उत्तर प्रदेश के ग्रामीण विकास में विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी की भूमिका की चर्चा करें।
उत्तर की संरचनाः
भूमिका:
- संक्षेप में ग्रामीण विकास के महत्व के संदर्भ में भूमिका लिखें।
मुख्य भाग:
- उत्तर प्रदेश के ग्रामीण विकास यथा- अवसंरचना विकास, सामाजिक एवं आर्थिक विकास में विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी जैसे- सूचना एवं संचार, नैनो प्रौद्योगिकी, जैव प्रौद्योगिकी एवं अंतरिक्ष प्रौद्योगिकी की भूमका का उदाहरण सहित उल्लेख करें।
- विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी के प्रयोग से संबंधित चुनौतियों को बताएं।
निष्कर्ष:
- दैनिक जीवन को आसान बनाने तथा न्याय संगत समाज के निर्माण के संदर्भ में निष्कर्ष दें।
उत्तर
भूमिकाः
उल्लेखनीय है कि उत्तर प्रदेश की कल जनसंख्या का लगभग 80% हिस्सा गाँवों में निवास करता है। जो अल्प विकास एवं गरीबी, बेरोजगारी तथा विभिन्न सामाजिक विषमताओं (जैसे- लैंगिक एवं जातीय इत्यादि) की समस्या से ग्रसित है। अतः इतनी बड़ी आबादी की जरूरतों को पूरा करने तथा विद्यमान समस्याओं के समाधान में अंतरिक्ष, सूचना एवं संचार तथा जैव प्रौद्योगिकी की भूमिका अत्यंत महत्वपूर्ण होगी।
मुख्य भाग:
ग्रामीण विकास का अर्थ गाँवों में आधारभूत संरचनाओं के विकास के साथ-साथ लोगों के सामाजिक-आर्थिक स्थिति में सुधार करना है। विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी के विभिन्न क्षेत्रों का ग्रामीण विकास में प्रयोग-
अंतरिक्ष प्रौद्योगिकी-
- प्राकृतिक संसाधनों का निरीक्षण, मौसम की भविष्यवाणी के साथ आधारभूत संरचनाओं के रियल टाइम मॉनिटरिंग में अंतरिक्ष प्रौद्योगिकी का व्यापक प्रयोग होता है।
- जियो-टैगिंग के जरिए निर्माण परियोजनाओं की स्थिति की नियत समय पर जानकारी प्राप्त होती है। यह जीपीएस पर आधारित होता है।
- इसी प्रकार भुवन मनरेगा’ जीपीएस पर आधारित है जो मनरेगा के संबंध में समस्त जानकारी को रियल टाइम में उपलब्ध कराता है।
सूचना एवं संचार प्रौद्योगिकी-
- टेलीविजन, इंटरनेट, सोशल मीडिया (फेसबुक, ट्विटर, इंस्टाग्राम) आदि ने सूचनाओं के तीव्र प्रसार को बल प्रदान किया है।
- इससे ग्रामीण क्षेत्रों के गरीब, कमजोर, वंचित समूहों तथा महिलाओं से संबंधित मुद्दों को नवीन आयाम प्राप्त हो रहा है।
- किसान टीवी, मृदा स्वास्थ्य कार्ड आदि ने खेती के तरीकों में सुधार को महत्व दे रहा है।
- टेली शिक्षा जैसी तकनीक दूर-दराज के गाँवों को भारत की बेहतर शिक्षा प्रणाली से जोड़ रहा है।
- टेली चिकित्सा संचार आधारित यह तकनीक सामुदायिक स्वास्थ्य सेवा को मजबूती प्रदान कर रहा है।
जैव प्रौद्योगिकी-
- जैव उर्वरक एवं जैव कीटनाशकों के प्रयोग से पर्यावरण अनुकुल कृषि को महत्व प्रदान किया। इसके साथ उन्नत बीजों के विकास एवं खाद्य प्रसंस्करण के विकास में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है।
- जैव ईधन तथा जैव ऊर्जा का विकास कर गाँवों की ऊर्जा आवश्यकताओं को पूरा करने में योगदान कर रहा है।
- इसके अतिरिक्त कम्प्यूटर, मोबाइल जैसे आविष्कारों ने गाँवों को दुनिया के सर्वोत्तम ज्ञानकोश से जोड़ने का कार्य कर रहा है।
चुनौतियाँ-
- लोगों में विज्ञान एवं तकनीकी शिक्षा के प्रति जागरूकता का अभाव है तथा उत्तर प्रदेश में साक्षारता का दर भी निम्न है। साथ ही शैक्षिक क्षेत्र में लैंगिक एवं जातीय-धार्मिक भिन्नता भी विद्यमान है।
- निम्न आय होने के कारण लोगों की मोबाइल एवं कम्प्यूटर तक पहुँच कठिन है।
- सुदूर ग्रामीण क्षेत्रों में इंटरनेट की अनुपलब्धता एक बड़ी समस्या है।
निष्कर्षः
कौशल विकास मिशन एवं डिजिटल भारत मिशन जैसे कार्यक्रमों ने डिजिटल साक्षरता में वद्धि की है। सम्पर्ण भरत को ब्रॉडबैण्ड कनेक्टिवटी प्रदान करने के लिए भारतनेट परियोजना चलायी गयी है। इन कार्यक्रमों की सफलता से तकनीकी गतिशीलता में वृद्धि होगी और ग्रामीण विकास को तीव्रता प्राप्त होगी।