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ओजोन परत
1. सूर्य के प्रकाश से पराबैंगनी विकिरण अभिक्रिया निम्न में से क्या पैदा करती है?
(a) कार्बन मोनोऑक्साइड
(b) सल्फर डाइऑक्साइड
(c) ओजोन
(d) फ्लोराइड्स
[U.P.P.C.S. (Pre), 2018]
उत्तर- (c) ओजोन
- समतापमंडल (Stratosphere) में ओजोन का निर्माण मुख्यतः पराबैंगनी विकिरण (Ultraviolet Radiation) द्वारा होता है।
- यह संपूर्ण क्रिया दो चरणों में संपन्न होती है।
- पहले चरण के अंतर्गत सूर्य के प्रकाश में उपस्थित उच्च ऊर्जा युक्त किरणें ऑक्सीजन अणु (O) पर प्रहार कर उसे दो परमाणुओं में तोड़ती हैं।
- दूसरे चरण में प्रत्येक ऑक्सीजन परमाणु, ऑक्सीजन अणु से क्रिया करके ओजोन (O) का निर्माण करता है।
- यह क्रिया निरंतर तब तक चलती रहती है, जब तक समतापमंडल में पराबैंगनी किरणें उपस्थित रहती हैं।
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2. वायुमंडल में उपस्थित ओजोन द्वारा निम्नलिखित विकिरण अवशोषित किया जाता है-
(a) अवरक्त
(b) दृश्य
(c) पराबैंगनी
(d) सूक्ष्म तरंगें
[U.P.P.C.S. (Pre) 2013]
उत्तर- (c) पराबैंगनी
- ओजोन (O) ऑक्सीजन के तीन परमाणुओं से मिलकर बनने वाली एक गैस है, जो वायुमंडल में बहुत कम मात्रा में पाई जाती है।
- जमीन की सतह के ऊपर अर्थात निचले वायुमंडल में यह एक खतरनाक दूषक है, जबकि ऊपरी वायुमंडल में ओजोन परत के रूप में यह सूर्य के पराबैंगनी विकिरण या अल्ट्रावायलेट किरणों से पृथ्वी पर जीवन को बचाती है।
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3. ओज़ोन बायोस्फीयर को बचाती है-
(a) इंफ्रा रेड किरणों से
(b) अल्ट्रावायलेट किरणों से
(c) एक्स-किरणों से
(d) गामा-किरणों से
[U.P.P.C.S. (Pre) 2014]
उत्तर- (b) अल्ट्रावायलेट किरणों से
- यह सूर्य के पराबैंगनी विकिरण या अल्ट्रावायलेट किरणों से पृथ्वी पर जीवन को बचाती है।
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4. निम्नलिखित युग्मों में कौन सही सुमेलित नहीं है?
(a) रेनेटिंग – पनीर
(b) जैव-प्रौद्योगिकी – प्लास्मिड्स
(c) गोल्डेन चावल – विटामिन A
(d) ओजोन परत – ट्रोपोस्फीयर
[U.P.P.C.S. (Pre), 2018]
उत्तर- (d) ओजोन परत ट्रोपोस्फीयर
- ओजोन परत मुख्यतः स्ट्रेटोस्फीयर (समतापमंडल) के निचले हिस्से में पृथ्वी से लगभग 10-50 किमी. की ऊंचाई पर अवस्थित रहती है।
- स्पष्ट है कि युग्म (d) सही सुमेलित नहीं है।
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5. ओजोन परत मुख्यतः जहां अवस्थित रहती है, वह है-
(a) ट्रोपोस्फीयर
(b) स्ट्रेटोस्फीयर
(c) मेसोस्फीयर
(d) आयनोस्फीयर
[U.P.P.C.S. (Pre) (Spl.) 2008]
उत्तर- (b) स्ट्रेटोस्फीयर
- ओजोन परत मुख्यतः स्ट्रेटोस्फीयर (समतापमंडल) के निचले हिस्से में पृथ्वी से लगभग 10 से 50 किमी. की ऊंचाई पर अवस्थित रहती है, परंतु परत के रूप में इसका सर्वाधिक संकेंद्रण 15 से 30 किमी. के मध्य ही पाया जाता है।
- इसका 10 प्रतिशत ट्रोपोस्फीयर (क्षोभमंडल) तथा 90 प्रतिशत स्ट्रेटोस्फीयर (समतापमंडल) में पाया जाता है।
- यह परत सूर्य की हानिकारक पराबैंगनी (Ultraviolet) किरणों को पृथ्वी पर आने से रोकती है।
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6. निम्न में से किसमें ओजोन की सर्वाधिक सांद्रता मिलती है?
(a) ट्रोपोस्फीयर में
(b) मेसोस्फीयर में
(c) स्ट्रेटोस्फीयर में
(d) इक्सोस्फीयर में
[U.P.P.C.S. (Pre), 2018]
उत्तर- (c) स्ट्रेटोस्फीयर में
- वायुमंडल की सबसे निचली परत को क्षोममंडल या ट्रोपोस्फीयर कहा जाता है।
- इसके ऊपर क्रमशः स्ट्रेटोस्फीयर (समतापमंडल), मेसोस्फीयर (मध्यमंडल) तथा एक्सोस्फीयर (बहिर्मंडल) आते हैं।
- ओजोन की सर्वाधिक सांद्रता स्ट्रेटोस्फीयर (समतापमंडल) में मिलती है।
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7. ओजोन परत पृथ्वी से करीब ऊंचाई पर है-
(a) 50 किलोमीटर
(b) 300 किलोमीटर
(c) 2000 किलोमीटर
(d) 20 किलोमीटर
[R.A.S./R.T.S. (Pre) 2012]
उत्तर- (d) 20 किलोमीटर
- ओजोन परत का मुख्य भाग समतापमंडल में मुख्यतः पृथ्वी की सतह से 15 से 30 किमी. की ऊंचाई के मध्य पाया जाता है।
- पृथ्वी के ऊपर इसकी सघनता मौसम एवं अन्य भौगोलिक कारकों पर निर्भर करती है।
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8. वायुमंडल की सबसे निचली परत कौन-सी है?
(a) समतापमंडल
(b) ओजोन मंडल
(c) आयनमंडल
(d) क्षोभमंडल
[Uttarakhand P.C.S. (Pre) 2016]
उत्तर- (d) क्षोभमंडल
- वायुमंडल की सबसे निचली परत को क्षोभमंडल (Troposphere) कहा जाता है।
- इसकी ऊंचाई विषुवत रेखा पर 18 से 20 किमी. होती है, जबकि ध्रुवों पर अपेक्षाकृत कम होती है।
- इसके ऊपर क्रमशः समतापमंडल, मध्यमंडल, तापमंडल और बहिमंडल आते हैं।
- मौसम की प्रायः सभी घटनाएं जिनमें बादल, ओला, कुहरा, तुषार, मेघ गर्जन, आंधी, तूफान आदि सम्मिलित हैं, क्षोभमंडल में घटित होती है।
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9. समतापमंडल में ओजोन के स्तर को प्राकृतिक रूप से विनियमित किया जाता है-
(a) नाइट्रस ऑक्साइड द्वार
(b) नाइट्रोजन डाइऑक्साइड द्वारा
(c) सी.एफ.सी. द्वारा
(d) जलवाष्प द्वारा
[U.P.P.C.S. (Mains) 2016]
उत्तर- (b) नाइट्रोजन डाइऑक्साइड द्वारा
- समतापमंडल में ओजोन के स्तर को प्राकृतिक रूप से नाइट्रोजन डाइऑक्साइड द्वारा विनियमित किया जाता है।
- ओजोन परत की मोटाई मौसम के हिसाब से बदलती रहती है।
- बसंत ऋतु में इसकी मोटाई सबसे ज्यादा होती है तथा वर्षा ऋतु में सबसे कम रहती है।
- ध्यातव्य है, कि ओजोन परत को डॉबसन इकाई (Dobson Unit-DU) में मापा जाता है।
- डॉबसन यूनिट 0°C तथा 1 atm दाब पर, शुद्ध ओजोन की 0.01 मिमी. की मोटाई के बराबर होती है।
- सामान्य तापमान और दबाव की स्थिति में ओजोन परत की मोटाई समतापमंडल में 2 से 5 मिमी. होती है और इसकी सांद्रता मौसम, दिन के घंटे और स्थान के आधार पर भिन्न होती है।
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ओजोन परत क्षरण
1. इनमें से कौन क्लोरोफ्लोरोकार्बन के लिए सत्य नहीं है?
(a) यह प्रशीतकों के रूप में प्रयोग में लाई जाती है।
(b) यह ‘ग्रीन हाउस’ प्रभाव में योगदान नहीं देती है।
(c) यह समतापमंडल में ओजोन घटाने में उत्तरदायी है।
(d) यह निचले वायुमंडल में अक्रियाशील है।
[U.P. Lower Sub. (Pre) 2004]
उत्तर- (b) यह ‘ग्रीन हाउस’ प्रभाव में योगदान नहीं देती है।
- जलवाष्प और कार्बन डाइऑक्साइड दो प्रमुख ग्रीन हाउस गैसें हैं।
- अन्य ग्रीन हाउस गैसों में मीथेन, ओजोन, क्लोरोफ्लोरोकार्बन (CFC) और नाइट्रस ऑक्साइड शामिल हैं।
- CFC क्लोरीन, फ्लोरीन एवं कार्बन के मानव निर्मित यौगिक हैं।
- यह रसायन ग्रीन हाउस प्रभाव में योगदान देने के साथ-साथ ओजोन परत की ओजोन गैस से अभिक्रिया करके ओजोन को ऑक्सीजन के रूप में विघटित कर देता है, जिससे ओजोन परत का क्षरण होता है।
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2. ओजोन छिद्र का कारण है-
(a) एसीटिलीन
(b) एथिलीन
(c) क्लोरोफ्लोरोकार्बन
(d) मीथेन
[M.P. P.C.S. (Pre) 2016]
उत्तर- (c) क्लोरोफ्लोरोकार्बन
- क्लोरोफ्लोरोकार्बन, क्लोरीन, फ्लोरीन एवं कार्बन से बना मानव निर्मित गैसीय व द्रवीय पदार्थ है, जो कि रेफ्रिजरेटर तथा वातानुकूलित यंत्रों में शीतकारक के रूप में प्रयोग किया जाता है।
- वायुमंडल में उपस्थित ओजोन के क्षरण का क्लोरोफ्लोरोकार्बन एक प्रमुख कारण है।
- वायुमंडल के ध्रुवीय भागों में ओजोन का निर्माण धीमी गति से होता है।
- अतः ओजोन के क्षरण का प्रभाव सर्वाधिक ध्रुवों के ऊपर परिलक्षित होता है।
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3. निम्नलिखित में से कौन-सा एक ओजोन परत की क्षीणता के लिए उत्तरदायी नहीं है?
(a) प्रशीतकों में प्रयुक्त होने वाला CFC-12
(b) विलायक के रूप में प्रयुक्त मेथिल क्लोरोफार्म
(c) अग्निशमन में प्रयुक्त हैलोन 1211
(d) नाइट्रस ऑक्साइड
[U.P.P.C.S. (Pre) 2002, U.P. Lower Sub. (Pre) 2002]
उत्तर- (b) विलायक के रूप में प्रयुक्त मेथिल क्लोरोफार्म
- वायुमंडल में विद्यमान ओजोन परत सूर्य से आने वाली हानिकारक पराबैंगनी किरणों को रोकने का कार्य करती है।
- इससे पृथ्वी पर जीवन की सुरक्षा होती है।
- ओजोन परत की क्षीणता के लिए उत्तरदायी गैसें हैं –
- सीएफसी, हैलोजन्स
- नाइट्रस ऑक्साइड
- ट्राइक्लोरोएथिलीन
- हैलोन-1211, 1301, इत्यादि
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4. निम्न ग्रीन हाउस गैसों में से ऐसी कौन है, जिसके द्वारा ट्रोपोस्फीयर में ओजोन प्रदूषण नहीं होता है?
(a) मीथेन
(b) कार्बन मोनोऑक्साइड
(c) नत्रजन ऑक्साइड (NO)
(d) जलवाष्प
[U.P.P.C.S. (Pre) 2008]
उत्तर- (b) कार्बन मोनोऑक्साइड
- ट्रोपोस्फीयर में ओजोन प्रदूषण के लिए उत्तरदायी ग्रीन हाउस गैसें हैं –
- जलवाष्प
- कार्बन डाइऑक्साइड
- मीथेन
- ओजोन
- नाइट्रस ऑक्साइड
- क्लोरोफ्लोरोकार्बन
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5. ओजोन छिद्र का निर्माण सर्वाधिक है-
(a) भारत के ऊपर
(b) अफ्रीका के ऊपर
(c) अंटार्कटिका के ऊपर
(d) यूरोप के ऊपर
[M.P.P.C.S. (Pre) 2008]
उत्तर- (c) अंटार्कटिका के ऊपर
- ओजोन छिद्र का सर्वाधिक निर्माण अंटार्कटिका (दक्षिणी ध्रुव में) के ऊपर पाया गया है।
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6. निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिए। क्लोरोफ्लोरोकार्बन, जो ओज़ोन ह्रासक पदार्थों के रूप में चर्चित हैं, उनका प्रयोग
1. सुघट्य फोम के निर्माण में होता है।
2. ट्यूबलेस टायरों के निर्माण में होता है।
3. कुछ विशिष्ट इलेक्ट्रॉनिक अवयवों की सफाई करने में होता है।
4. ऐरोसॉल कैन में दाबकारी एजेंट के रूप में होता है।
उपर्युक्त में से कौन-सा/से कथन सही है/हैं?
(a) केवल 1, 2 और 3
(b) केवल 4
(c) केवल 1, 3 और 4
(d) 1, 2, 3 और 4
[I.A.S. (Pre) 2012]
उत्तर- (c) केवल 1, 3 और 4
- 1960 के दशक से रेफ्रिजरेटरों, एयरकंडीशनरों, स्प्रे केस, विलायकों, फोम के निर्माण, दाबीकृत प्रसाधनों, उद्योगों में सूक्ष्म मार्जन कार्यों, इलेक्ट्रॉनिक अवयवों की सफाई करने एवं अन्य अनुप्रयोगों में क्लोरोफ्लोरोकार्बन का उपयोग बढ़ता जा रहा है।
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7. अंटार्कटिक क्षेत्र में ओजोन छिद्र का बनना चिंता का विषय है। इस छिद्र के बनने का संभावित कारण क्या है?
(a) विशिष्ट क्षोममंडलीय विक्षोभ की उपस्थिति तथा क्लोरोफ्लोरोकार्बनों का अंतर्वाह
(b) विशिष्ट ध्रुवीय वाताग्र तथा समतापमंडलीय बादलों की उपस्थिति तथा क्लोरोफ्लोरोकार्बनों का अंतर्वाह
(c) ध्रुवीय वातान तथा समतापमंडलीय बादलों की अनुपस्थिति तथा मीथेन और क्लोरोफ्लोरोकार्बनों का अंतर्वाह
(d) वैश्विक तापन से ध्रुवीय प्रदेश में हुई तापमान वृद्धि
[I.A.S. (Pre) 2011]
उत्तर- (b) विशिष्ट ध्रुवीय वाताग्र तथा समतापमंडलीय बादलों की उपस्थिति तथा क्लोरोफ्लोरोकार्बनों का अंतर्वाह
- ध्रुवीय समतापमंडलीय बादलों में उपस्थित नाइट्रिक अम्ल, क्लोरोफ्लोरोकार्बनों से अभिक्रिया कर क्लोरीन का निर्माण करता है, जो कि ओजोन परत के प्रकाश-रासायनिक विनाश के लिए उत्तरदायी है।
- चूंकि ध्रुवीय समतापमंडलीय बादल ऐसा माध्यम है, जहां क्लोरीन यौगिक ओजोन परत का विनाश करने वाले क्लोरीन कणों में परिवर्तित हो जाते हैं, अतः ओजोन परत में छिद्र का निर्माण करने में इनकी उपस्थिति आवश्यक है।
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8. फ्रिजों में कौन-सी गैस भरी जाती है?
(a) अमोनिया
(b) मेफ्रोन
(c) मीथेन
(d) एसीटिलीन
[Uttarakhand P.C.S. (Pre) 2010]
उत्तर- (b) मेफ्रोन
- फ्रिजों में प्रशीतक के रूप में भरी जाने वाली गैसों का विपणन सामान्यतः ‘मेफ्रोन’ ब्रांड नाम के तहत किया जाता है।
- ये सामान्यतः हैलोनिक हाइड्रोकार्बन (Dichlorodifluoromethane, HCFC आदि) होते हैं।
- हालांकि अमोनिया भी प्रशीतक के रूप में बड़े संयंत्रों में प्रयुक्त होती है, परंतु प्रश्न के संदर्भ में उचित उत्तर विकल्प (b) ही होगा।
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ओजोन परत संरक्षण के उपाय
1. निम्नलिखित पदार्थों में से कौन-से ओज़ोन रिक्तिकारक हैं?
1. क्लोरोफ्लोरोकार्बन
2. हैलोन्स
3. कार्बन टेट्राक्लोराइड
नीचे दिए कूट से सही उत्तर चुनिए।
कूट :
(a) केवल 1
(b) केवल 1 एवं 2
(c) केवल 2 एवं 3
(d) 1, 2 और 3
[U.P.P.C.S. (Pre) 2012]
उत्तर- (d) 1, 2 और 3
- क्लोरोफ्लोरोकार्बन, हैलोन्स तथा कार्बन टेट्राक्लोराइड तीनों ही पदार्थ ओजोन रिक्तिकारक हैं।
- मॉन्ट्रियल प्रोटोकॉल के अनुसार, सीएफसी, हैलोन्स तथा अन्य ओजोन रिक्तिकरण रसायनों जैसे कार्बन टेट्राक्लोराइड के उत्पादन पर रोक लगाई गई है।
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2. निम्न में से किसने तिब्बत पठार के ऊपर वर्ष 2005 में ‘ओज़ोन आभामंडल’ (ओजोन हैलो) का पता लगाया था?
(a) एम. मोलिना
(b) जोसेफ फरमन
(c) जी.डब्ल्यू. केंट मूर
(d) मार्कस रेक्स
[U.P.P.C.S. (Mains) 2013]
उत्तर- (c) जी.डब्ल्यू. केंट मूर
- टोरंटो विश्वविद्यालय के वैज्ञानिक जी.डब्ल्यू. केंट मूर के नेतृत्व में अनुसंधानकर्ताओं ने वर्ष 2005 में तिब्बत पठार के ऊपर ओज़ोन हैलो (ओजोन आभामंडल) का पता लगाया था।
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3. मॉन्ट्रियल प्रोटोकॉल निम्न में से किसके रक्षण से संबंधित है?
(a) हरित गृह गैसें
(b) अम्लीय वर्षा
(c) ओजोन परत
(d) संकटग्रस्त प्रजाति
[Uttarakhand P.C.S. (Pre) 2010]
उत्तर- (c) ओजोन परत
- मॉन्ट्रियल प्रोटोकॉल पृथ्वी की ओजोन परत के संरक्षण से संबंधित है।
- यह वियना संधि का एक प्रोटोकॉल है, जिसका उद्देश्य ओजोन परत का क्षरण करने वाले पदार्थों (क्लोरोफ्लोरोकार्बन आदि) को प्रयोग से हटाना है।
- यह प्रोटोकॉल 1 जनवरी, 1989 से प्रभावी हुआ था।
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4. निम्नलिखित में से कौन-सा युग्म सही सुमेलित नहीं है?
(a) प्रथम विश्व जलवायु सम्मेलन – 1979
(b) प्रथम पृथ्वी शिखर सम्मेलन- एजेंडा 21
(c) पृथ्वी शिखर सम्मेलन + 5-1997
(d) कार्बन व्यापार- मॉन्ट्रियल प्रोटोकॉल
[M.P.P.C.S. (Pre) 2017]
उत्तर- (d) कार्बन व्यापार- मॉन्ट्रियल प्रोटोकॉल
- मॉन्ट्रियल प्रोटोकॉल ओजोन परत की क्षीणता से संबंधित है।
- यह संघि वर्ष 1987 में हस्ताक्षरित हुई थी।
- जबकि प्रथम विश्व जलवायु सम्मेलन वर्ष 1979 में जेनेवा में, प्रथम पृथ्वी शिखर सम्मेलन वर्ष 1992 रियो डी जनेरियो में एजेंडा 21 को पारित किया गया तथा पृथ्वी शिखर सम्मेलन (1992) +5 अर्थात वर्ष 1997 में आयोजित किया गया था।
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5. “ओजोन परत संरक्षण दिवस” मनाया जाता है-
(a) 16 सितंबर
(b) 5 जून
(c) 23 मार्च
(d) 21 अप्रैल
[M.P.P.C.S. (Pre) 2014]
उत्तर- (a) 16 सितंबर
- वर्ष 1994 में संयुक्त राष्ट्र महासभा ने प्रतिवर्ष 16 सितंबर को अंतरराष्ट्रीय ओजोन परत संरक्षण दिवस के रूप में मनाने की घोषणा की थी।
- उल्लेखनीय है, कि वर्ष 1987 में इसी दिन (16 सितंबर को) मॉन्ट्रियल प्रोटोकॉल (Montreal Protocol on Substances that Deplete the Ozone Layer) पर हस्ताक्षर किए गए थे।
- वर्ष 2021 के ओजोन दिवस का मुख्य विषय “Montreal Protocol-Keeping Us, Our food and Vaccines cool” है।
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6. निम्न में से कौन-सा युग्म सुमेलित नहीं है?
(a) ओजोन
(b) अम्ल वर्षा क्लोरोफ्लोरोकार्बन (CFC) नाइट्रिक एसिड
(c) रॉकेट ईंधन केरोसिन तेल
(d) ग्रीन हाउस प्रभाव – कार्बन डाइऑक्साइड
[Uttarakhand P.C.S. (Mains) 2002]
उत्तर- (b) अम्ल वर्षा क्लोरोफ्लोरोकार्बन (CFC) नाइट्रिक एसिड
- ओजोन अवक्षय का मुख्य कारण क्लोरोफ्लोरोकार्बन है।
- अम्ल वर्षा के कारणों में सल्फर डाइऑक्साइड एवं नाइट्रोजन के ऑक्साइड (नाइट्रिक एसिड नहीं) शामिल हैं।
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7. निम्नलिखित में से कौन-सा एक, ओजोन का अवक्षय करने वाले पदार्थों के प्रयोग पर नियंत्रण करने और उन्हें चरणबद्ध रूप से प्रयोग-बाह्य करने (फेज़िंग आउट) के मुद्दे से संबद्ध है?
(a) ब्रेटन वुड्स सम्मेलन
(b) मॉन्ट्रियल प्रोटोकॉल
(c) क्योटो प्रोटोकॉल
(d) नगोया प्रोटोकॉल
[I.A.S. (Pre) 2015]
उत्तर- (b) मॉन्ट्रियल प्रोटोकॉल
- मॉन्ट्रियल प्रोटोकॉल एक अंतरराष्ट्रीय संधि है, जिसे ओजोन का अवक्षय करने वाले पदार्थों के उत्पादन एवं प्रयोग को चरणबद्ध रूप से समाप्त कर, ओजोन परत को संरक्षित करने हेतु निर्मित किया गया है।
- सितंबर, 1987 में मॉन्ट्रियल प्रोटोकॉल पर सहमति बनी थी तथा यह 1 जनवरी, 1989 से लागू है।
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ओजोन परत क्षरण के प्रभाव
1. सूर्य से आने वाला हानिकारक पराबैंगनी विकिरण कारण हो सकता है-
(a) यकृत कैंसर का
(b) मस्तिष्क कैंसर का
(c) मुखीय कैंसर का
(d) त्वचीय कैंसर का
[U.P.P.C.S. (Pre) 2014]
उत्तर- (d) त्वचीय कैंसर का
- सूर्य से आने वाले हानिकारक पराबैंगनी विकिरण से त्वचा कैंसर होने का खतरा रहता है।
- अधिक समय तक सूर्य के पराबैंगनी विकिरण के शरीर पर पड़ने पर डीएनए में आनुवांशिक उत्परिवर्तन हो सकता है, जो त्वचा कैंसर का कारण बन सकता है।
- ध्यातव्य है, कि सूर्य की पराबैंगनी किरणों को सामान्यतया तीन वर्गों में बांटा जाता है।
- इन्हें UV-A, UV-B तथा UV-C किरणें कहा जाता है।
- UV-A तथा UV-B किरणों का त्वचा पर हानिकारक प्रभाव पड़ता है, UV-C (100-280 nm) भी अत्यंत घातक होती है, परंतु पृथ्वी सतह तक नहीं पहुंच पाती है।
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2. कथन(A): ओजोन जैविक जीवन के लिए परमावश्यक है।
कारण(R) : ओजोन परत पृथ्वी को उच्च ऊर्जा विकिरण से संरक्षित करती है।
नीचे दिए गए कूट से सही उत्तर चुनिए।
कूट :
(a) (A) एवं (R) दोनों सही हैं तथा (R), (A) की सही व्याख्या है।
(b) (A) एवं (R) दोनों सही हैं, परंतु (R), (A) की सही व्याख्या नहीं है।
(c) (A) सही है, परंतु (R) गलत है।
(d) (A) गलत है, परंतु (R) सही है।
[U.P.U.D.A./L.D.A. (Mains) 2010, U.P.P.C.S. (Mains) 2010]
उत्तर- (a) (A) एवं (R) दोनों सही हैं तथा (R), (A) की सही व्याख्या है।
- ओजोन परत सूर्य के उच्च आवृत्ति के पराबैंगनी प्रकाश की 93-99 प्रतिशत मात्रा अवशोषित कर लेती है, जो पृथ्वी पर जीवन के लिए हानिकारक है।
- ओजोन परत के अभाव में पृथ्वी पर सूर्य की पराबैंगनी (Ultraviolet) किरणों से जैविक जीवन को अत्यधिक क्षति पहुंचेगी।
- इस दृष्टि से कथन और कारण दोनों सही हैं तथा कारण, कथन की सही व्याख्या है।
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3. वैज्ञानिकों की निम्न टीमों में किसने सर्वप्रथम अंटार्कटिका के ऊपर ओजोन छिद्र का पता लगाया?
(a) रूसी टीम ने
(b) जर्मन टीम ने
(c) अमेरिकन टीम ने
(d) ब्रिटिश टीम ने
[U.P.P.C.S. (Mains) 2013]
उत्तर- (d) ब्रिटिश टीम ने
- सर्वप्रथम ब्रिटिश दल ने वर्ष 1985 में ‘टोटल ओजोन मैपिंग स्पेक्ट्रोमीटर’ की मदद से अंटार्कटिका के ऊपर ओजोन छिद्र का पता लगाया था।
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