भारत में रेलवे की शुरुआत की संक्षिप्त व्याख्या : अंग्रेज़ों के साम्राज्यवादी, औपनिवेशिक एवं सामरिक उद्देश्यों की पूर्ति
प्रश्न: रेलवे प्रणाली को भारत के आधुनिकीकरण के लिए नहीं, अपितु अंग्रेज़ों के साम्राज्यवादी, औपनिवेशिक एवं सामरिक उद्देश्यों की पूर्ति करने हेतु निर्मित किया गया था। परीक्षण कीजिए।
दृष्टिकोण
- भारत में रेलवे की शुरुआत की संक्षिप्त व्याख्या कीजिए।
- चर्चा कीजिए कि क्या रेलवे का उद्देश्य केवल अंग्रेज़ों के हितों की पूर्ति करना था और किसी भी प्रकार का आधुनिकीकरण इस सुविचारित नीति का परिणाम न होकर, आकस्मिक था।
उत्तर
भारत में रेलवे निर्माण का विचार 1831-32 में प्रस्तुत किया गया था। परन्तु प्रथम रेल 1853 में मुंबई और ठाणे के मध्य प्रारंभ की गयी थी। इसने देश के आधुनिकीकरण की दिशा में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। हालांकि, यह ब्रिटिश हितों की पूर्ति के सीमित उद्देश्यों के साथ आरंभ की गयी थी।
रेलवे निर्माण के निम्नलिखित उद्देश्य थे:
- औद्योगिक क्रान्ति के परिणामस्वरूप ब्रिटेन की उत्पादन क्षमता में अत्यधिक वृद्धि हुई थी। रेलवे के माध्यम से दूरस्थ क्षेत्रों से कच्चे माल, विशेषकर कपास की खरीद करना सरल हो गया।
- अंग्रेज़ अपने तैयार माल के लिए बाजारों का विस्तार करना चाहते थे, इस माल को रेलवे द्वारा सस्ती कीमतों पर इन बाजारों तक पहुँचाया जा सकता था।
- उपरोक्त दो कारकों के कारण स्थानीय उद्योग नष्ट हो गए थे, उदाहरण के लिए, हथकरघा उद्योग, जो पहले से ही उच्च करों एवं शुल्कों के कारण समस्याग्रस्त था।
- इसप्रकार, रेलवे को भारत की औद्योगिक आवश्यकताओं के साथ समन्वित नहीं किया गया था और इसके परिणामस्वरूप रेलवे के कारण भारत में औद्योगिक क्रांति के स्थान पर वाणिज्यिक क्रांति हुई।
- यह अंग्रेज़ों के पास उपलब्ध अधिशेष पूँजी को निवेश करने का एक मार्ग था, जिसके लिये उन्हें एक न्यूनतम गारंटीकृत रिटर्न प्रदान किया जाता था। इस रिटर्न के स्रोत ब्रिटिश न होकर पूर्णतया भारतीयों से अर्जित कर थे। इसके अतिरिक्त, रेलवे निर्माण के कारण इस्पात एवं मशीन उद्योग को प्राप्त हुए प्रोत्साहन का लाभ, भारतीयों की अपेक्षा अंग्रेज़ों को मिला।
- आंतरिक विद्रोह और बाह्य आक्रमण की स्थिति में साम्राज्य की रक्षा हेतु सैन्य दलों की त्वरित आवाजाही में सहायता करने के उद्देश्य से रेलवे का विकास किया गया। इस प्रकार रेलवे ने अंग्रेजों की साम्राज्यवादी महत्वाकांक्षाओं को बढ़ावा दिया।
- टेलीग्राफ जैसे संचार के अन्य माध्यमों के साथ-साथ रेलवे ने ब्रिटिश प्रशासनिक नियंत्रण को सुदृढ़ करने का प्रयास किया।
हालांकि, इसके कुछ अनभिप्रेत परन्तु सकारात्मक परिणाम भी प्राप्त हुए:
- इससे विभिन्न क्षेत्रों और ग्रामीण आंतरिक क्षेत्रों के लोग एक-दूसरे के संपर्क में आए।
- इस प्रकार लोगों में एकता की भावना और एक राष्ट्रीय चेतना जाग्रत हुई। इसने लोगों की गतिशीलता में वृद्धि के साथ-साथ राजनीतिक नेतृत्व की पहुँच को भी बढ़ाया, जिसके परिणामस्वरूप जन सामान्य में उदारवादी आधुनिक मूल्यों का प्रसार हुआ।
- इसके माध्यम से भारतीय व्यापारियों और उद्योगपतियों को व्यावसायिक गतिविधियों के विस्तार में सहायता प्राप्त हुई।
- इसने भारतीयों के लिए रोजगारों का सृजन किया।
- इसने नए क्षेत्रों को राजनीतिक और वाणिज्यिक गतिविधियों की मुख्यधारा में सम्मिलित किया और उनके आधुनिकीकरण में सहायता प्रदान की।
अतः, रेलवे संकीर्ण उद्देश्य के साथ आरंभ होने के बावजूद भारतीयों के लिए अप्रत्यक्ष रूप से वरदान सिद्ध हुआ।
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