मांट्रियल प्रोटोकॉल एवम इसकी उपलब्धियों

प्रश्न: मांट्रियल प्रोटोकॉल को प्रायः सर्वाधिक सफल अंतर्राष्ट्रीय पर्यावरण संधि के रूप में माना जाता है। इस प्रोटोकॉल की उपलब्धियों पर प्रकाश डालते हुए इसकी सफलता के कारणों पर चर्चा कीजिए।

दृष्टिकोण

  • मॉन्ट्रियल प्रोटोकॉल की संक्षिप्त व्याख्या करते हुए उत्तर आरंभ कीजिए।
  • प्रोटोकॉल की उपलब्धियों का उल्लेख कीजिए।
  • इसकी सफलता के कारणों एवं अन्य संधियों के लिए इससे प्राप्त सीखों की चर्चा कीजिए।

उत्तर

मॉन्ट्रियल प्रोटोकॉल एक अंतरराष्ट्रीय संधि है जिसे 16 मई,1987 को मॉन्ट्रियल में अपनाया गया था। इसका उद्देश्य पृथ्वी की ओजोन परत के क्षय में योगदान करने वाले रसायनों के उत्पादन एवं उपयोग को विनियमित करना था।

प्रोटोकॉल की उपलब्धियां

  • इसके परिणामस्वरूप नियंत्रित ओजोन क्षयकारी पदार्थों (ozone-depleting substances :ODS) की वायुमंडलीय प्रचुरता में कमी तथा समताप मंडलीय ओजोन का पुनरुद्धार प्रारम्भ हुआ है।
  • 2014 के आकलन के बाद से दीर्घकालीन ODS से समग्र क्षोभमण्डलीय क्लोरीन एवं ब्रोमीन दोनों की वायुमंडलीय प्रचुरता में कमी आई है।
  • ध्रुवीय क्षेत्रों के बाहर, वर्ष 2000 से ही ऊपरी समतापमंडलीय ओजोन परत का पुनरुद्धार प्रति दशक 1-3% की दर से हुआ है।
  • मॉन्ट्रियल प्रोटोकॉल के कारण, ध्रुवीय क्षेत्रों में ओजोन को अत्यधिक गंभीर क्षरण से बचाया गया है।

प्रोटोकॉल की सफलता के कारण 

  • सहयोग का दृष्टिकोण: छोटे एवं अनौपचारिक समूहों में अत्यधिक वार्ताएं आयोजित की गईं, जिसके परिणामस्वरूप विश्वसनीय लोगों के मध्य विचारों के वास्तविक आदान-प्रदान को बढ़ावा मिला है।
  • सिद्धांत आधारित: जब विकासशील देशों को चरणबद्ध तरीके से ODS को समाप्त करने के लिए अधिक समय दिया गया था, तब “एहतियाती सिद्धांत” और सामूहिक परंतु विभेदीकृत उत्तरदायित्व’ (Common But Differentiated Responsibility) की अवधारणा, मॉन्ट्रियल प्रोटोकॉल में शामिल हो गयी।
  • नई सूचनाओं को समायोजित करने के लिए लचीलापन : प्रोटोकॉल में कठोर नियंत्रणों को शामिल करने के लिए संशोधन किया जा सकता है जैसे ओज़ोन का अधिक क्षरण करने वाले पदार्थों को नियंत्रित सूची में शामिल करने तथा चरणबद्ध तरीके से आंशिक रूप की अपेक्षा समग्र रूप से उनकी समाप्ति सुनिश्चित करने की आवश्यकता को सम्मिलित करने हेतु प्रोटोकॉल को संशोधित किया जा सकता था।
  • व्यापार संबंधी प्रावधान एवं प्रतिबंध: इन्होने CFCs और अन्य ओजोन क्षरण पदार्थों (ODS) की आपूर्ति को गैर हस्ताक्षरकर्ता देशों तक सीमित कर दिया, जिसके कारण उन पर प्रोटोकॉल की पुष्टि करने हेतु दबाव उत्पन्न हुआ।
  • लक्षित क्षेत्रकों की स्पष्ट सूची: रसायनों और क्षेत्रकों के स्पष्ट सूचीबद्ध उल्लेख के कारण सरकारों के लिए पहले मुख्य क्षेत्रकों पर ध्यान केन्द्रित करना सरल हो गया।
  • उद्योग के लिए प्रोत्साहन: मॉन्ट्रियल प्रोटोकॉल ने एक स्थायी ढांचा भी प्रदान किया, जिसने उद्योग को दीर्घकालिक अनुसंधान और नवाचार की योजना बनाने की अनुमति दी।
  • संस्थागत समर्थन: विशेषज्ञ,स्वतंत्र प्रौद्योगिकी और आर्थिक मूल्यांकन पैनल (और उसके पूर्ववर्तियों) ने हस्ताक्षरकर्ताओं को प्रायः जटिल मामलों पर दृढ एवं समय पर निर्णय लेने में सहायता प्रदान की है।
  • अनुपालन प्रक्रिया: इसने पुनः अनुपालन की दिशा में मुड़ने के लिए स्वेच्छाचारी देशों को सहायता प्रदान करने पर ध्यान केन्द्रित किया। इस सन्दर्भ में आवश्यकता पड़ने पर कुछ अल्पकालिक परियोजनाओं के लिए बहुपक्षीय निधि से संसाधनों की आपूर्ति की व्यवस्था की गयी।

दूसरी ओर ये विशेषताएं सामान्य तौर पर अन्य पर्यावरणीय संधियों में अनुपस्थित हैं, जो उनके वांछनीय प्रदर्शन की कमी को दर्शाती हैं।

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