संसदीय बजट कार्यालय (पार्लियामेंट्री बजट ऑफिस : PBO) की भूमिका, महत्व

प्रश्न: लोक वित्त की संसदीय संवीक्षा सरकारी जवाबदेही का एक महत्वपूर्ण पहलू है। इस संदर्भ में, बजटीय प्रक्रिया की प्रभावी निगरानी हेतु संसदीय बजट कार्यालय (पार्लियामेंट्री बजट ऑफिस : PBO) की भूमिका, महत्व और उसकी स्थापना में आने वाली चुनौतियों पर चर्चा कीजिए।

दृष्टिकोण

  • लोक वित्त और इसकी प्रभावशीलता की संवीक्षा में संसद की भूमिका का संक्षिप्त वर्णन कीजिए।
  • बजटीय प्रक्रिया की प्रभावी निगरानी में संसदीय बजट कार्यालय (PBO) की भूमिका और महत्व का उल्लेख कीजिए।
  • PBO की स्थापना में आने वाली चुनौतियों पर चर्चा कीजिए।

उत्तर

संसदीय लोकतंत्र में, विधायिका लोक वित्त की संवीक्षा में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है। सांसदों द्वारा बहस, चर्चा और मतदान के माध्यम से, राजकोष से धन के व्यय के संबंध में सरकार की जवाबदेही सुनिश्चित की जाती है। नियंत्रक एवं महालेखापरीक्षक (CAG) जैसे संवैधानिक निकायों और लोक लेखा समिति (PAC) जैसी संसदीय समितियों द्वारा सरकारी व्यय पर कड़ी निगरानी रखी जाती है।

हालांकि, समय, विस्तृत जानकारी और व्यक्तिगत सदस्यों के साथ वित्तीय / आर्थिक मामलों से संबद्ध विशेषज्ञता जैसे संसाधनों की कमी के कारण, उच्च मानकों के प्रति सरकार की जवाबदेही सुनिश्चित करना कठिन हो जाता है। अनेक अवसरों पर यह अनुभव किया गया है कि सरकार द्वारा किया जाने वाला व्यय अपव्ययी अथवा राजनीतिक लाभ हेतु प्रेरित न होने पर भी वह  निष्प्रभावी और निरर्थक रहा है। इस संदर्भ में, सदन और उसकी समितियों को बजट एवं लोक वित्त का तकनीकी और उद्देश्यपरक विश्लेषण प्रदान करने वाले एक स्वतंत्र एवं निष्पक्ष निकाय की आवश्यकता भी अनुभव की गई है।

भूमिका

विशेष रूप से, संसदीय बजट कार्यालय (PBO) की कार्यप्रणाली विभिन्न देशों में अलग-अलग हो सकती हैं। सामान्यतः, इसकी विशेषताएं निम्नलिखित हैं:

  • स्वतंत्र और उद्देश्यपूर्ण आर्थिक पूर्वानुमान;
  • बेसलाइन एस्टीमेट सर्वे; 
  • कार्यपालिका के बजट प्रस्तावों और उनके लागत-लाभों का विश्लेषण; तथा
  • मध्यम से दीर्घकालिक विश्लेषण प्रदान करना। लागत निर्धारण, विभिन्न PBOS के लिए एक मानक अभ्यास है। बजट सामान्यतः

आर्थिक पूर्वानुमान के साथ प्रारंभ होते हैं। एक PBO या तो अपना स्वतंत्र पूर्वानुमान प्रस्तुत कर सकता है अथवा सरकार के पूर्वानुमान पर एक वस्तुनिष्ठ विश्लेषण के माध्यम से सरकार के अनुमानों को वैधता प्रदान कर सकता है। एक PBO अनुसंधान अनुभागों अथवा वित्त समितियों या लोक लेखा समिति (PAC) से अत्यधिक भिन्न है। यह बजट विश्लेषकों, अर्थशास्त्रियों, लोक वित्त विशेषज्ञों जैसे स्वतंत्र और विशेषज्ञ कर्मचारियों से युक्त होती है। इसके अतिरिक्त, इसे गैर-पक्षपातपूर्ण, स्वतंत्र होने के साथ ट्रेजरी बेंच और विपक्ष सहित सभी सांसदों के लिए कार्य करने हेतु अधिदेशित होना चाहिए।

महत्व

PBOS उच्च गुणवत्ता परक विश्लेषण युक्त तथा कार्यपालिका से स्वतंत्र विधि निर्माता उपलब्ध कराते हैं। ये पूर्ण बजट प्रक्रिया, सरकार के समक्ष व्यापक वित्तीय चुनौतियों, बजटीय ट्रेड-ऑफ और विधायी प्रस्तावों के वित्तीय निहितार्थों पर उद्देश्य और नीति आधारित निष्पक्ष विश्लेषण के विशेषज्ञ होते हैं। इस तरह के अनुसंधान संसद में परिचर्चा और संवीक्षा की गुणवत्ता बढ़ाते हैं, साथ ही साथ राजकोषीय अनुशासन में भी वृद्धि करते हैं। सर्वाधिक महत्वपूर्ण है कि यह वित्तीय निगरानी संसद की भूमिका में वृद्धि करती है।

चुनौतियां

PBO की स्थापना करने वाले किसी भी देश को मुख्य रूप से निम्नलिखित तीन चुनौतियों का सामना करना पड़ता हैं:

स्वतंत्रता की गारंटी प्रदान करना एवं दीर्घावधि में कार्यालय की व्यवहार्यता, सही अर्थ में स्वतंत्र विश्लेषण करने की क्षमता और प्रदर्शित प्रभाव। हालांकि, राजनीतिक इच्छाशक्ति और जनता का समर्थन इन चुनौतियों का समाधान करने में सहायक होगा। पुनः यह भी ध्यान रखना महत्वपूर्ण होगा कि एक PBO केवल स्वतंत्र अनुसंधान प्रदान कर सकता है; यह कार्यकारिणी को अक्षम वित्तीय निर्णयन से प्रतिबंधित नहीं कर सकता है।

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