ऐडिटिव मैन्युफैक्चरिंग (योजक विनिर्माण)/3D प्रिंटिंग की अवधारणा का परिचय
प्रश्न: ऐडिटिव मैन्युफैक्चरिंग (योजक विनिर्माण) की अवधारणा की संक्षेप में व्याख्या कीजिए, साथ ही परंपरागत विनिर्माण विधियों की तुलना में इसके लाभों और चुनौतियों को भी बताइए। साथ ही, मनुष्यों में अंग प्रतिस्थापन में क्रांतिकारी परिवर्तन लाने के संदर्भ में इसकी क्षमता पर टिप्पणी कीजिए।
दृष्टिकोण
- ऐडिटिव मैन्युफैक्चरिंग (योजक विनिर्माण)/3D प्रिंटिंग की अवधारणा का परिचय दीजिए।
- इसके गुण/दोषों को रेखांकित कीजिए।
- प्रोस्थेटिक्स, अंग प्रत्यारोपण और दवाओं के क्षेत्र में इसके योगदान के उदाहरण प्रस्तुत कीजिए।
उत्तर
ऐडिटिव मैन्युफैक्चरिंग (AM) या 3D प्रिंटिंग परत-दर-परत निर्माण करते हुए किसी वस्तु को निर्मित करने की प्रक्रिया है। लागत-प्रभावशीलता में वृद्धि और दक्षता से बढ़ते नवाचार के कारण इस प्रौद्योगिकी ने विनिर्माण उद्योग पर महत्वपूर्ण प्रभाव डाला है।
ऐडिटिव मैन्युफैक्चरिंग द्वारा ऑटोमोबाइल उद्योग, एयरोस्पेस, जेनेटिक्स इत्यादि क्षेत्रों में महत्वपूर्ण योगदान किया जा रहा है। बोइंग और जनरल इलेक्ट्रिक जैसे संगठनों ने अपनी व्यावसायिक प्रक्रियाओं के अभिन्न अंग के रूप में इसका उपयोग करना प्रारंभ कर दिया है।
लाभ
- उत्पादन की गति और लागत: इसमें किसी जटिल डिजाईन को भी CAD मॉडल से अपलोड कर एक ही चरण में प्रिंट किया जा सकता है। इसे अपनाने से संभवतः भविष्य में असेंबली लाइन अप्रचलित हो जायेंगी तथा मशीन एवं श्रम लागत में कमी के साथ श्रम को अधिक लचीलापन और स्वायत्तता प्राप्त होगी।
- कस्टमाइज़ेशन- 3D प्रिंटिंग डिजाइन के संबंध में अधिक स्वतंत्रता प्रदान करती है। उदाहरण के लिए, AM का प्रयोग करके आंतरिक और बाह्य रूप से विभिन्न सामग्रियां बनाना संभव है। इसके अन्य विभिन्न अनुप्रयोगों में उच्च स्तरीय विशेषीकृत (कस्टमाइज़्ड) खेल उपकरण, कस्टम सनग्लास, फैशन एक्सेसरीज़, कस्टमाइज़्ड प्रोस्थेटिक्स या इम्प्लांट इत्यादि सम्मिलित है।
- स्थायित्व: इसमें पॉलिमर, धातुओं एवं मृदा पात्रों से लेकर फोम, जेल और यहां तक कि जैव सामग्री जैसी किसी भी सामग्री का उपयोग किया जा सकता है। अधिकांश प्रक्रियाओं में ऐसे कच्चे माल का उपयोग किया जाता है जो एक से अधिक वस्तुओं के निर्माण में पुन: प्रयुक्त और पुनर्नवीनीकृत किये जा सकते हैं।
- सुगम पहुँच: मूल रूप से यह विशिष्ट तकनीक अब सुगमता से उपलब्ध है और अनेक उद्योगों द्वारा खंड उत्पादन (part production) की लागत प्रतिस्पर्धी पद्धति का उपयोग किया जा रहा है।
चुनौतियां
- उच्च प्रारंभिक निवेश।
- AM उत्पादों की सुरक्षा, गुणवत्ता और विश्वसनीयता का आकलन और प्रमाणन करने के लिए नए मानकों के विकास की आवश्यकता है। जैसी पारंपरिक विनिर्माण तकनीकें जोकि मात्रा बढ़ने के साथ अधिक लागत प्रभावी होती जाती हैं के सापेक्ष मापनीयता/बड़े पैमाने पर उत्पादन संबंधी चुनौतियाँ।
- AM उत्पादों में विकृतियों को हटाने में कठिनाई होती है।
- डिजाइन और निर्माण प्रक्रियाओं में आमूलचूल परिवर्तनों की आवश्यकता है जिसके लिए सुप्रशिक्षित, सक्षम और कुशल श्रमिकों की आवश्यकता होगी।
अंग प्रत्यारोपण में क्रांतिकारी परिवर्तन लाने में भूमिका
- इसका प्रयोग करके बहुल-कोशिकाओं, जैव सामग्रियों और जैविक अणुओं को निर्धारित स्थानिक स्थानों पर एक साथ प्रिंट किया जा सकता है।
- यह विश्व भर में 30 मिलियन लोगों की कृत्रिम अंगों और ब्रेसेज़ की आवश्यकता की पूर्ति में सहायता कर सकती है।
- जले हुए व्यक्तियों के लिए 3D प्रिंटेड त्वचा, शिशुओं के लिए एयरवे स्प्लिट, कैंसर रोगियों के लिए फेसिअल रिकंस्ट्रक्शन पार्ट्स, वृद्ध व्यक्तियों के लिए ऑर्थोपेडिक प्रत्यारोपण आदि ऐसे कुछ उत्पाद हैं जो अंग प्रत्यारोपण उद्योग में क्रांतिकारी परिवर्तन कर रहे हैं।
- हालाँकि एक कन्फाइन्ड माइक्रो आर्किटेक्चर में मल्टीप्ल सेल के प्रकार वाले जटिल ऊतकों के निर्माण में कई चुनौतियां विद्यमान हैं।
- 3D प्रिंटिंग लगभग तीन दशकों से अस्तित्व में है किंतु अब यह परिपक्व और परिपूर्ण हो चुकी है। इसमें वास्तविक अनुप्रयोगों की (विशेष रूप से अंग प्रत्यारोपण और हेल्थकेयर जैसे महत्वपूर्ण क्षेत्रों में) अत्यधिक संभावना निहित है।
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