1. कथन (A): अनुच्छेद 368 के अंतर्गत संसद संविधान के किसी भी भाग में संशोधन कर सकती है।
कारण (R): संसद, भारत की जनता द्वारा निर्वाचित उच्चतम विधायी संस्था है।
नीचे दिए गए कूट का प्रयोग करते हुए सही उत्तर चुनिए:
(a) (A) तथा (R) दोनों सही हैं तथा (R), (A) की सही व्याख्या है।
(b) (A) तथा (R) दोनों सही हैं, परंतु (R), (A) की सही व्याख्या नहीं है।
(c) (A) सही है, परंतु (R) गलत है।
(d) (A) गलत है, परंतु (R) सही है।
[U.P.P.C.S. (Pre) 2015]
उत्तर- (a) (A) तथा (R) दोनों सही हैं तथा (R), (A) की सही व्याख्या है।
- अनुच्छेद 368 के अनुसार, इस संविधान में किसी बात के होते हुए भी, संसद अपनी संविधायी शक्ति का प्रयोग करते हुए इस संविधान के किसी उपबंध का परिवर्धन, परिवर्तन या निरसन के रूप में संशोधन इस अनुच्छेद में अधिकथित प्रक्रिया के अनुसार कर सकेगी।
- संसद, भारत की जनता द्वारा निर्वाचित उच्चतम विधायी संस्था है, इसी कारण संविधान में संशोधन का यह अधिकार संसद को प्राप्त है।
- अतः कथन एवं कारण दोनों सही है तथा कारण, कथन की स्पष्ट व्याख्या है।
- अतः विकल्प (a) सही उत्तर है।
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2. निम्न विधेयकों में से किस एक का भारतीय संसद के दोनों सदनों द्वारा अलग-अलग विशेष बहुमत से पारित होना आवश्यक है-
(a) साधारण विधेयक
(b) धन विधेयक
(c) वित्त विधेयक
(d) संविधान संशोधन विधेयक
[I.A.S. (Pre) 2003, U.P.P.C.S. (Mains) 2007]
उत्तर- (d) संविधान संशोधन विधेयक
- संसद की संविधान संशोधन की शक्ति और उसके लिए प्रक्रिया संविधान के अनुच्छेद 368 में वर्णित है।
- अनुच्छेद 368 के अनुसार, संविधान संशोधन विधेयक का भारतीय संसद के दोनों सदनों द्वारा अलग-अलग विशेष बहुमत से पारित होना आवश्यक है अर्थात कुल सदस्यों के आधे से अधिक और उपस्थित एवं मतदान करने वाले सदस्यों के 2/3 बहुमत से इसका पारित होना आवश्यक है।
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3. भारतीय संविधान में किस अनुच्छेद के प्रावधानों के अंतर्गत संशोधन किया जा सकता है?
(a) अनुच्छेद 368
(b) अनुच्छेद 360
(c) अनुच्छेद 356
(d) अनुच्छेद 352
[U.P.P.C.S. (Mains) 2008]
उत्तर- (a) अनुच्छेद 368
- संसद की संविधान संशोधन की शक्ति और उसके लिए प्रक्रिया संविधान के अनुच्छेद 368 में वर्णित है।
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4. संविधान में संशोधन की पहल की जा सकती है-
(a) केवल लोक सभा में
(b) केवल राज्य सभा में
(c) केवल राज्य विधानसभाओं में
(d) संसद के किसी एक सदन में
[U.P. U.D.A./L.D.A. (Pre) 2013]
उत्तर- (d) संसद के किसी एक सदन में
- भारत के संविधान में संशोधन की प्रक्रिया को संसद के किसी भी एक सदन (राज्य सभा या लोक सभा) में इस प्रयोजन के लिए विधेयक पुरःस्थापित करके प्रारंभ किया जा सकता है।
- इसका उल्लेख संविधान के अनुच्छेद 368(2) में किया गया है, किंतु संशोधन के लिए प्रत्येक सदन के सदस्यों के विशेष बहुमत की आवश्यकता होती है।
- भारत के संविधान में संशोधन की प्रक्रिया को दक्षिण अफ्रीका के संविधान से लिया गया है।
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5. भारत के संविधान के अनुच्छेद 368 (2) के उपबंधों के तहत यदि कोई विधेयक भारत की संसद द्वारा पारित होने के पश्चात राजस्थान विधानसभा के पास संकल्प द्वारा अनुसमर्थन के लिए आता है, तो-
(A) विधानसभा संकल्प पारित कर सकती है।
(B) विधानसभा संकल्प अस्वीकार कर सकती है।
(C) ऐसे संकल्प में कोई संशोधन प्रस्तावित नहीं
सही उत्तर का चयन नीचे दिए गए कूट से कीजिए-
कूट :
(a) केवल (A)
(b) (B) और (C)
(c) (A) और (C)
(d) (A), (B) और (C)
[R.A.S./R.T.S. (Pre) 2018]
उत्तर- (d) (A), (B) और (C)
- भारत के संविधान के अनुच्छेद 368 (2) के परंतुक के उपबंधों के तहत वर्णित संविधान के कतिपय प्रावधानों में संशोधन करने हेतु विधेयक के भारत की संसद के प्रत्येक सदन द्वारा अपेक्षित बहुमत से पारित होने के पश्चात उसे राष्ट्रपति की अनुमति के लिए प्रस्तुत किए जाने से पूर्व यह आवश्यक है कि कम-से-कम आधे राज्य विधानमंडलों द्वारा उस विधेयक को अनुसमर्थित किया जाए।
- आधे राज्य यदि विधेयक को अपनी संस्तुति देते हैं, तो औपचारिकता पूरी हो जाती है।
- राजस्थान विधानसभा समेत कोई भी विधानसभा संकल्प को पारित कर सकती है या अस्वीकार कर सकती है।
- ऐसे संकल्प में विधानसभा द्वारा कोई संशोधन प्रस्तावित नहीं किया जा सकता है।
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6. भारतीय संविधान के अनुसार, निम्न विषयों पर संवैधानिक संशोधन के लिए कम-से-कम आधे राज्यों के विधानमंडल द्वारा सम्पुष्टि आवश्यक है
1. संविधान के संघीय प्रावधान
2. सर्वोच्च न्यायालय के अधिकार
3. संविधान संशोधन की प्रक्रिया
4. नए राज्यों का निर्माण अथवा राज्यों की सीमाओं तथा नामों में परिवर्तन
(a) 1, 2, 3
(b) 1, 2, 4
(c) 1, 3, 4
(d) 2, 3, 4
[U.P.P.C.S. Lower Sub. (Pre) 2004]
उत्तर- (a) 1, 2, 3
- भारतीय संविधान नम्य एवं परिवर्तनशील है। इसमें आवश्यकतानुसार संविधान के अनुच्छेद 368 में दी गई प्रक्रिया के अनुसार संशोधन किया जा सकता है।
- भारतीय संविधान में तीन प्रकार से संशोधन किया जा सकता है-
1. साधारण बहुमत द्वारा – संविधान में कुछ प्रावधान हैं, जिन्हें संसद साधारण बहुमत से संशोधित कर सकती है।
- इस प्रकार के संशोधन को अनुच्छेद 368 के प्रयोजनों के तहत संविधान का संशोधन नहीं माना जाता।
- यथा-राज्यों के नामों तथा सीमाओं में परिवर्तन करने अथवा नए राज्यों का निर्माण करने, राज्यों में विधान परिषदों को सृजित करने या समाप्त करने, राष्ट्रपति, राज्यपालों, उच्चतम न्यायालय एवं उच्च न्यायालयों के न्यायाधीशों के वेतनों में वृद्धि या कमी करने वाले संशोधन आदि साधारण बहुमत से किए जाते हैं।
2. विशेष बहुमत द्वारा – अनुच्छेद 368(2) की प्रक्रिया के तहत संसद अपने प्रत्येक सदन के विशेष बहुमत (कुल सदस्य संख्या के बहुमत और उपस्थित एवं मत देने वाले सदस्यों के दो-तिहाई बहुमत) से विधेयक पारित कर संविधान के अधिकांश अनुच्छेदों में संशोधन कर सकती है।
3. विशेष बहुमत तथा राज्यों के अनुमोदन से – अनुच्छेद 368(2) के परंतुक के अनुसार, संविधान में कतिपय प्रावधान ऐसे हैं, जिनमें संशोधन करने के लिए संसद के विशेष बहुमत के साथ कम-से-कम आधे राज्यों के विधानमंडलों का अनुमोदन प्राप्त करना आवश्यक है।
- यथा-राष्ट्रपति का निर्वाचन एवं उसकी प्रक्रिया, संघ तथा राज्यों की कार्यपालिका शक्ति का विस्तार, उच्चतम न्यायालय तथा उच्च न्यायालय संबंधी प्रावधान, संसद में राज्यों का प्रतिनिधित्व, संविधान संशोधन की संसद की शक्ति और उसकी प्रक्रिया, संघ और राज्यों के मध्य विधायी शक्तियों का विभाजन तथा सातवीं सूची में वर्णित सूचियों की प्रविष्टि, माल और सेवा कर (जीएसटी) परिषद संबंधी प्रावधान (अनु. 279A) आदि।
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7. निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिए:
1. भारत के संविधान में संशोधन केवल लोक सभा में एक विधेयक की पुरःस्थापना द्वारा ही प्रारंभ किया जा सकता है।
2. यदि ऐसा संशोधन संविधान के संघीय चरित्र में परिवर्तन की मांग करता है, तो संशोधन का अनुसमर्थन भारत के सभी राज्यों के विधानमंडल द्वारा किया जाना भी आवश्यक है।
उपर्युक्त कथनों में से कौन-सा/से सही है/हैं?
(a) केवल 1
(b) केवल 2
(c) 1 और 2 दोनों
(d) न तो । और न ही 2
[I.A.S. (Pre) 2013]
उत्तर- (d) न तो । और न ही 2
- संविधान के अनुच्छेद 368(2) के अनुसार, संविधान संशोधन विधेयक संसद के किसी सदन में पुरःस्थापित किया जा सकेगा।
- अतः कथन-1 गलत है।
- संघीय चरित्र में परिवर्तन से संबंधित संशोधन कम-से-कम आधे राज्यों के विधानमंडलों द्वारा अनुसमर्थित होना चाहिए न कि सभी राज्य विधानमंडलों द्वारा [अनुच्छेद 368 (2) का परंतुक]।
- अतः कथन-2 भी गलत है।
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8. संवैधानिक संशोधन प्रक्रिया के संदर्भ में कौन-सा सुमेलित नहीं है?
i. केंद्र और राज्य की कार्यपालिका शक्ति का विस्तार।
ii. सर्वोच्च और उच्च न्यायालय।
iii. राष्ट्रपति का निर्वाचन।
iv. राष्ट्रपति की योग्यता।
v. राष्ट्रपति के पद की शर्तें।
vi. राष्ट्रपति का कार्यकाल।
vii. केंद्र व राज्यों के मध्य विधायी शक्तियों का बंटवारा।
viii. संसद में राज्यों का प्रतिनिधित्व।
(a) i, ii, iii
(b) ii, iii, iv
(c) iii, iv, v
(d) iv, v, vi
(e) vi, vii, viii
[Chhattisgarh P.C.S. (Pre) 2017]
उत्तर- (d) iv, v, vi
- राष्ट्रपति की योग्यता, राष्ट्रपति के पद की शर्ते और राष्ट्रपति के कार्यकाल जैसे विषय विशेष सांविधानिक संशोधन प्रक्रिया (कम-से-कम आधे राज्यों के विधानमंडलों के अनुसमर्थन के साथ) के अंतर्गत नहीं आते हैं, इनमें कोई भी परिवर्तन संसद के द्वारा (बगैर राज्यों के अनुसमर्थन के) किया जा सकता है।
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9. उस स्थिति में जबकि लोक सभा द्वारा पारित किसी संविधान संशोधन विधेयक को उच्च सदन ने अस्वीकार कर दिया हो, तब-
(a) विधेयक अंतिम रूप से समाप्त हो जाता है।
(b) विधेयक पर विचार करने और उसे पारित करने के लिए दोनों सदनों की एक संयुक्त बैठक बुलाई जा सकती है।
(c) यदि लोक सभा उस विधेयक को पुनः 2/3 बहुमत से पारित कर देती है, तो विधेयक को दोनों सदनों द्वारा पारित मान लिया जाएगा।
(d) उच्च सदन द्वारा विधेयक के अस्वीकार होने पर भी संशोधन विधेयक दोनों सदनों द्वारा पारित मान लिया जाएगा।
[U.P.P.C.S. (Mains) 2004]
उत्तर- (a) विधेयक अंतिम रूप से समाप्त हो जाता है।
- संविधान संशोधन विधेयक संसद के दोनों सदनों द्वारा अलग-अलग विशेष बहुमत से स्वीकृत किया जाना आवश्यक है।
- किसी एक सदन द्वारा पारित होने तथा फिर दूसरे सदन द्वारा अस्वीकृत होने अर्थात दोनों सदनों में असहमति की स्थिति में विधेयक अंतिम रूप से समाप्त हो जाएगा, क्योंकि संविधान संशोधन के प्रस्ताव पर विचार करने के लिए संसद के दोनों सदनों की संयुक्त बैठक की संविधान में कोई व्यवस्था नहीं है।
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10. संविधान संशोधनों से संबंधित निम्नांकित कथनों पर विचार कीजिए:
(i) अनुच्छेद 368 में संविधान संशोधन की दो विधियों का उल्लेख है।
(ii) संविधान संशोधन विधेयक केवल लोक सभा में ही प्रारंभ किया जा सकता है।
(iii) संविधान संशोधन विधेयक पर संसद के दोनों सदनों के बीच विवाद की दशा में, दोनों सदनों की संयुक्त बैठक आहूत की जा सकती है।
(iv) राष्ट्रपति संविधान संशोधन विधेयक पर निषेधाधिकार का प्रयोग नहीं कर सकता है।
उपर्युक्त में से कौन-सा/से कथन सही है/हैं?
(a) केवल (1) एवं (iii)
(b) केवल (i) एवं (iv)
(c) केवल (ii) एवं (iv)
(d) केवल (ii), (iii) एवं (iv)
[R.A.S./R.T.S. (Pre) 2013]
उत्तर- (b) केवल (i) एवं (iv)
- संविधान के अनुच्छेद 368 (2) के तहत संविधान संशोधन की दो विधियां दी गई हैं-पहला, प्रत्येक सदन की कुल सदस्य संख्या के बहुमत तथा उपस्थित और मत देने वाले सदस्यों के कम-से-कम दो-तिहाई बहुमत द्वारा, और दूसरा, इस प्रकार पारित संशोधन विधेयक के कम-से-कम आधे राज्य विधानमंडलों के अनुसमर्थन द्वारा।
- संविधान संशोधन विधेयक संसद के किसी भी सदन में प्रारंभ किया जा सकता है।
- दोनों सदनों में विवाद की स्थिति में संयुक्त बैठक का प्रावधान संविधान संशोधन विधेयक के संबंध में नहीं है।
- साथ ही संविधान संशोधन विधेयक पर राष्ट्रपति को अनुमति देनी होगी, उसे निषेधाधिकार प्राप्त नहीं है।
|
11. संविधान संशोधन करने के विधेयक को वीटो करने की राष्ट्रपति की शक्ति “सहमति देनी होगी” शब्द से स्थानापन्न करके किस संशोधन द्वारा छीन ली गई है?
(a) चौवालीसवां संशोधन
(b) तेइसवां संशोधन
(c) चौबीसवां संशोधन
(d) बयालीसवां संशोधन
[R.A.S./R.T.S. (Pre) (Re-Exam) 2013]
उत्तर- (c) चौबीसवां संशोधन
- संविधान (24वां संशोधन) अधिनियम, 1971 द्वारा अनुच्छेद 368 के खंड (2) में संशोधन करके संसद के दोनों सदनों द्वारा पारित संविधान संशोधन विधेयक को वीटो कर सकने की राष्ट्रपति की शक्ति को छीन लिया गया।
- अनुच्छेद 368(2) के अनुसार, इस संविधान के संशोधन का आरंभ संसद के किसी सदन में इस प्रयोजन के लिए विधेयक पुरःस्थापित करके ही किया जा सकेगा और जब वह विधेयक प्रत्येक सदन में उस सदन की कुल सदस्य संख्या के बहुमत द्वारा तथा उस सदन के उपस्थित और मत देने वाले सदस्यों के कम-से-कम दो-तिहाई बहुमत द्वारा पारित कर दिया जाता है, तब ‘वह राष्ट्रपति के समक्ष प्रस्तुत किया जाएगा, जो विधेयक को अपनी अनुमति देगा और तब’ संविधान उस विधेयक के निर्बंधनों के अनुसार, संशोधित हो जाएगा।
- परंतु कतिपय मामलों में विधेयक को राष्ट्रपति के समक्ष प्रस्तुत करने से पूर्व कम-से-कम आधे राज्यों के विधानमंडलों द्वारा पारित इस आशय के संकल्पों द्वारा उन विधानमंडलों का अनुसमर्थन भी अपेक्षित होगा।
|
12. भारत के संविधान के अनुच्छेद 368 के संबंध में कौन-सा कथन सही है?
I. 24वें संविधान संशोधन अधिनियम, 1971 के द्वारा अनुच्छेद 368 संशोधित किया गया था।
II. 101वें संविधान संशोधन अधिनियम, 2016 के द्वारा अनुच्छेद 368 संशोधित किया गया था।
कूट :
(a) I सही है एवं II गलत है।
(b) I गलत है एवं II सही है।
(c) I एवं II दोनों सही हैं।
(d) I एवं II दोनों गलत हैं।
[M.P.P.C.S. (Pre) 2020]
उत्तर- (c) I एवं II दोनों सही हैं।
- 24 वें संविधान संशोधन अधिनियम, 1971 के द्वारा भाग 20 के संविधान के संशोधन संबंधी अनुच्छेद 368 में ‘संविधान में संशोधन करने की प्रक्रिया’ के साथ ‘संविधान का संशोधन करने की संसद की शक्ति’ जोड़ी गई तथा राष्ट्रपति को संसद द्वारा पारित संविधान संशोधन विधेयक पर स्वीकृति देने हेतु बाध्य बनाया गया।
- इसके अतिरिक्त इसी संशोधन से अनुच्छेद 368 में खंड (3) के तहत यह प्रावधानित किया गया कि अनुच्छेद 13 की कोई बात इस अनुच्छेद के अधीन किए गए किसी संशोधन को लागू नहीं होगी।
- 101वें संविधान संशोधन अधिनियम, 2016 द्वारा अनुच्छेद 368 के खंड (2) के परंतुक के भाग (क) के अनुच्छेदों में अनुच्छेद 279 क को शामिल कर माल और सेवा कर परिषद संबंधी संवैधानिक प्रावधानों में संशोधन हेतु कम से कम आधे राज्यों के विधान मंडलों का अनुसमर्थन भी अपेक्षित किया गया।
|
13. भारतीय संविधान के लिए प्रथम संशोधन विधेयक (Amendment Bill) लाया गया-
(a) 1950
(b) 1951
(c) 1955
(d) 1958
[38th B.P.S.C. (Pre) 1992]
उत्तर- (b) 1951
- भारतीय संविधान के लिए प्रथम संशोधन विधेयक 10 मई, 1951 को संसद में प्रस्तुत किया गया था तथा यह पारित होकर जून, 1951 में अधिनियमित हुआ था।
- प्रथम संविधान संशोधन अधिनियम, 1951 द्वारा अनुच्छेद 15, 19, 85, 87, 174, 176, 341, 342, 372 एवं 376 में संशोधन किया गया तथा दो नए अनुच्छेद 31-क एवं 31-ख और नौवीं अनुसूची को संविधान में जोड़ा गया।
|
14. संविधान का प्रथम संशोधन जो वर्ष 1951 में पारित हुआ, निम्न में से किससे संबंधित था?
(a) देश की सुरक्षा से।
(b) प्रधानमंत्री की सुरक्षा से।
(c) कुछ राज्यों में किए गए कृषि व कृषि भूमि संबंधी सुधारों के संरक्षण से।
(d) अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति से।
[U.P.P.C.S. (Mains) 2009]
उत्तर- (c) कुछ राज्यों में किए गए कृषि व कृषि भूमि संबंधी सुधारों के संरक्षण से।
- भारतीय संविधान के प्रथम संशोधन, 1951 द्वारा संविधान में दो नए अनुच्छेदों 31-क एवं 31-ख तथा नौवीं अनुसूची को शामिल किया गया, ताकि कुछ राज्यों में कृषि एवं कृषि भूमि संबंधी सुधारों के संरक्षण हेतु बनाए गए भूमि सुधार कानूनों को चुनौती न दी जा सके।
|
15. “भारत के उच्चतम न्यायालय के न्यायाधीश की आयु ऐसे प्राधिकारी द्वारा और ऐसी रीति से अवधारित की जाएगी, जिसका संसद विधि द्वारा उपबंध करे” अंतःस्थापित किया गया-
(a) 15वें संविधान संशोधन द्वारा
(b) 16वें संविधान संशोधन द्वारा
(c) 17वें संविधान संशोधन द्वारा
(d) 18वें संविधान संशोधन द्वारा
[R.A.S./R.T.S. (Pre) 2018]
उत्तर- (a) 15वें संविधान संशोधन द्वारा
- 15वें संविधान संशोधन, 1963 के द्वारा अंतःस्थापित अनु. 124(2-A) के तहत प्रावधान किया गया कि भारत के उच्चतम न्यायालय के न्यायाधीश की आयु ऐसे प्राधिकारी द्वारा और ऐसी रीति से अवधारित की जाएगी, जिसका संसद विधि द्वारा उपबंध करे।
|
16. भारतीय रियासतों के शासकों के विशेष अधिकारों और प्रिवी पर्सी की समाप्ति कब की गई?
(a) 1950
(b) 1949
(c) 1962
(d) 1971
[M.P.P.C.S. (Pre) 2020]
उत्तर- (d) 1971
- इंदिरा गांधी के प्रधानमंत्रित्व काल में वर्ष 1971 में अधिनियमित 26वें संविधान संशोधन अधिनियम द्वारा संविधान में अनुच्छेद 363-क (देशी राज्यों के शासकों को दी गई मान्यता की समाप्ति और प्रिवी पर्सी का अंत) अंतःस्थापित कर तथा अनुच्छेद 291 (शासकों के प्रिवी पर्सी की राशि) एवं अनुच्छेद 362 (देशी राज्यों के शासकों के अधिकार और विशेषाधिकार) का निरसन कर भारतीय रियासतों के शासकों के विशेष अधिकारों और प्रिवी पसों की समाप्ति की गई।
|
17. निम्नांकित संविधानिक संशोधनों को सुमेलित कीजिए।
सूची -1 |
सूची – II |
(i) 13वां संशोधन |
(A) नगालैंड |
(ii) 18वां संशोधन |
(B) दल-बदल अधिनियम |
(iii) 39वां संशोधन |
(C) राज्य को पुनर्परिभाषित किया गया |
(iv) 52वां संशोधन |
(D) राष्ट्रपति, उपराष्ट्रपति, स्पीकर और प्रधानमंत्री के चुनाव को चुनौती नहीं जा सकती |
कूट :
(A), (B), (C), (D)
(a) (ii), (iv), (i), (iii)
(b) (iv), (iii), (ii), (i)
(c) (iii), (ii), (1), (iv)
(d) (i), (iv), (ii), (iii)
(e) (i), (iii), (ii), (iv)
[Chhattisgarh P.C.S. (Pre) 2014]
उत्तर- (d) (i), (iv), (ii), (iii)
- सही सुमेलन इस प्रकार है-
-
सूची -1 |
सूची – II |
(i) 13वां संशोधन |
(A) नगालैंड |
(ii) 18वां संशोधन |
(C) राज्य को पुनर्परिभाषित किया गया |
(iii) 39वां संशोधन |
(D) राष्ट्रपति, उपराष्ट्रपति, स्पीकर और प्रधानमंत्री के चुनाव को चुनौती नहीं दी जा सकती |
(iv) 52वां संशोधन |
(B) दल-बदल अधिनियम |
|
18. सूची-1 को सूची-II के साथ सुमेलित कीजिए तथा नीचे दिए गए कूट से सही उत्तर चुनिए-
सूची -1 |
सूची – II |
A. न्यायिक पुनरीक्षण शक्ति का परिसीमन |
1. 61वां संशोधन |
B. संपत्ति के अधिकार को मौलिक अधिकारों से हटाया जाना |
2. 42वां संशोधन |
C. मताधिकार की आयु 21 वर्ष से 18 वर्ष घटाया जाना |
3. 38वां संशोधन |
D. उद्देशिका में पंथनिरपेक्ष शब्द का जोड़ा जाना |
4. 44वां संशोधन |
कूट :
A, B, C, D
(a) 1, 2, 4, 3
(b) 2, 4, 1, 3
(c) 3, 4, 1, 2
(d) 4, 1, 3, 2
[U.P.P.C.S. (Pre) 2017]
उत्तर-(c) 3, 4, 1, 2
- सही सुमेलन इस प्रकार है-
-
सूची -1 |
सूची – II |
(A) न्यायिक पुनरीक्षण शक्ति का परिसीमन |
3. 38वां संविधान संशोधन (1975) |
(B) संपत्ति के अधिकार को मौलिक अधिकारों से हटाया जाना |
4. 44वां संविधान संशोधन (1978) |
(C) मताधिकार की आयु 21 वर्ष से 18 वर्ष घटाया जाना |
1. 61वां संविधान संशोधन (1988) |
(D) उद्देशिका में पंथनिरपेक्ष शब्द का जोड़ा जाना |
2. 42वां संविधान संशोधन (1976) |
|
19. सूची-1 को सूची-II के साथ सुमेलित कीजिए और सूचियों के नीचे दिए गए कूट का प्रयोग कर सही उत्तर चुनिए:
सूची-1 (संविधान में संशोधन) |
सूची-II (विषय-वस्तु) |
A. संविधान (उनहत्तरवां संशोधन) अधिनियम, 1991 |
1. राज्य स्तरीय किराया अधिकरणों की स्थापना |
B. संविधान (पचहत्तरवां संशोधन) अधिनियम, 1994 |
2. अरुणाचल प्रदेश में पंचायतों में अनुसूचित जातियों के लिए कोई आरक्षण नहीं |
C. संविधान (अस्सीवां संशोधन) अधिनियम, 2000 |
3. गांवों या अन्य स्थानीय स्तरों पर पंचायतों का संगठन |
D. संविधान (तिरासीवां संशोधन) अधिनियम |
4. दसवें वित्त आयोग की सिफारिशों को स्वीकारना |
|
5. दिल्ली को राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र का दर्जा देना |
कूट :
(a) A-5, B-1, C-4, D-2
(b) A-1, B-5, C-3, D-4
(c) A-5, B-1, C-3, D-4
(d) A-1, B-5, C-4, D-2
[I.A.S. (Pre) 2001]
उत्तर- (a) A-5, B-1, C-4, D-2
- सही सुमेलन इस प्रकार हैं-
- 69वां संविधान संशोधन: दिल्ली को राष्ट्रीय राजधानी का दर्जा:
75वां संविधान संशोधन : राज्य स्तरीय किराया अधिकरणों की स्थापना;
80वां संविधान संशोधन: दसवें वित्त आयोग की सिफारिशों को स्वीकारना;
83वां संविधान संशोधन: अरुणाचल प्रदेश में पंचायतों में अनुसूचित जातियों हेतु कोई आरक्षण नहीं है, क्योंकि वहां इनकी प्रभावकारी संख्या नहीं है। यहां का समाज आदिवासी समाज है।
|
20. सूची-1 को सूची-II से सुमेलित कीजिए तथा सूचियों के नीचे दिए गए कूटों का प्रयोग करते हुए सही उत्तर चुनिए-
सूची-1 (संवैधानिक संशोधन का प्रावधान) |
सूची-II (संवैधानिक संशोधन का क्रमांक) |
A. अनुच्छेद 19(1) (ग) के अंतर्गत सहकारी समितियां बनाने का अधिकार
|
i. 81वां संशोधन, 2000 |
B. रिक्तियों के बैकलॉग को भरने
|
ii. 91वां संशोधन, 2003 में अनुसूचित जाति/अनुसूचित जनजाति के आरक्षण का संरक्षण |
C. राष्ट्रीय न्यायिक नियुक्ति आयोग का निर्माण |
iii. 97वां संशोधन, 2012 |
D. मंत्रिपरिषद के आकार को परिमित करना |
iv. 99वां संशोधन, 2014 |
कूट :
A, B, C, D
(a) iii, ii, iv, i
(b) i, iv, ii, iii
(c) iii, i, iv, ii
(d) ii, iii, i, iv
[R.A.S./R.T.S. (Pre) (Re-Exam) 2013]
उत्तर- (c) iii, i, iv, ii
- सही सुमेलित हैं-
-
सूची-1 (संवैधानिक संशोधन का प्रावधान) |
सूची-II (संवैधानिक संशोधन का क्रमांक) |
A. अनुच्छेद 19(1) (ग) के अंतर्गत सहकारी समितियां बनाने का अधिकार |
iii. 97वां संशोधन, 2011 |
B. रिक्तियों के बैकलॉग को भरने में अनुसूचित जाति/अनुसूचित जनजाति के आरक्षण का संरक्षण |
i. 81वां संशोधन, 2000 |
C. राष्ट्रीय न्यायिक नियुक्ति आयोग का निर्माण |
iv. 99वां संशोधन, 2014 (सर्वोच्च न्यायालय द्वारा अभिखंडित) |
D. मंत्रिपरिषद के आकार को परिमित करना |
ii. 91वां संशोधन, 2003 |
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21. निम्नलिखित में से किस संविधान अधिनियम को लघु संविधान कहा गया था?
(a) 42वा
(b) 44वां
(c) 46वां
(d) 50 वां
[47th B.P.S.C. (Pre) 2005]
उत्तर- (a) 42वा
- 1976 के 42वें संविधान संशोधन अधिनियम द्वारा संविधान के बहुत सारे प्रावधानों में परिवर्तन / परिवर्धन किया गया था तथा अनेक प्रावधान जोड़े गए थे।
- इसलिए इसे ‘लघु संविधान’ की संज्ञा दी गई। 42वें संविधान का मुख्य उद्देश्य उच्चतम न्यायालय द्वारा 1973 में केशवानंद भारती मामले में दिए गए निर्णय से उत्पन्न कठिनाई को दूर करना था, जिसमें संसद की संविधान संशोधन की शक्ति को इस मामले में निर्णीत ‘संविधान के आधारभूत ढांचे’ को संशोधित करने से रोका गया था।
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22. निम्न में से कौन-सा एक संवैधानिक संशोधन मौलिक कर्तव्यों से संबंधित है?
(a) 42वां
(b) 44वां
(c) 46वां
(d) 50 वां
[U.P. Lower Sub. (Pre) 2003]
उत्तर- (a) 42वां
- भारतीय संविधान में मौलिक कर्तव्यों का समावेश 42वें संवैधानिक संशोधन अधिनियम, 1976 द्वारा स्वर्ण सिंह समिति की सिफारिश पर किया गया।
- इनका वर्णन भारतीय संविधान के भाग 4-क के अंतर्गत अनुच्छेद 51-क में किया गया है।
- आरंभ में मौलिक कर्तव्यों की संख्या 10 थी, किंतु वर्तमान में (86वें संविधान संशोधन, 2002 से) इनकी संख्या 11 है।
- इन्हें मूलतः सोवियत संघ के संविधान से लिया गया है।
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23. निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिए-
- भारत के संविधान के 44वें संशोधन द्वारा लाए गए एक अनुच्छेद ने प्रधानमंत्री के निर्वाचन को न्यायिक पुनर्विलोकन के परे कर दिया।
- भारत के संविधान के 99वें संशोधन को भारत के उच्चतम न्यायालय ने अभिखंडित कर दिया, क्योंकि यह न्यायपालिका की स्वतंत्रता का अतिक्रमण करता था।
उपर्युक्त में से कौन-सा/से कथन सही है/हैं?
(a) केवल 1
(b) केवल 2
(c) 1 और 2 दोनों
(d) न तो 1, न ही 2
[I.A.S. (Pre) 2019]
उत्तर- (b) केवल 2
- वर्ष 1975 में 39वें संविधान संशोधन अधिनियम के द्वारा संविधान में अनुच्छेद 329-क को जोड़कर राष्ट्रपति, उपराष्ट्रपति, प्रधानमंत्री और लोकसभाध्यक्ष के निर्वाचन को न्यायिक पुनर्विलोकन से परे कर दिया गया था, जिसे 44वें संविधान संशोधन (1978) द्वारा निरसित कर दिया गया।
- अतः कथन । असत्य है।
- 99वें संविधान संशोधन अधिनियम (2014) द्वारा उच्चतम न्यायालय एवं उच्च न्यायालयों में न्यायाधीशों की नियुक्ति तथा उच्च न्यायालय के न्यायाधीशों के स्थानांतरण के लिए राष्ट्रीय न्यायिक नियुक्ति आयोग के गठन का प्रावधान किया गया था, जिसे अक्टूबर, 2015 में दिए अपने निर्णय में उच्चतम न्यायालय ने न्यायपालिका की स्वतंत्रता का उल्लंघन मानते हुए असंवैधानिक करार दिया।
- अतः कथन 2 सही है।
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24. विधानसभा में किसी दल के निर्वाचित सदस्यों के दल-बदल पर निम्नलिखित में से किसने प्रतिबंध लगाया है?
(a) संविधान का 52वां संशोधन कानून
(b) जनता के प्रतिनिधित्व का कानून
(c) संविधान का 42वां संशोधन
(d) संविधान का 44वां संशोधन
[U.P.P.C.S. (Pre) 1992, 1996]
उत्तर- (a) संविधान का 52वां संशोधन कानून
- संविधान के 52वें संशोधन, 1985 के माध्यम से संविधान में 10वीं अनुसूची जोड़कर इसके तहत किसी दल के निर्वाचित सदस्यों के दल-बदल पर रोक लगाई गई।
- इसमें 91वें संविधान संशोधन अधिनियम, 2003 द्वारा अपेक्षित संशोधन भी किए गए हैं।
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25. भारतीय संविधान के प्राधिकृत हिंदी पाठ को निम्नलिखित संविधान संशोधनों में से किसके द्वारा प्रकाशित करने के लिए अधिकृत किया गया?
(a) 57वां संशोधन, 1987
(b) 58वां संशोधन, 1987
(c) 59वां संशोधन, 1988
(d) 60वां संशोधन, 1988
[U.P.R.O./A.R.O. (Pre) 2016]
उत्तर- (b) 58वां संशोधन, 1987
- भारतीय संविधान के प्राधिकृत हिंदी पाठ को 58वें संशोधन अधिनियम, 1987 द्वारा प्रकाशित करने के लिए अधिकृत किया गया।
- इस अधिनियम द्वारा संविधान के भाग 22 के शीर्षक में संक्षिप्त नाम, प्रारंभ के बाद ‘हिंदी में प्राधिकृत पाठ’ को जोड़ा गया तथा अनुच्छेद 394-क को अंतःस्थापित कर राष्ट्रपति को संविधान के मूल पाठ का अब तक किए गए संशोधनों सहित हिंदी में अनुवाद (प्राधिकृत पाठ) प्रकाशित कराने का प्राधिकार दिया गया।
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26. निम्न में से कौन-सा एक मतदाता आयु घटाने से संबंधित संविधान संशोधन है?
(a) 61वां संशोधन
(b) 44वां संशोधन
(c) 42वां संशोधन
(d) 24वां संशोधन
[U.P.P.C.S. (Mains) 2014]
उत्तर- (a) 61वां संशोधन
- 61वें संविधान संशोधन अधिनियम, 1988 द्वारा संविधान के अनुच्छेद 326 में संशोधन कर मताधिकार की आयु को 21 वर्ष से घटाकर 18 वर्ष किया गया था जो कि 28 मार्च, 1989 से प्रभावी हुआ।
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27. निम्न संविधान संशोधनों में से किस एक के अंतर्गत दिल्ली ‘नेशनल कैपिटल क्षेत्र’ बना?
(a) 61वां संशोधन
(b) 69वां संशोधन
(c) 71वां संशोधन
(d) 79वां संशोधन
[U.P.P.C.S. (Mains) 2009]
उत्तर- (b) 69वां संशोधन
- संविधान के 69वें संशोधन अधिनियम, 1991 (1 फरवरी, 1992 से प्रभावी) द्वारा दिल्ली को ‘राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र’ (National Capital Territory) का दर्जा दिया गया तथा इसे संघ राज्यक्षेत्र की श्रेणी में कायम रखते हुए इसके लिए एक विधानसभा और उसके प्रति उत्तरदायी मंत्रिपरिषद का प्रावधान किया गया।
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28. भारतीय संविधान का 79वां संशोधन संबंधित है?
(a) केंद्र-राज्य संबंधों से
(b) दो राजनीतिक दलों की स्थापना से
(c) मूल अधिकारों से
(d) लोक सभा और राज्य विधानसभाओं में अनुसूचित जातियों तथा अनुसूचित जनजातियों के आरक्षण से
[U.P. P.C.S. (Mains) 2008]
उत्तर- (d) लोक सभा और राज्य विधानसभाओं में अनुसूचित जातियों तथा अनुसूचित जनजातियों के आरक्षण से
- 79वें संविधान संशोधन (1999) द्वारा अनुच्छेद 334 में संशोधन कर लोक सभा और राज्य विधानसभाओं में अनुसूचित जातियों तथा अनुसूचित जनजातियों के लिए आरक्षण और एंग्लो-इंडियंस के मनो नयन की व्यवस्था की अवधि को दस वर्षों के लिए बढ़ाया गया था, जिसे 95वें संविधान संशोधन (2009) द्वारा पुनः दस वर्षों के लिए बढ़ा दिया गया था।
- संविधान (104वां संशोधन) अधिनियम, 2019 के द्वारा लोक सभा और राज्यों की विधानसभाओं में अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति के आरक्षण को पुनः दस वर्षों (संविधान के प्रारंभ से 80 वर्ष अर्थात 25 जनवरी, 2030 तक) के लिए बढ़ाया गया है तथापि एंग्लो इंडियंस के मनोनयन की व्यवस्था को आगे न बढ़ाते हुए निष्प्रभावी कर दिया गया है।
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29. संविधान का 93 वां संशोधन (विधेयक) संबंधित है :
(a) सरकारी नौकरियों में पिछड़े वर्गों के लिए आरक्षण जारी रखने से
(b) 6 से 14 वर्ष के बीच की आयु के बच्चों की निःशुल्क और अनिवार्य शिक्षा से
(c) सरकारी भर्तियों में महिलाओं के लिए 30 प्रतिशत पदों के आरक्षण से
(d) हाल ही में गठित राज्यों को और अधिक संसदीय स्थानों के आवंटन से
[I.A.S. (Pre) 2002]
उत्तर- (b) 6 से 14 वर्ष के बीच की आयु के बच्चों की निःशुल्क और अनिवार्य शिक्षा से
- संविधान का 93 वां संशोधन विधेयक, 2001 6 से 14 वर्ष के बीच की आयु के बच्चों के लिए निःशुल्क और अनिवार्य शिक्षा के प्रावधान के लिए संसद में पेश किया गया था, जो कि अधिनियमित होने के बाद 86वें संविधान संशोधन अधिनियम, 2002 के रूप में जाना जाता है।
- इसके द्वारा मूल अधिकारों के तहत नए अनुच्छेद 21-क को अंतःस्थापित किया गया है तथा राज्य नीति के निदेशक तत्वों के तहत अनुच्छेद 45 को प्रतिस्थापित किया गया है और मूल कर्तव्यों में एक नया खंड 51क (ट) जोड़ा गया है।
- यह संशोधन विधेयक 86वें संविधान संशोधन अधिनियम, 2002 के रूप में अधिनियमित हुआ है।
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30. 86वें संशोधन द्वारा प्रस्तावित ‘शिक्षा का अधिकार’ किस वर्ष से लागू किया गया?
(a) 2002 से
(b) 2004 से
(c) 2008 से
(d) 2010 से
[Uttarakhand P.C.S. (Pre) 2012]
उत्तर- (d) 2010 से
- 86वें संविधान संशोधन अधिनियम, 2002 द्वारा प्रस्तावित ‘शिक्षा का अधिकार 1 अप्रैल, 2010 से लागू किया गया।
- इस संविधान संशोधन द्वारा भारतीय संविधान में मौलिक अधिकारों के तहत अनुच्छेद 21 के बाद अनुच्छेद 21A जोड़कर 6 से 14 आयु वर्ग के सभी बच्चों के लिए निःशुल्क एवं अनिवार्य शिक्षा के अधिकार का प्रावधान किया गया।
- इस अधिनियम को 12 दिसंबर, 2002 को राष्ट्रपति की अनुमति मिली और इसे इसी दिन केंद्र सरकार के गजट में अधिसूचित किया गया, लेकिन इसमें प्रस्तावित शिक्षा के अधिकार को वर्ष 2009 में संसद द्वारा अधिनियमित ‘निःशुल्क और अनिवार्य शिक्षा का बच्चों का अधिकार अधिनियम’ के साथ 1 अप्रैल, 2010 से लागू किया गया।
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31. किस संविधान संशोधन ने ‘शिक्षा का अधिकार’ प्रदान करने वाला एक नया अनुच्छेद 21A संविधान में जोड़ा है?
(a) 86वां संशोधन
(b) 87वां संशोधन
(c) 88वां संशोधन
(d) 89वां संशोधन
[U.P. P.C.S. (Mains) 2006]
उत्तर- (a) 86वां संशोधन
- 86वें संविधान संशोधन अधिनियम, 2002 द्वारा प्रस्तावित ‘शिक्षा का अधिकार 1 अप्रैल, 2010 से लागू किया गया।
- इस संविधान संशोधन द्वारा भारतीय संविधान में मौलिक अधिकारों के तहत अनुच्छेद 21 के बाद अनुच्छेद 21A जोड़कर 6 से 14 आयु वर्ग के सभी बच्चों के लिए निःशुल्क एवं अनिवार्य शिक्षा के अधिकार का प्रावधान किया गया।
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32. अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति के संयुक्त राष्ट्रीय आयोग को किस संशोधन के अंतर्गत दो अलग निकायों में बांटा गया है?
(a) 42वें संशोधन
(b) 44वें संशोधन
(c) 89वें संशोधन
(d) 93वें संशोधन
[Jharkhand P.C.S. (Pre) 2017]
उत्तर- (c) 89वें संशोधन
- 89वें संविधान संशोधन, 2003 द्वारा अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति के संयुक्त राष्ट्रीय आयोग को दो अलग-अलग निकायों में बांटा गया है और तदनुसार, भारतीय संविधान के अनुच्छेद 338 और 338-क में क्रमशः राष्ट्रीय अनुसूचित जाति आयोग और राष्ट्रीय अनुसूचित जनजाति आयोग की व्यवस्था की गई है।
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33. निम्नलिखित संविधान संशोधन अधिनियमों में से किस एक में यह प्रावधान है कि केंद्र और किसी राज्य में मंत्रिपरिषद का आकार, क्रमशः लोक सभा के सदस्यों की कुल संख्या एवं उस राज्य की विधानसभा के सदस्यों की कुल संख्या के 15% से अधिक नहीं होगा ?
(a) 91वां
(b) 93वां
(c) 95वां
(d) 97वां
[I.A.S. (Pre) 2007]
उत्तर- (a) 91वां
- वर्ष 2003 तक मंत्रिपरिषद में मंत्रियों की संख्या के संबंध में संविधान में कोई उल्लेख नहीं था।
- यह प्रधानमंत्री या मुख्यमंत्री के विवेक पर निर्भर था।
- किंतु वर्ष 2003 में अधिनियमित 91वें संविधान संशोधन अधिनियम के द्वारा संविधान के अनुच्छेद 75 तथा अनुच्छेद 164 में संशोधन करके केंद्र में प्रधानमंत्री एवं राज्यों में मुख्यमंत्री सहित मंत्रियों की कुल संख्या लोक सभा अथवा विधानसभा की सदस्य संख्या के अधिकतम 15% तक (तथापि राज्यों में 12 से कम नहीं) निर्धारित की गई है।
- इस संशोधन के द्वारा 10वीं अनुसूची में भी संशोधन किए गए हैं, तथा 10वीं अनुसूची के तहत निरर्हित सदन के किसी सदस्य को मंत्री पद के लिए भी निरर्हित किया गया है।
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34. संविधान के किस संशोधन के अंतर्गत अन्य पिछड़ा वर्ग को शिक्षण संस्थाओं में प्रवेश हेतु 27 प्रतिशत का आरक्षण दिया गया है?
(a) 92वें
(b) 93वें
(c) 94वें
(d) 96वें
[Uttarakhand P.C.S. (Pre) 2012]
उत्तर- (b) 93वें
- संविधान के 93वें संशोधन अधिनियम, 2005 के अंतर्गत अन्य पिछड़ा वर्ग को शिक्षण संस्थाओं में प्रवेश हेतु (27 प्रतिशत का) आरक्षण दिया गया है।
- इस संशोधन अधिनियम के द्वारा संविधान के अनुच्छेद 15 में खंड (5) जोड़ा गया है।
- इस संशोधन के तहत प्रावधान किया गया कि इस अनुच्छेद (अनु. 15) या अनुच्छेद 19 (1) (g) की कोई बात राज्य को नागरिकों के किन्हीं सामाजिक और शैक्षिक रूप से पिछड़े वर्गों की उन्नति के लिए या अनुसूचित जाति या अनुसूचित जनजाति के लिए, जहां तक ऐसे विशेष उपबंध उनके शिक्षा संस्थाओं में प्रवेश से संबंधित है, जिसके अंतर्गत निजी शिक्षा संस्थाएं भी हैं, चाहे राज्य द्वारा सहायता प्राप्त हों या बिना सहायता प्राप्त हों (जो अनुच्छेद 30 (1) में निर्दिष्ट अल्पसंख्यक वर्ग की शिक्षण संस्थाओं से भिन्न हैं), विधि द्वारा, कोई विशेष उपबंध बनाने से निवारित नहीं करेगी।
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35. 2012 में भारत के संविधान में होने वाले 97वें संशोधन का सरोकार किस विषय से है?
(a) 14 वर्ष तक के बच्चों को अनिवार्य व निःशुल्क शिक्षा
(b) सहकारी संस्थाओं के गठन का कार्य संचालन
(c) आतंकवाद से निपटने हेतु कठोर प्रयास
(d) भ्रष्टाचार रोकने हेतु लोकपाल की व्यवस्था
[R.A.S./R.T.S. (Pre) 2012]
उत्तर- (b) सहकारी संस्थाओं के गठन का कार्य संचालन
- 12 जनवरी, 2012 को राष्ट्रपति की स्वीकृति मिलने के बाद 97वें संविधान संशोधन अधिनियम, 2011 को अधिसूचित किया गया।
- इस संशोधन से सहकारी समितियों को संवैधानिक दर्जा प्रदान किया गया है।
- इस संशोधन के द्वारा संविधान के भाग III में अनु. 19(1) के खंड (c) में ‘सहकारी समितियां’ शब्द, भाग IV में अनुच्छेद 43 A के बाद 43 B (सहकारी समितियों का संवर्धन) तथा भाग IXA के बाद भाग IXB (अनु. 243ΖΗ से 243ZT) जोड़ा गया, जिसके अंतर्गत सहकारी संस्थाओं को प्रोत्साहित करना तथा सहकारी संस्थाओं का व्यावसायिक प्रबंधन, गठन एवं कार्य संचालन संबंधी प्रावधान शामिल हैं।
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36. निम्नलिखित में से भारतीय संविधान के किस संशोधन द्वारा अनुच्छेद 19(1) (c) में ‘सहकारी समितियां’ शब्द जोड़ा गया?
(a) 42वां संशोधन अधिनियम, 1976
(b) 73वां संशोधन अधिनियम, 1993
(c) 97वां संशोधन अधिनियम, 2011
(d) 36वां संशोधन अधिनियम, 1975
[U.P.P.C.S. (Mains) 2016]
उत्तर- (c) 97वां संशोधन अधिनियम, 2011
- 12 जनवरी, 2012 को राष्ट्रपति की स्वीकृति मिलने के बाद 97वें संविधान संशोधन अधिनियम, 2011 को अधिसूचित किया गया।
- इस संशोधन से सहकारी समितियों को संवैधानिक दर्जा प्रदान किया गया है।
- इस संशोधन के द्वारा संविधान के भाग III में अनु. 19(1) के खंड (c) में ‘सहकारी समितियां’ शब्द जोड़ा गया।
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37. भारतीय संविधान के अनुच्छेद 243 (ZJ) के अनुसार, सहकारी समिति के निदेशकों की अधिकतम संख्या हो सकती है-
(a) 21
(b) 15
(c) 11
(d) 7
[U.P.P.C.S. (Pre) 2016]
उत्तर- (a) 21
- भारतीय संविधान के अनुच्छेद 243 (ZJ) के अनुसार, सहकारी समिति के बोर्ड में उतनी संख्या में निदेशक होंगे, जितने राज्य विधानमंडल द्वारा विधि बनाकर उपबंधित किया जाए।
- परंतु सहकारी सोसाइटी के निदेशकों की अधिकतम संख्या 21 से अधिक नहीं होगी।
- उल्लेखनीय है कि 97वें संविधान संशोधन अधिनियम, 2011 द्वारा संविधान में सहकारी समितियों से संबंधित प्रावधान शामिल किए गए हैं।
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38. निम्नलिखित में से कौन-सा संविधान संशोधन अधिनियम गुड्स एंड सर्विस टैक्स का प्रावधान करता है?
(a) 98वां संविधान संशोधन अधिनियम, 2012
(b) 99वां संविधान संशोधन अधिनियम, 2014
(c) 100वां संविधान संशोधन अधिनियम, 2015
(d) 101वां संविधान संशोधन अधिनियम, 2016
[Chhattisgarh P.C.S. (Pre) 2019]
उत्तर- (d) 101वां संविधान संशोधन अधिनियम, 2016
- 101वां संविधान संशोधन अधिनियम, 2016 माल और सेवा कर (Goods and Services Tax-G.S.T.) का प्रावधान करता है।
- इस अधिनियम के विभिन्न प्रावधान सितंबर, 2016 में प्रभावी हुए थे तथा भारत में माल और सेवा कर का शुभारंभ 1 जुलाई, 2017 को किया गया था।
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39. सूची-1 को सूची-II से सुमेलित कीजिए और सूचियों के नीचे दिए गए कूट से सही उत्तर चुनिए।
सूची-I (अधिनियम) |
सूची-II (संशोधन) |
A. संविधान (94वां संशोधन) अधिनियम, 2006 |
1. अनुच्छेद 164 में संशोधन |
B. संविधान (95वां संशोधन) अधिनियम, 2009 |
2. अनुच्छेद 334 में संशोधन |
C. संविधान (96वां संशोधन) अधिनियम, 2011 |
3. आठवीं |
D. संविधान (103वां संशोधन) अधिनियम, 2019 |
4. अनुच्छेद 15 में संशोधन |
कूट :
A, B, C, D
(a) 1, 2, 3, 4
(b) 1, 2, 4, 3
(c) 1, 3, 4, 2
(d) 1, 4, 3, 2
[U.P. R.O./A.R.O. (Mains) 2016]
उत्तर- (a) 1, 2, 3, 4
- सही सुमेलन इस प्रकार है-
-
सूची-I (अधिनियम) |
सूची-II (संशोधन) |
A. संविधान (94वां संशोधन) अधिनियम, 2006 |
1. अनुच्छेद 164 में संशोधन |
B. संविधान (95वां संशोधन) अधिनियम, 2009 |
2. अनुच्छेद 334 में संशोधन |
C. संविधान (96वां संशोधन) अधिनियम, 2011 |
3. आठवीं अनुसूची में संशोधन |
D. संविधान (103वां संशोधन) अधिनियम, 2019 |
4. अनुच्छेद 15 में संशोधन |
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40. राष्ट्रपति राम नाथ कोविंद ने किस संविधान संशोधन अधिनियम को 18 अगस्त, 2021 को मंजूरी दी?
(a) 106वां
(b) 107वां
(c) 108वां
(d) 105वां
[R.A.S./R.T.S. (Pre) 2021]
उत्तर- (d) 105वां
- संविधान (127वां संशोधन) विधेयक, 2021 लोक सभा द्वारा 10 अगस्त, 2021 को तथा राज्य सभा द्वारा 11 अगस्त, 2021 को पारित किया गया था तथा इसे 18 अगस्त, 2021 को राष्ट्रपति की स्वीकृति प्राप्त होने पर संविधान (105वां संशोधन) अधिनियम, 2021 के रूप में अधिसूचित किया गया।
- इस अधिनियम के द्वारा संविधान के अनुच्छेद 342A में संशोधन कर राज्यों एवं संघीय क्षेत्रों द्वारा सामाजिक एवं शैक्षिक रूप से पिछड़े वर्गों की सूची (स्वयं के उद्देश्यों के लिए) तैयार कर सकने के अधिकार को बहाल किया गया है।
- साथ ही इस अधिनियम द्वारा अनुच्छेद 338B और 366 में भी तत्संबंधी अपेक्षित संशोधन किए गए हैं।
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41. निम्नलिखित पर विचार कीजिए तथा उनको सही कालक्रम में व्यवस्थित कीजिए :
I. गोलकनाथ वाद
II. केशवानंद भारती वाद
III. 24वां संविधान संशोधन अधिनियम
IV. 42वां संविधान संशोधन अधिनियम
नीचे दिए गए कूट से सही उत्तर का चयन कीजिए।
कूट :
(a) I, III, II, IV
(b) I, II, III, IV
(c) III, I, II, IV
(d) III, I, IV, II
[U.P. P.C.S. (Pre) 2021]
उत्तर- (a) I, III, II, IV
- घटना वर्ष
I. गोलकनाथ वाद (गोलकनाथ बनाम पंजाब राज्य) – 1967
II. केशवानंद भारती वाद (केशवानंद भारती बनाम केरल राज्य) – – 1973
III. 24वां संविधान संशोधन अधिनियम – 1971
IV. 42वां संविधान संशोधन अधिनियम – 1976
अतः कालक्रमानुसार उत्तर I, III, II, IV होगा।
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42. निम्नांकित किस वाद में सर्वोच्च न्यायालय ने पहली बार संसद की संविधान संशोधन शक्ति को सीमित किया?
(a) ए.के. गोपालन बनाम मद्रास राज्य
(b) गोलकनाथ बनाम पंजाब राज्य
(c) केशवानंद भारती बनाम केरल राज्य
(d) मिनर्वा मिल्स बनाम भारत संघ
[U.P.P.C.S. (Mains) 2002]
उत्तर- (b) गोलकनाथ बनाम पंजाब राज्य
- सर्वप्रथम गोलकनाथ बनाम पंजाब राज्य मामले (1967) में सर्वोच्च न्यायालय ने संसद की संविधान संशोधन शक्ति पर सीमाएं आरोपित की थीं।
- इसी निर्णय को निष्प्रभावी करने के उद्देश्य से 24वां संविधान संशोधन अधिनियम, 1971 लाया गया था।
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43. केशवानंद भारती केस का महत्व इसलिए है कि-
(a) उसने कार्यपालिका के आदेशों को दरकिनार कर दिया
(b) उच्चतम न्यायालय ने संविधान की मूल विशेषताओं को प्रतिपादित किया
(c) उसने संघीय सरकार को कटघरे में खड़ा कर दिया
(d) उपरोक्त में से कोई नहीं
[U.P.P.C.S. (Pre) 2005]
उत्तर- (b) उच्चतम न्यायालय ने संविधान की मूल विशेषताओं को प्रतिपादित किया
- केशवानंद भारती बनाम केरल राज्य, 1973 के ऐतिहासिक मामले में संविधान के 24वें संशोधन अधिनियम की विधिमान्यता को उच्चतम न्यायालय में चुनौती दी गई।
- इसमें उच्चतम न्यायालय ने संविधान के अनुच्छेद 368 में व्यक्त संसद की संविधान संशोधन शक्ति की समीक्षा की।
- उच्चतम न्यायालय ने इसमें निर्णय दिया कि संसद को मूल अधिकारों सहित संविधान के विभिन्न उपबंधों में संशोधन की पूर्ण शक्ति है, किंतु वह कोई ऐसा संशोधन नहीं कर सकती, जिससे संविधान का मूल तत्व या उसका आधारभूत ढांचा नष्ट हो जाए।
- इसके पश्चात उच्चतम न्यायालय के समक्ष संविधान संशोधन से संबंधित जो भी मामले आते हैं, उनका निर्णय इसी आधार पर होता है।
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44. भारतीय संविधान की आधारभूत संरचना के सिद्धांत का तात्पर्य है कि
(a) संविधान के कुछ लक्षण ऐसे अनिवार्य हैं कि उनका निराकरण नहीं किया जा सकता।
(b) मूल अधिकारों को न कम किया जा सकता है, न उनको छीना जा सकता है।
(c) संविधान का संशोधन केवल अनुच्छेद 368 में विहित प्रक्रिया से ही किया जा सकता है।
(d) संविधान की उद्देशिका का संशोधन नहीं किया जा सकता क्योंकि वह संविधान का भाग नहीं है, साथ ही वह संविधान की आत्मा को प्रतिबिंबित करती है।
[I.A.S. (Pre) 1994]
उत्तर- (a) संविधान के कुछ लक्षण ऐसे अनिवार्य हैं कि उनका निराकरण नहीं किया जा सकता।
- भारतीय संविधान की आधारभूत संरचना के सिद्धांत का तात्पर्य है कि संविधान के कुछ लक्षण ऐसे अनिवार्य हैं, जिन्हें समाप्त या परिवर्तित नहीं किया जा सकता है।
- उच्चतम न्यायालय ने सर्वप्रथम केशवानंद भारती बनाम केरल राज्य वाद, 1973 के अपने फैसले में यह स्पष्ट कर दिया कि संविधान के कुछ आधारिक या मूलभूत लक्षण हैं, जिनका किसी भी स्थिति में संशोधन नहीं किया जा सकता है।
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45. संविधान का कौन-सा संशोधन यह प्रावधानित करता है कि कोई कानून जो राज्य के उन नीति निदेशक सिद्धांतों को जो अनुच्छेद 39(b) और (c) में वर्णित हैं, प्रभावी बनाने हेतु पारित किया जाए, इस कारण से निरस्त नहीं किया जाएगा कि वह अनुच्छेद 14 और 19 में प्रदत्त अधिकारों को सीमित करता है?
(a) 25वां संशोधन
(b) 28वां संशोधन
(c) 42वां संशोधन
(d) 44वां संशोधन
[U.P.P.C.S. (Mains) 2009]
उत्तर- (a) 25वां संशोधन
- संविधान के 25वें संशोधन (1971) द्वारा संविधान में जोड़े गए अनुच्छेद 31-C (31-ग) के तहत यह प्रावधान किया गया कि अनुच्छेद 39(b) और (c) में वर्णित राज्य के नीति निदेशक तत्वों को प्रभावी बनाने हेतु पारित किया गया कानून, इस कारण से निरस्त नहीं किया जाएगा कि वह अनुच्छेद 14, 19 या 31 (अनु. 31, 44वें संशोधन द्वारा निरसित) में प्रदत्त अधिकारों को सीमित करता है।
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46. निम्नांकित कथनों पर विचार कीजिए:
1. 44वें संवैधानिक संशोधन, 1978 द्वारा राज्य नीति के सभी निदेशक तत्वों को अनुच्छेद 14 एवं 19 में उल्लिखित मूल अधिकारों पर प्राथमिकता प्रदान की गई है।
II. मिनर्वा मिल्स वाद, 1980 के निर्णय में उच्चतम न्यायालय ने यह व्यवस्था दी है कि केवल अनुच्छेद 39 (ख) एवं (ग) में उल्लिखित राज्य नीति के निदेशक तत्वों को अनुच्छेद 14 एवं 19 में उल्लिखित मूल अधिकारों पर प्राथमिकता संवैधानिक है।
(a) न तो Ⅰ, न ही II सही है।
(b) केवल 1 सही है।
(c) केवल II सही है।
(d) 1 एवं II दोनों सही हैं।
[R.A.S/R.T.S. (Pre) 2013]
उत्तर- (c) केवल II सही है।
- 42वें संविधान संशोधन अधिनियम (1976) के द्वारा अनुच्छेद 31-ग का विस्तार कर राज्य नीति के सभी निदेशक तत्वों की प्राथमिकता एवं सर्वोच्चता को मूल अधिकारों पर प्रभावी बनाया गया (उन अधिकारों पर, जिनका उल्लेख अनुच्छेद 14, 19 एवं 31 में है)।
- हालांकि इस विस्तार को उच्चतम न्यायालय द्वारा मिनर्वा मिल्स मामले (1980) में असंवैधानिक एवं अवैध घोषित कर दिया गया, लेकिन अनुच्छेद 14 एवं अनुच्छेद 19 द्वारा स्थापित मूल अधिकारों को 39 (ख) और (ग) में बताए गए निदेशक तत्वों के अधीनस्थ माना गया।
- अनुच्छेद 31 (संपत्ति का अधिकार) को 44वें संविधान संशोधन अधिनियम (1978) द्वारा निरसित कर दिया गया।
- अतः कथन । गलत तथा कथन II सही है।
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47. सिक्किम एक नया राज्य बना-
(a) 30वें संशोधन द्वारा
(b) 34वें संशोधन द्वारा
(c) 35वें संशोधन द्वारा
(d) 36वें संशोधन द्वारा
[U.P. U.D.A./L.D.A. (Pre) 2006]
उत्तर- (d) 36वें संशोधन द्वारा
- संविधान के पैंतीसवें संशोधन, 1974 के द्वारा सिक्किम को भारतीय संघ में सह-राज्य का दर्जा प्रदान किया गया।
- छत्तीसवें संविधान संशोधन, 1975 द्वारा सिक्किम को भारतीय संघ में 22वें राज्य के रूप में शामिल किया गया तथा अनुच्छेद 371-F के तहत सिक्किम राज्य के संबंध में विशेष उपबंध किए गए।
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48. निम्नांकित कौन-से कथन सिक्किम के संबंध में सही हैं? नीचे दिए गए कूट से सही उत्तर चुनिए-
1. 1975 में यह भारत का अभिन्न अंग बन गया था।
II. इसे वनस्पति शास्त्रियों का स्वर्ग माना जाता है।
III. इसके मुख्य निवासी लेप्चा लोग हैं।
(a) I
(b) I तथा II
(c) II तथा III
(d) I, II तथा III
[U.P.Lower Sub. (Spl.) (Pre) 2004]
उत्तर- (d) I, II तथा III
- 36वें संविधान संशोधन, 1975 के द्वारा सिक्किम को राज्य का दर्जा देते हुए भारत का अभिन्न अंग बना लिया गया।
- इसे वनस्पति शास्त्रियों का स्वर्ग माना जाता है, क्योंकि यह पूर्वी हिमालय के हॉटस्पॉट क्षेत्र में आता है, जो जैव-विविधता से परिपूर्ण है। यहां के मुख्य निवासी लेप्चा, भूटिया और नेपाली लोग हैं।
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49. निम्न में से किस एक संवैधानिक संशोधन द्वारा मिजोरम को राज्य का दर्जा दिया गया?
(a) 53वां
(b) 54वां
(c) 55वां
(d) 52वां
[R.A.S./R.T.S. (Pre) (Re-Exam) 2013]
उत्तर- (a) 53वां
- 53वें संविधान संशोधन, 1986 द्वारा मिजोरम को भारतीय संघ में पूर्ण राज्य का दर्जा प्रदान किया गया तथा अनुच्छेद 371-G के तहत मिजोरम राज्य के संबंध में विशेष उपबंध किए गए। 20 फरवरी, 1987 को मिजोरम भारतीय संघ का 23वां राज्य बना।
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50. संविधान (98वां संशोधन) विधेयक किससे संबद्ध है?
(a) सेवा कर के विनियोजन तथा उगाही के लिए केंद्र को अधिकार देना
(b) राष्ट्रीय न्यायिक आयोग का गठन
(c) जनगणना 2001 के आधार पर निर्वाचन क्षेत्रों का पुनः समायोजन
(d) राज्यों के बीच नई सीमाओं का सीमांकन
[I.A.S. (Pre) 2005]
उत्तर- (b) राष्ट्रीय न्यायिक आयोग का गठन
- संविधान का 98वां संशोधन विधेयक उच्चतर न्यायालयों के न्यायाधीशों की नियुक्ति एवं उच्च न्यायालय के न्यायाधीशों के स्थानांतरण के संबंध में प्रक्रिया हेतु राजग सरकार के कार्यकाल में (तत्कालीन कानून मंत्री अरुण जेटली द्वारा) वर्ष 2003 में लोक सभा में प्रस्तुत किया गया था।
- इसमें राष्ट्रीय न्यायिक आयोग (NJC) की स्थापना हेतु प्रावधान किए गए थे।
- हालांकि मई, 2004 में 13वीं लोक सभा के भंग होने के कारण यह विधेयक व्यपगत हो गया था।
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51. भारत में 2013 तक कितने संविधान संशोधनों का क्रियान्वयन हो चुका है?
(a) 68
(b) 78
(c) 88
(d) 98
[U.P.P.C.S. (Mains) 2014]
उत्तर- (d) 98
- भारत में मई, 2013 तक 98 संविधान संशोधनों का क्रियान्वयन हो चुका था, जबकि अब तक (अगस्त, 2021 तक) भारतीय संविधान में 105 संविधान संशोधनों का क्रियान्वयन हो चुका है।
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