स्वास्थ्य से संबंधित सहस्त्राब्दी विकास लक्ष्यों (MDG) का उल्लेख

प्रश्न: स्वास्थ्य से संबंधित सहस्राब्दी विकास लक्ष्यों पर भारत का प्रदर्शन कैसा रहा? इस संदर्भ में, प्रासंगिक संधारणीय विकास लक्ष्यों की पहचान कीजिए और उन्हें पूरा करने में भारत की क्षमता का मूल्यांकन कीजिए।

दृष्टिकोण

  • स्वास्थ्य से संबंधित सहस्त्राब्दी विकास लक्ष्यों (MDG) का संक्षेप में उल्लेख कीजिए।
  • उपर्युक्त लक्ष्यों को पूरा करने में भारत के प्रदर्शन को मापने के लिए सरकार द्वारा जारी किये गए आंकड़ों का उल्लेख कीजिये।
  • उत्तर के दूसरे भाग में स्वास्थ्य से संबंधित संधारणीय विकास लक्ष्यों (SDG) की पहचान कीजिए।
  • इन लक्ष्यों को पूरा करने की दिशा में भारत की क्षमता का मूल्यांकन कीजिए।
  • क्षमता संवर्द्धन के लिए कुछ सुझावों के साथ निष्कर्ष दीजिये।

उत्तर

आठ में से चार सहस्त्राब्दी विकास लक्ष्य (MDG) अर्थात् MDG 1, 4, 5 और 6 प्रत्यक्ष रूप से स्वास्थ्य से संबंधित हैं जबकि शेष अप्रत्यक्ष रूप से बेहतर स्वास्थ्य की सुविधा प्रदान करने से सम्बंधित हैं। स्वास्थ्य से संबंधित MDGs के वितरण में भारत के प्रदर्शन का उल्लेख ‘इंडिया कंट्री रिपोर्ट 2015 ऑन MDGs’ में किया गया था।

भारत ने स्वास्थ्य मानकों में उल्लेखनीय प्रगति दर्ज की है जैसे:

  • निर्धनता संख्या अनुपात (पावर्टी हेडकाउंट रेशियो) में कमी: 2004-05 से 2011-12 के दौरान ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों में निर्धनता अंतराल अनुपात (अर्थात् निर्धनता की गहनता) में लगभग 50% की कमी आई है।
  • 2015 तक HIV/AIDS, मलेरिया और अन्य बीमारियों की सफलतापूर्वक रोकथाम और प्रसार पर सफलतापूर्वक नियंत्रण। .
  • पर्यावरणीय संधारणीयता सुनिश्चित करना: परिवारों को जल के उन्नत स्रोत प्रदान करने का लक्ष्य प्राप्त कर लिया गया था।

हालांकि, कुछ मानकों में भारत अपने लक्ष्य प्राप्त नहीं कर पाया, जैसे 5 वर्ष से कम आयु के बच्चों की मृत्यु दर, शिशु मृत्यु दर और मातृ मृत्यु दर को कम करना, खसरा के लिए टीकाकरण, संस्थागत प्रसव आदि।

अतः 2015 में SDGs को अपनाया गया। ये MDGs में हुई प्रगति से लाभ प्राप्त करने का प्रयास करते हैं। भारत द्वारा SDGs को प्राप्त करने हेतु उठाए गए कदमों के साथ 17 SDGs लक्ष्यों में से उन लक्ष्यों को नीचे सूचीबद्ध किया गया है जो प्रत्यक्ष और परोक्ष रूप से स्वास्थ्य से संबंधित हैं:

     #          विवरण      भारत द्वारा उठाए गए व्यापक कदम
SDG1 प्रत्येक स्थान से निर्धनता को,इसके समस्त रूपों  में, समाप्त करना।
  • MGNREGA, PMJDY, NSAP
SDG2 भुखमरी को समाप्त करना, खाद्य सुरक्षा प्राप्त करना और पोषण में सुधार करना तथा इससे संधारणीय कृषि को बढ़ावा देना।
  •  ICDS, NFSA, नेशनल मिशन ऑन सस्टेनेबल  एग्रीकल्चर
  •  राष्ट्रीय स्वास्थय नीति 2017( NHP) इससेसम्बंधित कार्रवाईयां, सार्वभौमिक टीकाकरण, BBBP
  • स्वच्छ भारत
SDG3 स्वस्थ जीवन सुनिश्चित करना और किसी भी  आयु में सभी के लिए कल्याण को प्रोत्साहन देना।
SDG6 जल और स्वच्छता तक सभी की पहुंच सुनिश्चित करना।
SDG8 सभी के लिए समावेशी और सतत आर्थिक विकास, रोजगार और उचित कार्य को बढ़ावा देना।
SDG10 देशों के अंदर और उनके मध्य असमानता कम करना।

लक्ष्यों की प्राप्ति की दिशा में भारत की क्षमता का मूल्यांकन

SDGs की प्राप्ति के मार्ग में अवरोध उठाए गए कदम
सामाजिक-सांस्कृतिक और आर्थिक विविधता जनसंख्या वृहद् आकार के कारण, SDGs पर प्रगति की निगरानी (अर्थात् का विकास डाटा, सर्वेक्षण इत्यादि की विश्वसनीयता एवं आवधिक उपलब्धता) कठिन है।
  •  नीति आयोग द्वारा MoSPI द्वारा संकेतकों का विकास
  • प्रत्येक SDG के लिए प्रासंगिक मंत्रालयों को  सम्बद्ध करना ।
वित्तीय चिंताएं: आरंभिक अनुमानों के अनुसार SDGs को प्राप्त करने के लिए अधिदिष्ट 15 वर्षों में 533 लाख करोड़ रुपये (8.5ट्रिलियन अमरीकी डालर) के वित्त की कमी है।
  • 2025 तक सार्वजनिक स्वास्थ्य व्यय को सकल घरेलू उत्पाद के 2.5% तक बढ़ाना,अंतरराष्ट्रीय अनुदान की प्राप्ति हेतु प्रयास करना
क्षमता निर्माण: संरचनात्मक और गैर-संरचनात्मक अवसंरचना की |2018-19 के बजट में घोषित की गई कमी उदाहरण के लिए चिकित्सा कर्मियों, चिकित्सालय के बिस्तरों राष्ट्रीय स्वास्थ्य संरक्षण योजना और ऐसी ही अन्य अवसंरचनाओं को सुदृढ़ करने की आवश्यकता है।
  • 2018- 2019  के बजट मे घोषित की गयी राष्ट्रीय स्वास्थय संरक्षण योजना
  • समावेश –  नीति आयोग द्वारा प्रायोजित संसाधन-संस्थानों का राष्ट्रीय नेटवर्क

लांसेट में प्रकाशित ग्लोबल बर्डन ऑफ़ डिजीज स्टडी नामक अध्ययन के अनुसार SDGs को प्राप्त करने के मामले में भारत 128वें स्थान पर है। इसका वायु प्रदूषण, स्वच्छता, हेपेटाइटिस B और चाइल्ड वेस्टिंग (लम्बाई के अनुपात में अल्प भार) में स्कोर कम है। अतः इस आलोक में, भारत को 2030 तक सभी SDGs को प्राप्त करने के लिए उपर्युक्त क्षेत्रों से संबंधित पहलों में तीव्रता लाने की आवश्यकता है।

Read More 

Add a Comment

Your email address will not be published. Required fields are marked *


The reCAPTCHA verification period has expired. Please reload the page.