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1. विश्व जल संरक्षण दिवस मनाया जाता है-
(a) 28 फरवरी को
(b) 5 जून को
(c) 22 मार्च को
(d) 11 जुलाई को
[U.P.P.C.S. (Pre) 2011]
उत्तर- (c) (c) 22 मार्च को
- विश्व जल दिवस 22 मार्च को मनाया जाता है।
- ध्यातव्य है कि वर्ष 1992 में रियो डी जनेरियो में आयोजित संयुक्त राष्ट्र पर्यावरण व विकास सम्मेलन (UNCED) की बैठक में स्वच्छ जल हेतु एक अंतरराष्ट्रीय दिवस मनाने का निर्णय लिया गया।
- इसी तत्वावधान में 22 मार्च, 1993 को पहला विश्व जल दिवस मनाया गया।
- ध्यातव्य है कि वर्ष 2003 से ‘यूएन-वाटर’ (UN-Water) नामक एक कार्यक्रम चलाया जा रहा है।
- इस कार्यक्रम के तहत स्वच्छ जल संसाधनों, सफाई व जल से संबंधित आपदाओं के मुद्दों पर कार्य किया जाता है।
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2. निम्नलिखित में से कौन जैविक संसाधन नहीं है?
(a) शुद्ध जल
(b) कोयला
(c) पेट्रोलियम
(d) मछली
[U.P. R.O./A.R.O. (Pre) 2016]
उत्तर- (a) शुद्ध जल
- जैविक संसाधन जीवमंडल (किसी जीव या जैविक पदार्थ) से प्राप्त किए जाते हैं, जैसे-वन तथा पशु एवं उनसे प्राप्त हो सकने वाले पदार्थ।
- जीवाश्म ईंधन, जैसे-कोयला एवं पेट्रोलियम आदि इसी वर्ग में शामिल किए जाते हैं, क्योंकि ये विघटित जैविक पदार्थों से बनते हैं।
- शुद्ध जल जैविक संसाधन नहीं है।
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3. इनमें से किस पर्यावरणविद् को ‘जल पुरुष’ के नाम से जाना जाता है?
(a) सुंदरलाल बहुगुणा
(b) राजेंद्र सिंह
(c) बी. वेंकटेश्वरलू
(d) सलीम अली
[M.P. P.C.S. (Pre) 2016]
उत्तर- (b) राजेंद्र सिंह
- राजेंद्र सिंह को ‘भारत के जल पुरुष’ के लोकप्रिय नाम से जाना जाता है।
- राजेंद्र सिंह ‘तरुण भारत संघ’ नामक गैर-सरकारी संगठन के चेयरमैन हैं। वर्ष 2001 में इन्हें रेमन मैग्सेसे पुरस्कार एवं वर्ष 2015 में स्टॉकहोम वाटर प्राइज दिया गया।
- इस प्रश्न-पत्र के अंग्रेजी संस्करण में इस प्रश्न के विकल्प (b) में ‘राजेंद्र सिंह’ की जगह ‘राजेंद्र चौधरी’ दिया गया है।
- मध्य प्रदेश लोक सेवा आयोग ने इस प्रश्न को मूल्यांकन से बाहर कर दिया है।
- ध्यातव्य है कि सुंदरलाल बहुगुणा चिपको आंदोलन से संबंधित हैं।
- चिपको आंदोलन के प्रणेता श्री चंडी प्रसाद भट्ट हैं। इस आंदोलन में आंदोलनकर्ताओं ने पेड़ों से चिपककर उन्हें कटने से बचाया।जबकि डॉ. सलीम अली प्रसिद्ध पक्षी विज्ञान विशेषज्ञ (Ornithologist) हैं।
- जम्मू एवं कश्मीर में उनके नाम से ‘सलीम अली राष्ट्रीय उद्यान’ स्थापित किया गया है।
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जल प्रदूषण एवं रोकथाम
1. पीने के पानी को शुद्ध करने के लिए निम्नांकित गैसों में से किसे प्रयोग में लाया जाता है?
(a) सल्फर डाइऑक्साइड
(b) क्लोरीन
(c) फ्लोरीन
(d) कार्बन डाइऑक्साइड
[U.P.P.C.S. (Pre) 2013]
उत्तर- (b) क्लोरीन
- पेयजल को जीवाणुरहित करने के लिए क्लोरीन गैस एवं ब्लीचिंग पाउडर का उपयोग किया जाता है।
- ध्यातव्य है कि क्लोरीन गैस जल शोधन के प्राथमिक चरण में जीवाणुओं को निष्क्रिय करने का कार्य करती है।
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2. यदि राष्ट्रीय जल मिशन सही ढंग से और पूर्णतः लागू किया जाए, तो देश पर उसका क्या प्रभाव पड़ेगा ?
1. शहरी क्षेत्रों की जल आवश्यकताओं की आंशिक आपूर्ति अपशिष्ट जल के पुनर्चक्रण से हो सकेगी।
2. ऐसे समुद्रतटीय शहर, जिनके पास जल के अपर्याप्त वैकल्पिक स्रोत हैं, की जल आवश्यकताओं की आपूर्ति ऐसी समुचित प्रौद्योगिकी व्यवहार में लाकर की जा सकेगी, जो समुद्री जल को प्रयोग लायक बना सकेगी।
3. हिमालय से उद्गमित सभी नदियां प्रायद्वीपीय भारत की नदियों से जोड़ दी जाएंगी।
4. सरकार कृषकों द्वारा भौम जल निकालने के लिए बोरिंग से खोदे गए कुएं और उन पर लगाई गई मोटर और पंपसेट पर वहन किए गए व्यय की पूरी तरह प्रतिपूर्ति करेगी।
निम्नलिखित कूटों के आधार पर सही उत्तर चुनिए –
(a) केवल 1
(b) केवल 1 और 2
(c) केवल 3 और 4
(d) 1, 2, 3 और 4
[I.A.S. (Pre) 2012]
उत्तर- (b) केवल 1 और 2
- शहरी क्षेत्रों की जल संबंधी जरूरतें अपशिष्ट जल के पुनर्चक्रण से पूरी की जा सकती हैं।
- इससे जल का संरक्षण तो संभव होगा ही साथ में अपशिष्ट जल को प्रयोग में भी लाया जा सकेगा।
- अपशिष्ट जल के प्रबंधन में राष्ट्रीय जल मिशन की महत्वपूर्ण भूमिका हो सकती है।
- साथ ही राष्ट्रीय जल मिशन के तहत ऐसे समुद्रतटीय शहर जिनके पास जल के अपर्याप्त वैकल्पिक स्रोत हैं, उनकी जल आवश्यकताओं की आपूर्ति ऐसी समुचित प्रौद्योगिकी को व्यवहार में लाकर की जा सकेगी, जो समुद्री जल को प्रयोग लायक बना सके।
- नदियों को जोड़ने की योजना राष्ट्रीय जल मिशन में शामिल नहीं है।
- साथ ही सरकार द्वारा भौमजल निकालने के लिए किसानों को प्रतिपूर्ति प्रदान करना भी इसमें शामिल नहीं है।
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3. निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिए-
1. केंद्रीय भूमि जल प्राधिकरण (CGWA) ने भारत 36% के जिलों को “अतिशोषित” (overexploited) अथवा “संकटपूर्ण” (critical) वर्गीकृत किया हुआ है।
2. CGWA का निर्माण ‘पर्यावरण (संरक्षण) अधिनियम’ के अंतर्गत हुआ।
3. विश्व में भूजल सिंचाई के अंतर्गत सबसे अधिक क्षेत्र भारत में है।
उपर्युक्त कथनों में से कौन-सा/से सही है/हैं?
(a) केवल 1
(b) केवल 2
(c) केवल 2 और 3
(d) केवल 1 और 3
[U.P.P.C.S. (Pre) 2005]
उत्तर- (c) केवल 2 और 3
- वर्ष 2017 में केंद्रीय भूमि जल बोर्ड द्वारा भू-जल से संबंधित जारी रिपोर्ट के अनुसार, देश भर के कुल 6881 असेसमेंट यूनिट्स (ब्लॉक/
मंडल/तालुका/विकास खंड) में विभिन्न राज्यों (लगभग 17%) में 1186 यूनिट्स को अतिशोषित (Over exploited) बताया है।
- इस प्रकार कथन 1 सही नहीं है। केंद्रीय भूमि जल प्राधिकरण की स्थापना पर्यावरण संरक्षण अधिनियम, 1986 की धारा 3(3) के हुई है।
- अतः कथन 2 सही है। केंद्रीय भूमि जल बोर्ड के अनुसार, भारत में कृषि सिंचाई में भूजल का सहयोग (Contribution) लगभग 62 प्रतिशत है। जोकि विश्व में भूजल सिंचाई के अंतर्गत सबसे अधिक क्षेत्र है। अतः कथन 3 भी सही है।
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4. जल प्रदूषण निवारण तथा नियंत्रण अधिनियम किस वर्ष लागू किया गया?
(a) 1980
(b) 1974
(c) 1981
(d) उपर्युक्त में से कोई नहीं
[M.P.P.C.S. (Pre) 2017]
उत्तर- (b) 1974
- जल (प्रदूषण निवारण तथा नियंत्रण) अधिनियम, वर्ष 1974 में अधिनियमित किया गया, इसे वर्ष 1988 में संशोधित किया गया।
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5. वाटर (प्रिवेन्शन एंड कंट्रोल ऑफ पॉल्यूशन) सेस एक्ट लागू किया गया-
(a) 1973 में
(b) 1975 में
(c) 1977 में
(d) 1979 में
[U.P.R.O/A.R.O. (Mains) 2013]
उत्तर- (c) 1977 में
- वाटर (प्रिवेन्शन एंड कंट्रोल ऑफ पॉल्यूशन) सेस एक्ट वर्ष 1977 में लागू किया गया। वर्तमान में यह अधिनियम पूरे देश में लागू है।
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6. पेयजल में संखिया प्रदूषण सर्वाधिक है-
(a) चेन्नई में
(b) कानपुर में
(c) कोलकाता में
(d) मुंबई में
[U.P.P.C.S. (Pre) 2005]
उत्तर- (c) कोलकाता में
- प्रश्नगत विकल्पों में कोलकाता में पेयजल में संखिया (Arsenic) प्रदूषण सर्वाधिक है।
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7. जल शुद्धीकरण प्रणालियों में पराबैंगनी (अल्ट्रा-वायलेट, UV) विकिरण की क्या भूमिका है?
1. यह जल में उपस्थित नुकसानदेह सूक्ष्मजीवों को निष्क्रिय/नष्ट कर देती है।
2. यह जल में उपस्थित सभी अवांछनीय गंधों को दूर कर देती है।
3. यह जल में उपस्थित ठोस कणों के अवसादन को तेज करती है, आविलता दूर करती है और जल की निर्मलता में सुधार लाती है।
उपर्युक्त में से कौन-सा/से कथन सही है/हैं?
(a) केवल 1
(b) केवल 1 और 3
(c) केवल 2 और 3
(d) 1, 2 और 3
[I.A.S. (Pre) 2012]
उत्तर- (a) केवल 1
- पराबैंगनी विकिरण एक प्रकार का विद्युत चुंबकीय विकिरण है।
- पराबैंगनी विकिरण युक्त जलशोधन प्रणालियों में बिना किसी खतरनाक रसायन (जैसे-क्लोरीन) के प्रयोग से जल को कीटाणुमुक्त किया जाता है।
- यूवी किरणों के प्रयोग से जल के स्वाद, महक और रंग में कोई परिवर्तन नहीं होता है।
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8. निम्नलिखित में से कौन जल को जीवाणु मुक्त करने हेतु प्रयुक्त होता है/होते हैं?
(a) ओजोन
(b) क्लोरीन डाइऑक्साइड
(c) क्लोरैमीन
(d) उपर्युक्त सभी
[U.P.P.C.S. (Pre) 2016]
उत्तर- (d) उपर्युक्त सभी
- जल को कई विधियों से जीवाणु रहित किया जा सकता है- जैसे- (i) ताप तथा अन्य भौतिक कारणों द्वारा, (ii) पराबैंगनी किरणों तथा रेडियोधर्मी आयन के द्वारा, (iii) रसायनों द्वारा ऑक्सीकरण करके जैसे- ओजोन, आयोडीन एवं क्लोरीन के यौगिकों द्वारा।
- क्लोरैमीन (NH,CI) तथा क्लोरीन डाइऑक्साइड (CIO) भी जल को जीवाणु मुक्त करने हेतु प्रयुक्त किए जाते हैं।
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9. निम्नलिखित में से कौन-सा / से नदी तल में बहुत अधिक बालू खनन का/के संभावित परिणाम हो सकता है/सकते हैं?
1. नदी की लवणता में कमी
2. भौमजल का प्रदूषण
3. भौम जलस्तर का नीचे चले जाना
नीचे दिए गए कूट का प्रयोग कर सही उत्तर चुनिए-
(a) केवल 1
(b) केवल 2 और 3
(c) केवल 1 और 3
(d) 1, 2 और 3
[I.A.S. (Pre) 2018]
उत्तर- (b) केवल 2 और 3
- बालू खनन से नदियों का तंत्र प्रभावित होता है तथा इससे नदियों की खाद्य-श्रृंखला नष्ट होती है।
- सैंड-पंपों के कारण नदी की जैव विविधता पर भी असर पड़ता है।
- बालू खनन से नदियों का प्रवाह-पथ प्रभावित होता है।
- इससे भू-कटाव बढ़ने से भूस्खलन जैसी आपदाओं की आवृत्ति में वृद्धि हो सकती है।
- नदियों में रेत खनन से निकटवर्ती क्षेत्रों का भू-जल स्तर बुरी तरह प्रभावित होता है साथ ही भू-जल प्रदूषित होता है।
- प्राकृतिक रूप से पानी को शुद्ध करने में बालू की बड़ी भूमिका होती है।
- बालू खनन के कारण नदियों की स्वतः जल को साफ कर सकने की क्षमता पर दुष्प्रभाव पड़ता है।
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जल संरक्षण
1. मरुस्थल क्षेत्रों में जल ह्रास को रोकने के लिए निम्नलिखित में से कौन-सा/से पर्ण रूपांतरण होता है/होते हैं?
1. कठोर एवं मोमी पर्ण
2. लघु पर्ण अथवा पर्णहीनता
3. पर्ण की जगह कांटे
नीचे दिए गए कूट का प्रयोग कर सही उत्तर चुनिए।
(a) केवल 1 और 2
(b) केवल 2
(c) केवल 1 और 3
(d) 1, 2 और 3
[I.A.S. (Pre) 2013]
उत्तर- (d) 1, 2 और 3
- रेगिस्तान में पाए जाने वाले पौधों की पत्तियां जल-हानि को रोकने के लिए प्रायः कांटों में बदल जाती हैं।
- पत्तियों में बहुत छोटे-छोटे असंख्य छिद्र (रंध्र) होते हैं, जो पौधे की जड़ों द्वारा अवशोषित जल की अतिरिक्त मात्रा को धीरे-धीरे वातावरण में छोड़ते रहते हैं।
- यदि पत्तियां कांटों में नहीं बदलती हैं, तो रंध्र पत्ती के नीचे की सतह पर बहुत अंदर की ओर चले जाते हैं, ताकि जल हानि न हो सके।
- रेगिस्तानी पौधों की पत्तियां पतली, मोमी उपत्वचा और रेजिन सतह वाली होती है।
- बहुत अधिक संख्या में कांटेदार सतह वाष्पोत्सर्जन को कम करने में सहायक होती है।
- पत्तियों पर बाल जैसे रेशे हवा की हलचल और सूर्य की गर्मी से होने वाले वाष्पोत्सर्जन में कमी करते हैं।
- अधिकतर रेगिस्तानी पौधे छोटे और मुड़ी हुई पत्तियों वाले होते हैं, जिससे सतही क्षेत्रफल कम होने से वाष्पोत्सर्जन द्वारा होने वाली जल की हानि कम होती है।
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2. प्रदूषण नियंत्रण के उद्देश्य से राष्ट्रीय झील संरक्षण योजना के अंतर्गत जिन शहरी क्षेत्रों में पड़ने वाले जलमग्न भूमि को चुना गया है, वे हैं-
1. भोज मध्य प्रदेश
2. सुखना चंडीगढ़
3. चिल्का ओडिशा
4. पिछोला – राजस्थान
नीचे दिए गए कूट की सहायता से सही उत्तर का चयन कीजिए-
कूट :
(a) 1, 2 तथा 3
(b) 2, 3 तथा 4
(c) 1, 3 तथा 4
(d) 1, 2 तथा 4
[U.P.P.C.S. (Mains) 2002]
उत्तर- (d) 1, 2 तथा 4
- प्रश्नगत झीलों में प्रदूषण नियंत्रण के उद्देश्य से राष्ट्रीय झील संरक्षण योजना (National Lake Conservation Plan-NLCP) के तहत चुनी गई शहरी क्षेत्रों में पड़ने वाली जलमग्न भूमियां इन झीलों की हैं-भोज (मध्य प्रदेश), सुखना (चंडीगढ़) एवं पिछोला (राजस्थान)।
- ओडिशा की चिल्का झील इसमें सम्मिलित नहीं है। ध्यातव्य है कि NLCP के अंतर्गत ओडिशा की बिंदुसागर झील शामिल है।
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3. निम्नलिखित झीलों में से किसको अभी हाल में राष्ट्रीय झील संरक्षण परियोजना के अंतर्गत सम्मिलित किया गया है?
(a) भीमताल
(b) ऊटी
(c) पुलिकट
(d) सांभर
[U.P.P.C.S. (Pre) 2010]
उत्तर- (a) भीमताल
- केंद्रीय पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्रालय ने जून, 2001 में केंद्र प्रायोजित योजना के रूप में राष्ट्रीय झील संरक्षण परियोजना
की शुरुआत की थी।
- 31 दिसंबर, 2009 तक इस परियोजना में 14 राज्यों की कुल 58 झीलों के संरक्षण हेतु स्वीकृति प्रदान की गई थी, जिसमें प्रश्न में दी गई झीलों में से भीमताल और ऊटी शामिल हैं।
- इन दोनों में ऊटी इस परियोजना के प्रारंभिक चरण से ही शामिल थी, अतः स्पष्ट है कि हाल ही में इसमें भीमताल झील को शामिल किया गया है।
- राष्ट्रीय झील संरक्षण परियोजना के तहत सर्वाधिक संरक्षित झीलें कर्नाटक राज्य में स्थित है। वर्तमान स्थिति के अनुसार, कुछ प्रमुख झीलें निम्नवत हैं-
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गंगा संरक्षण
1. निम्न में से किस वर्ष भारत सरकार द्वारा ‘केंद्रीय गंगा प्राधिकरण’ का गठन किया गया?
(a) 1975 में
(b) 1982 में
(c) 1985 में
(d) 1995 में
[U.P.P.C.S. (Mains) 2014]
उत्तर- (c) 1985 में
- ‘केंद्रीय गंगा प्राधिकरण’ का गठन तत्कालीन प्रधानमंत्री राजीव गांधी की अध्यक्षता में फरवरी, 1985 में किया गया।
- सितंबर, 1995 में इसका नाम बदल कर ‘राष्ट्रीय नदी संरक्षण प्राधिकरण’ (NRCA) कर दिया गया।
- इसके अध्यक्ष प्रधानमंत्री होते हैं।
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2. भारत में ‘केंद्रीय गंगा प्राधिकरण’ की स्थापना कब की गई थी?
(a) 1998
(b) 1972
(c) 2001
(d) 1985
[M.P. P.C.S. (Pre) 2016]
उत्तर- (d) 1985
- केंद्रीय गंगा प्राधिकरण’ का गठन तत्कालीन प्रधानमंत्री राजीव गांधी की अध्यक्षता में फरवरी, 1985 में किया गया।
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3. केंद्रीय बजट 2014 में समन्वित गंगा संरक्षण अभियान को कहा गया है-
(a) क्लीन गंगा
(b) सेक्रेड गंगा
(c) द ग्रेट गंगा
(d) नमामि गंगे
[Uttarakhand P.C.S. (Pre) 2012]
उत्तर- (d) नमामि गंगे
- तत्कालीन केंद्रीय वित्त मंत्री अरुण जेटली ने संसद में प्रस्तुत वर्ष 2014-15 के केंद्रीय बजट में ‘नमामि गंगे’ नामक एक एकीकृत गंगा विकास परियोजना की घोषणा की थी और इस उद्देश्य के लिए 2037 करोड़ रुपये का बजट आवंटन किया था।
- इसके अलावा गंगा के घाटों के सौंदर्याकरण हेतु अलग से 100 करोड़ रुपये का प्रावधान भी किया गया है।
- यह सौंदर्याकरण केदारनाथ, हरिद्वार, कानपुर, इलाहाबाद (अब प्रयागराज), वाराणसी व पटना के घाटों पर कराए जाएंगे।
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4. राष्ट्रीय गंगा नदी बेसिन प्राधिकरण का गठन किया गया है-
(a) अक्टूबर, 2008 में
(b) फरवरी, 2009 में
(c) अक्टूबर, 2009 में
(d) मार्च, 2010 में
[U.P.P.C.S. (Mains) 2010]
उत्तर- (b) फरवरी, 2009 में
- राष्ट्रीय गंगा नदी बेसिन प्राधिकरण (NGRBA) का गठन 20 फरवरी, 2009 को पर्यावरण (संरक्षण) अधिनियम, 1986 की धारा 3(3) के अंतर्गत किया गया है।
- इस प्राधिकरण का लक्ष्य वर्ष 2020 तक गंगा को उसमें प्रवाहित होने वाले औद्योगिक अपशिष्ट व अशोधित सीवेज जल से मुक्ति दिलाना था।
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5. झारखंड राज्य गंगा नदी संरक्षण प्राधिकरण की है। में गठित
(a) 2008
(b) 2009
(c) 2010
(d) 2011
[J.P.S.C. (Pre) 2017]
उत्तर- (b) 2009
- झारखंड राज्य गंगा नदी संरक्षण प्राधिकरण का गठन वर्ष 2009 में किया गया।
- राज्य का मुख्यमंत्री इस प्राधिकरण का पदेन अध्यक्ष होता है।
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6. गंगा नदी डॉल्फिन की समष्टि में ह्रास के लिए शिकार-चोरी के अलावा और क्या संभव कारण हैं?
1. नदियों पर बांधों और बराजों का निर्माण
2. नदियों में मगरमच्छों की समष्टि में वृद्धि
3. संयोग से मछली पकड़ने के जालों में फंस जाना
4. नदियों के आस-पास के फसल खेतों में संश्लिष्ट उर्वरकों और अन्य कृषि रसायनों का इस्तेमाल
नीचे दिए गए कूट का प्रयोग कर सही उत्तर चुनिए।
(a) केवल 1 और 2
(b) केवल 2 और 3
(c) केवल 1, 3 और 4
(d) 1, 2, 3 और 4
[I.A.S. (Pre) 2014]
उत्तर- (c) केवल 1, 3 और 4
- विकल्प 1, 3 एवं 4 में दिए गए कारण गंगा डॉल्फिन की संख्या में निरंतर गिरावट के मुख्य कारण हैं।
- गैंगेटिक डॉल्फिन उन चार फ्रेशवाटर डॉल्फिन में से एक है, जो पूरे विश्व में पाई जाती हैं।
- यह भारत में गंगा और ब्रह्मपुत्र तथा उससे जुड़ी नदियों में पाई जाती हैं।
- यह ज्यादातर गहरे पानी में और नदियों के मिलान पर पाई जाती हैं।
- यह अपना प्राकृतिकवास मगरमच्छ, फ्रेशवाटर कछुओं और आर्द्रभूमि पक्षियों के साथ साझा करती हैं।
- IUCN ने इन्हें रेड लिस्ट सूची में संकटग्रस्त (Endangered) वर्ग में रखा है।
- ध्यातव्य है कि कई डॉल्फिन संयोग से मछली पकड़ने वाले जाल में फंस जाती हैं। इसे बाई कैच (By Catch) कहते हैं।
- गंगा नदी डॉल्फिन का वैज्ञानिक नाम प्लास्टैनिस्टा गैंगेटिका (Plastanista gangetica) है। यह एक स्तनधारी (Mammal) है।
- वर्ष 1997 में गंगा नदी डॉल्फिन संरक्षण कार्यक्रम आरंभ किया गया था।
- उल्लेखनीय है कि 5 अक्टूबर, 2009 को केंद्र सरकार ने डॉल्फिन को भारत का राष्ट्रीय जलीय जीव (National Aquatic Animal) घोषित किया गया है।
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7. यमुना एक्शन प्लान औपचारिक रूप से प्रारंभ किया गया था-
(a) 1991 में
(b) 1992 में
(c) 1993 में
(d) 1994 में
[U.P.P.C.S. (Mains) 2016]
उत्तर- (c) 1993 में
- गंगा कार्ययोजना प्रथम चरण वर्ष 1985 में आरंभ हुआ था।
- यमुना कार्ययोजना’ (Yamuna Action Plan) तथा ‘गोमती कार्ययोजना’ (Gomati Action Plan) को अप्रैल, 1993 में गंगा कार्ययोजना द्वितीय चरण के तहत अनुमोदित किया गया। यमुना कार्ययोजना (Yamuna Action Plan) का प्रथम चरण अप्रैल, 1993 से वर्ष 2003 तक कार्यान्वित किया गया।
- यमुना कार्ययोजना का द्वितीय चरण दिसंबर, 2004 से प्रारंभ हुआ। ‘नमामि गंगे’ योजना के अंतर्गत 7 मई, 2016 से यमुना एक्शन प्लान III आरंभ हो चुका है।
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8. निम्नलिखित में से कौन-सी ‘राष्ट्रीय गंगा नदी बेसिन प्राधिकरण’ (National Ganga River Basin Authority-NGRBA) की प्रमुख विशेषताएं हैं?
1. नदी बेसिन, योजना एवं प्रबंधन की इकाई है।
2. यह राष्ट्रीय स्तर पर नदी संरक्षण प्रयासों की अगुवाई करता है।
3. NGRBA का अध्यक्ष चक्रानुक्रमिक आधार पर उन राज्यों के मुख्यमंत्रियों में से एक होता है, जिससे होकर गंगा बहती है।
नीचे दिए गए कूट का प्रयोग कर सही उत्तर चुनिए।
(a) केवल 1 और 2
(b) केवल 2 और 3
(c) केवल 1 और 3
(d) 1, 2 और 3
[I.A.S. (Pre) 2016]
उत्तर- (a) केवल 1 और 2
- पर्यावरण (संरक्षण) अधिनियम, 1986 के तहत, राष्ट्रीय गंगा नदी बेसिन प्राधिकरण (National Ganga River Basin Authority) का गठन फरवरी, 2009 में हुआ था।
- इसके अध्यक्ष प्रधानमंत्री होते हैं। उन राज्यों के मुख्यमंत्री जिनसे गंगा होकर बहती है, इस प्राधिकरण के सदस्य होते हैं।
- इस प्राधिकरण का उद्देश्य गंगा नदी के संरक्षण को सुनिश्चित करना है।
- यह राष्ट्रीय स्तर पर नदी संरक्षण प्रयासों की अगुवाई करता है। यह प्राधिकरण गंगा नदी के लिए योजना, वित्त, निगरानी और नियामक के संदर्भ में कार्य करता है।
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9. वर्ष 2009 में भारत में स्वच्छ गंगा के लिए निम्न स्थापित किया गया-
(a) राष्ट्रीय गंगा कमीशन
(b) स्वच्छ गंगा प्राधिकरण
(c) राष्ट्रीय गंगा नदी तलहटी प्राधिकरण
(d) स्वच्छ निर्मल गंगा नदी का राष्ट्रीय मिशन
(e) गंगा सेवा मिशन
[Chhattisgarh, P.C.S. (Pre) 2013]
उत्तर- (c) राष्ट्रीय गंगा नदी तलहटी प्राधिकरण
- स्वच्छ गंगा के लिए 20 फरवरी, 2009 को तत्कालीन प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह की अध्यक्षता में राष्ट्रीय गंगा नदी तलहटी (Basin) प्राधिकरण का गठन किया गया।
- 22 जुलाई, 2016 को गंगा नदी के गाद को हटाने के लिए गाइडलाइन बनाने हेतु माधव चिताले की अध्यक्षता में एक समिति गठित की गई है।
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