केस स्टडीज-प्रत्येक समस्या के गुण और दोषों का विश्लेषण करते हुए मुख्य मुद्दों को हल करने के लिए कुछ संभावित समाधान

प्रश्न: आप दिल्ली में अवस्थित एक सुपर स्पेशलिटी अस्पताल के ऑन्कोलॉजी विभाग में एक वरिष्ठ चिकित्सक के रूप में कार्यरत हैं। प्रतिष्ठित दवा कंपनियों द्वारा अस्पतालों को दी जाने वाली संविदा दरों (कोटेशन्स) को प्राप्त करने के दौरान आप दवा कंपनियों और अस्पताल प्रशासन के बीच मिलीभगत का पता लगाते हैं। आपको पता चलता है कि दोनों की मिलीभगत हैं और वे अत्यधिक उच्च कीमतों पर दवाईयां बेचकर कैंसर रोगियों को लूटने का प्रयास कर रहे हैं जबकि बाजार में कम मूल्य वाली वैकल्पिक दवाएँ उपलब्ध हैं। जीवन रक्षक दवाओं की मनमानी मूल्य व्यवस्था के विरुद्ध कार्य करने वाले, अलायंस ऑफ डॉक्टरस फॉर एथिकल हेल्थकेयर के प्रमुख होने के नाते आपको यह मामला अपने राज्य के स्वास्थ्य मंत्री के समक्ष प्रस्तुत करने का एक अवसर मिलता है। हालांकि, अलायन्स के कुछ अन्य चिकित्सकों ने आपसे मंत्री के सामने वास्तविकता को तोड़-मरोड़ कर प्रकट करने के लिए कहा है, क्योंकि उन्हें इस सांठ-गांठ की योजना से आर्थिक लाभ प्राप्त हो रहे हैं, जो मिलीभगत के प्रकट हो जाने पर बंद हो जाएंगे –

(a) इसमें समाविष्ट प्रमुख हितधारकों एवं नैतिक मुद्दों की पहचान कीजिए।

(b) इन समस्याओं को हल करने के लिए संभावित समाधानों का विश्लेषण कीजिए

(c) आपकी अंतिम कार्यवाही क्या होगी और क्यों?

दृष्टिकोण

  • एक व्यापक ढांचे के तहत मामले से संबंधित चिंताओं का संक्षिप्त वर्णन प्रस्तुत कीजिए।
  • इस मामले के प्रमुख हितधारकों और नैतिक मुद्दों की पहचान कीजिए।
  • प्रत्येक समस्या के गुण और दोषों का विश्लेषण करते हुए मुख्य मुद्दों को हल करने के लिए कुछ संभावित समाधान सुझाएं।
  • इसके तार्किक आधार सहित अपनी अंतिम कार्यवाही का वर्णन कीजिए। साथ ही, कुछ दीर्घकालिक समाधान सुझाएं जो इस समस्या को जड़ से समाप्त करने में सहायक हो।

उत्तर

यह मामला लोक हितों पर ध्यान दिए बिना चिकित्सीय नैतिकता के उल्लंघन को प्रदर्शित करता है। यह अस्पताल प्रशासन, दवा कंपनियों और कैंसर रोगियों के मध्य प्रतिस्पर्धी हितों का एक गंभीर चित्र प्रस्तुत करता है।

      प्रमुख हितधारक                                  शामिल नैतिक मुद्दे
कैंसर रोगी चूंकि अत्यधिक उच्च कीमतों का भार प्रत्यक्ष रूप से रोगियों पर पड़ता है, अतः यह संकट की स्थिति में रोगियों के न्याय और निष्पक्षता के सिद्धांतों का उल्लंघन करता है। किसी व्यक्ति के जीवन को वस्तु के रूप में देखना अमानवीय है।
अस्पताल प्रशासन दवा कम्पनियों के साथ अनुचित सांठगांठ पारदर्शिता और जवाबदेही के सिद्धांतों का उल्लंघन करती है। अधिक मुनाफा अर्जित करने के लिए अनुचित साधनों को अपनाना, अस्पताल प्रशासन की उदासीनता को प्रदर्शित करता है।
दवा कंपनी लाभ को अधिकतम करने के लिए अनुचित मूल्य वसूल करना कॉर्पोरेट गवर्नेस के मानदंडों का उल्लंघन करता है। रोगियों को केवल ग्राहक और पैसा बनाने के एजेंट के रूप में देखना, उनके प्रति समानुभूति और संवेदनशीलता की कमी को दर्शाता है।
अलायंस ऑफ डॉक्टरस फॉर एथिकल (स्वयं को शामिल करते हुए) और स्वास्थ्य मंत्री मंत्री के सामने वास्तविकता को तोड़-मरोड़ कर प्रस्तुत करने का विचार, स्वार्थी हेल्थकेयर प्रवृत्तियों को प्रदर्शित करता है। परिणामतः, यह अलायंस के मूल उद्देश्य को विफल हुए करते हुए इसके आधारभूत मूल्यों और सत्यनिष्ठा से समझौता करता है।
राज्य और समाज यह मामला कानून के शासन को बनाए रखने में राज्य की विफलता को भी दर्शाता है। ‘मिलीभगत’ की स्थिति विनियामक प्रणाली की अप्रभाविता को चिन्हित करते हुए हजारों रोगियों को अमानवीय शोषण के लिए निसहाय छोड़ देती है।
एक वरिष्ठ चिकित्सक के रूप में स्वयं वास्तविकता से अवगत होने के नाते, कोई कार्यवाही करने से विमुख नहीं हो सकता है। साथ ही, कार्यवाही करने वाले व्यक्ति को अनुचित प्रथाओं में शामिल अपने सहकर्मी को प्रेरित करना या उसका विरोध करना पड़ता है। केवल परिणामों का सामना करने के साहस के साथ व्यावसायिक नैतिकता ही सही मार्ग प्रदान कर सकती

इन मुद्दों को हल करने के लिए संभावित समाधान

  • विद्यमान मुद्दों को नजरअंदाज करते हुए स्वास्थ्य मंत्री के सामने वास्तविकता को तोड़-मरोड़ कर पेश करने के अन्य चिकित्सकों के विचार का अनुसरण करना
  • गुण- अस्पताल प्रशासन और अलायन्स ऑफ़ डॉक्टर्स फॉर एथिकल हेल्थकेयर के अन्य सदस्य चिकित्सक आर्थिक लाभ के नियमित प्रवाह को बनाए रखने के लिए मुझे अपना विश्वास और समर्थन प्रदान करते रहेंगे। 
  • दोष- यह मेरे कर्तव्य की उपेक्षा होगी और भविष्य में न ही अस्पताल और न ही रोगियों की सहायता करेगा। जानबूझकर, प्रणाली में व्याप्त विसंगतियों की अनदेखी करना भविष्य में अवनति के लिए मार्ग प्रशस्त करती है। यह स्थिति चिकित्सीय नैतिकता के मूलभूत सार से भी समझौता करती है।
  •  प्रशासनिक अधिकारियों और दवा कंपनियों को स्थिति को व्यवस्थित करने या कार्यकारी कार्यवाही का सामना करने संबंधी एक अंतिम चेतावनी जारी करना
  • गुण- यह कदम अस्पताल की मौजूदा कार्य संस्कृति के भीतर सकारात्मक परिवर्तनों के माध्यम से सभी के सुधार के  लिए अवसर प्रदान करता है। इसके अतिरिक्त, यह तीव्रता से जीवन रक्षक दवाओं की कीमतों को कम करने में सहायक होगा।
  • दोष – हालांकि, यह कदम रोगियों को हुई असंगत हानि का अनदेखा करता है। यह जानकर कि सख्त कार्यवाही से बचा जा सकता है, यह प्रशासन/चिकित्सकों को अनैतिक आचरण की स्वीकारोक्ति के लिए अधिक सहनशील बना सकता है। 
  • स्वास्थ्य मंत्री को सभी तथ्यात्मक साक्ष्य द्वारा समर्थित मामले की वास्तविक तस्वीर प्रस्तुत करना
  • गुण – यह विभिन्न हितधारकों के हितों का सबसे कुशल तरीके से निवारण करता है। सबसे महत्वपूर्ण रूप से यह कदम लाभों को केवल शीर्ष प्रशासनिक पदों पर पदासीन कुछ लोगों तक संकेद्रित करने की बजाय जनसंख्या के एक बड़े भाग तक इनका (लाभों को) पुनः वितरण सुनिश्चित करेगा। 
  • दोष- यह कदम अलायंस के सदस्यों को मेरा विरोधी बना सकता है। मैं अस्पताल प्रशासन का समर्थन भी खो सकता हूं और कार्य परिबेश अस्थायी रूप से प्रतिकूल हो सकता है।

स्थिति की गंभीरता को देखते हुए, अंतिम समाधान सूचीबद्ध विकल्पों में अधिक समानुभूतिपूर्ण और व्यावहारिक है। यह समाधान मेरी व्यक्तिगत प्रतिबद्धताओं, संगठनात्मक मूल्यों और संस्थागत सत्यनिष्ठा के अनुरूप होगा। यह न केवल अस्पताल में अनुचित सांठगांठ को प्रकट करने में सहायता करेगा, बल्कि देश के विभिन्न हिस्सों में अन्य दवा कंपनियों और अस्पतालों के मध्य संबंधों में सुधार के लिए एक उदाहरण भी प्रस्तुत करेगा। यह राज्य की नीति के निदेशक तत्वों और अनुच्छेद 21 के तहत सर्वोच्च न्यायालय के निर्देशों के अनुरूप होगा, जिसका उद्देश्य प्रत्येक व्यक्ति के जीवन के अधिकार की सुरक्षा करना है।

हालांकि, अल्पावधि में बेहतर पारदर्शिता सुनिश्चित करने के लिए एक बहुपक्षीय दृष्टिकोण की आवश्यकता है जैसे-

  • सभी दवाओं की कीमतों को सावधानीपूर्वक विनियमित किया जाना चाहिए– यह इस तरह किया जाना चाहिए जिससे बाजार में अनुचित हस्तक्षेप न होने के साथ-साथ व्यक्तिगत लाभ प्राप्त करने हेतु बाजार प्रावधानों के दुरुपयोग के मामलों को कठोरता से नियंत्रित किया जा सके।
  • दवा कंपनियों के लिए विपणन संहिता लागू की जानी चाहिए
  • अवैध सांठगांठ में दोषी पाए गए व्यक्तियों के विरुद्ध कठोर कार्यवाही की जानी चाहिए
  • सभी चिकित्सीय प्रक्रियाओं, प्रत्यारोपण (implants), व्यापार अनुबंधों इत्यादि की लेखा परीक्षा और पर्यवेक्षण एक सक्षम प्राधिकारी द्वारा किया जाना चाहिए।
  • अपेक्षित अधिदेश (requisite mandate) से संबंधित अधिकारियों को अस्पतालों के उचित प्रबंधन और चिकित्सकों के

आचरण के लिए दिशानिर्देश जारी करना तथा उनका उचित प्रवर्तन सुनिश्चित करना चाहिए। ‘किसी भी स्थान पर होने वाला अन्याय प्रत्येक स्थान पर न्याय के लिए एक खतरा है’। सुझायी गयी कार्यवाही दवा के मूल्य निर्धारण में औचित्यता सुनिश्चित करेगी, रोगियों को सार्थक न्याय और दीर्घकालिक अवधि में सामाजिक एवं आर्थिक रूप से उत्पादक जीवन जीने की क्षमता प्रदान करेगी, जो अंततः एक न्यायपूर्ण व्यवस्था के निर्माण में सहायक होगा।

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