विश्व बैंक के लॉजिस्टिक्स प्रदर्शन (LPI)

प्रश्न: जहाँ विश्व बैंक के लॉजिस्टिक्स प्रदर्शन (LPI) में भारत की स्थिति में सुधार हुआ है, वहीं कई कारक लॉजिस्टिक्स क्षेत्रक को चिंताग्रस्त बनाए हुए हैं। इसके पीछे उत्तरदायी कारणों का परीक्षण कीजिए और इन्हें दूर करने उपयुक्त सुझावों के साथ उत्तर का समापन कीजिए।

दृष्टिकोण

  • लॉजिस्टिक्स क्षेत्रक के महत्व का संक्षिप्त में वर्णन कीजिए और इस क्षेत्र में की गई विभिन्न पहलों का उल्लेख कीजिए।
  • इन पहलों के बावजूद इस क्षेत्रक द्वारा निरंतर सामना की जा रही विभिन्न चुनौतियों का उल्लेख कीजिए।
  • आगे की राह सुझाइए।

उत्तर

लॉजिस्टिक्स, प्रबंधन की एक ऐसी समग्र प्रक्रिया है जिसके तहत संसाधनों को उनके अंतिम गंतव्य तक प्राप्त, भंडारित एवं परिवहित किया जाता है। इसमें औद्योगिक पार्क, वेयरहाउस, कोल्ड स्टोरेज एवं परिवहन सम्मिलित हैं।

यह भारत का एक प्रमुख उभरता हुआ उद्योग है, 2020 तक इसके 215 बिलियन अमेरिकी डॉलर होने की उम्मीद की गयी है। इसलिए, इसकी संभावना का लाभ उठाने के लिए भारतमाला परियोजना, सागरमाला पहल, डेडिकेटेड फ्रेट कॉरिडोर प्रोजेक्ट, GST का क्रियान्वयन, प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (FDI) विनियमों में छूट, लॉजिस्टिक्स क्षेत्रक के लिए ‘अवसंरचना’ की स्थिति, मल्टी-मॉडल लॉजिस्टिक्स पार्क की स्थापना आदि जैसी विभिन्न पहलें की गई हैं।

हालांकि, ये पहल क्रियान्वयन के विभिन्न चरणों में हैं तथा भारत में लॉजिस्टिक्स क्षेत्रक निरंतर विभिन्न चुनौतियों का सामना कर रहा है, जैसे:

  • उच्च लागत: भारत में लॉजिस्टिक्स लागत, उत्पाद लागत का लगभग 13-15% है, जबकि वैश्विक औसत केवल 6% है।
  • सड़कों के पक्ष में अत्यधिक झुकाव: भारत में कुल माल के 59% की ढुलाई सड़क परिवहन द्वारा की जाती है, जबकि रेलवे द्वारा 35% माल ढुलाई की जाती है। परिणामतः, पारगमन समय लंबा एवं अनिश्चित होता है क्योंकि ट्रकों को कई चेक प्वाइंट से गुजरना पड़ता है।
  • बंदरगाह अवसंरचना सम्बन्धी बाधाएँ: आयात-निर्यात (EXIM) व्यापार लिए उपलब्ध अंतर्देशीय कंटेनर डिपो / कंटेनर फ्रेट स्टेशन (ड्राई पोर्ट) अवसंरचना अपर्याप्त है। कई बंदरगाहों की गहराई बहुत बड़े जहाजों हेतु अपर्याप्त है। अधिकांश सुविधाओं में अपर्याप्त पार्किंग, विस्तार के लिए उपलब्ध भूमि का अभाव, कोल्ड स्टोरेज की अनुपस्थिति आदि मुद्दे विद्यमान हैं।
  • विधिक अवरोध: भूमि अधिग्रहण के मुद्दों के कारण मल्टी-मॉडल लॉजिस्टिक्स पार्कों को विस्थापित करना पड़ा है।
  • तकनीक अपनाने की निम्न दर: लॉजिस्टिक्स प्रक्रियाओं में स्वचालन अभी भी अपनी प्रारंभिक अवस्था में है।
  • मानव संसाधन: चूंकि लॉजिस्टिक्स उद्योग पर ध्यान केंद्रित करने वाले पाठ्यक्रम सीमित ही हैं, परिणामस्वरूप अपेक्षित कौशल समुच्चय वाले गुणवत्ता परख पेशेवर कार्यबल को कार्य पर रखना चुनौतीपूर्ण बना हुआ है।

अन्य सुधार संबंधी उपाय :

  • विश्वस्तरीय सड़क नेटवर्क को स्थापित करना, एकीकृत रेल गलियारे, हवाई अड्डों पर आधुनिक कार्गो सुविधाएं और विशेष आर्थिक क्षेत्रों (SEZ) के समतुल्य दर्जे के साथ लॉजिस्टिक्स पार्क का निर्माण करना।
  • परिवहन नेटवर्क, सूचना प्रौद्योगिकी और भंडारण एवं वितरण सुविधाओं का एकीकरण।
  • प्रलेखन(documentation) एवं सूचना की समस्या को दूर करने हेतु ब्लॉकचेन प्रौद्योगिकी;
  • प्रक्रिया को अधिक ग्राहक-केंद्रित बनाने हेतु परिचालन दक्षता और स्वायत्त परिवहन को बढ़ावा देने के लिए ड्रोन आदि जैसे कृत्रिम बुद्धिमत्ता का प्रयोग करना।
  • हब-एंड-स्पोक मॉडल का अनुसरण करते हुए क्षेत्र-वार बड़े वेयरहाउस की स्थापना की जा सकती है।
  • शिक्षा, प्रशिक्षण और नीतिगत ढांचे जैसी सॉफ्ट अवसंरचना को अद्यतित करना।

अन्त में, एक एकीकृत लॉजिस्टिक नीति को अधिनियमित करना तथा एक त्वरित शिकायत निवारण तंत्र, जो आपूर्ति-श्रृंखला जाल को एकीकृत करने में सहायता करेगा, इस प्रकार इस क्षेत्रक का अत्यधिक विकास किया जा सकता है।

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