भारत में डिजिटल अन्तराल व इसके बने रहने के लिए जिम्मेदार कारक
प्रश्न: उन तरीकों पर प्रकाश डालिए जिनके चलते भारत में डिजिटल अंतराल निरंतर बना हुआ है तथा स्पष्टत: दृष्टिगोचर होता है। इस अंतराल को पाटने के लिए सरकार द्वारा उठाए गए कदमों के महत्व पर चर्चा कीजिए। (250 शब्द)
दृष्टिकोण
- परिचय में, संक्षेप में बताइए कि डिजिटल अन्तराल से क्या तात्पर्य है।
- भारत में डिजिटल अन्तराल व इसके बने रहने के लिए जिम्मेदार कारकों को सूचीबद्ध कीजिए।
- सरकार द्वारा उठाए गए विभिन्न प्रयासों के महत्व पर चर्चा कीजिए।
- निष्कर्ष।
उत्तर
वे लोग जिनकी सूचना और संचार प्रौद्योगिकी (ICT) के प्रयोग तक शीघ्र पहुँच और संसाधन युक्त हैं तथा वे लोग जिनके पास यह पहुँच और संसाधन नहीं हैं के मध्य की विषमताएं डिजिटल डिवाइड या डिजिटल अन्तराल कहलाती हैं। इसके तहत कौशल, ज्ञान और योग्यता से संबंधित अंतराल भी सम्मिलित हैं।
भारत में डिजिटल अन्तराल के कारण
- बेतरतीब डिजिटल अवसंरचना विकास: शहरी क्षेत्रों की तुलना में, ग्रामीण इलाकों में इंटरनेट का विस्तार कम है और मोबाइल सेवाओं की गुणवत्ता निम्न स्तर की है। साथ ही, उद्योग ग्रामीण क्षेत्रों में निवेश के लिए कम इच्छुक हैं।
- वहनीयता और पहुँच: ICT उपकरणों और डेटा प्लान की उच्च लागत तथा लोगों की कम आय के कारण भी पहुँच सीमित हुई है।
- सरकार के कार्यक्रमों और नीतियों का विलंब से कार्यान्वयनः राष्ट्रीय ऑप्टिकल फाइबर नेटवर्क का कार्य अभी भी चल ही रहा है, जिसके 2013 तक पूरा होने का अनुमान था।
- अधिकांश लोगों में कंप्यूटर साक्षरता का अभाव है।
- महिलाओं द्वारा मोबाइल या इंटरनेट के उपयोग पर प्रतिबंध लगाने वाले अनुचित सामाजिक नियम।
हालांकि डिजिटल अन्तराल एक वास्तविकता है, तथापि सरकार ने इस दिशा में विभिन्न कदम उठाए हैं, जैसे:
- राष्ट्रीय ऑप्टिकल फाइबर मिशन (2011): इसका उद्देश्य 2,50,000 ग्राम पंचायतों को इंटरनेट कनेक्टिविटी प्रदान करना
- डिजिटल भारत पहल (2015): ग्रामीण क्षेत्रों को उच्च गति वाले इंटरनेट नेटवर्क से जोड़ने और डिजिटल साक्षरता में सुधार करने के लिए।
- भारतीय भाषा हेतु प्रौद्योगिकी विकास कार्यक्रम का उद्देश्य भाषाई अवरोध के बिना मानव-मशीन के मध्य अंतर्किया को सुविधाजनक बनाना है।
- CSC (कॉमन सर्विस सेंटर), आवश्यक सार्वजनिक उपयोगिता सेवाएं, सामाजिक कल्याण योजनाएं, स्वास्थ्य देखभाल, वित्तीय, शिक्षा और कृषि सेवाएं प्रदान करने के उद्देश्य से बनाए गए पहुँच केंद्र हैं। CSC को एक अखिल भारतीय नेटवर्क के रूप में स्थापित किया गया है।
- विभिन्न राज्यों द्वारा की गई पहले जैसे ‘भूमि’ परियोजना और ‘ज्ञानदूत’ परियोजना। इनका उद्देश्य ग्रामीण क्षेत्रों के लोगों को लाभान्वित करना है।
सार्वजनिक वस्तुओं के वितरण में ICT व आधार के अधिक उपयोग के सरकारी उद्देश्य को सफल बनाने के लिए डिजिटल अन्तराल को कम करना आवश्यक है। जैसा कि विश्व बैंक के अध्ययन में पाया गया है कि ICT का उपयोग आर्थिक विकास में 60% तक योगदान देता है, अतः डिजिटल अंतराल को समाप्त करके समावेशी विकास और सामाजिक समावेशन को सुनिश्चित किया जा सकेगा
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