1. हमारे देश के प्रथम लोकपाल कौन हैं?
(a) न्यायाधीश सुबोध राणा
(b) न्यायाधीश पिनाकी चंद्र घोष
(c) न्यायाधीश बालाकृष्णन
(d) न्यायाधीश एच.एस. दत्तु
[Chhattisgarh P.C.S. (Pre) 2019]
उत्तर- (b) न्यायाधीश पिनाकी चंद्र घोष
- लोकपाल और लोकायुक्त अधिनियम, 2013 के प्रावधानों के तहत लोकपाल संस्था का गठन मार्च, 2019 में किया गया, जिसके प्रथम अध्यक्ष के रूप में न्यायाधीश पिनाकी चंद्र घोष की नियुक्ति की गई है।
- लोकपाल में एक अध्यक्ष और 8 सदस्य का प्रावधान है।
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2. भारत में लोकपाल एवं लोकायुक्त की स्थापना का सुझाव दिया था-
(a) सरकारिया आयोग ने
(b) प्रशासनिक सुधार आयोग ने
(c) विधि आयोग ने
(d) ठक्कर आयोग ने
[R.A.S./R.T.S. (Pre) 1997]
उत्तर- (b) प्रशासनिक सुधार आयोग ने
- भारत में लोकपाल एवं लोकायुक्त की स्थापना का सुझाव प्रथम प्रशासनिक सुधार आयोग ने दिया था।
- इस आयोग का गठन 5 जनवरी, 1966 को मोरारजी देसाई की अध्यक्षता में किया गया था।
- बाद में 1967 में के. हनुमन्तैया को प्रथम प्रशासनिक सुधार आयोग का अध्यक्ष बनाया गया था।
- आयोग का कार्यकाल 1970 में समाप्त हुआ।
- ओमबुड्समैन (Ombudsman) का भारतीय प्रतिमान लोकपाल है।
- एक स्वतंत्र पर्यवेक्षी एजेंसी के रूप में इसकी स्थापना सर्वप्रथम 1809 ई. में स्वीडन में की गई थी।
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3. ओमबुड्समैन का भारतीय प्रतिमान है-
(a) लेखपाल
(b) तहसीलदार
(c) राज्यपाल
(d) लोकपाल
[U.P.P.C.S. (Mains) 2014]
उत्तर- (d) लोकपाल
- ओमबुड्समैन (Ombudsman) का भारतीय प्रतिमान लोकपाल है।
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4. प्रशासनिक सुधार आयोग, जिसने पहली बार लोकपाल तथा लोकायुक्त बनाने की संस्तुति की थी, के अध्यक्ष थे-
(a) मोरारजी देसाई
(b) के. संथानम
(c) चौधरी चरण सिंह
(d) बाबू जगजीवन राम
[U.P. R.O./A.R.O. (Pre) 2017]
उत्तर- (a) मोरारजी देसाई
- प्रथम प्रशासनिक सुधार आयोग का गठन 5 जनवरी, 1966 को मोरारजी देसाई की अध्यक्षता में किया गया था।
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5. संसद में पहला लोकपाल विधेयक कब रखा गया था?
(a) 1967
(b) 1971
(c) 1968
(d) 1972
[U.P.P.C.S. (Pre) 1998]
उत्तर- (c) 1968
- संसद में पहला लोकपाल विधेयक वर्ष 1968 में चौथी लोक सभा में प्रस्तुत किया गया था जहां यह 1969 में पारित भी हुआ, परंतु राज्य सभा में लंबित रहने की स्थिति में ही चौथी लोक सभा के विघटित होने के कारण यह विधेयक व्यपगत हो गया था।
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6. लोकपाल विधेयक, 2011 के संबंध में निम्न में से कौन-से कथन सही हैं?
1. लोक सभा में 4 अगस्त, 2011 को इसे पुरःस्थापित किया गया था।
2. श्री पी. चिदंबरम गृह मंत्री द्वारा इसे पुरःस्थापित किया गया था।
3. इसे स्थायी समिति को भेज दिया गया है।
4. सिविल सोसाइटी के सदस्यों द्वारा इसे ‘कमजोर’ कहा गया है।
नीचे दिए कूट में से सही उत्तर का चयन कीजिए: कूट :
(a) 1 और 2 केवल
(b) 1, 2 और 3 केवल
(c) 2 और 4 केवल
(d) 1, 3 और 4 केवल
[U.P.U.D.A./L.D.A. (Mains) 2010]
उत्तर- (d) 1, 3 और 4 केवल
- लोक सभा में लोकपाल विधेयक 4 अगस्त, 2011 को तत्कालीन संसदीय कार्य मंत्री वी. नारायणसामी द्वारा प्रस्तुत किया गया था।
- तत्पश्चात इसे संसद की कार्मिक, लोक शिकायत तथा विधि एवं न्याय पर स्थायी समिति के पास भेजा गया।
- सिविल सोसायटी के सदस्यों द्वारा इसे ‘कमजोर’ माना गया था। अतः दिए गए कथनों में 1,3 एवं 4 सही हैं, जबकि कथन 2 गलत है।
- उल्लेखनीय है कि बाद में लोकपाल व लोकायुक्त से संबंधित विधेयक ‘लोकपाल और लोकायुक्त अधिनियम, 2013’ के रूप में 1 जनवरी, 2014 से कानून का रूप ले चुका है।
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7. लोकपाल बिल का मसविदा (आलेख) तैयार करने हेतु पैनल में बुद्धिजीवी समाज के प्रतिनिधियों में सम्मिलित हैं-
1. अन्ना हजारे
2. प्रशांत जोशी
3. संतोष हेगड़े
4. किरण बेदी
5. शांति भूषण
अपना सही उत्तर दिए गए कूट से चुनिए :
(a) केवल 1, 3, 4 और 5
(b) केवल 1, 2, 3 और 4
(c) केवल 1, 2 और 3
(d) केवल 1,3 और 5
[U.P.P.C.S. (Mains) 2010]
उत्तर- (d) केवल 1,3 और 5
- नागरिक समाज की ओर से लोकपाल बिल का मसविदा (आलेख) तैयार करने वाली समिति में पांच सदस्य थे-अन्ना हजारे, अरविंद केजरीवाल, शांति भूषण, एन. संतोष हेगड़े एवं प्रशांत भूषण।
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8. निम्न में से किस राज्य में सर्वप्रथम लोकायुक्त कार्यालय की स्थापना हुई थी?
(a) महाराष्ट्र
(b) उत्तर प्रदेश
(c) बिहार
(d) ओडिशा
[U.P.P.C.S. (Pre) (Re-Exam) 2015]
उत्तर- (a) महाराष्ट्र
- भारत में महाराष्ट्र ऐसा पहला राज्य है, जहां लोकायुक्त कार्यालय की स्थापना ‘महाराष्ट्र लोकायुक्त और उप-लोकायुक्त अधिनियम, 1971 के तहत 1971 में की गई थी।
- ओडिशा पहला ऐसा राज्य था, जिसने लोकायुक्त की स्थापना से संबंधित विधान (1970 में) पारित किया था, लेकिन वहां यह संस्था वर्ष 1983 में जाकर ही अस्तित्व में आई थी।
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9. उत्तर प्रदेश का लोक आयुक्त अपना प्रतिवेदन प्रस्तुत करता है?
(a) मुख्यमंत्री को
(b) उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश को
(c) राज्यपाल को
(d) विधानसभा के अध्यक्ष को
[U.P. P.C.S. (Mains) 2007]
उत्तर- (c) राज्यपाल को
- उत्तर प्रदेश लोक आयुक्त अधिनियम, 1975 के तहत लोक आयुक्त अपना प्रतिवेदन राज्यपाल को सौंपता है, जिसे राज्य विधानमंडल के दोनों सदनों के पटल पर प्रस्तुत किया जाता है।
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10. उत्तर प्रदेश के लोकायुक्त की पदधारण अवधि है-
(a) 5 वर्ष
(b) 6 वर्ष
(c) 7 वर्ष
(d) 8 वर्ष
[U.P.R.O./A.R.O. (Pre) 2017]
उत्तर- (d) 8 वर्ष
- उत्तर प्रदेश के लोकायुक्त की पदधारण अवधि वर्तमान में 8 वर्ष है।
- उत्तर प्रदेश लोकायुक्त और उप-लोकायुक्त अधिनियम, 1975 के तहत लोकायुक्त अथवा उप-लोकायुक्त की पदधारण अवधि, उसके पदधारण करने की तिथि से 6 वर्ष निर्धारित थी।
- लेकिन वर्ष 2012 में उत्तर प्रदेश लोकायुक्त और उप-लोकायुक्त (संशोधन) अधिनियम, 2012 के द्वारा इसकी पदधारण अवधि को 6 वर्ष से बढ़ाकर 8 वर्ष कर दिया गया और साथ ही इसके उत्तराधिकारी के पद ग्रहण करने तक इसके पद पर बने रहने का भी प्रावधान किया गया।
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11. 2011 में लोकायुक्त विधेयक पारित करने वाला प्रथम भारतीय राज्य है-
(a) उत्तर प्रदेश
(b) बिहार
(c) उत्तराखंड
(d) झारखंड
[U.P.P.C.S. (Pre) 2012]
उत्तर- (c) उत्तराखंड
- वर्ष 2011 में 1 नवंबर को लोकायुक्त विधेयक पारित करने वाला प्रथम भारतीय राज्य उत्तराखंड था।
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12. निम्नलिखित में से किन राज्यों में लोक आयुक्त अधिनियम ने मुख्यमंत्री को भी अपने दायरे में ले लिया है?
(a) पश्चिम बंगाल और केरल
(b) गुजरात और महाराष्ट्र
(c) मध्य प्रदेश और ओडिशा
(d) राजस्थान और कर्नाटक
[I.A.S. (Pre) 1995]
उत्तर- (c) मध्य प्रदेश और ओडिशा
- प्रश्नकाल के संदर्भ में विकल्प (c) सही उत्तर था।
- वर्तमान में हिमाचल प्रदेश, आंध्र प्रदेश, मध्य प्रदेश, गुजरात, कर्नाटक, महाराष्ट्र, पंजाब, ओडिशा आदि अनेक राज्यों में लोकायुक्त अधिनियम के दायरे में मुख्यमंत्री को भी ले लिया गया है।
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13. नीचे दो वक्तव्य दिए गए हैं जिनमें से एक को कथन (A) और दूसरे को कारण (R) कहा गया है-
कथन (A): ‘अल्पसंख्यक’ शब्द की भारत के संविधान में परिभाषा नहीं दी गई है।
कारण (R) : अल्पसंख्यक आयोग सांविधानिक निकाय नहीं है।
ऊपर के दोनों वक्तव्यों के संदर्भ में, निम्नलिखित में से कौन-सा सही है?
(a) (A) और (R) दोनों सही हैं और (A) की सही व्याख्या (R) करता है।
(b) (A) और (R) दोनों सही हैं, परंतु (A) की सही व्याख्या (R) नहीं करता है।
(c) (A) सही है, परंतु (R) गलत है।
(d) (A) गलत है, परंतु (R) सही है।
[U.P.P.C.S. (Pre) 1991]
उत्तर- (b) (A) और (R) दोनों सही हैं, परंतु (A) की सही व्याख्या (R) नहीं करता है।
- अल्पसंख्यक शब्द भारतीय संविधान में परिभाषित नहीं है तथा अल्पसंख्यक आयोग एक सांविधिक (Statutory) निकाय है, न कि संवैधानिक (Constitutional), क्योंकि इसका गठन संसद द्वारा अधिनियमित अल्पसंख्यक आयोग अधिनियम, 1992 के द्वारा किया गया है।
- इस प्रकार कथन एवं कारण दोनों सही हैं परंतु कारण, कथन की सही व्याख्या नहीं है।
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14. भारत में अल्पसंख्यकों के विषय में निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिए-
1. भारत सरकार ने पांच समुदायों यथा मुसलमानों, सिखों, ईसाइयों, बौद्धों और पारसियों को अल्पसंख्यकों के रूप में अनुसूचित किया है।
2. राष्ट्रीय अल्पसंख्यक आयोग को 1993 में सांविधिक दर्जा दिया गया।
3. भारत में सबसे छोटा धार्मिक समुदाय पारसी समुदाय है।
4. भारत का संविधान धार्मिक और भाषायी अल्पसंख्यकों को मान्यता और संरक्षण देता है।
उपर्युक्त कथनों में से कौन-से सही हैं?
(a) 2 और 3
(b) 1 और 4
(c) 3 और 4
(d) 1, 2 और 4
[I.A.S. (Pre) 2001]
उत्तर- (c) 3 और 4
- भारतीय संविधान धार्मिक व भाषायी आधार पर अल्पसंख्यकों का निर्धारण करता है।
- प्रश्नकाल में पांच समुदायों को अल्पसंख्यकों के रूप में अनुसूचित किया गया था।
- वर्तमान में भारत में छः समुदायों-मुसलमान, सिख, ईसाई, बौद्ध, पारसी और जैन को अल्पसंख्यकों के रूप में अनुसूचित किया गया है।
- 27 जनवरी, 2014 को भारत सरकार द्वारा जैन समुदाय को अल्पसंख्यक अधिसूचित किया गया।
- सरकार ने राष्ट्रीय अल्पसंख्यक आयोग को 1992 के संसदीय अधिनियम (17 मई, 1992 से प्रभावी) के तहत सांविधिक दर्जा दिया था, जिसका गठन मूलतः अल्पसंख्यक आयोग के रूप में केंद्रीय गृह मंत्रालय के तहत 1978 में किया गया था।
- अधिसूचित अल्पसंख्यकों में सबसे छोटा समुदाय पारसी समुदाय है किंतु इससे भी छोटे अनेक धार्मिक समुदाय विद्यमान हैं, जिन्हें यद्यपि कि मान्यता प्राप्त नहीं है।
- इस प्रकार प्रश्नगत कथनों में 2014 से पूर्व तक जहां कथन । और 4 सही थे, वहीं वर्तमान में केवल कथन 4 ही सही है।
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15. वोहरा समिति………. के अध्ययन के लिए बनाई गई थी।
(a) पुलिस सुधार
(b) वित्तीय सुधार
(c) राजनेताओं तथा अपराधियों की सांठ-गांठ
(d) राज्यपालों की नियुक्ति
[Chhattisgarh P.C.S. (Pre) 2003]
उत्तर- (c) राजनेताओं तथा अपराधियों की सांठ-गांठ
- वोहरा समिति का गठन राजनेताओं और अपराधियों के बीच सांठ-गांठ की जांच करने के लिए जुलाई, 1993 में तत्कालीन गृह सचिव एन. एन. वोहरा की अध्यक्षता में किया गया था।
- इस समिति ने अपनी रिपोर्ट अक्टूबर, 1993 में सौंपी थी।
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16. भारतीय प्रशासनिक सेवा और भारतीय पुलिस सेवा को समाप्त करने की सिफारिश किसने की थी?
(a) ढेबर आयोग
(b) कालेलकर आयोग
(c) खेर आयोग
(d) राजमन्नार आयोग
[I.A.S. (Pre) 1993]
उत्तर- (d) राजमन्नार आयोग
- भारतीय प्रशासनिक सेवा (IAS) और भारतीय पुलिस सेवा (IPS) को समाप्त करने की सिफारिश राजमन्नार आयोग ने की थी।
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17. मूल अधिकारों के अतिरिक्त, भारत के संविधान का निम्नलिखित में से कौन-सा/से भाग मानव अधिकारों की सार्वभौम घोषणा 1948 (Universal Declaration of Human Rights 1948) के सिद्धांतों एवं प्रावधानों को प्रतिबिंबित करता/करते है/हैं?
1. उद्देशिका
2. राज्य की नीति के निदेशक तत्व
3. मूल कर्तव्य
नीचे दिए गए कूट का प्रयोग कर सही उत्तर चुनिए –
(a) केवल 1 और 2
(b) केवल 2
(c) केवल 1 और 3
(d) 1, 2 और 3
[I.A.S. (Pre) 2020]
उत्तर- (d) 1, 2 और 3
- 10 दिसंबर, 1948 को संयुक्त राष्ट्र महासभा ने पेरिस में मानव अधिकारों की सार्वभौमिक घोषणा को अंगीकृत किया था।
- भारतीय संविधान की उद्देशिका, मूल अधिकार, राज्य के नीति निदेशक तत्व एवं मूल कर्तव्य मानव अधिकारों की सार्वभौमिक घोषणा, 1948 के सिद्धांतों एवं प्रावधानों को प्रतिबिंबित करते हैं।
- मानव अधिकारों की सार्वभौमिक घोषणा, 1948 के अनुच्छेद 29 में विशेष रूप से भारतीय संविधान के मौलिक कर्तव्य प्रतिबिंबित होते हैं।
- मानव अधिकारों की सार्वभौमिक घोषणा में कुल 30 अनुच्छेदों का वर्णन है।
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18. संयुक्त राष्ट्र द्वारा मानव अधिकारों की विश्वव्यापी घोषणा को कब अपनाया गया था?
(a) 10 जनवरी, 1920
(b) 4 अप्रैल, 1949
(c) 24 अक्टूबर, 1945
(d) 10 दिसंबर, 1948
[Jharkhand P.C.S. (Pre) 2021]
उत्तर- (d) 10 दिसंबर, 1948
- 10 दिसंबर, 1948 को संयुक्त राष्ट्र महासभा ने पेरिस में मानव अधिकारों की सार्वभौमिक घोषणा को अंगीकृत किया था।
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19. ‘यूनिवर्सल डिक्लेरेशन ऑफ ह्यूमन राइट्स’ में कुल कितने अनुच्छेद हैं?
(a) 29
(b) 28
(c) 30
(d) 32
[M.P.P.C.S. (Pre) 2013]
उत्तर- (c) 30
- ‘यूनिवर्सल डिक्लेरेशन ऑफ ह्यूमन राइट्स’ अर्थात ‘मानवाधिकारों की सार्वभौमिक घोषणा’ में कुल 30 अनुच्छेद हैं।
- इसे संयुक्त राष्ट्र महासभा द्वारा 10 दिसंबर, 1948 को अंगीकृत किया गया था।
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20. 10 दिसंबर मनाया जाता है-
(a) मानवाधिकार दिवस के रूप में
(b) विश्व स्वास्थ्य दिवस के रूप में
(c) यू.एन. दिवस के रूप में
(d) मजदूरी दिवस के रूप में
[Uttarakhand U.D.A./L.D.A (Pre) 2007, M.P.P.C.S. (Pre) 2013]
उत्तर- (a) मानवाधिकार दिवस के रूप में
- 10 दिसंबर ‘मानवाधिकार दिवस’ के रूप में मनाया जाता है।
- इसी दिन 1948 में संयुक्त राष्ट्र महासभा द्वारा ‘मानवाधिकारों की सार्वभौमिक घोषणा’ (UDHR) स्वीकार की गई थी।
- इस दिवस की औपचारिक स्थापना महासभा द्वारा वर्ष 1950 में की गई थी।
- विश्व स्वास्थ्य दिवस 7 अप्रैल को, यू.एन. दिवस 24 अक्टूबर को तथा मजदूर दिवस 1 मई को मनाया जाता है।
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21. मानव अधिकारों की अवधारणा का प्रमुख बल है-
(a) सम्पत्ति के अधिकार पर
(b) समानता के अधिकार पर
(c) धर्म के अधिकार पर
(d) मानव होने के नाते मानव-गरिमा पर
[U.P.P.C.S. (Mains) 2014]
उत्तर- (d) मानव होने के नाते मानव-गरिमा पर
- मानव अधिकारों की सार्वभौमिक घोषणा की प्रस्तावना में “मानव जाति की जन्मजात गरिमा और सम्मान तथा अधिकारों पर बल दिया गया है।
- अतः मानव अधिकारों की अवधारणा का प्रमुख बल मानव होने के नाते मानव गरिमा पर है।
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22. निम्नांकित में से कौन-सा एक संयुक्त राष्ट्र द्वारा सूचीबद्ध मानवाधिकारों में से नहीं है?
(a) स्वतंत्रता और समानता
(b) जीवन तथा स्वतंत्रता का अधिकार
(c) शिक्षा का अधिकार
(d) निजता का अधिकार
[Jharkhand P.C.S. (Mains) 2016]
उत्तर- (d) निजता का अधिकार
- मानवाधिकारों की सार्वभौमिक घोषणा का प्रारूप संयुक्त राष्ट्र महासभा ने 10 दिसंबर, 1948 को स्वीकार किया।
- मानवाधिकारों की सार्वभौमिक घोषणा के अनुच्छेद 12 के अनुसार, किसी व्यक्ति की एकांतता, परिवार, घर या पत्रव्यवहार के प्रति कोई मनमाना हस्तक्षेप न किया जाएगा, न किसी के सम्मान और ख्याति पर कोई आक्षेप हो सकेगा।
- ऐसे हस्तक्षेप के विरुद्ध प्रत्येक को कानूनी रक्षा का अधिकार प्राप्त है।
- अतः स्पष्ट है कि मनमाने हस्तक्षेप से कानूनी रक्षा का अधिकार है, जबकि विधिसम्मत हस्तक्षेप किया जा सकता है।
- इस घोषणा के अनु. 1 के अनुसार, सभी मनुष्यों को गौरव और अधिकारों के मामले में जन्मजात स्वतंत्रता और समानता प्राप्त है।
- अनु. 3 के तहत प्रत्येक व्यक्ति को जीवन, स्वतंत्रता और वैयक्तिक सुरक्षा का अधिकार है तथा अनु. 26 के तहत प्रत्येक व्यक्ति को शिक्षा का अधिकार है।
- अतः विकल्प (d) सही उत्तर है।
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23. निम्नलिखित में से किसे द्वितीय पीढ़ी का मानव अधिकार समझा जाता है?
(a) काम का अधिकार
(b) शिक्षा का अधिकार
(c) स्वतंत्रता का अधिकार
(d) समता का अधिकार
[U.P. U.D.A./L.D.A. (Spl.) (Pre) 2010]
उत्तर- (a & b) काम का अधिकार & शिक्षा का अधिकार
- संयुक्त राष्ट्र संघ की मानवाधिकारों की सार्वभौमिक घोषणा, 1948 के अनुच्छेद 1 से 21 तक के उल्लिखित अधिकारों को प्रथम पीढ़ी के मानव अधिकार (नागरिक एवं राजनीतिक मानव अधिकार) समझा जाता है, जबकि अनुच्छेद 22 से 27 तक उल्लिखित अधिकारों को द्वितीय पीढ़ी के मानवाधिकार (आर्थिक, सामाजिक और सांस्कृतिक मानव अधिकार) माना जाता है।
- अनुच्छेद 23 में काम का अधिकार एवं अनुच्छेद 26 में शिक्षा का अधिकार, मानवाधिकार के रूप में शामिल है।
- अतः प्रश्न के अनुसार काम का अधिकार व शिक्षा का अधिकार दोनों द्वितीय पीढ़ी के मानवाधिकार हैं।
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24. सभी प्रकार के सामाजिक विभेद का उन्मूलन मानवाधिकार की किस पीढ़ी के अंतर्गत आता है?
(a) पहली पीढ़ी
(b) दूसरी पीढ़ी
(c) तीसरी पीढ़ी
(d) चौथी पीढ़ी
[Jharkhand P.C.S. (Pre) 2017]
उत्तर- (b) दूसरी पीढ़ी
- सभी प्रकार के सामाजिक विभेद (आर्थिक, सामाजिक और सांस्कृतिक) का उन्मूलन मानवाधिकार की दूसरी पीढ़ी के अंतर्गत आता है।
- जबकि पहली पीढ़ी में नागरिक और राजनीतिक स्वतंत्रता का अधिकार तथा तीसरी पीढ़ी में एकजुटता का अधिकार तथा समूह में शामिल होने के अधिकारों आदि का उल्लेख है।
- हालांकि झारखंड लोक सेवा आयोग का उत्तर विकल्प (c) था।
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25. निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिए :
1. ‘शहर का अधिकार’ एक सम्मत मानव अधिकार है तथा इस संबंध में, संयुक्त राष्ट्र हैबिटेट (यू.एन. हैबिटेट) प्रत्येक देश द्वारा की गई प्रतिबद्धताओं को मॉनिटर करता है।
2. ‘शहर का अधिकार’ शहर के प्रत्येक निवासी को शहर में सार्वजनिक स्थानों को वापस लेने (रीक्लेम) एवं सार्वजनिक सहभागिता का अधिकार देता है।
3. ‘शहर का अधिकार’ का आशय यह है कि राज्य, शहर की अनधिकृत बस्तियों को किसी भी लोक सेवा अथवा सुविधा से वंचित नहीं
उपर्युक्त कथनों में से कौन-सा कौन-से सही है/हैं?
(a) केवल 1
(b) केवल 3
(c) 1 और 2
(d) 2 और 3
[I.A.S. (Pre) 2021]
उत्तर- (d) 2 और 3
- ‘शहर का अधिकार’ (Right to The City) का विचार एवं स्लोगन सर्वप्रथम फ्रांसीसी विचारक एवं समाजविज्ञानी हेनरी लेफेबवर (Henri Lefebvre) द्वारा 1968 में प्रस्तुत किया गया था।
- लैटिन अमेरिकी और यूरोपीय देशों में सामाजिक आंदोलनों द्वारा इसे लोकप्रिय किया गया।
- ‘शहर का अधिकार’ वस्तुतः एक शहरी विकास का मॉडल है, जो सभी नागरिकों को शामिल करता है।
- शहर का अधिकार’ शहर के सभी निवासियों (आप्रवासियों, मलिन बस्ती निवासियों एवं बेघरों सहित) के लिए शहरी जीवन तक समान पहुंच को मूलभूत मानव अधिकार के रूप में मान्यता देता है।
- यह शहर के प्रत्येक निवासी को शहर में सार्वजनिक स्थानों को वापस लेने (Reclaim) एवं सार्वजनिक सहभागिता का अधिकार देता है तथा इसका तात्पर्य यह है कि राज्य, शहरों में लोक सेवाएं और सुविधाएं उपलब्ध कराने के संदर्भ में वैध बस्तियों एवं अनधिकृत बस्तियों के निवासियों में कोई भेदभाव नहीं कर सकता अर्थात राज्य, शहर की अनधिकृत बस्तियों को किसी भी लोक सेवा अथवा सुविधा (यथा-जलापूर्ति) से वंचित नहीं कर सकता।
- इस प्रकार कथन 2 एवं 3 सही हैं।
- जहां तक कथन 1 का प्रश्न है, तो अक्टूबर, 2016 में क्विटो (इक्वेडोर) में संपन्न आवासन एवं सतत शहरी विकास पर संयुक्त राष्ट्र सम्मेलन ‘हैबिटेट-III’ (UN Conference on Housing and Sustainable Urban Development: Habitat III) में अपनाए गए ‘नए शहरी एजेंडा’ (NUA : New Urban Agenda) में यद्यपि ‘शहर के अधिकार’ को शामिल किया गया, तथापि इसे स्पष्ट रूप से सार्वभौमिक मानव अधिकार के रूप में मान्यता नहीं दी गई।
- इसके बजाए इस एजेंडे में सरकारों को अपने कानूनों में ‘शहर के अधिकार’ को शामिल करने हेतु प्रोत्साहित किए जाने पर बल दिया गया।
- इस प्रकार कथन 1 सही नहीं है।
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26. 1993 में राष्ट्रपति द्वारा मानवाधिकार संरक्षण अध्यादेश जारी किया गया था-
(a) अनुच्छेद 123
(b) अनुच्छेद 124
(c) अनुच्छेद 125
(d) अनुच्छेद 127
[M.P.P.C.S. (Pre) 2015]
उत्तर- (a) अनुच्छेद 123
- भारतीय संविधान के अनुच्छेद 123 के तहत राष्ट्रपति को यह अधिकार है कि संसद के सत्र में न होने की स्थिति में वह अध्यादेश जारी कर सकता है।
- 28 सितंबर, 1993 को इसी अनुच्छेद के तहत राष्ट्रपति ने मानवाधिकार संरक्षण अध्यादेश जारी किया था।
- इसे मानवाधिकार संरक्षण अधिनियम, 1993 से प्रतिस्थापित किया गया।
- उल्लेखनीय है कि यद्यपि यह अधिनियम राष्ट्रपति की स्वीकृति के बाद 8 जनवरी, 1994 को अधिसूचित किया गया था तथापि इसे तत्संबंधी अध्यादेश जारी होने की तिथि (28 सितंबर, 1993) से प्रभावी किया गया।
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27. मानव अधिकार संरक्षण अधिनियम के संबंध में कौन-सा कथन सही है?
(a) यह अधिनियम 23 सितंबर, 1993 को प्रवृत्त हुआ।
(b) यह अधिनियम 28 सितंबर, 1993 को प्रवृत्त हुआ।
(c) यह अधिनियम 23 सितंबर, 1995 को प्रवृत्त हुआ।
(d) यह अधिनियम 28 सितंबर, 1995 को प्रवृत्त हुआ।
[M.P.P.C.S. (Pre) 2018]
उत्तर- (b) यह अधिनियम 28 सितंबर, 1993 को प्रवृत्त हुआ।
- 28 सितंबर, 1993 को अनुच्छेद 123 के तहत राष्ट्रपति ने मानवाधिकार संरक्षण अध्यादेश जारी किया था।
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28. मानव अधिकार संरक्षण अधिनियम, 1993 का उद्देश्य था ?
(a) मानव अधिकारों को बेहतर संरक्षण
(b) मानव अधिकार सुरक्षा आयोग का गठन
(c) राज्य में मानव अधिकार सुरक्षा आयोग का गठन
(d) उपर्युक्त सभी
[M.P.P.C.S. (Pre) 2015]
उत्तर- (d) उपर्युक्त सभी
- मानव अधिकार संरक्षण अधिनियम, 1993 भारत में मानव अधिकारों के बेहतर संरक्षण के लिए राष्ट्रीय मानव अधिकार आयोग, राज्यों में मानव अधिकार आयोगों और मानव अधिकार न्यायालयों का गठन करने तथा उससे संबंधित या आनुषंगिक विषयों को समाविष्ट करने हेतु अधिनियमित किया गया था।
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29. मानव अधिकार संरक्षण अधिनियम, 1993 की किस धारा में ‘लोक सेवक’ की परिभाषा दी गई है?
(a) धारा 2
(b) धारा 3
(c) धारा 2(h)
(d) धारा 2(m)
[M.P.P.C.S. (Pre) 2016]
उत्तर- (d) धारा 2(m)
- मानव अधिकार संरक्षण अधिनियम, 1993 की धारा 2 परिभाषाओं से संबंधित है।
- धारा 2(1) (m) में ‘लोक सेवक’ को परिभाषित किया गया है।
- इसके अनुसार, भारतीय दंड संहिता (IPC) की धारा 21 में शामिल लोग सरकारी सेवक माने जाएंगे।
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30. मानव अधिकार संरक्षण अधिनियम में सशस्त्र बल की परिभाषा में निम्नलिखित में से कौन-सा शामिल नहीं है?
(a) नौसेना
(b) राज्य के सशस्त्र बल
(c) थल सेना
(d) वायु सेना
[M.P.P.C.S. (Pre) 2018]
उत्तर- (b) राज्य के सशस्त्र बल
- मानव अधिकार संरक्षण अधिनियम, 1993 की धारा 2(1)(a) के तहत ‘सशस्त्र बल’ (Armed Forces) की परिभाषा के अंतर्गत नौसेना, सेना (थल सेना) और वायु सेना और संघ का कोई अन्य सशस्त्र बल शामिल हैं।
- उल्लेखनीय है कि यह अधिनियम 28 सितंबर, 1993 को प्रवृत्त हुआ।
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31. राष्ट्रीय मानव अधिकार आयोग के अध्यक्ष एवं सदस्यों की नियुक्ति समिति में निम्न में से कौन सदस्य नहीं होता है?
(a) लोक सभा का अध्यक्ष
(b) राज्य सभा का सभापति
(c) लोक सभा में विपक्ष का नेता
(d) राज्य सभा में विपक्ष का नेता
[M.P.P.C.S. (Pre) 2014]
उत्तर- (b) राज्य सभा का सभापति
- राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग के अध्यक्ष एवं सदस्यों की नियुक्ति के लिए प्रधानमंत्री की अध्यक्षता में एक समिति गठित की जाती है।
- जिसके सदस्य निम्नवत हैं-
1. प्रधानमंत्री
2. गृह मंत्री
3. लोक सभा में विपक्ष के नेता
4. राज्य सभा में विपक्ष के नेता
5. लोक सभा अध्यक्ष
6. राज्य सभा के उप-सभापति
- इस समिति की सिफारिश पर राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग के अध्यक्ष एवं सदस्यों की नियुक्ति राष्ट्रपति द्वारा की जाती है।
- राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग का गठन 12 अक्टूबर, 1993 को किया गया।
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32. कौन राष्ट्रीय मानव अधिकार आयोग का पदेन सदस्य नहीं है?
(a) राष्ट्रीय अल्पसंख्यक आयोग का अध्यक्ष
(b) भारतीय विधि आयोग का अध्यक्ष
(c) राष्ट्रीय अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति आयोग का अध्यक्ष
(d) राष्ट्रीय महिला आयोग का अध्यक्ष
[M.P.P.C.S. (Pre) 2018]
उत्तर- (b) भारतीय विधि आयोग का अध्यक्ष
- मानवाधिकार संरक्षण (संशोधन) अधिनियम, 2019 के अनुसार, राष्ट्रीय मानव अधिकार आयोग के पदेन सदस्य के रूप में राष्ट्रीय पिछड़ा वर्ग आयोग, राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग, राष्ट्रीय अल्पसंख्यक आयोग, राष्ट्रीय अनुसूचित जाति आयोग, राष्ट्रीय अनुसूचित जनजाति आयोग और राष्ट्रीय महिला आयोग के अध्यक्ष तथा दिव्यांगजनों संबंधी मुख्य आयुक्त शामिल होते हैं।
- ये इस अधिनियम की धारा 12 के खंड (ख) से खंड (ञ) में विनिर्दिष्ट कृत्यों के निर्वहन के लिए आयोग के सदस्य समझे जाएंगे।
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33. मानव अधिकार संरक्षण अधिनियम के संबंध में निम्नलिखित में से कौन-सा कथन सही नहीं है?
(a) अध्यक्ष पांच वर्ष की अवधि तक पद धारित करता है।
(b) आयोग के सदस्य पांच वर्ष की अवधि तक पद धारित करते हैं।
(c) सदस्य पांच वर्षों की दूसरी अवधि के पुनर्नियुक्ति हेतु पात्र नहीं होता है।
(d) अध्यक्ष या सदस्य, भारत सरकार या किसी राज्य की सरकार के अधीन आगे और नियुक्ति के लिए अपात्र होते हैं।
[M.P.P.C.S. (Pre) 2019]
उत्तर- (c) सदस्य पांच वर्षों की दूसरी अवधि के पुनर्नियुक्ति हेतु पात्र नहीं होता है।
- मानवाधिकार संरक्षण (संशोधन) अधिनियम, 2019 के द्वारा 1993 के अधिनियम में संशोधन कर मानवाधिकार आयोग के अध्यक्ष एवं सदस्यों का कार्यकाल 5 वर्ष से घटाकर 3 वर्ष (या 70 वर्ष की आयु तक, जो भी पहले हो) कर दिया गया है।
- इसके अलावा अब अध्यक्ष एवं सदस्य दोनों ही पुनर्नियुक्ति के पात्र हैं, जबकि पहले अध्यक्ष पुनर्नियुक्ति का पात्र नहीं था।
- इस प्रकार कथन (a), (b) और (c) सही नहीं है।
- जबकि मानवाधिकार संरक्षण अधिनियम, 1993 के अनुसार, अध्यक्ष या कोई सदस्य, अपने पद पर न रह जाने पर, भारत सरकार के अधीन या किसी राज्य सरकार के अधीन किसी भी और नियोजन का पात्र नहीं होगा।
- अतः कथन (d) सही है।
- संशोधन से पूर्व मानव अधिकार संरक्षण अधिनियम, 1993 के अनुसार, अध्यक्ष पदग्रहण की तारीख से 5 वर्ष की अवधि तक या 70 वर्ष की आयु जो भी पहले हो, पद धारित करता था जबकि सदस्य पांच वर्ष की अवधि तक (आयु सीमा 70 वर्ष तक) पद धारण करता था तथा 5 वर्ष की और अवधि के लिए पुनर्नियुक्ति का पात्र था।
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34. राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग के अध्यक्ष का कार्यकाल होता है-
(a) 3 वर्ष
(b) 4 वर्ष
(c) 5 वर्ष
(d) 6 वर्ष
[M.P.P.C.S. (Pre) 2017]
उत्तर- (a) 3 वर्ष
- मानवाधिकार संरक्षण (संशोधन) अधिनियम, 2019 के द्वारा 1993 के अधिनियम में संशोधन कर मानवाधिकार आयोग के अध्यक्ष एवं सदस्यों का कार्यकाल 5 वर्ष से घटाकर 3 वर्ष (या 70 वर्ष की आयु तक, जो भी पहले हो) कर दिया गया है।
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35. भारत के राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग के विषय में निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिए –
(1) इसका अध्यक्ष अनिवार्य रूप से भारत का सेवानिवृत्त मुख्य न्यायमूर्ति होना चाहिए।
(2) इसकी प्रत्येक राज्य में राज्य मानवाधिकार आयोग के नाम से संस्थापनाएं हैं।
(3) इसकी शक्तियां केवल सिफारिशी प्रकृति की हैं।
(4) आयोग के एक सदस्य के रूप में एक महिला को नियुक्त करना आज्ञापरक है।
इन कथनों में कौन-कौन से सही हैं?
(a) 3 तथा 4
(b) 2 तथा 4
(c) 2 तथा 3
(d) 1 तथा 3
[I.A.S. (Pre) 1999]
उत्तर- (a) 3 तथा 4
- मानवाधिकार संरक्षण (संशोधन) अधिनियम, 2019 द्वारा 1993 के अधिनियम में संशोधन कर उच्चतम न्यायालय का मुख्य न्यायाधीश या न्यायाधीश रहे व्यक्तियों को राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग के अध्यक्ष के रूप में नियुक्त किए जाने का पात्र बनाया गया है।
- इसके अलावा आयोग के गैर-न्यायिक सदस्यों (सिविल सोसाइटी) की संख्या को दो से बढ़ाकर तीन किया गया है, जिसमें कम-से-कम एक सदस्य का महिला होना अनिवार्य है।
- आयोग की शक्तियां सिफारिशी प्रकृति की हैं।
- राज्य मानवाधिकार आयोग 1993 के अधिनियम के तहत संबंधित राज्य सरकार द्वारा गठित किए जाते हैं, न कि ये राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग की संस्थापनाएं हैं।
- अतः वर्तमान परिप्रेक्ष्य में कथन (3) एवं (4) ही सत्य है।
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36. निम्न पर विचार कीजिए और नीचे दिए कूट से सही उत्तर चुनिएः
कथन (A): राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग का अध्यक्ष वह व्यक्ति होता है जो भारत का मुख्य न्यायाधीश रह चुका हो।
कारण (R): उक्त आयोग के अध्यक्ष का कार्यकाल 5 वर्ष अथवा 70 वर्ष की आयुपर्यंत पर (जो भी पहले हो) धारित करता है।
कूट :
(a) (A) सही है, किंतु (R) गलत है।
(b) (A) गलत है, किंतु (R) सही है।
(c) (A) तथा (R) दोनों सही हैं।
(d) (A) तथा (R) दोनों गलत हैं।
[U.P.P.C.S. (Pre) (Re-Exam) 2015]
उत्तर- (d) (A) तथा (R) दोनों गलत हैं।
- मानवाधिकार संरक्षण (संशोधन) अधिनियम, 2019 के द्वारा 1993 के अधिनियम में हुए संशोधन के अनुसार, राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग का अध्यक्ष ऐसा व्यक्ति हो सकता है, जो सर्वोच्च न्यायालय का मुख्य न्यायाधीश या न्यायाधीश रहा हो।
- आयोग के अध्यक्ष का कार्यकाल भी 5 वर्ष से घटाकर 3 वर्ष अथवा 70 वर्ष की आयु तक (जो भी पहले हो) कर दिया गया है।
- अतः वर्तमान परिप्रेक्ष्य में विकल्प (d) सही उत्तर है।
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37. निम्नलिखित में से कौन राजस्थान राज्य मानव अधिकार आयोग के अध्यक्ष पद पर नियुक्ति हेतु अधिकृत है?
(a) मुख्य सचिव स्तर का अधिकारी
(b) उच्च न्यायालय का मुख्य न्यायाधीश
(c) प्रमुख समाज सेवी व्यक्ति
(d) पुलिस महानिदेशक स्तर का अधिकारी
[R.A.S./R.T.S. (Pre) 2021]
उत्तर- (b) उच्च न्यायालय का मुख्य न्यायाधीश
- मानवाधिकार संरक्षण (संशोधन) अधिनियम, 2019 द्वारा यथासंशोधित मानवाधिकार संरक्षण अधिनियम, 1993 के प्रावधानों के अनुसार, राज्य के उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश अथवा उच्च न्यायालय के न्यायाधीश रहे कोई व्यक्ति ही राज्य मानवाधिकार आयोग के अध्यक्ष के रूप में नियुक्त किए जा सकने हेतु पात्र हैं।
- राज्य मानवाधिकार आयोग के अध्यक्ष एवं सदस्यों की नियुक्ति संबंधित राज्य के राज्यपाल द्वारा की जाती है।
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38. राज्य मानव अधिकार आयोग के अध्यक्ष और सदस्यों की नियुक्ति निम्न में से किसके द्वारा की जाती है?
(a) राष्ट्रपति
(b) राज्यपाल
(c) उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायमूर्ति
(d) उपरोक्त में से कोई नहीं
[M.P.P.C.S. (Pre) 2014]
उत्तर- (b) राज्यपाल
- मानव अधिकार संरक्षण अधिनियम, 1993 की धारा 22 के तहत राज्य मानव अधिकार आयोग के अध्यक्ष और सदस्यों की नियुक्ति राज्यपाल द्वारा की जाती है।
- राज्यपाल द्वारा यह नियुक्तियां एक समिति की सिफारिशों के आधार पर की जाती हैं, जिसमें मुख्यमंत्री अध्यक्ष होते हैं तथा सदस्यों के रूप में विधानसभा अध्यक्ष, राज्य गृह मंत्री और विधानसभा में विपक्ष का नेता शामिल होते हैं।
- परंतु जहां किसी राज्य में विधान परिषद है, वहां उस परिषद का सभापति और उस परिषद में विपक्ष का नेता भी समिति के सदस्य होते हैं।
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39. राज्य मानव अधिकार आयोग में सदस्य के रूप में उच्च न्यायालय का कोई आसीन न्यायाधीश या कोई आसीन जिला न्यायाधीश किसके परामर्श के पश्चात नियुक्त किया जा सकता है?
(a) राज्यपाल
(b) संबंधित राज्य के उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश
(c) भारतीय उच्चतम न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश
(d) राष्ट्रपति
[M.P.P.C.S. (Pre) 2018]
उत्तर- (b) संबंधित राज्य के उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश
- मानव अधिकार संरक्षण अधिनियम, 1993 की धारा 22(1) के तृतीय परंतुक के अनुसार, राज्य मानव अधिकार आयोग में सदस्य के रूप में उच्च न्यायालय का कोई आसीन न्यायाधीश या कोई आसीन जिला न्यायाधीश संबंधित राज्य के उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायमूर्ति से परामर्श करने के पश्चात ही नियुक्त किया जाएगा अन्यथा नहीं।
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40. राज्य आयोग के अध्यक्ष के पद पर हुई रिक्ति की दशा में, किसी एक सदस्य को अध्यक्ष के रूप में कार्य करने के लिए प्राधिकृत करने की शक्ति किसे है?
(a) उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश
(b) राष्ट्रपति
(c) राष्ट्रीय मानव अधिकार आयोग के अध्यक्ष
(d) राज्यपाल
[M.P.P.C.S. (Pre) 2018]
उत्तर- (d) राज्यपाल
- मानव अधिकार संरक्षण अधिनियम, 1993 की धारा 25 के अनुसार, राज्य आयोग (राज्य मानव अधिकार आयोग) के अध्यक्ष की मृत्यु, पदत्याग या अन्य कारण से उसके पद में हुई रिक्ति की दशा में, राज्यपाल, अधिसूचना द्वारा, सदस्यों में से किसी एक सदस्य को अध्यक्ष के रूप में तब तक कार्य करने के लिए प्राधिकृत कर सकेगा, जब तक ऐसी रिक्ति को भरने के लिए अध्यक्ष की नियुक्ति नहीं हो जाती।
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41. निम्न में से कौन-सा एक राज्य मानव अधिकार आयोग का कार्य नहीं है?
(a) मानव अधिकार के उल्लंघन की स्वेच्छा से जांच।
(b) किसी जेल को देखना।
(c) मानव अधिकारों की सुरक्षा का पुनर्विलोकन करना।
(d) मानव अधिकारों का उल्लंघन करने वालों को सजा देना।
[R.A.S./R.T.S. (Pre) 2013]
उत्तर- (d) मानव अधिकारों का उल्लंघन करने वालों को सजा देना।
- मानव अधिकारों का उल्लंघन करने वालों को सजा देना राज्य मानवाधिकार आयोग का कार्य नहीं है।
- अन्य सभी विकल्प राज्य मानवाधिकार आयोग के कार्यों के अंतर्गत आते हैं।
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42. राज्य आयोग अपना वार्षिक प्रतिवेदन किसके समक्ष प्रस्तुत करता है?
(a) राज्यपाल
(b) राज्य सरकार
(c) उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश
(d) भारत के मुख्य न्यायाधीश
[M.P.P.C.S. (Pre) 2018]
उत्तर- (b) राज्य सरकार
- मानव अधिकार संरक्षण अधिनियम, 1993 के अनुसार ‘राज्य आयोग’ (State Commission) से तात्पर्य राज्य मानव अधिकार आयोग से है।
- यह आयोग, राज्य सरकार को वार्षिक प्रतिवेदन प्रस्तुत करता है।
- राज्य सरकार इस प्रतिवेदन को विधानमंडल के सदन/सदनों के समक्ष रखवाता है।
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43. आयोग, राज्य आयोग का प्रत्येक सदस्य एवं मानव अधिकार संरक्षण अधिनियम के अधीन कृत्यों का प्रयोग करने के लिए आयोग या राज्य आयोग द्वारा नियुक्त या प्राधिकृत प्रत्येक अधिकारी समझा जाता है?
(a) लोक अधिकारी
(b) लोक सेवक
(c) आयोग का अधिकारी
(d) उपर्युक्त में से कोई नहीं
[M.P.P.C.S. (Pre) 2018]
उत्तर- (b) लोक सेवक
- मानव अधिकार संरक्षण अधिनियम, 1993 की धारा 39 के तहत राष्ट्रीय मानव अधिकार आयोग, राज्य आयोग का प्रत्येक सदस्य एवं मानव अधिकार संरक्षण अधिनियम के अधीन कृत्यों का प्रयोग करने के लिए आयोग या राज्य आयोग द्वारा नियुक्त या प्राधिकृत प्रत्येक अधिकारी भारतीय दंड संहिता की धारा 21 के अर्थ में ‘लोक सेवक’ समझा जाता है।
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44. मानव अधिकार न्यायालयों में मामलों के संचालन के प्रयोजनार्थ राज्य सरकार एक अधिवक्ता को विशिष्ट लोक अभियोजक के रूप में विनिर्दिष्ट कर सकती है, जो कम-से-कम तक प्रैक्टिस में रहा है। वर्षों
(a) पांच
(b) छ:
(c) दस
(d) सात
[M.P.P.C.S. (Pre) 2019]
उत्तर- (d) सात
- मानव अधिकार संरक्षण अधिनियम, 1993 की धारा 31 के अनुसार राज्य सरकार, प्रत्येक मानव अधिकार न्यायालय के लिए, अधिसूचना द्वारा एक लोक अभियोजक विनिर्दिष्ट करेगी या किसी ऐसे अधिवक्ता को, जिसने कम-से-कम सात वर्ष तक अधिवक्ता के रूप में विधि-व्यवसाय किया हो, उस न्यायालय में मामलों के संचालन के प्रयोजन के लिए, विशेष लोक अभियोजक के रूप में नियुक्त करेगी।
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45. भारतीय दंड संहिता की धारा 175, धारा 178, धारा 179, धारा 180 या धारा 228 में वर्णित अपराध के संदर्भ में मानव अधिकार आयोग को समझा जाता है-
(a) आपराधिक न्यायालय
(b) सिविल न्यायालय
(c) रेवेन्यू न्यायालय
(d) उपर्युक्त में से कोई नहीं
[M.P.P.C.S. (Pre) 2018]
उत्तर- (b) सिविल न्यायालय
- मानव अधिकार संरक्षण अधिनियम, 1993 की धारा 13(4) के अंतर्गत भारतीय दंड संहिता की धारा 175, धारा 178, धारा 179, धारा 180 या धारा 228 में वर्णित अपराध के संदर्भ में मानव अधिकार आयोग को सिविल न्यायालय समझा जाता है।
- साथ ही 1993 के अधिनियम की धारा 13(5) के तहत मानव अधिकार आयोग के समक्ष प्रत्येक कार्यवाही को भारतीय दंड संहिता की धारा 193 और धारा 228 के अर्थ में तथा धारा 196 के प्रयोजनों के लिए न्यायिक कार्यवाही समझा जाता है और आयोग को दंड प्रक्रिया संहिता, 1973 की धारा 195 और अध्याय 26 के सभी प्रयोजनों के लिए सिविल न्यायालय समझा जाता है।
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46. सशस्त्र बलों के सदस्यों द्वारा मानव अधिकारों के अतिक्रमण की शिकायतों के बारे में आयोग स्वप्रेरणा से या किसी अर्जी की प्राप्ति पर-
(a) स्वयं जांच करेगा
(b) जांच करने हेतु संबंधित पुलिस अधिकारियों को निर्देशित कर सकेगा
(c) केंद्रीय सरकार से रिपोर्ट मांग सकेगा
(d) उपर्युक्त में से कोई नहीं
[M.P.P.C.S. (Pre) 2018]
उत्तर- (c) केंद्रीय सरकार से रिपोर्ट मांग सकेगा
- मानव अधिकार संरक्षण अधिनियम, 1993 की धारा 19 के अनुसार, आयोग, सशस्त्र बलों के सदस्यों द्वारा मानव अधिकारों के अतिक्रमण की शिकायतों के बारे में कार्रवाई करते समय निम्नलिखित प्रक्रिया अपनाएगा, अर्थात (क) आयोग स्वप्रेरणा से या किसी अर्जी की प्राप्ति पर केंद्रीय सरकार से रिपोर्ट मांग सकेगा (ख) रिपोर्ट की प्राप्ति के पश्चात आयोग, यथास्थिति, शिकायत के बारे में कोई कार्रवाई नहीं करेगा या उस सरकार को अपनी सिफारिशें कर सकेगा।
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47. निम्न में से कौन-सी एक संवैधानिक संस्था नहीं है?
(a) मानवाधिकार आयोग
(b) राज्य का वित्त आयोग
(c) लोक सभा का सचिवालय
(d) केंद्र का वित्त आयोग
[U.P. P.C.S. (Mains) 2007]
उत्तर- (a) मानवाधिकार आयोग
- मानवाधिकार आयोग संविधानेत्तर संस्था है, जिसका गठन मानवाधिकार संरक्षण अधिनियम, 1993 द्वारा किया गया है।
- अन्य तीनों संस्थाओं का उल्लेख संविधान में है (राज्य वित्त आयोग अनु. 243झ एवं 243म; संसद का सचिवालय अनु. 98; केंद्रीय वित्त आयोग अनु. 280 एवं 281)।
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48. निम्न में से किस एक की प्रास्थिति अन्य तीनों से भिन्न है?
(a) पिछड़ी जाति आयोग
(b) वित्त आयोग
(c) राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग
(d) निर्वाचन आयोग
[U.P. P.C.S. (Mains) 2004]
उत्तर- (c) राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग
- राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग एक संविधानेत्तर निकाय है, जबकि अन्य तीनों (राष्ट्रीय पिछड़ा वर्ग आयोग आयोग अनु. 338B तथा पिछड़े वर्गों की दशाओं के अन्वेषण के लिए आयोग की नियुक्ति-अनु. 340; वित्त आयोग अनु. 280 एवं निर्वाचन आयोग अनु. 324) संवैधानिक निकाय हैं।
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49. निम्नलिखित में से कौन सही सुमेलित नहीं है?
संस्थाएं स्थापना
(a) अंतर-राज्य परिषद – 1990
(b) राष्ट्रीय विकास परिषद – 1954
(c) केंद्रीय सतर्कता आयोग – 1964
(d) राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग – 1993
[U.P.R.O./A.R.O. (Pre) (Re-Exam) 2016]
उत्तर- (b) राष्ट्रीय विकास परिषद – 1954
- सही सुमेलित हैं-
संस्थाएं स्थापना
अंतर-राज्य परिषद 1990
राष्ट्रीय विकास परिषद 1952
केंद्रीय सतर्कता आयोग 1964
राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग 1993
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50. संविधान पुनरीक्षण के लिए नियुक्त राष्ट्रीय आयोग से संबंधित निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिए-
1. इसकी रिपोर्ट अनुशंसात्मक प्रकृति की होगी।
2. इसकी नियुक्ति संसद के अनुमोदन से हुई है।
3. इसकी अध्यक्षता जस्टिस एम. एन. वेंकटचेलैया कर रहे हैं।
4. यह देश की सामाजिक-आर्थिक आवश्यकताओं पर अपना ध्यान केंद्रित करेगा।
इन कथनों में से कौन-कौन से सही हैं?
(a) 1 तथा 2
(b) 1 तथा 3
(c) 1, 2 तथा 3
(d) 2, 3 तथा 4
[U.P.P.C.S. (Pre) 2003, U.P.U.D.A./L.D.A. (Pre) 2002]
उत्तर- (b) 1 तथा 3
- संविधान के पुनरीक्षण के लिए आयोग की नियुक्ति 22 फरवरी, 2000 को जस्टिस एम.एन. वेंकटचेलैया की अध्यक्षता में केंद्रीय सरकार द्वारा की गई थी न कि संसद द्वारा। इसका कार्य संविधान के विगत 50 वर्षों के कार्यान्वयन की समीक्षा करना और आज के समय में इसकी प्रभावशीलता का आकलन करना था।
- आयोग ने अपनी अंतिम रिपोर्ट 31 मार्च, 2002 को पेश की।
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51. केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड का अध्यक्ष कौन है?
(a) राष्ट्रपति
(b) उपराष्ट्रपति
(c) प्रधानमंत्री
(d) पर्यावरण मंत्री
[M.P.P.C.S. (Pre) 2015]
उत्तर- (d) पर्यावरण मंत्री
- जल (प्रदूषण निवारण एवं नियंत्रण) अधिनियम, 1974 के प्रावधानों के तहत केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (CPCB) का गठन सितंबर, 1974 में किया गया।
- इस अधिनियम के अनुसार, केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड का एक पूर्णकालिक अध्यक्ष होगा तथा केंद्र सरकार द्वारा पर्यावरण से संबंधित मामलों में विशेष ज्ञान या व्यावहारिक अनुभव वाले व्यक्ति को अथवा पर्यावरण से संबंधित संस्थानों के प्रशासन के ज्ञान और अनुभव वाले व्यक्ति को इसका अध्यक्ष नामित किया जाएगा।
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52. स्वर्ण सिंह समिति ने जिस प्रश्न पर विचार किया वह था-
(a) जम्मू-कश्मीर के प्रतिरूप पंजाब को अधिक स्वायत्तता
(b) भारत के लिए राष्ट्रपतिमूलक शासन की उपयुक्तता
(c) मूल अधिकारों की तुलना में निदेशक तत्वों को अग्रता
(d) प्रशासनिक सुधार
[I.A.S. (Pre) 1993]
उत्तर- (c) मूल अधिकारों की तुलना में निदेशक तत्वों को अग्रता
- 1976 में कांग्रेस ने सरदार स्वर्ण सिंह की अध्यक्षता में एक समिति का गठन किया।
- इसे तत्समय संविधान संशोधन समिति के नाम से जाना गया।
- 42वां संविधान संशोधन, 1976, इसी समिति की सिफारिशों का परिणाम है।
- इसने भारत के लिए राष्ट्रपतीय प्रणाली पर विचार करते हुए इसे अनुपयुक्त बताया था, तथापि इसने मुख्य रूप से जिस प्रश्न पर विचार किया, वह था-मूल अधिकारों की तुलना में निदेशक तत्वों की अग्रता।
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53. केंद्रीय सतर्कता आयोग की स्थापना किसकी अनुशंसा पर की गई?
(a) गोरवाला प्रतिवेदन
(b) कृपलानी समिति
(c) संथानम समिति
(d) भारतीय प्रशासनिक सुधार आयोग
[R.A.S./R.T.S. (Pre) 2018]
उत्तर- (c) संथानम समिति
- केंद्रीय सतर्कता आयोग की स्थापना संथानम समिति की सिफारिशों पर केंद्र सरकार ने फरवरी, 1964 में की।
- राष्ट्रपति द्वारा एक अध्यादेश जारी किए जाने के फलस्वरूप केंद्रीय सतर्कता आयोग को 25 अगस्त, 1998 से सांविधिक दर्जा देकर एक बहुसदस्यीय आयोग बना दिया गया।
- केंद्रीय सतर्कता आयोग अधिनियम वर्ष 2003 में संसद द्वारा अधिनियमित किया गया, जिसके तहत इसमें अध्यक्ष के रूप में केंद्रीय सतर्कता आयुक्त (CVC) के साथ दो से अनधिक सतर्कता आयुक्त सदस्य होते हैं।
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54. भारतीय संविधान का कौन-सा अनुच्छेद केंद्रीय सतर्कता आयोग का वर्णन करता है?
(a) अनुच्छेद 268
(b) अनुच्छेद 280
(c) अनुच्छेद 276
(d) उपर्युक्त में से कोई नहीं
[U.P.P.C.S. (Pre) 2020]
उत्तर- (d) उपर्युक्त में से कोई नहीं
- केंद्रीय सतर्कता आयोग का गठन वर्ष 1964 में केंद्र सरकार द्वारा पारित एक प्रस्ताव के तहत हुआ था।
- संथानम समिति की सिफारिश पर इसका गठन हुआ था।
- सितंबर, 2003 में संसद द्वारा पारित विधि द्वारा इसे सांविधिक (Statutory) दर्जा दिया गया है। इसका उल्लेख संविधान में नहीं है।
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55. निम्नलिखित में से कौन-सा युग्म सही सुमेलित नहीं है?
(संस्था) (स्थापना का वर्ष)
(a) केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो 1963
(b) केंद्रीय सतर्कता आयोग 1964
(c) भ्रष्टाचार निरोधक कानून 1985
(d) प्रवर्तन निदेशालय 2000
[U.P.R.O./A.R.O. (Pre) 2017]
उत्तर- (c & d) भ्रष्टाचार निरोधक कानून – 1985 & प्रवर्तन निदेशालय – 2000
- केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो की स्थापना वर्ष 1963 में तथा केंद्रीय सतर्कता आयोग की स्थापना वर्ष 1964 में हुई थी।
- जबकि भ्रष्टाचार निरोधक कानून, 1988 में निर्मित हुआ था और प्रवर्तन निदेशालय की स्थापना वर्ष 1956 में हुई थी।
- अतः स्पष्ट है कि विकल्प (c) और (d) सही सुमेलित नहीं हैं।
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56. मंडल आयोग, जिसके प्रस्तावों ने अक्षुण्ण विवाद का सूत्रपात किया है, को गठित करने वाले थे-
(a) इंदिरा गांधी
(b) मोरारजी देसाई
(c) राजीव गांधी
(d) विश्वनाथ प्रताप सिंह
[U.P.P.C.S. (Pre) 2008]
उत्तर- (b) मोरारजी देसाई
- मंडल आयोग (पिछड़ा वर्ग आयोग) वर्ष 1979 में तत्कालीन प्रधानमंत्री मोरारजी देसाई के नेतृत्व वाली जनता पार्टी सरकार द्वारा सामाजिक और शैक्षिक रूप से पिछड़े लोगों की पहचान करने के लिए संविधान के अनु. 340 के प्रावधान के तहत गठित किया गया था।
- इसके अध्यक्ष बिंदेश्वरी प्रसाद मंडल थे।
- इस आयोग में 4 अन्य सदस्य थे- दीवान मोहन लाल, आर. आर. भोले, दीन बंधु साहू और के. सुब्रमण्यम।
- इनमें से दीनबंधु साहू के नवंबर, 1979 में स्वास्थ्य कारणों से इस्तीफा देने के कारण उनके स्थान पर एल. आर. नाइक को सदस्य नियुक्त किया गया था।
- इस आयोग ने 31 दिसंबर, 1980 को अपनी रिपोर्ट राष्ट्रपति को सौंपी।
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57. मंडल आयोग रिपोर्ट किस वर्ष प्रस्तुत की गई?
(a) 1990
(b) 1983
(c) 1980
(d) 1977
[U.P. P.C.S. (Pre) 1991]
उत्तर- (c) 1980
- मंडल आयोग ने 31 दिसंबर, 1980 को अपनी रिपोर्ट राष्ट्रपति को सौंपी।
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58. वर्ष 1990 में अनुसूचित जाति एवं जनजाति राष्ट्रीय आयोग की रिपोर्ट के अनुसार, अनुसूचित जाति एवं जनजाति के अत्याचार का कारण नहीं है?
(a) भूमि निर्वसन
(b) बंधुआ मजदूरी
(c) ऋणग्रस्तता
(d) धार्मिक कारण
[M.P.P.C.S. (Pre) 2015]
उत्तर- (d) धार्मिक कारण
- वर्ष 1990 में अनुसूचित जाति एवं जनजाति राष्ट्रीय आयोग की रिपोर्ट के अनुसार, अनुसूचित जाति एवं जनजाति के अत्याचार के कारणों में शामिल हैं- भूमि निर्वसन, बंधुआ मजदूरी और ऋणग्रस्तता, जबकि धार्मिक कारण इसमें शामिल नहीं है।
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59. भारत के संविधान के निम्नांकित में से किस अनुच्छेद के अंतर्गत संघ लोक सेवा आयोग और राज्य लोक सेवा आयोगों का प्रावधान किया गया है?
(a) अनुच्छेद 315
(b) अनुच्छेद 323
(c) अनुच्छेद 215
(d) अनुच्छेद 226
[Jharkhand P.C.S. (Mains) 2016]
उत्तर- (a) अनुच्छेद 315
- संविधान के अनुच्छेद 315 के अनुसार, संघ के लिए एक संघ लोक सेवा आयोग और प्रत्येक राज्य के लिए एक लोक सेवा आयोग होगा।
- साथ ही दो या अधिक राज्यों के परस्पर करार (और उन राज्यों के विधान मंडलों के इस आशय का संकल्प पारित करने पर) संसद विधि द्वारा उन राज्यों के लिए संयुक्त लोक सेवा आयोग हेतु उपबंध कर सकती है।
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60. भारत के संघ लोक सेवा आयोग के लिए निम्न में से कौन सही है?
(a) यह राज्य लोक सेवा आयोग का निरीक्षण करता है।
(b) इसका राज्य लोक सेवा आयोग से कोई लेना-देना नहीं है।
(c) इसके सारे सदस्य राज्य लोक सेवा आयोग से लिए जाते हैं।
(d) यह राज्य लोक सेवा आयोगों को वार्षिक दिशा-निर्देश भेजता है।
[Uttarakhand P.C.S. (Pre) 2006]
उत्तर- (b) इसका राज्य लोक सेवा आयोग से कोई लेना-देना नहीं है।
- अनुच्छेद 315 के अंतर्गत संघ एवं राज्यों के लिए लोक सेवा आयोगों के गठन का प्रावधान किया गया है।
- इसके अंतर्गत संघ एवं राज्य का यह कर्तव्य होगा कि वह अपनी-अपनी सेवाओं में नियुक्ति के लिए लोक सेवा आयोग की स्थापना करें।
- भारतीय संविधान के अनुसार, संघ लोक सेवा आयोग तथा राज्य लोक सेवा आयोग अपने-अपने कार्यों के लिए एक-दूसरे से स्वतंत्र हैं।
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61. निम्नलिखित में से कौन सही है?
संघ लोक सेवा आयोग एक-
(a) नियामक संगठन है।
(b) वैधानिक संगठन है।
(c) संसदीय अध्यादेश से स्थापित है।
(d) संवैधानिक संगठन है।
[U.P.P.C.S. (Mains) 2014]
उत्तर- (d) संवैधानिक संगठन है।
- संघ लोक सेवा आयोग एक संवैधानिक संगठन है, क्योंकि इसका गठन संविधान के उपबंधों के तहत किया गया है।
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62. संघ लोक सेवा आयोग अपना वार्षिक प्रतिवेदन सौंपता है-
(a) प्रधानमंत्री को
(b) राष्ट्रपति को
(c) लोक सभा के अध्यक्ष को
(d) गृह मंत्री को
[U.P. U.D.A./L.D.A. (Spl.) (Pre) 2010, U.P. Lower Sub. (Pre) 2013]
उत्तर- (b) राष्ट्रपति को
- अनुच्छेद 323(1) के अनुसार, संघ लोक सेवा आयोग का यह कर्तव्य होगा कि वह राष्ट्रपति को आयोग द्वारा किए गए कार्य के बारे में प्रति वर्ष वार्षिक प्रतिवेदन दे, जिसे राष्ट्रपति एक ज्ञापनपत्र (Memorandum) सहित संसद के प्रत्येक सदन के समक्ष प्रस्तुत करेंगे।
- इस ज्ञापनपत्र में उन विषयों का उल्लेख किया जाता है, जिनमें आयोग की सिफारिशों को स्वीकार नहीं किया गया, साथ ही उन सिफारिशों को न मानने के कारणों का भी उल्लेख किया जाता है।
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63. दो या अधिक राज्यों के लिए एक संयुक्त राज्य लोक सेवा आयोग की स्थापना की जा सकती है-
(a) यदि संबंधित राज्य इस संबंध में करार करते हैं
(b) संसद विधि द्वारा संयुक्त राज्य लोक सेवा आयोग नियुक्त करता है
(c) (a) तथा (b) दोनों
(d) उपरोक्त में से कोई नहीं
[M.P.P.C.S. (Pre)2020]
उत्तर- (c) (a) तथा (b) दोनों
- संविधान के अनुच्छेद 315 (2) के तहत यदि दो या अधिक राज्य यह करार करते हैं कि राज्यों के उस समूह के लिए एक ही लोक सेवा आयोग होगा और यदि इस आशय का संकल्प उन राज्यों में से प्रत्येक राज्य के विधानमंडल के सदन द्वारा (या जहां दो सदन हैं, वहां प्रत्येक सदन द्वारा) पारित कर दिया जाता है, तो संसद उन राज्यों की आवश्यकताओं की पूर्ति करने के लिए विधि द्वारा संयुक्त राज्य लोक सेवा आयोग की नियुक्ति का उपबंध कर सकती है।
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64. सही विकल्प चुनें:
दो अथवा दो से अधिक राज्यों के लिए संयुक्त लोक सेवा आयोग अध्यक्ष की नियुक्ति कौन करता है?
(a) भारत के राष्ट्रपति के द्वारा
(b) संबंधित राज्यपालों की सिफारिश पर भारत के राष्ट्रपति के द्वारा
(c) सबसे बड़े राज्य के राज्यपाल के द्वारा
(d) सभी संबंधित राज्यों के राज्यपालों की समिति द्वारा
[R.A.S./R.T.S. (Pre) 2016]
उत्तर- (a) भारत के राष्ट्रपति के द्वारा
- भारतीय संविधान के अनुच्छेद 316(1) के अनुसार, संघ लोक सेवा आयोग या संयुक्त लोक सेवा आयोग (दो या दो से अधिक राज्यों के लिए) के अध्यक्ष और सदस्यों की नियुक्ति राष्ट्रपति द्वारा की जाती है, जबकि राज्य लोक सेवा आयोग के अध्यक्ष तथा सदस्यों की नियुक्ति राज्यपाल द्वारा की जाती है।
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65. संविधान के किस अनुच्छेद के अंतर्गत लोक सेवा आयोग के सदस्य को हटाया जा सकता है?
(a) 315
(b) 316
(c) 317
(d) 318
[Chhattisgarh P.C.S. (Pre) 2011]
उत्तर- (c) 317
- अनुच्छेद 317 के अनुसार लोक सेवा आयोग के अध्यक्ष या किसी अन्य सदस्य को केवल कदाचार के आधार पर, राष्ट्रपति के ऐसे आदेश से उसके पद से हटाया जाएगा, जो उच्चतम न्यायालय को राष्ट्रपति द्वारा निर्देश किए जाने पर उस न्यायालय द्वारा अनुच्छेद 145 के अधीन इस प्रयोजन के लिए निर्धारित प्रक्रिया के अनुसार की गई जांच के पश्चात इस संबंध में दिए गए प्रतिवेदन के आधार पर जारी किया गया हो।
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66. निम्न में से कौन-से पदाधिकारियों को हटाने में संसद की कोई भूमिका नहीं होती है?
1. उच्च न्यायालय के न्यायाधीशों
2. उच्चतम न्यायालय के न्यायाधीशों
3. अध्यक्ष, संघ लोक सेवा आयोग
4. भारत के नियंत्रक और महालेखापरीक्षक
नीचे दिए गए कूट से सही उत्तर चुनिए।
कूट :
(a) केवल 1 तथा 2
(b) केवल 3 तथा 4
(c) केवल 1, 2 तथा 3
(d) केवल 3
[U.P.P.C.S. (Pre) 2020]
उत्तर- (d) केवल 3
- अनुच्छेद 317 के अनुसार, लोक सेवा आयोग के अध्यक्ष या किसी अन्य सदस्य को केवल कदाचार के आधार पर राष्ट्रपति के ऐसे आदेश से उसके पद से हटाया जाएगा, जो उच्चतम न्यायालय को राष्ट्रपति द्वारा निर्देश किए जाने पर उस न्यायालय द्वारा अनुच्छेद 145 के अधीन इस प्रयोजन के लिए निर्धारित प्रक्रिया के अनुसार की गई जांच के पश्चात इस संबंध में दिए गए प्रतिवेदन के आधार पर जारी किया गया हो।
- जबकि उच्चतम एवं उच्च न्यायालयों के न्यायाधीशों एवं भारत के नियंत्रक एवं महालेखापरीक्षक को हटाने में संसद की भूमिका होती है तथा इन्हें अनुच्छेद 124(4) में उपबंधित रीति से संसद के प्रत्येक सदन द्वारा विशेष बहुमत से समावेदन पारित करने पर राष्ट्रपति के आदेश से हटाया जा सकता है।
- अनुच्छेद 317 के अनुसार, लोक सेवा आयोग के अध्यक्ष या किसी अन्य सदस्य को केवल कदाचार के आधार पर राष्ट्रपति के ऐसे आदेश से उसके पद से हटाया जाएगा, जो उच्चतम न्यायालय को राष्ट्रपति द्वारा निर्देश किए जाने पर उस न्यायालय द्वारा अनुच्छेद 145 के अधीन इस प्रयोजन के लिए निर्धारित प्रक्रिया के अनुसार की गई जांच के पश्चात इस संबंध में दिए गए प्रतिवेदन के आधार पर जारी किया गया हो।
- जबकि उच्चतम एवं उच्च न्यायालयों के न्यायाधीशों एवं भारत के नियंत्रक एवं महालेखापरीक्षक को हटाने में संसद की भूमिका होती है तथा इन्हें अनुच्छेद 124(4) में उपबंधित रीति से संसद के प्रत्येक सदन द्वारा विशेष बहुमत से समावेदन पारित करने पर राष्ट्रपति के आदेश से हटाया जा सकता है।
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67. निम्न में से किस मामले में राज्य लोक सेवा आयोग से परामर्श नहीं लिया जाता है?
(a) सिविल सेवा के लिए भर्ती की पद्धति पर।
(b) सिविल सेवाओं की नियुक्ति में अनुसरण लिए जाने वाले सिद्धांतों पररा
(c) सिविल सेवाओं में प्रोन्नति एवं एक सेवा से दूसरी सेवा में अंतरण के लिए अनुसरण लिए जाने वाले सिद्धांतों पर।
(d) सिविल सेवाओं का स्थानांतरण पर।
[R.A.S./R.T.S. (Pre) 2013]
उत्तर- (d) सिविल सेवाओं का स्थानांतरण पर।
- अनुच्छेद 320 के अंतर्गत राज्य लोक सेवा आयोग के कृत्यों में सिविल सेवकों के स्थानांतरण का कार्य सम्मिलित नहीं है जबकि प्रश्नगत अन्य कार्य राज्य लोक सेवा आयोग के कृत्यों में शामिल हैं।
- इसलिए सिविल सेवकों के स्थानांतरण संबंधी परामर्श राज्य लोक सेवा आयोग से नहीं लिया जाता है।
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68. किसी राज्य लोक सेवा आयोग के कार्यों को निम्नलिखित में से किस एक के अनुमोदन से संघ लोक सेवा आयोग को सौंपा जा सकता है?
(a) भारत के मुख्य न्यायाधीश
(b) प्रधानमंत्री
(c) लोक सभा का अध्यक्ष
(d) भारत के राष्ट्रपति
[U.P.R.O./A.R.O. (Mains) 2014]
उत्तर- (d) भारत के राष्ट्रपति
- संविधान के अनुच्छेद 315(4) के तहत राज्यपाल की सिफारिश पर राष्ट्रपति के अनुमोदन से किसी राज्य लोक सेवा आयोग के कार्यों को संघ लोक सेवा आयोग को सौंपा जा सकता है।
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69. संघ लोक सेवा आयोग राज्य की आवश्यकताओं की पूर्ति के लिए सहमत हो सकता है-
(a) मुख्यमंत्री की मांग और प्रधानमंत्री की संस्तुति पर।
(b) निर्वाचन आयोग की मांग और राष्ट्रपति की संस्तुति पर।
(c) राज्यपाल की मांग और प्रधानमंत्री की संस्तुति पर।
(d) राज्यपाल की मांग और राष्ट्रपति की संस्तुति पर।
[Jharkhand P.C.S. (Pre) 2021]
उत्तर- (d) राज्यपाल की मांग और राष्ट्रपति की संस्तुति पर।
- संविधान के अनुच्छेद 315(4) के अनुसार, यदि किसी राज्य का राज्यपाल संघ लोक सेवा आयोग से ऐसा करने का अनुरोध करता है, तो वह राष्ट्रपति के अनुमोदन से उस राज्य की सभी या किन्हीं आवश्यकताओं की पूर्ति के लिए सहमत हो सकेगा।
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70. उत्तर प्रदेश के राज्य लोक सेवा आयोग के कार्यों का विस्तार किया जा सकता है-
(a) प्रधानमंत्री द्वारा
(b) केंद्रीय कार्मिक, लोक शिकायत तथा पेंशन मंत्रालय द्वारा
(c) राष्ट्रपति द्वारा
(d) उत्तर प्रदेश विधानमंडल द्वारा
[U.P. P.C.S. (Pre) 2021]
उत्तर- (d) उत्तर प्रदेश विधानमंडल द्वारा
- अनुच्छेद 321 के अनुसार, राज्य विधानमंडल द्वारा बनाए गए अधिनियम के द्वारा राज्य लोक सेवा आयोग को राज्य की सेवाओं अथवा किसी स्थानीय प्राधिकारी या विधि द्वारा गठित अन्य निगमित निकाय या किसी लोक संस्था की सेवाओं से संबंधित अतिरिक्त कार्य प्रदान किए जा सकते हैं।
- अतः राज्य विधानमंडल द्वारा बनाए गए अधिनियम के तहत राज्य लोक सेवा आयोग के कार्यक्षेत्र का विस्तार किया जा सकता है।
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71. उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग के व्यय किस निधि पर भारित होते हैं?
(a) भारत की संचित निधि पर
(b) राज्य की संचित निधि पर
(c) फीस द्वारा इसके स्वयं के एकत्र निधि पर
(d) आकस्मिक निधि पर
[U.P.P.C.S. (Pre) 2010]
उत्तर- (b) राज्य की संचित निधि पर
- संविधान के अनु. 322 के अनुसार, संघ लोक सेवा आयोग के व्यय भारत की संचित निधि पर, जबकि राज्य लोक सेवा आयोगों के व्यय संबंधित राज्य की संचित निधि पर भारित होते हैं।
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72. राजस्थान लोक सेवा आयोग अपने कार्यों का प्रतिवेदन प्रस्तुत करता है-
(a) विधानसभा अध्यक्ष के समक्ष
(b) राष्ट्रपति के समक्ष
(c) राज्यपाल के समक्ष
(d) मुख्य सचिव के समक्ष
[R.A.S./R.T.S. (Pre) 2021]
उत्तर- (c) राज्यपाल के समक्ष
- संविधान के अनुच्छेद 323(2) के प्रावधानों के तहत राज्य लोक सेवा आयोग का यह कर्तव्य है कि वह राज्य के राज्यपाल को आयोग के कार्य के बारे में प्रतिवर्ष प्रतिवेदन दे तथा ऐसा प्रतिवेदन प्राप्त होने पर राज्यपाल उसकी प्रति राज्य के विधानमंडल के समक्ष रखवाता है।
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73. भारत में पहली बार लोक सेवा आयोग की स्थापना जिस अधिनियम से हुई, वह कौन-सा था?
(a) इंडियन काउंसिल एक्ट, 1892
(b) काउंसिल एक्ट, 1909
(c) गवर्नमेंट ऑफ इंडिया एक्ट, 1919
(d) गवर्नमेंट ऑफ इंडिया एक्ट, 1935
[U.P. P.C.S. (Pre) 2008]
उत्तर- (c) गवर्नमेंट ऑफ इंडिया एक्ट, 1919
- 1919 के भारत शासन अधिनियम की धारा 96 (C) के अंतर्गत भारत में प्रथम लोक सेवा आयोग 1 अक्टूबर, 1926 को स्थापित किया गया। उस समय इसमें एक अध्यक्ष तथा चार सदस्य थे।
- सर रॉस बार्कर इसके प्रथम अध्यक्ष थे। 1935 के अधिनियम के तहत इसका नाम 1 अप्रैल, 1937 को संघीय (Federal) लोक सेवा आयोग रखा गया तथा 26 जनवरी, 1950 को भारतीय संविधान के लागू होने के साथ यह संघ (Union) लोक सेवा आयोग में परिवर्तित हो गया।
- प्रांतीय स्तर पर पहली बार 1930 में ‘मद्रास सेवा आयोग’ की स्थापना की गई थी।
- 1935 के अधिनियम के तहत प्रत्येक प्रांत या प्रांतों के समूह के लिए प्रांतीय (Provincial) लोक सेवा आयोग हेतु भी प्रावधान किए गए थे, जिसके तहत 1937 में 7 प्रांतीय लोक सेवा आयोग स्थापित हुए थे।
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74. किस प्रावधान के अंतर्गत मध्य प्रदेश लोक सेवा आयोग का गठन किया गया है?
(a) राज्य पुनर्गठन अधिनियम, 1956 की धारा 118(2)
(b) राज्य पुनर्गठन अधिनियम, 1956 की धारा 118 (3)
(c) राज्य पुनर्गठन अधिनियम, 1956 की धारा 118 (1)
(d) राज्य पुनर्गठन अधिनियम, 1956 की धारा 116 (4)
[M.P.P.C.S. (Pre) 2020]
उत्तर- (b) राज्य पुनर्गठन अधिनियम, 1956 की धारा 118 (3)
- मध्य प्रदेश लोक सेवा आयोग का गठन राज्य पुनर्गठन अधिनियम, 1956 की धारा 118 (3) के तहत 1 नवंबर, 1956 को राष्ट्रपति के आदेश द्वारा किया गया था।
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75. यूनियन पब्लिक सर्विस कमीशन की प्रथम महिला अध्यक्ष का नाम है-
(a) शीला दीक्षित
(b) रोज बैथ्यू
(c) वीणा मजूमदार
(d) मारग्रेट अल्वा
[M.P. P.C.S. (Pre) 1993]
उत्तर- (b) रोज बैथ्यू
- श्रीमती रोज एम. बैथ्यू संघ लोक सेवा आयोग (Union Public Service Commission) की प्रथम महिला अध्यक्ष थीं, जो वर्ष 1992 से 1996 के दौरान इस पद पर रहीं।
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76. भारत के संदर्भ में, नौकरशाही का निम्नलिखित में से कौन-सा उपयुक्त चरित्र-चित्रण है?
(a) संसदीय लोकतंत्र की व्याप्ति को विस्तार देने वाला अभिकरण
(b) संघीय ढांचे को सुदृढ़ करने वाला अभिकरण
(c) राजनीतिक स्थायित्व और आर्थिक वृद्धि को सुलभ बनाने वाला अभिकरण
(d) लोक नीति को कार्यान्वित करने वाला अभिकरण
[I.A.S. (Pre) 2020]
उत्तर- (d) लोक नीति को कार्यान्वित करने वाला अभिकरण
- भारत के संदर्भ में नौकरशाही वह माध्यम है, जिसके द्वारा सरकार की लोक हितकारी नीतियां जनता तक पहुंचती हैं।
- इस प्रकार यह सरकार की लोक नीति को कार्यान्वित करने वाला अभिकरण होता है।
- नौकरशाही से यह अपेक्षित होता है कि वह राजनीतिक रूप से तटस्थ हो।
- इसका अर्थ यह है कि नौकरशाही नीतियों पर विचार एवं उन्हें कार्यान्वित करते समय किसी राजनीतिक दृष्टिकोण का समर्थन नहीं करती है।
- इस रूप में नौकरशाही राजनीति से दूर रहती है।
- भारतीय नौकरशाही का जटिल स्वरूप है।
- इसमें अखिल भारतीय सेवाएं, प्रांतीय सेवाएं, स्थानीय सरकार के कर्मचारी और लोक उपक्रमों के तकनीकी तथा प्रबंधकीय अधिकारी सम्मिलित हैं।
- यद्यपि नौकरशाही आर्थिक वृद्धि को सुलभ करने वाले अभिकरण के रूप में कार्य करती है, तथापि राजनीतिक स्थायित्व लोक सभा में विश्वास मत पर निर्भर करता है।
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77. निम्नलिखित में से भारतीय संविधान का कौन-सा अनुच्छेद ‘प्रसाद का सिद्धांत’ उल्लिखित करता है?
(a) अनुच्छेद 200
(b) अनुच्छेद 301
(c) अनुच्छेद 310
(d) अनुच्छेद 311
(e) उपर्युक्त में से कोई नहीं
[Chhattisgarh P.C.S. (Pre) 2016]
उत्तर- (c) अनुच्छेद 310
- भारतीय संविधान का अनुच्छेद 310 ‘प्रसाद का सिद्धांत’ उल्लिखित करता है।
- इसके अनुसार प्रत्येक व्यक्ति, जो रक्षा सेवा का या संघ की सिविल सेवा का या अखिल भारतीय सेवा का सदस्य है अथवा रक्षा से संबंधित कोई पद या संघ के अधीन कोई सिविल पद धारण करता है, राष्ट्रपति के प्रसादपर्यंत पद धारण करता है और प्रत्येक व्यक्ति, जो किसी राज्य की सिविल सेवा का सदस्य है या राज्य के अधीन कोई सिविल पद धारण करता है, उस राज्य के राज्यपाल के प्रसादपर्यंत पद धारण करता है।
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78. सिविल सेवाओं में सुधार हेतु पी.सी. होता समिति का गठन किस वर्ष किया गया था?
(a) 2003
(b) 2004
(c) 2005
(d) 2006
[U.P. P.C.S. (Pre) 2021]
उत्तर- (b) 2004
- लोक सेवा संबंधी सुधारों के सभी पहलुओं का परीक्षण करने के उद्देश्य से भारत सरकार द्वारा 3 फरवरी, 2004 को संघ लोक सेवा आयोग (UPSC) के पूर्व चेयरमैन पी.सी. होता की अध्यक्षता में एक समिति का गठन किया गया था।
- इस समिति ने अपनी रिपोर्ट 30 जुलाई, 2004 को सौंपी थी।
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