केस स्टडीज : विकल्पों के गुणों और दोषों का विश्लेषण

प्रश्न: आपको हाल ही में पर्यटन से अच्छी मात्रा में राजस्व प्राप्त करने वाले एक राज्य में जिला श्रम अधिकारी के रुप में पदस्थापित किया गया है। आपको पता चलता है कि क्षेत्र का एक बड़ा होटल न्यूनतम मजदूरी अधिनियम के अनुसार वेतन का भुगतान नहीं कर रहा है। होटल स्वामी राज्य के कई प्रभावशाली अधिकारियों से संपर्क रखने वाला एक शक्तिशाली स्थानीय नेता है। आपके पास ऐसे उल्लंघनों का स्वत: संज्ञान लेने की शक्ति है और तदनुसार आप प्रकरण की प्रारंभिक जाँच आरंभ करते हैं। हालांकि, कोई भी श्रमिक औपचारिक तौर पर शिकायत दर्ज कराने के लिए आगे आने को तैयार नहीं है क्योंकि उन्हें अपने रोजगार से हाथ धोने का डर है। इस बीच, आपकी कार्यवाही ने उच्च अधिकारियों का ध्यान आकर्षित किया और आपको इस प्रकरण को पूर्णतया छोड़ देने का परामर्श दिया गया। आप इस स्थिति को लेकर गंभीर रुप से चिंतित हैं क्योंकि इससे न केवल न्यूनतम मजदूरी अधिनियम का उल्लंघन हो रहा है, बल्कि यह श्रमिकों के मूलभूत मानवाधिकारों का हनन भी है।

(a) दिए गए प्रकरण में सम्मिलित मुद्दों की पहचान कीजिए।

(b) नीचे दिए गए विकल्पों पर विचार कीजिए:

  1. उच्च अधिकारियों की अनौपचारिक परामर्श का पालन करेंगे।
  2. होटल स्वामी को इन उल्लंघनों पर ध्यान देने के लिए मनाएंगे और उचित उपचारात्मक उपाय करेंगे।
  3. श्रमिकों के अधिकारों के उल्लंघन पर प्रकाश डालते हुए इस विषय पर विस्तृत रिपोर्ट प्रस्तुत करेंगे और सक्षम प्राधिकारी से औपचारिक निर्देश मांगेगे।
  4. होटल स्वामी को नोटिस जारी करेंगे और न्यूनतम मजदूरी अधिनियम के अंतर्गत अपनी शक्तियों के अनुसार कार्यवाही करेंगे। इनमें से प्रत्येक विकल्प के गुणों और दोषों का मूल्यांकन कीजिए तथा कारण प्रस्तुत करते हुए अपनी पसंद की कार्यवाही का सुझाव दीजिए।

दृष्टिकोण

  • केस स्टडी का संक्षिप्त परिचय देते हुए, इसमें सम्मिलित मुद्दों को रेखांकित कीजिए।
  • दिये गए विकल्पों के गुणों और दोषों का विश्लेषण कीजिए।
  • इस मामले में अंतिम आवश्यक कार्रवाई प्रस्तुत कीजिए और उपयुक्त कारणों से इसका औचित्य बताइए।

उत्तर

प्रदत्त केस स्टडी नियोक्ताओं द्वारा सुभेद्य वर्ग के शोषण का एक विशिष्ट प्रकरण है। यहाँ तक कि इस कानूनी आदेश के पश्चात कि नियोक्ता के लिए श्रमिकों को किए गए कार्य और प्रदत्त सेवाओं के लिए न्यूनतम मजदूरी प्रदान करना आवश्यक है, नियोक्ता अपने स्वार्थ के लिए, श्रमिकों में सौदेबाजी शक्ति न होने के कारण उनका शोषण करता है। सौदेबाजी की शक्ति विविध कारकों के कारण निम्न हो सकती है, जैसे- नौकरी की कम कुशल प्रकृति, बेरोजगारी का भय, आजीविका के लिए अपर्याप्त बचत आदि।

(a) दिये गए प्रकरण में विभिन्न स्तरों पर कई मुद्दे सम्मिलित हैं:

  • न्यूनतम मजदूरी अधिनियम के अनुसार श्रमिकों के कानूनी अधिकारों का उल्लंघन।
  • व्यवस्था में विश्वास की कमी, जिसे अपने अधिकारों हेतु लड़ने की श्रमिकों की अनिच्छा में देखा जा सकता है।
  • नौकरशाही और राजनीति की सांठ-गांठ, जिसके कारण उच्च अधिकारियों द्वारा प्रकरण को छोड़ देने का दबाव डाला जा रहा है।
  • यदि कोई कार्रवाई मीडिया का ध्यान आकर्षित करती है तो जिला राजस्व और प्रशासन की छवि पर आर्थिक प्रभाव, क्योंकि जिले को पर्यटन से पर्याप्त राजस्व प्राप्त होता है।
  • न्यूनतम मजदूरी अधिनियम को लागू करने का श्रम अधिकारी का उत्तरदायित्व।

(b) दिए गए प्रत्येक विकल्प के निम्नलिखित गुण और दोष हैं: विकल्प – उच्च अधिकारियों के अनौपचारिक परामर्श का पालन करना।

गुण

  • यह व्यवस्था के पदानुक्रम को बनाए रखता है।
  • स्थानान्तरण, पदस्थापन आदि के माध्यम से परेशान होने का भय नहीं रहेगा।
  • क्षेत्र का पर्यटन प्रभावित नहीं होगा।

दोष

  • श्रमिकों के अधिकारों का उल्लंघन निरंतर होता रहेगा।
  • कर्तव्य की अवहेलना, जिससे निकट भविष्य में वर्तमान अधिकारी की जवाबदेही बढ़ सकती है।
  • इस तरह के अभ्यास को अपनाने के लिए अन्य नियोक्ताओं को प्रोत्साहन प्राप्त हो सकता है।

विकल्प – इन उल्लंघनों पर ध्यान देने और उपचारात्मक उपाय करने के लिए होटल के स्वामी को मनाएंगे।

गुण

  • इससे होटल के स्वामी को संदेह का लाभ प्राप्त होगा और प्रकरण में कार्रवाई का दूसरा अवसर प्राप्त होगा।
  • किसी औपचारिक विवाद के बिना, जिससे श्रमिक ऐसी किसी भी स्थिति से इंकार कर सकते हैं, अनौपचारिक रूप से विवाद का समाधान करने का मार्ग प्रशस्त होगा।

दोष

  • किसी अनौपचारिक समझौते से भविष्य में श्रमिकों के शोषण की सम्भावना बनी रहेगी।
  • यह समय की मांग के अनुसार कार्रवाई करने के लिए प्रशासन की प्रतिबद्धता और साहस की कमी को दर्शाता है।
  • नियोक्ता शोषण के किसी अन्य तरीके की खोज कर लेगा, जैसे- काम के अधिक घंटे।

विकल्प – श्रमिकों के अधिकारों के उल्लंघन को उजागर करने वाले मामले की एक विस्तृत रिपोर्ट प्रस्तुत कीजिए और सक्षम प्राधिकारी से औपचारिक निर्देश प्राप्त कीजिए।

गुण

  •  इसका परिणाम एक लिखित आदेश होगा और तब उपयुक्त चैनलों के माध्यम से कार्रवाई की जा सकती है। इससे कानून पालन की दिशा में सभी सदस्यों पर दबाव बनेगा क्योंकि निष्क्रियता के मामले में उचित जवाबदेही निर्धारित की जाएगी।
  • इससे होटल के स्वामी पर भी दबाव बनेगा।

दोष

  • इसे उच्च प्राधिकारियों द्वारा उनके अनौपचारिक आदेश के विरुद्ध एक विद्रोह के रूप में देखा जा सकता है। 
  • उच्च प्राधिकारियों से समर्थन प्राप्त न होने और निष्क्रियता की स्थिति में नियोक्ता को अधिक प्रोत्साहन प्राप्त होगा, साथ ही लोग व्यवस्था में विश्वास खो देंगे।

विकल्प – होटल के स्वामी को नोटिस दिया जाए और न्यूनतम मजदूरी अधिनियम के अंतर्गत प्राप्त शक्तियों के अनुसार कार्रवाई प्रारम्भ की जाए।

गुण:

  •  इसके परिणामस्वरूप श्रमिकों के न्यूनतम वेतन के अधिकारों को बहाल किया जा सकता है।
  • इससे प्रशासनिक व्यवस्था में विश्वास बढ़ेगा।
  • यह श्रमिकों को ऐसी स्थिति में अपने अधिकारों हेतु खड़े होने के लिए प्रेरित कर सकता है।

अवगुण

  • इससे होटल की प्रतिष्ठा धूमिल हो सकती है। 
  • इसके परिणामस्वरूप नियोक्ता द्वारा जल्दबाजी में की गई किसी कार्रवाई से श्रमिकों को रोजगार की क्षति हो सकती है। 
  • इसे उच्च प्राधिकारियों द्वारा उनके अनौपचारिक आदेश के विरुद्ध एक विद्रोह के रूप में देखा जा सकता है जिसके कारण वर्तमान अधिकारी की कैरियर संबंधी सम्भावनाएं प्रभावित हो सकती हैं।

उपर्युक्त सभी गुणों और दोषों पर विचार करते हुए, कार्रवाई हेतु उपयुक्त उपाय पर एक विस्तृत रिपोर्ट उच्च अधिकारियों को प्रस्तुत करना और उनसे औपचारिक आदेश प्राप्त करना होगा। यदि औपचारिक आदेश प्राप्त नहीं होते हैं, तो अगला कदम न्यूनतम मजदूरी अधिनियम के अंतर्गत प्राप्त शक्तियों के अनुसार कार्रवाई करना होगा।

इस प्रकार की कार्रवाई का प्रमुख कारण यह है कि सत्ता की शक्ति प्रशासन और सबसे महत्त्वपूर्ण नागरिकों के प्रति उत्तरदायित्व के साथ प्राप्त होती है। किसी भी मामले में समाधान हेतु किसी भी निर्णय को लेने में जनहित सर्वोपरि होना चाहिए। इसके अतिरिक्त श्रमिकों को उनके मूल वेतन के अधिकार से वंचित करना अंसवैधानिक है। इसके अतिरिक्त यह कार्रवाई समानुभूति, निष्पक्षता, ईमानदारी जैसी विशेषताओं के अनुरूप होगी, जो एक सिविल सेवक के कर्तव्य निर्वाह में आवश्यक है। इससे लोगों का व्यवस्था में विश्वास भी स्थापित होगा।

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