सूचना प्रौद्योगिकी के तीव्र गति से बढ़ते उपयोग : इसके सकारात्मक और नकारात्मक पहलू

प्रश्न: सूचना प्रौद्योगिकी के तेजी से बढ़ते उपयोग के साथ, आपके अनुसार साइबर जगत में नीतिशास्त्र की क्या भूमिका है?

दृष्टिकोण

  • सूचना प्रौद्योगिकी के तीव्र गति से बढ़ते उपयोग की चर्चा कीजिए और इसके सकारात्मक पहलुओं का उल्लेख कीजिए।
  • सूचना प्रौद्योगिकी के तीव्र गति से बढ़ते उपयोग के नकारात्मक परिणामों का उल्लेख कीजिए। साइबर स्पेस में नीतिशास्त्र की
  • भूमिका पर चर्चा कीजिए। उपयुक्त निष्कर्ष प्रस्तुत कीजिए।

उत्तर

विगत कुछ वर्षों में, सूचना प्रौद्योगिकी (IT) के उपयोग का तीव्र गति से प्रसार हुआ है और इसने मानव जीवन में प्रमुख भूमिका प्राप्त कर ली है। यह प्रत्येक स्तर पर दैनिक जीवन और मानव अस्तित्व के साथ अपरिहार्य रूप से जुड़ी हुई है। यद्यपि, प्रौद्योगिकी अपने साथ रूपान्तरकारी परिवर्तन लेकर आई है, किन्तु साथ ही इसने कई नैतिक मुद्दे भी उठाए हैं और परिणामस्वरूप, निर्णय लेने की प्रक्रिया में नैतिक दुविधाएं उत्पन्न की हैं।

सूचना प्रौद्योगिकी में नीतिशास्त्र की भूमिका के तीन आयाम हो सकते हैं:

  •  सरकार(रों) द्वारा सूचना प्रौद्योगिकी स्पेस के नियमन के लिए कानून बनाने के सन्दर्भ में।
  • ऐसे स्व-विनियमन और मानदंडों के विषय में जानकारी उपलब्ध कराने के सन्दर्भ में, जो सूचना प्रौद्योगिकी कंपनियों द्वारा अपने लिए एवं अपने उपयोगकर्ताओं के लिए निर्धारित किए जाते हैं।
  • सही क्या है इसके बारे में उपयोगकर्ताओं को जानकारी उपलब्ध कराना।

उन क्षेत्रों के कुछ उदाहरण जहां नैतिक और कानूनी शून्यता का दुरुपयोग किया गया है:

  • कई सॉफ्टवेयर कंपनियां अपने उपयोगकर्ताओं की जानकारी के बिना उनकी प्रणालियों में अतिरिक्त सॉफ़्टवेयर प्रविष्ट करा देती हैं और उनसे आवश्यकता से अधिक शुल्क वसूल करती हैं।
  • उपयोगकर्ताओं की गतिविधियों को ट्रैक करने के लिए वेबसाइटों और सॉफ्टवेयरों द्वारा ऐडवेयर्स और ट्रैकर्स प्रविष्ट करा दिए जाते हैं।
  • ट्रैफ़िक प्राप्त करने के लिए भ्रामक सुर्खियों का उपयोग करके उन पर क्लिक करने के लिए प्रलोभन दिया जाता है।
  • उपयोगकर्ताओं के निजी डेटा की बिक्री की जाती है।

ऐसे उदाहरण जहां उपयोगकर्ताओं ने अनैतिक साधनों का सहारा लिया है:

  • सोशल मीडिया की अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता की सुविधा का दुरुपयोग करते हुए, कई उपयोगकर्ता घृणास्पद, नस्लवादी, गलत सामग्री पोस्ट करते हैं।
  • रियल टाइम निगरानी में अक्षमता का दुरूपयोग करते हुए, आतंकी गतिविधियों तक को अंजाम दिया गया और आंतकित करने के लिए उनकी लाइव स्ट्रीमिंग की गई।
  • साइबर अपराध सूचना प्रौद्योगिकी की सहायता से की जा रही अनैतिक और अवैध गतिविधियों का मुद्दा उठाते हैं। इन गतिविधियों में सामाजिक रूप से अपेक्षाकृत निम्न दुष्परिणाम उत्पन्न करने वाले मामलों (जिनमें पायरेसी से लेकर व्यक्ति केंद्रित आर्थिक अपराध सम्मिलित है) के साथ-साथ सामाजिक-राजनीतिक रूप से अधिक दुष्परिणामजनक साइबर आतंक जैसे विभिन्न कृत्य शामिल होते हैं।

ऐसे उदाहरण जहां सरकारों को नैतिक मुद्दों का सामना करना पड़ता है:

  • लोगों और अन्य सरकारों की जासूसी करना।
  • साइबर अपराधों के विरुद्ध संगठनों का सहयोग प्राप्त करना।
  • कानून के माध्यम से अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता पर युक्तियुक्त निबंधन लगाना।

चौथी औद्योगिक क्रांति के आरम्भ के साथ, मानव-जीवन में प्रौद्योगिकी की भूमिका कई गुना बढ़ जाएगी। इसलिए साइबरस्पेस में नीतिशास्त्र का पालन करने की आवश्यकता है:

  • सूचना प्रौद्योगिकी में नीतिशास्त्र महत्वपूर्ण है ,क्योंकि यह विश्वास, उत्तरदायित्व और सत्यनिष्ठा की संस्कृति को प्रोत्साहित करता है।
  • इसने निजता, सूचना की गोपनीयता और कंप्यूटर नेटवर्क तक अनधिकृत पहुंच के मुद्दों के महत्व को सार्वजनिक चर्चा में ला दिया है। नीतिशास्त्र के उपयोग से डेटा का संचयन करने से रोकने हेतु कानूनी ढांचे का निर्माण करने की प्रक्रिया आरम्भ की गई है।
  • सूचना प्रौद्योगिकी के अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर मुक्त प्रवाह के कारण सरकारों के लिए सूचना प्रौद्योगिकी को नियंत्रित / विनियमित करना कठिन हो रहा है, इसलिए कंपनियों को आत्म-नियमन अपनाने की ओर प्रेरित करने पर ध्यान केन्द्रित किया जा रहा है। मानदंडों को निर्धारित करने एवं ‘क्या स्वीकार्य है और क्या नहीं’ को परिभाषित करने का कार्य नीतिशास्त्र के आधार पर किया जाता है। उदाहरण के लिए, ट्विटर अपने दिशा-निर्देशों का उल्लंघन करने वाली सामग्री को हटाने के लिए कृत्रिम बुद्धिमत्ता (AI) का तत्परतापूर्वक उपयोग करता है। हालांकि, इसके संचालन की पद्धति पर पूर्वाग्रह के आरोप हैं। आचारनीति पूर्वाग्रह के साथ कार्य करने के स्थान पर प्रणाली में वस्तुनिष्ठता का समावेश करके इस प्रक्रिया में सुधार कर सकती है। इस तरह की आचार संहिता से साइबर बुलिंग, हैकिंग, साहित्यिक चोरी आदि मामलों पर अंकुश लगाने में सहायता मिलेगी।

इस तरह के मामलों को संगठनों के बीच व्यापक सहमति विकसित करके टाला जा सकता है। उदाहरण के लिए, फेसबुक, ट्विटर, व्हाट्सएप और इंटरनेट एवं मोबाइल एसोसिएशन ऑफ इंडिया द्वारा चुनावी नियम उल्लंघनों की पहचान करने ओर उन्हें रिपोर्ट करने के लिए ‘आम चुनाव में स्वैच्छिक आचार संहिता’ तैयार की गई।

इस प्रकार, ऐसे युग में साइबर स्पेस में आचारनीति महत्वपूर्ण है जहां सूचना प्रौद्योगिकी का उपयोग लोगों के दैनिक जीवन, व्यवसाय चलाने, शासन आदि में प्रवेश कर गया है। सूचना प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में तेजी से हो रही प्रगति तथा डिजिटलीकरण के आयामों के निरंतर विस्तार के कारण भविष्य में इसका महत्व और बढ़ेगा।

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