हाल में उत्तर प्रदेश में आयोजित वैश्विक निवेशक सम्मेलन उत्तर प्रदेश के विकास के लिए एक मील का पत्थर सिद्ध होगा। क्या आप इस कथन से सहमत हैं? तर्क दीजिए।

उत्तर की संरचनाः

भूमिका:

  • वैश्विक निवेशक सम्मेलन के विषय में संक्षिप्त जानकारी दीजिए।

मुख्य भाग:

  •  इस सम्मेलन के सकारात्मक पक्ष को दिखाइए।
  • दिखाइए कि केवल सम्मेलन मात्र, परिदृश्य के बदल नहीं सकता है बल्कि अन्य पहल भी लेनी होंगी।

निष्कर्ष:

  • इस निवेशक सम्मेलन की भावी दृष्टि के बारे में बताते हुए निष्कर्ष दीजिए।

उत्तर

भूमिकाः

उत्तर प्रदेश के विभिन्न क्षेत्रकों में निवेश की सम्भावनाओं को उजागर करने के लिए 21 व 22 फरवरी को वैश्विक निवशक सम्मेलन का उत्तर प्रदेश में आयोजन किया गया था। यहाँ 4.28 लाख करोड़ (उ.प्र. के वार्षिक बजट 2018-19 के समकक्ष) की 1045 परियोजनाओं पर सहमति बनी है।

मुख्य भागः

ऐसी उत्साहवर्धक परिघटना उ.प्र. के विकास की सकारात्मक संभावनाओं को दर्शाती हैं। यह निम्न कारणों से एक मील का पत्थर सिद्ध हो सकती है

  • यहाँ घोषित बुन्देलखंड रक्षा गलियारा, बुन्दलेखंड में आर्थिक समृद्धि, रोजगार व सुशासन लाएगी।
  • आदित्य बिरला समूह द्वारा वित्तीय व विनिर्माण क्षेत्र में घोषित निवेश कुशल व अर्द्धकुशल लोगों के लिए स्वस्थान रोजगार उत्पन्न करेगा व उ.प्र. से बुद्धि पलायन को रोकेगा।
  • 4G संजाल के द्वारा संयोजन विभिन्न ई-गवर्नेस परियोजनाओं को ग्रामीण क्षेत्रों में पहुंचाने में सहायक हेगा।
  • इस प्रकार की उद्घोषणाएं अन्य निवेशकों को भी प्रेरित करेंगी जो इस क्षेत्र के विकास में परिवर्तित हे जाएंगी।
  • यह कानून व्यवस्था, निगमित सार्वजनिक उत्तरदायित्व के माध्यम से सामाजिक विकास को भी बढ़ावा देगी।

फिर भी मात्र इस सम्मेलन का आयोजन व विभिन्न निवेशकों द्वारा की गई निवेश की विभिन्न उद्घोषणाएँ उ.प्र. की अल्पविकसित छवि का रूपान्तरण नहीं कर पाएंगी तथा इसके लिए कुछ ऋणमूल स्तरीय कार्य भी करने होंगे-

  • कौशल विकास पर जोर देकर उ.प्र. में मानव संसाधन विकास पर जोर देना होगा ताकि रोजगार के अवसरों का दोहन स्थानीय लोगों द्वारा किया जा सके।
  • समयबद्ध अनुमोदन, भूमि अधिग्रहण प्रभावित लोगों को क्षतिपूर्ति देनी होगी ताकि परियोजना विकास का समर्थन हो सके।
  • कानून व्यवस्था को बेहतर करना होगा।
  • मूलभूत ढांचा जैसे कि सड़क, बिजली, पानी, अपशिष्ट पुनर्चक्रण का भी ध्यान रखना होगा।
  • उ.प्र. को स्वयं को अन्य तटीय राज्यों से, निवेश आकर्षण हेतु प्रतिस्पर्धात्मक बनाना होगा।

निष्कर्षः

इन चुनौतियों का सक्रिय व सकारात्मक रूप से, कानून संसोधन द्वारा, नीगित सहायता द्वारा, प्रशासनिक सहायता द्वारा सामना करना होगा ताकि उत्तर प्रदेश के एक विकसित परिदृश्य का प्रकटीकरण हो सके।

 

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