“स्थानीय शासन का उददेश्य लोकतांत्रिक विकेंद्रीकरण है” उत्तर प्रदेश में पंचायती राज संस्था के में दिए गए कथन पर चर्चा करें।

उत्तर की संरचनाः

भूमिका:

  • अनुच्छेद-40 (नीति निर्देशक तत्व) के आधार भूमिका दें।

मुख्य भाग:

  • उत्तर प्रदेश में पंचायती राज प्रणाली के उद्भव को बताएं।
  • वर्तमान में पंचायती राज से संबंधित विभिन्न योजनाओं का उल्लेख करें।

निष्कर्ष:

  • बताएं कि एक सशक्त पंचायती राज वास्तविक लोकतंत्र की स्थापना में महत्वपूर्ण होता है।

उत्तर

भूमिकाः

पंचायती राज का सम्बन्ध स्थानीय स्वशासन प्रणाली से है। नीति निदेशक ततव के अनुच्छेद 40 के अनुसार राज्य ग्राम पचायतों के गठन का प्रयास करेगा। स्थानीय स्वशासन प्रणाली स्थानी स्तर पर नियोजन एवं प्रशासन में लोगों की भागीदारी का एक प्रभावी साधन है जिससे लोकतंत्र का वास्तविक उद्देश्य स्थापित होता है।

मुख्य भागः

उत्तर प्रदेश में पंचायती राज प्रणाली

उत्तर प्रदेश में पंचायती राज का आरम्भ पंचायती राज अधिनियम 1947 के अंतर्गत स्थापित ‘पंचायती राज विभाग’ के रूप में होता है। वर्तमान में उत्तर प्रदेश में 75 जिला पंचायत, 821 माध्यमिक पंचायत तथा लगभग 5000 ग्राम पंचायत विद्यमान हैं। उत्तर प्रदेश में पंचायती राज प्रणाली त्रिस्तरीय है।

राज्य सरकार ने लोकतंत्र के उद्देश्य को पूरा करने के लिए स्थानीय स्तर पर स्वशासन के प्रभावी क्रियान्वयन के लिए महत्वपूर्ण प्रयास किये हैं।

पंचायती राज प्रणाली की स्थिति –

  • ग्राम पंचायत के विकास के लिए ‘हमारी योजना, हमारा विकास’ कार्यक्रम अत्यंत महत्वपूर्ण है।
  • विभिन्न राज्यों में ग्राम पंचायतों को सशक्तिकरण पुरस्कार से सम्मानित किया गया है।
  • उत्तर प्रदेश के विभिन्न ब्लॉकों में स्वच्छता अभियान के तहत प्रतिनिधि महिलाओं में शौचालय निर्माण में महत्वपूर्ण योगदान किया।
  • लोगों ने पंचायतों एवं नगर निकायों के समक्ष विभिन्न विकास कार्यक्रमों को रखा जो सक्रिय भागीदारी का एक प्रमाण है जिसे उत्तर प्रदेश योजना समिति अधिनियम 1999 के अंतर्गत गठित जिला योजना समिति के समक्ष विचार के लिए रखा जाता है।
  • पंचायती राज प्रणाली ने राजनीति में महिलाओं की भागीदारी को प्रोत्साहित किया (338) तथा ग्रामीण क्षेत्रों में नेतत्व संचालन में परिवर्तन लाया।

निष्कर्षः

एक सशक्त पंचायती राज प्रणाली के विकास के द्वारा शासन को प्रभावी बनाया जा सकता है तथा शक्ति, नतृत्व एवं संसाधनों के स्थानीय स्तर पर पुनर्वितरण के द्वारा वास्तविक लोकतंत्र को स्थापित किया जाता है।

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