उत्तर प्रदेश की नेपाल से लगने वाली सीमा का भारत-नेपाल संबंधों में क्या महत्व है। चर्चा कीजिए
उत्तर की संरचनाः
भूमिका:
- उत्तर प्रदेश-नेपाल सीमा का संक्षिप्त परिचय दीजिए।
मुख्य भाग:
- उत्तर प्रदेश-नेपाल सीमा के सकारात्मक व नकारात्मक पक्षों को बताइए।
निष्कर्ष:
- भारत-नेपाल संबंधों में उत्तर प्रदेश व इसके व्यक्तियों की भूमिका बताते हुए निष्कर्ष दीजिए।
उत्तर
भूमिकाः
उत्तर प्रदेश, नेपाल के साथ उत्तरी तराई क्षेत्र में 579 किमी. की वीजामुक्त व खुली सीमा बनाता है। उत्तर प्रदेश और नेपाल आपस में गहरे ऐतिहासिक व सांस्कृतिक संबंधों को साझा करते हैं और ये भारत-नेपाल संबंधों में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है। भारत-नेपाल संबंध मुख्यतः भारत-नेपाल शांति व मित्रता संधि-1950 पर आधारित है।
मुख्य भागः
उत्तर प्रदेश-नेपाल सीमा का महत्व निम्न प्रकार देखा जा सकता है
सकारात्मक पक्ष:
- तराई क्षेत्र के उत्तर प्रदेश के लोगों के नेपाल के मधेशी लोगों के साथ नेपाल सीमा के आर-पार पारिवारिक संबंध हैं। इन लोगों का नेपाल की राजनीति में महत्वपूर्ण प्रभाव है जो कि भारत के लिए सकारात्मक है।
- उत्तर प्रदेश, नेपाल सीमा के आर-पार वीजा मुक्त व्यापार भारत-नेपाल के बीच व्यापार को बढ़ावा देता है और इससे द्विपक्षीय आर्थिक संबंध मजबूत होते हैं।
- आपदा के समय शीघ्रता से सेवाओं का आदान-प्रदान किया जा सकता है जैसा कि नेपाल के 2015 के भूकंप के समय किया गया था।
- नेपाल से भारत में श्रम आपूर्ति श्रम बाजार को प्रतिस्पर्धात्मक बनाती है जिससे उत्पादन लागत कम होती है।
- पर्यावरणीय सुभेद्यता के कारण दोनों क्षेत्रों के बीच पर्यावरणीय मुद्दों पर सहयोग सुगम हो जाता है। उदाहरणस्वरूप शारदा नदी, मोहाना नदी, घाघरा नदी इत्यादि के प्रबंधन पर।
नकारात्मक पक्षः
- खुली सीमा भारत के लिए एक विकट सुरक्षा समस्या उत्पन्न करती है। संगठित अपराध जैसे कि मानव तस्करी, नशीले पदार्थों का व्यापार, शस्त्रों का व्यापार, नकली नोटों का व्यापार इस विषय में मुख्य चुनौतिया है।
- कुछ विवादित क्षेत्र भी हैं जैसे- शिवालिक रेन्ज, दुधवा रेन्ज आदि। यह किसी भी समय झगड़े की जर सकता है। वर्तमान में 54 अतिक्रमित क्षेत्र उपस्थित हैं।
- सीमा पार नदियों नेपाल के द्वारा बाँधों के दरवाजे खोले जाने पर भारत में भी भीषण बाढ लाती है। नेपाल संबंधों में तनाव उत्पन्न करती है। नियंत्रण रेखा (एलओसी) पर कड़ी पहरेदारी के कारण आतंकवादी भारत में प्रवेश करने के लिए भारत-नेपाल सीमा का प्रयोग करते हैं।
- माओवादियों को भी भारत-नेपाल सीमा पार से सहयोग मिलता है।
- खुली सीमा सीमा पार प्रवसन को भी बढ़ावा देती है जिससे यहाँ जनसांख्यिकी में बदलाव होता है तथा यह के संसाधनों पर भी दबाव बनता है।
निष्कर्षः
हाल में देखी गई चीन-नेपाल संबंधों को निकटता भारत-नेपाल संबंधों में चुनौती उत्पन्न कर रही है। ऐसे में प्रदेश सरकार व इसके लोगों को द्विपक्षीय संबंधों के सकारात्मक पक्षों को और सुधारने में व नकारात्मक पक्षों को कम करने में निर्णायक भूमिका निभानी चाहिए।