सदस्य।
(b) 20 सदस्य लोक सभा से तथा 10 सदस्य राज्य सभा से।
(c) 18 सदस्य लोक सभा से तथा 12 सदस्य राज्य सभा से।
(d) 16 सदस्य लोक सभा से तथा 14 सदस्य राज्य सभा से।
[U.P.P.C.S. (Mains) 2010]
उत्तर-(b) 20 सदस्य लोक सभा से तथा 10 सदस्य राज्य सभा से।
- 2-जी स्पेक्ट्रम घोटाले की जांच हेतु संयुक्त संसदीय समिति (JPC) के प्रस्ताव को लोक सभा द्वारा 24 फरवरी, 2011 को एवं राज्य सभा द्वारा 1 मार्च, 2011 को पारित किया गया तथा 4 मार्च, 2011 को संयुक्त संसदीय समिति गठित की गई।
- इस संयुक्त संसदीय समिति में कुल 30 संसद सदस्य शामिल किए गए थे, जिसमें 20 लोक सभा से तथा 10 राज्य सभा से थे।
- इस समिति के अध्यक्ष पी.सी. चाको थे तथा इसने अपनी रिपोर्ट अक्टूबर, 2013 में तत्कालीन लोक सभा स्पीकर मीरा कुमार को सौंपी थी।
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17. भारत की संसद के संदर्भ में निम्नलिखित में से कौन-सी संसदीय समिति इसकी संवीक्षा करती है और सदन को सूचित करती है कि जो विनियम, नियम, उप-नियम, उप-विधि आदि बनाने की शक्तियां संविधान द्वारा प्रदत्त हैं या सदन द्वारा प्रत्यायोजित हैं, उनका कार्यपालिका द्वारा इन प्रत्यायोजनों (डेलिगेशन) की परिधि के भीतर उचित प्रयोग हो रहा है?
(a) सरकारी आश्वासनों संबंधी समिति
(b) अधीनस्थ विधान संबंधी समिति
(c) नियम समिति
(d) कार्य सलाहकार (बिजनेस एडवाइजरी) समिति
[I.A.S. (Pre) 2018]
उत्तर-(b) अधीनस्थ विधान संबंधी समिति
- अधीनस्थ या प्रत्यायोजित विधायन उन नियमों, विनियमों, उप-नियमों, उप-विधियों आदि को कहा जाता है, जो कि संसद द्वारा किसी अधीनस्थ को प्रत्यायोजित विधायी कृत्य के अनुसरण में निर्मित किया जाता है।
- अधीनस्थ विधायन संबंधी समिति (Committee on Subordinate Legislation) ही सदन को सूचित करती है कि प्रत्यायोजित शक्तियों का प्रयोग प्रत्यायोजनों की परिधि के भीतर उचित रूप में हो रहा है।
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18. भारत में दूरसंचार, बीमा, विद्युत आदि जैसे क्षेत्रकों में स्वतंत्र नियामकों का पुनरीक्षण निम्नलिखित में से कौन करते/करती हैं?
1. संसद द्वारा गठित तदर्थ समितियां
2. संसदीय विभाग संबंधी स्थायी समितियां
3. वित्त आयोग
4. वित्तीय क्षेत्र विधायी सुधार आयोग
5. नीति (NITI) आयोग
नीचे दिए गए कूट का प्रयोग कर सही उत्तर चुनिए।
(a) 1 और 2
(b) 1, 3 और 4
(c) 3, 4 और 5
(d) 2 और 5
[I.A.S. (Pre) 2019]
उत्तर- (a) 1 और 2
- भारत में दूरसंचार, बीमा, विद्युत आदि जैसे क्षेत्रकों में स्वतंत्र नियामकों का पुनरीक्षण संसद द्वारा गठित तदर्थ समितियां एवं संसदीय विभागों संबंधी स्थायी समितियां करती हैं।
- इनके पुनरीक्षण से वित्त आयोग, वित्तीय क्षेत्र विधायी सुधार आयोग एवं नीति आयोग संबंधित नहीं हैं।
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