ब्रिटिश शासन का भारतीय अर्थव्यवस्था पर प्रभाव वन लाइनर प्रश्न और उत्तर

 

Questions Answers
1 शब्द ‘इंपीरियल प्रेफरेंस’ का प्रयोग किया जाता था – भारत में ब्रिटिश आयातों पर दी गई विशेष रियायतों के लिए।
2 ब्रिटिश शासन के दौरान भारत में उद्योगों का कोई स्वतंत्र विकास नहीं हुआ। इसका कारण था – धनिक वर्ग द्वारा भू-संपत्ति में निवेश करने को तरजीह दिया जाना
3 18वीं से निर्यातित प्रमुख पण्यपदार्थ (स्टेपल कमोडिटीज़) क्या थे? कपास, रेशम, शोरा और अफ़ीम
4 इस्तमरारी बंदोबस्त किसने लागू किया? लॉर्ड कॉर्नवालिस
5 चिरस्थायी बंदोबस्त, 1793 के अंतर्गत जमींदारों से अपेक्षा की गई थी कि वे खेतिहरों को पट्टा जारी करेंगे। अनेक जमींदारों ने पट्टा जारी नहीं किए। इसका कारण था – जमींदारों के ऊपर कोई सरकारी नियंत्रण नहीं था।
6 बिहार में ‘परमानेंट सेटिलमेंट’ लागू करने का कारण था – भू-राजस्व का राजस्व निर्णय करना
7 वह प्रथा, जिसके तहत किसान स्वयं भूमि का मालिक होता है और सरकार को मू -राजस्व के भुगतान के लिए जिम्मेदार माना जाता है? रैयतवाड़ी प्रथा
8 पंजाब मूमि हस्तांतरण अधिनियम कब पारित किया गया? 1900
9 असम में सर्वप्रथम चाय कंपनी की स्थापना कब हुई थी? 1839 में
10 ब्रिटिश भारत में सैन्य बल पर केंद्रीय राजस्व का कुल कितना प्रतिशत व्यय होता था? 40%
11 ‘पावर्टी एंड अनब्रिटिश रूल इन इंडिया’ नामक पुस्तक किस वर्ष प्रकाशित हुई? 1901 ई.
12 ‘पावर्टी एंड द अन-ब्रिटिश रूल इन इंडिया’ नामक पुस्तक किसने लिखी? दादाभाई नौरोजी
13 ब्रिटिश शासन के समय अर्थव्यवस्था को खोखला करने (इकोनॉमिक ड्रेन) के सिद्धांत के बारे में पुस्तक किसने लिखी थी? दादाभाई नौरोजी
14 किसने यह विचार किया था कि भारत में ‘ब्रिटिश आर्थिक नीति’ घिनौनी है? कार्ल मार्क्स
15 दक्षिण भारत में सिंचाई व्यवस्था का अग्रदूत किसे माना जाता है? सर आर्थर कॉटन

 

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