1. माध्यमों -, I- जल, II- इस्पात, III- नाइट्रोजन में ध्वनि की चाल को आरोही क्रम में रखिए।
(a) III, II, I
(b) III, I, II
(c) I, III, II
(d) II, I, III
[U.P.P.C.S. (Spl) (Mains) 2008]
उत्तर – (b) III, I, II
- ध्वनि की गति भिन्न-भिन्न माध्यमों में भिन्न-भिन्न होती है।
- ठोसों में ध्वनि की गति सर्वाधिक, जबकि गैसों में न्यूनतम होती है।
- सामान्य ताप व दाब पर वायु में ध्वनि का वेग लगभग 331 m/s होता है।
- ध्वनि का वेग, माध्यम के घनत्व पर निर्भर करता है।
- जिस माध्यम का घनत्व अधिक होगा, उसमें ध्वनि की चाल अधिक होगी।
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2. ध्वनि का वेग अधिकतम होता है-
(a) वायु में
(b) द्रव में
(c) धातु में
(d) निर्वात में
[U.P. Lower Sub. (Spl) (Pre) 2008, Uttarakhand P.C.S. (Pre) 2010]
उत्तर – (c) धातु में
- ध्वनि की गति भिन्न-भिन्न माध्यमों में भिन्न-भिन्न होती है।
- ठोसों में ध्वनि की गति सर्वाधिक, जबकि गैसों में न्यूनतम होती है।
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3. ध्वनि का वेग अधिकतम होगा –
(a) निर्वात में
(b) वायु में
(c) जल में
(d) इस्पात में
[U.P.P.C.S. (Pre) 2018]
उत्तर – (d) इस्पात में
- ध्वनि की चाल उस माध्यम की प्रकृति पर निर्भर करती है, जिसमें होकर वह गमन करती है।
- ध्वनि की चाल भिन्न-भिन्न माध्यमों में भिन्न-भिन्न होती है।
- गैसों में ध्वनि अत्यंत धीमी गति से, द्रवों में तीव्र गति से और ठोसों में तीव्रतम गति से गमन करती है।
- ध्वनि निर्वात में गमन नहीं कर सकती।
- ध्वनि वायु की अपेक्षा स्टील में लगभग 15 गुना तीव्र गति से गमन कर सकती है।
- स्पष्ट है कि ध्वनि का वेग इस्पात में अधिकतम होगा।
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4. लगभग 20°C के तापक्रम पर किस माध्यम में ध्वनि की गति अधिकतम रहेगी?
(a) हवा
(b) ग्रेनाइट
(c) पानी
(d) लोहा
[Chhattisgarh P.C.S. (Pre) 2004]
उत्तर – (d) लोहा
- ध्वनि की गति, माध्यम के घनत्व एवं प्रत्यास्थता पर निर्भर करता है।
- जिस माध्यम का घनत्व एवं प्रत्यास्थता अधिक होती है, उसमें ध्वनि की गति अधिक होती है।
- 20°C के तापक्रम पर लोहे में ध्वनि की गति अधिकतम होगी।
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5. ध्वनि तरंगे –
(a) निर्वात में चल सकती हैं।
(b) केवल ठोस माध्यम में चल सकती हैं।
(c) केवल गैसों में चल सकती हैं।
(d) ठोस तथा गैस दोनों माध्यमों में चल सकती हैं।
[U.P. P.C.S. (Pre) 2002]
उत्तर – (d) ठोस तथा गैस दोनों माध्यमों में चल सकती हैं।
- ध्वनि तरंगों के संचरण के लिए किसी न किसी माध्यम की आवश्यकता होती है।
- ध्वनि तरंगें ठोस, द्रव तथा गैस तीनों माध्यम में चल सकती हैं।
- ध्वनि तरंगों का वेग ठोसों में अधिकतम, द्रवों में उससे कम तथा गैसों में न्यूनतम होता है।
- हवा में ध्वनि का वेग (0°C पर) 331 मी./से., जल में 1400 मी./से. तथा लोहे में 5000 मी./से. होता है।
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6. वायु में ध्वनि तरंग होती है-
(a) तिरछी
(b) अनुदैर्ध्य
(c) विद्युत-चुंबकीय
(d) ध्रुवीकृत
(e) उपर्युक्त में से कोई नहीं/ उपर्युक्त में से एक से अधिक
[B.P.S.C. (Pre) 2019]
उत्तर – (b) अनुदैर्ध्य
- ध्वनि तरंगें यांत्रिक तरंगें कहलाती है, क्योंकि उनके संचरण के लिए द्रव्यात्मक माध्यम (ठोस, द्रव या गैस / वायु) की आवश्यकता होती है।
- वायु या गैस में ध्वनि तरंग अनुदैर्ध्य होती है, क्योंकि इस माध्यम के घटक तरंग की गति की दिशा के अनुदिश दोलन करते हैं।
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7. नीचे दिए गए विकल्पों में से किसमें ध्वनि आर-पार नहीं जा सकती है?
(a) पानी
(b) निर्वात
(c) लोहा
(d) वायु
[U.P. P.C.S. (Pre) 1990]
उत्तर – (b) निर्वात
- ध्वनि के संचरण के लिए किसी न किसी माध्यम की आवश्यकता होती है।
- निर्वात (vacuum) में माध्यम की अनुपस्थिति के कारण ध्वनि तरंगें संचरण नहीं कर पाती हैं।
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8. जब एक ध्वनि तरंग एक माध्यम से दूसरे माध्यम में जाती है, तो वह राशि जो अपरिवर्तित रहती है, है –
(a) आवृत्ति
(b) आयाम
(c) तरंगदैर्ध्य
(d) चाल
(e) उपर्युक्त में से कोई नहीं/उपर्युक्त में से एक से अधिक
[66th B.P.S.C. (Pre) (Re. Exam) 2020]
उत्तर – (a) आवृत्ति
- ध्वनि एक स्थान से दूसरे स्थान तक तरंगों के रूप में गमन करती है।
- ध्वनि तरंगें अनुदैर्ध्य यांत्रिक तरंगें होती हैं।
- जब ध्वनि एक माध्यम से दूसरे माध्यम में जाती है, तो ध्वनि की चाल तथा तरंगदैर्ध्य बदल जाती है, जबकि आवृत्ति नहीं बदलती है।
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9. म्यूजिक कन्सर्ट्स के लिए हॉल की दीवारों को-
(a) ध्वनि को बढ़ाना चाहिए।
(b) ध्वनि प्रेषित करना चाहिए।
(c) ध्वनि को परावर्तित करना चाहिए।
(d) ध्वनि का अवशोषण करना चाहिए।
[U.P.P.C.S.(Mains) 2007]
उत्तर – (d) ध्वनि का अवशोषण करना चाहिए।
- अधिकतर ठोस एवं कठोर सतहें ध्वनि को परावर्तित कर देती हैं, जबकि कोमल या नरम सतहें ध्वनि को अवशोषित कर लेती हैं।
- यदि म्यूजिक कन्सर्ट्स के लिए निर्मित हॉल की दीवारें ध्वनि को परावर्तित करेंगी, तो श्रोताओं को प्रतिध्वनि (Echo) सुनाई पड़ेगी।
- अतः प्रतिध्वनि को रोकने के लिए कन्सर्ट्स हाल की दीवारें एवं छत नरम पदार्थों जैसे फाइबर ग्लास की बनाई जाती है।
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10. स्पष्ट रूप से प्रतिध्वनि सुनने के लिए परावर्तित सतह और सुनने वाले के मध्य कम-से-कम दूरी जो होनी चाहिए, वह है-
(a) 165 फीट
(b) 165 मीटर
(c) 16.5 फीट
(d) 16.5 मीटर
[U.P.P.C.S.(Mains) 2007]
उत्तर – (d) 16.5 मीटर
- जब कोई ध्वनि होती है, तो उसकी संवेदना हमारे दिमाग में 1/10 सेकंड तक बनी रहती है।
- मनुष्य का कान केवल उन्हीं दो ध्वनियों के बीच विभेद कर सकता है, जो उसे न्यूनतम 1/10 सेकंड केसमयान्तराल पर सुनाई दे।
- अतः प्रतिध्वनि सुनाई देने के लिए यह आवश्यक है कि किसी स्रोत से उत्पन्न ध्वनि आगे जाकर किसी वस्तु से टकराकर कम-से-कम 1/10 सेकंड में स्रोत के पास वापस लौटे।
- वायु में ध्वनि का वेग लगभग 330 मीटर / सेकंड, 1/10 सेकंड में ध्वनि द्वारा चली गई न्यूनतम दूरी = 330 x- 10= 33 मीटर।
- अतः प्रतिध्वनि सुनने के लिए परावर्तक सतह से ध्वनि के स्रोत की न्यूनतम दूरी 33/2 16.5 मीटर (लगभग 17 मीटर)।
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11. ध्वनि का वायु में वेग अनुमानतः है-
(a) 10 किमी./से.
(b) 10 मील/मिनट
(c) 330 मीटर/से.
(d) 3× 100 सेमी./से.
[42nd B.P.S.C. (Pre) 1997]
उत्तर – (c) 330 मीटर/से.
- वायु में ध्वनि का वेग लगभग 330 मीटर / सेकंड है।
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12. चन्द्रमा के धरातल पर दो व्यक्ति एक-दूसरे की बात नहीं सुन सकते, क्योंकि-
(a) चन्द्रमा पर उनके कान काम करना बंद कर देते हैं।
(b) चन्द्रमा पर वायुमंडल नहीं है।
(c) चन्द्रमा पर वे विशेष प्रकार के अंतरिक्ष सूट पहने रहते हैं।
(d) चन्द्रमा पर ध्वनि बहुत ही मंद गति से चलती है।
[U.P. U.D.A./L.D.A. (Pre) 2002]
उत्तर – (b) चन्द्रमा पर वायुमंडल नहीं है।
- ध्वनि तरंगों के संचरण के लिए द्रव्यात्मक माध्यम का होना आवश्यक है, परंतु चन्द्रमा पर वायुमंडल नहीं होने के कारण वहां द्रव्यात्मक माध्यम नहीं है, इसलिए चन्द्रमा पर ध्वनि तरंगों का संचरण नहीं हो पाता।
- फलतः चन्द्रमा के धरातल पर दो व्यक्ति एक-दूसरे की बात को नहीं सुन सकते हैं।
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13. निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिए ?
- कम लंबाई की बांसुरी से निम्न आवृत्ति की तरंगें उत्पन्न होती हैं।
- ध्वनि, शैलों में से केवल अनुदैर्ध्य प्रत्यास्थ तरंगों के रूप में प्रगामी होती है।
उपर्युक्त कथनों में से कौन-सा/से सही है/हैं?
(a) केवल 1
(b) केवल 2
(c) 1 और 2 दोनों
(d) न तो 1 और न ही 2
[I.A.S. (Pre) 2007]
उत्तर – (d) न तो 1 और न ही 2
- अधिक लंबी बांसुरी से अधिक बड़ी तरंगदैर्ध्य वाली ध्वनि तरंगें उत्पन्न होती हैं।
- चूंकि किसी तरंग की आवृत्ति उसके तरंगदैर्ध्य के व्युत्क्रमानुपाती होती है, अतः कम लंबाई की बांसुरी से उच्च आवृत्ति की तरंगें उत्पन्न होगी।
- इस प्रकार कथन 1 सही नहीं है।
- गैस, प्लाज्मा तथा तरल में ध्वनि तरंगें अनुदैर्ध्य तरंगों के रूप में प्रगामी होती हैं, जबकि ठोसों (शैल इत्यादि) में यह अनुदैर्ध्य तथा अनुप्रस्थ दोनों तरंगों के रूप में प्रगामी हो सकती है।
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14. पराश्रव्य तरंगों के बारे में निम्नांकित कथनों पर विचार कीजिए-
- ये कीड़ों को नष्ट कर सकती हैं।
- ये कपड़ों से धूल हटाकर उन्हें साफ कर सकती हैं।
- इनका उपयोग बीमारियों के उपचार के लिए किया जा सकता है।
- ये स्वचालित दरवाजों को नियंत्रित कर सकती हैं।
उक्त कथनों में-
(a) 1 तथा 2 सही हैं।
(b) 3 तथा 4 सही है।
(c) 1, 2 तथा 3 सही है।
(d) सभी सही हैं।
[U.P.P.C.S.(Mains) 2004]
उत्तर – (d) सभी सही हैं।
- ध्वनि तरंगें तीन प्रकार की होती हैं।
- श्रव्य तरंगें, जिनकी आवृत्ति 20 हर्ट्ज से 20,000 हर्ट्ज तक होती है।
- अवश्रव्य ध्वनि तरंगों की आवृत्ति 20 हर्ट्ज से कम होती है।
- पराश्रव्य ध्वनि तरंगों की आवृत्ति 20,000 हर्ट्ज से अधिक होती है और मनुष्य की श्रवण क्षमता से परे होती है।
- इनका उपयोग संकेतक के रूप में, कीड़ों को नष्ट करने में, कपड़े से धूल हटाने में, स्वचालित दरवाजों को नियंत्रित करने में, समुद्र में गहराई की नाप लेने में, छिपी वस्तुओं की खोज करने में, द्रव को गरम करने में तथा विविध चिकित्सकीय अनुप्रयोग के लिए किया जाता है।
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15. पराश्रव्य वे ध्वनियां हैं, जिनकी आवृत्ति होती है-
(a) 20,000 हर्ट्ज से अधिक
(b) 10,000 हर्ट्ज से कम
(c) 1,000 हर्ट्ज के बराबर
(d) उपरोक्त में से कोई नहीं
[U.P.P.C.S. (Pre) 2012]
उत्तर – (a) 20,000 हर्ट्ज से अधिक
- पराश्रव्य (Ultrasonic) शब्द उस ध्वनि के लिए प्रयुक्त होता है, जिसकी आवृत्ति इतनी अधिक होती है कि वह मनुष्य के कानों को सुनाई नहीं देती।
- साधारणतया मानव श्रवण शक्ति का परास 20 से लेकर 20,000 कंपन प्रति सेकंड तक होता है।
- इसलिए 20,000 हर्ट्ज से अधिक आवृत्ति वाली ध्वनि को ‘पराश्रव्य’ कहते हैं।
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16. एक जैव पद्धति जिसमें पराश्रव्य ध्वनि का उपयोग किया जाता हैः
(a) सोनोग्राफी
(b) ई.सी.जी.
(c) ई.ई.जी
(d) एक्स-रे
[R.A.S./R.T.S. (Pre) 2012]
उत्तर – (a) सोनोग्राफी
- सोनोग्राफी या अल्ट्रासोनोग्राफी चिकित्सीय निदान का एक महत्वपूर्ण साधन है।
- यह पराश्रव्य ध्वनि पर आधारित एक चित्रांकन तकनीक है।
- चिकित्सा क्षेत्र में इसके कई उपयोग हैं, जिनमें से गर्भावस्था में गर्भस्थ शिशु के स्वास्थ्य के बारे में जानकारी की प्राप्ति प्रमुख है।
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17. चमगादड़ अंधेरी रातों में उड़ सकते हैं और अपना शिकार भी कर सकते हैं। इसका कारण है-
(a) उनकी आंखों के तारे बड़े होते हैं।
(b) उनकी रात्रि दृष्टि बहुत अच्छी होती है।
(c) प्रत्येक चिड़िया ऐसा कर सकती है।
(d) वे पराध्वनि तरंगें निकालते हैं और उन्हीं के द्वारा निर्देशित होते हैं।
[U.P.P.C.S. (Mains) 2005]
उत्तर – (d) वे पराध्वनि तरंगें निकालते हैं और उन्हीं के द्वारा निर्देशित होते हैं।
- चमगादड़ उड़ते समय पराश्रव्य ध्वनि तरंगें उत्पन्न करते हैं।
- ये ध्वनि तरंगें राडार द्वारा प्रक्षेपित प्रकाश तरंगों की भांति मार्ग की रुकावट से टकराने के बाद उद्गम स्रोत तक लौट आती हैं।
- फलतः चमगादड़ अपनी संवेदनशील इंद्रियों से संभावित रुकावट की दिशा और दूरी का अनुमान लगा लेता है।
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18. निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिए:
- हृदय, अपश्रव्य आवृत्ति पर कंपन करता है।
- ध्वनि की गति गैस में, द्रव एवं ठोस की तुलना में अधिक होती है।
- मैक संख्या, ध्वनि की गति वर्णित करने के लिए प्रयोग में लाते हैं।
- पराश्रव्य ध्वनि की आवृत्ति 20,000 हर्ट्ज से अधिक होती है।
इन कथनों में-
(a) 1, 2 तथा 3 सही है।
(b) 2, 3 तथा 4 सही है।
(c) 1, 3 तथा 4 सही है।
(d) 1, 2 तथा 4 सही है।
[U.P.P.C.S.(Mains) 2002]
उत्तर – (c) 1, 3 तथा 4 सही है।
- हृदय अपश्रव्य आवृत्ति पर कंपन करता है, जिसे सुनने के लिए स्टेथेस्कोप का प्रयोग किया जाता है।
- ध्वनि की गति ठोस में सर्वाधिक होती है।
- मैक संख्या सामान्यतः किसी पिण्ड की गति को वर्णित करने हेतु प्रयुक्त की जाती है, जब वह पिण्ड ध्वनि की गति या उससे अधिक गति से विचरण कर रहा हो।
- पराश्रव्य ध्वनि की आवृत्ति 20,000 हर्ट्ज से अधिक होती है।
- इस प्रकार कथन 1,3 एवं 4 सही हैं, जबकि कथन 2 गलत है।
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19. ‘पराध्वनिक जेट’ की उड़ान के कारण क्या होता है?
(a) हवा में प्रदूषण
(b) आंख के रोग
(c) ओजोन लेयर में बाधा
(d) इनमें से कोई नहीं
[M.P. P.C.S. (Pre) 1993]
उत्तर – (c) ओजोन लेयर में बाधा
- जो विमान अग्र भाग से वायु को खींचकर पिछले भाग के दहन कक्ष में ईंधन को जलाकर पीछे से वाष्प गैस की तीव्र धार प्रवाहित करते हुए अत्यंत तीव्र गति से आगे बढ़ते हैं, वे ‘जेट विमान’ कहलाते हैं।
- जो जेट विमान ध्वनि से भी तीव्र गति से उड़ान भरते हैं, उन्हें सुपरसोनिक जेट विमान कहा जाता है।
- समतापमंडल में वायु विरल एवं दबाव कम होता है, इस कारण यहां जेट विमान सरलता एवं तीव्र गति से उड़ते हैं।
- सुपरसोनिक जेट विमानों के ईंधन दहन से निकलने वाले नाइट्रोजन के ऑक्साइड (NOx) समतापमंडल की ओजोन परत को नुकसान पहुंचाते हैं।
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20. कथन (A): समुद्र तल के निकट मैक संख्या । पर जा रहे वायुयान की चाल की तुलना में 15 किमी. की ऊंचाई पर मैक संख्या 1 पर जा रहे वायुयान की चाल अधिक होती है।
कारण (R): ध्वनि की गति, परिवर्ती माध्यम के ताप पर निर्भर करती है।
कूट :
(a) (A) और (R) दोनों सही हैं और (R), (A) का सही स्पष्टीकरण है।
(b) (A) और (R) दोनों सही हैं, किंतु (R), (A) का सही स्पष्टीकरण नहीं है।
(c) (A) सही है, परंतु (R) गलत है।
(d) (A) गलत है, परंतु (R) सही है।
[I.A.S. (Pre) 2007]
उत्तर – (d) (A) गलत है, परंतु (R) सही है।
- पराध्वनिक पिण्डों (Supersonic Bodies) की चाल को मैक संख्या (Mach Number) में व्यक्त किया जाता है।
- किसी पराध्वनिक यान की मैक संख्या पराध्वनिक यान की चाल तथा वातावरण के तापमान पर ध्वनि की चाल के अनुपात के बराबर होती है।
- चूंकि ध्वनि की चाल तापमान के बढ़ने से बढ़ती है, इसलिए समुद्र तल की अपेक्षा 15 किमी. की ऊंचाई पर तापमान के कम होने के कारण ध्वनि का वेग कम हो जाएगा।
- 15 किमी. की ऊंचाई पर भी यदि वायुयान की मैक संख्या 1 है, तो ध्वनि के वेग के वहां कम होने के कारण यान का वेग भी कम होगा।
- ध्वनि एक अनुदैर्ध्य तरंग है।
- ध्वनि की गति तापमान के समानुपाती होती है।
- 1°C तापमान के बढ़ने से ध्वनि का वेग 0.61m/sec बढ़ जाता है।
- अतः कथन गलत है, जबकि कारण सही है।
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21. डेसीबल किसे मापने के लिए प्रयोग में लाया जाता है?
(a) खून में हीमोग्लोबिन
(b) पेशाब में शक्कर
(c) वातावरण में ध्वनि
(d) वायु में कण
[M.P. P.C.S. (Pre) 2005]
उत्तर – (c) वातावरण में ध्वनि
- वातावरण में ध्वनि की तीव्रता के स्तर को डेसीबल (Decibel) में मापते हैं।
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22. जब दो लोग आपस में बात करते हैं, तब कितने डेसीबल ध्वनि उत्पन्न होती है?
(a) लगभग 5 डेसीबल
(b) लगभग 10 डेसीबल
(c) लगभग 30 डेसीबल
(d) लगभग 100 डेसीबल
[R.A.S./R.T.S. (Pre) 2003]
उत्तर – (c) लगभग 30 डेसीबल
- ध्वनि की तीव्रता को डेसीबल (Decibel) में मापते हैं।
ध्वनि के स्रोत |
तीव्रता (डेसीबल में) |
फुसफुसाहट |
15-20 |
साधारण बातचीत |
30-60 |
गुस्से में बातचीत |
70-80 |
ट्रक-मोटरसाइकिल |
90-95 |
यंत्र कारखाने |
100-110 |
ऑर्केस्ट्रा |
110-120 |
जेट विमान |
140-150 |
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23. 100 डेसीबल का रव (Noise) का प्रबलता स्तर संगत होगा-
(a) सुनाई भर देने वाली आवाज से
(b) सामान्य वार्तालाप से
(c) शोर-शराबे वाली गली की आवाज से
(d) यंत्र कारखाने के शोर से
[I.A.S. (Pre) 2000]
उत्तर – (d) यंत्र कारखाने के शोर से
24. विश्व स्वास्थ्य संगठन के अनुसार, एक नगर के लिए सुरक्षित ध्वनि प्रदूषण स्तर है-
(a) 45 db
(b) 50 db
(c) 55 db
(d) 60 db
[U.P.P.C.S. (Mains) 2010]
उत्तर – (a) 45 db
- विश्व स्वास्थ्य संगठन द्वारा किसी नगर के लिए निर्धारित किया गया सुरक्षित ध्वनि प्रदूषण स्तर 45 डेसीबल (db) है।
|
25. मनुष्यों के लिए शोर की सह-सीमा करीब-करीब होती है-
(a) 45 डेसीबल
(b) 85 डेसीबल
(c) 125 डेसीबल
(d) 155 डेसीबल
[R.A.S./R.T.S. (Pre) 1993]
उत्तर – (b) 85 डेसीबल
- साधारण बातचीत में ध्वनि की तीव्रता का स्तर 30-60 डेसीबल होता है।
- सोते हुए व्यक्ति को जगाने के लिए 50 डेसीबल की ध्वनि पर्याप्त होती है।
- 80 डेसीबल के शोर में लगातार रहना हानिकारक सिद्ध होता है।
- 90 डेसीबल किसी शोर को बर्दाश्त करने की अधिकतम सीमा है।
|
26. मनुष्यों के लिए मानक ध्वनि स्तर है-
(a) 90 db
(b) 60 db
(c) 120 db
(d) 100db
[R.A.S./R.T.S. (Pre) 2012]
उत्तर – (b) 60 db
- साधारण बातचीत में ध्वनि की तीव्रता का स्तर 30-60 डेसीबल होता है।
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27. एक मजदूर रेल की पटरी पर कार्य कर रहा था। एक लड़का कुछ दूरी पर अपने कान पटरियों पर रखकर जब मजदूर द्वारा की जाने वाली हथौड़े की आवाज को सुनता है, तो उसे दो बार आवाजें सुनाई देती हैं। इसका कारण है-
(a) ध्वनि का वेग इस्पात में वायु की अपेक्षा अधिक है।
(b) ध्वनि का वेग वायु में इस्पात की अपेक्षा अधिक है।
(c) ध्वनि तरंगें रेल की पटरियों के बीच परावर्तित होती हैं।
(d) उसके कान ध्वनि स्रोत से भिन्न दूरियों पर है।
[R.A.S./R.T.S. (Pre) 1994-95]
उत्तर – (a) ध्वनि का वेग इस्पात में वायु की अपेक्षा अधिक है।
- ध्वनि का वेग ठोस में गैस की अपेक्षा अधिक होता है।
- ध्वनि का वेग इस्पात में अधिक होता है, जिस कारण रेल की पटरी से होकर ध्वनि पहले पहुंचेगी फिर बाद में वायु से होकर।
- इसलिए उसे दो बार आवाज सुनाई देगी।
|
28. ध्वनि तरंगों से संबंधित निम्नलिखित कथनों में से कौन कथन सही है/हैं?
कथन I : जब हम ठोस से गैसीय अवस्था में जाते हैं, तब ध्वनि की गति कम हो जाती है
कथन II : किसी भी माध्यम में जैसे ही हम तापमान को कम करते हैं, वैसे ही ध्वनि की गति बढ़ जाती है।
कथन III: ध्वनि की गति कांच के माध्यम की तुलना में एल्युमीनियम के माध्यम में कम रहती है।
(a) कथन I, II एवं III सभी सही हैं
(b) केवल कथन I एवं II सही हैं
(c) केवल कथन I सही है
(d) केवल कथन II एवं III सही हैं
[Chhattisgarh P.C.S. (Pre) 2020]
उत्तर – (c) केवल कथन I सही है
- कोई माध्यम जितना ही प्रत्यास्थ होता है, ध्वनि की गति उसमें उतनी ही अधिक होती है।
- इसके विपरीत, अधिक घनत्व के माध्यम में ध्वनि की गति कम होती है।
- ठोसों एवं धातुओं की प्रत्यास्थता गैसों से अधिक होने के कारण गैसों की अपेक्षा ठोसों में ध्वनि की गति अधिक होती है।
- इस प्रकार जब हम ठोस से गैसीय अवस्था में जाएंगे तो गति कम होगी।
- किसी माध्यम में ध्वनि की गति उस माध्यम के परम ताप के वर्गमूल के अनुक्रमानुपाती होती है।
- अतः तापमान बढ़ाने पर ध्वनि की गति बढ़ती है।
- एल्युमीनियम में ध्वनि की गति 6420 m/s एवं कांच में ध्वनि की गति 5640 m/s होती है।
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29. जब सितार और बांसुरी पर एक ही स्वर बजाया जाए, तो उनसे उत्पन्न ध्वनि का मेद, निम्नलिखित में अंतर के कारण किया जाता है
(a) तारत्व, प्रबलता और ध्वनिगुणता (Pitch, loudness and quality)
(b) तारत्व और प्रबलता (Pitch and loudness)
(c) केवल ध्वनिगुणता (Quality)
(d) केवल प्रबलता (Loudness)
[I.A.S. (Pre) 1995]
उत्तर – (c) केवल ध्वनिगुणता (Quality)
- ध्वनि की गुणता ध्वनि में उपस्थित संनादी तथा अधिस्वरों की संख्या, उनका परस्पर महत्व आदि अवयवों पर निर्भर करती है।
- सितार और बांसुरी पर एक ही स्वर बजाए जाने की स्थिति में उनसे उत्पन्न ध्वनि का भेद ध्वनि की गुणता के कारण पहचाना जा सकता है।
|
30. एक सितार में, किस प्रकार की ध्वनि तरंगें उत्पन्न होती हैं?
(a) प्रगामी एवं अनुदैर्ध्य
(b) प्रगामी एवं अनुप्रस्थ
(c) अप्रगामी एवं अनुदैर्ध्य
(d) अप्रगामी एवं अनुप्रस्थ
[U.P.R.O./A.R.O. (Pre) 2021]
उत्तर – (d) अप्रगामी एवं अनुप्रस्थ
- जब दो सर्वसम अनुप्रस्थ प्रगामी तरंगें (Transverse Progressive Waves) एक सरल रेखा में विपरीत दिशा में चलती हुई अध्यारोपित होती है, तो माध्यम में जो तरंग पैटर्न बनता है, उसे अनुप्रस्थ अप्रगामी तरंग (Transverse Stationary Wave) कहते हैं।
- उदाहरण स्वरमापी के तार या सितार-गिटार के तार में।
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31. कथन (A) : अनुरणन, विशेषतः बड़े गिरजाघरों तथा अन्य बड़े भवनों में प्रतीत होती है।
कारण (R) : दीवारों, छत एवं धरातल से अपवर्त्य ध्वनि परावर्तन हो सकता है।
नीचे दिए गए कूट का प्रयोग करके सही उत्तर का चयन कीजिए-
कूट :
(a) (A) और (R) दोनों सही हैं और (R), (A) का सही स्पष्टीकरण है।
(b) (A) और (R) दोनों सही हैं, किंतु (R), (A) का सही स्पष्टीकरण नहीं है।
(c) (A) सही है, परंतु (R) गलत है।
(d) (A) गलत है, परंतु (R) सही है।
[U.P. Lower Sub. (Spl.) (Pre) 2002, U.P. Lower Sub. (Spl.) (Pre) 2003]
उत्तर – (a) (A) और (R) दोनों सही हैं और (R), (A) का सही स्पष्टीकरण है।
- जब किसी बंद हॉल में ध्वनि उत्पन्न की जाती है, तो हॉल की दीवारों तथा छत से क्रमिक परावर्तन के फलस्वरूप स्रोत के बंद हो जाने पर भी हॉल में कुछ समय तक ध्वनि बनी रहती है, इसे ‘अनुरणन’ कहते हैं।
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32. निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिए-
- विस्तृत रूप से प्रयुक्त सांगीतिक स्वरग्राम, जिसे द्विटोनी स्वरग्राम कहते हैं, सात आवृत्तियों वाला होता है।
- स्वर ‘सा’ की आवृत्ति 256 Hz होती है और स्वर ‘नी’ की आवृत्ति 512 Hz होती है।
उपर्युक्त कथनों में से कौन-सा/से सही है/हैं?
(a) केवल 1
(b) केवल 2
(c) 1 और 2 दोनों
(d) न तो 1 और न ही 2
[I.A.S. (Pre) 2008]
उत्तर – (d) न तो 1 और न ही 2
- सांगीतिक स्वरग्राम आवृत्तियों की एक श्रृंखला है, जिन्हें एक के बाद एक बजाए जाने पर कानों को सुखद अनुभूति होती है।
- इसमें निम्नतम आवृत्ति को मुख्य स्वर (Key Note) कहते हैं। इसके बाद उच्च आवृत्तियां मुख्य स्वर से एक निश्चित अनुपात में होती हैं।
- उच्चतम आवृत्ति को अष्टक (Octave) कहते हैं।
- एक सरलतम सांगीतिक स्वरग्राम द्विटोनी स्वरग्राम है।
- इस स्वरग्राम में मुख्य स्वर एवं उसके अष्टक सहित 8 आवृत्तियां होती हैं।
- साधारणतया मुख्य स्वर की आवृत्ति 256 Hz तथा उसके अष्टक की आवृत्ति 512 Hz होती है।
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33. निम्न में से किसकी तरंग लंबाई सबसे अधिक होती है?
(a) इन्फ्रारेड
(b) एक्स-किरणें
(c) दृष्टिगोचर प्रकाश
(d) रेडियो तरंगें
[R.A.S./R.T.S. (Pre) 1996]
उत्तर – (d) रेडियो तरंगें
- विद्युत चुंबकीय स्पेक्ट्रम में शामिल विभिन्न विकिरणों का तरंगदैर्ध्य के संदर्भ में अवरोही क्रम इस प्रकार है:- रेडियो तरंगें > माइक्रोवेव > अवरक्त विकिरण > दृश्य प्रकाश पराबैंगनी विकिरण > एक्स किरण > गामा किरण ।
- स्पष्ट है कि रेडियो तरंगों की तरंगदैर्ध्य सर्वाधिक तथा गामा किरणों की तरंगदैर्ध्य न्यूनतम होती है।
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34. एक टीवी सेट को चलाने के लिए निम्नलिखित में से किस एक का टीवी रिमोट नियंत्रण इकाई द्वारा प्रयोग किया जाता है-
(a) प्रकाश तरंगे
(b) ध्वनि तरंगें
(c) सूक्ष्म तरंगें
(d) रेडियो तरंगें
[I.A.S. (Pre) 2000, U.P. P.C.S. (Mains) 2013]
उत्तर – (d) रेडियो तरंगें
- टीवी के रिमोट नियंत्रण इकाइयों में अधिकतर अवरक्त विकिरण का प्रयोग करते हैं, किंतु कुछ में रेडियो तरंगों का प्रयोग करते हैं।
- अवरक्त (Infrared) एक विद्युत चुंबकीय विकिरण है।
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35. सामान्य टी.वी. रिमोट कंट्रोल में उपयोग की जाने वाली तरंगें होती हैं-
(a) X किरणें
(b) पराबैंगनी किरणें
(c) अवरक्त किरणें
(d) गामा किरणें
[R.A.S./R.T.S. (Pre) 2018]
उत्तर – (c) अवरक्त किरणें
- सामान्यतः टेलीविजन के रिमोट कंट्रोल में प्रयुक्त विद्युत-चुंबकीय तरंगें ‘अवरक्त किरणें होती हैं।
- उल्लेखनीय है कि रिमोट कंट्रोल केवल टेलीविजन को ‘ऑन’ एवं ‘ऑफ’ करने में ही नहीं बल्कि चैनल, आवाज की तीव्रता व चित्र की गुणवत्ता आदि को भी नियंत्रित करने में प्रयुक्त होता है।
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36. जब टी.वी. का स्विच ऑन किया जाता है, तो-
(a) श्रव्य और दृश्य दोनों एक साथ शुरू होते हैं।
(b) श्रव्य तुरन्त सुनाई देता है लेकिन दृश्य बाद में दिखाई देता है, क्योंकि दृश्य को कुछ अभ्यास समय चाहिए।
(c) दृश्य तुरन्त प्रारम्भ हो जाता है लेकिन श्रव्य बाद में सुनाई देता है, क्योंकि ध्वनि प्रकाश की अपेक्षा कम वेग से चलती है।
(d) यह T.V. के ब्रान्ड पर निर्भर करता है।
[U.P.P.C.S. (Pre) 2007]
उत्तर – (a) श्रव्य और दृश्य दोनों एक साथ शुरू होते हैं।
- टी.वी. का स्विच ऑन करने पर श्रव्य एवं दृश्य दोनों एक साथ शुरू होते हैं।
- ध्वनि के प्रकाश की अपेक्षा कम वेग से चलने के कारण ध्वनि बाद में सुनाई पड़नी चाहिए किंतु टेलीविजन में ऑडियो सिंक्रोनाइजर लगाकर इस त्रुटि को दूर किया जाता है।
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37. दूरदर्शन प्रसारण में, चित्र संदेशों का संचरण होता है-
(a) आयाम माडुलन द्वारा
(b) आवृत्ति माडुलन द्वारा
(c) कला माडुलन द्वारा
(d) कोण माडुलन द्वारा
[R.A.S./R.T.S. (Pre) 2012]
उत्तर – (a) आयाम माडुलन द्वारा
- दूरदर्शन प्रसारण में ध्वनि संचरण के लिए आवृत्ति माडुलन तथा चित्र संदेशों के संचरण के लिए आयाम माडुलन का प्रयोग किया जाता है।
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38. एक रेडियो स्टेशन से 30 मीटर बैंड पर प्रसारण प्राप्त होता है। इस स्टेशन द्वारा प्रेषित वाहक तरंगों की आवृत्ति है-
(a) 10 KHz
(b) 100 KHz
(c) 10 MHz
(d) 100 MHz
[R.A.S./R.T.S. (Pre) 1993]
उत्तर – (c) 10 MHz
- सूत्र से
n = [जहां n = आवृत्ति; c = प्रकाश की चाल; I = तरंगदैर्ध्य]
- λ=nc
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39. कथन (A): रेडियो तरंगें चुंबकीय क्षेत्र में बंकित हो जाती हैं।
कारण (R): रेडियो तरंगों की प्रकृति विद्युत-चुंबकीय है।
ऊपर के दोनों वक्तव्यों के संदर्भ में, निम्नलिखित में से कौन-सा सही है?
कूट :
(a) (A) और (R) दोनों सही है और (R), (A) का सही स्पष्टीकरण है।
(b) (A) और (R) दोनों सही हैं, किंतु (R), (A) का सही स्पष्टीकरण नहीं है।
(c) (A) सही है, परंतु (R) गलत है।
(d) (A) गलत है, परंतु (R) सही है।
[I.A.S. (Pre) 2008]
उत्तर – (d) (A) गलत है, परंतु (R) सही है।
- कथन गलत है और कारण सही है, क्योंकि रेडियो तरंगें विद्युत- चुंबकीय प्रकृति की होती हैं।
- अतः वे सामान्यतः चुंबकीय एवं वैद्युत क्षेत्रों से अप्रभावित रहती हैं।
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