1. अतिचालक का लक्षण है-
(a) उच्च पारगम्यता
(b) निम्न पारगम्यता
(c) शून्य पारगम्यता
(d) अनंत पारगम्यता
[39th B.P.S.C. (Pre) 1994]
उत्तर – (c) शून्य पारगम्यता
- विद्युत चुंबकत्व के संदर्भ में पारगम्यता किसी पदार्थ का वह गुण है, जो उस पदार्थ में चुंबकीय क्षेत्र स्थापित किए जाने में उस पदार्थ द्वारा प्रदर्शित सहायता की मात्रा बताता है।
- इसे ग्रीक वर्ण µ (म्यू) से प्रदर्शित किया जाता है।
- पूर्ण (Perfect) अतिचालक की पारगम्यता ‘शून्य’ होती है।
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2. अतिचालकता किस तापमान पर अत्यधिक आर्थिक महत्व की हो सकती है, जिससे लाखों रुपये की बचत हो?
(a) अत्यन्त कम तापमान पर
(b) उस तापमान पर जिस पर अर्धचालक हो जाता है
(c) सामान्य तापमान पर
(d) अत्यधिक ऊंचे तापमान पर
[U.P. P.C.S. (Pre) 2000]
उत्तर – (c) सामान्य तापमान पर
- अतिचालकता (Superconductivity) की अवस्था में धातुओं का तापमान शून्य डिग्री केल्विन (या 273°C) के लगभग रहता है।
- यह ताप भिन्न-भिन्न धातुओं के लिए भिन्न-भिन्न होता है।
- इस तापमान को प्राप्त करना काफी व्ययसाध्य होता है।
- यदि अतिचालकता का गुण ‘सामान्य तापमान’ पर प्राप्त किया जा सके, तो इससे बहुत धन की बचत होगी।
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3. किसी अतिचालक द्वारा प्राप्त अधिकतम ताप होता है-
(a) 24 केल्विन
(b) 133 केल्विन
(c) 150 केल्विन
(d) 300 केल्विन
[U.P. Lower Sub. (Pre) 2013]
उत्तर – (b) 133 केल्विन
- वायुमंडलीय दाब पर किसी अतिचालक द्वारा प्राप्य अधिकतम ताप 133 केल्विन होता है।
- अधिकतम ताप वाला अतिचालक एक सेरेमिक पदार्थ है।
- जिसमें मरकरी, बेरियम, कैल्शियम, कॉपर तथा ऑक्सीजन शामिल हैं।
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4. नव आविष्कृत उच्च ताप अतिचालक है-
(a) मिश्र धातुएं
(b) शुद्ध दुर्लभ मृदा धातुएं
(c) सिरेमिक ऑक्साइड
(d) अकार्बनिक बहुलक
[U.P. P.C.S. (Pre) 2000, Uttarakhand P.C.S. (Pre) 2006]
उत्तर – (c) सिरेमिक ऑक्साइड
- अतिचालकता की दिशा में हो रहे खोज और अनुसंधान में सिरेमिक ऑक्साइड बहुत ही उपयोगी सिद्ध हुई है।
- मृतिका-युक्त धातुओं पर ही अतिचालकता के प्रयोग किए जा रहे हैं और इसमें सफलता भी मिली है।
- अतिचालकता युक्त मृत्तिकाएं थैलियम (TI), बेरियम (Ba), कैल्शियम (Ca) तथा कॉपर ऑक्साइड (CuO) से युक्त होती हैं।
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5. अर्द्धचालक की चालकता (शून्य डिग्री केल्विन) ताप पर होती है-
(a) 105 ओम
(b) 10 ओम
(c) 10 ओम
(d) शून्य
[R.A.S./R.T.S. (Pre) 1999-2000]
उत्तर – (d) शून्य
- ऐसे ठोस पदार्थ (जर्मेनियम, सिलिकॉन) जिनकी विद्युत चालकता चालक तथा अचालक के बीच होती है, इन्हें अर्द्धचालक कहते हैं।
- परम शून्य ताप पर अर्द्धचालक एक आदर्श अचालक (शून्य चालकता) की भांति व्यवहार करते हैं।
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6. एक अर्द्धचालक में विद्युत चालन होता है-
(a) केवल इलेक्ट्रॉन्स द्वारा
(b) केवल होल्स द्वारा
(c) इलेक्ट्रॉन्स एवं होल्स दोनों के द्वारा
(d) न इलेक्ट्रॉन्स द्वारा और न ही होल्स द्वारा
[Uttarakhand P.C.S. (Pre) Exam. 2016]
उत्तर – (c) इलेक्ट्रॉन्स एवं होल्स दोनों के द्वारा
- अर्द्धचालक (Semiconductor) दो प्रकार के होते हैं- तात्विक या प्राकृतिक (Intrinsic) अर्द्धचालक तथा बाह्य (Extrinsic) अर्द्धचालक |
- एक ‘शुद्ध’ अर्द्धचालक, जिसमें कोई अपद्रव्य न मिला हो, ‘निज अर्द्धचालक’ कहलाता है।
- इस प्रकार शुद्ध जर्मेनियम एवं सिलिकॉन अपनी प्राकृतिक अवस्था में निज अर्द्धचालक हैं।
- इनमें वैद्युत चालन इलेक्ट्रॉनों एवं कोटरों अर्थात होल्स दोनों की गति के कारण होता है।
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7. किसी अर्द्धचालक का प्रतिरोध गर्म करने पर –
(a) स्थिर रहता है।
(b) घटता है।
(c) बढ़ता है।
(d) उपरोक्त में से कोई नहीं
[U.P.P.C.S. (Mains) 2015]
उत्तर – (b) घटता है।
- अर्द्धचालक ऐसे ठोस पदार्थ हैं, जिनकी विद्युत प्रतिरोधकता चालकों से अधिक परंतु कुचालकों से कम होती है।
- अर्द्धचालकों की प्रतिरोधकता सामान्य ताप पर 10 तथा । ओम के मध्य होती है।
- अर्द्धचालक का प्रतिरोध ताप बढ़ने पर कम होता है।
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8. निकट अतीत में हिग्स बोसॉन कण के अस्तित्व के संसूचन के लिए किए गए प्रयत्न लगातार समाचारों में रहे हैं। इस कण की खोज का क्या महत्व है?
- यह हमें यह समझाने में मदद करेगा कि मूल कणों में संहति क्यों होती है।
- यह निकट भविष्य में हमें दो बिंदुओं के बीच के भौतिक अंतराल को पार किए बिना एक बिंदु से दूसरे बिंदु तक पदार्थ स्थानांतरित करने की प्रौद्योगिकी विकसित करने में मदद करेगा।
- यह हमें नाभिकीय विखंडन के लिए बेहतर ईंधन उत्पन्न करने में मदद करेगा।
नीचे दिए गए कूट का प्रयोग कर सही उत्तर चुनिए-
(a) केवल 1
(b) केवल 2 और 3
(c) केवल 1 और 3
(d) 1, 2 और 3
[I.A.S. (Pre) 2013]
उत्तर – (a) केवल 1
- इस ब्रह्मांड में दृश्यमान द्रव्य परमाणुओं और अणुओं से निर्मित है।
- द्रव्यमान (संहति) वह भौतिक गुण है, जिनसे इन कणों को ठोस रूपाकार मिलता है।
- उप-परमाण्यिक कणों में द्रव्यमान की उत्पत्ति कैसे होती है? इसी तथ्य को समझने के लिए हिग्स बोसॉन कणों की खोज का महत्व है।
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9. परम शून्य तापमान पर अर्द्धचालकों में विद्युत प्रतिरोध हो जाता है-
(a) संपूर्ण (अनंत)
(b) अल्प
(c) उच्च
(d) शून्य
[R.A.S./R.T.S. (Pre) 1992]
उत्तर – (a) संपूर्ण (अनंत)
- परम शून्य ताप (0K) पर अर्द्धचालक की चालकता शून्य हो जाती है और वे एक आदर्श अचालक की भांति व्यवहार करते हैं।
- इस ताप पर अर्द्धचालकों में विद्युत प्रतिरोध अनंत हो जाता है।
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10. निम्न में से कौन-सी धातु अर्द्धचालक की तरह ट्रांजिस्टर में प्रयोग होती है?
(a) तांबा
(b) जर्मेनियम
(c) ग्रेफाइट
(d) चांदी
[44th B.P.S.C. (Pre) 2000]
उत्तर – (b) जर्मेनियम
- जर्मेनियम और सिलिकॉन ऐसे मुख्य पदार्थ हैं, जिनका उपयोग अर्द्धचालक (Semiconductor) की तरह ट्रांजिस्टर में किया जाता है।
- इनकी विद्युत चालकता सामान्य ताप पर चालक (Conductors) एवं विद्युतरोधी (Insulators) पदार्थों की चालकता के मध्य होती है।
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11. ट्रांजिस्टर बनाने के लिए सर्वाधिक प्रयुक्त पदार्थ है-
(a) एल्युमीनियम
(b) सिलिकॉन
(c) तांबा
(d) चांदी
[U.P.P.C.S. (Pre) 2015]
उत्तर – (b) सिलिकॉन
- ट्रांजिस्टर के निर्माण में सिलिकॉन तथा जर्मेनियम जैसे अर्द्धचालकों का प्रयोग किया जाता है।
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12. कथन (A): तड़ित चालकों को बनाने में लोहे की छड़ों की अपेक्षा तांबे की छड़ों को वरीयता दी जाती है।
कारण (R) : लोहे की तुलना में तांबा विद्युत का अधिक सुचालक है और वायुमंडलीय परिस्थितियों में सरलता से ऑक्सीकृत नहीं होता है।
उपर्युक्त कथनों पर विचार कीजिए तथा नीचे दिए गए कूट से सही उत्तर का चयन कीजिए-
कूट :
(a) (A) तथा (R) दोनों सही है तथा (A) की (R) सही व्याख्या है।
(b) (A) तथा (R) दोनों सही हैं, परंतु (A) की (R) सही व्याख्या नहीं है।
(c) (A) सही है, परंतु (R) गलत है।
(d) (A) गलत है, परंतु (R) सही है।
[U.P.R.O./A.R.O. (Mains) 2013]
उत्तर – (a) (A) तथा (R) दोनों सही है तथा (A) की (R) सही व्याख्या है।
- तड़ित चालक एक धातु की चालक छड़ होती है, जिसे ऊंचे भवनों की आकाशीय विद्युत से रक्षा के लिए लगाया जाता है।
- ये आकाशीय विद्युत आवेश से प्राप्त आवेश को सीधे पृथ्वी में भेज देते हैं और इस प्रकार इमारतों को नष्ट होने से बचाते हैं।
- तड़ित चालकों को बनाने में लोहे की अपेक्षा तांबे की बनी छड़ों को वरीयता दी जाती है क्योंकि तांबा, लोहे की तुलना में अधिक सुचालक है और वायुमंडलीय परिस्थितियों में सरलता से ऑक्सीकृत नहीं होता है।
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13. तड़ित (बिजली चमकना) से वृक्ष में आग भी लग सकती है, क्योंकि इसमें अत्यधिक मात्रा में होती है-
(a) ऊष्मीय ऊर्जा
(b) विद्युत ऊर्जा
(c) रासायनिक ऊर्जा
(d) नाभिकीय ऊर्जा
[M.P.P.C.S. (Pre) Exam. 2017]
उत्तर – (b) विद्युत ऊर्जा
- बिजली तथा गड़गड़ाहट के साथ वाली आंधी (Thunderstorm) के दौरान उत्पन्न तड़ित (Lightning) में विद्युत ऊर्जा (Electric energy) अत्यधिक मात्रा में होती है, जिसके कारण वृक्षों में आग लगने की संभावना होती है।
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14. निम्न में से कौन-से अर्द्धचालक हैं?
- सिलिकॉन
- क्वार्ट्ज
- सिरेमिक्स
- जर्मेनियम
निम्न विकल्पों में से सही उत्तर का चयन कीजिए-
(a) 1 तथा 2
(b) 1 तथा 3
(c)1 तथा 4
(d) 3 तथा 4
[U.P.P.C.S. (Mains) 2005]
उत्तर – (c) 1 तथा 4
- अर्द्धचालक युक्तियों के निर्माण में सिलिकॉन का सबसे अधिक प्रयोग होता है।
- पहले जर्मेनियम (Ge) का प्रयोग व्यापक था, किंतु इसकी उष्ण अतिसंवेदनशीलता के कारण सिलिकॉन ने इसकी जगह ले ली है।
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15. निम्नलिखित में से कौन-सा ‘अर्द्धचालक’ है?
(a) प्लास्टिक
(b) एल्युमीनियम
(c) लकड़ी
(d) जर्मेनियम
[U.P.P.C.S. (Pre) (Re. Exam) 2015]
उत्तर – (d) जर्मेनियम
- जर्मेनियम तथा सिलिकॉन अर्द्धचालक पदार्थ हैं।
- ऐसे पदार्थ के प्रत्येक परमाणु के संयोजी इलेक्ट्रॉन अपने समीप के परमाणुओं के एक-एक संयोजी इलेक्ट्रॉन के सहयोग से सह-संयोजक बंध की रचना करते हैं और पदार्थ क्रिस्टल का रूप ले लेता है।
- जर्मेनियम चतुसंयोजी (Tetravalent) तत्व है।
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16. निम्नलिखित तत्वों में कौन अर्द्धचालक है?
(a) एल्युमीनियम
(b) सिलिकॉन
(c) चांदी
(d) सीसा
[U.P.P.C.S. (Pre) 2018]
उत्तर – (b) सिलिकॉन
- कुछ पदार्थ ऐसे हैं, जिनकी वैद्युत चालकता अचालकों की अपेक्षा बहुत अधिक, परंतु चालकों की अपेक्षा बहुत कम होती है।
- इन्हें अर्द्धचालक कहते हैं, जैसे- सिलिकॉन, जर्मेनियम आदि।
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17. भारत सरकार ने ‘झामा’ के निर्यात पर पूर्ण प्रतिबंध लगा दिया है, क्योंकि उसमें से ऐसी धातु ऐसा तत्व निकाल सकते हैं, जिसका उपयोग ट्रांजिस्टरों में होता है। वह निम्नलिखित में से कौन-सा तत्व है?
(a) फॉस्फोरस
(b) जर्मेनियम
(c) सिलिकॉन
(d) टंगस्टन
[I.A.S. (Pre) 1993]
उत्तर – (b) जर्मेनियम
- झामा (जला हुआ कोयला) से जर्मेनियम तत्व निकाले जाते हैं, जिनका उपयोग ट्रांजिस्टर निर्माण में होता है।
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