1. निम्न में कौन-सी यांत्रिक तरंग है?
(a) रेडियो तरंगें
(b) एक्स तरंगें
(c) प्रकाश तरंगें
(d) ध्वनि तरंगें
[Uttarakhand P.C.S. (Pre) Exam. 2016]
उत्तर – (d) ध्वनि तरंगें
- उपर्युक्त विकल्पों में ध्वनि तरंगें (Sound Waves) यांत्रिक तरंगें (Mechanical Wave) हैं, जबकि रेडियो तरंगें, एक्स तरंगें तथा प्रकाश तरंगें विद्युत चुंबकीय तरंगें (Electromagnetic Waves) हैं।
- यांत्रिक तरंग किसी भौतिक माध्यम में उत्पन्न वह विक्षोभ है, जो अपना स्वरूप बिना बदले माध्यम में एक निश्चित चाल से आगे बढ़ता है।
- यांत्रिक तरंगें माध्यम के कणों की सीमित गति के द्वारा ऊर्जा तथा संवेग का संचरण करती हैं, परंतु माध्यम अपने ही स्थान पर बना रहता है।
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2. अनुदैर्ध्य तरंगों का उदाहरण है-
(a) रेडियो तरंग
(b) ध्वनि तरंग
(c) एक्स-किरण
(d) गामा किरण
(e) उपर्युक्त में से कोई नहीं/उपर्युक्त में से एक से अधिक
[66th B.P.S.C. (Pre) (Re. Exam) 2020]
उत्तर – (b) ध्वनि तरंग
- किसी माध्यम में यांत्रिक तरंग के संचरित होने पर यदि माध्यम के कण तरंग के संचरण की दिशा के समानांतर कंपन करते हैं, तो उस तरंग को अनुदैर्ध्य तरंग कहते हैं।
- ध्वनि तरंग, अनुदैर्ध्य तरंग (Longitudinal wave) होती है।
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3. निम्न में से कौन-सा विद्युत चुंबकीय तरंग का उदाहरण नहीं है?
(a) y-किरण
(b) x-किरण
(c) पराबैंगनी किरण
(d) पराध्वनिकी तरंग
[Jharkhand P.C.S. (Pre) 2021]
उत्तर – (d) पराध्वनिकी तरंग
- ध्वनि तरंगें, जिनकी आवृत्ति श्रवणीय रेंज (Audible range) की उच्च सीमा से अधिक (अर्थात 20 KHz से अधिक) होती है, उन्हें अल्ट्रासॉनिक या सुपरसोनिक तरंगें कहते हैं।
- गामा किरणें, एक्स किरणें तथा पराबैंगनी किरणें तीनों ही विद्युत चुंबकीय तरंगों की श्रेणी में आते हैं।
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4. दीर्घ रेडियो तरंगें पृथ्वी की किस सतह से परावर्तित होती हैं-
(a) क्षोभमंडल
(b) आयनमंडल
(c) क्षोभ सीमा
(d) समतापमंडल
[U.P. P.C.S. (Pre) 1991]
उत्तर – (b) आयनमंडल
- दीर्घ रेडियो तरंगें पृथ्वी के आयनमंडल (Ionosphere) से परावर्तित होती हैं।
- यह मंडल 80 से 400 किलोमीटर की ऊँचाई के मध्य स्थित होता है।
- यहां की हवा विद्युत आदेशित होती है।
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5. कौन-सी तरंगें शून्य में संचरण नहीं कर सकतीं-
(a) प्रकाश
(b) ऊष्मा
(c) ध्वनि
(d) इलेक्ट्रोमैग्नेटिक
[M.P. P.C.S. (Pre) 2000]
उत्तर – (c) ध्वनि
- ध्वनि तरंगों के संचरण के लिए किसी-न-किसी माध्यम की आवश्यकता होती है।
- ध्वनि तरंगें ‘निर्वात’ या शून्य में गति नहीं कर सकती हैं।
- यही कारण है कि चंद्रमा पर ध्वनि तरंगों का संचरण नहीं होता तथा वहां दो व्यक्ति एक-दूसरे की बातों को नहीं सुन सकते हैं।
- तरंग संचरण दो प्रकार से होता है- (1) अनुप्रस्थ तथा (2) अनुदैर्ध्य ।
- ध्वनि तरंग अनुदैर्ध्य होती है।
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6. कॉस्मिक किरणें –
(a) आवेशित कण हैं।
(b) अनावेशित कण है।
(c) आवेशित तथा अनावेशित दोनों हो सकती हैं।
(d) उपर्युक्त में से कोई नहीं।
[56th to 59th B.P.S.C. (Pre) 2015]
उत्तर – (a) आवेशित कण हैं।
- कॉस्मिक किरणें विद्युत चुंबकीय स्पेक्ट्रम का भाग नहीं है।
- ये उच्च ऊर्जा के आवेशित कण हैं, जो अंतरिक्ष में लगभग प्रकाश की गति से गमन करते हैं।
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7. परा उच्च आवृत्ति (UHF) की तरंगें साधारणतः संचारित की जाती हैं-
(a) मून्तरंगों के रूप में
(b) आकाश तरंगों के रूप में
(c) अंतरिक्ष तरंगों के रूप में
(d) पृष्ठ तरंगों के रूप में
[R.A.S./R.T.S. (Pre) 2018]
उत्तर – (c) अंतरिक्ष तरंगों के रूप में
- परा उच्च आवृत्ति (Ultra High Frequency -UHF) की तरंगें साधारणतः अंतरिक्ष तरंगों के रूप में संचारित की जाती हैं।
- इसके अलावा अंतरिक्ष तरंगों के रूप में बहुत उच्च आवृत्ति (Very High Frequency- VHF) की तरंगों तथा सूक्ष्म तरंगों (Microwaves) का भी संचरण किया जाता है।
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8. दो उत्तरोत्तर श्रृंग (Successive crests) अथवा दो उत्तरोत्तर गर्त (Successive troughs) के बीच की दूरी को क्या कहते हैं?
(a) आयाम (Amplitude)
(b) तरंगदैर्ध्य (Wavelength)
(c) आवृत्ति (Frequency)
(d) इनमें से कोई नहीं
[45th B.P.S.C. (Pre) 2002]
उत्तर – (b) तरंगदैर्ध्य (Wavelength)
- माध्यम में किसी कण के एक पूरा कंपन किए जाने पर तरंग जितनी दूरी तय करती है, उसे ‘तरंगदैर्ध्य’ (Wavelength) कहते हैं।
- यह दो उत्तरोत्तर श्रृंग अथवा दो उत्तरोत्तर गर्त के बीच की दूरी होती है।
- इसे > से प्रदर्शित करते हैं।
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9. विद्युत-चुंबकीय तरंगों का वेग होता है –
(a) 3 × 108 m s–1
(b) 3 × 107 m s–1
(c) 3 × 106 m s–1
(d) 3 x 105 m s–1
(e) उपर्युक्त में से कोई नहीं / उपर्युक्त में से एक से अधिक
[66th B.P.S.C. (Pre)2020]
उत्तर – (a) 3 × 108 m s–1
- वे तरंगें जिन्हें संचरित होने के लिए माध्यम की आवश्यकता नहीं होती है, उन्हें विद्युत चुंबकीय तरंग कहते हैं।
- इनकी चाल निर्वात में प्रकाश के चाल के बराबर यानी 3 × 108 m s–1होती है।
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10. क्रिस्टल की संरचना जानने के लिए निम्न में से किसको प्रयोग में लाया जाता है?
(a) गामा किरणें
(b) एक्स-किरणें
(c) UV किरणें
(d) दृश्य प्रकाश
[R.A.S./R.T.S.(Pre) 1997-98]
उत्तर – (b) एक्स-किरणें
- क्रिस्टलकी (Crystallography) या मणि विज्ञान एक प्रायोगिक विज्ञान है, जिसमें क्रिस्टलों में परमाणुओं के विन्यास का अध्ययन किया जाता है।
- एक्स-किरणों के विवर्तन द्वारा क्रिस्टलों की संरचना का अध्ययन किया जाता है।
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11. एक राडार जो शत्रु के वायुयान की उपस्थिति का पता लगाता है, प्रयोग करता है-
(a) प्रकाश तरंगें
(b) रेडियो तरंगें
(c) ध्वनि तरंगें
(d) कर्णातीत तरंगें
[Uttarakhand P.C.S. (Mains) 2002]
उत्तर – (b) रेडियो तरंगें
- राडार एक ऐसी प्रणाली है, जिसमें विद्युत चुंबकीय तरंगों विशेषतः रेडियो तरंगों की सहायता से स्थिर एवं गतिमान दोनों प्रकार की वस्तुओं की रेंज, ऊंचाई, दिशा एवं गति का पता लगाया जा सकता है।
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12. जब समतापमंडल में ओजोन का अवक्षय होता है, तो पृथ्वी के धरातल पर पतित विकिरण की तरंगदैर्ध्य कितनी होती है?
(a) 10–10 M
(b) 10–7 M
(c) 10–2 M
(d) 100 M
[I.A.S. (Pre) 1993]
उत्तर – (b) 10–7 M
- पराबैंगनी विकिरण को उसकी तरंगदैर्ध्य के आधार पर तीन प्रमुख प्रवर्गों में विभाजित किया जा सकता है-
- UV-A विकिरण: इन विकिरणों की तरंगदैर्ध्य 320-400nm तक होती है। यह विकिरण सुरक्षात्मक ओजोन परत से लगभग अप्रभावित रहता है तथा पृथ्वी की सतह तक आसानी से पहुंच जाता है।
- UV-B विकिरण : 280-320nm की तरंगदैर्ध्य रेंज वाला यह विकिरण आंशिक रूप से ओजोन परत द्वारा अवशोषित किया जाता है, परंतु इसकी कुछ मात्रा पृथ्वी तक पहुंचती है।
- UV-C विकिरण: 100-280nm की तरंगदैर्ध्य रेंज वाला यह विकिरण ओजोन परत द्वारा सर्वाधिक प्रभावित होता है।
- अतः समतापमंडल में ओजान का अवक्षय होने पर पृथ्वी के धरातल पर पतित विकिरण की न्यूनतम तरंगदैर्ध्य 100 nm होगी।
- Inm
= 1.0 × 10 m
100 nm
100×10-9
= 10 × 10
-10 m
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13. निम्नलिखित में से किस एक प्रकार की तरंगों का प्रयोग रात्रि दृष्टि उपकरण में किया जाता है?
(a) रेडियो तरंग
(b) सूक्ष्म तरंग
(c) अवरक्त तरंग
(d) उपर्युक्त में से कोई नहीं
[I.A.S. (Pre) 2009]
उत्तर – (c) अवरक्त तरंग
- अवरक्त तरंग (Infrared Waves) विद्युत चुंबकीय तरंगों का एक प्रकार है।
- इनकी तरंगदैर्ध्य (Wavelength) दृश्य प्रकाश से अधिक होती है।
- इनका प्रयोग लक्ष्य ढूंढ़ने, निरीक्षण, रात्रि दृष्टि आदि के लिए सैनिकों द्वारा किया जाता है।
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14. माइक्रोवेव में विद्युत चुंबकीय तरंगें होती हैं, जिनकी सीमा की आवृत्ति है –
(a) 300 किलोहर्ट्ज – 3 मेगाहर्ट्ज
(b) 3 मेगाहर्ट्ज – 300 मेगाहर्ट्ज
(c) 1 गीगाहर्ट्ज – 300 गीगाहर्ट्ज
(d) 300 गीगाहर्ट्ज – 400 टैराहर्ट्ज
[M.P.P.C.S. (Pre) 2020]
उत्तर – (c) 1 गीगाहर्ट्ज – 300 गीगाहर्ट्ज
- माइक्रोवेव ऐसी विद्युत चुंबकीय तरंगें होती हैं, जिनकी आवृत्ति 300 MHz तथा 300 GHz के मध्य होती है।
- अलग-अलग स्रोत विभिन्न आवृत्ति रेंज को माइक्रोवेव के रूप में परिभाषित करते हैं, लेकिन उपर्युक्त व्यापक परिभाषा UHF तथा EHF (मिली मीटर वेव) दोनों बैंडों को शामिल करती है।
- अतः सर्वाधिक उपयुक्त उत्तर विकल्प (c) होगा।
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15. दूरसंचार के लिए प्रयुक्त तरंगें हैं-
(a) दृश्य प्रकाश
(b) इन्फ्रारेड
(c) अल्ट्रावायलेट
(d) माइक्रोवेव
[U.P.P.C.S. (Mains) 2013]
उत्तर – (d) माइक्रोवेव
- दूरसंचार में सूक्ष्म तरंगों (Microwave) का प्रयोग होता है।
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16. टेलीविजन दर्शक डिश एंटीना प्रयुक्त करते हुए बरसात में उपग्रह सिग्नल नहीं प्राप्त करते, क्योंकि
1. एंटीना छोटे होते हैं।
2. वर्षा की बूंदें रेडियो तरंगों की ऊर्जा अवशोषित करती हैं।
3. वर्षा की बूंदें रेडियो तरंगों की ऊर्जा की मूल दिशा को विचलित करती हैं।
उपरोक्त कथनों में से कौन सही हैं?
(a) केवल ।
(b) केवल 1 और 2
(c) केवल 2 और 3
(d) 1, 2 और 3
[U.P. P.C.S. (Pre) Exam. 2017]
उत्तर – (d) 1, 2 और 3
- बरसात में रेडियो तरंगें वर्षा की बूंदों से टकराकर आंशिक रूप से या पूर्णत ऊष्मीय ऊर्जा में परिवर्तित हो जाती हैं और बूंदों द्वारा अवशोषित कर ली जाती हैं।
- वर्षा की बूंदें रेडियो तरंगों की ऊर्जा की मूल दिशा को विचलित करने में भी सक्षम होती हैं।
- अतः इन कारणों से बरसात में उपग्रह सिग्नल प्राप्त करने में कठिनाई होती है।
- वर्षा के समय रेडियो सिग्नल कमजोर (weakened) हो जाते हैं, जिन्हें छोटे डिश एंटीना ग्रहण नहीं कर पाते।
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17. एफ. एम. प्रसारण सेवा में प्रयुक्त होने वाले आवृत्ति बैंड का परास होता है
(a) 109 से 139 मेगाहर्ट्ज के मध्य
(b) 54 से 75 मेगाहर्ट्ज के मध्य
(c) 76 से 87 मेगाहर्ट्ज के मध्य
(d) 88-108 मेगाहर्ट्ज के मध्य
[R.A.S/R.T.S. (Pre) 2013]
उत्तर – (d) 88-108 मेगाहर्ट्ज के मध्य
- एफ. एम. प्रसारण सेवा में प्रयुक्त होने वाले आवृत्ति बैंड का परास 88 से 108 मेगाहर्ट्ज के मध्य होता है।
- एफ. एम, बैंड के लिए यह परास मानक के रूप में प्रयोग किया जाता है।
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18. आंतों के रोगों के निदान में निम्न किरणों का उपयोग किया जाता है-
(a) X-किरण
(b) a-किरण
(c) B-किरण
(d) किरण
[43rd B.P.S.C. (Pre) 1999]
उत्तर – (a) X-किरण
- X-किरण एक प्रकार का विद्युत चुंबकीय विकिरण है।
- यह चिकित्सा में आंतों के रोगों के निदान के लिए प्रयोग की जाती है।
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19. सी.टी. स्कैन करने में प्रयोग में लाई जाती हैं-
(a) अवरक्त किरणें
(b) पराश्रव्य तरंगें
(c) दृश्य प्रकाश
(d) एक्स-किरणें
[U.P.P.C.S. (Mains) 2011]
उत्तर – (d) एक्स-किरणें
- सी.टी. स्कैन या कम्प्यूटेड टोमोग्रॉफी विशेष प्रकार का एक्स-रे परीक्षण है।
- जिसके द्वारा शरीर के अंदरूनी अंगों को देखा एवं रोगों का पता लगाया जाता है।
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