साइबर भौतिक प्रणालियों (साइबर फिजिकल सिस्टम: CPS) का संक्षिप्त वर्णन

प्रश्न: साइबर भौतिक प्रणालियों (साइबर फिजिकल सिस्टम) की विशेषताओं और अनुप्रयोगों पर प्रकाश डालिए। साथ ही, हाल ही में सरकार द्वारा आरंभ किए गए साइबर भौतिक प्रणाली कार्यक्रम के विभिन्न उद्देश्यों को सूचीबद्ध कीजिए।

दृष्टिकोण

  • साइबर भौतिक प्रणालियों (साइबर फिजिकल सिस्टम: CPS) का संक्षिप्त वर्णन प्रस्तुत कीजिए।
  • CPS की विशेषताओं का उल्लेख कीजिए। 
  • विभिन्न क्षेत्रों में इसके अनुप्रयोगों पर संक्षिप्त चर्चा कीजिए।
  • हाल ही में सरकार द्वारा आरंभ किए गए साइबर भौतिक प्रणाली कार्यक्रम के उद्देश्यों को निर्दिष्ट कीजिए।
  • सतर्क एवं भविष्योन्मुख दृष्टिकोण के साथ उत्तर का समापन कीजिये।

उत्तर

साइबर भौतिक प्रणाली का आशय, कम्प्यूटर-आधारित एल्गोरिदम के द्वारा नियंत्रित एक ऐसे तंत्र से है जो इंटरनेट तथा इसके उपयोगकर्ताओं से एकीकृत करता है। यह संगणनात्मक एल्गोरिदम तथा भौतिक घटकों के निर्बाध एकीकरण पर निर्भर होता है तथा इन दोनों के एक अंतक्रियात्मक नेटवर्क से मिलकर बनता है। CPS के द्वारा साइबरनेटिक्स, डिजाइन और प्रोसेस साइंस, मेक्ट्रोनिक्स इत्यादि अंतर-विषयक सिद्धांतों का एकीकरण किया जाता है।

इसकी निम्नलिखित विशेषताएँ हैं:

  • संचार: बिभिन्न स्तरों पर सम्बद्ध (networked) प्रत्येक भौतिक घटक में, साइबर क्षमता और संचार प्रणाली।
  • उत्पादकता: इसके संघटक तत्व भौतिक रूप से युग्मित होते हैं तथा उनमें लॉजिकल कपलिंग भी होती है।
  • अनुकूलनशीलता: ऑटोमेशन का उच्च स्तर पाया जाता है। इसके साथ ही इसमें कण्ट्रोल लूप होते हैं जो विभिन्न स्तरों पर क्लोज्ड होते हैं।

CPS के कुछ अनुप्रयोगों में निम्नलिखित शामिल हैं: 

  • स्मार्ट सिटी: यहाँ स्मार्ट जल प्रबंधन और स्मार्ट विद्युत निकाय जैसे अनुप्रयोग देखे जा सकते हैं।
  • हेल्थकेयर: स्मार्ट एम्बुलेंस, SOS अलार्म ट्रिगर्स इत्यादि के माध्यम से आपातकालीन देखभाल।
  • परिवहन और विमानन क्षेत्र: इसमें मानव रहित वाहन, विमान नौवहन प्रणाली, स्वचालित कार, इंटेलीजेंट हाइवे इत्यादि शामिल हैं।
  • अवसंरचना प्रबंधन: इंटरनेट-ऑफ-थिंग्स आधारित CPS, पुलों, सड़कों, रेलवे इत्यादि अवसंरचना परियोजनाओं की स्थिति की निगरानी और अनुमानित रखरखाव के लिए तकनीकी प्रदान कर सकता है।
  • अन्य अनुप्रयोगों में रक्षा प्रणाली, कृषि, रोबोटिक्स प्रणाली, प्रॉसेस कण्ट्रोल, ऊर्जा क्षेत्र इत्यादि शामिल हैं।

विज्ञान और प्रौद्योगिकी विभाग द्वारा 3000 करोड़ रुपये के वित्तीय परिव्यय का एक CPS कार्यक्रम आरम्भ किया गया है, जिसके लिए प्रारंभिक बजट 100 करोड़ रूपए निर्धारित किया गया है।

इसके उद्देश्यों में शामिल हैं:

  • विश्वविद्यालयों और अन्य संस्थानों में इस उभरते हुए क्षेत्र में अनुसंधान और विकास के लिए उत्कृष्टता के केंद्रों का विकास करना।
  • ITs जैसे उच्च शिक्षा संस्थानों में इस विषय के लिए समर्पित पाठ्यक्रम आरंभ करना।
  • विश्वविद्यालय के वैज्ञानिकों और उद्योग के मध्य सामंजस्य को प्रोत्साहित करना और इसके प्रति अकादमिक विलगाव को समाप्त करना।

CPS, भारत के जनसांख्यिकीय लाभांश का लाभ उठाकर भावी कार्यबल विकसित करने का अवसर प्रदान करता है। हालांकि, CPS को बड़े पैमाने पर अपनाए जाने से पूर्व, नीति-निर्माण के लिए अंतर-अनुशासनात्मक दृष्टिकोण का उपयोग और निष्पादन करते हुए प्रणाली-स्तरीय प्रबंधन, CPS की सुरक्षा और बचाव, हाइब्रिड सिस्टम, डेटा और गोपनीयता संबंधी मुद्दों जैसी चुनौतियों का समाधान किए जाने की आवश्यकता है।

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