1. आपूर्ति श्रृंखला लचीलापन पहल (SCRI) के बारे में निम्नलिखित कथनों को पढ़िए –
(i) अंतरराष्ट्रीय व्यापार के संबंध में आपूर्ति श्रृंखला लचीलापन एक दृष्टिकोण है, जो एक देश की किसी अप्रत्याशित स्थिति में आयात की निर्वाध आपूर्ति को सुनिश्चित करने में मदद करता है।
(ii) यह पांच देशों की एक पहल है, भारत उनमें से एक है।
सही कूट चुनिए –
(a) केवल (i) सत्य है
(b) केवल (ii) सत्य है
(c) न ही (i) और ना ही (ii) सत्य है
(d) दोनों (i) और (ii) सत्य हैं
[R.A.S./R.T.S. (Pre) 2021]
उत्तर- (a) केवल (i) सत्य है
- भारत, जापान और ऑस्ट्रेलिया के व्यापार मंत्रियों ने 27 अप्रैल, 2021 को औपचारिक रूप से आयोजित त्रिपक्षीय मंत्रिस्तरीय बैठक में आपूर्ति श्रृंखला को बेहतर बनाने की पहल की औपचारिक शुरुआत की।
- यह पहल अंतरराष्ट्रीय व्यापार के संबंध में आपूर्ति श्रृंखला लचीलापन एक दृष्टिकोण है, जो एक देश की किसी अप्रत्याशित स्थिति में आयात की निर्बाध आपूर्ति को सुनिश्चित करने में मदद करता है।
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2. वर्तमान में भारत के अंतरराष्ट्रीय व्यापार के संदर्भ में निम्नलिखित में से कौन-सा/से कथन सही है/हैं?
1. भारत के माल का निर्यात, माल के आयात से कम है।
2. भारत के लोहे व इस्पात, रसायनों, उर्वरकों और मशीनों के आयात में हाल के वर्षों में कमी आयी है।
3. भारत की सेवाओं का निर्यात, सेवाओं के आयात से अधिक है।
4. भारत को कुल मिलाकर व्यापार/चालू खाते का घाटा हो रहा है।
नीचे दिए गए कूट का प्रयोग कर सही उत्तर चुनिए :
(a) केवल 1 और 2
(b) केवल 2 और 4
(c) केवल 3
(d) केवल 1, 3 और 4
[I.A.S. (Pre) 2020]
उत्तर- (d) केवल 1, 3 और 4
- आर्थिक समीक्षा 2020-21 के अनुसार, अप्रैल-दिसंबर, 2020-21 के दौरान, भारत ने 200.8 बिलियन डॉलर मूल्य का माल निर्यात किया और 258.3 बिलियन डॉलर मूल्य का माल आयात किया।
- अतः कथन (1) सही है।
- भारत के लोहे व इस्पात, रसायनों, उर्वरकों और मशीनों के आयात में हाल के वर्षों में बढ़ोत्तरी आई है न कि कमी।
- अतः कथन (2) गलत है।
- भारत की सेवाओं का निर्यात वर्ष 2019-20 के दौरान 213.19 बिलियन डॉलर का था, जबकि आयात 128.27 बिलियन डॉलर का था।
- अतः कथन (3) सही है।
- आर्थिक सर्वेक्षण 2020-21 के अनुसार, भारत का चालू खाता घाटा पिछले 10 वर्षों में औसतन 2.2 प्रतिशत रहा है।
- यद्यपि यह वित्त वर्ष 2019-20 के अंतिम तिमाही में जी.डी.पी. के 0.1 प्रतिशत सरप्लस हो गया था।
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3. भारत में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश के संदर्भ में, निम्नलिखित में से कौन-सी उसकी प्रमुख विशेषता मानी जाती है?
(a) यह मूलतः किसी सूचीबद्ध कंपनी में पूंजीगत साधनों द्वारा किया जाने वाला निवेश है।
(b) यह मुख्यतः ऋण सृजित न करने वाला पूंजी प्रवाह है।
(c) यह ऐसा निवेश है, जिससे ऋण-समाशोधन अपेक्षित होता है।
(d) यह विदेशी संस्थागत निवेशकों द्वारा सरकारी प्रतिभूतियों में किया जाने वाला निवेश है।
[I.A.S. (Pre) 2020]
उत्तर- (b) यह मुख्यतः ऋण सृजित न करने वाला पूंजी प्रवाह है।
- प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (FDI), भारत के बाहर के निवासी व्यक्तियों द्वारा गैर-सूचीबद्ध भारतीय कंपनियों की पूंजीगत लिखतों के माध्यम से किया गया निवेश है।
- अथवा सूचीबद्ध भारतीय कंपनी की पूर्णतः डाइल्यूटेड आधार पर जारी प्रदत्त इक्विटी के 10 प्रतिशत तक अथवा उससे अधिक किया गया निवेश है।
- अतः विकल्प (a) गलत है।
- प्रत्यक्ष विदेशी निवेश, भारतीय कंपनियों द्वारा जारी इक्विटी शेयर, डिबेंचर और अधिमान शेयर में किया जाने वाला निवेश है।
- अतः FDI सरकारी प्रतिभूतियों में किया जाने वाला निवेश नहीं।
- अतः विकल्प (d) गलत है।
- इस तरह के निवेश में ऋण-समाशोधन आपेक्षित नहीं होता है।
- अतः विकल्प (c) सही नहीं है।
- FDI से घरेलू अर्थव्यवस्था में नई पूंजी, नई प्रौद्योगिकी आती है और रोजगार के मौके बढ़ते हैं।
- यह मुख्यतः ऋण सृजित न करने वाली पूंजी प्रवाह है।
- अतः विकल्प (b) सही उत्तर है।
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4. यदि निकट भविष्य में दूसरा वैश्विक वित्तीय संकट होता है, तो निम्नलिखित में से कौन-सा कार्य/नीतियां, भारत को सबसे अधिक संभावना के साथ, कुछ उन्मुक्ति प्रदान कर सकती है/हैं?
1. अल्पकालीन विदेशी ऋणों पर निर्भर न रहना
2. कुछ और विदेशी बैंकों को प्रारंभ करना
3. पूंजी खाते में पूर्ण परिवर्तनीय को बनाए रखना
नीचे दिए गए कूट का प्रयोग कर सही उत्तर चुनिए :
(a) केवल 1
(b) केवल 1 और 2
(c) केवल 3
(d) 1, 2 और 3
[I.A.S. (Pre) 2020]
उत्तर- (a) केवल 1
- यदि निकट भविष्य में दूसरा वैश्विक वित्तीय संकट होता है, तो अल्पकालीन विदेशी ऋणों पर निर्भर न रहना भारत को कुछ उन्मुक्ति प्रदान कर सकती है।
- कुछ और विदेशी बैंकों को प्रारंभ करना वैश्विक अर्थव्यवस्था में बढ़ा हुआ जोखिम होगा।
- मुद्रा परिवर्तनीय उस स्थिति को प्रदर्शित करता है, जिसमें एक मृदा किसी भी विदेशी मुद्रा में परिवर्तित हो सकती है अथवा प्रचलित विनिमय दर पर बिना किसी सरकार के हस्तक्षेप के परिवर्तित हो सकती है।
- भारत में वर्तमान में चालू खाते पर रुपये की पूर्ण परिवर्तनीयता लागू है, जबकि पूंजी खाते पर अनुमति अनिवार्य है।
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5. भारत सरकार का कौन-सा मंत्रालय भारत की विदेश व्यापार नीति से संबंधित है?
(a) रक्षा मंत्रालय
(b) विदेश मंत्रालय
(c) वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय
(d) गृह मंत्रालय
[M.P. P.C.S. (Pre.), 2019]
उत्तर- (c) वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय
- भारत सरकार का वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय भारत की विदेश व्यापार नीति से संबंधित है।
- वर्तमान समय में पीयूष गोयल केंद्रीय वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री हैं।
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6. नीचे दो कथन दिए गए हैं, एक अभिकथन (A) तथा दूसरे को कारण (R) से चिह्नित किया गया है –
अभिकथन (A): जब एक देश के भुगतान उसके व्यापार में वस्तुओं, सेवाओं, स्थानांतरण एवं विशुद्ध आय की प्राप्तियों से अधिक हो जाते हैं, तब उसे चालू खाता घाटा (CAD) कहा जाता है।
कारण (B) : चालू खाता (CAD) तब होता है, जब एक देश वस्तुओं, सेवाओं एवं पूंजी का अधिक निर्यात करता है।
नीचे दिए गए कूट में से सही उत्तर का चयन कीजिए।
कूट :
(a) दोनों (A) तथा (R) सत्य हैं तथा (R), (A) की सही व्याख्या करता है।
(b) दोनों (A) तथा (R) सत्य हैं तथा (R), (A) की सही व्याख्या नहीं करता है।
(c) (A) सत्य है, किंतु (R) असत्य है।
(d) (A) असत्य है, किंतु (R) सत्य है।
[U.P.R.O./A.R.O. (Re-Exam) (Pre) 2016]
उत्तर- (c) (A) सत्य है, किंतु (R) असत्य है।
- एक वित्तीय वर्ष में दृश्य और अदृश्य मदों के आयात-निर्यात का योग ही ‘चालू खाता’ (Current Account) कहलाता है।
- यदि एक वित्तीय वर्ष में दृश्य व अदृश्य मदों का आयात, निर्यात से अधिक होता है, तो वह स्थिति ‘चालू खाता घाटा’ (CAD: Current Account Deficit) कहलाता है।
- चालू खाता घाटा = दृश्य एवं अदृश्य मदों का आयात दृश्य एवं अदृश्य मदों का निर्यात अथवा, दूसरे शब्दों में कहा जा सकता है कि “जब एक देश के भुगतान उसके व्यापार में वस्तुओं, सेवाओं, स्थानांतरण एवं विशुद्ध आय की प्राप्तियों से अधिक हो जाते हैं, तब उसे चालू खाता घाटा (Current Account Deficit) कहा जाता है।
- अतः कथन (A) सत्य है, किंतु कारण (R) असत्य है।
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7. एक ‘बंद अर्थव्यवस्था’ वह अर्थव्यवस्था है, जिसमें-
(a) मुद्रा-पूर्ति पूर्ण रूप से नियंत्रित है
(b) घाटा वित्तीयन होता है
(c) केवल निर्यात होते हैं
(d) न निर्यात और न ही आयात होते हैं
[M.P.P.C.S. (Pre) 2017, I.A.S. (Pre) 2011]
उत्तर- (d) न निर्यात और न ही आयात होते हैं
- बंद अर्थव्यवस्था (Closed Economy) से तात्पर्य ऐसी अर्थव्यवस्था से है, जो विदेशी व्यापार से अलग होती है।
- ऐसी अर्थव्यवस्था में अन्य अर्थव्यवस्थाओं के साथ न तो निर्यात होता है और न ही आयात।
- दूसरे शब्दों में, बंद अर्थव्यवस्था वाले देश का अन्य देशों के साथ वस्तुओं, सेवाओं, पूंजी आदि का आदान-प्रदान नहीं होता है।
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8. व्यापार संतुलन में निम्नलिखित में से कौन सम्मिलित होता है?
(a) माल
(b) सेवाएं
(c) भुगतान का हस्तांतरण
(d) उपर्युक्त सभी
[U.P. P.C.S (Mains) 2016]
उत्तर- (a) माल
- दो देशों के मध्य किसी अवधि में हुए आयात तथा निर्यात के मौद्रिक मूल्य के अंतर को व्यापार संतुलन कहते हैं।
- किसी देश के लिए जब निर्यात मूल्य आयात मूल्य की तुलना में अधिक होता है तो देश व्यापार अधिशेष में, जबकि निर्यात की तुलना में आयात अधिक होने पर देश व्यापार घाटे की स्थिति में होता है।
- व्यापार संतुलन में केवल व्यापार की दृश्य मदें (वस्तुएं या माल) शामिल की जाती है।
- इसके विपरीत भुगतान संतुलन में दृश्य मदों के साथ-साथ अदृश्य मदें (बीमा एवं बैंकिंग सेवाएं, भाड़ा, रॉयल्टी आदि के भुगतान, ऋण व ब्याज संबंधी भुगतान आदि) भी सम्मिलित की जाती हैं।
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9. कथन (A): आर्थिक उदारीकरण की एक महत्वपूर्ण नीति साधन है, पूंजीगत माल पर आयात शुल्क में कमी।
कारण (R) : आयात शुल्क में कमी से स्थानीय उद्यमियों को विश्व बाजार का सामना करने के लिए प्रौद्योगिकी का सुधार करने में सहायता मिलेगी।
ऊपर के दोनों वक्तव्यों के संदर्भ में, निम्नलिखित में से कौन-सा सही है?
(a) (A) और (R) दोनों सही है, (A) की सही व्याख्या (R) करता है।
(b) (A) और (R) दोनों सही हैं, परंतु (A) की सही व्याख्या (R) नहीं करता है।
(c) (A) सही है, परंतु (R) गलत है।
(d) (A) गलत है, परंतु (R) सही है।
[I.A.S. (Pre) 1999]
उत्तर- (b) (A) और (R) दोनों सही हैं, परंतु (A) की सही व्याख्या (R) नहीं करता है।
- भारत द्वारा वर्ष 1991 से अधिग्रहीत नई आर्थिक नीति का एक महत्वपूर्ण घटक-उदारीकरण है। इसके अंतर्गत भारतीय अर्थव्यवस्था के विनियमन को उदार बनाया जाता है अर्थात आर्थिक गतिविधियों को बाजार के अनुसार, संचालित होने की स्वतंत्रता दी जाती है।
- आयात शुल्क में कमी भी इसका एक महत्वपूर्ण नीति साधन है।
- इस उद्देश्य को ध्यान में रखते हुए 90 के दशक एवं इसके उपरांत भी आयात शुल्कों (पूंजीगत माल पर आयात शुल्क भी) में केंद्र सरकार द्वारा क्रमशः कमी की गई।
- पूंजीगत माल पर आयात शुल्क में कमी से भारतीय उद्यमियों के लिए आयातित पूंजीगत माल एवं तकनीक पूर्व की अपेक्षा सस्ती दर पर एवं सुविधापूर्वक प्राप्त हुई, जिससे उनकी उत्पादन क्षमता में सुधार हुआ और वैश्विक स्तर पर उनकी प्रतियोगितात्मक (Competitive) क्षमता में वृद्धि हुई।
- अतः कथन एवं कारण दोनों सत्य हैं, जबकि कारण, कथन की सही व्याख्या नहीं करता है क्योंकि प्रौद्योगिकी में सुधार आर्थिक
उदारीकरण से स्वतंत्र है।
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10. निम्नलिखित में से कौन माल के आयात हेतु विदेशी विनिमय की स्वीकृति देता है?
(a) कोई भी राष्ट्रीयकृत बैंक
(b) विनिमय बैंक
(c) भारतीय रिजर्व बैंक
(d) वित्त मंत्रालय
[U.P.P.C.S. (Pre) 2011]
उत्तर- (b) विनिमय बैंक
- माल के आयात हेतु आयातक विदेशी विनिमय की प्राप्ति के लिए भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) द्वारा अधिकृत विनिमय बैंकों के माध्यम से स्वीकृति प्राप्त कर सकते हैं।
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11. भारत में जिंसों (कमोडिटीज) के निर्यात की श्रेणी है/हैं-
(a) परंपरागत निर्यात-वस्तु
(b) अपरंपरागत किंतु अनिश्चितता वाली वस्तु
(c) अपरंपरागत अच्छी संभावना वाली वस्तु
(d) उपर्युक्त सभी
[U.P.P.C.S. (Mains) 2017]
उत्तर- (d) उपर्युक्त सभी
- वर्तमान में भारतीय निर्यात को मोटे तौर पर चार वर्गों में बांट सकते हैं-
1. कृषि और संबंधित उत्पाद जिसमें कॉफी, चाय, खली, गरम मसाले, सूखे मेवे, फल, सब्जियां आदि।
2. अयस्कों और खनिजों में मैगनीज अयस्क, अभ्रक, कच्चा लोहा आदि।
3. इंजीनियरिंग वस्तुएं, निर्मित वस्तुओं में सूती वस्त्र, सिले- सिलाए वस्त्र, पटसन की वस्तुएं, चमड़े के सामान आदि।
4. खनिज, ईंधन और लुब्रिकेन्ट्स आदि।
- भारत ने धीरे-धीरे स्वतंत्रता पूर्व परंपरागत उत्पाद निर्यात करने वाले देशों से वर्तमान में गैर-परंपरागत उत्पादित वस्तुओं के निर्यातक के रूप में स्वयं को परिवर्तित कर लिया है।
- फिर भी परंपरागत वस्तुओं का अभी भी निर्यात हो रहा है, लेकिन गैर-परंपरागत वस्तुओं की तुलना में कम।
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12. भारत द्वारा सबसे अधिक विदेशी मुद्रा किस वस्तु के आयात पर व्यय की जाती है?
(a) पेट्रोलियम पदार्थ
(b) उर्वरक
(c) हथियार
(d) विद्युत गृह मशीनरी
[M.P.P.C.S. (Pre) 1995]
उत्तर- (a) पेट्रोलियम पदार्थ
- प्रश्नकाल तथा आर्थिक समीक्षा, 2021-22 के अनुसार भी विकल्प (a) सही उत्तर है।
- आर्थिक समीक्षा, 2021-22 के अनुसार भी वर्ष 2020-21 में भारत द्वारा शीर्ष आयातित मद पेट्रोलियम ऑयल एवं लुब्रिकेंट्स (611353 करोड़ रुपये) ही है।
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13. भारत को सर्वाधिक एल. एन. जी. की आपूर्ति करता है-
(a) ईरान
(b) कुवैत
(c) कतर
(d) सऊदी अरब
[U.P.P.C.S. (Mains) 2011]
उत्तर- (c) कतर
- प्रश्नकाल तथा मई, 2020 में यूएस. एनर्जी इन्फार्मेशन एडमिनिस्ट्रेशन द्वारा जारी आंकड़ों के अनुसार भी भारत को सर्वाधिक L.N.G. की आपूर्ति कतर ही करता है।
- मई, 2020 में यू.एस. एनर्जी इन्फार्मेशन द्वारा जारी आंकड़ों के अनुसार, भारत विश्व का चौथा सबसे बड़ा L.N.G. आयातक देश है।
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14. भारत के आयात का सबसे बड़ा भाग (मूल्य में) प्राप्त होता है-
(a) चीन से
(b) संयुक्त अरब अमीरात से
(c) सऊदी अरब से
(d) संयुक्त राज्य अमेरिका से
[U.P.P.C.S. (Mains) 2010, U.P.U.D.A/L.D.A (Pre) 2010]
उत्तर- (a) चीन से
- प्रश्नकाल तथा वर्ष 2020-21 में भी भारत के कुल आयात (मूल्य) में सर्वाधिक हिस्सा चीन से आयात का था।
- आर्थिक समीक्षा, 2021-22 में जारी आंकड़ों के अनुसार वर्ष 2020-21 में विकल्पगत देशों से भारतीय आयात (अमेरिकी डॉलर) का हिस्सा निम्न है- क्रमशः चीन (65212 मिलियन), सं.रा. अमेरिका (28888 मिलियन), यू.ए.ई. (26624 मिलियन) तथा सऊदी अरब (16187 मिलियन)।
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15. निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिए :
1. पिछले दशक में भारत-श्रीलंका व्यापार के मूल्य में सतत वृद्धि हुई है।
2. भारत और बांग्लादेश के बीच होने वाले व्यापार में “कपड़े और कपड़े से बनी चीजों” का व्यापार प्रमुख है।
3. पिछले पांच वर्षों में, दक्षिण एशिया में भारत के व्यापार का सबसे बड़ा भागीदार नेपाल रहा है।
उपर्युक्त कथनों में से कौन-सा/से सही है/हैं?
(a) केवल 1 और 2
(b) केवल 2
(c) केवल 3
(d) 1, 2 और 3
[I.A.S. (Pre) 2020]
उत्तर- (b) केवल 2
- भारत-बांग्लादेश व्यापार में वस्त्र और कपड़ा व्यापार कुल व्यापार का लगभग 30 प्रतिशत है।
- अतः कथन (2) सही है।
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16. निम्नलिखित में से कौन-सा, कभी-कभी समाचारों में दिखने वाले पद ‘आयात आवरण’ (इंपोर्ट कवर) का सर्वोत्तम वर्णन करता है?
(a) यह किसी देश के आयात मूल्य एवं सकल घरेलू उत्पाद के अनुपात को बताता है
(b) यह किसी देश के एक वर्ष में आयात के कुल मूल्य को बताता है
(c) यह दो देशों के बीच निर्यात एवं आयात के मूल्यों के अनुपात को बताता है
(d) यह उन महीनों की संख्या बताता है जितने महीनों के आयात का भुगतान देश के अंतरराष्ट्रीय रिजर्व द्वारा किया जा सकता है
[I.A.S. (Pre) 2016]
उत्तर- (d) यह उन महीनों की संख्या बताता है जितने महीनों के आयात का भुगतान देश के अंतरराष्ट्रीय रिजर्व द्वारा किया जा सकता है
- ‘आयात आवरण’ (इंपोर्ट कवर) उन महीनों की संख्या बताता है, जितने महीनों के आयात का भुगतान देश के अंतरराष्ट्रीय रिजर्व द्वारा किया जा सकता है।
- आर्थिक समीक्षा, 2021-22 के अनुसार, 31 दिसंबर, 2021 तक भारत का विदेशी मुद्रा भंडार 633.6 बिलियन अमेरिकी डॉलर रहा, जिससे 13.2 माह तक आयात का भुगतान किया जा सकता है।
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17. हल्दिया बंदरगाह से कौन-सी वस्तु आयात की जाती है-
(a) मत्स्य
(b) इस्पात
(c) हैवी मशीन टूल्स
(d) पेट्रोलियम पदार्थ
[U.P.P.C.S. (Pre) 1992]
उत्तर- (d) पेट्रोलियम पदार्थ
- पश्चिम बंगाल स्थित हल्दिया बंदरगाह से आयात की जाने वाली प्रमुख वस्तुएं हैं – उर्वरक, उर्वरक हेतु आवश्यक कच्चा माल, खाद्यान्न, चीनी, अखबारी कागज, कुकिंग कोल, पेट्रोलियम कोक, चूना पत्थर, लौह एवं इस्पात, मशीनरी, स्क्रैप, सब्जियां इत्यादि।
- उपर्युक्त विकल्पों में से तीन विकल्प पेट्रोलियम पदार्थ, इस्पात तथा मशीनरी जिसमें हैवी मशीन टूल्स शामिल हैं का हल्दिया बंदरगाह से आयात किया जाता है।
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18. आयात की प्रक्रिया आरंभ होती है-
(a) इंडेंट से
(c) सामुद्रिक बीमा से
(b) मेट की रसीद से
(d) जहाजी बिल से
[U.P.P.C.S. (Pre) 2011, U.P.P.C.S. (Mains) 2011]
उत्तर- (a) इंडेंट से
- आयातक सर्वप्रथम भारतीय रिजर्व बैंक के पास आयात के लिए अभीष्ट विदेशी विनिमय हेतु आवेदन करता है।
- विदेशी विनिमय स्वीकृत होने के पश्चात आयातक इंडेंट के माध्यम से निर्यातक को आपूर्ति हेतु ऑर्डर देता है, जिससे आयात की प्रक्रिया प्रारंभ होती है।
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19. साख-पत्र (L/C) दिया जाता है-
(a) एक निर्यातकर्ता द्वारा
(b) एक आयातकर्ता द्वारा
(c) सीमा शुल्क अधिकारियों द्वारा
(d) जहाजी कंपनी द्वारा
[U.P.P.C.S. (Pre) 2011]
उत्तर- (b) एक आयातकर्ता द्वारा
- अंतरराष्ट्रीय व्यापार में साख-पत्र (L/C : Letter of Credit) एक भुगतान सुनिश्चित करने संबंधी दस्तावेजी साख (Documentary Credit) है जो आयातकर्ता के निवेदन पर किसी वित्तीय संस्थान द्वारा जारी किया जाता है।
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20. भारत से निम्नलिखित में से कौन-सी वस्तु (कमोडिटी) का निर्यात अधिकतम होता है?
(a) कृषि एवं सहसंबद्ध उत्पाद
(b) अभियांत्रिकी माल
(c) वस्त्र
(d) रसायन एवं संबंधित उत्पाद
[U. P. R. O./A.R.O. (Pre) 2014]
उत्तर- (b) अभियांत्रिकी माल
- प्रश्नकाल तथा वर्तमान (वर्ष 2020-21) में भी विकल्पगत वस्तुओं में अभियांत्रिकी वस्तुओं [मशीनरी, परिवहन एवं धातु विनिर्माण (लौह एवं इस्पात सहित)] का निर्यात में सर्वाधिक हिस्सा था/है।
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21. भारत के निर्यात व्यापार में सबसे बड़ा प्रतिशत हिस्सा है-
(a) सिले-सिलाए वस्त्रों का
(b) बिजली द्वारा चालित वस्तुओं का
(c) हीरे-जवाहरात तथा आभूषणों का
(d) चाय तथा कॉफी का
[U.P.P.C.S. (Mains) 2003, U.P.P.C.S. (Spl.) (Mains) 2004]
उत्तर- (c) हीरे-जवाहरात तथा आभूषणों का
- प्रश्नकाल एवं आर्थिक समीक्षा, 2021-22 के अनुसार भी वर्ष 2019-20 एवं वर्ष 2020-21 में भी दिए गए विकल्पों में से हीरे-जवाहरात एवं आभूषणों का भारत से निर्यात (प्रतिशत) में सर्वाधिक हिस्सा था/है।
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22. भारत अधिकतम विदेशी मुद्रा किसके निर्यात से कमाता है?
(a) लोहा
(b) चाय
(c) कपड़ा
(d) रबर
[56th to 59th B. P. S.C. (Pre) 2015]
उत्तर- (c) कपड़ा
- प्रश्नकाल में विकल्पगत वस्तुओं में से भारत सर्वाधिक विदेशी मुद्रा कपड़े के निर्यात से प्राप्त करता था।
- आर्थिक समीक्षा, 2021-22 के अनुसार वर्ष 2020-21 में अधिकतम विदेशी मुद्रा अर्जक निर्यात मद विनिर्मित वस्तुएं (1537194 करोड़ रुपये) रही।
- विनिर्मित वस्तुओं में भी सर्वाधिक विदेशी मुद्रा अर्जक निर्यात मद संयुक्त रूप से मशीनरी, परिवहन व मेटल मैन्युफैक्चर्स (549475 करोड़ रुपये) रही।
- विनिर्मित श्रेणी में ही रसायन एवं संबद्ध उत्पाद (230835 करोड़ रुपये) दूसरी तथा जेम्स एंड ज्वैलरी (191928 करोड़ रुपये) तीसरी सर्वाधिक विदेशी मुद्रा अर्जक वस्तुएं रही।
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23. भारतीय बाजार में विदेशी मुद्रा अर्जित करने के लिए, जो अवसर मिले हुए हैं, वह निम्न में से किस क्षेत्रों में हैं?
1. पर्यटन
2. चिकित्सा संरक्षण
3. परिधान
4. चमड़े का सामान
नीचे दिए कूट में से सही उत्तर का चयन कीजिए –
(a) 1 और 2
(b) 1, 2 और 3
(c) 2, 3 और 4
(d) सभी चारों
[U.P.P.C.S. (Spl.) (Mains) 2008]
उत्तर- (d) सभी चारों
- प्रश्नकाल तथा वर्तमान में भी भारतीय बाजार में विदेशी मुद्रा अर्जित करने के लिए उपर्युक्त सभी क्षेत्रों में पर्याप्त अवसर हैं।
- दिसंबर, 2020 में जारी आंकड़ों के अनुसार, भारत में अप्रैल, 2000 से दिसंबर, 2020 के दौरान होटल और पर्यटन क्षेत्र ने लगभग 15614.62 मिलियन डॉलर का, अस्पताल और डायग्नोस्टिक सेंटर्स ने 7034.17 मिलियन डॉलर का टेक्सटाइल उद्योग ने 3682.70 मिलियन डॉलर तथा चमड़े के सामान में 215.11 मिलियन डॉलर का FDI आकर्षित किया।
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24. हीरे के निर्यात से भारत को काफी अधिक आय होती है। इसमें निम्नलिखित में से किस कारक का योगदान है?
(a) स्वाधीनता से पूर्व देश में हीरों का विशाल संचय जिसे अब निर्यात किया जा रहा है
(b) देश में औद्योगिक हीरों का प्रचुर उत्पादन
(c) विशेषज्ञों की उपलब्धि जो आयातित हीरों की कटाई और पॉ लिश करते हैं ताकि बाद में उनका निर्यात हो सके
(d) देश में पहले की तरह अब भी रत्न हीरों का विशाल मात्रा में उत्पादन है जिनका निर्यात किया जाता है
[I.A.S. (Pre) 1993]
उत्तर- (c) विशेषज्ञों की उपलब्धि जो आयातित हीरों की कटाई और पॉ लिश करते हैं ताकि बाद में उनका निर्यात हो सके
- भारत में हीरे के अपर्याप्त उपलब्धता के बावजूद भारत बड़ी मात्रा में हीरे का निर्यात कर बहुतायत विदेशी मुद्रा प्राप्त करता है।
- ऐसा भारत में हीरे की कटिंग एवं पॉलिशिंग विशेषज्ञों की उपलब्धता से संभव हो पाता है, जो आयातित हीरे को निर्यात योग्य बनाते हैं।
- अप्रैल, 2022 में जेम्स एंड ज्वेलरी एक्सपोर्ट प्रमोशन काउंसिल द्वारा जारी अनंतिम आकड़ों के अनुसार, वर्ष 2021-22 में कट और पॉलिस्ड हीरे का सकल निर्यात 39146 मिलियन डॉलर रहा, जो विगत वर्ष की तुलना में 54.13 प्रतिशत की वृद्धि प्रदर्शित करता है।
- वर्ष 2020-21 में यह निर्यात 25397.26 मिलियन डॉलर का था।
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25. भारत को मध्य-पूर्व के शुष्क और अर्धशुष्क देश निम्नलिखित में से किस पण्य वर्ग का निर्यात करते हैं?
(a) कच्चा ऊन और कालीन
(b) फल और ताड़ तेल
(c) बहुमूल्य रत्न और मोती
(d) सुगंधित द्रव्य और कॉफी
[I.A.S. (Pre) 1996]
उत्तर- (b) फल और ताड़ तेल
- भारत फल, सूखे फल (Dry Fruits) एवं ताड़ तेल का आयात मध्य एवं मध्य-पूर्व एशिया के देशों से करता है।
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26. कथन (A) : 1991 के पश्चात भारत के निर्यातों की वृद्धि दर में पर्याप्त वृद्धि हुई है।
कारण (R) : भारत सरकार ने अवमूल्यन (Devaluation) का आश्रय लिया है।
कूट :
(a) (A) और (R) दोनों सही हैं, और (R), (A) का सही स्पष्टीकरण है।
(b) (A) और (R) दोनों सही हैं, और (R), (A) का सही स्पष्टीकरण नहीं है।
(c) (A) सही है, परंतु (R) गलत है।
(d) (A) गलत है, परंतु (R) सही है।
[I.A.S. (Pre) 2000]
उत्तर- (c) (A) सही है, परंतु (R) गलत है।
- वर्ष 1991 के पश्चात भारत की निर्यात दर में अपेक्षित वृद्धि हुई है।
- निर्यात दर में वृद्धि का प्रमुख कारण भारत सरकार द्वारा किया गया अवमूल्यन है।
- अतः कथन एवं कारण दोनों सत्य हैं तथा कारण, कथन की सही व्याख्या कर रहा है।
- हालांकि वर्ष 1992 के बाद सरकार द्वारा अवमूल्यन नहीं किया गया है।
- अतः वर्तमान में विकल्प (c) ही सही है।
|
27. भारत के निर्यात का सबसे बड़ा भाग (मूल्य में) भेजा जाता है-
(a) चीन को
(b) सिंगापुर को
(c) संयुक्त अरब अमीरात को
(d) संयुक्त राज्य अमेरिका को
[U.P.P.C.S. (Mains) 2010]
उत्तर- (d) संयुक्त राज्य अमेरिका को
आर्थिक समीक्षा, 2021-22 के अनुसार विकल्पगत देशों को भारत से होने वाला निर्यात निम्न है :-
देश |
निर्यात मूल्य (मिलियन डॉलर में) |
2019-20 |
2020-21 |
हिस्सा % में 2020-21 |
सं.रा. अमेरिका |
53109 |
51633 |
17.7 |
सं अ. अमीरात |
28854 |
16680 |
5.7 |
चीन |
16614 |
21189 |
7.3 |
सिंगापुर |
8923 |
8676 |
3.0 |
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28. विश्व में लंबे रेशे के कपास का सबसे बड़ा उत्पादक एवं निर्यातक देश है-
(a) मिस्र
(b) भारत
(c) संयुक्त राज्य अमेरिका
(d) चीन
[U.P. Lower Sub. (Spl.) (Pre) 2002]
उत्तर- (c) संयुक्त राज्य अमेरिका
- प्रश्नकाल तथा वर्ष 2019-20 में भी संयुक्त राज्य अमेरिका लंबे रेशे के कपास के उत्पादन एवं निर्यात में विश्व का अग्रणी राष्ट्र है।
- वर्ष 2018-19 एवं 2019-20 के संदर्भ में लंबे रेशे के कपास उत्पादक शीर्ष चार देश निम्न हैं क्रमशः यू.एस.ए., भारत, मिस्र तथा चीन।
- फरवरी, 2022 में जारी आंकड़ों के अनुसार, वर्ष 2020-21 में कुल कपास के उत्पादन में भारत शीर्ष पर, जबकि चीन दूसरे तथा यू. एस.ए. तीसरे स्थान पर है।
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29. संसार का सर्वाधिक चाय निर्यातक देश है-
(a) भारत
(b) केन्या
(c) इंडोनेशिया
(d) श्रीलंका
[U.P.P.C.S. (Pre) 1998]
उत्तर- (c) केन्या
- प्रश्नकाल तथा वर्तमान (2019) में भी विश्व का सबसे बड़ा चाय निर्यातक देश केन्या ही है।
- टी बोर्ड ऑफ इंडिया द्वारा जारी आंकड़ों के अनुसार, वर्ष 2019 एवं 2020 में चार शीर्ष चाय निर्यातक देश निम्न हैं- केन्या > चीन > श्रीलंका > भारत
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30. आर्थिक क्रिया-कलापों के संदर्भ में XIX राष्ट्रमंडल खेलों को देखने के लिए विदेशी नागरिकों का भारत में आगमन-
(a) निर्यात था
(b) आयात था
(c) उत्पादन था
(d) उपभोग था
[I.A.S (Pre) 2011]
उत्तर- (a) निर्यात था
- आर्थिक क्रिया-कलापों के संदर्भ मे XIX राष्ट्रमंडल खेलों को देखने के लिए विदेशी नागरिकों का भारत में आगमन निर्यात की श्रेणी में माना जाएगा।
- इस आगमन से देश को प्राप्त आय ‘पर्यटन’ के अंतर्गत आएगी जो कि निर्यात लेखे के तहत अदृश्य मद है।
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31. अदृश्य निर्यात का अर्थ होता है-
(a) सेवाओं का निर्यात
(b) प्रतिबंधित सामान का निर्यात
(c) अलिखित सामान का निर्यात
(d) तस्करी से सामान का निर्यात
[U.P.P.C.S. (Pre) 2006]
उत्तर- (a) सेवाओं का निर्यात
- अर्थव्यवस्था में सेवाओं के निर्यात को अदृश्य निर्यात कहते हैं।
- पर्यटन, बीमा आदि व्यापार सेवाओं के व्यापार में ही शामिल हैं।
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32. एंट्रीपोर्ट व्यापार से तात्पर्य है-
(a) निर्यात व्यापार
(b) आयात व्यापार
(c) तटीय व्यापार
(d) निर्यात के लिए आयात की गई वस्तुएं
[U.P.P.C.S. (Mains) 2002]
उत्तर- (d) निर्यात के लिए आयात की गई वस्तुएं
- एंट्रीपोर्ट व्यापार (Entrepot Trade) पुनः निर्यात के लिए मंगाई गई वस्तुओं के संदर्भ में होता है।
- अतः विकल्प (d) सही उत्तर है।
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33. ड्यूटी-ड्रॉ-बैक का आशय है-
(a) आयात शुल्क की अधिक दर
(b) निर्यातकों को आयात शुल्क की वापसी
(c) निर्यात के मामले में बाधाएं
(d) निर्यातकों को निर्यात शुल्क की वापसी
[U.P.P.C.S. (Mains) 2011]
उत्तर- (b) निर्यातकों को आयात शुल्क की वापसी
- ड्यूटी-ड्रॉ-बैक उस शुल्क की पूर्ण या आंशिक वापसी है, जिसे निर्यातकों ने निर्यात के उद्देश्य से आयतित वस्तुओं पर सीमा या उत्पाद शुल्क के रूप में सरकार को भुगतान किया था।
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34. विदेशी व्यापार शेष में भारत का निम्नलिखित में से किस राष्ट्र के साथ चालू खाते पर व्यापार अधिक है?
(a) जापान
(b) चीन
(c) सऊदी अरब
(d) संयुक्त राज्य अमेरिका
[U.P.P.C.S. (Spl.) (Mains) 2004]
उत्तर- (d) संयुक्त राज्य अमेरिका
- प्रश्नकाल तथा वर्तमान में भी में विकल्प (d) सही उत्तर था।
- आर्थिक समीक्षा, 2021-22 के अनुसार, वर्ष 2020-21 में प्रतिशत हिस्सेदारी के संदर्भ में भारत के शीर्ष 3 प्रमुख व्यापारिक साझेदार (आयात-निर्यात) क्रमशः सं.रा. अमेरिका, चीन तथा सं. अरब अमीरात है।
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35. 1992 में घोषित नई निर्यात-आयात नीति कितनी अवधि के लिए थी?
(a) 3 वर्ष
(b) 4 वर्ष
(c) 7 वर्ष
(d) 5 वर्ष
[I.A.S. (Pre) 1995]
उत्तर- (d) 5 वर्ष
- केंद्र सरकार द्वारा वर्ष 1992 में घोषित नई आयात-निर्यात नीति 5 वर्ष की अवधि के लिए थी।
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36. भारतीय निर्यात की मंद प्रगति का / के क्या कारण है / हैं?
(a) ऊंचे मूल्य
(b) विदेशी प्रतियोगिता
(c) निम्न स्तर का माल
(d) उपर्युक्त समस्त
[U.P.P.C.S. (Mains) 2017]
उत्तर- (d) उपर्युक्त समस्त
- किसी भी देश का निर्यात उस देश में उत्पादित वस्तुओं के विशिष्ट गुणों पर निर्भर करता है।
- जैसे वस्तु की गुणवत्ता एवं मूल्य निर्यात को प्रभावित करते हैं।
- उसी प्रकार निर्यात में विदेशी प्रतियोगिता काभी प्रभाव पड़ता है।
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37. स्वतंत्र व्यापार नीति उस नीति को बताती है जहां-
(a) प्रशुल्क अनुपस्थित होता है।
(b) वस्तुओं की गतिशीलता पर नियंत्रण होता है।
(c) राशि-पतन विरोधी नीति विद्यमान होती है।
(d) संतुलित विकास को प्रोत्साहन दिया जाता है।
[U.P.P.C.S. (Mains) 2005]
उत्तर- (a) प्रशुल्क अनुपस्थित होता है।
- स्वतंत्र व्यापार नीति (Free Trade Policy) वह नीति होती है, जहां व्यापार पर किसी भी प्रकार का प्रशुल्क नहीं लगाया जाता है।
- ऐसा प्रायः क्षेत्रीय समझौतों में देखा जाता है।
- इनमें ग्रुप के सदस्य आपस में तो प्रशुल्क एवं अन्य व्यापार समाप्त कर देते हैं, परंतु प्रत्येक सदस्य देश गैर- सदस्य देशों के साथ अपना प्रशुल्क, व्यापार प्रतिबंध तथा कामर्शियल नीतियां बनाए रखते हैं।
|
38. कथन (A): नई EXIM नीति उदारवादी व बाजार परक है तथा भूमंडलीय व्यापार के अनुकूल है।
कारण (R) : GATT ने अर्थव्यवस्था के उदारीकरण में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है।
कूट :
(a) (A) और (R) दोनों सही है, और (R), (A) का सही स्पष्टीकरण है।
(b) (A) और (R) दोनों सही है, और (R), (A) का सही स्पष्टीकरण नहीं है।
(c) (A) सही है, परंतु (R) गलत है।
(d) (A) गलत है, परंतु (R) सही है।
[I.A.S. (Pre) 2003]
उत्तर- (b) (A) और (R) दोनों सही है, और (R), (A) का सही स्पष्टीकरण नहीं है।
- नई निर्यात-आयात नीति (EXIM Policy) में विदेशी व्यापार को पूर्व की अपेक्षा और उदार बनाया गया है।
- GATT (General Agreement on Trade and Tariff) समझौते तथा तत्पश्चात अस्तित्व में आए WTO (World Trade Organization) ने अर्थव्यवस्था के उदारीकरण में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है।
- अतः कथन और कारण दोनों सही हैं, परंतु कारण, कथन का सही स्पष्टीकरण नहीं है।
|
39. वे पंजीकृत निर्यातक, जिनका अनेक वर्षों तक निर्यात निष्पादन उच्चस्तरीय रहा है, जाने जाते हैं-
(a) निर्यात गृह के रूप में
(b) व्यापार गृह के रूप में
(c) स्टार व्यापार गृह के रूप में
(d) उपर्युक्त में से कोई नहीं
[U.P.P.C.S. (Mains) 2011]
उत्तर- (c) स्टार व्यापार गृह के रूप में
- पंजीकृत निर्यातकों को विगत वर्षों के निर्यात निष्पादन के आधार पर आरोही क्रम में निर्यात गृह (Export House), व्यापार गृह (Trading House), स्टार व्यापार गृह (Star Trading House) एवं सुपर स्टार व्यापार गृह (Super Star Trading House) के रूप में वर्गीकृत किया जाता है।
- अतः स्पष्ट है कि अनेक वर्षों तक उच्चस्तरीय निर्यात निष्पादन दिए गए विकल्पों में स्टार व्यापार गृह का होगा।
|
40. भारत में बहुराष्ट्रीय कंपनियों को प्रोत्साहन देना, बढ़ावा देना है-
(a) निजीकरण नीति को
(b) उदारीकरण नीति को
(c) वैश्वीकरण नीति को
(d) इन सभी नीतियों को
[M.P.P.C.S. (Pre) 2006, U.P.P.C.S. (Mains) 2004]
उत्तर- (d) इन सभी नीतियों को
- भारत में बहुराष्ट्रीय कंपनियों को बढ़ावा देना निजीकरण, वैश्वीकरण और उदारीकरण नीति से संबंधित है।
|
41. भारत में स्वतंत्र व्यापार क्षेत्रों की स्थापना की गई थी-
(a) पिछड़े क्षेत्रों के विकास के लिए
(b) लघु स्तरीय उद्योगों के संवर्धन के लिए
(c) निर्यात उद्योगों के संवर्धन के लिए
(d) सूचना तकनीक के संवर्धन के लिए
[U.P.P.C.S. (Mains) 2002, 2003, U.P.P.C.S. (Spl.)(Mains) 2004]
उत्तर- (c) निर्यात उद्योगों के संवर्धन के लिए
- मुक्त या स्वतंत्र व्यापार क्षेत्र (Free Trade Zone) वह विशेष क्षेत्र होता है, जहां से वस्तुओं के निर्माण, निर्यात, प्रसंस्करण आदि की सुविधा होती है।
- उपर्युक्त क्षेत्र कस्टम ड्यूटी, उत्पाद शुल्क आदि से भी मुक्त होते हैं। जिससे निर्यात को बढ़ावा मिलता है।
|
42. भारत का प्रथम निर्यात उपयोगीकरण क्षेत्र (ई.पी.जेड) का सृजन हुआ था-
(a) कांडला में
(b) मुंबई में
(c) नोएडा में
(d) विशाखापत्तनम में
[U.P.P.C.S. (Spl) (Mains) 2008]
उत्तर- (a) कांडला में
- भारत का प्रथम निर्यात उपयोगीकरण क्षेत्र (ई.पी.जेड) का सृजन 1965 में कांडला में हुआ था|
|
43. भारत में विशेष आर्थिक क्षेत्र नीति घोषित की गई थी-
(a) अप्रैल, 2000 में
(b) अप्रैल, 2001 में
(c) अप्रैल, 2002 में
(d) अप्रैल, 2003 में
[U.P.P.C.S. (Mains) 2017, U. P. P. C. S. (Mains) 2015, U. P. R. O./A.R.O. (Mains) 2014]
उत्तर- (a) अप्रैल, 2000 में
- निकासी एवं नियंत्रण में अभिज्ञ कमियों, विश्वस्तरीय अवसंरचनाओं के अभाव, अस्थायी आर्थिक स्थिति से उत्पन्न त्रुटियों को दूर करने एवं भारत में अधिकाधिक विदेशी निवेश को आकर्षित करने की दृष्टि से अप्रैल, 2000 में विशेष आर्थिक क्षेत्र नीति की घोषणा की गई।
|
44. निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिए –
1. भारत के प्रथम EPZ की स्थापना हुई थी 1965 में।
2. भारत वर्ष में SEZ नीति बनाई गई थी 2000 में।
3. बड़ोदरा पटोला सिल्क के लिए प्रसिद्ध है।
4. मध्य प्रदेश में पन्ना, सोने की खानों के लिए प्रसिद्ध है।
इन कथनों में-
(a) केवल 1, 2 तथा 3 सही हैं।
(b) केवल 2, 3 तथा 4 सही हैं।
(c) केवल 3 तथा 4 सही हैं।
(d) सभी सही हैं।
[U.P.P.C.S. (Mains) 2009]
उत्तर- (a) केवल 1, 2 तथा 3 सही हैं।
- पर्युक्त विकल्पों में कथन 1,2,3 बिल्कुल सत्य हैं, जबकि कथन 4 गलत है क्योंकि मध्य प्रदेश के ‘पन्ना’ जिले से हीरे (Diamonds) का खनन कार्य होता है।
- अतः विकल्प (a) अभीष्ट उत्तर है।
|
45. निजी क्षेत्र का प्रथम निर्यात प्रक्रिया क्षेत्र स्थापित किया गया –
(a) सूरत में
(b) नोएडा में
(c) चेन्नई में
(d) मंगलूर में
[U.P.P.C.S. (Mains) 2005]
उत्तर- (a) सूरत में
- विनिर्मित वस्तुओं के निर्यात के प्रोत्साहन हेतु निर्यात प्रोसेसिंग क्षेत्रों को एक प्रभावशाली यंत्र के रूप में प्रयोग किया जा रहा है।
- इन क्षेत्रों की स्थापना का उद्देश्य देश की निर्यातित वस्तुओं के लिए उपयुक्त वातावरण तैयार करना है, ताकि ये अंतरराष्ट्रीय प्रतिस्पर्धा में अपना स्थान बना सके।
- वर्ष 2000 में सूरत में एक EPZ (विशेष तौर से ‘जेम्स एंड ज्वैलरी के लिए) की स्थापना की गई जो कि भारत का पहला निजी क्षेत्र का EPZ है।
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46. नंदी ग्राम क्षेत्र में सेज (SEZ) नीति के अंतर्गत किस समूह को अनुमति दी गई थी?
(a) टाटा समूह
(b) बिरला समूह
(c) सलीम समूह
(d) विप्रो समूह
[48th to 52nd B.P.S.C. (Pre) 2008]
उत्तर- (c) सलीम समूह
- पश्चिम बंगाल के नंदी ग्राम क्षेत्र में सेज (SEZ) नीति के अंतर्गत सलीम समूह को (विशेष तौर से ‘जेम्स एंड ज्वैलरी के लिए’) अनुमति दी गई थी।
|
47. विशेष आर्थिक जोन अधिनियम संसद द्वारा पारित किया गया, वर्ष-
(a) 2004 में
(b) 2005 में
(c) 2006 में
(d) उपर्युक्त वर्षों में से किसी में भी नहीं
[U.P.P.C.S. (Pre) 2009, U.P.P.C.S. (Pre) 2007]
उत्तर- (b) 2005 में
- भारत में ‘विशेष आर्थिक क्षेत्र’ (SEZ- Special Economic Zone) अधिनियम मई, 2005 में संसद द्वारा पारित हुआ था तथा 23 जून, 2005 को इसे राष्ट्रपति की स्वीकृति प्राप्त हुई थी।
- यह 10 फरवरी, 2006 से प्रभावी हुआ था।
|
48. फरवरी, 2006 में प्रभावी हुए SEZ एक्ट, 2005 के कुछ उद्देश्य हैं। इस संदर्भ में, निम्नलिखित पर विचार कीजिए –
1. अवसंरचना (इन्फ्रास्ट्रक्चर) सुविधाओं का विकास ।
2. विदेशी स्रोतों से निवेश को प्रोत्साहन ।
3. केवल सेवा क्षेत्र में निर्यात को प्रोत्साहन ।
उपर्युक्त में से कौन-सा/से, इस एक्ट के उद्देश्य है/हैं?
(a) केवल 1 और 2
(b) केवल 3
(c) कवेल 2 और 3
(d) 1, 2 और 3
[I.A.S. (Pre) 2010]
उत्तर- (a) केवल 1 और 2
- SEZ अधिनियम वर्ष 2006 से प्रभावी हुआ।
- इसके मुख्य उद्देश्य निम्नलिखित हैं-
A. अतिरिक्त आर्थिक गतिविधियों का सृजन
B. वस्तुओं एवं सेवाओं के निर्यात को प्रोत्साहन
C. घरेलू एवं विदेशी स्रोत से निवेश को प्रोत्साहन
D. रोजगार अवसरों का सृजन
E. आधारभूत (Infrastructure) सुविधाओं का विकास
- उपरोक्त विवरण के अनुसार, कथन (1) एवं कथन (2) बिल्कुल सत्य हैं, जबकि कथन (3) गलत है, क्योंकि SEZ के माध्यम से वस्तुओं एवं सेवाओं दोनों के निर्यात को प्रोत्साहित किया जाता है।
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49. निम्नलिखित में से कौन एक ‘सेज’ (विशेष आर्थिक क्षेत्र) का उद्देश्य नहीं है?
(a) अतिरिक्त रोजगार अवसरों का चयन।
(b) नवीन तकनीकों का प्रयोग।
(c) अतिरिक्त आर्थिक क्रिया-कलापों का सृजन ।
(d) विदेशी निवेश को हतोत्साहित करना।
[U.P. Lower Sub. (Pre) 2009]
उत्तर- (d) विदेशी निवेश को हतोत्साहित करना।
- ‘सेज’ (विशेष आर्थिक क्षेत्र) की स्थापना देशी एवं विदेशी निवेश को आकर्षित करने के उद्देश्य से की गई है, न कि उन्हें हतोत्साहित करने के लिए।
- विकल्प के अन्य कथन ‘सेज’ (SEZ) के उद्देश्यों में शामिल हैं।
|
50. निम्नलिखित में से कौन संगठन भारत के आयात-निर्यात को प्रभावित करते हैं-
I. खनिज एवं धातु व्यापार निगम
II. आयात-निर्यात बैंक
III. राज्य व्यापार निगम
IV. भारतीय खाद्य निगम
नीचे दिए कूट में से सही उत्तर चुनिए-
(a) I, II, III, तथ IV
(b) II तथा IV
(c) I तथा III
(d) II, III तथा IV
[U.P.P.C.S. (Pre) 1999]
उत्तर- (a) I, II, III, तथ IV
- प्रश्नगत चारों संगठन भारत के विदेश व्यापार (आर्यात-निर्यात) को प्रभावित करते हैं।
|
51. निर्यात-आयात (एक्जिम) बैंक का गठन भारत में किस वर्ष में हुआ?
(a) 1980
(b) 1982
(c) 1981
(d) 1989
[Uttarakhand P.C.S. (Pre) 2010, U.P.P.C.S. (Mains) 2005]
उत्तर- (b) 1982
- वर्ष 1981-82 के केंद्रीय बजट में भारत में निर्यात-आयात बैंक (Ex- port-Import: Exim Bank) की स्थापना की घोषणा की गई थी तथा वर्ष 1982 में इस बैंक का गठन किया गया।
- इसका उद्देश्य निर्याताकों एवं आयातकों को वित्तीय सहायता प्रदान कर विदेशी व्यापार का संवर्धन करना है।
|
52. ईसीजीसी संबंधित है-
(a) निर्यात संवर्धन से
(b) निर्यात वित्तीयन एवं बीमा से
(c) निर्यात गुणवत्ता के प्रमाणन से
(d) निर्यात आंकड़ों के प्रकाशन से
[U.P. U.D.A./L.D.A. (Pre) 2001]
उत्तर- (b) निर्यात वित्तीयन एवं बीमा से
- निर्यात साख एवं गारंटी निगम (Export Credit Guarantee Corporation : ECGC) की स्थापना वर्ष 1957 में निर्यात जोखिम बीमा निगम (ERIC) के नाम से देश से वस्तुओं एवं सेवाओं के निर्यात से संबंधित साख के जोखिम कवर हेतु की गई थी।
- वर्ष 1964 में इसे ECGC में परिवर्तित किया गया।
- यह निर्यात व्यापार संबंधी वित्तीयन एवं बीमा से संबंधित है।
|
53. EPCG का पूर्ण रूप क्या है?
(a) एक्सपोर्ट प्रोमोशन कॉन्स्यूमर गुड्स
(b) एक्सचेंज प्रोग्राम फॉर कॉन्स्यूमर गुड्स
(c) एक्सपोर्ट प्रोमोशन कैपिटल गुड्स
(d) एक्सपर्ट प्रोग्राम फॉर क्रेडिट जेनरेशन
(e) उपर्युक्त में से कोई नहीं/ उपर्युक्त में से एक से अधिक
[Bihar P.C.S. (Pre.), 2019]
उत्तर- (c) एक्सपोर्ट प्रोमोशन कैपिटल गुड्स
- EPCG : पूर्ण रूप है- Export Promotion Captial Goods |
- इस योजना का उद्देश्य वस्तुओं तथा सेवाओं की निर्यात क्षमता बढ़ाने तथा निर्यात की स्पर्धात्मकता बढ़ाने हेतु पूंजीगत वस्तुओं के आयात को सरल बनाना है।
|
54. कौन-सा संगठन विदेश व्यापार का संवर्धन करता है?
(a) ईसीजीसी
(b) एसटीसी
(c) एमएमटीसी
(d) उपरोक्त सभी
[U.P.P.C.S. (Pre) 2011]
उत्तर- (d) उपरोक्त सभी
- ईसीजीसी (Export Credit Guarantee Corporation of India Limited) का उद्देश्य निर्यात ऋण के जोखिम को कवर करते हुए विदेश व्यापार का संवर्धन करना है।
- एसटीसी (State Trading Corporation of India Limited) तथा एमएमटीसी (Minerals and Metals Trading Corporation Limited) का उद्देश्य भी विदेश व्यापार का संवर्धन करना है।
|
55. इंडिया ब्रांड इक्विटी फंड की स्थापना किस वर्ष में हुई-
(a) 1992
(b) 1996
(c) 1995
(d) 1997
[U.P.P.C.S. (Pre) 1997]
उत्तर- (c) 1995
- इंडिया ब्रांड इक्विटी फंड / फाउंडेशन (IBEF) की स्थापना वाणिज्य मंत्रालय द्वारा वर्ष 1996 में की गई थी।
- इसका उद्देश्य इंडिया ब्रांड को वैश्विक बनाना था।
- इंडिया ब्रांड इक्विटी फंड वर्ष 2002 में पब्लिक प्राइवेट पार्टनरशिप (PPP) में परिवर्तित हो गया, जब भारतीय उद्योग महासंघ (CII) ने उसमें भागीदारी प्राप्त की।
|
56. कल्चर मोती का उत्पादन किस देश का महत्वपूर्ण कुटीर उद्योग है?
(a) बेल्जियम
(b) वेस्टइंडीज
(c) न्यूजीलैंड
(d) जापान
[I.A.S. (Pre) 1993]
उत्तर- (d) जापान
- जापान के मिकीमोतो कोकिची ने मोती से कल्चर मोती उत्पादन की तकनीक का आविष्कार किया था।
- इस आविष्कार के बाद ही जापान में कल्चर मोती उत्पादन का उद्योग तेजी से विकसित हुआ।
|
57. भारत ने फरवरी, 2011 में स्वतंत्र व्यापार समझौता पर हस्ताक्षर किया-
(a) ऑस्ट्रेलिया से
(b) इंडोनेशिया से
(c) जापान से
(d) दक्षिण कोरिया से
[U.P.P.C.S. (Pre) 2011]
उत्तर- (c) जापान से
- भारत द्वारा 16 फरवरी, 2011 को जापान के साथ स्वतंत्र व्यापार समझौते (FTA) या व्यापक आर्थिक साझेदारी समझौते (CEPA : Comprehe- nsive Economic Partnership Agreement) पर टोक्यो में हस्ताक्षर किया गया था।
|
58. ‘e-बिज’ संबंधित है-
(a) इलेक्ट्रॉनिक वाणिज्य से
(b) वित्तीय लेन-देन हेतु एकल द्वार (प्लेटफॉर्म) से
(c) विपणन संबंधी पूछताछ हेतु एकल द्वार (प्लेटफॉर्म) से
(d) सरकारी सेवाओं की पहुंच हेतु एकल द्वार (प्लेटफॉर्म) से
[U.P.P.C.S. (Pre) 2016]
उत्तर- (d) सरकारी सेवाओं की पहुंच हेतु एकल द्वार (प्लेटफॉर्म) से
- ई-बिज पोर्टल, सरकारी सेवाओं की पहुंच हेतु एकल द्वार (प्लेटफॉर्म) से संबंधित है।
- ई-बिज का संचालन औद्योगिक नीति एवं संवर्धन विभाग (DIPP) वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय के निर्देशन में इम्फोसिस द्वारा किया जा रहा है।
- इसका उद्देश्य जी-टू-बी (Government to-business) सेवाओं की ऑनलाइन सुलभता को बढ़ाकर देश में व्यवसाय परिवेश में सुधार करना है।
|
59. ई-व्यापार (E-Commerce) का अर्थ है-
(a) निर्यात व्यापार
(b) यूरोपीय देशों से व्यापार
(c) इंटरनेट पर व्यापार
(d) उपर्युक्त में से कोई नहीं
[Uttarakhand U.D.A./L.D.A. (Pre) 2003]
उत्तर- (c) इंटरनेट पर व्यापार
- ई-व्यापार (E-Commerce) का अर्थ इंटरनेट के माध्यम के व्यापार से है।
|
60. ‘सुपर 301’ संबंधित है-
(a) अंतरराष्ट्रीय संधि
(b) मानवाधिकार
(c) परमाणु विस्फोट
(d) मुक्त व्यापार में अवरोध
[U.P.P.C.S. (Pre) 1993]
उत्तर- (d) मुक्त व्यापार में अवरोध
- सुपर-301 अमेरिकी व्यापार एवं प्रतिस्पर्द्धा अधिनियम, 1988 की वह धारा है जिसके तहत अमेरिका द्वारा किसी भी देश के विरुद्ध आर्थिक कार्यवाही की जाती है।
|
61. निम्न उपायों में से कौन-सा भारतीय भुगतान संतुलन स्थिति को सुधारने में सक्षम नहीं है?
(a) आयात प्रतिस्थापन नीति को बढ़ावा
(b) रुपये का अवमूल्यन
(c) आयातों पर अधिक कर लगाना
(d) निर्यातों पर अधिक कर लगाना
(e) उपरोक्त में से कोई नहीं/ उपरोक्त में से एक से अधिक
[B.P.S.C. (Pre) 2016]
उत्तर- (d) निर्यातों पर अधिक कर लगाना
- आयात प्रतिस्थापन नीति को बढ़ावा देना, रुपये का अवमूल्यन तथा आयातों पर अधिक कर लगाना आदि भारतीय भुगतान संतुलन स्थिति को सुधारने में सक्षम हैं।
- जबकि निर्यातों पर अधिक कर लगाने से निर्यात हतोत्साहित होगा, जो भारतीय भुगतान संतुलन स्थिति को सुधारने के स्थान पर इसे और भी असंतुलित करेगा।
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62. भुगतान संतुलन को इस प्रकार पारिभाषित किया जाता है-
(a) निर्यात मूल्यों की अपेक्षा आयात मूल्यों में कमी
(b) फर्म की पूंजी तथा ऋणों का अंतर
(c) सरकारी बजट में चालू व्यय तथा चालू राजस्व का अंतर
(d) एक देश के निवासीगण एवं शेष विश्व के बीच आर्थिक कार्यों का पूरा ब्यौरा
[U.P.P.C.S. (Pre) 1994]
उत्तर- (d) एक देश के निवासीगण एवं शेष विश्व के बीच आर्थिक कार्यों का पूरा ब्यौरा
- एक देश के निवासियों का विश्व के अन्य देशों के निवासियों के साथ सामान्यतया एक वर्ष के दौरान, जो अंतरराष्ट्रीय आर्थिक व्यवहार या लेन-देन (समस्त आयात एवं निर्यात) होते हैं उनकी प्रविष्टि जिस विवरण या खाते में करते हैं, उसे ‘भुगतान संतुलन’ (Balance of Payments) कहते हैं।
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63. भुगतान संतुलन में निहित होता है-
(a) दृश्य व्यापार
(b) अदृश्य व्यापार
(c) ऋण
(d) उपरोक्त सभी
[U.P.P.C.S. (Pre) 2009]
उत्तर- (d) उपरोक्त सभी
- भुगतान संतुलन (BoP- Balance of Payments) में दृश्य व्यापार, अदृश्य व्यापार तथा ऋण तीनों सम्मिलित होते हैं।
- दृश्य व्यापार के अंतर्गत वस्तुओं का आयात-निर्यात तथा अदृश्य व्यापार के अंतर्गत सेवाओं का आयात-निर्यात सम्मिलित होता है।
- इन दोनों (दृश्य एवं अदृश्य) का लेन-देन भुगतान संतुलन के चालू खाते को प्रदर्शित करता है।
- जबकि भुगतान संतुलन का पूंजी खाता वैश्विक निवेश एवं ऋण के लेन-देन को प्रदर्शित करता है।
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64. भुगतान संतुलन के संदर्भ में निम्नलिखित में से किससे/किनसे चालू खाता बनता है?
1. व्यापार संतुलन
2. विदेशी परिसंपत्तियां
3. अदृश्यों का संतुलन
4. विशेष आहरण अधिकार
नीचे दिए गए कूट का प्रयोग कर सही उत्तर चुनिए-
(a) केवल 1
(b) 2 और 3
(c) 1 और 3
(d) 1, 2 और 4
[I.A.S. (Pre) 2014]
उत्तर- (c) 1 और 3
- भुगतान संतुलन के चालू खाते के अंतर्गत लेन-देनों को दृश्य (निर्यात एवं आयात) तथा अदृश्य लेखों के रूप में वर्गीकृत किया जाता है।
- निर्यात तथा आयात के अंतर को ‘व्यापार संतुलन’ कहते हैं।
- अदृश्य लेन-देनों को पुनः तीन श्रेणियों में वर्गीकृत किया जाता है- (i) सेवाएं – यात्रा, परिवहन, बीमा, अन्यत्र शामिल न की गई सरकारी तथा विविध जिसमें संचार, निर्माण, वित्त, सॉफ्टवेयर, समाचार एजेंसी, रॉयल्टी, प्रबंध तथा व्यावसायिक सेवाएं शामिल हैं; (ii) आय; तथा (iii) अंतरण (अनुदान, उपहार, विप्रेषण आदि)।
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65. विदेशी व्यापार का भुगतान संबंधित है –
(a) आयात के गुणों से
(b) निर्यात के गुणों से
(c) विदेशी व्यापार गुणक से
(d) भुगतान संतुलन से
[M. P. P. C. S. (Pre) 2015]
उत्तर- (d) भुगतान संतुलन से
- विदेशी व्यापार में आयात तथा निर्यात दोनों ही सम्मिलत होते हैं।
- अतः इसे ‘आयात के गुणों’ से अथवा ‘निर्यात के गुणों’ से संबंधित नहीं किया जा सकता है, जबकि विदेशी व्यापार गुणक यह बताता है कि निर्यात में वृद्धि के फलस्वरूप राष्ट्रीय आय में कितने गुना वृद्धि होती है।
- भुगतान संतुलन एक विशेष समयावधि (एक वर्ष) के लिए किसी देश के अंतरराष्ट्रीय लेन-देन (जिसमें विदेशी व्यापार भी शामिल होता है) का एक लेखा है।
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66. रुपये की परिवर्तनीयता का तात्पर्य है-
(a) रुपये के नोटों के बदले सोना प्राप्त कर सकना।
(b) रुपये के मूल्य को बाजार की शक्तियों द्वारा निर्धारित होने देना।
(c) रुपये को अन्य प्रमुख मुद्राओं और अन्य प्रमुख मुद्राओं को रुपये में मुक्त रूप में परिवर्तित करके देने की अनुमति।
(d) मुद्राओं के लिए भारत में अंतरराष्ट्रीय बाजार का विकास करना।
[I. A.S. (Pre) 1994, 2015, 56th to 59th B.P.S.C. (Pre) 2015]
उत्तर- (c) रुपये को अन्य प्रमुख मुद्राओं और अन्य प्रमुख मुद्राओं को रुपये में मुक्त रूप में परिवर्तित करके देने की अनुमति।
- रुपये की परिवर्तनीयता से तात्पर्य रुपये का विदेशी मुद्राओं में तथा विदेशी मुद्राओं को रुपये में बिना किसी हस्तक्षेप के स्वतंत्र रूप से परिवर्तन संभव होने से है।
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67. चालू खाते में रुपये की पूर्ण परिवर्तनीयता को किस वर्ष से घोषित किया गया?
(a) 1994 से
(b) 1996 से
(c) 1998 से
(d) 2001 से
[U.P. U.D.A./L.D.A. (Spl.) (Pre) 2010]
उत्तर- (a) 1994 से
- चालू खाते में रुपये की पूर्ण परिवर्तनीयता को 1994 से घोषित किया गया था।
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68. निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिए
रुपये की पूर्ण विनिमेयता का अभिप्राय हो सकता है-
1. अन्य अंतरराष्ट्रीय मुद्राओं के साथ इसका मुक्त प्रवाह।
2. देश के भीतर और बाहर किसी निर्धारित स्थान पर किसी अन्य अंतरराष्ट्रीय मुद्रा के साथ इसका सीधा आदान-प्रदान ।
3. इसके द्वारा किसी अन्य अंतरराष्ट्रीय मुद्रा की ही भांति कार्य करना।
इनमें से कौन-कौन से कथन सही हैं?
(a) 1 और 2
(b) 2 और 3
(c) 1 और 3
(d) 1, 2 और 3
[I.A.S. (Pre) 2002]
उत्तर- (a) 1 और 2
- रुपये की पूर्ण परिवर्तनीयता (चालू खाते तथा पूंजी खाते पर) से विदेशी पूंजी के भारत में आने एवं भारत से जाने पर कोई प्रतिबंध नहीं होगा।
- परिणामस्वरूप भारत द्वारा रुपये की पूर्ण परिवर्तनीयता अपनाए जाने से विदेशी निवेशकों का भारतीय अर्थव्यवस्था में विश्वास बढ़ेगा और इसके फलस्वरूप भारत में विदेशी पूंजी के अंतर्प्रवाह में वृद्धि होगी।
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69. भारतीय रुपये को मार्च, 1994 से निम्नलिखित में से किस खाते में परिवर्तनीय बनाया गया?
(a) पूंजी खाता
(b) चालू खाता
(c) (a) तथा (b) दोनों
(d) राजस्व खाता
[Uttarakhand P.C.S. (Pre) 2012]
उत्तर- (b) चालू खाता
- वर्ष 1994-95 के बजट में सरकार ने 28 फरवरी, 1994 को चालू खाते पर रुपये की पूर्ण परिवर्तनीयता की घोषणा की थी ।
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70. तारापोर समिति निम्नलिखित में से किस एक से संबंधित थी?
(a) विशेष आर्थिक क्षेत्र
(b) पूर्ण पूंजी लेखा संपरिवर्तनीयता
(c) विदेशी मुद्रा भंडार
(d) भारतीय अर्थव्यवस्था पर तेल की कीमतों का प्रभाव
[I.A.S. (Pre) 2007]
उत्तर- (b) पूर्ण पूंजी लेखा संपरिवर्तनीयता
- भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने 20 मार्च, 2006 को पूंजी खाते में रुपये की पूर्ण परिवर्तनीतया (Full Capital Account Convertibility: CAC) प्रवाहित विनिमय दर (Floating Exchange Rate) लागू करने पर रोडमैप तैयार करने हेतु RBI के पूर्व डिप्टी गवर्नर एस.एस. तारापोर की अध्यक्षता में 6 सदस्यीय समिति नियुक्ति की थी।
- इस समिति के गठन का उद्देश्य भारत में डॉलरीकरण के क्रियान्वयन का परीक्षण और इसके लागू करने के समय के निर्धारण पर अपनी सिफारिश प्रस्तुत करना था।
- समिति का कार्य 1 मई, 2006 से प्रारंभ हुआ।
- तारापोर समिति ने अपनी रिपोर्ट 31 जुलाई, 2006 को भारतीय रिजर्व बैंक को सौंप दी।
- इस रिपोर्ट में पूंजी खाते में उदारीकरण को अगले पांच वर्षों में 3 चरणों में लागू करने की प्रमुख सिफारिश की गई थी।
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71. निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिए :
किसी मुद्रा के अवमूल्यन का प्रभाव यह है कि वह अनिवार्य रूप से
1. विदेशी बाजारों में घरेलू निर्यातों की प्रतिस्पर्धात्मकता को बढ़ाता है
2. घरेलू मुद्रा के विदेशी मूल्य को बढ़ाता है
3. व्यापार संतुलन में सुधार लाता है
उपर्युक्त कथनों में से कौन-सा/कौन-से सही है/हैं?
(a) केवल 1
(b) 1 और 2
(c) केवल 3
(d) 2 और 3
[I.A.S. (Pre) 2021]
उत्तर- (a) केवल 1
- अवमूल्यन के दो निहितार्थ हैं।
- पहला, अवमूल्यन देश के निर्यात को अपेक्षाकृत कम खर्चीला बनाता है और विदेशी बाजारों में घरेलू निर्यात की प्रतिस्पर्धात्मकता में सुधार करता है।
- दूसरा, अवमूल्यन घरेलू उपभोक्ताओं के लिए विदेशी उत्पादों को अपेक्षाकृत अधिक महंगा बनाता है, इस प्रकार आयात को हतोत्साहित करता है।
- यह देश के निर्यात को बढ़ाने और आयात को कम करने में मदद कर सकता है और इसलिए व्यापार संतुलन में सुधार लाने में मदद कर सकता है।
- तथापि यह कहना कि अवमूल्यन अनिवार्य रूप से व्यापार संतुलन में सुधार लाएगा, सही नहीं है क्योंकि अनिवार्य आयात (यथा- कच्चा तेल) महंगे हो सकते हैं।
- अतः केवल कथन । सही है।
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72. निम्नलिखित कथनों पर विचार करें एवं नीचे दिए गए कूट से सही उत्तर का चयन करें-
कथन (A) : मुद्रा का अवमूल्यन निर्यात को बढ़ावा दे सकता है।
कारण (R) : अवमूल्यन से, अंतरराष्ट्रीय बाजार में घरेलू उत्पादों का मूल्य गिर जाता है।
कूट :
(a) (A) तथा (R) दोनों सही हैं एवं (R), (A) की सही व्याख्या है।
(b) (A) तथा (R) दोनों सही हैं, परंतु (R), (A) की सही व्याख्या नहीं है।
(c) (A) सही है, परंतु (R) गलत है।
(d) (A) गलत है, परंतु (R) सही है।
[U.P.U.D.A./L.D.A. (Pre) 2001, I.A.S. (Pre) 1999]
उत्तर- (a) (A) तथा (R) दोनों सही हैं एवं (R), (A) की सही व्याख्या है।
- अवमूल्यन के कारण देश की मुद्रा का विदेशी मुद्राओं के सापेक्ष मूल्य गिर जाता है, जिसके कारण अवमूल्यन करने वाले देश के निर्यात सस्ते तथा आयात महंगे हो जाते हैं।
- परिणामस्वरूप अवमूल्यन वाले देश के निर्यातों में वृद्धि तथा आयातों में कमी होती है।
- अतः कथन एवं कारण दोनों सत्य हैं तथा कारण, कथन की सही व्याख्या भी करता है।
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73. मुद्रा के अवमूल्यन का अर्थ है –
(a) अंतरराष्ट्रीय व्यापार में प्रयुक्त मुद्राओं की तुलना में देश की मुद्रा का मूल्य घट जाना।
(b) मुद्रा विशेष को अंतरराष्ट्रीय बाजार में अपना उचित मूल्य अंकवाने देना।
(c) कुछ पूर्व निर्धारित मुद्राओं के समूह के मूल्य में आने वाले परिवर्तनों के साथ मुद्रा विशेष का मूल्य निर्धारित करना।
(d) अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष, विश्व बैंक और प्रमुख व्यापार सहभागियों के साथ बहुपक्षीय परामर्श करके मुद्रा विशेष का मूल्य निर्धारित करना।
[I.A.S. (Pre) 1994]
उत्तर- (a) अंतरराष्ट्रीय व्यापार में प्रयुक्त मुद्राओं की तुलना में देश की मुद्रा का मूल्य घट जाना।
- मुद्रा के अवमूल्यन का तात्पर्य रुपये का विदेशी मुद्राओं के सापेक्ष मूल्य में कमी से है।
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74. निम्न में से कौन-सा एक मुद्रा के अवमूल्यन का प्रभाव नहीं है-
(a) इससे आयातकर्ता देश में मुद्रा अवस्फीति (Deflation) होती है।
(b) इससे निर्यातकर्ता देश में मुद्रा अपस्फीति होती है।
(c) इससे निर्यातकर्ता देश में मुद्रा अधिकृत होती है।
(d) इससे आयातकर्ता देश में मुद्रा अवमूल्यन होता है।
[U.P. Lower Sub. (Pre) 1998]
उत्तर- (a) इससे आयातकर्ता देश में मुद्रा अवस्फीति (Deflation) होती है।
- इससे आयातकर्ता देश में मुद्रा अवस्फीति नहीं होती, क्योंकि देश में आयातित वस्तुओं की कीमत बढ़ने के कारण कीमत स्तर में वृद्धि होती है।
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75. भारत में रुपये का अवमूल्यन पहली बार किस वर्ष किया गया, वह था-
(a) 1949
(b) 1966
(c) 1972
(d) 1990
[U.P.P.C.S. (Spl.) (Pre) 2008]
उत्तर- (a) 1949
- भारत में रुपये का अवमूल्यन पहली बार 1949 में किया गया था |
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76. निम्नलिखित कार्यवाहियों पर विचार करें जो सरकार द्वारा लिए जा सकते हैं-
1. घरेलू मुद्रा का अवमूल्यन
2. निर्यातों को मिलने वाली आर्थिक सहायता में कटौती
3. उन उपयुक्त नीतियों को लागू करना जिससे देश में अधिक FDI आए तथा FIIs से अधिक निधि आए।
उपर्युक्त में से कौन-सी क्रिया / क्रियाएं चालू खाते के घाटे को घटाने में सहायक साबित हो सकती है/हैं?
(a) 1 और 2
(b) 2 और 3
(c) केवल 3
(d) 1 और 3
[I.A.S. (Pre) 2011]
उत्तर- (d) 1 और 3
- प्रश्नगत कार्यवाहियों में प्रथम अर्थात घरेलू मुद्रा का अवमूल्यन निर्यात को बढ़ाने एवं आयात कम करने (क्योंकि इससे स्वदेशी वस्तुएं एवं सेवाएं सस्ती तथा विदेशी वस्तुएं एवं सेवाएं महंगी होंगी) और इस प्रकार चालू खाते के घाटे को कम करने में सहायक हो सकता है।
- तृतीय कार्यवाही अर्थात देश में अधिक FDI और FIIs से अधिक निधि आना, यद्यपि पूंजी खाते का घटक है तथापि यह प्रकारांतर से चालू खाते के घाटे को कम करने में मदद करेगा।
- अतः विकल्प (d) सही उत्तर होगा।
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77. चालू लेखा घाटा (CAD) क्या है?
(a) बैंकों में खोले गए चालू लेखा में जमा राशि से अधिक आहरित राशि
(b) चालू वर्ष में सरकारी राजस्व से अधिक सरकारी व्यय से होने वाला घाटा
(c) देश के कुल निर्यात से कुल आयात अधिक होने वाला घाटा
(d) वस्तु के बाजार मूल्य से लागत मूल्य अधिक होने पर होने वाला घाटा
(e) इनमें से कोई नहीं
[Chhattisgarh P.C.S. (Pre) 2017]
उत्तर- (c) देश के कुल निर्यात से कुल आयात अधिक होने वाला घाटा
- चालू खाते का घाटा वस्तुओं (दृश्य मदें) तथा सेवाओं एवं एकपक्षीय हस्तांतरण (अदृश्य मदें) के विदेशी व्यापार में प्रतिकूलता (निर्यात की तुलना में आयात का अधिक होना) के कारण होता है।
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78. जब कोई देश अपनी मुद्रा का अवमूल्यन करता है, तो इसका प्रभाव होता है कि-
(a) आयात सस्ते हो जाते है एवं निर्यात महंगे।
(b) आयात महंगे हो जाते हैं और निर्यात सस्ते ।
(c) आयात और निर्यात दोनों सस्ते हो जाते हैं।
(d) आयात और निर्यात दोनों महंगे हो जाते हैं।
[U.P.P.C.S. (Spl.) (Mains) 2008]
उत्तर- (b) आयात महंगे हो जाते हैं और निर्यात सस्ते ।
- जब कोई देश अपनी मुद्रा का अवमूल्यन करता है, तो इसका प्रभाव आयात महंगे हो जाते हैं और निर्यात सस्ते ।
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79. एक देश अपनी मुद्रा के अवमूल्यन का सहारा लेता है –
(a) व्यापार शेष को ठीक करने के लिए।
(b) आयातित वस्तुओं तथा सेवाओं की लागत को ठीक करने के लिए।
(c) देश में मुद्रास्फीति की प्रवृत्ति को कम करने के लिए।
(d) उपरोक्त सभी के लिए।
[U.P.P.C.S. (Mains) 2003]
उत्तर- (a) व्यापार शेष को ठीक करने के लिए।
- अवमूल्यन का अर्थ ‘किसी देश की मुद्रा के बाह्य मूल्य को कम कर देना है’।
- जब किसी देश के भुगतान संतुलन में मौलिक असंतुलन आ जाता है, तब उस देश की मुद्रा की स्थिति में सुधार लाने के लिए यह नीति अपनाई जाती है।
- इससे आयात महंगे होते हैं तथा उनमें कमी आती है, जबकि देश में उत्पादित वस्तुएं विदेशों में सस्ती हो जाती हैं और इससे निर्यात में वृद्धि होती है।
- इस प्रकार व्यापार शेष की स्थिति में सुधार होता है।
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80. भारतीय रुपये की पूंजीगत लेखा परिवर्तनीयता (Capital Account Convertibility) का अर्थ है –
(a) कि यात्रा के लिए भारतीय रुपये को प्राधिकृत डीलर द्वारा विनिमय किया जा सकता है।
(b) कि माल और सेवाओं के व्यवसाय के प्रयोजन से भारतीय रुपये का किसी भी प्रमुख मुद्रा से विनिमय किया जा सकता है।
(c) कि वित्तीय परिसंपत्ति के व्यापार के प्रयोजन से भारतीय रुपये का किसी भी प्रमुख मुद्रा से विनिमय किया जा सकता है।
(d) उपर्युक्त में से कोई भी नहीं।
[I.A.S.(Pre) 1998]
उत्तर- (c) कि वित्तीय परिसंपत्ति के व्यापार के प्रयोजन से भारतीय रुपये का किसी भी प्रमुख मुद्रा से विनिमय किया जा सकता है।
- पूंजी खाते की परिवर्तनीयता से तात्पर्य अन्य देशों से (शेष विश्व से) वित्तीय परिसंपत्तियों में बिना किसी बाधा के बाजार आधारित विनिमय दर पर विनिमय किए जाने के अधिकार से है।
- इसका तात्पर्य मौद्रिक कोषों/ वित्तीय परिसंपत्तियों के देश के भीतर आने एवं बाहर जाने से है।
- भारत में वैसे पूंजी खाते पर परिवर्तनीयता तो नहीं है, पर विभिन्न पूंजी व्यवहारों के संबंध में RBI, अत्यंत ही उदारवादी नीति अपनाया है जो प्रभाव में पूर्ण परिवर्तनीयता की ही तरह है।
- जैसे- EEFC (Exchange Earned Foreign Currency) खाता का उदारीकरण, ECB का विस्तार, MF में विदेशी निवेश की अनुमति आदि।
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81. निम्नलिखित में से किस रूप में विदेशी मुद्रा का प्रवाह भारतीय संदर्भ में अधिक उड़नशील कहा जा सकता है?
(a) निर्यात आय
(b) अनिवासी भारतीय जमाएं
(c) विदेशी पोर्टफोलियो निवेश
(d) उपर्युक्त (b) एवं (c) दोनों
[M.P.P.C.S. (Pre) 1998]
उत्तर- (d) उपर्युक्त (b) एवं (c) दोनों
- विदेशी पोर्टफोलियो निवेश तथा अनिवासी भारतीय जमाएं भारत में ब्याज दर की भिन्नता के परिणामस्वरूप अंतर्प्रवाहित होती हैं।
- इनका उद्देश्य ब्याज दर की भिन्नता के आधार पर लाभ अर्जित करना होता है।
- परिणामस्वरूप ब्याज दर में भिन्नता के समाप्त या प्रतिकूल होने पर इनका बहिर्प्रवाह प्रारंभ हो जाता है।
- ऐसी मुद्राओं के इसी स्वभाव के कारण इन्हें उड़नशील मुद्रा कहा जाता है।
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82. निम्नलिखित में से कौन-सी बातें भारत में विदेशी प्रत्यक्ष निवेश में समाविष्ट होंगी?
1. भारत में विदेशी कंपनियों की सहायक कंपनियां
2. भारतीय कंपनियों में बहुसंख्यक विदेशी इक्विटी धारण
3. विदेशी कंपनियों द्वारा अनन्य रूप से वित्तपोषित कंपनियां
4. पोर्टफोलियो निवेश
निम्नलिखित कूटों के आधार पर सही उत्तर चुनिए –
(a) 1, 2, 3 और 4
(b) केवल 1 और 3
(c) केवल 2 और 4
(d) केवल 1, 2 और 3
[I.A.S. (Pre) 2012]
उत्तर- (d) केवल 1, 2 और 3
- किसी विदेशी कंपनी के द्वारा किसी अन्य देश में अपनी सहायक कंपनियों की स्थापना करना तथा अन्य देशों की कंपनियों में बहुसंख्यक विदेशी पूंजी (इक्विटी के रूप में लगाने सहित) लगाने के साथ-साथ विदेशी कंपनियों द्वारा अनन्य रूप से वित्तपोषित कंपनियां विदेशी प्रत्यक्ष निवेश के अंतर्गत शामिल होती हैं।
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83. बाह्य ऋण के आकार और घटको के आधार पर विश्व बैंक ने भारत का वर्गीकरण किया है-
(a) औसत दर्जे के ऋणी देश के रूप में
(b) कम ऋणी देश के रूप में
(c) अत्यधिक ऋणी देश के रूप में
(d) संकटग्रस्त ऋणी देश के रूप में
[U.P.P.C.S. (Mains) 2009]
उत्तर- (b) कम ऋणी देश के रूप में
- प्रश्नकाल तथा वर्तमान में भी बाह्य ऋण के आकार और घटकों के आधार पर विश्व बैंक ने भारत को कम ऋणी देश के रूप में वर्गीकृत किया था/ है।
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84. प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (FDI) तथा संस्थागत विदेशी निवेशक (FII) दोनों ही, किसी देश में निवेश से संबद्ध हैं। निम्नलिखित में से कौन-सा कथन दोनों के बीच की एक महत्वपूर्ण भिन्नता को सबसे अच्छे ढंग से व्यक्त करता है?
(a) FII बेहतर प्रबंधन कुशलताएं तथा प्रौद्योगिकी अंतरण को लाने में सहायक है, जबकि FDI केवल पूंजी लेकर आता है
(b) FII व्यापक स्तर पर पूंजी उपलब्धता बढ़ाने में सहायक है, जबकि FDI का लक्ष्य केवल विशिष्ट क्षेत्रों तक सीमित होता है
(c) FDI केवल द्वितीयक बाजार में चालित होता है, जबकि FII का लक्ष्य प्राथमिक बाजार होता है
(d) FDI की तुलना में FII अधिक स्थायी माना जाता है
[I.A.S. (Pre) 2011]
उत्तर- (b) FII व्यापक स्तर पर पूंजी उपलब्धता बढ़ाने में सहायक है, जबकि FDI का लक्ष्य केवल विशिष्ट क्षेत्रों तक सीमित होता है
- प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (FDI), संस्थागत विदेशी निवेश (FII) की तुलना में स्थायी प्रकृति का होता है तथा यह अपने साथ बेहतर प्रबंधन कुशलताएं और प्रौद्योगिकी अंतरण को लाने में सहायक होता है, जबकि FII केवल पूंजी लेकर आता है।
- FII द्वितीयक बाजार में ही मुख्य रूप से चालित होता है।
- इस प्रकार विकल्प (a), (c) एवं (d) सही नहीं हैं।
- FII व्यापक स्तर पर पूंजी उपलब्धता बढ़ाने में सहायक है, भले ही यह अल्पावधिक एवं उत्प्लावक प्रकृति के हों।
- साथ ही FDI क्षेत्र-विशिष्ट होता है, अतः विकल्प (b) अभीष्ट उत्तर है।
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85. भारत के विदेशी विनिमय कोष के संबंध में निम्नलिखित में से कौन-सा कथन सत्य नहीं है-
(a) इसमें भारतीय रिजर्व बैंक के पास विद्यमान स्वर्ण तथा विदेशी मुद्रा परिसंपत्तियां सम्मिलित होती हैं।
(b) इसे भारतीय रिजर्व बैंक रखता है।
(c) विशेष आहरण अधिकार इसमें सम्मिलित नहीं होते हैं।
(d) भारत में विदेशी विनिमय की वर्तमान स्थिति संतोषप्रद है।
[U.P. U.D.A./L.D.A. (Pre) 2001]
उत्तर- (c) विशेष आहरण अधिकार इसमें सम्मिलित नहीं होते हैं।
- भारत के विदेशी विनिमय भंडार में विदेशी मुद्रा, स्वर्ण, विशेष आहरण अधिकार (Special Drawing Right – SDR) तथा रिजर्व ट्रांच पोजीशन (RTP) को शामिल किया जाता है।
- अतः कथन (c) के अतिरिक्त अन्य सभी कथन सही हैं।
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86. सहभागिता नोट [Participatory Notes (PNs)] निम्नलिखित में से किस एक से संबंधित हैं?
(a) भारतीय संचित निधि
(b) विदेशी संस्थागत निवेशक
(c) संयुक्त राष्ट्र विकास कार्यक्रम
(d) क्योटो प्रोटोकॉल
[I.A.S. (Pre) 2007]
उत्तर- (b) विदेशी संस्थागत निवेशक
- सहभागिता नोट (PNs-Participatory Notes) घरेलू पूंजी बाजार में व्यापार हेतु ऐसे विदेशी कोषों द्वारा प्रयुक्त प्रपत्र हैं, जो देश में पंजीकृत नहीं हैं।
- सहभागिता नोट देश में पंजीकृत विदेशी संस्थागत निवेशकों (FIIs) द्वारा विदेश स्थित अपने उन ग्राहकों को जारी किए जाते हैं, जो भारतीय स्टॉक बाजार में निवेश करने हेतु अयोग्य होते हैं।
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87. किसी देश को ऋण जाल में फंसा हुआ कहा जा सकता है यदि –
(a) उसे अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष द्वारा लगाई गई शर्तों का पालन करना पड़ता है।
(b) उसे बकाया कर्ज पर ब्याज के भुगतान के लिए ऋण लेना पड़ता है।
(c) विदेशी ऋणदाताओं ने उसे ऋण अथवा सहायता देने से इंकार कर दिया है।
(d) विश्व बैंक बकाया ऋण के साथ-साथ नए ऋणों पर ब्याज की बहुत अधिक दर वसूल करता है।
[I.A.S. (Pre) 2002]
उत्तर- (b) उसे बकाया कर्ज पर ब्याज के भुगतान के लिए ऋण लेना पड़ता है।
- कोई देश ऋणजाल में तब होता है, जब उसे पूर्व में लिए गए ऋण पर देय ब्याज के भुगतान के लिए नया ऋण लेना पड़ता है।
- अतः विकल्प (b) सत्य है।
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88. समाचारों में आने वाला ‘डिजिटल एकल बाजार कार्यनीति’ (डिजिटल सिंगल मार्केट स्ट्रेटेजी) पद किसे निर्दिष्ट करता है?
(a) ASEAN को
(b) BRICS को
(c) EU को
(d) G20 को
[U.P.S.C. (Pre) 2017]
उत्तर- (c) EU को
- डिजिटल एकल बाजार कार्यनीति का संबंध यूरोपीय संघ (European Union) से है।
- इसे संघ के देशों के मध्य व्यापार में आने वाले अवरोधों को दूर करने तथा भावी व्यापार एवं रोजगार संभावनाओं के दोहन हेतु अपनाया गया है।
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89. सार्वभौम अवसंरचना सुविधा (ग्लोबल इंफ्रास्ट्रक्चर फैसिलिटी) –
(a) एशिया में अवसंरचना के उन्नयन के लिए ASEAN का उपक्रमण है, जो एशियाई विकास बैंक द्वारा दिए गए साख (क्रेडिट) से वित्तपोषित है।
(b) गैर-सरकारी क्षेत्रक और संस्थागत निवेशकों की पूंजी का संग्रहण कर सकने के लिए विश्व बैंक का सहयोग है, जो जटिल अवसंरचना, सरकारी-गैर-सरकारी भागीदारियों (PPPs) की तैयारी और संरचना-निर्माण को सुकर बनाता है।
(c) OECD के साथ कार्य करने वाले विश्व के प्रमुख बैंकों का सहयोग है, जो उन अवसंरचना परियोजनाओं को विस्तारित करने पर केंद्रित है, जिनमें गैर-सरकारी विनिवेश संग्रहीत करने की क्षमता है।
(d) UNCTAD द्वारा वित्तपोषित उपक्रमण है, जो विश्व में अवसंरचना के विकास को वित्तपोषित करने और सुकर बनाने का प्रयास करता है।
[U.P.S.C. (Pre) 2017]
उत्तर- (b) गैर-सरकारी क्षेत्रक और संस्थागत निवेशकों की पूंजी का संग्रहण कर सकने के लिए विश्व बैंक का सहयोग है, जो जटिल अवसंरचना, सरकारी-गैर-सरकारी भागीदारियों (PPPs) की तैयारी और संरचना-निर्माण को सुकर बनाता है।
- उभरते हुए बाजारों तथा विकासशील अर्थव्यवस्थाओं में अवसंरचना संबंधी परियोजनाओं को सक्षम बनाने के उद्देश्य से विश्व बैंक द्वारा ‘सार्वभौम अवसंरचना सुविधा केंद्र’ स्थापित किया गया है।
- यह सरकारी-निजी भागीदारियों तथा वाणिज्यिक व्यवहार्यता की सामर्थ्य वाली परियोजनाओं पर केंद्रित है।
- सितंबर, 2014 में अंतरराष्ट्रीय पुनर्निर्माण और विकास बैंक ने अपने अधिशेष में से 15 मिलियन डॉलर सार्वभौम अवसंरचना सुविधा केंद्र में प्रारंभिक मूल पूंजी के रूप में अंतरित करने का अनुमोदन किया था।
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90. नई एकल यूरोपियन मुद्रा का नाम क्या है—
(a) पीसी
(b) यूरो
(c) पाउंड
(d) स्टर्लिंग
[U.P.P.C.S. (Pre) 1995]
उत्तर- (b) यूरो
- मास्ट्रिच संधि के आधार पर नई एकल यूरोपीय मुद्रा का जन्म हुआ, जिसका नामकरण यूरो किया गया था।
- यूरो का औपचारिक सृजन वर्ष 1999 में हुआ था, जबकि भौतिक रूप से (नोट एवं सिक्कों के रूप में) यह वर्ष 2002 में अस्तित्व में आई थी।
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91. यूरो डॉलर क्या है?
(a) यूरोपीय मुद्रा संघ द्वारा जारी एक मुद्रा
(b) संयुक्त राज्य अमेरिका की परिसंघीय सरकार द्वारा जारी एक विशेष मुद्रा जिसका प्रयोग केवल यूरोप में होता है
(c) यूरोप में परिचालित अमेरिकी (U.S.) डॉलर
(d) संयुक्त राज्य अमेरिका में अमेरिकी (U.S.) डॉलर
[I.A.S. (Pre) 1993]
उत्तर- (c) यूरोप में परिचालित अमेरिकी (U.S.) डॉलर
- यूरो डॉलर विशेष रूप से यूरोप में परिचालित अमेरिकी डॉलर है।
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92. नई मुद्रा यूरो किस वर्ष में प्रारंभ की गई-
(a) 1996
(b) 1997
(c) 1998
(d) 2002
[48th to 52nd B.P.S.C. (Pre) 2008*]
उत्तर- (d) 2002
- वर्ष 1999 में इलेक्ट्रॉनिक करेंसी के रूप में जारी यूरोपीय संघ की एकल मुद्रा- यूरो 1 जनवरी, 2002 से चलन (Circulation) में आई।
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93. हवाला संव्यवहार उन भुगतानों से संबंधित है जो —
(a) सरकारी माध्यम से गुजरे बिना विदेशी मुद्रा के बदले रुपये में और रुपये के बदले विदेशी मुद्रा में किए जाते हैं।
(b) स्थापित शेयर बाजारों के माध्यम से गुजरे बिना ही शेयरों के विक्रय/अंतरण से प्राप्त होते हैं।
(c) विदेशी निवेशकों/क्रेताओं/विक्रेताओं को अनावश्यक लंबी प्रक्रिया (रेड टेप) से बचाने और / या अधिमानी व्यवहार प्राप्त करने में सहायतार्थ सेवा प्रदान करने के लिए कमीशन के रूप में प्राप्त होते हैं।
(d) निर्वाचन विषयक व्ययों हेतु राजनीतिक दलों अथवा व्यक्तियों को किए जाते हैं।
[I.A.S.(Pre) 1996]
उत्तर- (a) सरकारी माध्यम से गुजरे बिना विदेशी मुद्रा के बदले रुपये में और रुपये के बदले विदेशी मुद्रा में किए जाते हैं।
- विदेशी मुद्राओं का आधिकारिक रूप से क्रय-विक्रय एवं हस्तांतरण रिजर्व बैंक द्वारा अधिकृत डीलरों के माध्यम से होना चाहिए, किंतु काले धन के हस्तांतरण के लिए आमतौर पर अनधिकृत नेटवर्क का प्रयोग किया जाता है।
- भारत से किसी अन्य देश को विदेशी मुद्रा ले जाने के लिए भारत में ही किसी हवाला एजेंट को रुपये उपलब्ध करा दिए जाते हैं, जिसके बदले विदेश के किसी निर्धारित व्यक्ति से विदेशी मुद्रा प्राप्त कर ली जाती है।
- इसे ही हवाला संव्यवहार कहते हैं।
- हवाला संव्यवहार को रोकने हेतु सरकार ने ‘मनी लॉड्रिंग प्रिवेंशन एक्ट’ लागू किया है।
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94. फेमा (विदेशी मुद्रा प्रबंधन अधिनियम) को अंतिम रूप से लागू किया गया वर्ष-
(a) 1991
(b) 1997
(c) 2002
(d)2007
[U.P. P.C.S. (Pre) 2013]
उत्तर- (c) 2002
- फेमा (Foreign Exchange Management Act- FEMA) बाह्य व्यापार तथा भुगतान को सुविधाजनक बनाने एवं भारत में विदेशी मुद्रा बाजार के सुव्यवस्थित विकास और उसकी स्थिरता का संवर्धन करने के उद्देश्य से फेरा (Foreign Exchange Regulation Act-FERA) के स्थान पर वर्ष 2002 से पूर्ण रूप से लागू हुआ।
- यह अधिनियम वर्ष 1999 में पारित हुआ तथा वर्ष 2000 से इसने आंशिक रूप से कार्य करना प्रारंभ किया, नए विवाद तो फेमा के अंतर्गत आए परंतु पुराने विवाद फेरा के अंतर्गत वर्ष 2002 तक रहे।
- अतः फेमा पूर्ण रूप से वर्ष 2002 से लागू हुआ।
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95. निम्नांकित भारतीय अधिनियमों का सही कालानुक्रमिक अनुक्रम क्या है?
1. एम.आर.टी.पी.एक्ट
2. इंडस्ट्रीज (डेवलपमेंट एवं रेगुलेशन) एक्ट
3. फेरा (एफ.ई.आर.ए.)
4. न्यूनतम मजदूरी अधिनियम
नीचे दिए गए कूटों का प्रयोग करते हुए सही उत्तर चुनिए-
कूट :
(a) 2, 3, 4, 1
(b) 4, 2, 1, 3
(c) 2, 3,1,4
(d) 4, 2, 3,1
[U.P. P.C.S. (mains) 2017]
उत्तर- (c) 2, 3,1,4
- Minimum Wage Act – 1948
Industries Development and Regulation Act – 1951
MRTP Act- Monopolistic and Restrictive Trade Practice Act – 1969
FERA- Foreign Exchange Regulation Act – 1973
- उपरोक्त घटनाओं के कालक्रम के आधार पर विकल्प (c) सत्य है।
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96. निम्नलिखित में से किस अर्थशास्त्री ने व्यापार चक्र का विशुद्ध मौद्रिक सिद्धांत प्रतिपादित किया?
(a) हाट्रे
(b) कीन्स
(c) हायक
(d) हिक्स
[Uttarakhand P.C.S. (Pre) 2012]
उत्तर- (a) हाट्रे
- अर्थशास्त्री हाट्रे (Hawtrey) ने व्यापार चक्र का विशुद्ध मौद्रिक सिद्धांत प्रतिपादित किया।
- हाट्रे के अनुसार, “व्यापार चक्र एक नितांत मौद्रिक समस्या है, यह व्यापारियों की ओर से मुद्रा की मांग प्रवाह में होने वाले परिवर्तन हैं, जिनके परिणामस्वरूप अर्थव्यवस्था में समृद्धि तथा मंदी आती है”।
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97. भारत और अमेरिका के मध्य विदेशी खाता कर अनुपालन अधिनियम (एफ.ए.टी.सी.ए.) क्रियाशील हुआ है –
(a) 1 अक्टूबर, 2015 से
(b) 2 अक्टूबर, 2015 से
(c) 30 सितंबर, 2015 से
(d) 30 अक्टूबर, 2015 से
[U.P. Lower Sub. (Pre) 2015]
उत्तर- (c) 30 सितंबर, 2015 से
- भारत और अमेरिका के मध्य ‘विदेशी खाता कर अनुपालन अधिनियम’ (FATCA : Foreign Account Tax Compliance Act) 9 जुलाई, 2015 को हस्ताक्षरित तथा 30 सितंबर, 2015 से प्रभावी हुआ।
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98. ‘स्टार्ट-1 एवं स्टार्ट-II’ संधियां हस्ताक्षरित की गई-
(a) अमेरिका व सोवियत संघ के मध्य
(b) अमेरिका व चीन के मध्य
(c) सोवियत संघ व चीन के मध्य
(d) उपरोक्त में से किसी के मध्य नहीं
[Uttarakhand P.C.S. (Pre) 2012]
उत्तर- (a) अमेरिका व सोवियत संघ के मध्य
- START (Strategic Arms Reduction Treaty) अमेरिका व सोवियत संघ के मध्य एक द्विपक्षीय संधि है।
- स्टार्ट-1 और स्टार्ट -II संधि क्रमशः जुलाई, 1991 तथा जनवरी, 1993 में हुई थी।
- स्टार्ट-1 संधि के समय यू.एस. राष्ट्रपति जॉर्ज बुश तथा सोवियत संघ के राष्ट्रपति मिखाइल गोर्बाचोव, थे जबकि स्टार्ट-II के समय यू.एस. राष्ट्रपति जॉर्ज बुश तथा सोवियत संघ के राष्ट्रपति बोरिस येल्तसिन थे।
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99. निम्नलिखित में से कौन-से युग्म सही सुमेलित हैं?
1. विदेशी मुद्रा आरक्षित निधि में वृद्धि………मुद्रा प्रसार
2. भारत में निम्न आयात वृद्धि दर…. सुस्ती . भारतीय उद्योगों में
3. यूरो-निर्गम…….. यूरोपीय देशों में भारतीय कंपनियों द्वारा धारित शेयर
4. निवेश-सूची (पोर्टफोलियो) निवेश…….. विदेशी संस्थागत निवेश
निम्नलिखित कूटों का प्रयोग करते हुए सही उत्तर का चयन कीजिए-
(a) 1, 2 और 4
(b) 1, 2 और 3
(c) 3 और 4
(d) 1, 2, 3 और 4
[I.A.S. (Pre) 1995]
उत्तर- (a) 1, 2 और 4
- विदेशी मुद्रा आरक्षित निधि में वृद्धि का सीधा प्रभाव देश में मुद्रा के प्रसार के रूप में होता है।
- भारत के उद्योग आयातित वस्तुओं एवं मशीनरी पर बहुत अधिक निर्भर हैं।
- इसलिए आयात में कमी से भारतीय उद्योगों में सुस्ती आ सकती है।
- विदेशी पोर्टफोलियो निवेश, विदेशी संस्थागत निवेश से संबंधित है।
- अतः विकल्प (a) सही उत्तर है।
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100. भारतीय अक्षय ऊर्जा विकास एजेंसी लिमिटेड (IREDA) के संदर्भ में, निम्नलिखित में से कौन-सा / से कथन सही है/हैं?
1. यह एक पब्लिक लिमिटेड सरकारी कंपनी है।
2. यह एक गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनी है।
नीचे दिए गए कूट का प्रयोग कर सही उत्तर चुनिए-
(a) केवल 1
(b) 1 और 2 दोनों
(c) केवल 2
(d) न तो 1 और न ही 2
[I. A. S. (Pre) 2015]
उत्तर- (c) केवल 2
- भारतीय अक्षय ऊर्जा विकास एजेंसी लिमिटेड (IREDA) को वर्ष 2015 में प्रतिष्ठित ‘मिनी रत्न’ (श्रेणी I) का दर्जा प्रदान किया गया।
- इरेडा एक गैर-बैंकिग वित्तीय संस्थान है, जो अक्षय ऊर्जा और ऊर्जा दक्षता/संरक्षण परियोजनाओं के संवर्धन, विकास तथा वित्तीय सहायता प्रदान करने के लिए नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा मंत्रालय के प्रशासनिक नियंत्रणाधीन वर्ष 1987 में स्थापित एक पब्लिक लिमिटेड सरकारी कंपनी है इसका उद्देश्य ‘शाश्वत ऊर्जा’ है।
- इसके अन्य प्रमुख उद्देश्य हैं –
(1) नवीन एवं नवीकरणीय स्रोतों के जरिए विद्युत उत्पादन और ऊर्जा दक्षता के जरिए ऊर्जा संरक्षण हेतु विशिष्ट परियोजनाओं एवं स्कीमों के लिए वित्तीय सहायता प्रदान करना।
(2) नवीकरणीय ऊर्जा दक्षता / संरक्षण परियोजनाओं में दक्ष एवं प्रभावी वित्तपोषण प्रदान करने के लिए अग्रणी संगठन के रूप में अपनी स्थिति को बनाए रखना।
(3) अभिनव वित्तपोषण के जरिए नवीकरणीय ऊर्जा के क्षेत्र में इरेडा की हिस्सेदारी को बढ़ाना आदि।
(4) प्रणालियों, प्रक्रियाओं एवं संसाधनों में सतत सुधार के जरिए उपभोक्ताओं को प्रदान की गई सेवाओं की दक्षता में सुधार।
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