प्रेस की स्वतंत्रता तथा सुशासन की गैर-अपवर्जिता (non-exclusivity) के महत्व

प्रश्न: प्रेस की स्वतंत्रता और सुशासन परस्पर अपवर्जी नहीं हैं। देश के आर्थिक और मानव विकास को प्रोत्साहित करते हुए ये एक दूसरे को समर्थन प्रदान करते हैं। टिप्पणी कीजिए।

दृष्टिकोण

  • प्रेस की स्वतंत्रता तथा सुशासन की गैर-अपवर्जिता (non-exclusivity) के महत्व के साथ उत्तर का आरम्भ कीजिए।
  • देश के आर्थिक विकास एवं मानव विकास हेतु महत्वपूर्ण परस्पर अपवर्जिता को समर्थन प्रदान करने वाले तर्क प्रस्तुत कीजिए।
  • उत्तर के अंत में निष्कर्ष प्रस्तुत कीजिए।

उत्तर

सुशासन का अर्थ किसी समाज की विधि का शासन, भाषण एवं अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता तथा पारदर्शी और उत्तरदायी सरकार का आश्वासन प्रदान करने वाली क्षमता से है। इस संदर्भ में एक स्वतंत्र प्रेस या मीडिया निम्नलिखित के माध्यम से सुशासन को सुनिश्चित करने का एक महत्वपूर्ण उपकरण बन जाता है:

  • नागरिक सशक्तिकरण: मीडिया प्रामाणिक, निष्पक्ष तथा विश्वसनीय सूचना उपलब्ध कराने के माध्यम से देश की सामाजिक, आर्थिक और राजनीतिक प्रक्रिया में लोगों की सहभागिता में वृद्धि करता है। अंततोगत्वा यह मत, तथ्यों एवं विचारों की बहुलता को प्रेरित करता है जो लोकतंत्र की जड़ों को मजबूत तथा अपेक्षाकृत अधिक गहरा बनाता है।
  • उत्तरदायित्व: सुशासन में उत्तरदायित्व को सुगम बनाने हेतु एक बहुलवादी एवं स्वतंत्र मीडिया अत्यावश्यक है। प्रेस अभी भी सरकार की गतिविधियों के सार्वजनिक मूल्यांकन को सम्पादित करने हेतु एक केन्द्रीय वाहक बनी हुई है। इसके अतिरिक्त यह सरकार को उत्तरदायी ठहराने हेतु सार्वजनिक चर्चा के लिए एक मंच भी उपलब्ध कराती है।
  • पारदर्शिता: पारदर्शिता का अभाव भ्रष्टाचार को पोषित करता है, जो उल्लेखनीय रूप से विकास प्रक्रियाओं को बाधित करता है। विभिन्न अध्ययन यह दर्शातें हैं कि भ्रष्टाचार की उच्च दर प्राय: प्रेस की स्वतंत्रता के निम्न स्तर से सहसंबंधित होती है। ऐसे परिदृश्य में खोजी पत्रकारिता, पारदर्शी सरकार की एक महत्वपूर्ण मित्र सिद्ध होती है। इस प्रकार यह विकास प्रक्रियाओं की प्रभावशीलता एवं वैधता में वृद्धि करती है। इसके अतिरिक्त यह हितों के संघर्षों से संबंधित दृष्टान्तों को प्रकाश में लाने हेतु नागरिकों को सशक्त तथा सचेतकों (व्हिसल ब्लोअर्स) को प्रोत्साहित करती है।
  • विधि का शासन: स्वतंत्र प्रेस, विधि के शासन के अनुपालन, अन्वेषण एवं रिपोर्टिंग तथा न्यायालयों की पारदर्शिता को बढ़ावा देती है तथा साथ ही विधायी और प्रशासनिक कार्यवाहियों, अधिकारियों व सार्वजनिक दस्तावेजों तक पहुँच को प्रोत्साहित करती है।
  • निर्धनता निवारण: विधि के शासन, उत्तरदायित्व एवं पारदर्शिता के साथ सुशासन को बढ़ावा देने के माध्यम से यह सरकारी कार्यक्रमों की व्यापक पहँच और प्रभावी कार्यान्वयन को सनिश्चित करती है। इसके साथ ही यह लोक सेवकों की गतिविधियों पर निगरानी रखती है। इस प्रकार यह निर्धनता निवारण एवं समावेशी आर्थिक विकास में सहयोग करती है।
  • मानवाधिकार: अल्पसंख्यक एवं कमजोर वर्गों से संबंधित मानवाधिकार उल्लंघन के मामलों की रिपोर्टिंग और भर्त्सना द्वारा एक स्वतंत्र तथा पारदर्शी मीडिया सूचना के एक विश्वसनीय स्त्रोत के रूप में कार्य कर सकती है। जिसे आधार बना कर नागरिक समाज संगठन तथा लोक प्राधिकरण मनमाने दुर्व्यवहार की घटनाओं में कमी लाने का कार्य कर सकते हैं।
  • स्वतंत्र प्रेस को सशक्त करना: स्वतंत्र प्रेस सुशासन हेतु अत्यधिक महत्वपूर्ण है जिसके बदले में सुशासन भी स्वतंत्र प्रेस की पूर्वापेक्षा है।

स्वतंत्र मीडिया एक प्रकाश-स्तम्भ की भांति होती हैं जिसका स्वागत किया जाना चाहिए विशेषकर जब छुपाने के लिए कुछ न हो और सुधार करने के लिए काफी संभावनाएं विद्यमान हों। सुशासन के सभी पहलू एक मजबूत एवं स्वतंत्र मीडिया के परिवेश द्वारा ही सुसाध्य बनाए जाते हैं। सुशासन की प्राप्ति तब हो सकती है जब पत्रकार प्रशासन की नीतियों एवं कार्यवाहियों की निगरानी, अन्वेषण तथा आलोचना करने हेतु स्वतंत्र होते हैं।

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