ब्रेन ड्रेन (प्रतिभा पलायन) को ब्रेन गेन (प्रतिभा लाभ) : किसी देश को प्रतिभा आकर्षित करने में बढ़त प्रदान करने वाले कारक

प्रश्न: उन कारकों पर प्रकाश डालिए जो किसी विशेष देश को प्रतिभा को आकर्षित करने में बढ़त प्रदान करते है। इस संदर्भ में, भारत में ‘ब्रेन ड्रेन’ (प्रतिभा पलायन) को ‘ब्रेन गेन’ (प्रतिभा लाभ) में परिवर्तित करने के लिए सरकार को क्या कदम उठाने चाहिए।

दृष्टिकोण

  • किसी देश को प्रतिभा आकर्षित करने में बढ़त प्रदान करने वाले कारकों पर प्रकाश डालिए।
  • ब्रेन ड्रेन (प्रतिभा पलायन) को ब्रेन गेन (प्रतिभा लाभ) में परिवर्तित करने के लिए आवश्यक उपायों पर चर्चा कीजिए।
  • निष्कर्ष दीजिए।

उत्तर

वैश्वीकरण ने लोगों को प्रवासन संबंधी लाभों (विशेषतः विकसित देशों में) से अवगत करवाया है। अल्प विकसित देशों से “ब्रेन ड्रेन” की यह प्रवृत्ति नीति निर्माताओं के लिए चिंता का कारण बन गई है।

किसी देश में प्रतिभा को आकर्षित करने वाले कारक

  • राजनीतिक कारक: राजनीतिक स्थिरता और आप्रवासी अनुकूल नीतियां जो सरल वीज़ा मानदंड स्थापित करती हैं।
  • आर्थिक कारक: सुदृढ़ अर्थव्यवस्था जो रोजगार के अधिक अवसर, उच्च मजदूरी, ईज़ ऑफ़ डूइंग बिज़नेस आदि प्रदान करती
  • सामाजिक कारक: जीवनशैली और पारिवारिक कारण, भाषा का ज्ञान, कानून एवं व्यवस्था, जनसांख्यिकीय गतिशीलता,भेदभाव की अनुपस्थिति।
  • अवसंरचनात्मक कारक: शीर्ष शैक्षणिक संस्थान, उच्च गुणवत्तायुक्त अनुसंधान अवसंरचना, तकनीकी प्रगति के साथ-साथ नवीनतम प्रौद्योगिकियों के अनुसंधान एवं विकास के लिए उचित परिवेश।
  • पर्यावरणीय कारक: आवास योग्य जलवायु, कम प्रदूषण इत्यादि।

भारत से ब्रेन ड्रेन” की समस्या से निपटने के लिए आवश्यक कदमः

  • आधारभूत संरचना और R&D पर व्यय में वृद्धि करना।
  • उच्च शिक्षा संबंधी अवसंरचना का तीव्र विस्तार एवं सक्षम पर्यावरण का निर्माण जैसे- लचीली भर्ती नीतियां, उदार शोध अनुदान और औद्योगिक-अकादमिक सहयोग।
  • अकादमिक क्षेत्र को शीर्ष रैंकिंग प्राप्त विदेशी विश्वविद्यालयों के लिए क्रमिक रूप से खोलना।
  • स्टार्ट अप संस्कृति और ईज़ ऑफ़ डूइंग बिज़नेस को प्रोत्साहन देना तथा सरल वित्त के लिए मार्ग प्रशस्त करना; उदाहरण के लिए, स्टार्ट-अप इंडिया जैसी नीतियां।
  • एक बौद्धिक संसाधन प्रबंधन निधि (IRMF) का गठन किया जाना चाहिए, जिसमें कुशल आप्रवासन से लाभान्वित होने वाले विकसित देशों से एकत्रित धन को विकासशील विश्व में प्रशिक्षण, आदान-प्रदान और सहयोग के लिए उपयोग किए जा सके।
  • प्रवासी भारतीय दिवस, भारत को जानो कार्यक्रम, रामानुजन फैलोशिप और विज़िटिंग एडवांस्ड ज्वाइंट रिसर्च (VAJRA) संकाय योजना जैसी पहलों का सकारात्मक परिणाम प्राप्त हो रहा है।

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