1. नीचे दी हुई सारणी पर ध्यान दीजिए-
भारत की संसद |
(राज्य सभा) |
(लोक सभा) |
250 से अधिक सदस्य |
552 से अधिक सदस्य |
12 नामनिर्देशित और 238 से अधिक राज्यों और |
530 से अधिक राज्यों के प्रतिनिधि और |
संघ राज्यक्षेत्रों के प्रतिनिधि |
2 से अधिक नाम निर्देशित एंग्लो-इंडियन तथा X |
X अंकित स्थान पर निम्नलिखित में से किसे रखना ठीक होगा?
(a) वे मंत्री जो संसद के सदस्य नहीं है, जिन्हें अपना पद संभालने के बाद 6 माह के भीतर अपना निर्वाचन संसद के किसी सदन के लिए करवाना है
(b) 20 से अनधिक नाम निर्देशित सदस्य
(c) संघ राज्यक्षेत्र के 20 से अनधिक प्रतिनिधि
(d) महान्यायवादी जिसे संसद के किसी भी सदन में बोलने और उसकी कार्यवाही में भाग लेने का अधिकार होता है
[I.A.S. (Pre) 1995]
उत्तर-(c) संघ राज्यक्षेत्र के 20 से अनधिक प्रतिनिधि
- प्रश्नकाल में लोक सभा के 552 से अनधिक सदस्यों में से 530 से अनधिक राज्यों के प्रतिनिधि, 20 से अनधिक संघ राज्यक्षेत्रों के प्रतिनिधि (अनुच्छेद 81) और 2 से अनधिक राष्ट्रपति द्वारा नामित आंग्ल-भारतीय हो सकते थे (अनुच्छेद 331)।
- संविधान (104वां संशोधन) अधिनियम, 2019 द्वारा अनु. 334 में संशोधन कर लोक सभा और राज्यों की विधानसभाओं में आंग्ल-भारतीय समुदाय के प्रतिनिधि को नामित करने के प्रावधान को पूर्व निर्धारित समय-सीमा (संविधान के प्रारंभ से 70 वर्ष अर्थात 25 जनवरी, 2020) से आगे न बढ़ाते हुए निष्प्रभावी कर दिया गया है।
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2. भारतीय संविधान के अनुच्छेद 87 के अंतर्गत भारत का राष्ट्रपति अभिभाषण देता है-
(a) संसद के दोनों सदनों की संयुक्त बैठक में
(b) संसद के दोनों सदनों के संयुक्त अधिवेशन में
(c) संसद के दोनों सदनों के संयुक्त सत्र में
(d) एक साथ समवेत संसद के दोनों सदनों में
[R.A.S./R.T.S. (Pre) 2018]
उत्तर-(d) एक साथ समवेत संसद के दोनों सदनों में
- भारतीय संविधान के अनुच्छेद 87 के अनुसार, भारत का राष्ट्रपति लोक सभा के लिए प्रत्येक साधारण निर्वाचन के पश्चात प्रथम सत्र के आरंभ में और प्रत्येक वर्ष के प्रथम सत्र के आरंभ में एक साथ समवेत संसद के दोनों सदनों में अभिभाषण देता है।
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3. भारत के राष्ट्रपति के विशेष अभिभाषण के संदर्भ में निम्नांकित में से कौन-सा/से कथन सही है/हैं?
1. राष्ट्रपति, लोक सभा के साधारण निर्वाचन के पश्चात प्रथम सत्र और प्रत्येक वर्ष के प्रथम सत्र के आरंभ में संसद के दोनों सदनों की संयुक्त बैठक को संबोधित करता है।
2. राष्ट्रपति अपने अभिभाषण में संसद को उसके आह्वान के कारणों के विषय में सूचित करता है।
सही उत्तर का चयन, नीचे दिए गए कूट की सहायता से कीजिए।
कूट :
(a) केवल 1
(b) केवल 2
(c) 1 और 2 दोनों
(d) न तो 1 न ही 2
[U.P. P.C.S. (Pre) 2021]
उत्तर-(c) 1 और 2 दोनों
- संविधान के अनुच्छेद 87(1) के अनुसार “राष्ट्रपति लोक सभा के लिए प्रत्येक आम निर्वाचन के पश्चात प्रथम सत्र के प्रारंभ में और प्रत्येक वर्ष के प्रथम सत्र के प्रारंभ में एक साथ समवेत संसद के दोनों सदनों में अभिभाषण करेगा और संसद को उसके आह्वान के कारण बताएगा।
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4. भारत के संविधान में निम्नलिखित में से क्या कथित है?
1. राष्ट्रपति संसद के किसी भी सदन का सदस्य नहीं होगा।
2. संसद राष्ट्रपति और दो सदनों से मिलकर बनेगी।
निम्नलिखित कूट में से सही उत्तर चुनिए-
कूट :
(a) 1 और 2 में से कोई भी नहीं
(b) 1 और 2 दोनों
(c) केवल 1
(d) केवल 2
[I.A.S. (Pre) 1997]
उत्तर-(b) 1 और 2 दोनों
- दोनों कथन संविधान में उल्लिखित हैं।
- अनु. 59 (1) के अनुसार, राष्ट्रपति संसद के किसी सदन का सदस्य नहीं होगा, जबकि अनु. 79 के अनुसार, संसद राष्ट्रपति और दोनों सदनों (राज्य सभा और लोक सभा) से मिलकर बनेगी।
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5. राष्ट्रपति –
(a) संसद का हिस्सा नहीं होता है।
(b) संसद का हिस्सा होता है।
(c) संसद का हिस्सा होता है और संसद में बैठता है।
(d) संसद में वोट दे सकता है।
(e) उपर्युक्त में से कोई नहीं/ उपर्युक्त में से एक से अधिक
[64th B.P.S.C. (Pre) 2018]
उत्तर-(b) संसद का हिस्सा होता है।
- अनु. 79 के अनुसार, संसद राष्ट्रपति और दोनों सदनों (राज्य सभा और लोक सभा) से मिलकर बनेगी।
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6. भारतीय संसद बनती है-
(a) केवल लोक सभा से
(b) लोक सभा और प्रधानमंत्री से
(c) लोक सभा, राज्य सभा और प्रधानमंत्री से
(d) लोक सभा, राज्य सभा और राष्ट्रपति से
[U.P. Lower Sub. (Pre) 2002]
उत्तर-(d) लोक सभा, राज्य सभा और राष्ट्रपति से
- अनु. 79 के अनुसार, संसद राष्ट्रपति और दोनों सदनों (राज्य सभा और लोक सभा) से मिलकर बनेगी।
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7. निम्नलिखित में से कौन संसद का अनन्य भाग नहीं है?
(a) राष्ट्रपति
(b) उपराष्ट्रपति
(c) लोक सभा
(d) राज्य सभा
[U.P.P.C.S. (Mains) 2013]
उत्तर-(b) उपराष्ट्रपति
- भारत के संविधान के भाग 5 के अनुच्छेद 79 में उपबंधित है कि संघ के लिए एक संसद होगी, जो राष्ट्रपति और दो सदनों- राज्य सभा तथा लोक सभा से मिलकर बनेगी।
- अतः दिए गए विकल्पों में राष्ट्रपति, लोक सभा और राज्य सभा, तीनों संसद के अनन्य भाग हैं, जबकि उपराष्ट्रपति संसद का अनन्य भाग नहीं है।
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8. एक वर्ष में कम-से-कम कितनी बार संसद की बैठक होना आवश्यक है?
(a) एक बार
(b) दो बार
(c) तीन बार
(d) चार बार
[U.P.P.C.S. (Pre) 1995]
उत्तर-(b) दो बार
- अनुच्छेद 85(1) के अनुसार, संसद के प्रत्येक सदन के एक सत्र की अंतिम बैठक और आगामी सत्र की प्रथम बैठक के बीच 6 माह से अधिक का अंतर नहीं होगा।
- इस प्रकार एक वर्ष में कम-से-कम दो बार संसद के प्रत्येक सदन की बैठक होना अनिवार्य है।
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9. संसद के अधिकारियों में सम्मिलित हैं-
1. अध्यक्ष, लोक सभा
2. उपाध्यक्ष, लोक सभा
3. महासचिव, लोक सभा
4. अध्यक्ष, राज्य सभा
नीचे दिए गए कूट से सही उत्तर चुनिए:
कूट :
(a) 1 एवं 2
(b) 1, 2 एवं 3
(c) 1, 3 एवं 4
(d) सभी चारों
[U.P. U.D.A./L.D.A. (Pre) 2010, U.P. Lower Sub. (Pre) 2013]
उत्तर-(d) सभी चारों
- संविधान के अनुसार, संसद के अधिकारियों में सम्मिलित हैं-राज्य सभा का सभापति एवं उपसभापति (अनु. 89), लोक सभा का अध्यक्ष एवं उपाध्यक्ष (अनु. 93) तथा संसद का सचिवालय (अनु. 98)।
- इस प्रकार अभीष्ट उत्तर विकल्प (d) होगा।
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10. संसद/विधानसभा के किसी सदस्य की सदस्यता तब समाप्त समझी जाती है, जब वह बिना सदन को सूचित किए अनुपस्थित रहता है :
(a) 60 दिन
(b) 90 दिन
(c) 120 दिन
(d) 150 दिन
[M.P.P.C.S. (Pre) 1992]
उत्तर-(a) 60 दिन
- अनु. 101 (4) के अनुसार संसद एवं अनु. 190 (4) के अनुसार, राज्य विधानमंडल के किसी सदस्य की सदस्यता तब समाप्त समझी जाती है, जब वह 60 दिन की अवधि तक सदन की अनुज्ञा के बिना उसके सभी अधिवेशनों से अनुपस्थित रहता है।
- परंतु, 60 दिन की उक्त अवधि की गणना करने में किसी ऐसी अवधि को हिसाब में नहीं लिया जाएगा, जिसके दौरान सदन सत्रावसित या निरंतर चार से अधिक दिनों के लिए स्थगित रहता है।
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11. सर्वप्रथम एक सांसद / विधायक को इस आधार पर सदस्यता से अयोग्य घोषित किया गया कि वह सदन की अनुमति के बिना उसकी साठ लगातार बैठकों में अनुपस्थित रहा :
(a) राज्य सभा का
(b) लोक सभा का
(c) पंजाब विधानसभा का
(d) राजस्थान विधानसभा का
[U.P. P.C.S. (Mains) 2004]
उत्तर-(a) राज्य सभा का
- सर्वप्रथम दिसंबर, 2000 में पंजाब से निर्दलीय राज्य सभा सांसद बरजिंदर सिंह हमदर्द को इस आधार पर सदस्यता से अयोग्य घोषित किया गया था, कि वह सदन की अनुमति के बिना उसकी लगातार 60 बैठकों में अनुपस्थित रहे थे।
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12. किसी मंत्री के विरुद्ध विशेषाधिकार प्रस्ताव उठाया जा सकता है, जब वह-
(a) सरकार में विश्वास खो देता है।
(b) लंबे समय तक स्वयं को अनुपस्थित रखता है।
(c) किसी मामले के तथ्यों को रोकता है या तथ्यों का बिगड़ा हुआ वर्णन देता है।
(d) मंत्रिमंडल के सामूहिक उत्तरदायित्व से बचता है।
[Chhattisgarh P.C.S. (Pre) 2011]
उत्तर-(c) किसी मामले के तथ्यों को रोकता है या तथ्यों का बिगड़ा हुआ वर्णन देता है।
- संसदीय नियमों एवं प्रक्रिया के तहत किसी मंत्री के विरुद्ध विशेषाधिकार प्रस्ताव उठाया जा सकता है, यदि वह किसी मामले के तथ्यों को रोकता है अथवा तथ्यों का बिगड़ा हुआ वर्णन देता है।
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13. निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिए-
1. संसद (निरर्हता निवारण) अधिनियम, 1959 कई पदों को ‘लाभ का पद’ के आधार पर निरर्हता से छूट देता है।
2. उपर्युक्त अधिनियम पांच बार संशोधित किया गया था।
3. शब्द ‘लाभ का पद’ भारत के संविधान में भली-भांति परिभाषित किया गया है।
उपर्युक्त में से कौन-सा/से कथन सही है/हैं?
(a) केवल 1 और 2
(b) केवल 3
(c) केवल 2 और 3
(d) 1, 2 और 3
[I.A.S. (Pre) 2019]
उत्तर- (a) केवल 1 और 2
- संसद (निरर्हता निवारण) अधिनियम, 1959 के तहत अनेक पदों को ‘लाभ के पद’ के आधार पर संसद की सदस्यता के लिए निरर्हता से छूट प्रदान की गई है।
- इस अधिनियम में अब तक कुल पांच बार वर्ष 1993, 1999, 2000, 2006 तथा 2013 में संशोधन कर विभिन्न अन्य पदों को इस अधिनियम में शामिल करते हुए ‘लाभ के पद’ के आधार पर निरर्हता के दायरे से बाहर किया गया है।
- भारत के संविधान में ‘लाभ का पद’ शब्द को परिभाषित नहीं किया गया है, हालांकि इस शब्द का उल्लेख विभिन्न अनुच्छेदों में हुआ है।
- इस प्रकार प्रश्नगत कथनों में केवल कथन 1 और 2 ही सही हैं।
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14. लाभ के पद का निर्णय (Decision) कौन करेगा?
(a) राष्ट्रपति एवं राज्यपाल
(b) संघीय संसद
(c) उच्चतम न्यायालय
(d) संघ लोक सेवा आयोग
[U.P.P.C.S. (Pre) 2006, U.P.P.C.S. (Pre) 2000]
उत्तर- (a) & (b) राष्ट्रपति एवं राज्यपाल & संघीय संसद
- विश्लेषण – 1
कोई पद संसद अथवा विधानमंडलों में सदस्यता की निरर्हता हेतु लाभ का पद है अथवा नहीं इसका निर्णय अनुच्छेद 102(1) (क) के अंतर्गत केंद्र में ‘संसद’ तथा अनुच्छेद 191 (1) (क) के अंतर्गत राज्यों में ‘राज्य विधानमंडल’ करेंगे।
विश्लेषण – 2
कोई व्यक्ति जो संसद अथवा विधानमंडलों की सदस्यता से लाभ के पद के आधार पर निरर्ह घोषित किया गया है, वह अपने लाभ के पद के कारण निरर्ह है अथवा नहीं, इसका निर्णय-
केंद्र में अनुच्छेद 103(1) एवं (2) के अनुसार, निर्वाचन आयोग की सलाह पर ‘राष्ट्रपति’ करेगा तथा राज्यों में अनुच्छेद 192 (1) एवं (2) के अनुसार, निर्वाचन आयोग की सलाह पर राज्यपाल करेगा।
- अतः विश्लेषण-1 के अनुसार, सही उत्तर विकल्प (b) होगा तथा विश्लेषण-2 के अनुसार, सही उत्तर विकल्प (a) माना जा सकता है।
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15. निम्नलिखित में से कौन-सा एक प्रावधान भारतीय संविधान के अंतर्गत संसद के सदस्यों के विशेषाधिकारों तथा उन्मुक्तियों को निर्धारित करता है?
(a) अनुच्छेद 104
(b) अनुच्छेद 105
(c) अनुच्छेद 82
(d) अनुच्छेद 117
[Chhattisgarh P.C.S. (Pre) 2011]
उत्तर-(b) अनुच्छेद 105
- भारतीय संविधान का अनुच्छेद 105 संसद के सदनों की तथा उनके सदस्यों और समितियों की शक्तियों, विशेषाधिकार तथा उन्मुक्तियों को निर्धारित करता है।
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16. निम्नलिखित में से कौन संसद सदस्यों का सामूहिक विशेषाधिकार नहीं है?
(a) चर्चा एवं प्रक्रिया की स्वतंत्रता
(b) संसद के आंतरिक विषयों के संचालन का अधिकार
(c) साक्षी के रूप में उपस्थिति से स्वतंत्रता
(d) अपरिचितों को सदन से बाहर रखने का विशेषाधिकार
[U.P.P.C.S. (Pre) 2017]
उत्तर-(c) साक्षी के रूप में उपस्थिति से स्वतंत्रता
- संसदीय विशेषाधिकार संसद के दोनों सदनों, उसकी समितियों तथा सदस्यों को प्राप्त विशिष्ट अधिकार, उन्मुक्तियां व छूट होते हैं। इन विशेषाधिकारों को दो वर्गों में बांटा जा सकता है-
(1) वे, जो संसद के प्रत्येक सदन द्वारा सामूहिक रूप में प्रयोग किए जाते हैं;
(2) वे, जो व्यक्तिगत रूप से संसद सदस्यों द्वारा उपभोग्य होते हैं।
संसद के प्रत्येक सदन द्वारा सामूहिक रूप से प्रयोग किए जाने वाले विशेषाधिकार निम्न हैं-
(i) अपनी बहस और कार्यवाही के प्रकाशन को रोकने का विशेषाधिकार;
(ii) सदन से अपरिचितों को बाहर रखने का तथा विशिष्ट विषयों पर चर्चा हेतु गुप्त बैठक करने का विशेषाधिकार;
(iii) अपनी स्वयं की प्रक्रिया व आंतरिक विषयों-व्यवसाय के संचालन तथा उन्हें विनियमित करने का विशेषाधिकार;
(iv) सदन के सदस्य और साथ ही साथ बाहरी व्यक्तियों को भी, भर्त्सना चेतावनी या निलंबन (सदस्यों हेतु) या निश्चित अवधि हेतु कारावास से सदन की अवमानना हेतु दंडित करने का विशेषाधिकार;
(v) किसी सदस्य की गिरफ्तारी, निरोध, सजा, कारावास या रिहाई की तत्काल सूचना प्राप्त करने का विशेषाधिकार;
(vi) संसदीय समितियों द्वारा जांच के प्रयोजन के लिए प्रासंगिक व्यक्तियों, पत्रों व अभिलेखों को बुलाने-मंगाने का विशेषाधिकार;
(vii) संसद की कार्यवाही की जांच करने हेतु अदालतों पर रोक लगाने का विशेषाधिकार;
(viii) सदन के परिसर में किसी (सदस्य या अन्य) व्यक्ति की गिरफ्तारी और कानूनी प्रक्रिया किए जाने से पूर्व पीठासीन अधिकारी की अनुमति लिए जाने का विशेषाधिकार।
विकल्प (c) में दिया गया विशेषाधिकार संसद सदस्यों द्वारा व्यक्तिगत रूप में प्रयुक्त किया जाने वाला विशेषाधिकार है।
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17. संविधान के किस अनुच्छेद के अंतर्गत न्यायालयों द्वारा संसद की कार्यवाहियों की जांच करना प्रतिबंधित किया गया है?
(a) अनुच्छेद 127
(b) अनुच्छेद 122
(c) अनुच्छेद 126
(d) अनुच्छेद 139
[U.P.U.D.A./L.D.A. (Spl.) (Mains) 2010]
उत्तर-(b) अनुच्छेद 122
- संविधान के अनुच्छेद 122 में न्यायालयों द्वारा संसद की कार्यवाहियों की जांच न किए जाने का प्रावधान किया गया है।
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18. निम्नलिखित में से किनको लोक सभा और राज्य सभा दोनों के निर्वाचनों में मतदान का अधिकार है?
(a) संसद के निम्न सदन में निर्वाचित सदस्यों को
(b) संसद के उच्च सदन के निर्वाचित सदस्यों को
(c) राज्य विधानमंडल के उच्च सदन के निर्वाचित सदस्यों को
(d) राज्य विधानमंडल के निम्न सदन के निर्वाचित सदस्यों को
[I.A.S. (Pre) 1995]
उत्तर-(d) राज्य विधानमंडल के निम्न सदन के निर्वाचित सदस्यों को
- राज्य विधानमंडल के निम्न सदन (विधानसभा) के निर्वाचित सदस्यों को लोक सभा (एक नागरिक के अधिकार से) और राज्य सभा (अनुच्छेद 80 के खंड 4 में वर्णित) दोनों के निर्वाचनों में मतदान का अधिकार है।
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19. निम्नलिखित में से कौन-सा कथन सही है?
(a) राज्य सभा के सभी सदस्यों का निर्वाचन राज्यों की विधान सभाएं करती हैं।
(b) उपराष्ट्रपति राज्य सभा का पदेन सभापति होता है। अतः राज्य सभा का कोई सदस्य ही उपराष्ट्रपति पद के लिए चुनाव लड़ सकता है।
(c) लोक सभा और राज्य सभा में एक बात में अंतर है कि लोक सभा का निर्वाचन तो कोई प्रत्याशी भारत के किसी भी राज्य से लड़ सकता है, पर राज्य सभा का प्रत्याशी सामान्यतः वहीं का होना चाहिए, जहां से वह प्रत्याशी बन रहा है।
(d) भारत के संविधान में राज्य सभा के नामित सदस्य की मंत्रिपद पर नियुक्ति का स्पष्ट शब्दों में निषेध है।
[I.A.S. (Pre) 1994]
उत्तर-(b) उपराष्ट्रपति राज्य सभा का पदेन सभापति होता है। अतः राज्य सभा का कोई सदस्य ही उपराष्ट्रपति पद के लिए चुनाव लड़ सकता है।
- तत्कालीन प्रावधानों के अनुसार, कतिपय अपवादों (यथा- असम के स्वायत्तशासी जिलों एवं लक्षद्वीप के अनुसूचित जनजाति क्षेत्र और सिक्किम) के अतिरिक्त लोक सभा का निर्वाचन कोई प्रत्याशी भारत के किसी भी राज्य से लड़ सकता है, पर राज्य सभा का प्रत्याशी सामान्यतः वहीं का होना चाहिए था, जहां से वह प्रत्याशी बन रहा है।
- नोट: वर्ष 2003 में लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम, 1951 में किए गए संशोधन के तहत अब कोई भी व्यक्ति राज्य सभा के लिए कहीं से भी चुनाव लड़ सकता है, यदि वह किसी भी संसदीय क्षेत्र का पंजीकृत मतदाता (निर्वाचक) हो।
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20. निम्न कथनों में से कौन-सा एक सही है?
(a) केवल राज्य सभा में ही, न कि लोक सभा में मनोनीत सदस्य हो सकते हैं।
(b) राज्य सभा में आंग्ल-भारतीय समुदाय के दो सदस्यों को मनोनीत करने का संविधान का प्रावधान है।
(c) किसी मनोनीत सदस्य के मंत्री पद के लिए नियुक्ति पर संविधानीय वर्जना नहीं है।
(d) मनोनीत सदस्य राष्ट्रपति तथा उपराष्ट्रपति के चुनाव में मत दे सकता है।
[I.A.S. (Pre) 2003]
उत्तर-(a & c) केवल राज्य सभा में ही, न कि लोक सभा में मनोनीत सदस्य हो सकते हैं। & किसी मनोनीत सदस्य के मंत्री पद के लिए नियुक्ति पर संविधानीय वर्जना नहीं है।
- संसद के दोनों सदनों में मनोनीत सदस्य होते थे।
- राज्य सभा में 12 एवं लोक सभा में 2 (आंग्ल-भारतीय) सदस्य मनोनीत होते थे।
- 104वें संविधान संशोधन अधिनियम, 2019 द्वारा अनु. 334 में किए गए संशोधन के तहत लोक सभा एवं राज्य विधानसभाओं में आंग्ल-भारतीय सदस्यों के प्रतिनिधित्व हेतु मनोनयन की व्यवस्था को आगे न बढ़ाते हुए निष्प्रभावी कर दिया गया है।
- संविधान मनोनीत सदस्यों को मंत्री बनाने से मना नहीं करता है।
- अनुच्छेद 75 के खंड (5) में उपबंधित है कि कोई मंत्री जो निरंतर छह माह की किसी अवधि तक संसद के किसी सदन का सदस्य नहीं है, उस अवधि की समाप्ति पर मंत्री नहीं रहेगा अर्थात किसी व्यक्ति को मंत्री बनाया जा सकता है, परंतु उसे छह माह के भीतर संसद के किसी सदन का सदस्य बनना आवश्यक है और यदि वह संसद सदस्य नहीं बन पाता तो, वह मंत्री नहीं रहेगा।
- साथ ही यह भी एक तथ्य है कि मनोनीत सदस्य राष्ट्रपति के चुनाव में मत नहीं दे सकते हैं, जबकि उपराष्ट्रपति के चुनाव में मत देते हैं।
- इस प्रकार वर्तमान में प्रश्नगत कथनों में से विकल्प (a) और (c) के कथन सही हैं।
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21. संसद राज्य सूची के विषय के संबंध में कानून बना सकती है:
(a) राष्ट्रपति की इच्छा से
(b) यदि राज्य सभा ऐसा संकल्प पारित करती है
(c) किसी भी परिस्थिति में
(d) संबंधित राज्य के विधानमंडल से पूछकर
[U.P.P.C.S. (Pre) 2012]
उत्तर-(b) यदि राज्य सभा ऐसा संकल्प पारित करती है
- संविधान के अनु. 249 के तहत यदि राज्य सभा उपस्थित और मत देने वाले सदस्यों के दो-तिहाई बहुमत से ऐसा प्रस्ताव पारित करे कि राष्ट्रीय हित में राज्य सूची के किसी विषय पर संसद द्वारा कानून बनाना आवश्यक है, तो संसद उस विषय पर कानून बना सकती है।
- इसके अतिरिक्त अनु. 250 के तहत राष्ट्रीय आपात की स्थिति में, अनु. 252 के तहत दो या अधिक राज्यों के अनुरोध पर उन राज्यों के लिए, अनु. 253 के तहत अंतरराष्ट्रीय समझौतों के अनुपालन के क्रम में, राष्ट्रीय आपात की उद्घोषणा (अनुच्छेद 352) के प्रवर्तन में होने की स्थिति में अनुच्छेद 353 के तहत तथा अनु. 356 के अधीन राज्य में राष्ट्रपति शासन लागू रहने की अवस्था में अनु. 357 के तहत विधायी शक्तियों के प्रयोग में संसद द्वारा राज्य सूची के विषयों पर कानून बनाया जा सकता है।
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22. संविधान की विषय सूचियों में दिए गए विषयों के अतिरिक्त विषयों पर कौन कानून बना सकता है?
(a) सर्वोच्च न्यायालय
(b) संसद
(c) राज्य विधानमंडल
(d) क्षेत्रीय परिषदें
[U.P.P.C.S. (Pre) (Re-Exam) 2015]
उत्तर-(b) संसद
- भारतीय संविधान का अनुच्छेद 248 अवशिष्ट विधायी शक्तियों के बारे में प्रावधान करता है।
- इसके अनुसार, संसद को किसी ऐसे विषय के संबंध में जो समवर्ती सूची या राज्य सूची में प्रगणित (उल्लेखित) नहीं है, विधि बनाने की अनन्य शक्ति प्राप्त है।
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23. अध्यक्ष, सदन के किसी भी सदस्य को बोलने से रोक सकता है और अन्य किसी सदस्य को बोलने दे सकता है। यह घटना कहलाती है-
(a) मर्यादा (Decorum)
(b) पक्ष त्याग (Crossing the floor)
(c) अंतर्पदन (Interpellation)
(d) बैठ जाना (Yielding the floor)
[I.A.S. (Pre) 2000]
उत्तर-(d) बैठ जाना (Yielding the floor)
- मर्यादा- विनम्र एवं स्वीकार्य व्यवहार बनाए रखना।
- पक्ष त्याग- सदन के किसी सदस्य द्वारा, वह जिस दल से चुनकर आया है, उसका त्याग कर दूसरे दल में शामिल होना पक्ष त्याग कहलाता है।
- अंतप्रदन- किसी सरकारी अधिकारी से किसी नीति या कार्य के विवरण की मांग हेतु संसदीय प्रक्रिया अंतर्भदन कहलाती है।
- बैठ जाना- अध्यक्ष किसी भी सदस्य को बोलने से रोककर अन्य को बोलने के लिए कह सकता है।
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24. संसद में शून्यकाल का समय है –
(a) सुबह 9 बजे से 10 बजे तक
(b) सुबह 10 बजे से 11 बजे तक
(c) सुबह 11 बजे से दोपहर 12 बजे तक
(d) दोपहर 12 बजे से अपराह्न 1.00 बजे तक
[U.P.P.C.S. (Pre) (Re-Exam) 2015, U.P.P.C.S. (Mains) 2015]
उत्तर-(c & d) सुबह 11 बजे से दोपहर 12 बजे तक & दोपहर 12 बजे से अपराह्न 1.00 बजे तक
- ‘शून्यकाल’ (Zero Hour) विशिष्ट भारतीय संसदीय व्यवहार है।
- लोक सभा में प्रश्नकाल के बाद का समय ‘शून्यकाल’ कहा जाता है, जिसकी अवधि अधिकतम 1 घंटा हो सकती है, जिसे ‘जीरो ऑवर’ (Zero Hour) भी कहा जाता है।
- यह सामान्यतः दोपहर 12 से 1 बजे तक का समय होता है।
- पहले राज्य सभा में भी यही स्थिति थी, परंतु राज्य सभा में प्रश्नकाल की अवधि को वर्ष 2014 में परिवर्तित कर दोपहर 12 बजे से 1 बजे तक कर दिया गया और तदनुसार अब राज्य सभा में सर्वप्रथम 11 बजे से दस्तावेज सदन के पटल पर रखे जाते हैं, जिसके बाद सभापति की अनुमति के साथ तत्काल आवश्यक जनहित के मुद्दे (शून्यकाल के तहत) उठाए जाते हैं और फिर विशेष उल्लेख (Special Mentions) 12 बजे तक लिए जाते हैं।
- इस प्रकार अब राज्य सभा में शून्यकाल का समय प्रश्नकाल से पूर्व (सुबह 11 बजे से दोपहर 12 बजे के बीच) हो गया है, जबकि लोक सभा में यह पूर्ववत प्रश्नकाल के बाद (दोपहर 12 बजे से अपराह्न 1 बजे तक) है।
- संसदीय प्रक्रिया में शून्यकाल शब्द को औपचारिक मान्यता प्राप्त नहीं है।
- शून्यकाल में किसी तत्काल आवश्यक जनहित के मामले को उठाने के लिए सदस्य प्रतिदिन अध्यक्ष/सभापति को पूर्व सूचना देते हैं।
- किसी मामले को उठाने या न उठाने की अनुमति या मामलों के क्रम का निर्णय अध्यक्ष / सभापति पर निर्भर करता है।
- इस दौरान सदन का कोई सदस्य अत्यंत महत्वपूर्ण विषयों से संबंधित प्रश्न मंत्रियों से पूछ सकता है और उत्तर देने को कह सकता है।
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25. लोक सभा में किसी विधेयक पर आम बहस निम्नलिखित में से किस स्तर पर होती है?
(a) विधेयक की प्रस्तुति के समय
(b) द्वितीय वाचन में
(c) प्रतिवेदन स्तर पर
(d) तृतीय वाचन में
[U.P. P.C.S. (Mains) 2006]
उत्तर-(b) द्वितीय वाचन में
- विधेयक को पुरःस्थापित करने का प्रक्रम उसका प्रथम वाचन होता है।
- द्वितीय वाचन में विधेयक पर विचार-विमर्श होता है। सदन के सदस्य इसी स्तर पर आम बहस करते हैं।
- द्वितीय वाचन में ही सदन विधेयक को प्रवर समिति या दोनों सदनों की संयुक्त समिति को सौंप सकता है।
- द्वितीय वाचन में ही विधेयक पर खंडशः विचार भी होता है।
- प्रभारी सदस्य का यह प्रस्ताव कि विधेयक या यथासंशोधित विधेयक पारित किया जाए विधेयक का तृतीय वाचन कहलाता है।
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26. जब संसद के दोनों सदनों की संयुक्त बैठक में कोई विधेयक निर्दिष्ट (रेफर) किया जाता है, तो इसे किसके द्वारा पारित किया जाना होता है?
(a) उपस्थित तथा मत देने वाले सदस्यों का साधारण बहुमत
(b) उपस्थित तथा मत देने वाले सदस्यों का तीन-चौथाई बहुमत
(c) सदनों का दो-तिहाई बहुमत
(d) सदनों का पूर्ण बहुमत
[I.A.S. (Pre) 2015]
उत्तर- (a) उपस्थित तथा मत देने वाले सदस्यों का साधारण बहुमत
- यदि दोनों सदनों की संयुक्त बैठक (अनुच्छेद 108) में कोई विधेयक (संशोधन सहित) दोनों सदनों के उपस्थित और मत देने वाले सदस्यों की कुल संख्या के साधारण बहुमत से पारित हो जाता है, तो इसे दोनों सदनों द्वारा पारित समझा जाता है।
- ज्ञात हो कि अनुच्छेद 108 के तहत संयुक्त बैठक की प्रक्रिया सामान्य विधायन तक ही सीमित है, धन विधेयक या संविधान संशोधन विधेयक हेतु यह लागू नहीं होती है।
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27. यदि राष्ट्रपति ने संसद के संयुक्त सत्र के लिए अधिसूचना जारी कर दी और इस बीच लोक सभा विघटित हो जाए, तो क्या होगा?
(a) संयुक्त सत्र यथासमय आहूत होगा।
(b) संयुक्त सत्र निरस्त हो जाएगा।
(c) संयुक्त सत्र नई लोक सभा के गठन के बाद होगा।
(d) विधेयक व्यपगत हो जाएगा।
[Chhattisgarh P.C.S. (Pre) 2018]
उत्तर- (a) संयुक्त सत्र यथासमय आहूत होगा।
- भारतीय संविधान के अनु. 108 (5) में वर्णित है कि यदि राष्ट्रपति ने सदन की संयुक्त बैठक आहूत करने के अपने आशय की सूचना दे दी है और उसके पश्चात लोक सभा का विघटन हो जाता है, तो भी संयुक्त बैठक हो सकेगी और विधेयक व्यपगत नहीं होगा तथा उसे पारित किया जा सकेगा।
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28. निम्नलिखित में से कौन संसद के दोनों सदनों की संयुक्त बैठक की अध्यक्षता करेगा?
(a) राष्ट्रपति
(b) प्रधानमंत्री
(c) राज्य सभा का सभापति
(d) लोक सभा का अध्यक्ष
[U.P.P.C.S. (Pre) 2014]
उत्तर-(d) लोक सभा का अध्यक्ष
- भारतीय संविधान के अनुच्छेद 118(4) के अनुसार, संसद के दोनों सदनों की संयुक्त बैठक की अध्यक्षता लोक सभा का अध्यक्ष (स्पीकर) करता है।
- लोक सभा अध्यक्ष की अनुपस्थिति के संदर्भ में अनु. 118(3) के अंतर्गत राष्ट्रपति द्वारा कुछ नियम बनाए गए हैं।
- अध्यक्ष की अनुपस्थिति में संयुक्त बैठक में लोकसभा का उपाध्यक्ष पीठासीन होगा।
- यदि वह भी अनुपस्थित है, तो राज्य सभा का उपसभापति अध्यक्षता करेगा।
- यदि वह भी अनुपस्थित है, तो ऐसा व्यक्ति पीठासीन होगा, जो बैठक में उपस्थित सदस्यों द्वारा तय किया जाए।
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29. निम्न कथनों पर विचार कीजिए-
1. भारत में संसद के दोनों सदनों की संयुक्त बैठक अनुच्छेद 108 में संस्वीकृत है।
2. लोक सभा तथा राज्य सभा की प्रथम संयुक्त बैठक वर्ष 1961 में हुई थी।
3. भारतीय संसद के दोनों सदनों की दूसरी संयुक्त बैठक बैंक सेवा आयोग (निरसन) बिल को पारित करने के लिए हुई थी।
इन कथनों में से कौन-से सही हैं?
(a) 1 और 2
(b) 2 और 3
(c) 1 और 3
(d) 1, 2 और 3
[I.A.S. (Pre) 2003]
उत्तर-(d) 1, 2 और 3
- भारत में संसद के दोनों सदनों की संयुक्त बैठक का प्रावधान अनुच्छेद 108 में वर्णित है।
- संविधान के अनुच्छेद 108 के अनुसार, दोनों सदनों का संयुक्त अधिवेशन तब आयोजित होता है, जब किसी साधारण विधि निर्माण विधेयक पर विचार करने और उसे पारित करने में दोनों सदनों में मतभेद हो।
- लोक सभा एवं राज्य सभा की प्रथम संयुक्त बैठक दहेज निरोधक विधेयक 1959 पर 6 और 9 मई, 1961 को आयोजित की गई।
- द्वितीय संयुक्त बैठक बैंक सेवा आयोग (निरसन) बिल 1977 को पारित करने के लिए 17 मई, 1978 को आयोजित हुई तथा तृतीय संयुक्त बैठक 26 मार्च, 2002 को आतंकवाद निरोधक विधेयक, 2002 के संदर्भ में आयोजित की गई थी।
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30. भारतीय संसद के दोनों सदनों की प्रथम संयुक्त बैठक हुई थी
(a) दहेज उन्मूलन विधेयक के संबंध में
(b) हिंदू कोड विधेयक के संबंध में
(c) बैंक राष्ट्रीयकरण विधेयक के संबंध में
(d) स्वर्ण नियंत्रण विधेयक के संबंध में
[U.P. Lower Sub. (Spl.) (Pre) 2004]
उत्तर-(a) दहेज उन्मूलन विधेयक के संबंध में
- लोक सभा एवं राज्य सभा की प्रथम संयुक्त बैठक दहेज निरोधक विधेयक 1959 पर 6 और 9 मई, 1961 को आयोजित की गई।
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31. कोई कानूनी विधेयक संसद के किस पटल पर रखा जा सकता है?
(a) लोक सभा में
(b) राज्य सभा में
(c) दोनों में से संसद के एक पटल पर
(d) उपर्युक्त में से कोई नहीं
[M.P. P.C.S. (Pre) 2010]
उत्तर-(c) दोनों में से संसद के एक पटल पर
- कोई कानूनी विधेयक संसद के दोनों सदनों में से एक के पटल पर रखा जा सकता है, जबकि धन विधेयक [तथा अनुच्छेद 110 के खंड (1) के उपखंड (क) से उपखंड (च) में विनिर्दिष्ट किसी विषय के लिए उपबंध करने वाले वित्त विधेयक या संशोधन] केवल लोक सभा में प्रस्तुत किए जा सकते हैं।
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32. निम्नलिखित कथनों में से कौन-सा/से सही है/हैं?
1. लोक सभा में लंबित कोई विधेयक उसके सत्रावसान पर व्यपगत (लैप्स) हो जाता है।
2. राज्य सभा में लंबित कोई विधेयक, जिसे लोक सभा ने पारित नहीं किया है, लोक सभा के विघटन पर व्यपगत नहीं होगा।
नीचे दिए गए कूट का प्रयोग कर सही उत्तर चुनिए।
(a) केवल 1
(b) केवल 2
(c) 1 और 2 दोनों
(d) न तो 1, न ही 2
[I.A.S. (Pre) 2016]
उत्तर-(b) केवल 2
- अनु. 107(3) के अंतर्गत संसद में लंबित विधेयक सदनों के सत्रावसान के कारण व्यपगत नहीं होगा।
- अतः कथन (1) असत्य है।
- अनुच्छेद 107(5) के अनुसार, लोक सभा में लंबित विधेयक अथवा लोक सभा द्वारा पारित एवं राज्य सभा में लंबित विधेयक, लोक सभा के विघटन पर व्यपगत हो जाएगा जबकि अनु. 107(4) के अंतर्गत राज्य सभा में लंबित विधेयक, जिसको लोक सभा ने पारित नहीं किया है, लोक सभा के विघटन पर व्यपगत नहीं होगा।
- अर्थात कथन (2) सत्य है। अतः विकल्प (b) सही उत्तर है।
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33. संविधान के किस प्रावधान में कहा गया है कि विधि के प्राधिकार के बिना न तो कोई कर लगाया जा सकता है और न ही एकत्रित किया जा सकता है?
(a) अनुच्छेद 265
(b) अनुच्छेद 266
(c) अनुच्छेद 300
(d) अनुच्छेद 368
[U.P.P.C.S. (Mains) 2007]
उत्तर- (a) अनुच्छेद 265
- संविधान के अनुच्छेद 265 में कहा गया है कि कोई कर विधि के प्राधिकार से ही अधिरोपित या संगृहीत किया जाएगा, अन्यथा नहीं।
- अनु. 266 भारत और राज्यों की संचित निधियों एवं लोक लेखे, अनु. 300 संघ एवं राज्यों के नाम से वाद और कार्यवाहियों तथा अनु. 368 संविधान संशोधन की प्रक्रिया से संबंधित है।
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34. भारत की संचित निधि से धन निर्गत पर किसका नियंत्रण है?
(a) महानियंत्रक तथा महालेखा परीक्षक
(b) भारत के वित्त मंत्री
(c) अधिकृत मंत्री
(d) उपर्युक्त किसी का नहीं
[U.P.P.C.S. (Pre) 2000]
उत्तर- (d) उपर्युक्त किसी का नहीं
- भारतीय संविधान के अनुच्छेद 266 के अनुसार, भारत की संचित निधि भारत सरकार को प्राप्त सभी राजस्व, उस सरकार द्वारा राजहुंडियां निर्गमित करके, उधार द्वारा या अग्रिम अर्थोपाय द्वारा लिए गए सभी उधार और उधारों के प्रतिसंदाय में उस सरकार को प्राप्त सभी धनराशियों से मिलकर बनती है।
- यह संसद के नियंत्रणाधीन होती है।
- संचित निधि से कोई भी धनराशि तब तक निर्गमित नहीं की जा सकती, जब तक संसद की अनुमति प्राप्त न कर ली जाए।
- इसीलिए बजट प्रावधानों के अनुरूप कार्यपालिका को संचित निधि से धन निकालने का अधिकार तभी प्राप्त होता है, जब संसद अनु. 114 के तहत विनियोग अधिनियम के माध्यम से इस हेतु अनुमति प्रदान करती है।
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35. निम्नलिखित में से कौन-सा एक भारत की संचित निधि से लिया जाने वाला अनिवार्य व्यय भार नहीं है?
(a) वे ऋण जो भारत सरकार को चुकाने हैं।
(b) भारत के निर्वाचन आयोग के सदस्यों के वेतन और पेंशन।
(c) उच्च न्यायालय के न्यायाधीशों को दी जाने वाली पेंशन।
(d) राज्य सभा के उपाध्यक्ष के भत्ते।
[U.P. P.C.S. (Spl.) (Mains) 2004]
उत्तर-(b) भारत के निर्वाचन आयोग के सदस्यों के वेतन और पेंशन।
- संविधान के अनु. 112(3) के अनुसार, भारत की संचित निधि पर भारित व्यय इस प्रकार हैं-
- (a) राष्ट्रपति की उपलब्धियां और भत्ते तथा उसके पद से संबंधित अन्य व्यय :
- (b) राज्य सभा के सभापति और उपसभापति के तथा लोक सभा अध्यक्ष और उपाध्यक्ष के वेतन और भत्ते;
- (c) ऐसे ऋण भार जिनका दायित्व भारत सरकार पर है, जिनके अंतर्गत ब्याज, निक्षेप निधि भार और मोचन भार तथा उधार लेने और ऋण सेवा तथा ऋण मोचन से संबंधित अन्य व्यय हैं;
- (d) (i) उच्चतम न्यायालय के न्यायाधीशों को या उनके संबंध में संदेय वेतन, भत्ते और पेंशन; (ii) फेडरल न्यायालय के न्यायाधीशों को या उनके संबंध में संदेय पेंशन; (iii) उस उच्च न्यायालय के न्यायाधीशों को या उनके संबंध में दी जाने वाली पेंशन, जो भारत के राज्य क्षेत्र के अंतर्गत किसी क्षेत्र के संबंध में अधिकारिता का प्रयोग करता है या जो भारत डोमिनियन के राज्यपाल वाले प्रांत के अंतर्गत किसी क्षेत्र के संबंध में इस संविधान के प्रारंभ से पहले किसी भी समय अधिकारिता का प्रयोग करता था;
- (e) भारत के नियंत्रक महालेखा परीक्षक को या उनके संबंध में संदेय वेतन, भत्ते और पेंशन:
- (f) किसी न्यायालय या माध्यस्थम्, अधिकरण के निर्णय, डिक्री या पंचाट की तुष्टि हेतु अपेक्षित राशियां;
- (g) कोई अन्य व्यय जो इस संविधान द्वारा या संसद की विधि द्वारा इस प्रकार भारित घोषित किया जाता है (यथा- अनुच्छेद 322 के तहत संघ लोक सेवा आयोग के अध्यक्ष एवं सदस्यों को संदेय वेतन, भत्ते और पेंशन)।
- नोट-भारत के उपराष्ट्रपति राज्य सभा के सभापति के रूप में वेतन व भत्ते प्राप्त करते हैं।
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36. निम्नलिखित में से भारतीय संविधान का कौन-सा अनुच्छेद आकस्मिकता निधि से संबंधित है?
(a) अनुच्छेद 265
(b) अनुच्छेद 266
(c) अनुच्छेद 267
(d) अनुच्छेद 268
[U.P. P.C.S. (Pre) 2021]
उत्तर-(c) अनुच्छेद 267
- भारतीय संविधान का अनुच्छेद 267(1) एक आकस्मिकता निधि की स्थापना का प्रावधान करता है।
- यह राष्ट्रपति के नियंत्रणाधीन होती है।
- इसका गठन किसी अत्यावश्यक, आकस्मिक प्रकृति के व्ययों हेतु किया गया है।
- ऐसे आकस्मिक व्यय का अनुच्छेद 115 या अनुच्छेद 116 के अधीन (अनुदानों के रूप में) संसदीय विधि द्वारा प्राधिकृत किए जाने के लंबित रहने तक इस निधि में से ऐसे व्यय की पूर्ति के लिए अग्रिम घन देने हेतु यह निधि राष्ट्रपति के व्ययनाधीन होती है।
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37. संघ की सरकार (यूनियन गवर्नमेंट) के संदर्भ में निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिए-
1. राजस्व विभाग, संसद में प्रस्तुत किए जाने वाले केंद्रीय बजट को तैयार करने के लिए उत्तरदायी है।
2. भारत की संसद के प्राधिकरण (Authorization) के बिना कोई धन भारत की संचित निधि से निकाला नहीं जा सकता।
3. लोक लेखा से किए जाने वाले सभी संवितरणों (Disbursement) के लिए भी भारत की संसद के प्राधिकरण की आवश्यकता होती है।
उपर्युक्त कथनों में से कौन-सा/से सही है/हैं?
(a) केवल 1 और 2
(b) केवल 2 और 3
(c) केवल 2
(d) 1, 2 और 3
[I.A.S. (Pre) 2015]
उत्तर-(c) केवल 2
- बजट तैयार करने की प्रमुख जिम्मेदारी वित्त मंत्रालय के आर्थिक कार्य विभाग की होती है, न कि राजस्व विभाग की।
- वित्त मंत्रालय का राजस्व विभाग, विगत वर्षों में राजस्व संबंधी आंकड़ों के संदर्भ में आने वाले वर्ष के लिए राजस्व का अनुमान तैयार करता है।
- भारतीय संविधान के अनुच्छेद 266 (1) में संचित निधि का प्रावधान है। संसद की अनुमति के बिना संचित निधि से कोई धन नहीं निकाला जा सकता है।
- अनुच्छेद 266(2) में लोक लेखा का प्रावधान किया गया है।
- इसमें संचित निधि में जमा के अतिरिक्त अन्य लोक धनराशियां जमा की जाती हैं।
- इसमें लोक भविष्य निधि, न्यायिक जमा आदि धन शामिल किए जाते हैं।
- लोक लेखा से धनराशि निकालने के लिए संसद की अनुमति आवश्यक नहीं है।
- इस निधि का नियंत्रण कार्यपालिका के पास होता है।
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38. निम्नलिखित में से कौन एक संघीय बजट की तैयारी और उसे संसद में पेश करने के लिए उत्तरदायी है?
(a) राजस्व विभाग
(b) आर्थिक कार्य विभाग
(c) वित्तीय सेवाएं विभाग
(d) व्यय विभाग
[I.A.S. (Pre) 2010]
उत्तर-(b) आर्थिक कार्य विभाग
- संघीय वित्त मंत्रालय का आर्थिक कार्य विभाग (Department of Economic Affairs) संघीय बजट की तैयारी और उसे संसद में पेश करने के लिए उत्तरदायी है।
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39. संविधान के किस अनुच्छेद के अंतर्गत धन विधेयक को परिभाषित किया गया है?
(a) अनुच्छेद 109
(b) अनुच्छेद 110
(c) अनुच्छेद 111
(d) (b) तथा (c) दोनों
[U.P.P.C.S. (Pre) 2000]
उत्तर-(b) अनुच्छेद 110
- अनुच्छेद 109 – धन विधेयक के संबंध में विशेष प्रक्रिया
- अनुच्छेद 110 – धन विधेयक की परिभाषा
- अनुच्छेद 111 – विधेयकों पर अनुमति
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40. एक विधेयक को वित्त विधेयक माना जाता है (अनुच्छेद 110 के अनुसार), यदि इसमें संबंधित प्रावधान शामिल हैं-
(a) भारत सरकार के उधार लेने का नियमन
(b) भारत के समेकित निधि की निगरानी
(c) किसी राज्य के खातों (लेखों) की लेखा परीक्षा
(d) उपरोक्त सभी
[Jharkhand P.C.S. (Mains) 2016]
उत्तर-(d) उपरोक्त सभी
- अनुच्छेद 110 के अनुसार, उस विधेयक को धन विधेयक माना जाएगा जिसमें निम्न में से कोई भी अथवा सभी उपबंध सम्मिलित होगा-
- (क) किसी कर का अधिरोपण, उत्सादन, परिहार, परिवर्तन या विनियमन;
- (ख) भारत सरकार द्वारा धन उधार लेने का या कोई प्रत्याभूति देने का विनियमन अथवा भारत सरकार द्वारा अपने ऊपर ली गई या ली जाने वाली किन्हीं वित्तीय बाध्यताओं से संबंधित विधि का संशोधन;
- (ग) भारत की संचित निधि या आकस्मिकता निधि की अभिरक्षा, ऐसी किसी निधि में धन जमा करना या उसमें से घन निकालना;
- (घ) भारत की संचित निधि में से धन का विनियोग;
- (ड) किसी व्यय को भारत की संचित निधि पर भारित व्यय घोषित करना या ऐसे किसी व्यय की रकम को बढ़ाना; या
- (च) भारत की संचित निधि या भारत के लोक लेखा से धन प्राप्त करना अथवा ऐसे घन की अभिरक्षा या उसका निर्गमन अथवा संघ या राज्य के लेखाओं की संपरीक्षा।
- (छ) उपखंड (क) से उपखंड (च) में विनिर्दिष्ट किसी विषय का आनुषंगिक कोई विषय।
- नोट- प्रश्न के हिंदी अनुवाद में ‘वित्त विधेयक’ दिया गया है, जबकि अंग्रेजी वर्जन में ‘Money Bill’ दिया गया है, जिसका अर्थ ‘धन विधेयक होता है।
- अंग्रेजी वर्जन के आधार पर ही इस प्रश्न की व्याख्या की गई है।
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41. भारतीय संविधान के अनुच्छेद 110 के अनुसार, धन विधेयक की परिभाषा में क्या सम्मिलित है?
(a) टैक्स लगाना, समाप्त करना व उसके विनियमन में प्रत्यावर्तन
(b) धन की उधारी का विनियमन करना
(c) भारत की संचित निधि के धन को विनियोग करना
(d) भारत की संचित निधि से खर्च का विवरण देना
(e) उपर्युक्त में से कोई नहीं उपर्युक्त में से एक से अधिक
[66th B.P.S.C. (Pre) (Re-Exam) 2020]
उत्तर-(e) उपर्युक्त में से कोई नहीं उपर्युक्त में से एक से अधिक
- संविधान के अनुच्छेद 110 के उपबंधों के तहत टैक्स लगाना, समाप्त करना व उसके विनियमन में प्रत्यावर्तन, धन की उधारी का विनियमन करना, भारत की संचित निधि के धन को विनियोग करना तथा किसी व्यय को भारत की संचित निधि पर भारित व्यय घोषित करना- इन सभी को धन विधेयक की परिभाषा में शामिल किया गया है।
- अतः इस प्रश्न का सही उत्तर विकल्प (e) है।
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42. निम्नलिखित में से कौन-सा विषय धन विधेयक के उपबंध में सम्मिलित नहीं किया गया है?
(a) कर से संबंधित उपबंध
(b) उधार (ऋण) लेने से संबंधित उपबंध
(c) संचित निधि तथा आकस्मिकता निधि की अभिरक्षा से संबंधित उपबंध
(d) जुर्माने या अर्थदंड से संबंधित उपबंध
[U.P. U.D.A./L.D.A. (Pre) 2010]
उत्तर-(d) जुर्माने या अर्थदंड से संबंधित उपबंध
- संविधान के अनु. 110 में धन विधेयक की परिभाषा के तहत कर से संबंधित उपबंध, उधार लेने से संबंधित उपबंध तथा संचित निधि एवं आकस्मिकता निधि की अभिरक्षा से संबंधित उपबंध तो शामिल हैं, परंतु जुर्माने या अर्थदंड से संबंधित उपबंध इसमें सम्मिलित नहीं हैं।
- वस्तुतः अनुच्छेद 110 के खंड (2) के अनुसार, कोई विधेयक केवल इस कारण धन विधेयक नहीं समझा जाएगा कि वह जुर्मानों या अन्य अर्थ दंडों के अधिरोपण का उपबंध करता है।
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43. निम्नलिखित में से सही क्या नहीं है?
i. प्रत्येक धन विधेयक एक वित्त विधेयक होता है।
ii. प्रत्येक वित्त विधेयक एक धन विधेयक नहीं होता है।
iii. वित्त विधेयक केवल लोक सभा में प्रस्तावित किया जा सकता है।
iv. वित्त विधेयक पर राष्ट्रपति के पूर्व हस्ताक्षर होते हैं।
v. राज्य सभा वित्त विधेयक को 14 दिनों तक रोक कर रख सकती है।
vi. राष्ट्रपति वित्त विधेयक पर हस्ताक्षर करने से इंकार नहीं कर सकते हैं।
vii. राज्य सभा वित्त विधेयक को संशोधित कर सकती है।
viii. गतिरोध की स्थिति में वित्त विधेयक पर संयुक्त अधिवेशन बुलाया जाता है।
(a) ii, iv
(b) v, vi
(c) iii, vii
(d) i, viii
(e) iv, vi
[Jharkhand P.C.S. (Pre) 2016]
उत्तर-(b) v, vi
- धन विधेयक का उल्लेख भारतीय संविधान के अनुच्छेद 110 (1) में किया गया है।
- प्रत्येक धन विधेयक वित्त विधेयक होता है, किंतु प्रत्येक वित्त विधेयक धन विधेयक नहीं होता है।
- कोई विधेयक धन विधेयक है या नहीं, इसका विनिश्चय संविधान के अनुच्छेद 110 (3) के तहत लोक सभा अध्यक्ष द्वारा किया जाता है, और उसका विनिश्चय अंतिम होता है।
- अनुच्छेद 110 के खंड (1) के उपखंड (क) से उपखंड (च) में विनिर्दिष्ट किसी विषय के लिए उपबंध करने वाले वित्त विधेयक एवं धन विधेयक दोनों को लोक सभा में ही पेश किया जाता है, जिसके लिए राष्ट्रपति की पूर्व अनुमति आवश्यक है।
- घन विधेयक पर राज्य सभा को मात्र 14 दिन का समय दिया जाता है, परंतु साधारण वित्त विधेयक (जो धन विधेयक नहीं हैं) को राज्य सभा अनिश्चितकाल के लिए रोक सकती है।
- राज्य सभा इसमें संशोधन कर सकती है तथा असहमति की अवस्था में दोनों सदनों की संयुक्त बैठक बुलाई जा सकती है।
- राष्ट्रपति धन विधेयक को पुनर्विचार हेतु नहीं लौटा सकता परंतु साधारण वित्त विधेयक को पुनर्विचार के लिए सदनों को वापस लौटा सकता है।
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44. यह धन विधेयक है, इसका निर्णय कौन करता है?
(a) राष्ट्रपति
(b) प्रधानमंत्री
(c) लोक सभा अध्यक्ष
(d) मंत्रिपरिषद
[U.P.P.C.S. (Pre) 1992]
उत्तर-(c) लोक सभा अध्यक्ष
- कोई विधेयक धन विधेयक है या नहीं इसका विनिश्चय संविधान के अनुच्छेद 110(3) के अनुसार, लोक सभा अध्यक्ष द्वारा किया जाता है और उसका विनिश्चय अंतिम होता है।
- अनुच्छेद 110 (4) के अनुसार, जब धन विधेयक राज्य सभा को पारेषित किया जाता है और जब उसे अनुमति के लिए राष्ट्रपति के समक्ष प्रस्तुत किया जाता है, तब उसे लोक सभा का अध्यक्ष धन विधेयक के रूप में हस्ताक्षर सहित पृष्ठांकन कर प्रमाणित करता है।
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45. वित्त विधेयक को प्रस्तुत करने के विषय में निम्नलिखित में से कौन- सा कथन सही है?
(a) वित्त विधेयक राज्य सभा में प्रस्तुत होता है।
(b) यह संसद के किसी भी सदन में प्रस्तुत किया जा सकता है।
(c) यह लोक सभा में प्रस्तुत नहीं किया जा सकता।
(d) यह लोक सभा में प्रस्तुत किया जाता है।
[U.P. U.D.A./L.D.A. (Pre) 2006]
उत्तर-(d) यह लोक सभा में प्रस्तुत किया जाता है।
- आयोग के प्रश्न पत्र में ‘हिंदी संस्करण’ में ‘वित्त विधेयक’ लिखा गया है, जबकि ‘अंग्रेजी संस्करण’ में ‘Money Bill’ लिखा गया है।
- अतः इस प्रश्न पर आयोग का आशय ‘धन विधेयक’ से है, न कि ‘वित्त विधेयक’ से।
- संविधान के अनुच्छेद 109 में धन विधेयकों के संबंध में विशेष प्रक्रिया को अपनाया गया है।
- अनुच्छेद 109 (1) में कहा गया है कि धन विधेयक राज्य सभा में पुरःस्थापित नहीं किया जाएगा।
- अतः धन विधेयक (Money Bill) केवल लोक सभा में प्रस्तुत किया जाता है।
- अनुच्छेद 110 के खंड (1) के उपखंड (क) से उपखंड (च) में विनिर्दिष्ट किसी विषय के लिए उपबंध करने वाला वित्त विधेयक भी लोक सभा में ही पेश किया जाता है।
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46. निम्नलिखित में से कौन-सा एक कथन सही है?
(a) धन विधेयक राज्य सभा में पुरःस्थापित किया जाता है।
(b) धन विधेयक संसद के दोनों सदनों में से किसी में भी पुरःस्थापित किया जा सकता है।
(c) धन विधेयक लोक सभा में पुरःस्थापित नहीं किया जा सकता।
(d) घन विधेयक लोक सभा में पुरःस्थापित किया जाता है।
[U.P.P.C.S. (Mains) 2011]
उत्तर- (d) घन विधेयक लोक सभा में पुरःस्थापित किया जाता है।
- संविधान के अनुच्छेद 109(1) के अनुसार, धन विधेयक राज्य सभा में पुरःस्थापित नहीं किया जा सकता है।
- धन विधेयक लोक सभा में ही पुरःस्थापित (प्रस्तुत) किया जाता है। घन विधेयक लोक सभा द्वारा पारित किए जाने के पश्चात राज्य सभा को उसकी सिफारिशों के लिए पारेषित किया जाता है, जिसे राज्य सभा अधिकतम 14 दिनों तक ही रोक सकती है।
- अनुच्छेद 109 (5) के अनुसार, यदि राज्य सभा धन विधेयक को 14 दिनों की अवधि में नहीं लौटाती है, तो उसे राज्य सभा द्वारा भी उसी रूप में पारित मान लिया जाता है, जिसमें वह लोक सभा द्वारा पारित किया गया था।
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47. लोक सभा द्वारा पारित धन विधेयक राज्य सभा द्वारा भी पारित मान लिया जाएगा, यदि राज्य सभा द्वारा उस पर कोई कार्यवाही नहीं की जाती-
(a) 10 दिनों तक
(b) 14 दिनों तक
(c) 15 दिनों तक
(d) 16 दिनों तक
[U.P.P.C.S. (Pre) 2016]
उत्तर-(b) 14 दिनों तक
- अनुच्छेद 109 (5) के अनुसार, यदि राज्य सभा धन विधेयक को 14 दिनों की अवधि में नहीं लौटाती है, तो उसे राज्य सभा द्वारा भी उसी रूप में पारित मान लिया जाता है, जिसमें वह लोक सभा द्वारा पारित किया गया था।
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48. निम्न क्रियाविधियों में से कौन-सी ऐसी धन विधेयक को अंगीकार करा लेगी जो एक बार लोक सभा द्वारा पारित किया जा चुका हो, किंतु राज्य सभा द्वारा संशोधित किया गया हो?
(a) यह राष्ट्रपति को जाएगा।
(b) लोक सभा की बैठक में भाग लेने वाले तथा मत देने वाले सदस्यों के 2/3 बहुमत से पारित करना होगा।
(c) दोनों सदनों का संयुक्त अधिवेशन बुलाया जाएगा।
(d) यह पारित समझा जाएगा यदि लोक सभा इसे दोबारा संशोधन को स्वीकार अथवा अस्वीकार करते हुए पास कर दे।
[U.P.P.C.S. (Pre) 1994]
उत्तर-(d) यह पारित समझा जाएगा यदि लोक सभा इसे दोबारा संशोधन को स्वीकार अथवा अस्वीकार करते हुए पास कर दे।
- अनुच्छेद 109 के प्रावधानों के तहत धन विधेयक के संदर्भ में लोक सभा को अधिक विशिष्ट अधिकार प्राप्त है एवं राज्य सभा के अधिकार सीमित हैं।
- अतः यदि राज्य सभा ने लोक सभा द्वारा पारित धन विधेयक में कोई संशोधन किया है, तो लोक सभा इसे स्वीकार या अस्वीकार करते हुए पारित कर सकती है।
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49. कोई विधेयक जिसमें केवल व्यय अंतर्वलित है और अनुच्छेद 110 में विनिर्दिष्ट कोई विषय उसमें सम्मिलित नहीं है, उसे-
(a) केवल लोक सभा में प्रारंभ किया जा सकता है।
(b) संसद के किसी भी सदन में प्रारंभ किया जा सकता है।
(c) केवल राज्य सभा में प्रारंभ किया जा सकता है।
(d) केवल संसद के दोनों सदनों की संयुक्त बैठक में प्रारंभ किया जा सकता है।
[U.P.P.C.S. (Mains) 2016]
उत्तर-(b) संसद के किसी भी सदन में प्रारंभ किया जा सकता है।
- कोई विधेयक जिसमें केवल व्यय अंतर्वलित है और अनुच्छेद 110 में विनिर्दिष्ट कोई विषय उसमें सम्मिलित नहीं है, तो उसे संसद के किसी भी सदन में प्रारंभ किया जा सकता है।
- इसे साधारण विधेयक की तरह प्रयोग किया जाता है तथा इसके लिए भी वही प्रक्रिया अपनाई जाती है, जो साधारण विधेयक के लिए अपनाई जाती है।
- तथापि अनुच्छेद 117(3) के अनुसार, भारत की संचित निधि से व्यय करने संबंधी उपबंध वाला विधेयक संसद के किसी सदन द्वारा तब तक पारित नहीं किया जाएगा, जब तक ऐसे विधेयक पर विचार करने के लिए उस सदन से राष्ट्रपति ने सिफारिश नहीं की है।
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50. निम्नलिखित में से कौन-सा शब्द / शब्दावली भारत के संविधान में उल्लिखित नहीं है?
(a) वार्षिक वित्तीय विवरण
(b) विनियोग विधेयक
(c) बजट
(d) भारत की संचित निधि
[U.P.P.C.S. (Mains) 2011]
उत्तर-(c) बजट
- संविधान में बजट शब्द का उल्लेख कहीं नहीं है, जबकि अनुच्छेद 112 के अंतर्गत “वार्षिक वित्तीय विवरण” शब्द का उल्लेख है।
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51. बजट पर संसद के नियंत्रण के विषय में निम्नलिखित में से कौन-सी बात सही नहीं है?
(a) बजट के निर्माण में संसद का कोई हाथ नहीं होता।
(b) संसद को समेकित निधि पर प्रभारित व्यय को बढ़ाने की शक्ति प्राप्त है।
(c) संसद को राष्ट्रपति की सिफारिश के बिना कोई कर आरोपित करने की शक्ति प्राप्त नहीं है।
(d) संसद को राष्ट्रपति की सिफारिश के बिना किसी कर में वृद्धि करने की शक्ति प्राप्त नहीं है।
[I.A.S. (Pre) 2009]
उत्तर-(b) संसद को समेकित निधि पर प्रभारित व्यय को बढ़ाने की शक्ति प्राप्त है।
- समेकित निधि (संचित निधि) पर प्रभारित व्यय [अनु. 113 (1)] संसद में मतदान के लिए प्रस्तुत नहीं किए जा सकते हैं, केवल उन पर चर्चा की जा सकती है।
- अतः प्रभारित व्ययों में कोई परिवर्तन करने का अधिकार संसद को नहीं है।
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52. निम्नलिखित में से कौन-सी विधियां भारत के लोक वित्त पर संसदीय नियंत्रण रखने के काम आती हैं?
1. संसद के सम्मुख वार्षिक वित्तीय विवरण का प्रस्तुत किया जाना
2. विनियोजन विधेयक के पारित होने के बाद ही भारत की संचित निधि से मुद्रा निकाल पाना
3. अनुपूरक अनुदानों तथा लेखानुदान का प्रावधान
4. संसदीय बजट कार्यालय द्वारा समष्टिगत आर्थिक पूर्वानुमानों तथा व्यय हेतु सरकार के कार्यक्रम का एक नियतकालिक अथवा कम-से-कम मध्यवर्षीय पुनरावलोकन
5. संसद में वित्त विधेयक का प्रस्तुत किया जाना
निम्नलिखित कूटों के आधार पर सही उत्तर चुनिए :
(a) केवल 1, 2, 3 और 5
(b) केवल 1, 2 और 4
(c) केवल 3, 4 और 5
(d) 1, 2, 3, 4 और 5
[I.A.S. (Pre) 2012]
उत्तर- (a) केवल 1, 2, 3 और 5
- भारत के लोक वित्त पर संसद के नियंत्रण के लिए संसद के समक्ष वार्षिक वित्तीय विवरण प्रस्तुत किया जाता है।
- भारत की संचित निधि से मुद्रा निकालने के लिए विनियोजन विधेयक पारित करना पड़ता है।
- अनुपूरक अनुदानों और लेखानुदान तथा संसद में वित्त विधेयक प्रस्तुत करके भी लोक वित्त पर संसदीय नियंत्रण स्थापित किया जाता है।
- संसदीय बजट कार्यालय द्वारा समष्टिगत आर्थिक पूर्वानुमानों तथा व्यय हेतु सरकार के कार्यक्रम का एक नियतकालिक अथवा कम-से-कम मध्यवर्षीय पुनरावलोकन किए जाने का प्रावधान विश्व के कई देशों (यथा-ऑस्ट्रेलिया, कनाडा, आदि) में है, परंतु भारत में नहीं है।
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53. यदि वार्षिक संघीय बजट लोक सभा द्वारा पारित नहीं होता, तो
(a) बजट में संशोधन कर यह दुबारा पेश किया जाता है।
(b) सुझाव हेतु बजट राज्य सभा को भेज दिया जाता है।
(c) संघीय वित्त मंत्री से त्याग-पत्र देने के लिए कहा जाता है।
(d) प्रधानमंत्री अपनी मंत्रिपरिषद का त्याग-पत्र पेश कर देता है।
[I.A.S. (Pre) 2011]
उत्तर- (d) प्रधानमंत्री अपनी मंत्रिपरिषद का त्याग-पत्र पेश कर देता है।
- वार्षिक संघीय बजट के लोक सभा द्वारा पारित न होने का तात्पर्य लोक सभा में सरकार के अल्पमत में आ जाने से है।
- ऐसी स्थिति में प्रधानमंत्री अपनी मंत्रिपरिषद का त्याग-पत्र प्रस्तुत करेगा।
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54. भारत की संसद के संदर्भ में निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिए-
1. गैर-सरकारी विधेयक ऐसा विधेयक है, जो संसद के ऐसे सदस्य द्वारा प्रस्तुत किया जाता है, जो निर्वाचित नहीं है, किंतु भारत के राष्ट्रपति द्वारा नामनिर्दिष्ट है।
2. हाल ही में, भारत की संसद के इतिहास में पहली बार एक गैर-सरकारी विधेयक पारित किया गया है।
उपर्युक्त कथनों में से कौन-सा/से सही है/हैं?
(a) केवल 1
(b) केवल 2
(c) 1 और 2 दोनों
(d) न तो 1, न ही 2
[I.A.S. (Pre) 2017]
उत्तर-(d) न तो 1, न ही 2
- गैर-सरकारी विधेयक उसे कहते हैं, जो कि संसद के ऐसे सदस्य द्वारा सदन के पटल पर पुरःस्थापित किए जाते हैं जो मंत्री नहीं होते हैं, जबकि सरकारी विधेयक उसे कहते हैं जो किसी मंत्री द्वारा सदन के पटल पर पुरःस्थापित किए जाते हैं।
- गैर-सरकारी विधेयक भी सदन में एक प्रक्रिया के तहत पेश किया जाता है।
- गैर-सरकारी सदस्यों के विधेयकों तथा संकल्पों संबंधी एक समिति का गठन किया जाता है।
- इस समिति का गठन लोक सभा में किया जाता है।
- समिति में कुल 15 सदस्य होते हैं तथा लोक सभा के उपाध्यक्ष इस समिति के अध्यक्ष होते हैं।
- स्वतंत्रता के बाद से अब तक 14 गैर-सरकारी विधेयक दोनों सदनों में पारित हो चुके हैं।
- अतः दिए गए उपर्युक्त कथन में से न तो (1) सही है और न ही कथन (2) सही है।
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55. आर्थिक सर्वेक्षण प्रतिवर्ष संसद में प्रस्तुत किया जाता है-
(a) आगामी वर्ष के बजट के प्रस्तुतीकरण के पूर्व
(b) आगामी वर्ष के बजट के प्रस्तुतीकरण के पश्चात
(c) वित्त विधेयक के प्रस्तुतीकरण के पश्चात
(d) और उसका बजट के प्रस्तुतीकरण से कोई संबंध नहीं होता है।
[U.P.P.C.S. (Mains) 2004]
उत्तर-(a) आगामी वर्ष के बजट के प्रस्तुतीकरण के पूर्व
- चालू वर्ष का आर्थिक सर्वेक्षण प्रतिवर्ष संसद में आगामी वर्ष के बजट के प्रस्तुतीकरण के पूर्व प्रस्तुत किया जाता है, जिसमें चालू वर्ष में अर्थव्यवस्था के विभिन्न क्षेत्रों की प्रगति एवं गतिविधियों के साथ राजकोषीय विवरण प्रस्तुत किया जाता है।
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56. ‘लेखानुदान’ संघ सरकार को अनुमति प्रदान करता है :
(a) सार्वजनिक ऋण लेने के लिए
(b) भारतीय रिजर्व बैंक से धन उधार लेने के लिए
(c) राज्यों को अनुदान प्रदान करने के लिए
(d) निश्चित अवधि के लिए भारतीय संचित निधि से धन निकालने के लिए
[U.P.P.C.S. (Mains) 2004]
उत्तर-(d) निश्चित अवधि के लिए भारतीय संचित निधि से धन निकालने के लिए
- संविधान के अनु. 116 के तहत, विनियोग विधेयक (या बजट) के समय सीमा के अंदर पारित न होने की स्थिति में जब संघ सरकार को घन की आवश्यकता होती है, तो लोक सभा को लेखानुदान के माध्यम से निश्चित अवधि के लिए भारतीय संचित निधि से अग्रिम निधि प्रदान करने की शक्ति प्राप्त है।
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57. लेखानुमोदन और अंतरिम बजट के बीच क्या अंतर है?
1. स्थायी सरकार लेखानुमोदन के प्रावधान का प्रयोग करती है, जबकि कार्यवाहक सरकार अंतरिम बजट के प्रावधान का प्रयोग करती है।
2. लेखानुमोदन सरकार के बजट के व्यय पक्ष मात्र से संबद्ध होता है, जबकि अंतरिम बजट में व्यय तथा आवती दोनों सम्मिलित होते हैं।
उपर्युक्त में से कौन-सा कौन-से कथन सही है/हैं?
(a) केवल 1
(b) केवल 2
(c) 1 और 2 दोनों
(d) न तो । और न ही 2
[I.A.S. (Pre) 2011]
उत्तर-(b) केवल 2
- बजट प्रक्रिया संपन्न होने अर्थात बजट पर संसद में चर्चा एवं मतदान होने से पूर्व नए वित्त वर्ष का प्रारंभ हो जाने की स्थिति में वित्तीय संसाधनों के लिए संचित निधि से धन निकालने हेतु लेखानुदान (Vote- on-account) संसद में पारित कराया जाता है।
- यह सरकार के बजट के व्यय पक्ष मात्र से संबद्ध होता है। लेखानुदान स्थायी एवं कार्यवाहक दोनों सरकारें प्रस्तुत कर सकती हैं।
- अंतरिम बजट में व्यय तथा आवती दोनों सम्मिलित होते हैं तथा यह चुनाव से पूर्व की कार्यवाहक सरकार तथा चुनाव के बाद की नियमित सरकार दोनों द्वारा प्रस्तुत किया जा सकता है।
- फरवरी, 2009 में तत्कालीन कार्यवाहक वित्त मंत्री (आम चुनाव की घोषणा तब तक हो चुकी थी) प्रणब मुखर्जी ने वर्ष 2009-10 के लिए अंतरिम बजट प्रस्तुत किया था।
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58. व्यय का अनुमान किस रूप में भारतीय संसद के समक्ष रखा जाता है?
(a) तदर्थ निधि
(b) अतिरिक्त अनुदान
(c) अनुपूरक अनुदान
(d) अनुदान का अनुरोध
[Jharkhand P.C.S. (Pre) 2013]
उत्तर-(d) अनुदान का अनुरोध
- अनुच्छेद 113(2) के अनुसार, संचित निधि पर भारित व्ययों के अतिरिक्त अन्य व्ययों के अनुमान (प्राक्कलन) लोक सभा के समक्ष अनुदानों की मांगों के रूप में रखे जाएंगे और लोक सभा को शक्ति होगी कि वह किसी मांग को अनुमति दे या अनुमति देने से मना कर दे अथवा किसी मांग को, उसमें विनिर्दिष्ट रकम को कम करके, अनुमति दे।
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59. सामान्य वित्तीय विधायन में चरण सम्मिलित हैं-
1. बजट का प्रस्तुतीकरण
2. बजट पर चर्चा
3. विनियोग विधेयक को पारित करना
4. लेखानुदान
5. वित्त विधेयक को पारित करना
(a) 1, 2 और 3
(b) 1, 3 और 4
(c) 1, 2, 3 और 4
(d) 1, 2, 3 और 5
[U.P.P.C.S. (Mains) 2005, 2010]
उत्तर-(d) 1, 2, 3 और 5
- बजट का प्रस्तुतीकरण, बजट पर चर्चा, विनियोग विधेयक को पारित करना तथा वित्त विधेयक को पारित करना सामान्य वित्तीय विधायन के चरण हैं, जबकि लेखानुदान, प्रत्ययानुदान एवं अपवादानुदान (अनु. 116) इसमें शामिल नहीं है।
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60. संसद में विधायन प्रस्ताव की पहल करने से पहले भारत के राष्ट्रपति की पूर्व स्वीकृति आवश्यक है:
1. एक नवीन राज्य के गठन से संबंधित विधेयक पर
2. ऐसे कराधान विधेयक जिनमें राज्यों का हित निहित हो
3. राज्यों की सीमाओं में फेरबदल करने संबंधित विधेयक पर
4. धन विधेयक पर
उपरोक्त कथनों पर विचार करने हेतु अधोलिखित कूटों में से सही उत्तर चुनिए :
कूट :
(a) 1, 2 तथा 3
(b) 2, 3 तथा 4
(c) 1, 2 तथा 4
(d) उपर्युक्त सभी
[U.P.P.C.S. (Mains) 2005]
उत्तर-(d) उपर्युक्त सभी
- प्रश्नगत सभी विकल्पों में प्रस्तुत विधायन प्रस्ताव संसद में प्रस्तुत करने से पूर्व राष्ट्रपति की पूर्व स्वीकृति आवश्यक है।
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61. निम्नलिखित प्रस्तावों में से किसका संदर्भित संबंध संघीय बजट से है?
(a) निंदा प्रस्ताव
(b) ध्यानाकर्षण प्रस्ताव
(c) कटौती प्रस्ताव
(d) स्थगन प्रस्ताव
[U.P. Lower Sub. (Pre) 2002]
उत्तर-(c) कटौती प्रस्ताव
- निंदा प्रस्ताव – सरकार की दोषपूर्ण नीतियों की आलोचना के लिए लाया जाता है।
- ध्यानाकर्षण प्रस्ताव – किसी अत्यावश्यक सार्वजनिक महत्व के विषय पर संबंधित मंत्री का ध्यान आकृष्ट करने और उससे पद एवं सत्ता के अनुरूप औपचारिक कथन की प्राप्ति के लिए लाया जाता है।
- कटौती प्रस्ताव – बजट पेश होने पर अनुदान मांगों पर बहस के दौरान संसद सदस्यों को धनराशि में वृद्धि का अधिकार नहीं है, वे मात्र कमी कर सकते हैं और ऐसा वे कटौती प्रस्ताव के द्वारा करते हैं, जो तीन प्रकार के होते हैं-नीति निरनुमोदन कटौती, सांकेतिक कटौती एवं मितव्ययिता कटौती।
- स्थगन प्रस्ताव – किसी अत्यावश्यक सार्वजनिक महत्व के विषय पर सदन के सदस्यों का ध्यान आकृष्ट करने हेतु लाया जाता है।
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62. ‘कटौती प्रस्ताव’ का उद्देश्य क्या होता है?
(a) सरकार की नीतियों पर नियंत्रण करना
(b) सत्ताधारी दल की कार्यवाही को रोकना
(c) बजट प्रस्तावों के खर्च में कमी का प्रस्ताव प्रस्तुत करना
(d) सरकार के सभी वित्तीय लेन-देन को निरस्त करना
(e) उपर्युक्त में से कोई नहीं/ उपर्युक्त में से एक से अधिक
[66th B.P.S.C. (Pre) (Re-Exam) 2020]
उत्तर-(c) बजट प्रस्तावों के खर्च में कमी का प्रस्ताव प्रस्तुत करना
- बजट की अनुदान मांगों में संशोधन हेतु लोक सभा (या राज्य की विधानसभा) में प्रस्तुत किया जाने वाला प्रस्ताव कटौती प्रस्ताव (Cut motion) कहलाता है।
- इसके तहत सरकार द्वारा प्रस्तुत अनुदान मांगों को अनुचित बताते हुए उसमें कमी का प्रस्ताव लाया जाता है।
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63. निम्नलिखित में से कौन सही सुमेलित नहीं है?
(a) नीति निरनुमोदन प्रस्ताव – बजट की मांग को घटाकर एक रुपया कर दिया जाए
(b) मितव्ययिता प्रस्ताव – बजट की मांग में से एक निर्दिष्ट राशि घटा दी जाए
(c) सांकेतिक प्रस्ताव – बजट की मांग में से एक सौ रुपये कम कर दिए जाएं
(d) लेखानुदान – बजट मांगों को पूर्ण रूप से वित्तीय वर्ष के लिए पारित करना
[U.P.P.C.S. (Pre) 2017]
उत्तर-(d) लेखानुदान – बजट मांगों को पूर्ण रूप से वित्तीय वर्ष के लिए पारित करना
- बजट प्रस्तुतीकरण एवं बजट मांगों के सदन से पारित होने के मध्य के समय में प्रशासनिक व्यय को पूरा करने हेतु लेखानुदान की मांग की जाती है।
- अन्य शब्दों में यह बजट पारित होने से पहले के प्रशासनिक व्यय हेतु आवश्यकता की पूर्ति हेतु एक अग्रिम मांग है।
- प्रश्नगत शेष विकल्प सुमेलित हैं।
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64. ध्यानाकर्षण सूचना के प्रावधान ने निम्नलिखित में से किसके क्षेत्र को सीमित किया है?
(a) अल्पावधि चर्चा
(b) प्रश्नकाल
(c) स्थगन प्रस्ताव
(d) शून्यकाल
[U.P.P.C.S. (Pre) 2010]
उत्तर-(c) स्थगन प्रस्ताव
- ‘ध्यानाकर्षण’ की संकल्पना भारत की देन है।
- यह आधुनिक संसदीय प्रक्रिया की एक नवीन संकल्पना है और इसमें प्रश्न तथा अनुपूरक प्रश्न पूछे जाते हैं।
- इसमें सदस्यों को अविलंबनीय लोक महत्व के विषय में सरकार की विफलता अथवा उसके द्वारा की गई अपर्याप्त कार्यवाही को सामने लाने का अवसर मिलता है।
- यह ‘स्थगन प्रस्ताव’ के सदृश है, परंतु इसमें ‘निंदा’ का पक्ष नहीं होता।
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65. भारत की संसद किसके / किनके द्वारा मंत्रिपरिषद के कृत्यों के ऊपर नियंत्रण रखती है?
1. स्थगन प्रस्ताव
2. प्रश्नकाल
3. अनुपूरक प्रश्न
नीचे दिए गए कूट का प्रयोग कर सही उत्तर चुनिए-
(a) केवल 1
(b) केवल 2 और 3
(c) केवल 1 और 3
(d) 1, 2 और 3
[U.P.P.C.S. (Pre) 2017]
उत्तर-(d) 1, 2 और 3
- भारत की संसद स्थगन प्रस्ताव, प्रश्नकाल तथा अनुपूरक प्रश्न के द्वारा मंत्रिपरिषद के कृत्यों पर नियंत्रण रखती है, जिसे इस प्रकार समझा जा सकता है-
- स्थगन प्रस्ताव – स्थगन प्रस्ताव का उद्देश्य यह होता है कि वर्तमान अर्थात तात्कालिक संसदीय प्रक्रिया को रोककर अविलंबनीय लोक महत्व के मुद्दे पर चर्चा की जाए।
- प्रश्नकाल – लोक सभा की बैठक का पहला घंटा और राज्य सभा में दूसरा घंटा प्रश्नकाल कहलाता है।
- दोनों सदनों में प्रश्नकाल के दौरान एक घंटे तक प्रश्न किए जाते हैं और उनके उत्तर दिए जाते हैं।
- अनुपूरक प्रश्न – संसद के प्रत्येक सदन में प्रश्न सामान्यतया मंत्रियों से पूछे जाते हैं और वे प्रश्न तीन श्रेणियों के होते हैं- तारांकित, अतारांकित एवं अल्पसूचना प्रश्न।
- तारांकित प्रश्नों का उत्तर सदन में मौखिक रूप से दिया जाता है तथा उत्तर के संतोषजनक न होने पर मुख्य प्रश्न से संबंधित अनुपूरक प्रश्न पूछे जा सकते हैं।
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66. कथन (A): रा.ज.ग. सरकार लोक सभा के नियम 184 के अंतर्गत वाद-विवाद (discussion) पसंद नहीं करती है।
कारण (R): इस नियम में वाद-विवाद के साथ-साथ मतदान का भी प्रावधान है।
नीचे दिए गए कूट का प्रयोग कर अपना उत्तर चुनिए:
कूट :
(a) (A) तथा (R) दोनों सत्य हैं और (R), (A) की सही व्याख्या है।
(b) (A) तथा (R) दोनों सत्य हैं, किंतु (R), (A) की सही व्याख्या नहीं है।
(c) (A) सही है, किंतु (R) गलत है।
(d) (A) गलत है, किंतु (R) सही है।
[U.P.P.C.S. (Pre) 2001, U.P.U.D.A./L.D.A. (Pre) 2002]
उत्तर- (a) (A) तथा (R) दोनों सत्य हैं और (R), (A) की सही व्याख्या है।
- कथन, कारण दोनों सही हैं और (R), (A) की सही व्याख्या है।
- नियम 184 के तहत जनहित के किसी मुद्दे पर लाए गए प्रस्ताव पर लोक सभा में बहस के बाद मतदान होता है और यदि सरकार के पक्ष में कम मत पड़े तो सरकार के गिरने का खतरा रहता है।
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67. लोक सभा के प्रक्रिया और कार्य संचालन नियम के अंतर्गत नियम 377 के अधीन लोक सभा के सदस्यों द्वारा एक दिन में अधिकतम कितने मामले उठाए जा सकते हैं?
(a) 19
(b) 20
(c) 21
(d) 22
[R.A.S/R.T.S. (Pre) 2018]
उत्तर-(b) 20
- वर्ष 2005 में नियम 377 के अंतर्गत लोक सभा में सदस्यों द्वारा उठाए जाने वाले मामलों की संख्या को प्रतिदिन 15 से बढ़ाकर 20 कर दिया गया था तथा पुनः 2015 में इसे और बढ़ाकर 30 कर दिया गया, ताकि अधिक सदस्य अपने मुद्दे उठा सकें।
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68. संसदीय प्रक्रिया में गिलोटिन का क्या अर्थ है?
(a) विधेयक पर बहस को बंद कर देना
(b) विधेयक पर बहस को जारी रखना
(c) सदस्यों द्वारा सदन का बहिष्कार
(d) सदन को स्थगित कर देना
(e) सदन को दिन भर के लिए स्थगित कर देना
[Chhattisgarh P.C.S. (Pre) 2017]
उत्तर- (a) विधेयक पर बहस को बंद कर देना
- गिलोटिन (Guillotine) समापन का एक अन्य रूप है।
- इसका अर्थ है जारी कार्य से संबंधित लंबित प्रस्ताव या प्रस्तावों पर, चर्चा हेतु आवंटित समय समाप्त हो जाने पर सभापति (राज्य सभा) या अध्यक्ष (लोक सभा) द्वारा मत लिया जाना।
- समापन के विपरीत प्रयोग किए जाने वाले गिलोटिन से पूर्व कोई प्रस्ताव उपस्थित नहीं किया जाता।
- सभापति या अध्यक्ष बिना किसी और चर्चा के प्रस्ताव पर तत्काल मत ले लेता है।
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69. भारतीय राजनीति के संदर्भ में निम्नलिखित में से कौन-सा कथन सही है?
(a) योजना आयोग की जवाबदेही संसद के प्रति है।
(b) राष्ट्रपति संसद के किसी एक सदन के सत्राधीन न होने पर ही अध्यादेश जारी कर सकते हैं।
(c) उच्चतम न्यायालय के न्यायाधीश के रूप में नियुक्ति होने की न्यूनतम आयु 40 वर्ष है।
(d) राष्ट्रीय विकास परिषद केंद्रीय वित्त मंत्री और सभी राज्यों के मुख्यमंत्रियों से ही गठित होती है।
[I.A.S. (Pre) 2002]
उत्तर-(b) राष्ट्रपति संसद के किसी एक सदन के सत्राधीन न होने पर ही अध्यादेश जारी कर सकते हैं।
- भारतीय संविधान के अनुच्छेद 123 के अंतर्गत राष्ट्रपति अध्यादेश जारी कर सकते हैं, किंतु राष्ट्रपति ऐसा तभी कर सकते हैं, जब संसद का कोई एक सदन या दोनों सदन सत्राधीन न हो। राष्ट्रीय विकास परिषद में प्रधानमंत्री, सभी केंद्रीय कैबिनेट मंत्री, सभी राज्यों के मुख्यमंत्री, सभी केंद्रशासित प्रदेशों के मुख्यमंत्री/प्रशासक, योजना/ नीति आयोग के सदस्य और सचिव शामिल होते हैं।
- अतः प्रश्नगत विकल्पों में केवल विकल्प (b) का कथन सही है।
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70. निम्नलिखित कथनों का परीक्षण करें और नीचे दिए गए कूट से सही उत्तर चुनें :
1. संपत्ति का अधिकार अब मूलभूत अधिकार नहीं है।
2. राज्य सभा एक वित्तीय बिल को रोक सकती है।
3. भारतीय संविधान की प्रस्तावना में 42 वें संशोधन द्वारा धर्मनिरपेक्ष तथा लोकतांत्रिक शब्द बढ़ाया गया है।
4. संसद के दोनों सदनों में कोई विवाद लोक सभा अध्यक्ष की व्यवस्था द्वारा सुलझाया जा सकता है।
कूट :
(a) 1 व 2
(b) 1 व 3
(c) 1 व 4
(d) 2 व 3
[U.P.P.C.S. (Mains) 2007]
उत्तर- (a) 1 व 2
- यदि कोई वित्त विधेयक धन विधेयक नहीं है, तो राज्य सभा इसे साधारण विधेयक की भांति रोक सकती है।
- तथापि यदि कोई वित्त विधेयक धन विधेयक है, तो राज्य सभा इसे मात्र 14 दिनों तक रोक सकती है।
- अतः राज्य सभा वित्त विधेयक को रोक सकती है।
- 42 वें संविधान संशोधन, 1976 द्वारा प्रस्तावना में ‘प्रभुत्वसंपन्न लोकतंत्रात्मक गणराज्य’ के स्थान पर ‘प्रभुत्वसंपन्न, समाजवादी, पंथनिरपेक्ष, लोकतंत्रात्मक गणराज्य’ तथा ‘राष्ट्र की एकता’ के स्थान पर ‘राष्ट्र की एकता और अखंडता स्थापित किए गए। अतः कथन (3) गलत है।
- संसद के दोनों सदनों में किसी असहमति की स्थिति में संयुक्त बैठक का प्रावधान है, तथापि ऐसे किसी विवाद को लोक सभा अध्यक्ष की व्यवस्था से सुलझाने का कोई प्रावधान नहीं है।
- 44 वें संविधान संशोधन, 1978 द्वारा संपत्ति के अधिकार को मौलिक अधिकार से हटाकर एक विधिक अधिकार (अनुच्छेद 300-क) बना दिया गया है।
- इस प्रकार अभीष्ट उत्तर विकल्प (a) होगा।
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71. भारतीय संसद का सचिवालय :
(a) संसदीय कार्यमंत्री के अधीन है।
(b) राष्ट्रपति के अधीन है।
(c) सरकार से स्वतंत्र है।
(d) सर्वोच्च न्यायालय के अधीन है।
[M.P. P.C.S. (Pre) 2010]
उत्तर-(c) सरकार से स्वतंत्र है।
- स्वतंत्रता से पूर्व भारतीय विधानमंडल के लिए “सरकार से स्वतंत्र एवं असंबद्ध” पृथक सचिवालय का विचार जनवरी, 1926 में प्रभावी रूप से सामने आया।
- स्वतंत्रता के बाद भी इस विचार को अपना लिया गया।
- संविधान के अनुच्छेद 98 के तहत भारतीय संसद के प्रत्येक सदन के लिए एक पृथक सचिवालय की व्यवस्था है, जो कि सरकार से स्वतंत्र होते हैं।
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72. भारतीय संसद की संप्रभुता प्रतिबंधित है-
(a) भारत के राष्ट्रपति की शक्तियों से
(b) न्यायिक समीक्षा से
(c) विपक्षी दल के नेता से
(d) भारत के प्रधानमंत्री की शक्तियों से
[U.P.P.C.S. (Mains) 2004]
उत्तर-(b) न्यायिक समीक्षा से
- भारतीय संविधान के तहत संसद सर्वोच्च विधि निर्मात्री संस्था है, परंतु उसके द्वारा निर्मित विधि संविधान के मौलिक ढांचे का अतिक्रमण न करे, इस हेतु सर्वोच्च न्यायालय उसकी न्यायिक समीक्षा कर सकता है।
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73. भारतीय संसद का स्वर्ण जयंती समारोह मनाया गया था-
(a) 1-1-1997 को
(b) 15-8-1997 को
(c) 26-1-2002 को
(d) 13-5-2002 को
[U.P. P.C.S. (Mains) 2008]
उत्तर-(d) 13-5-2002 को
- 13 मई, 2002 को भारतीय संसद की औपचारिक स्थापना (प्रथम लोक सभा चुनाव के पश्चात 13 मई, 1952 को प्रारंभ प्रथम अधिवेशन से) के 50 वर्ष पूर्ण होने के उपलक्ष्य में भारतीय संसद का स्वर्ण जयंती समारोह मनाया गया था।
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74. वह कौन राष्ट्रवादी नेता था, जो 1925 में केंद्रीय विधानसभा का अध्यक्ष (स्पीकर) चुना गया?
(a) मोतीलाल नेहरू
(b) विट्ठल भाई पटेल
(c) वल्लभ भाई पटेल
(d) सी. आर. दास
[U.P.P.C.S. (Pre) 2007]
उत्तर-(b) विट्ठल भाई पटेल
- केंद्रीय विधानसभा (Central Legislative Assembly) का प्रथम अध्यक्ष 1925 में राष्ट्रवादी नेता विट्ठल भाई पटेल को चुना गया था।
- उनका कार्यकाल अगस्त, 1925 से अप्रैल, 1930 तक रहा।
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