1. पोषकीय (सस्टेनेबल) पर्यटन का मुख्य उद्देश्य है-
(a) पर्यटकों की संख्या में वृद्धि
(b) बड़े पैमाने पर पर्यटन और लघु पैमाने पर यात्राओं का प्रबंध करना
(c) सांस्कृतिक अखंडता और पारिस्थितिक प्रक्रियाओं को बनाए रखते हुए पर्यटन और पर्यावरण प्रबंध करना
(d) उपर्युक्त में से कोई नहीं
[U.P.P.C.S. (Pre) 2020]
उत्तर-(c) सांस्कृतिक अखंडता और पारिस्थितिक प्रक्रियाओं को बनाए रखते हुए पर्यटन और पर्यावरण प्रबंध करना
- पोषकीय (Sustainable) पर्यटन का मुख्य उद्देश्य है – सांस्कृतिक अखंडता और पारिस्थितिक प्रक्रियाओं को बनाए रखते हुए पर्यटन एवं पर्यावरण का प्रबंधन करना।
- यूएनडब्ल्यूटीओ (UNWTO) द्वारा पोषकीय पर्यटन हेतु 12 लक्ष्यों को परिभाषित किया गया है, जो निम्न हैं- आर्थिक व्यवहार्यता (Economic Viability), स्थानीय समृद्धि (Local Prosperity), रोजगार की गुणवत्ता (Employment Quality), सामाजिक समानता (Social Equity), आगंतुक पूर्ति (Visitor Fulfilment), स्थानीय नियंत्रण (Local Control), सामुदायिक भलाई (Community Wellbeing), सांस्कृतिक समृद्धि (Cultural Richess), भौतिक अखंडता (Physical Integrity), जैविक विविधता (Biological Diversity), संसाधन दक्षता (Resource Efficiency) तथा पर्यावरणीय शुद्धता (Environmental Purity)|
|
2. नीचे दो कथन दिए गए हैं जिनमें एक को कथन (A) तथा दूसरे को कारण (R) कहा गया है।
कथन (A): सतत विकास मानव समाज के कल्याण हेतु महत्वपूर्ण है।
कारण (R): सतत विकास से अभिप्राय ऐसे विकास से है, जो भावी पीढ़ियों की जरूरतें पूरी करने की योग्यता को प्रभावित किए बिना वर्तमान समय की आवश्यकता पूरी करे।
नीचे दिए कूटों में से सही उत्तर चुनिए –
कूट :
(a) (A) तथा (R) दोनों सही हैं तथा (R) कथन (A) की सही व्याख्या है।
(b) (A) तथा (R) दोनों सही हैं, परंतु (R) कथन (A) की सही व्याख्या नहीं है।
(c) (A) सही है, परंतु (R) गलत है।
(d) (A) गलत है, परंतु (R) सही है।
[U.P.P.C.S. (Pre), 2019]
उत्तर-(a) (A) तथा (R) दोनों सही हैं तथा (R) कथन (A) की सही व्याख्या है।
- वर्ल्ड कमीशन ऑन एनवायरमेंट एंड डेवलपमेंट (WCED) द्वारा वर्ष 1987 में प्रकाशित रिपोर्ट ‘अवर कॉमन फ्यूचर’ (जिसे ब्रेटलैंड रिपोर्ट के नाम से भी जाना जाता है) के अनुसार, सतत विकास से अभिप्राय ऐसे विकास से है, जो भावी पीढ़ियों की जरूरतें पूरी करने की योग्यता को प्रभावित किए बिना वर्तमान समय की आवश्यकता पूरी करे।
- इसका तात्पर्य है कि मानव समाज का सतत भविष्य तभी सुनिश्चित हो सकता है, जबकि आर्थिक गतिविधियों और मानव कल्याण के समर्थन हेतु आवश्यक जैव-भौतिक और सामाजिक-पारिस्थितिकीय परिस्थितियां पीढ़ी-दर-पीढ़ी पोषित या संधृत की जा सकें।
- इस प्रकार प्रश्नगत कथन एवं कारण दोनों सही हैं तथा कारण, कथन की सही व्याख्या है।
|
3. ‘वर्तमान में जनसंख्या के सुखों का परित्याग किए बिना भविष्य के लिए ऊर्जा तथा अन्य संसाधनों की बचत’ निम्न में से कौन-सी अवधारणा की परिभाषा है?
(a) आर्थिक वृद्धि
(b) आर्थिक विकास
(c) सम्पोषणीय विकास
(d) मानव विकास
[U.P.P.C.S. (Pre) 2018]
उत्तर-(c) सम्पोषणीय विकास
- सम्पोषणीय विकास (Sustainable Development) की अवधारणा का प्रारंभ वर्ष 1962 में वैज्ञानिक रचेल कार्सन की पुस्तक ‘साइलेंट स्प्रिंग’ तथा वर्ष 1968 में जीवविज्ञानी पॉल इरलिच की पुस्तक ‘द पापुलेशन बम’ से हुआ।
- लेकिन इस शब्द का वास्तविक रूप से विकास वर्ष 1987 में ‘बुंटलैंड आयोग’ की रिपोर्ट ‘हमारा साझा भविष्य’ (Our Common Future) के साथ हुआ।
- ‘सम्पोषणीय विकास’ संसाधनों के उपयोग का एक आदर्श मॉडल है, जो यह बताता है कि आर्थिक विकास के साथ- साथ पर्यावरण को भी सुरक्षित रखना है।
- इसका उद्देश्य है- ‘वर्तमान और भविष्य की पीढ़ियों के लिए प्राकृतिक संसाधनों को सुरक्षित रखते हुए इसका इस प्रकार प्रयोग किया जाए कि प्राकृतिक संसाधनों का क्षरण न्यूनतम हो सके।
|
4. धारणीय विकास, भावी पीढ़ियों के अपनी आवश्यकताओं को पूरा करने के सामर्थ्य से समझौता किए बगैर, वर्तमान की आवश्यकताओं को पूरा करता है। इस परिप्रेक्ष्य में धारणीय विकास का सिद्धांत निम्नलिखित में से किस एक सिद्धांत के साथ स्वाभाविक रूप से जुड़ा हुआ है?
(a) सामाजिक न्याय एवं सात्तीकरण
(b) समावेशी विक्स
(c) वैश्वीकरण
(d) धारण क्षमता
[LA.S. (Pre) 2010]
उत्तर-(d) धारण क्षमता
- धारण क्षमता या वहन वामता का तात्पर्य किसी विशेष संसाधन द्वारा अपने भीतर जीयों की अधिकतम संख्या को बनाए रखने की बामा से है।
- इसके अंतर्गत वर्तमान की आवश्यकताबों को पारिस्थितिकी तंत्र के तामय से समझौता किए बगैर पूरा किया जाता है।’
|
5. सतत विकास का आधार है
(a) सामाजिक दृष्टिकोण
(b) जार्थिक दृष्टिकोण
(c) पर्यावरणीय दृष्टिकोण
(d) उपर्युक्त में से कोई नहीं
[M. P.P.C.S. (Pre) 2015]
उत्तर-(c) पर्यावरणीय दृष्टिकोण
- सतत विवरस की अवधारणा का प्रारंभ वर्ष 1962 में वैज्ञानिक रर्वत कार्सन की पुस्तक ‘साइलेट स्प्रिंग तथा वर्ष 1968 में जीव विज्ञानी पॉल इरलिय की पुस्तक ‘द पॉपुलेशन बम से हुआ।
- लेकिन इस शब्द का वास्तविक रूप से विकास वर्ष 1987 में कुंटलैंड आयोग की रिपोर्ट ‘हमारा साझा भविष्य’ (Our Commsan Future) के प्रकाशन के साथ हुला।
- सतत विकास संसाधनों के उपयोग का एक जादर्श मॉडल है, जो यह बताता है कि आर्थिक विकास के साथ-साथ पर्यावरण को भी सुरक्षित रखना है।
- इसका उद्देश्य है वर्तमान और भविष्य की पीढ़ियों के लिए प्राकृतिक संसाधनों को सुरक्षित रखते हुए उसका इस प्रकार प्रयोग किया जाए कि माकृतिक संसाधनों का शरण न्यूनतम हो।
|
6. किसी भी देश के संदर्भ में, निम्नलिखित में से किसे उस देश की सामाजिक पूंजी (सोशल कैपिटल) के भाग के रूप में समझा जाएगा?
(a) जनसंख्या में साक्षरों का अनुपात
(b) इसके भवनों, अन्य आधारिक संरचना और मशीनों का स्टॉक
(c) कार्यशील आयु समूह में जनसंख्या का आमाप
(d) समाज में आपसी भरोसे और सामंजस्य का स्तर
[I.A.S. (Pre), 2019]
उत्तर-(d) समाज में आपसी भरोसे और सामंजस्य का स्तर
7. नीमराणा, जो टिकाऊ आर्तिक विकास का मॉडल है, अवस्थित है-
(a) हरियाणा में
(b) पंजाब में
(c) राजस्थान में
(d) उत्तर प्रदेश में
[U.P.P.C.S. (Mains) 2010]
उत्तर- (c) राजस्थान में
- नीमराणा राजस्थान राज्य के अलवर जिले में अवस्थित है।
- यहां पर किए गए लगभग सभी विकास कार्य टिकाऊ आर्थिक विकास के मॉडल पर आधारित हैं।
|
8. निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिए-
एक संकल्पना के रूप में मानव पूंजी निर्माण की बेहतर व्याख्या उस प्रक्रिया के रूप में की जाती है, जिसके द्वारा –
1. किसी देश के व्यक्ति अधिक पूंजी का संचय कर पाते हैं।
2. देश के लोगों के ज्ञान, कौशल स्तरों और क्षमताओं में वृद्धि हो पाती है।
3. गोचर धन का संचय हो पाता है।
4. अगोचर धन का संचय हो पाता है।
उपर्युक्त कथनों में से कौन-सा/से सही है/हैं?
(a) 1 और 2
(b) केवल 2
(c) 2 और 4
(d) 1, 3 और 4
[I.A.S. (Pre) 2018]
उत्तर- (c) 2 और 4
- मानव पूंजी निर्माण का तात्पर्य देश के लोगों में कौशल संवर्धन तथा उनकी समझ एवं क्षमताओं के विस्तार से है।
- किसी देश के लोगों को सामान्य श्रमिक से एक अधिक दक्ष एवं कुशल व्यक्ति के रूप में रूपांतरित करने हेतु उसे शिक्षण एवं प्रशिक्षण प्रदान करने की प्रक्रिया को ही मानव पूंजी निर्माण की प्रक्रिया कहा जाता है।
- मानव पूंजी निर्माण से देश में अगोचर संपत्तियों (ज्ञान, नैतिकता, बौद्धिक संपदा आदि) का संचयन होता है।
- यद्यपि मानव पूंजी निर्माण से गोचर संपत्तियां भी बढ़ती हैं और व्यक्ति अधिक पूंजी का संचय कर पाने में समर्थवान भी हो जाते हैं, परंतु यह मानव पूंजी निर्माण की प्रक्रिया न होकर उसका परिणाम है।
- अतः प्रश्न के संदर्भ में केवल कथन (2) और (4) सही हैं।
|
9. समावेशी संवृद्धि के लिए आवश्यक है-
(a) अधो-संरचनात्मक सुविधाओं का विकास
(b) कृषि का पुनरुद्धार
(c) शिक्षा एवं स्वास्थ्य जैसी सामाजिक सेवाओं की अधिकाधिक उपलब्धता
(d) उपरोक्त सभी
[U.P.P.C.S. (Mains) 2008]
उत्तर-(d) उपरोक्त सभी
- समावेशी विकास का आशय समाज के सभी वर्गों तक संसाधन एवं सुविधाओं की पहुंच से है।
- अतः प्रश्नगत (a), (b) एवं (c) तीनों विकल्प सही हैं।
|
10. निम्न में से किस एक से समावेशित विकास को बढ़ाने की आशा नहीं की जाती है?
(a) राष्ट्रीय आय की ऊंची वृद्धि दर
(b) ग्रामीण विकास
(c) कृषि विकास
(d) कृषकों को पर्याप्त साख
[U.P.U.D.A./L.D.A. (Pre) 2013]
उत्तर- (a) राष्ट्रीय आय की ऊंची वृद्धि दर
- ‘समावेशित विकास’ (Inclusive Growth) समग्रता के साथ विकास की बहुआयामी अवधारणा है।
- इसमें बुनियादी सुविधाओं में सुधार के साथ शिक्षा, स्वास्थ्य और रोजगार के बेहतर अवसरों की उपलब्धता परिलक्षित होती है।
- इसके साथ गरीबी को कम किया जाना इसका प्रमुख आयाम है।
- केवल राष्ट्रीय आय की ऊंची वृद्धि दर से समावेशित विकास के बढ़ने की आशा नहीं की जा सकती।
|
11. मानव पूंजी में बढ़ता हुआ विनियोग अग्रसारित करता है-
(a) संसाधनों का समुचित प्रयोग
(b) उत्पादकता में वृद्धि
(c) कुशलता में विकास
(d) उपरोक्त सभी
[U. P. P. C. S. (Pre) (Re-Exam) 2015]
उत्तर-(d) उपरोक्त सभी
- मानव पूंजी को भी अन्य पूंजी के समान ही माना गया है।
- मानव पूंजी में बढ़ता हुआ विनियोग उत्पादकता में वृद्धि की ओर ले जाएगा।
- जिसका क्रमिक विस्तार निम्नवत है- कुशलता में विकास -> संसाधनों का समुचित प्रयोग -> उत्पादकता में वृद्धि आदि।
|
12. निम्न में से किस आर्थिक सर्वेक्षण में पहली बार ‘धारणीय विकास और जलवायु परिवर्तन’ का नवीन अध्याय जोड़ा गया था?
(a) 2004-05
(b) 2011-12
(c) 2012-13
(d) 2013-14
[U. P. P. C. S. (Pre) (Re-Exam) 2015]
उत्तर-(b) 2011-12
- वर्ष 2011-12 के आर्थिक सर्वेक्षण में पहली बार ‘धारणीय विकास और जलवायु परिवर्तन’ का नवीन अध्याय जोड़ा गया था।
|
13. निम्नलिखित में से कौन-से मूलतः ‘समावेशी शासन’ के अंग कहे जा सकते हैं?
1. गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनियों को बैंकिंग करने की अनुमति प्रदान करना
2. सभी जिलों में प्रभावी जिला योजना समितियां संगठित करना
3. जन-स्वास्थ्य पर सरकारी व्यय में बढ़ोत्तरी करना
4. ‘दोपहर का भोजन’ योजना का सशक्तीकरण करना
निम्नलिखित कूटों के आधार पर सही उत्तर चुनिए :
(a) केवल 1 और 2
(b) केवल 3 और 4
(c) केवल 2, 3 और 4
(d) 1, 2, 3 और 4
[I.A.S. (Pre) 2012]
उत्तर-(c) केवल 2, 3 और 4
- समावेशी शासन से तात्पर्य है कि समाज के सभी वर्गों को समान रूप से शासन के द्वारा प्रदत्त सुविधाएं प्रदान की जाएं।
- सभी जिलों में प्रभावशाली जिला समितियों की स्थापना करना, जन-स्वास्थ्य पर सरकारी व्यय में बढ़ोत्तरी करना तथा मध्याह्न भोजन योजना को सशक्तीकरण प्रदान करना समावेशी शासन के अंग हैं।
- गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनियों को बैंकिंग करने की अनुमति प्रदान करने को समावेशी शासन का भाग नहीं माना जा सकता है।
|
14. सरकार के समावेशित वृद्धि लक्ष्य को आगे ले जाने में निम्नलिखित में से कौन-सा कौन-से कार्य सहायक साबित हो सकते हैं :
1. स्व-सहायता समूहों (सेल्फ हेल्प ग्रुप्स) को प्रोत्साहन देना
2. सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यमों को प्रोत्साहन देना
3. शिक्षा का अधिकार अधिनियम लागू करना
निम्नलिखित कूटों के आधार पर सही उत्तर चुनिए :
कूट :
(a) केवल 1
(b) केवल 1 और 2
(c) केवल 2 और 3
(d) 1, 2 और 3
[I.A.S. (Pre) 2011]
उत्तर-(d) 1, 2 और 3
- समावेशित वृद्धि से तात्पर्य समाज के सभी वर्गों तक सभी संसाधनों के लाभ को समान रूप से पहुंचाने से है, विशेषकर इसका उद्देश्य निचले वर्गों पर विशेष ध्यान देकर समाज के विभिन्न वर्गों के मध्य आर्थिक एवं सामाजिक विषमताओं को कम करना है।
- सरकार के समावेशित वृद्धि लक्ष्य को आगे ले जाने में जहां स्व-सहायता समूहों (SHGs) और सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यमों को प्रोत्साहन देना प्रत्यक्ष रूप में सहायक हो सकते हैं, तो वहीं शिक्षा के अधिकार अधिनियम के लागू होने से वंचित तबकों के बच्चे भी शिक्षा ग्रहण कर समाज की मुख्य धारा में शामिल हो सकेंगे और तदनुसार समावेशित वृद्धि को पोषित करेंगे।
|
15. आर्थिक विकास से संबद्ध जनांकिकीय संक्रमण की निम्नलिखित विशिष्ट अवस्थाओं पर विचार कीजिए:
1. निम्न मृत्यु-दर के साथ निम्न जन्म-दर
2. उच्च मृत्यु-दर के साथ उच्च जन्म-दर
3. निम्न मृत्यु-दर के साथ उच्च जन्म-दर
नीचे दिए गए कूटों की सहायता से उपर्युक्त अवस्थाओं का सही
क्रम चुनिए :
(a) 1, 2, 3
(c) 2, 3, 1
(b) 2, 1, 3
(d) 3, 2, 1
[I.A.S. (Pre) 2012]
उत्तर-(c) 2, 3, 1
- आर्थिक विकास से संबंधित जनांकिकीय संक्रमण की चार चरणीय प्रमुख विशिष्टताएं होती हैं।
- प्रथम चरण में राज्य में विकास की निम्न स्थिति के कारण जन्म दर उच्च होने के साथ मृत्यु दर भी उच्च बनी रहती है, क्योंकि स्वास्थ्य
सेवाओं का अभाव रहता है।
- द्वितीय चरण में विकास कुछ आगे बढ़ता है और स्वास्थ्य सेवाओं में सुधार होता है।
- अतः जन्म दर उच्च होने के साथ मृत्यु दर में कमी आती है।
- तृतीय अवस्था में राज्य जब विकसित हो जाता है, तो शिक्षा, स्वास्थ्य एवं रोजगार में अभूतपूर्व वृद्धि होती है।
- अतः लोग अत्यधिक जनसंख्या के प्रति सचेत हो जाते हैं और घर के साथ-साथ देश के संसाधनों के हिसाब से जनसंख्या बढ़ाते हैं।
- इस प्रकार निम्न जन्म दर के साथ, निम्न मृत्यु दर की अवस्था आती है।
- चौथी अवस्था में जनसंख्या स्थिरता की स्थिति आ जाती है।
|