जनगणना-2011 के आधार पर उत्तर प्रदेश की जननांकीय/जनसांख्यिकीय विशेषताओं का  वर्णन कीजिये

उत्तर की संरचनाः

भूमिका

  • संक्षेप में जनगणना के महत्व को स्पष्ट करें।

मुख्य भाग

  • उत्तर प्रदेश की जनसंख्या की विशेषताओं को बताएँ। 
  • कुल जनसंख्या, वृद्धि दर, लिंगानुपात, साक्षरता इत्यादि को बताएँ।

निष्कर्ष

  • जनगणना 2011 के आधार पर निष्कर्ष निकालें और आगे की राह बताएँ।

भूमिकाः

जनगणना, जनसंख्या के सामाजिक-आर्थिक विशेषताओं, जैसे-कुल जनसंख्या, वृद्धि दर, आयु, लिंग, शैक्षणिक स्तर जन्म-दर, इत्यादि का सांख्यिकीय संग्रह है। जनगणना 2011 कुल मिला कर भारत की 15वी और स्वतंत्र भारत की 7वीं जनगणना है।

मुख्य भागः

उत्तर प्रदेश की जनसांख्यिकीय विशेषताएँ-

  • कुल जनसंख्याः जनगणना 2011 के अनुसार उत्तर प्रदेश की कुल जनसंख्या 19,98,12,341 है। जो भारत की कुल जनसंख्या का 16.50% है। वैश्विक संदर्भ में चीन, भारत, अमेरिका और इण्डोनेशिया के पश्चात् उत्तर प्रदेश का स्थान 5वाँ है। इस प्रकार प्रदेश में जनसंख्या का वृहद आकार स्पष्ट होता है।
  • दशकीय वृद्धि दरः जनगणना 2011 के अनुसार उत्तर प्रदेश में दशकीय वृद्धि दर 20.22% दर्ज की गयी। यह वृद्धि दर राष्ट्रीय औसत वृद्धि दर (17.7%) से अधिक है। लेकिन 1991-2001 की तुलना में कम है (1991-2001: 25.85%) इससे जनसंख्या वृद्धि में गिरावट के संकेत मिलते हैं।
  • जनसंख्या घनत्व: जनगणना 2011 के अनुसार राज्य का औसत जनघनत्व 829 व्यक्ति प्रति वर्ग किमी. है, जो राष्ट्रीय औसत (382) के दुगुने से अधक (447) है। इस प्रकार, उत्तर प्रदेश देश का सघन आबादी वाला राज्य
  • साक्षरता दरः वर्ष 2011 की जनगणना में उत्तर प्रदेश की औसत साक्षरता 67.7% रही है, जो राष्ट्रीय औसत (73. 10%) से कम है। केरल (92.1%), मिजोरम (89.3%), गोवा (88.7%) जैसे राज्यों में जहाँ साक्षरता दर दर्ज की गयी, उत्तर प्रदेश देश में (सभी राज्यों में) 29वें स्थान पर है। साक्षरता की स्थिति चिंताजनक है। प्रदेश में पुरूष साक्षरता (77.3%) और महिला साक्षरता (57.2%) के बीच बहुत अधिक अंतर विद्यमान है।
  • लिंगानुपात: प्रति हजार पुरूषों पर स्त्रियों की संख्या को “लिंगानुपात” कहा जाता है। प्रदेश में 2011 की जनगणना में लिंगानुपात 912 पाया गया। जो राष्ट्रीय औसत (943) से कम है। लेकिन 2001 की तुलना में इसमें सुधार हुआ
  • नगरीय एवं ग्रामीण जनसंख्याः जनगणना 2011 में प्रदेश की 77.70% जनसंख्या ग्रामीण और 22.3% नगरीय जनसंख्या दर्ज की गयी। 2001 की जनगणना में प्रदेश की ग्रामीण-नगरीय जनसंख्या अनुपात की तुलना में 2011 में नगरीय जनसंख्या का प्रतिशत बढ़ा है। यद्यपि यह कम है लेकिन नगरीय जनसंख्या में वृद्धि की प्रवृत्ति को प्रकट करता है।
  • अनसचित जातियाँ: जनगणना 2011 के अनुसार उत्तर प्रदेश की कुल जनसंख्या में अनुसूचित जातियों का प्रतिशत 20.7 है। उत्तर प्रदेश देश में सर्वाधिक अनुसूचित जाति की जनसंख्या वाला देश है। इतनी बड़ी आबादी समावेशी विकास के लिए फोकस कार्यक्रमों की आवश्यकता को बताता है।
  • अनुसूचित जनजातिः राज्य की कुल जनसंख्या में अनुसूचित जनजातियों का प्रतिशत 0.6 है। सोनभद्र, बलिया,कशीनगर, ललितपुर इत्यादि जिलों में जनजातियों की संख्या अधिक है। यद्यपि जनजातियों की संख्या तुलनात्मक सपा से कम है लेकिन इनकी सामाजिक और आर्थिक स्थिति अत्यंत चिंताजनक है।
  • बाल आयु समूह (0-6 वर्ष): जनगणना 2011 के अनुसार उत्तर प्रदेश में 0-6 वर्ष के आयु समूह की कुल जनसंख्या प्रदेश की जनसंख्या का 15.41% है। यद्यपि यह राष्ट्रीय औसत से अधिक है लेकिन 2001 की तुलना में पटेश में 3.59% कम है। यह जनसंख्या वृद्धि में गिरावट की प्रवृत्ति को उजागर करता है।
  • धार्मिक समहः धर्म आधारित जनगणना-2011 के अनुसार प्रदेश में हिन्दू धर्म के अनुयायियों की संख्या सर्वाधिक (79.73%) है। इसके पश्चात् मुस्लिम धर्मानुयायी लगभग 19% (19.26%) है। सिख, ईसाई, जैन और बौद्ध धर्म मतानुयायी 1% से भी कम है।

निष्कर्षः

जनगणना 2011 से प्रदेश में जनसंख्या वृद्धि दर में गिरावट और साक्षरता दर में वृद्धि जैसी विभिन्न सूचनाएँ प्राप्त होती हैं। प्रदेश के समावेशी और सतत विकास के लिए वृद्धि दर पर नियंत्रण करने की आवश्यकता है। साथ ही साक्षरता में वृद्धि के लिए अधिक गंभीर रणनीति को लागू करना होगा।

 

 

Add a Comment

Your email address will not be published. Required fields are marked *


The reCAPTCHA verification period has expired. Please reload the page.