1. भारतीय संविधान के अंतर्गत कितने प्रकार के आपातकाल की सोच है?
(a) दो
(b) तीन
(c) चार
(d) एक
[U.P.P.C.S. (Mains) 2009, 2014]
उत्तर- (b) तीन
- भारतीय संविधान के तहत तीन प्रकार के आपातकालीन प्रावधान सन्निहित हैं-
- 1. अनुच्छेद 352 के तहत राष्ट्रीय आपातकाल, 2. अनु. 356 के तहत राज्यों में संवैधानिक तंत्र की विफलता पर राष्ट्रपति शासन; तथा 3. अनु. 360 के तहत वित्तीय आपातकाल।
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2. भारतीय संविधान के किस अनुच्छेद के अंतर्गत भारत सरकार का दायित्व है कि वह बाह्य आक्रमण एवं आंतरिक अशांति से राज्यों की रक्षा करे?
(a) अनुच्छेद 355
(b) अनुच्छेद 356
(c) अनुच्छेद 352
(d) अनुच्छेद 360
[U.P.P.C.S. (Pre) 2001]
उत्तर- (a) अनुच्छेद 355
- अनुच्छेद 352-यदि राष्ट्रपति को इस बात का समाधान हो जाए कि गंभीर आपात स्थिति विद्यमान है, या होने के निकट है, जिसमें युद्ध, बाह्य आक्रमण या सशस्त्र विद्रोह के कारण भारत या उसके किसी भाग में संकट पैदा हो सकता है, तो राष्ट्रपति राष्ट्रीय आपात की उद्घोषणा कर सकते हैं।
- ध्यातव्य है कि मूल संविधान के अनु. 352 के ‘आंतरिक अशांति’ के स्थान पर 44वें संशोधन अधिनियम (1978) से ‘सशस्त्र विद्रोह’ प्रतिस्थापित किया गया है।
- अनुच्छेद 355-संघ का यह कर्तव्य है कि बाह्य आक्रमण और आंतरिक अशांति से प्रत्येक राज्य की रक्षा करे और प्रत्येक राज्य की सरकार का संविधान के उपबंधों के आधार पर चलाया जाना सुनिश्चित करे।
- अनुच्छेद 356-यदि राष्ट्रपति का, किसी राज्य के राज्यपाल से प्रतिवेदन मिलने पर या अन्यथा, यह समाधान हो जाता है कि ऐसी स्थिति उत्पन्न हो गई है, जिससे उस राज्य का शासन इस संविधान के उपबंधों के अनुसार नहीं चलाया जा सकता, तो राष्ट्रपति इस अनुच्छेद का प्रयोग कर उस राज्य में राष्ट्रपति शासन लगा सकते हैं।
- अनुच्छेद 360-यदि राष्ट्रपति को यह समाधान हो जाए कि ऐसी स्थिति पैदा हो गई है, जिससे भारत या उसके किसी भाग का वित्तीय स्थायित्व संकट में है, तो वह वित्तीय आपात की घोषणा कर सकता है।
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3. किस अनुच्छेद के अनुसार भारत के राष्ट्रपति द्वारा ‘राष्ट्रीय आपातकाल’ की घोषणा की जा सकती है?
(a) अनुच्छेद 352
(b) अनुच्छेद 370
(c) अनुच्छेद 371
(d) अनुच्छेद 395
[53rd to 55th B.P.S.C. (Pre) 2011]
उत्तर- (a) अनुच्छेद 352
- अनुच्छेद 352-यदि राष्ट्रपति को इस बात का समाधान हो जाए कि गंभीर आपात स्थिति विद्यमान है, या होने के निकट है, जिसमें युद्ध, बाह्य आक्रमण या सशस्त्र विद्रोह के कारण भारत या उसके किसी भाग में संकट पैदा हो सकता है, तो राष्ट्रपति राष्ट्रीय आपात की उद्घोषणा कर सकते हैं।
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4. अनुच्छेद 352 के अनुसार, राष्ट्रीय आपातकाल के विषय में सही क्या है?
i. यह राष्ट्रपति के द्वारा उद्घोषित किया जाता है।
ii. दो माह के भीतर इस पर संसद की स्वीकृति मिल जानी चाहिए।
iii. एक माह के भीतर इस पर संसद की स्वीकृति मिल जानी चाहिए।
iv. संसद के साधारण बहुमत से इस पर स्वीकृति मिलनी चाहिए।
v. संसद के 2/3 बहुमत से इस पर स्वीकृति मिलनी चाहिए।
vi. संसद के साधारण बहुमत से इसे वापस लिया जा सकता है।
vii. संसद के 2/3 बहुमत से इसे वापस लिया जा सकता है।
viii. इस पर संसद के संयुक्त अधिवेशन में स्वीकृति ली जा सकती है।
(a) i, ii, iv, viii
(b) i, iii, vi, viii
(c) i, iii, v, vi
(d) i, iv, vi, viii
(e) उपर्युक्त में से कोई नहीं
[Chhattisgarh P.C.S. (Pre) 2017]
उत्तर- (c) i, iii, v, vi
- अनुच्छेद 352 के अनुसार, युद्ध या बाह्य आक्रमण या सशस्त्र विद्रोह के आधार पर तथा मंत्रिमंडल की सिफारिश पर राष्ट्रपति आपातकाल की उद्घोषणा करता है।
- आपातकाल की उद्घोषणा के एक माह के भीतर इस पर संसद की स्वीकृति मिल जानी चाहिए।
- आपात की उद्घोषणा को या उसे जारी रखने का अनुमोदन करने वाले संकल्पों को संसद के प्रत्येक सदन द्वारा उस सदन की कुल सदस्य संख्या के बहुमत तथा उस सदन के उपस्थित और मत देने वाले सदस्यों के कम-से-कम दो-तिहाई बहुमत द्वारा पारित करना होगा।
- आपातकाल की उद्घोषणा को संसद के साधारण बहुमत द्वारा वापस लिया जा सकता है।
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5. संसद द्वारा संकटकाल की घोषणा का अनुमोदन कितनी अवधि के अंतराल में होना आवश्यक है?
(a) 14 दिन
(b) 1 माह
(c) 3 माह
(d) 6 माह
[U.P.P.C.S. (Pre) 2006]
उत्तर- (b) 1 माह
- आपातकाल की उद्घोषणा के एक माह के भीतर इस पर संसद की स्वीकृति मिल जानी चाहिए।
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6. संघ एवं राज्यों के बीच करों के विभाजन संबंधी प्रावधानों को-
(a) वित्तीय आपात के समय निलंबित किया जा सकता है।
(b) राष्ट्रीय आपात के समय निलंबित किया जा सकता है।
(c) किसी भी परिस्थिति में निलंबित नहीं किया जा सकता है।
(d) मात्र राज्यों की विधायिकाओं के बहुमत की सहमति से ही निलंबित किया जा सकता है।
[Chhattisgarh P.C.S. (Pre) 2011]
उत्तर- (b) राष्ट्रीय आपात के समय निलंबित किया जा सकता है।
- संघ एवं राज्यों के बीच करों के विभाजन (राजस्वों के वितरण) संबंधी अनु. 268 से अनु. 279 तक के प्रावधानों को राष्ट्रीय आपात (अनु. 352 के तहत आपात की उद्घोषणा) की स्थिति में संविधान के अनु. 354. (1) के तहत राष्ट्रपति के आदेश के द्वारा निलंबित या उस आदेश में विनिर्दिष्ट उपांतरणों के अधीन प्रभावी किया जा सकता है।
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7. निम्न में से किस संविधान अनुच्छेद के अंतर्गत भारत के राष्ट्रपति मूल अधिकारों के कार्यान्वयन को स्थगित कर सकते हैं (अनुच्छेद 20 एवं 21 के अतिरिक्त)?
(a) अनुच्छेद 358
(b) अनुच्छेद 359
(c) अनुच्छेद 13
(d) अनुच्छेद 356
[U.P.P.C.S. (Spl.) (Mains) 2008]
उत्तर- (b) अनुच्छेद 359
- 44वें संविधान संशोधन अधिनियम, 1978 के पश्चात अब अनु. 352 के अंतर्गत राष्ट्रीय आपातकाल की उद्घोषणा के प्रवर्तन में रहने की स्थिति में राष्ट्रपति अनु. 359 के तहत आदेश जारी कर अनु. 20 एवं अनु. 21 के अतिरिक्त संविधान के भाग 3 द्वारा प्रदत्त अन्य मूल अधिकारों के कार्यान्वयन को स्थगित कर सकते हैं।
- युद्ध या बाह्य आक्रमण की स्थिति में आपात घोषित होने पर अनु. 19 भी स्थगित हो जाता है, परंतु ऐसा अनु. 358 के तहत स्वतः होता है।
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8. राष्ट्रीय आपातकाल में लोक सभा की अवधि :
(a) नहीं बढ़ाई जा सकती है।
(b) जब तक आपातकाल रहे तब तक के लिए बढ़ाई जा सकती है।
(c) केवल एक वर्ष के लिए बढ़ाई जा सकती है।
(d) आपातकाल की समाप्ति तक बढ़ाई जा सकती है, लेकिन एक समय में केवल एक वर्ष के लिए ही बढ़ाई जा सकती है।
[U.P.P.S.C. (GIC) 2010]
उत्तर- (d) आपातकाल की समाप्ति तक बढ़ाई जा सकती है, लेकिन एक समय में केवल एक वर्ष के लिए ही बढ़ाई जा सकती है।
- अनु. 352 के तहत लगाए गए राष्ट्रीय आपातकाल की स्थिति में लोक सभा की अवधि अनु. 83 (2) के परंतुक के अनुसार, संसद विधि द्वारा, ऐसी अवधि के लिए बढ़ा सकेगी, जो एक बार में एक वर्ष से अधिक नहीं होगी तथा आपात उद्घोषणा के प्रवर्तन में न रह जाने के पश्चात उसका विस्तार किसी भी दशा में छः माह की अवधि से अधिक नहीं होगा।
- इस प्रकार विकल्प (d) सही उत्तर है।
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9. आपातकाल में किसी राज्य विधानसमा की अवधि बढ़ाई जा सकती है-
(a) राष्ट्रपति द्वारा
(b) संसद द्वारा
(c) राज्य के राज्यपाल द्वारा
(d) राज्य विधानमंडल द्वारा
[Uttarakhand U.D.A./L.D.A. (Pre) 2007]
उत्तर- (b) संसद द्वारा
- संविधान के अनु. 172 (1) के परंतुक के अनुसार, आपात की उद्घोषणा (अनु.352 के तहत) के प्रवर्तन में रहने की अवस्था में संसद विधि द्वारा, किसी राज्य विधानसभा की अवधि एक बार में एक वर्ष से अनधिक के लिए बढ़ा सकती है, किंतु आपात की उद्घोषणा के प्रवर्तन में न रहने पर किसी भी दशा में उसका विस्तार छः मास की अवधि से अधिक नहीं होगा।
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10. निम्नांकित में से कौन-सी तारीख को भारत के राष्ट्रपति ने अपनी शक्तियों का प्रयोग करते हुए उद्घोषणा द्वारा यह घोषणा की कि गंभीर आपात विद्यमान है, जिसके कारण आंतरिक अशांति से भारत की सुरक्षा को गंभीर खतरा है?
(a) 26 अक्टूबर, 1962
(b) 3 दिसंबर, 1971
(c) 25 जून, 1975
(d) 26 जून, 1975
[R.A.S./R.T.S. (Pre) 2018]
उत्तर- (c) 25 जून, 1975
- भारत के तत्कालीन राष्ट्रपति फखरुद्दीन अली अहमद ने 25 जून, 1975 को तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी के नेतृत्व वाली सरकार की सिफारिश पर आंतरिक अशांति के आधार पर भारतीय संविधान के अनुच्छेद 352 के तहत देश में आपातकाल की उद्घोषणा की घोषणा की थी, जिसे 26 जून, 1975 को भारत के राजपत्र में प्रकाशित किया गया था।
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11. कथन (A): भारतीय संविधान मूलतः संघात्मक स्वरूप का है।
कारण (R) : अनुच्छेद 352 में राज्यों में संवैधानिक तंत्र की विफलता की दशा के प्रावधान हैं।
(a) कथन और कारण दोनों सही हैं और कथन, कारण का सही स्पष्टीकरण है।
(b) कथन और कारण दोनों सही हैं किंतु कथन, कारण का सही स्पष्टीकरण नहीं है।
(c) कथन सही है, पर कारण गलत है।
(d) कथन गलत है, पर कारण सही है।
[M.P.P.C.S. (Pre) 2008]
उत्तर- (c) कथन सही है, पर कारण गलत है।
- भारत के संविधान के स्वरूप का वर्णन विभिन्न प्रकार से किया गया है।
- इसे ‘अर्द्ध-परिसंघीय’ तथा ‘एकात्मक परिसंघीय का अद्भुत समन्वय कहा जाता है तथापि इसका स्वरूप मूलतः संघात्मक ही है।
- अनुच्छेद 352 में राष्ट्रीय आपातकाल (युद्ध, बाह्य आक्रमण अथवा सशस्त्र विद्रोह की स्थिति में) के समय राष्ट्रपति द्वारा ‘राष्ट्रीय आपात’ की उद्घोषणा का प्रावधान है, जबकि राज्यों में संवैधानिक तंत्र की विफलता की स्थिति में राष्ट्रपति शासन संबंधी प्रावधान अनुच्छेद 356 में है।
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12. प्रायः किसकी सलाह पर राज्य में ‘राष्ट्रपति शासन’ लागू किया जाता है?
(a) मुख्यमंत्री
(b) लेजिस्लेटिव एसेंबली
(c) गवर्नर
(d) उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश
[45th B.P.S.C. (Pre) 1997]
उत्तर- (c) गवर्नर
- अनुच्छेद 356 के तहत राज्य में राष्ट्रपति शासन प्रायः गवर्नर (राज्यपाल) की सलाह पर राष्ट्रपति द्वारा लागू किया जाता है।
- इस अनुच्छेद के अनुसार यदि राष्ट्रपति का, किसी राज्य के राज्यपाल से प्रतिवेदन मिलने पर या अन्यथा, यह समाधान हो जाता है कि ऐसी स्थिति उत्पन्न हो गई है, जिसमें उस राज्य का शासन इस संविधान के उपबंधों के अनुसार नहीं चलाया जा सकता, तो राष्ट्रपति उद्घोषणा द्वारा उस राज्य की सरकार के सभी या कोई कृत्य या शक्तियां अपने हाथ में ले सकता है।
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13. यदि भारत का राष्ट्रपति संविधान के अनुच्छेद 356 के अधीन यथा उपबंधित अपनी शक्तियों का किसी विशेष राज्य के संबंध में प्रयोग करता है, तो-
(a) उस राज्य की विधानसभा स्वतः भंग हो जाती है।
(b) उस राज्य के विधानमंडल की शक्तियां संसद द्वारा या उसके प्राधिकार के अधीन प्रयोज्य होंगी।
(c) उस राज्य में अनुच्छेद 19 निलंबित हो जाता है।
(d) राष्ट्रपति उस राज्य से संबंधित विधियां बना सकता है।
[I.A.S. (Pre) 2018]
उत्तर- (b) उस राज्य के विधानमंडल की शक्तियां संसद द्वारा या उसके प्राधिकार के अधीन प्रयोज्य होंगी।
- राष्ट्रपति द्वारा संविधान के अनुच्छेद 356 के अधीन यथा उपबंधित अपनी शक्तियों का किसी विशेष राज्य के संबंध में प्रयोग करने का प्रभाव यह रहता है कि –
(1) उस राज्य की सरकार के सभी या कोई कृत्य तथा राज्यपाल या राज्य के किसी प्राधिकारी या निकाय में निहित या उसके द्वारा प्रयोज्य सभी या कोई शक्तियां राष्ट्रपति अपने हाथ में ले सकता है;
(2) राष्ट्रपति यह घोषित कर सकता है कि राज्य के विधानमंडल की शक्तियां संसद के प्राधिकार के द्वारा या उसके अधीन प्रयोक्तव्य होंगी।
- ज्ञातव्य है कि अनुच्छेद 356 के तहत राष्ट्रपति शासन लगाए जाने की स्थिति में राज्य की विधानसभा स्वतः निलंबित नहीं होती, अपितु राष्ट्रपति चाहे तो उसे भंग कर सकता है अथवा उसका निलंबन कर सकता है।
- उल्लेखनीय है कि अनुच्छेद 19 राज्य में संविधान के अनुच्छेद 352 के अधीन युद्ध या बाह्य आक्रमण के आधार पर जारी आपात उद्घोषणा के समय स्वतः निलंबित हो जाता है न कि अनुच्छेद 356 की उद्घोषणा के तहत।
- अतः दिए गए विकल्पों में विकल्प (b) सही उत्तर है।
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14. किसी राज्य में राष्ट्रपति शासन की उद्घोषणा के निम्नलिखित में से कौन-से परिणामों का होना आवश्यक नहीं है?
1. राज्य विधानसभा का विघटन
2. राज्य के मंत्रिपरिषद का हटाया जाना
3. स्थानीय निकायों का विघटन
नीचे दिए गए कूट का प्रयोग कर सही उत्तर चुनिए-
(a) केवल 1 और 2
(b) केवल 1 और 3
(c) केवल 2 और 3
(d) 1, 2 और 3
[I.A.S. (Pre) 2017]
उत्तर- (b) केवल 1 और 3
- भारतीय संविधान के अनुच्छेद 356 के प्रावधानों के तहत राज्यों में संवैधानिक तंत्र की विफलता की स्थिति में राष्ट्रपति द्वारा राज्यों में राष्ट्रपति शासन की उद्घोषणा की जा सकती है।
- राज्यों में राष्ट्रपति शासन लागू होने की स्थिति में राष्ट्रपति, राज्य सरकार की शक्तियों को अपने हाथों में ले लेता है।
- वह मुख्यमंत्री के नेतृत्व वाली मंत्रिपरिषद को हटा देता है। राष्ट्रपति के प्रतिनिधि के रूप में राज्यपाल राज्य सचिव की सहायता से राज्य का प्रशासन चलाता है।
- इसके अतिरिक्त राष्ट्रपति, राज्य विधानसभा को विघटित अथवा निलंबित कर सकता है, हालांकि यह आवश्यक नहीं है।
- स्थानीय निकायों का विघटन राष्ट्रपति शासन की उद्घोषणा का कोई परिणाम नहीं है।
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15. संविधान के अनुच्छेद 356 से संबंधित निम्नांकित कथनों पर विचार
कीजिए :
(i) राज्यों में सांविधानिक तंत्र की विफलता एक वस्तुनिष्ठ यथार्थ है।
(ii) इस अनुच्छेद के अंतर्गत की गई उद्घोषणा का उच्चतम न्यायालय द्वारा न्यायिक पुनरावलोकन किया जा सकता है।
(iii) इस उद्घोषणा के साथ ही, राज्य विधानसभा भंग की जा सकती है।
(iv) इस उद्घोषणा का दो माह के भीतर संसद के प्रत्येक सदन से अनुमोदन किया जाना चाहिए।
उपर्युक्त में से कौन-सा/से कथन सही है/हैं?
(a) केवल (i), (ii) एवं (iv)
(b) केवल (i), (ii) एवं (iii)
(c) केवल (iii) एवं (iv)
(d) केवल (ii), (iii) एवं (iv)
[R.A.S./R.T.S. (Pre) 2013]
उत्तर- (a) केवल (i), (ii) एवं (iv)
- एस.आर. बोम्मई बनाम भारत संघ वाद (1994) में उच्चतम न्यायालय ने निर्णय दिया है कि अनुच्छेद 356 से संबंधित उद्घोषणा का न्यायिक पुनरावलोकन किया जा सकता है तथा उद्घोषणा के साथ ही, राज्य विधानसभा भंग नहीं की जा सकती है, जब तक कि ऐसी उद्घोषणा का संसद के दोनों सदनों द्वारा दो माह के अंदर अनुमोदन नहीं कर दिया जाता है।
- इसमें यह भी निर्धारित किया गया है कि संवैधानिक तंत्र की विफलता यथार्थ में होनी चाहिए न कि कल्पित आधारों पर।
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16. राष्ट्रपति शासन अधिकतम लगाया जा सकता है-
(a) 1 वर्ष
(b) 2 वर्ष
(c) 6 माह
(d) 3 वर्ष
[U.P.P.C.S. (Pre) 1992]
उत्तर- (d) 3 वर्ष
- यद्यपि संविधान के अनुच्छेद 356 के अधीन राष्ट्रपति शासन की उद्घोषणा प्रत्येक 6 माह पर पुनः संसद के दोनों सदनों द्वारा पारित होकर अधिकतम 3 वर्ष तक प्रवर्तन में रह सकती है, परंतु इसके एक वर्ष से आगे प्रवृत्त रहने के संदर्भ में कोई संकल्प संसद द्वारा तभी पारित किया जाएगा, जबकि उस समय (1) संपूर्ण भारत अथवा संपूर्ण राज्य में या उसके किसी भाग में आपात की उद्घोषणा (अनु. 352 के अंतर्गत) प्रवर्तित हो, और (2) निर्वाचन आयोग यह प्रमाणित करे कि उस राज्य में निर्वाचन कराना संभव नहीं है (मई, 1987 में पंजाब राज्य में लगाए गए राष्ट्रपति शासन की अवधि संवैधानिक संशोधनों द्वारा बढ़ाई गई थी)।
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17. सूची-1 का मिलान सूची-II से कीजिए तथा नीचे दिए गए कूट से सही उत्तर चुनिए-
सूची-1 (राज्य) |
सूची-11 (2019 तक राष्ट्रपति शासन लागू किए जाने की संख्या) |
A. मणिपुर |
i. 8 |
B. उत्तर प्रदेश |
ii. 10 |
C. बिहार |
iii. 9 |
D. ओडिशा |
iv. 6 |
कूट :
A, B, C, D
(a) iii, ii, i, iv
(b) ii, iii, i, iv
(c) i, ii, iii, iv
(d) iv, ii, iii, i
[Chhattisgarh P.C.S. (Pre) 2020]
उत्तर- (b) ii, iii, i, iv
- सही सुमेल इस प्रकार है-
-
सूची-1 (राज्य) |
सूची-II (2019 तक राष्ट्रपति शासन लागू किए जाने की संख्या) |
A. मणिपुर |
ii. 10 |
B. उत्तर प्रदेश |
iii. 9 |
C. बिहार |
i. 8 |
D. ओडिशा |
iv. 6 |
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18. भारतीय संविधान के अनुच्छेद 356 के अंतर्गत राष्ट्रपति शासन सर्वप्रथम कहां लागू किया गया था?
(a) उत्तर प्रदेश में
(b) ट्रावनकोर-कोचीन में
(c) पेप्सू में
(d) बिहार में
[U.P.P.C.S. (Mains) 2010]
उत्तर- (c) पेप्सू में
- भारतीय संविधान के अनु. 356 के तहत राष्ट्रपति शासन सर्वप्रथम 1951 में तत्कालीन पंजाब में और फिर 1953 में पटियाला एवं ईस्ट पंजाब स्टेट यूनियन (PEPSU) राज्य में लागू किया गया था।
- उल्लेखनीय है कि 1 नवंबर, 1956 को हुए राज्यों के पुनर्गठन में पेप्सू संघ का पंजाब में विलय कर दिया गया था।
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19. भारत के संविधान के अनुच्छेद 360 के अधीन वित्तीय आपात से संबंधित निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिए:
1. वित्तीय आपात की उद्घोषणा दो मास की समाप्ति पर प्रवर्तन में नहीं रहेगी यदि उस अवधि की समाप्ति से पहले संसद के दोनों सदनों के संकल्पों द्वारा उसका अनुमोदन नहीं कर दिया जाता है।
2. यदि वित्तीय आपात प्रवर्तन में हो तो, भारत का राष्ट्रपति, संघ के कार्यकलाप के संबंध में सेवा करने वाले सभी या किसी वर्ग के व्यक्तियों के, परंतु जिनके अंतर्गत उच्चतम न्यायालय और उच्च न्यायालयों के न्यायाधीश नहीं आते, वेतनों और भत्तों में कमी करने के लिए निदेश देने में सक्षम है।
उपर्युक्त कथनों में से कौन-सा/से सही है/हैं?
(a) केवल 1
(b) केवल 2
(c) 1 और 2 दोनों
(d) न तो । और न ही 2
[I.A.S. (Pre) 2007]
उत्तर- (a) केवल 1
- वित्तीय आपातकाल की उद्घोषणा राष्ट्रपति द्वारा अनु. 360 (1) के तहत भारत या उसके राज्य क्षेत्र के किसी भाग के वित्तीय स्थायित्व या संकट के अवसर पर की जाती है।
- अनु. 360(2) के उपखंड (ग) के अनुसार, यह उद्घोषणा दो माह की समाप्ति पर, प्रवर्तन में नहीं रहेगी यदि उस अवधि की समाप्ति से पहले संसद के दोनों सदनों द्वारा उसका अनुमोदन नहीं कर दिया जाता है।
- अतः कथन 1 सही है।
- अनुच्छेद 360 (4) के उपखंड (ख) के अनुसार, वित्तीय आपात के दौरान राष्ट्रपति द्वारा निदेश जारी कर भारतीय संघ के कार्यकलाप के संबंध में सेवा करने वाले सभी या किसी वर्ग के व्यक्तियों, जिसमें उच्चतम न्यायालय एवं उच्च न्यायालय के न्यायाधीश भी शामिल हैं, के वेतन और भत्तों में कमी की जा सकती है।
- अतः कथन 2 सही नहीं है।
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20. निम्नलिखित में से भारतीय संविधान के किस अनुच्छेद का उपयोग अभी तक नहीं किया गया है?
(a) अनुच्छेद 60
(b) अनुच्छेद 352
(c) अनुच्छेद 356
(d) अनुच्छेद 360
[U.P. Lower Sub. (Mains) 2015 U.P.P.C.S. (Mains) 2016]
उत्तर- (d) अनुच्छेद 360
- अनुच्छेद 360 वित्तीय आपात से संबंधित उपबंध है। इस अनुच्छेद का उपयोग अभी तक नहीं किया गया है।
- इस अनुच्छेद के अनुसार, यदि राष्ट्रपति को यह समाधान हो जाए कि ऐसी स्थिति पैदा हो गई है जिससे भारत या उसके किसी भाग का वित्तीय स्थायित्व संकट में है, तो वह वित्तीय आपात की उद्घोषणा कर सकता है।
- अनुच्छेद 352 के अनुसार, यदि राष्ट्रपति को इस बात का समाधान हो जाए कि गंभीर आपात स्थिति विद्यमान है, या होने के निकट है, जिससे युद्ध, बाह्य आक्रमण या सशस्त्र विद्रोह से भारत या उसके किसी भाग में संकट पैदा हो सकता है, तो इस अनुच्छेद का प्रयोग राष्ट्रपति कर सकते हैं।
- इस अनुच्छेद का प्रयोग अब तक तीन बार (वर्ष 1962, 1971 तथा 1975) किया जा चुका है।
- अनुच्छेद 356 के तहत राष्ट्रपति, राज्यों में संवैधानिक तंत्र के विफल हो जाने की दशा में राज्यों में राष्ट्रपति शासन लागू कर सकता है।
- जबकि अनुच्छेद 60 में राष्ट्रपति के शपथ ग्रहण से संबंधित उपबंध है।
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21. भारत में वित्तीय आपातकाल की घोषणा आज तक कितनी बार की गई है?
(a) 5 बार
(b) 4 बार
(c) एक बार
(d) कभी नहीं
[U.P.P.C.S. (Pre) 2006]
उत्तर- (d) कभी नहीं
- अनुच्छेद 360 वित्तीय आपात से संबंधित उपबंध है। इस अनुच्छेद का उपयोग अभी तक नहीं किया गया है।
- इस अनुच्छेद के अनुसार, यदि राष्ट्रपति को यह समाधान हो जाए कि ऐसी स्थिति पैदा हो गई है जिससे भारत या उसके किसी भाग का वित्तीय स्थायित्व संकट में है, तो वह वित्तीय आपात की उद्घोषणा कर सकता है।
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22. किसने कहा था कि “राष्ट्रपति का आपातकालीन अधिकार संविधान के साथ धोखा है?”
(a) के.एम. मुंशी
(b) बी.एन. राव
(c) के.एम. नाम्बियार
(d) हृदयनाथ कुंजरू
[U.P. P.C.S. (Spl.) (Mains) 2004]
उत्तर- (c) के.एम. नाम्बियार
- के.एम. नाम्बियार ने संविधान में उल्लिखित राज्यों में राष्ट्रपति शासन संबंधी प्रावधान का विरोध करते हुए कहा था कि “राष्ट्रपति का आपातकालीन अधिकार संविधान के साथ धोखा है।”
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