केस स्टडीज : मार्गदर्शक मूल्य (Guiding Values)

प्रश्न: आप एक राज्य में प्रखंड विकास पदाधिकारी (BDO) के रूप में कार्य कर रहे हैं और लोकसभा चुनाव होने ही वाले हैं। चुनाव से दो महीने पहले, राज्य में सत्तारूढ़ राजनीतिक दल के एक नेता की विशाल रैली पड़ोसी जिले में आयोजित होने वाली है। सभी BDOs को मुख्य विकास पदाधिकारी से एक मौखिक आदेश इस निर्देश के साथ मिला है कि वे अपने प्रखंड से रैली में भेजे जाने के लिए लोगों से भरी पांच-पांच बसों की व्यवस्था सुनिश्चित करें। केवल इतना ही निर्देश दिया गया है कि अधिकतम भागीदारी सुनिश्चित की जाए और इस सन्दर्भ में उपयुक्त व्यवस्थाएं की जाएं। इस परिस्थिति को देखते हुए, निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर दीजिए:

(a) एक सिविल सेवक के रूप में, ऐसी परिस्थिति में आपकी अनुक्रिया का मार्गदर्शन किन मूल्यों द्वारा किया जाना चाहिए?

(b) आपके पास उपलब्ध विभिन्न विकल्पों की पहचान कीजिए?

(c) आप किस कार्यवाही का चयन करेंगे और क्यों?

दृष्टिकोण

  • परिचय में मामले से संबंधित तथ्यों का संक्षेप में उल्लेख कीजिए।
  • उन मूल्यों पर चर्चा कीजिए जो एक सिविल सेवक के रूप में आपके कार्यों का मार्गदर्शन करेंगे। 
  • आपके पास उपलब्ध विभिन्न विकल्पों की पहचान कीजिए। आपके द्वारा चयन किए जाने वाले विकल्पों का कारण सहित उल्लेख कीजिए।

उत्तर

इस मामले में एक द्वंद्व की स्थिति प्रदर्शित होती है। यह द्वंद्व एक वरिष्ठ अधिकारी द्वारा दिए गए प्रत्यक्ष आदेश (जिसकी प्रकृति राजनीतिक आदेश की अधिक है) के अनुपालन और आधिकारिक कर्तव्यों के प्रति दृढ़ बने रहने तथा सिविल सेवाओं से सम्बंधित मूल्यों को बनाए रखने के मध्य है। साथ ही, इस आदेश के तहत चुनावी परिवेश में राजनीतिक दल को अनुचित लाभ पहुंचाने के लिए सार्वजनिक कार्यालय के दुरुपयोग का मुद्दा भी शामिल है।

यहां ध्यान देने योग्य एक अन्य तथ्य यह है कि सभी प्रखंड विकास अधिकारियों को दिए गए आदेश की प्रकृति मौखिक है। उल्लेखनीय है कि लोक सेवक मौखिक या मौखिक निर्देशों के आधार पर कार्य नहीं कर सकते हैं, क्योंकि ऐसे आदेश जवाबदेही में कमी लाते हैं।

(a) मार्गदर्शक मूल्य (Guiding Values)

एक सिविल सेवक के रूप में, निम्नलिखित मूल्य ऐसी स्थिति में मेरी अनुक्रिया का मार्गदर्शन करेंगे:

  • विधिक उत्तरदायित्व: एक सिविल सेवक के रूप में, मैं सभी आदेशों का अनुपालन करने के बजाय विधिक रूप से सौंपे गए अनिवार्य कर्तव्यों का अनुपालन करने के लिए ही बाध्य हूँ।
  • किसी भी राजनीतिक दल के प्रति किसी भी प्रकार का विशेष झुकाव न रखते हुए राजनीतिक तटस्थता और निष्पक्षता
  • विकासात्मक उद्देश्य के लिए आवंटित किए गए सार्वजनिक धन का दुरुपयोग न करने संबंधी सत्यनिष्ठा और ईमानदारी।
  • मेरे वरिष्ठ अधिकारी द्वारा दिए गए किसी भी अनैतिक आदेश को दृढ़ विश्वास के साथ अस्वीकार करने का साहस।
  • आचार संहिता का अनुपालन करना, जिसका इस प्रकार की दुविधा के मामले में एक सिविल सेवक को अनुपालन करना चाहिए। मेरे प्रखंड और प्रखंड के लोगों के प्रति प्रतिबद्धता, जो अपने विकास अधिकारी के रूप में मुझ पर विश्वास करते हैं। मेरे द्वारा अपनाई गई कोई भी अनुचित नीति इस विश्वास को क्षति पहुँचाएगी।

(b) इन परिस्थितियों में, मेरे लिए निम्नलिखित विकल्प उपलब्ध होंगे:

  • आदेश के अनुपालन के लिए विनम्र और दृढ़ तरीके से मना करना।
  • क्योंकि राजनीतिक समर्थन प्रदान करना मेरे आधिकारिक दायित्वों के अंतर्गत शामिल नहीं है।
  • यह सुनिश्चित करेगा कि अलोकतांत्रिक प्रथाओं से बचा जाए। साथ ही, सार्वजनिक कार्यालय को राजनीतिक दुरुपयोग से बचाया जाए।
  • हालांकि, मेरे कार्यों से वरिष्ठ अधिकारियों में असंतोष उत्पन्न हो सकता है। इससे मेरे करियर संबंधी संभावनाएँ बाधित हो सकती हैं।
  • व्यवस्था को सहायता प्रदान करना, किन्तु सार्वजनिक कार्यालय से किसी भी प्रकार के धन का उपयोग न करना। 
  • इस रैली को सफलतापूर्वक सम्पन्न कराने हेतु अनौपचारिक नेटवर्क का उपयोग कर सकते हैं। उदाहरणार्थ, अपनी आधिकारिक भूमिका से पृथक रहते हुए बसों की व्यवस्था करना। इसका अर्थ यह होगा कि लोक सेवा मूल्यों के साथ कोई समझौता किए बिना वरिष्ठ अधिकारियों के आदेशों का अनुपालन किया जाना।
  • हालांकि, सेवा नियमों के तहत यह विशेष तौर पर आवश्यक है कि वरिष्ठ अधिकारियों से सभी आदेश लिखित रूप में प्राप्त हों। उत्तरदायित्व निर्धारित करने और सिविल सेवकों की कार्यप्रणाली संबंधी जवाबदेही सुनिश्चित करने और संस्थागत सत्यनिष्ठा को बनाए रखने हेतु निर्देशों और आदेशों का अभिलेखन आवश्यक है। 
  • इसके अतिरिक्त, भले ही अनौपचारिक रूप से ही सही किन्तु ऐसे आदेशों पर कार्य करना, राजनीतिक पक्ष लेने और सेवा की राजनीतिक तटस्थता के मूल्य को कम करने के रूप में देखा जा सकता है।
  • CDO से आदेश लिखित रूप में प्राप्त करना
  •  इसे एक वरिष्ठ अधिकारी के आदेशों की अवहेलना के रूप में देखा जा सकता है। इससे मेरे करियर संबंधी संभावनाएं भी बाधित हो सकती हैं।
  • साथ ही, सेवा नियमों, उच्चतम न्यायलय और सरकार द्वारा दिए गए निर्देशों ने भी लोक सेवकों द्वारा निर्देशों एवं आदेशों को अभिलेखित करने की आवश्यकता पर बल दिया है।
  • वास्तव में, सेवा नियमों में विशेष तौर पर इस बात पर बल दिया गया है कि यदि वरिष्ठ अधिकारियों द्वारा दिए गए आदेश मानदंडों, नियमों, विनियमों या प्रक्रियाओं के अनुरूप नहीं हैं, तो उपयुक्त प्राधिकारियों से संपर्क किया जाना चाहिए।

(c) उपयुक्त कार्रवाई का चयन

उपर्युक्त विकल्पों में से, मैं कार्रवाई के लिए तीसरे विकल्प का चयन करूंगा, जो दी गई परिस्थिति में सर्वाधिक उपयुक्त प्रतीत होता है। यदि CDO अभी भी अपने रुख पर कायम है और लिखित रूप में निर्देश की पुष्टि करने के लिए तैयार नहीं है, तब मैं उपयुक्त अधिकारियों से संपर्क करूंगा। यदि, BDO के रूप में, मैं किसी के मौखिक निर्देशों या आदेशों पर कार्य कर रहा हूं, तो यह मेरे लिए जोखिम भरा होगा; क्योंकि बाद में मैं इसे सिद्ध नहीं कर सकता हूँ कि वास्तव में यह निर्णय मेरा नहीं था, बल्कि वरिष्ठ अधिकारी के निर्देश पर लिया गया था।

मैं मौखिक आदेश के संबंध में अपने साथी प्रखंड विकास अधिकारियों से भी बात करूंगा तथा सिविल सेवा मूल्यों को कमजोर करने वाले इस प्रकार के मौखिक आदेशों के विरुद्ध अपने साथियों का पक्ष समर्थन प्राप्त करने का प्रयास करूंगा।

यह कार्रवाई सिविल सेवा आचरण नियमों के अनुरूप भी है, जो सरकारी कर्मचारियों को किसी भी राजनीतिक दल या संगठन के साथ संबद्ध होने के साथ-साथ किसी भी राजनीतिक आंदोलन या गतिविधि में किसी भी प्रकार से सहभागी बनने या सहायता करने से विशेष तौर पर रोकते हैं। इस प्रकार, यह महत्वपूर्ण है कि नौकरशाही का उपयोग संकीर्ण राजनीतिक उद्देश्यों को पूरा करने हेतु नहीं किया जाना चाहिए और राजनीतिक दलों को लोकतांत्रिक चुनाव प्रक्रिया की शुचिता को बनाए रखने हेतु स्व-विनियमित होना चाहिए।

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