GDP की अवधारणा : GDP किसी देश में कल्याण का सूचकांक नहीं

प्रश्न: किसी देश के सकल घरेलू उत्पाद (GDP) को उस देश के लोगों के कल्याण का सूचक नहीं माना जा सकता है। विश्लेषण कीजिए।

दृष्टिकोण

  • GDP की अवधारणा की व्याख्या कीजिए।
  • इस विचार पर चर्चा कीजिए कि GDP किसी देश में कल्याण का सूचकांक नहीं होती है।
  • एक देश में सामाजिक कल्याण के स्तर को चित्रित करने हेतु उपयोग किए जाने वाले कुछ अन्य संकेतकों का उदाहरण प्रस्तुत करते हुए संक्षेप में निष्कर्ष प्रस्तुत कीजिए।

उत्तरः

सकल घरेलू उत्पाद (GDP), किसी विशिष्ट समयावधि में देश की सीमाओं के भीतर उत्पादित सभी तैयार वस्तुओं एवं सेवाओं के कुल मौद्रिक या बाजार मूल्य को प्रदर्शित करता है। व्यापक मापन के संदर्भ में सकल घरेलू उत्पाद, देश के आर्थिक स्वास्थ्य के व्यापक अंकपत्र (स्कोरकार्ड) के रूप में कार्य करता है।

यह किसी देश में लोगों की जीवन की स्थितियों को चित्रित करने हेतु एक उपयुक्त संकेतक है, क्योंकि इसमें उपभोग एवं निवेश जैसे कई कारक सम्मिलित होते हैं। हालांकि, इसे किसी देश के लोगों के कल्याण के सूचकांक के रूप में ग्रहण नहीं किया जा सकता है। इसके कारण निम्नलिखित हैं

  • यह आय वितरण में समानता को नहीं मापती है: यदि किसी देश की GDP में वृद्धि हो रही है, तो यह आवश्यक नहीं कि इसके परिणामस्वरूप उसके सामाजिक संकेतकों में भी वृद्धि हो। ऐसा इसलिए है, क्योंकि GDP में वृद्धि कुछ व्यक्तियों या फर्मों के मध्य केंद्रित हो सकती है। जबकि वास्तव में, इसके साथ-साथ अन्य व्यक्तियों या फर्मों की आय में गिरावट भी हो सकती है।
  • गैर-मौद्रिक विनिमय (Non-monetary exchanges): किसी अर्थव्यवस्था में कई गतिविधियों का आकलन मौद्रिक रूप में नहीं किया जाता है। उदाहरणार्थ घरेलू कार्यों में संलग्न महिलाएं, जिसके लिए उन्हें किसी प्रकार का भुगतान प्राप्त नहीं होता है। चूंकि इसमें मुद्रा का विनिमय नहीं होता है, अतः उनके योगदान को सामान्यतः GDP में शामिल नहीं किया जाता है, जिसके परिणामस्वरूप GDP का वास्तविकता से कम आकलन होता है।
  • बाह्यताएं (Externalities): जब कोई फर्म या व्यक्ति दूसरे के लिए लाभ (या हानि) का कारण बनते हैं तथा जिसके लिए उन्हें भुगतान (या दंडित) भी नहीं किया जाता, तो उन्हें बाह्यताएं कहा जाता है। उदाहरणार्थ GDP की गणना करते समय, उद्योगों के कारण होने वाले प्रदूषण की कोई गणना नहीं की जाती है। इसलिए जब हम GDP को अर्थव्यवस्था के कल्याण के मापक के रूप में ग्रहण करते हैं तो कल्याण का वास्तविकता से अधिक आकलन होने की संभावना होती है। वहीं सकारात्मक बाह्यताओं के मामलों में सकल घरेलू उत्पाद अर्थव्यवस्था के वास्तविक कल्याण का कम आकलन करता है।
  • उत्पादित वस्तुओं के प्रकारः GDP उन वस्तुओं के प्रकारों का वर्णन नहीं करती है जिनका उत्पादन किया जा रहा है। चूंकि GDP द्वारा किसी अर्थव्यवस्था के भीतर सभी तैयार वस्तुओं एवं सेवाओं के मूल्य का समग्रता में मापन किया जाता है इसलिए इसमें ऐसे उत्पाद भी सम्मिलित होते हैं, जिनके सामाजिक कल्याण पर नकारात्मक प्रभाव हो सकते हैं। उदाहरणार्थ तम्बाकू, आयुध आदि देश के भीतर विक्रय और उपयोग किए जाते हैं, परंतु ये समग्र सामाजिक कल्याण पर प्रतिकूल प्रभाव उत्पन्न करते हैं।

ऊपर वर्णित कमियों के आलोक में, सामाजिक कल्याण को मापने के लिए अधिक सटीक और विश्वसनीय संकेतक विकसित करने के विभिन्न प्रयास किये गए हैं। इन वैकल्पिक तरीकों में मानव विकास सूचकांक (HDI), सकल राष्ट्रीय प्रसन्नता सूचकांक (GNH) और सामाजिक प्रगति सूचकांक (SPI) आदि समिलित हैं।

One Comment

Add a Comment

Your email address will not be published. Required fields are marked *


The reCAPTCHA verification period has expired. Please reload the page.