स्मार्ट पावर : भारत द्वारा अपनी विदेश नीति में अपनाए गए रुख के संदर्भ में इसके महत्व

प्रश्न: यह व्यापक रूप से स्वीकार किया गया है कि स्मार्ट पावर विदेश नीति के अपेक्षित परिणामों को प्राप्त करने का सर्वोत्तम संभव तरीका है। भारत के संदर्भ में इसका परीक्षण कीजिए।

दृष्टिकोण

  • स्मार्ट पावर को संक्षेप में परिभाषित कीजिए।
  • भारत द्वारा अपनी विदेश नीति में अपनाए गए रुख के संदर्भ में इसके महत्व पर चर्चा कीजिए।
  • उल्लेख कीजिए कि कठिनाई उत्पन्न करने वाले पड़ोसियों एवं अन्य परिस्थितियों के लिए भारत की विदेश नीति में स्मार्ट पावर कैसे एक प्रभावी उपाय सिद्ध हो सकती है।
  • उचित निष्कर्ष के साथ उत्तर समाप्त कीजिए।

उत्तर

स्मार्ट पावर से आशय एक एकीकृत राष्ट्रीय रणनीति से है, जो प्रत्येक परिस्थिति की विशिष्ट आवश्यकताओं के अनुरूप उपयुक्त हार्ड एवं सॉफ्ट पावर दोनों का प्रभावपूर्ण और दक्षतापूर्ण तरीके से संयोजन करती है तथा जो किसी विशिष्ट खतरे के उत्पन्न होने की स्थिति में उसके अनुसार समायोजित हो जाती है। राष्ट्रीय शक्ति के विविध स्रोतों का पूर्ण, सक्रिय और नम्य एकीकरण स्मार्ट पावर का सार है। एक संयुक्त हार्ड और सॉफ्ट पावर रणनीति राष्ट्रों को निरंतर परिवर्तित होते अंतर्राष्ट्रीय परिदृश्य में सर्वोत्तम सुरक्षा प्रदान करती है।

निम्नलिखित सन्दर्भो को देखते हुए, भारत के संबंध में स्मार्ट पावर एक आशाजनक विकल्प प्रतीत होती है।

  • भारत के पड़ोसी देश: अपने पड़ोस की सुरक्षा सुनिश्चित करना भारत की विदेश नीति का एक महत्वपूर्ण उद्देश्य रहा है। भारत के समक्ष अनेक चुनौतियां विद्यमान हैं, जिनमें पाकिस्तान जैसे पड़ोसी देशों द्वारा उत्पन्न पारम्परिक सैन्य चुनौतियों से लेकर खुली सीमाओं से होने वाले अवैध प्रवासन के कारण उत्पन्न चुनौतियां सम्मिलित हैं। हाल के दिनों में, चीन के दावे ने भी भारत की भूमिका को चुनौती दी है। वर्तमान में, भारत चीन से इसकी आर्थिक शक्ति के संदर्भ में प्रतिस्पर्धा या पाकिस्तान के साथ युद्ध का प्रयास नहीं कर सकता है। हालांकि, साझा समृद्धि के लिए अपने पड़ोसियों के साथ भूगोल, आर्थिक संवृद्धि और सांस्कृतिक संबंधों के इष्टतम उपयोग के साथ-साथ सैन्य तत्परता, इस क्षेत्र में सार्थक एकीकरण लाने में अत्यधिक सफल हो सकती है।
  • आतंकवाद: आतंकवाद को समाप्त करने के लिए भारत के प्रयास, पाकिस्तान द्वारा नीतिगत तत्वों के रूप में गैर-राज्य अभिकर्ताओं के असममित उपयोग के साथ-साथ अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर सर्वसम्मति की कमी के कारण अत्यधिक चुनौती का सामना कर रहे हैं। टीवी, रेडियो और सिनेमा के माध्यम से पाकिस्तान के सभी घरों में भारत के सांस्कृतिक प्रसारणों द्वारा पाकिस्तान के दुष्प्रचार को निष्फल बनाने के उपायों के साथ सर्जिकल स्ट्राइक जैसे कठोर प्रतिरोधी विकल्पों का समुचित उपयोग दीर्घकालिक रूप से अधिक सफल हो सकता है।
  • समुद्री सुरक्षा: एक ओर, भारत अपनी समुद्री क्षमता को सुदृढ़ बनाने की दिशा में कार्यरत है, दूसरी ओर, यह चीन की वन बेल्ट वन रोड (OBOR) पहल के द्वारा चुनौती का सामना कर रहा है। इस परिदृश्य में प्रोजेक्ट मौसम जैसी पहलों के माध्यम से सांस्कृतिक सहयोग के साथ-साथ मालदीव, मॉरीशस और सेशेल्स इत्यादि जैसे हिंद महासागरीय देशों के साथ सुरक्षा साझेदारी भविष्य के लिए एक अच्छा अवसर हो सकता है।
  • वैश्विक अभिशासन (ग्लोबल गवर्नेस): प्रमुख वैश्विक मंचों में उचित स्थान, उदाहरण के लिए UNSC की स्थायी सदस्यता, के लिए भारत का प्रयास सैन्य क्षमताओं के इष्टतम विकास के साथ-साथ भारत का प्रतिनिधित्व करने वाले मूल्यों के उपयोग पर भी निर्भर करता है। इन मूल्यों में लोकतंत्र और विधि का शासन के साथ-साथ बहुल समाज का सफलतापूर्वक संरक्षण सम्मिलित है।

हालांकि स्मार्ट पावर से सम्बद्ध कई अवधारणाएं विचारों के रूप में अत्यंत सरल दिखाई देती हैं, परन्तु वास्तविक वैश्विक परिस्थितियों में उन्हें लागू करने के प्रयास के दौरान वे अत्यधिक जटिल हो जाती हैं। एक स्मार्ट पावर-आधारित रणनीति का विकास करने के लिए पूर्ण रूप से नई क्षमताओं के विकास और मौजूदा क्षमताओं के प्रभावी समन्वय की आवश्यकता होगी जिससे तेजी से परिवर्तित होते संकटपूर्ण परिदृश्य का सामना किया जा सके। अपने इतिहास, भूगोल, स्थिर राजनीति और आशाजनक आर्थिक संवृद्धि के साथ भारत में अपने सम्भावित परिणाम को प्राप्त करने के लिए सभी तत्व विद्यमान हैं, हालाँकि हमारी आवश्यकताओं के अनुरूप स्मार्ट पावर प्रयुक्त करने के लिए इष्टतम समझ और संस्थागत क्षमता निर्माण की आवश्यकता होगी।

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