1.गौतम बुद्ध का जन्म कब हुआ था?
(a) 563 ई. पू.
(c) 561 ई. पू.
(b) 558 ई. पू.
(d) 544 ई. पू.
[M.P.P.C.S. (Spl.) (Pre) 2004]
उत्तर- (a) 563 ई. पू.
- गौतम बुद्ध का जन्म 563 ईसा पूर्व में नेपाल के लुंबिनी में शाक्य क्षत्रिय परिवार में हुआ था।
- उनके पिता शाक्य वंश के नेता शुद्धोदन थे, और उनकी मां कोलियान वंश से मायादेवी थीं।
- जब वह 29 वर्ष के थे, तब उन्होंने चन्ना के साथ अपने घोड़े “कंटक” पर घर छोड़ दिया। इस घटना को “महाभिनिष्क्रमण” कहा जाता है।
- 483 ईसा पूर्व में 80 वर्ष की आयु में उनका निधन कुशीनगर में हुआ, जिसे “महापरिनिर्वाण” के रूप में जाना जाता है।
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2.गौतम बुद्ध की मां किस वंश से संबंधित थीं?
(a) शाक्य वंश
(b) माया वंश
(c) लिच्छवी वंश
(d) कोलिय वंश
[U.P.P.C.S. (Pre) 2008]
उत्तर- (d) कोलिय वंश
- उनकी माता का नाम मायादेवी था और वह कोलियान वंश से थीं।
- कोलियान, एक गणतंत्र के पास दो प्रमुख बस्तियाँ थीं, एक रामगामा में और दूसरी देवदहा में।
- कोलियान रोहिणी नदी के विपरीत तट पर स्थापित थे। नदी के विपरीत तटों पर साक्यान और कोलियान गणराज्य स्थापित किये गये थे।
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3.निम्न में से कौन-सा नाम बुद्ध का दूसरा नाम है ?
(a) पार्थ
(b) प्रच्छन्न
(c) मिहिर
(d) गुडाकेश
(e) इनमें से कोई नहीं
[Chhattisgarh P.C.S. (Pre) 2014]
उत्तर-(b) प्रच्छन्न
- पार्थ और गुडाकेश महाभारत कथा के अर्जुन के नाम थे।
- मिहिर और प्रचन्ना बुद्ध के नाम नहीं थे।
- छत्तीसगढ़ लोक सेवा आयोग ने विकल्प (बी) को सही उत्तर बताया था।
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4.निम्नलिखित में से किस राजवंश के अभिलेख से इस परंपरा का समर्थन होता है कि लुम्बिनी शाक्यमुनि बुद्ध का जन्म स्थान था?
(a) मौर्य
(b) शुंग
(c) सातवाहन
(d) कुषाण
[U.P. U.D.A./L.D.A. (Pre) 2006]
उत्तर- (a) मौर्य
- मौर्य वंश के सम्राट अशोक के रुम्मिनदेई स्तंभ शिलालेख से पता चलता है कि लुंबिनी ही गौतम बुद्ध का जन्मस्थान था।
- राजा अशोक ने अपने राज्याभिषेक के 20वें वर्ष में लुंबिनी का दौरा किया और शाक्य मुनि के जन्म स्थान का सम्मान किया।
- उन्होंने लुम्बिनी को भी कर-मुक्त कर दिया क्योंकि यह गौतम बुद्ध का जन्मस्थान था।
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5.महात्मा बुद्ध का महापरिनिर्वाण’ कहां हुआ ?
(a) लुम्बिनी में
(b) बोधगया में
(c) कुशीनगर में
(d) कपिलवस्तु में
[47th B.P.S.C. (Pre) 2005, U.P.P.C.S. (Pre) 2011, 53 to 55 B.P.S.C. (Pre) 2011]
उत्तर-(c) कुशीनगर में
- बुद्ध ने अपना पहला उपदेश सारनाथ के डियर पार्क में दिया था।
- इसके बाद उन्होंने बौद्ध धर्म का प्रचार करने के लिए कोसल, कपिलवस्तु, वैशाली और राजगृह की यात्रा की। कोशल के राजा प्रसेनजित और उनके परिवार ने बौद्ध धर्म स्वीकार कर लिया।
- अपनी यात्रा में वह मल्लों की राजधानी पावा पहुंचे।
- चुंद नाम के लोहार ने अपने आम के बगीचे में बुद्ध को बहुत सारा सुकरमद्दव खिलाया जिससे वह बीमार हो गए और परिणामस्वरूप रक्तस्राव और गंभीर दर्द हुआ।
- यह शब्द सुकर शब्द से बना है, जिसका अर्थ है सुअर, और मद्दव, जिसका अर्थ है नरम, कोमल या नाजुक। इस शब्द का शाब्दिक अर्थ है “नरम सूअर का मांस”।
- अंततः वह मल्ला गणराज्य की राजधानी कुशीनारा पहुंचे, जहां 483 ईसा पूर्व में 80 वर्ष की आयु में उनका निधन हो गया, इस घटना को महापरिनिर्वाण के रूप में जाना जाता है।
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6. गौतम बुद्ध ने किस स्थान पर निर्वाण प्राप्त किया?
(a) कुशीनारा
(c) लुम्बिनी
(b) श्रावस्ती
(d) बोधगया
[Chhattisgarh P.C.S. (Pre) 2011, M.P.P.C.S. (Pre) 1997]
उत्तर- (डी) बोधगया
- बुद्ध को बिहार के बोधगया में एक पीपल के पेड़ के नीचे निर्वाण प्राप्त हुआ था।
- बुद्ध ने 35 वर्ष की उम्र में मारा नामक दुष्ट आत्मा से लड़ने के बाद ज्ञान प्राप्त करने का निर्णय लिया।
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7. महापरिनिर्वाण मंदिर अवस्थित है-
(a) कुशीनगर में
(c) बोधगया में
(b) सारनाथ में
(d) आवस्ती में
[U.P. Lower Sub. (Mains) 2015 ]
उत्तर- (a) कुशीनगर में
- महापरिनिर्वाण मंदिर उत्तर प्रदेश के कुशीनगर जिले में स्थित है, और बुद्ध की एक प्रसिद्ध मूर्ति का घर है।
- यह मूर्ति 1876 में एक खुदाई के दौरान मिली थी और चुनार के बलुआ पत्थर से बनी है।
- इसमें बुद्ध को अपने अंतिम क्षणों में दाहिनी ओर लेटे हुए दिखाया गया है।
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8. निम्नलिखित राज्यों में से किनका संबंध बुद्ध के जीवन से था?
1. अवंति
2. गांधार
3. कोसल
4. मगध
नीचे दिए गए कूट का प्रयोग कर सही उत्तर चुनिए ।
(a) 1, 2 और 3
(b) 2 और 4
(c) केवल 3 और 4
(d) 1, 3 और 4
[I.A.S. (Pre) 2014, I.A.S. (Pre) 2015]
उत्तर-(c) केवल 3 और 4
- गौतम बुद्ध का संबंध कोसल और मगध साम्राज्य से था।
- वह अपनी शिक्षाएँ साझा करने के लिए इन दोनों राज्यों में गए।
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9. गौतम बुद्ध द्वारा अपने धर्म में दीक्षित किया जाने वाला अंतिम व्यक्ति निम्नलिखित में से कौन था ?
(a) आनंद
(b) सारिपुत
(c) मोग्गलान
(d) सुभद
[U.P. P.C.S. (Pre) 2013]
उत्तर- (d) सुभद
- अपने जीवन के अंत में गौतम बुद्ध पावा में अपने शिष्य चुन्द के पास गये।
- दुख की बात है कि वह चुंद द्वारा तैयार किए गए सूअर के मांस से बीमार हो गए, इसलिए उन्होंने मल्लस साम्राज्य की राजधानी कुशीनगर की यात्रा की।
- यहीं पर उन्होंने सुभद्दा को अपना अंतिम उपदेश दिया और कुशीनगर में शांतिपूर्वक उनका निधन हो गया।
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10. बुद्ध ने अपने जीवन की अंतिम वर्षा ऋतु कहाँ बिताई थी ?
(a) श्रावस्ती में
(b) वैशाली में
(c) कुशीनगर में
(d) सारनाथ में
[U.P.P.C.S. (Mains) 2015]
उत्तर-(b) वैशाली में
- बुद्ध ने अपने जीवन का अंतिम वर्षाकाल वैशाली में बिताया था।
- वह 80 वर्ष के थे और उनके साथ उनके दो शिष्य भी थे, जिनमें से एक आनंद थे।
- वे बेलुवा में रुके जो वैशाली का एक उपनगर है।
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11.निम्नलिखित में से कौन-सा एक बौद्ध मत में निर्वाण की अवधारणा की सर्वश्रेष्ठ व्याख्या करता है?
(a) तृष्णारूपी अग्नि का शमन
(b) स्वयं की पूर्णत: अस्तित्वहीनता
(c) परमानंद एवं विश्राम की स्थिति
(d) धारणातीत मानसिक अवस्था
[I.A.S. (Pre) 2013]
उत्तर- (a) तृष्णारूपी अग्नि का शमन
- बौद्ध धर्म मानता है कि इच्छा दुख की ओर ले जाती है।
- बौद्ध धर्म में अंतिम लक्ष्य निर्वाण तक पहुंचना है, जो दुख, पीड़ा और सुख से मुक्त स्थान है।
- “निर्वाण” शब्द का शाब्दिक अर्थ “बुझा हुआ” है, जिसे इच्छा की जलती हुई ज्वाला के अंत के रूप में देखा जा सकता है।
- इसलिए, विकल्प (ए) सही उत्तर है।
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12. बोधगया में किसे ज्ञान प्राप्ति हुई थी ?
(a) महावीर स्वामी
(c) सीमंधर स्वामी
(b) गौतम बुद्ध
(d) पार्श्वनाथ स्वामी
(e) उपर्युक्त में से कोई नहीं / उपर्युक्त में से एक से अधिक
[67 B.P.S.C. (Pre) 2022]
उत्तर-(c) सीमंधर स्वामी
- बौद्ध धर्म के प्रवर्तक गौतम बुद्ध को ज्ञान प्राप्ति बोधगया में हुई थी।
- यहां छः वर्षों की कठिन साधना के बाद 35 की अवस्था में वैशाख पूर्णिमा की रात्रि को एक पीपल के वृक्ष के नीचे इन्हें ज्ञान की प्राप्ति हुई थी।
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13. आलार कालाम कौन थे?
(a) बुद्ध के एक शिष्य
(b) एक प्रतिष्ठित बौद्ध भिक्षु
(c) बुद्धकालीन एक शासक
(d) बुद्ध के एक गुरु
[U.P.P.C.S. (GIC) 2010]
उत्तर- (d) बुद्ध के एक गुरु
- अलारा कलामा धर्म के बहुत प्रसिद्ध शिक्षक थे।
- बुद्ध उनके पास अध्ययन करने आए और ध्यान सहित कई चीजें सीखीं।
- कड़ी मेहनत करने के बाद, बुद्ध अपने शिक्षक के समान ही ज्ञानी थे।
- तब अलारा कलामा ने बुद्ध से कहा कि वे अब वही हैं और उन्हें उनके साथ रहना चाहिए और अपने छात्रों को पढ़ाना चाहिए।
- अलारा कलामा सांख्य दर्शन के एक महान शिक्षक थे और उनमें बहुत अधिक आध्यात्मिक शक्ति थी।
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14. महात्मा बुद्ध ने अपना पहला ‘धर्मचक्रप्रवर्तन किस स्थान पर दिया था ?
(a) लुम्बिनी में
(b) सारनाथ में
(c) पाटलिपुत्र में
(d) वैशाली में
[U.P.P.C.S. (Mains) 2004, 47 B.P.S.C. (Pre) 2005, M.P.P.C.S. (Pre) 1991, 1999, 53rd to 55th B.P.S.C. (Pre) 2011]
उत्तर-(b) सारनाथ में
- बोधगया में ज्ञान प्राप्त करने के बाद, बुद्ध सारनाथ गए, जहाँ उन्होंने अपना पहला उपदेश दिया, जिसे पाली में “धम्मचक्खपवतन” या “धर्म चक्र प्रवर्तन” के रूप में जाना जाता है।
- सारनाथ बुद्ध के जीवन से संबंधित चार पवित्र स्थानों में से एक है।
- अन्य तीन महत्वपूर्ण स्थल लुंबिनी (बुद्ध का जन्मस्थान), बोधगया (उनके ज्ञान का स्थान) और कुशीनगर हैं।
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15. बुद्ध ने सर्वाधिक उपदेश दिए थे-
(a) वैशाली में
(b) श्रावस्ती में
(c) कौशाम्बी में
(d) राजगृह में
[U.P.P.C.S. (Pre) 2011]
उत्तर-(b) श्रावस्ती में
- गौतम बुद्ध के कोसल क्षेत्र से कई अनुयायी थे।
- उन्होंने अपनी अधिकांश शिक्षा श्रावस्ती में दी, जो कोसल का मुख्य शहर था।
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16. बुद्ध कौशाम्बी किसके राज्य-काल में आए थे?
(a) शतानीक
(b) उदयन
(c) बोधि
(d) निचक्षु
[U.PU.D.A./L.D.A. (Pre) 2010]
उत्तर-(b) उदयन
- राजा उदयन के शासन काल में महात्मा बुद्ध कौशांबी गये।
- यह उनका 9वां पड़ाव था. पिंडोला भारद्वाज ने उदयन को बौद्ध बनने के लिए प्रभावित किया और उसने भिक्षु को घोषित राम विहार दे दिया
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17. बुद्ध की मृत्यु के पश्चात प्रथम बौद्ध संगीति की अध्यक्षता की गई-
(a) महाकरसप द्वारा
(c) अजातशत्रु द्वारा
(b) धर्मसेन द्वारा
(d) नागसेन द्वारा
[U.P.P.C.S. (Pre) 2000]
उत्तर- (a) महाकरसप द्वारा
- बुद्ध की मृत्यु के तुरंत बाद, राजा अजातशत्रु ने राजगृह में सप्तपर्णी गुफा नामक गुफा में एक बौद्ध परिषद का आयोजन किया।
- महाकसाप परिषद के नेता थे और आनंद और उपालि बुद्ध के दो शिष्य थे जिन्होंने शिष्यों के लिए उनकी शिक्षाओं और नियमों को सुनाया।
- परिषद में अभिधम्म पिटक भी शामिल था।
|
18. कश्मीर में कनिष्क के शासनकाल में जो बौद्ध संगीति आयोजित हुई थी, उसकी अध्यक्षता निम्नलिखित में से किसने की थी ?
(a) पार्श्व
(b) नागार्जुन
(c) शूद्रक
(d) वसुमित्र
[I.A.S. (Pre) 2001]
उत्तर- (d) वसुमित्र
- चतुर्थ बौद्ध संगीति कुषाण राजा कनिष्क के सहयोग से कश्मीर के कुंडलवन में हुई।
- वसुमित्र परिषद के नेता थे, और अश्वघोष उनके सहायक थे।
- इस परिषद ने बौद्ध धर्म को दो समूहों, महायान और हीनयान में विभाजित किया।
|
19. निम्नलिखित पर विचार कीजिए-
1. बुद्ध में देवत्वारोपण
2. बोधिसत्व के पथ पर चलना
3. मूर्ति उपासना तथा अनुष्ठान
उपर्युक्त में से कौन-सी विशेषता / विशेषताएं महायान बौद्ध मत की है/हैं?
(a) केवल 1
(b) केवल 1 और 2
(c) केवल 2 और 3
(d) 1, 2 और 3
[I.A.S. (Pre) 2019]
उत्तर- (d) 1, 2 और 3
- महायान बौद्ध धर्म सिखाता है कि बुद्ध के पास विशेष शक्तियाँ हैं और वे दिव्य हैं, और वे कई रूपों में प्रकट होते हैं।
- यह बोधिसत्व के मार्ग का अनुसरण करता है, जो प्रबुद्ध प्राणी हैं जो अपने लिए मोक्ष की तलाश करने के बजाय दूसरों की मदद करना चुनते हैं।
- महायान बौद्ध धर्म भी मूर्ति पूजा और अनुष्ठानों को प्रोत्साहित करता है।
|
20. निम्नलिखित चार स्थानों में हुई बौद्ध संगीतियों का सही कालक्रम नीचे दिए हुए कूट से ज्ञात करें-
1. वैशाली
2. राजगृह
3. कुंडलवन
4. पाटलिपुत्र
कूट :
(a) 1, 2, 3, 4
(c) 2, 1, 3, 4
(b) 4, 3, 2, 1
(d) 2, 1, 4, 3
[U.P. Lower Sub. (Pre) 2002]
उत्तर- (d) 2, 1, 4, 3
- बुद्ध के निधन के बाद, राजा अजातशत्रु ने राजगृह में सप्तपर्णी गुफा में पहली बौद्ध परिषद का आयोजन किया, और महाकस्सप इसके नेता थे।
- सौ साल बाद, दूसरी परिषद सबाकामी के नेतृत्व में वैशाली में आयोजित की गई।
- तीसरा पाटलिपुत्र में अशोक के शासनकाल के दौरान आयोजित किया गया था।
- चौथा कनिष्क के शासनकाल के दौरान कश्मीर (कुंडलवन) में हुआ।
|
21. द्वितीय बौद्ध समिति का आयोजन कहां हुआ था ?
(a) राजगृह में
(b) वैशाली में
(c) पाटलिपुत्र में
(d) काशी (वाराणसी) में
[U.P.R.O/A.R.O. (Mains) 2014]
उत्तर-(b) वैशाली में
- दूसरी संगीति बुद्ध की मृत्यु के 100 साल बाद हुई, जब कालाशोक सत्ता में था, जो वैशाली में हुई थी
- इसकी अध्यक्षता साबाकामी ने की।
|
22. तृतीय बौद्ध सभा किस स्थान पर बुलाई गई थी ?
(a) तक्षशिला
(b) सारनाथ
(c) बोधगया
(d) पाटलिपुत्र
[53 to 55 B.P.S.C. (Pre) 2011]
उत्तर- (d) पाटलिपुत्र
- तीसरी संगीति पाटलिपुत्र में अशोक के शासन काल में हुई।
- परिषद की अध्यक्षता मोगलीपुत्त तिस्सा ने की।
- चौथी संगीति कनिष्क के शासन काल में कश्मीर (कुंडलवन) में हुई।
|
23. भारतीय कला में बुद्ध के जीवन की किस घटना का चित्रण ‘मृग सहित चक्र’ द्वारा हुआ है ?
(a) महाभिनिष्क्रमण
(b) संबोधि
(c) प्रथम उपदेश
(d) निर्वाण
[U.P.P.C.S. (Mains) 2002]
उत्तर-(c) प्रथम उपदेश
- भारतीय कला में, बुद्ध के जीवन की पहली उपदेशात्मक घटना को हिरण वाले पहिये का प्रतीक माना जाता है।
- यह घटना मृगदाव सारनाथ में घटी जहां बुद्ध ने अपना पहला उपदेश दिया था।
|
24. सूची-I को सूची-II से सुमेलित कीजिए तथा सूचियों के नीचे दिए गए कूट से सही उत्तर चुनिए :
सूची-I |
सूची-II |
(चिह्न) |
(अर्थ) |
A. जन्म |
1. बोधि वृक्ष |
B. प्रथम प्रवचन |
2. धर्मचक्रप्रवर्तन |
C. महाबोधि |
3. घोड़ा |
D. त्याग |
4. कमल |
कूट:
A B C D
(a) 1 2 3 4
(b) 4 3 2 1
(c) 3 4 1 2
(d) 4 2 1 3
[U.P.P.C.S. (Mains) 2005]
उत्तर-(d) 4 2 1 3
सूची-I (चिह्न) |
सूची-II (अर्थ) |
जना |
कगत |
प्रथम प्रवचन |
धर्मचक्रप्रवर्तन |
महाबोधि |
बोधिवृक्ष |
गृह त्याग |
घोड़ा |
25.करमापा लामा तिब्बत के बुद्ध संप्रदाय के किस वर्ग का है?
(a) गेलूगपा
(b) कंग्यूपा
(c) साक्यपा
(d) लिंगमापा
[U.P.P.C.S. (Pre) 2000]
उत्तर-(b) कंग्यूपा
- करमापा लामा कांग्युपा के तिब्बती बौद्ध स्कूल का हिस्सा हैं।
|
26. महात्मा बुद्ध के संबंध में निम्नलिखित कथनों में कौन सही है ?
1. उनका जन्म कपिलवस्तु में हुआ था।
2. उन्होंने बोधगया में ज्ञान प्राप्त किया था।
3. उन्होंने वैदिक धर्म को अस्वीकार किया था।
4. उन्होंने आर्य सत्य का प्रचार किया था।
नीचे दिए गए कूट से सही उत्तर चुनिए
कूट :
(a) 1 तथा 2
(c) 1.2, तथा 3
(b) 1 तथा 3
(d) 1, 2, 3 तथा 4
[U.P.P.S.C. (GIC) 2010]
उत्तर- (d) 1, 2, 3 तथा 4
- बौद्ध धर्म के संस्थापक गौतम बुद्ध का जन्म 563 ईसा पूर्व नेपाल में हुआ था।
- वह वेदों और वैदिक अनुष्ठानों के बजाय कर्म में विश्वास करते थे।
- उन्होंने चार आर्य सत्य सिखाये।
|
27. बोधगया में महाबोधि मंदिर बनाया गया, जहां-
(a) गौतम बुद्ध पैदा हुए थे।
(b) गौतम बुद्ध को ज्ञान प्राप्त हुआ।
(c) गौतम बुद्ध ने अपना प्रथम प्रवचन दिया।
(d) गौतम बुद्ध की मृत्यु हुई।
[45h B.P.S.C. (Pre) 2001]
उत्तर-(b) गौतम बुद्ध को ज्ञान प्राप्त हुआ।
- गौतम ने आत्मज्ञान की तलाश में छह साल बिताए।
- अंततः, जब वे 35 वर्ष के थे, तब उन्हें वैशाख पूर्णिमा की रात को बोधगया के पीपल के पेड़ पर ज्ञान प्राप्त हुआ और वे “बुद्ध” बन गये।
- इस स्थान पर एक मंदिर बनाया गया जिसे महाबोधि मंदिर कहा जाता है।
|
28. बोधगया में बोधि वृक्ष’ अपने वंश की इस पीढ़ी का है-
(a) तृतीय
(b) चतुर्थ
(c) पंचम
(d) षष्ठम
[48 to 52 B.P.S.C. (Pre) 2008]
उत्तर-(c) पंचम
- महाबोधि मंदिर में अब बोधिवृक्ष वह मूल वृक्ष नहीं है जहां बुद्ध को ज्ञान प्राप्त हुआ था।
- एक चीनी यात्री ह्वेन त्सांग ने बताया कि 7वीं शताब्दी में राजा शशांक ने मूल वृक्ष को नष्ट कर दिया था।
- वर्तमान वृक्ष अलेक्जेंडर कनिंघम के निर्देशानुसार लगाया गया था और इसे पाँचवीं पीढ़ी के वृक्ष के रूप में जाना जाता है।
- यह एक विरासत स्थल है और केवल पेड़ की गिरी हुई पत्तियों को ही छुआ और एकत्र किया जा सकता है।
|
29. निम्नलिखित में से कौन-सा बौद्ध पवित्र स्थल निरंजना नदी पर स्थित था?
(a) बोधगया
(b) कुशीनगर
(c) लुम्बिनी
(d) ऋषिपत्तन
[U.P.P.C.S. (Pre) 2012]
उत्तर- (a) बोधगया
- बौद्धों का पवित्र स्थान बोधगया, जहाँ बुद्ध को ज्ञान प्राप्त हुआ था, निरंजना नदी के किनारे स्थित है।
|
30. बुद्ध के उपदेश किससे संबंधित है ?
(a) आत्मा संबंधी विवाद
(b) ब्रह्मचर्य
(c) धार्मिक कर्मकांड
(d) आचरण की शुद्धता व पवित्रता
[U.P.P.C.S. (Pre) 1991]
उत्तर- (d) आचरण की शुद्धता व पवित्रता
- बुद्ध की शिक्षाएँ सम्मानजनक और शुद्ध तरीके से जीने पर केंद्रित हैं।
|
31. निम्नलिखित में से कौन बुद्ध के जीवनकाल में ही संघ प्रमुख होना चाहता था?
(a) देवदत्त
(b) महाकरसप
(c) उपालि
(d) आनंद
[U.P.P.C.S. (Pre) 1999]
उत्तर- (a) देवदत्त
- देवदत्त महात्मा बुद्ध का निष्ठावान अनुयायी और एक अच्छा भिक्षु था।
- हालाँकि, अंततः उन्होंने संघ के नेता के रूप में बुद्ध का स्थान लेने की कोशिश की, लेकिन असफल रहे।
- यह स्पष्ट था कि वह शुरू से ही संघ का नेता बनना चाहते थे।
|
32.गौतम बुद्ध ने अपनी मृत्यु के उपरांत बौद्ध संघ के नेतृत्व के लिए निम्न में से किसे नामित किया था?
(a) आनंद
(b) महाकस्सप
(c) उपालि
(d) उपर्युक्त में से कोई नहीं
[Uttarakhand P.C.S. (Pre) 2002]
उत्तर- (d) उपर्युक्त में से कोई नहीं
- गौतम बुद्ध ने कोई उत्तराधिकारी नहीं चुना और अपने अनुयायियों से स्वतंत्र होने का प्रयास करने को कहा।
- उनकी शिक्षाएँ केवल कही गयीं थीं, लिखी नहीं गयीं।
- बुद्ध की शिक्षाओं को एकत्र करने और उनका अभ्यास करने के लिए संघ की बैठकें होती थीं।
|
33. अष्टांग मार्ग की संकल्पना, अंग है-
(a) दीपवंश की विषयवस्तु का
(b) दिव्यावदान की विषयवस्तु का
(c) महापरिनिब्बान की विषयवस्तु का
(d) धर्मचक्रप्रवर्तन सुत्त की विषयवस्तु का
[I.A.S. (Pre) 1998]
उत्तर- (d) धर्मचक्रप्रवर्तन सुत्त की विषयवस्तु का
- धर्म चक्र प्रवर्तन सुत्त अष्टांगिक मार्ग के बारे में है, जिसे बुद्ध ने सिखाया था।
- इसका उद्देश्य लोगों को पीड़ा से छुटकारा पाने और शांति और ज्ञान की स्थिति प्राप्त करने में मदद करना है जिसे निर्वाण कहा जाता है।
|
34.गौतम बुद्ध के बारे में निम्न में से क्या सत्य है ?
1. वे कर्म में विश्वास करते थे।
2. आत्मा का शरीर में परिवर्तन मानते थे।
3. निर्वाण प्राप्ति में विश्वास करते थे।
4. ईश्वर की सत्ता में विश्वास करते थे।
निम्न कूटों में से सही उत्तर चुनिए-
(a) केवल 1, 2, 3 सही हैं।
(b) 1,2 सही हैं।
(c) केवल सही है।
(d) सभी चारों सही हैं।
[U.P.P.C.S. (Pre) 1992]
उत्तर- (a) केवल 1, 2, 3 सही हैं।
- महात्मा बुद्ध “कर्म” के विचार में विश्वास करते थे, या कि कार्यों के परिणाम होते हैं।
- उनका मानना था कि लोग पुनर्जन्म लेते हैं और निर्वाण की स्थिति तक पहुँच सकते हैं, लेकिन उन्हें ईश्वर के अस्तित्व या उनकी शक्ति पर विश्वास नहीं था।
- बुद्ध के पिछले जीवन जातक में दर्ज थे।
|
35. बौद्ध संघ में भिक्षुणी के रूप में स्त्रियों के प्रवेश की अनुमति बुद्ध द्वारा दी गई थी-
(a) श्रावस्ती में
(b) वैशाली में
(c) राजगृह में
(d) कुशीनगर में
[U.P.P.C.S. (Pre) 2010]
उत्तर- (b) वैशाली में
- आनंद के अनुरोध पर, गौतम बुद्ध ने महिलाओं को वैशाली में बौद्ध संघ का हिस्सा बनने की अनुमति दी।
- पहली महिला जिसे स्वीकार किया गया वह महाप्रजापति गौतमी थी।
|
36. ‘त्रिपिटक’ क्या है ?
(a) गांधीजी के तीन बंदर
(b) ब्रह्मा, विष्णु, महेश
(c) महावीर के तीन नगीने
(d) बुद्ध के उपदेशों का संग्रह
[U.P. Lower Sub. (Pre) 2003, U.P. Lower Sub. (Pre) 2004]
उत्तर-(d) बुद्ध के उपदेशों का संग्रह
- त्रिपिटक बौद्ध धर्म का सबसे महत्वपूर्ण ग्रंथ है।
- सुत्त पिटक जिसमें बुद्ध के उपदेश और शिक्षाएं शामिल हैं
- विनय पिटक जिसमें भिक्षुओं और संघ के लिए नियम हैं
- अभिधम्म पिटक जो बौद्ध धर्म के दर्शन के बारे में है।
|
37.’यमक’ बुद्ध ‘पिटक’ से संबंधित है-
(a) सुत्त
(b) विनय
(c) अभिधम्म
(d) उपर्युक्त में से कोई नहीं
[Jharkhand P.C.S. (Pre) 2016]
उत्तर-(c) अभिधम्म
- अभिधम्म पिटक में सात पुस्तकें हैं:
- विभंग
- धातुकथा
- पुग्गलपन्नत्ती
- कथावत्थु
- यमका
- पत्थाना
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38.निम्न में से किस बौद्ध साहित्य में महात्मा बुद्ध के ‘नैतिक एवं सिद्धांत संबंधित प्रवचन संकलित हैं ?
(a) विनय पिटक
(c) अभिधम्मपिटक
(b) जातक कथाएं
(d) सुत्तपिटक
[M.P.P.C.S. (Pre) 2014]
उत्तर- (d) सुत्तपिटक
- सुत्त पिटक (संस्कृत में सूत्र पिटक के नाम से भी जाना जाता है) ग्रंथों का एक बड़ा संग्रह है जो बौद्ध धर्म की मूल शिक्षाओं का निर्माण करता है।
- इसमें बुद्ध की नैतिक मान्यताओं पर चर्चा की गई है।
- सुत्त पिटक में दस हजार से अधिक सुत्त शामिल हैं, जिन्हें पाँच संग्रहों में विभाजित किया गया है जिन्हें निकाय कहा जाता है।
- दीघा निकाय सुत्त पिटक का एक हिस्सा है – यह बुद्ध के 34 सबसे लंबे प्रवचनों का एक समूह है।
- सुत्त पिटक का संकलन राजगीर में प्रथम बौद्ध संगीति में किया गया था।
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39. बौद्ध धर्म में त्रिरत्न’ का क्या अभिप्राय है?
(a) त्रिपिटक
(b) बुद्ध धम्म संघ
(c) शील, समाधि, संघ
(d) सत्य, अहिंसा, करुणा
[U.P.R.O/A.R.O. (Pre) 2017]
उत्तर-(b) बुद्ध धम्म संघ
- बौद्ध धर्म तीन महत्वपूर्ण भागों के आसपास बना है जिन्हें तीन रत्न कहा जाता है।
- बुद्ध के निधन के बाद, उनकी शिक्षाओं को त्रिपिटक नामक तीन खंडों में दर्ज किया गया।
- ये खंड हैं विनय पिटक, सुत्त पिटक और अभिधम्म पिटक।
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40. प्राचीन भारत के बौद्ध मठों में पवरन नामक समारोह आयोजित किया जाता था, जो-
(a) संघपरिनायक और धर्म तथा विनय विषयों पर एक-एक वक्ता को चुनने का अवसर होता था।
(b) वर्षा ऋतु के दौरान मठों में प्रवास के समय भिक्षुओं द्वारा किए गए अपराधों की स्वीकारोक्ति का अवसर होता था।
(c) किसी नए व्यक्ति को बौद्ध संघ में प्रवेश देने का समारोह होता था, जिसमें उसका सिर मुंडवा दिया जाता था और पीले वस्त्र दिए जाते थे।
(d) आषाढ़ की पूर्णिमा के अगले दिन बौद्ध भिक्षुओं के एकत्र होने का अवसर होता था, जब वे वर्षा ऋतु के आगामी चार महीनों के लिए निश्चित आवास चुनते थे।
[I.A.S. (Pre) 2002]
उत्तर-(b) वर्षा ऋतु के दौरान मठों में प्रवास के समय भिक्षुओं द्वारा किए गए अपराधों की स्वीकारोक्ति का अवसर होता था।
- साल के चार महीने बुद्ध के अनुयायी बुद्ध महाविहार में रहते हैं।
- जैसे ही वर्षा ऋतु समाप्त होती है, वे एक विशेष समारोह के साथ फिर से शुरू होते हैं जिसे पवाराना कहा जाता है।
- इस समारोह में भिक्षु किसी भी गलत काम को स्वीकार करते हैं और भविष्य में क्या करना है इसके बारे में विचार भी रखते हैं।
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41. अशोकाराम विहार निम्नलिखित में से किस स्थान पर स्थित था?
(a) वैशाली
(b) पाटलिपुत्र
(c) कौशाम्बी
(d) श्रावस्ती
[U.P.P.C.S. (Mains) 2015]
उत्तर-(b) पाटलिपुत्र
- प्रसिद्ध बौद्ध ग्रंथ महावंश में कहा गया है कि मौर्य वंश के राजा अशोक ने पाटलिपुत्र में अशोकाराम बिहार नामक एक मठ बनवाया था।
- इसकी देखरेख इन्द्रगुप्त नामक भिक्षुक करता था।
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42.विश्व का सबसे ऊंचा कहा जाने वाला ‘विश्व शांति स्तूप’ बिहार में कहां है?
(a) वैशाली
(b) नालंदा
(c) राजगीर
(d) पटना
[48th to 52-4 B.P.S.C. (Pre) 2008]
उत्तर-(c) राजगीर
- विश्व शांति स्तूप, जिसे विश्व शांति पैगोडा के नाम से भी जाना जाता है, दुनिया में अपनी तरह का सबसे ऊंचा है।
- यह बिहार में राजगीर की पहाड़ियों पर 400 मीटर ऊंचा है।
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43. बुद्ध की 80 फुट बड़ी प्रतिमा जो बोधगया में है, निर्मित की गई थी-
(a) जापानियों के द्वारा
(b) थाई लोगों के द्वारा
(c) श्रीलकाइयों के द्वारा
(d) भूटानियों के द्वारा
[R.A.S./R.T.S. (Pre) 1993]
उत्तर- (a) जापानियों के द्वारा
- बिहार के बोधगया में स्थित विशाल बुद्ध प्रतिमा 80 फीट ऊंची है।
- यह पैर मोड़कर ध्यान मुद्रा में बैठा है और इसके नीचे कमल का फूल है।
- इसे बनाने में सात साल लगे और यह बलुआ पत्थर के ब्लॉक और लाल ग्रेनाइट से बना है।
- इसे जापान के डाइजोक्यो संप्रदाय की मदद से बनाया गया था।
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44. सर्वप्रथम स्तूप’ शब्द कहां मिलता है ?
(a) ऋग्वेद
(b) जातक कथा
(c) अर्थशास्त्र
(d) अष्टाध्यायी
(e) इनमें से कोई नहीं
[Chhattisgarh P.C.S. (Pre) 2015]
उत्तर- (a) ऋग्वेद
- स्तूप शब्द का प्रयोग सबसे पहले ऋग्वेद में किया गया था। ऋग्वेद में, स्तूप “पेड़ के तने” के लिए एक शब्द है।
- कहा जाता है कि राजा वरुण ने बिना आधार वाले स्थान पर एक स्तूप बनवाया था।
- कोई भी वस्तु जो जमीन पर टीले की तरह उभरी हुई हो, स्तूप कहलाती है।
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45. वह स्तूप स्थल, जिसका संबंध भगवान बुद्ध के जीवन की किसी घटना से नहीं रहा है, वह है
(a) सारनाथ
(b) सांची
(c) बोधगया
(d) कुशीनारा
[U.P.P.C.S. (Mains) 2011, U.P.P.C.S. (Spl.) (Pre) 2008]
उत्तर-(b) सांची
- बोधगया का स्तूप उस क्षण से जुड़ा है जब बुद्ध को ज्ञान प्राप्त हुआ था।
- सारनाथ बुद्ध की शिक्षाओं की शुरुआत से जुड़ा है, और कुशीनगर या कुशीनारा उनकी मृत्यु से जुड़ा है।
- सांची स्तूप का संबंध बुद्ध के जीवन की किसी भी घटना से नहीं है।
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46. निम्नलिखित स्तूपों का सही तैथिक क्रम (कालानुक्रम) क्या है ?
(a) भरहुत, सांची, अमरावती, धमेख
(b) अमरावती, सांची, भरहुत, धर्मख
(c) सांची, अमरावती, भरहूत समेख
(d) धमेख, भरहुत, अमरावती, सांची
[U.P.P.C.S. (Mains) 2014]
उत्तर- (a) भरहुत, सांची, अमरावती, धमेख
- मौर्य सम्राट अशोक के शासनकाल के दौरान, भरहुत और सांची स्तूपों का निर्माण किया गया था।
- कुछ स्रोतों का कहना है कि धमेख स्तूप का निर्माण अशोक के शासनकाल के दौरान भी किया गया था।
- अमरावती का स्तूप सातवाहन काल में बनाया गया था।
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47. अनात्मवाद सिद्धांत है-
(a) सांख्य का
(b) वेदांत का
(c) बौद्ध दर्शन का
(d) जैन दर्शन का
(e) इनमें से कोई नहीं
[Chhattisgarh P.S.C. (Pre) 2017]
उत्तर-(c) बौद्ध दर्शन का
- बौद्ध धर्म सिखाता है कि आत्मा (जिसे आत्मा कहा जाता है) या “मैं” जैसी कोई चीज़ नहीं है।
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48. संसार अस्थिर और क्षणिक है’ का निम्न में किससे संबंध है?
(a) बौद्ध
(b) जैन
(c) गीता
(d) वेदांत
[U.P.P.C.S. (Pre) 1992]
उत्तर- (a) बौद्ध
- बौद्ध धर्म में, अनित्यता (जिसे अनित्य भी कहा जाता है) एक महत्वपूर्ण विश्वास है और अस्तित्व के तीन लक्षणों में से एक है।
- इसका मतलब है कि जीवन में सब कुछ अस्थायी, क्षणभंगुर और हमेशा बदलता रहता है।
- इसमें शारीरिक और मानसिक चीजें शामिल हैं, जो सभी हिस्सों से बनी हैं जो लगातार बदल रही हैं और अंततः टूट जाएंगी और गायब हो जाएंगी।
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49. निम्नलिखित में से किसे ‘एशिया के ज्योति पुंज’ के तौर पर जाना जाता है?
(a) गौतम बुद्ध को
(c) महावीर स्वामी को
(b) महात्मा गांधी को
(d) स्वामी विवेकानंद को
[U.P.P.C.S. (Mains) 2010]
उत्तर- (a) गौतम बुद्ध को
- गौतम बुद्ध, जिन्हें कभी-कभी सिद्धार्थ, गौतम, शाक्यमुनि या बुद्ध भी कहा जाता है, एक ऋषि थे जिन्होंने बौद्ध धर्म की शुरुआत की थी।
- उन्हें “एशिया का प्रकाश” या “लाइट बीम” के रूप में जाना जाता है।
- एडविन अर्नोल्ड ने बुद्ध के जीवन के बारे में “द लाइट ऑफ एशिया” नामक पुस्तक लिखी।
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50. नव- बौद्धवाद के प्रतिपादक कौन है ?
(a) राधाकृष्णनन्
(b) टैगोर
(c) अंबेडकर
(d) विवेकानंद
[Chhattisgarh P.C.S. (Pre) 2019]
उत्तर-(c) अंबेडकर
- नवयान/नव-बौद्ध धर्म बीआर अंबेडकर द्वारा बौद्ध धर्म की पुनः व्याख्या है , जिसका अर्थ है “नया वाहन”।
- यह भिक्षु बनने, कर्म, पुनर्जन्म, ध्यान, आत्मज्ञान और चार महान सत्य जैसी चीजों को खारिज करता है, जिन्हें बौद्ध धर्म में प्रमुख अवधारणाओं के रूप में देखा जाता है।
- इसके बजाय, नवयान वर्ग संघर्ष और सामाजिक समानता के बारे में बुद्ध की मूल शिक्षाओं पर ध्यान केंद्रित करता है।
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51. क्षणिकवाद का प्रतिपादन किसने किया?
(a) बुद्ध
(b) जैन
(c) चार्वाक
(d) न्याय
(e) इनमें से कोई नहीं
[Chhattisgarh P.S.C. (Pre) 2017]
उत्तर- (a) बुद्ध
- बुद्ध ने क्षणिकवाद (क्षणिकवाद) का सिद्धांत सिखाया, जो बौद्ध धर्म का एक बहुत महत्वपूर्ण हिस्सा है।
- यह सिद्धांत बताता है कि सब कुछ हमेशा बदलता रहता है और कुछ भी हमेशा के लिए नहीं रहता है।
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52. भारत के सांस्कृतिक इतिहास के संदर्भ में, पारमिता’ शब्द का सही विवरण निम्नलिखित में से कौन-सा है ?
(a) सूत्र पद्धति में लिखे गए प्राचीनतम धर्मशास्त्र पाठ
(b) वेदों के प्राधिकार को अस्वीकार करने वाले दार्शनिक संप्रदाय
(c) परिपूर्णताएं जिनकी प्राप्ति से बोधिसत्व पथ प्रशस्त हुआ
(d) आरंभिक मध्यकालीन दक्षिण भारत की शक्तिशाली व्यापारी श्रेणियां
[I.A.S. (Pre) 2020]
उत्तर-(c) परिपूर्णताएं जिनकी प्राप्ति से बोधिसत्व पथ प्रशस्त हुआ
- बौद्ध धर्म में, ‘परमिता’ का अर्थ पूर्णता है।
- जैसे ही कोई बौद्ध बनने की कोशिश करता है, पारमिता ऐसे गुण हैं जिन्हें उन्हें अपने कर्म और क्लेशों को शुद्ध करने और बोधिसत्व बनने के लिए विकसित करना होगा।
- छह ‘पारमिताएं’ उदारता, अनुशासन, धैर्य, परिश्रम, ध्यानपूर्ण एकाग्रता और ज्ञान हैं।
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53.सर एडविन अर्नाल्ड की पुस्तक द लाइट ऑफ एशिया’ आधारित है-
(a) दिव्यावदान पर
(b) ललितविस्तार पर
(c) सुप्तपिटक पर
(d) अभिधम्मपिटक पर
[U.P.P.C.S. (Mains) 2014]
उत्तर-(b) ललितविस्तार पर
- सर एडविन अर्नाल्ड ने ‘लाइट ऑफ एशिया’ नामक पुस्तक लिखी जिसका उपशीर्षक ‘द ग्रेट रेनुशिएशन’ था।
- यह पहली बार जुलाई 1879 में रिलीज़ हुई थी और ‘ललित विस्तार’ पर आधारित थी।
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54. बौद्ध धर्म के महायान और हीनयान संप्रदायों में सर्वाधिक मौलिक अंतर निम्नलिखित में कौन-सा है ?
(a) अहिंसा पर बल
(b) जाति रहित समाज
(c) देवी-देवताओं की पूजा
(d) स्तूप पूजा
[U.P.P.C.S. (Pre) 1996]
उत्तर-(c) देवी-देवताओं की पूजा
- बौद्ध धर्म की हीनयान और महायान शाखाओं के बीच मुख्य अंतर इस बात से संबंधित है कि वे बुद्ध को कैसे देखते थे।
- हीनयान ने उन्हें एक महान व्यक्ति के रूप में देखा, जबकि महायान ने उन्हें एक देवता के रूप में देखना शुरू किया और मूर्तियों के माध्यम से उनकी पूजा की।
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55.गौतम बुद्ध को एक देवता का स्थान किस राजा के युग में प्राप्त हुआ ?
(a) अशोक
(b) कनिष्क
(c) चंद्रगुप्त विक्रमादित्य
(d) हर्ष
[45 B.P.S.C. (Pre) 2001]
उत्तर-(b) कनिष्क
- कनिष्क शासक था जब एक प्रमुख बौद्ध परिषद आयोजित की गई थी और इसने बौद्ध धर्म को दो समूहों, हीनयान और महायान में विभाजित कर दिया था।
- महायान में लोग गौतम बुद्ध की मूर्तियाँ बनाकर उनकी पूजा करने लगे, इसलिए उन्हें भगवान के रूप में देखा जाने लगा।
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56. भारत में पहले जिस मानव प्रतिमाओं को पूजा गया, वह थी-
(a) ब्रह्मा की
(b) विष्णु की
(c) बुद्ध की
(d) शिव की
[R.A.S./R.T.S. (Pre) 2010]
उत्तर-(c) बुद्ध की
- भारत में बौद्ध धर्म की महायान शाखा गौतम बुद्ध की मूर्तियों एवं अन्य प्रतिमाओं के माध्यम से पूजा करती थी।
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57. देश में निम्न में से किसने मूर्ति पूजा की नींव रखी थी ?
(a) जैन धर्म ने
(b) बौद्ध धर्म ने
(c) आजीविकों ने
(d) वैदिक धर्म ने
[U.P. Lower Sub. (Spl.) (Pre) 2008]
उत्तर-(b) बौद्ध धर्म ने
- बौद्ध धर्म ने देश में मूर्ति पूजा की प्रथा शुरू की।
- महायान अनुयायियों ने मुख्य रूप से बुद्ध की छवियों को श्रद्धांजलि अर्पित की।
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58. गांधार शैली की मूर्ति कला में बुद्ध के सारनाथ में हुए प्रथम धर्मोपदेश से संबद्ध प्रवचन मुद्रा का नाम है-
(a) अभय
(b) ध्यान
(c) धर्मचक्र
(d) भूमिस्पर्श
[I.A.S. (Pre) 1994]
उत्तर-(c) धर्मचक्र
- गांधार बुद्ध की मूर्ति ग्रीक, फ़ारसी, सीथियन और पार्थियन डिज़ाइनों के संयोजन का उपयोग करके बनाई गई थी।
- इसमें विभिन्न मुद्राओं में बुद्ध की छवियां हैं, जैसे कि धर्म चक्र, ध्यान, अभय और वरद, सभी बुद्ध के जीवन के विभिन्न चरणों को दर्शाते हैं।
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59. बुद्ध की खड़ी प्रतिमा निम्न में से किस काल में बनाई गई ?
(a) गुप्त काल
(b) कुषाण काल
(c) मौर्य काल
(d) गुप्तोत्तर काल
[U.P.P.C.S. (Pre) 1992]
उत्तर-(b) कुषाण काल
- भारत में कुषाण शासन के दौरान, गांधार कला शैली लोकप्रिय थी, विशेषकर कनिष्क के समर्थन में।
- गांधार कला बौद्ध मंदिरों और मठों में पाई जाने वाली मूर्तियों की प्रचुरता के लिए जानी जाती थी।
- इस समय के दौरान, मथुरा स्कूल ने बैठे हुए और खड़े हुए दोनों स्थितियों में बुद्ध की मूर्तियाँ बनाईं।
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60.भगवान बुद्ध की प्रतिमा कभी-कभी एक हस्त मुद्रा युक्त दिखाई गई है. जिसे ‘भूमिस्पर्श मुद्रा’ कहा जाता है। यह किसका प्रतीक है?
(a) मार पर दृष्टि रखने एवं अपने ध्यान में विघ्न डालने से मार को रोकने के लिए बुद्ध का धरती का आह्वान
(b) मार के प्रलोभनों के बावजूद अपनी शुचिता और शुद्धता का साक्षी होने के लिए बुद्ध का धरती का आह्वान
(c) बुद्ध का अपने अनुयायियों को स्मरण कराना कि वे सभी धरती से उत्पन्न होते हैं और अंततः घरती में विलीन हो जाते हैं, अतः जीवन संक्रमणशील है।
(d) इस संदर्भ में दोनों ही कथन (4) एवं (b) सही हैं।
[I.A.S. (Pre) 2012]
उत्तर-(b) मार के प्रलोभनों के बावजूद अपनी शुचिता और शुद्धता का साक्षी होने के लिए बुद्ध का धरती का आह्वान
- बुद्ध को भूमिस्पर्श मुद्रा में बैठे हुए देखा जाता है, उनका दाहिना हाथ उनके दाहिने घुटने पर अंदर की ओर लटका हुआ है और कमल सिंहासन को छू रहा है।
- उनका बायां हाथ उनकी गोद में सीधा रखा हुआ है। यह भाव उस क्षण को दर्शाता है जब बुद्ध को ज्ञान प्राप्त हुआ और उन्होंने राक्षस मारा और उसकी राक्षसी सेना पर विजय प्राप्त की।
- वह पृथ्वी को अपनी विजय का साक्षी मानता है।
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61. भूमिस्पर्श मुद्रा की सारनाथ बुद्ध मूर्ति संबंधित है-
(a) मौर्य काल से
(b) शुंग काल से
(c) कुषाण काल से
(d) गुप्त काल से
[U.P.P.C.S.(Mains) 2009]
उत्तर- (d) गुप्त काल से
- सारनाथ में गौतम बुद्ध की भूमिस्पर्श मुद्रा गुप्त काल की है।
- यह भाव दृढ़ संकल्प को दर्शाता है। “ध्यानी बुद्ध अक्षोभ्य” पृथ्वी साक्षी मुद्रा से भी जुड़ा है क्योंकि वह दूसरों पर कभी क्रोधित या घृणा न करने के अपने वादे पर कायम रहे।
- मुद्रा कौशल (दाहिना हाथ पृथ्वी को छूना) और ज्ञान (बायां हाथ ध्यान में गोद में आराम कर रहा है) के संयोजन का भी प्रतीक है।
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62.भारत के सांस्कृतिक इतिहास के संदर्भ में, निम्नलिखित युग्मों पर विचार कीजिए-
1. परिव्राजक परित्यागी व भ्रमणकारी
2. श्रमण उच्च पद प्राप्त पुजारी
3. उपासक बौद्ध धर्म का साधारण अनुगामी
उपर्युक्त युग्मों में से कौन-से सही सुमेलित हैं ?
(a) केवल 1 और 2
(b) केवल 1 और 3
(c) केवल 2 और 3
(d) 1, 2 और 3
[I.A.S. (Pre) 2020]
उत्तर-(b) केवल 1 और 3
- उपासक वे लोग हैं जो बौद्ध धर्म का पालन करते हैं लेकिन भिक्षुओं की तरह नहीं रहते हैं।
- परिव्राजक उन पुरुष भिक्षुओं का नाम है जो घूमते रहते हैं और एक स्थान पर नहीं रहते। भिक्खु परिव्राजक का दूसरा नाम है।
- श्रमण जैन धर्म, बौद्ध धर्म और अजविकवाद सहित कुछ तपस्वी परंपराओं में घूमने वाले साधु का दूसरा नाम है।
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63.निम्नलिखित में से कौन-से शासक ने बौद्धमत के विस्तार में योगदान नहीं दिया?
(a) हर्षवर्धन
(c) अशोक
(b) कनिष्क
(d) पुष्यमित्र शुंग
[Chhattisgarh P.S.C. (Pre) 2018]
उत्तर- (d) पुष्यमित्र शुंग
- पुष्यमित्र शुंग भारत में शुंग साम्राज्य का निर्माता था।
- वह मौर्य साम्राज्य के एक सैन्य कमांडर हुआ करते थे।
- 185 ईसा पूर्व में उसने अंतिम मौर्य सम्राट बृहद्रथ की हत्या कर दी और शासक बन गया।
- बौद्ध कथाओं के अनुसार पुष्यमित्र ने बौद्धों पर अत्याचार किया।
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64. निम्नलिखित वक्तव्यों पर विचार करें और नीचे दिए गए कूट सही उत्तर चुनें- से
कथन (A) कुशीनगर मल्ल गणराज्य की राजधानी थी।
कारण (R) : महात्मा बुद्ध का महापरिनिर्वाण कुशीनगर में हुआ था।
कूट-
(a) दोनों (A) और (R) सही है और (R), (A) की सही व्याख्या है।
(b) दोनों (A) और (R) सही हैं, परंतु (R), (A) की सही व्याख्या नहीं है।
(c) (A) सही है, परंतु (R) गलत है।
(d) (A) गलत है, परंतु (R) सही है।
[U.P.P.C.S. (Spl.) (Pre) 2004]
उत्तर-(b) दोनों (A) और (R) सही हैं, परंतु (R), (A) की सही व्याख्या नहीं है।
- छठी शताब्दी ईसा पूर्व में कुशीनगर मल्ल साम्राज्य का घर था और सोलह बड़े राज्यों में से एक था
- यह वह स्थान भी है जहां भगवान बुद्ध का निधन हुआ था।
- ये दोनों कथन सत्य हैं, लेकिन दिया गया कारण पहले वाले का सही स्पष्टीकरण नहीं है।
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65. निम्नलिखित युग्मों में से कौन-से सही सुमेलित हैं ?
1. लोथल प्राचीन गोदी क्षेत्र
2. सारनाथ बुद्ध का प्रथम धर्मोपदेश
3. राजगीर अशोक का सिंह स्तंभ शीर्ष
4. नालंदा बौद्ध अधिगम का महान पीठ
नीचे दिए गए कूट का प्रयोग कर सही उत्तर चुनिए-
(a) 1, 2, 3 और 4
(b) 3 और 4
(c) 1, 2 और 4
(d) 1 और 2
[I.A.S. (Pre) 1998]
उत्तर-(c) 1, 2 और 4
- राजगीर बौद्धों, हिंदुओं और जैनियों के लिए एक पवित्र स्थान है और अपने गर्म झरनों के लिए जाना जाता है।
- अशोक सिंह राजधानी राजगीर में नहीं बल्कि सारनाथ में स्थित है।
- लोथल, गुजरात में आईवीसी काल के एक पुराने गोदी के अवशेष हैं।
- बुद्ध ने अपना पहला भाषण सारनाथ में दिया था।
- नालन्दा बौद्ध ज्ञान का एक महत्वपूर्ण केन्द्र था।
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66.महायान बौद्ध धर्म में बोधिसत्व अवलोकितेश्वर को और किस अन्य नाम से जानते हैं?
(a) वज्रपाणि
(b) मंजुश्री
(c) पद्मपाणि
(d) मैत्रेय
[I.A.S. (Pre) 1997]
उत्तर-(c) पद्मपाणि
- पद्मपाणि, जिसे लोटस-बियरर के नाम से भी जाना जाता है, अवलोकितेश्वर का एक नाम है, जो महान करुणा के बौद्ध व्यक्ति थे।
- यह मूर्ति त्रि-मुड़ी (त्रिभंग) मुद्रा के आकार की है।
- बोधिसत्व जीवित प्राणी हैं जो आत्मज्ञान तक पहुँचने की यात्रा पर हैं, साथ ही दूसरों को भी उसी लक्ष्य तक पहुँचने में मदद करते हैं।
- महायान बौद्ध धर्म में बोधिसत्व आदर्श बहुत महत्वपूर्ण है, क्योंकि व्यक्ति न केवल अपने लिए बल्कि बाकी सभी के लिए भी आत्मज्ञान की दिशा में काम करता है।
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67.भारत के धार्मिक इतिहास के संदर्भ में, निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिए-
1. स्थविरवादी महायान बौद्ध धर्म से संबद्ध है।
2. लोकोत्तरवादी संप्रदाय बौद्ध धर्म के महासंधिक संप्रदाय की एक शाखा थी।
3. महासांघिकों द्वारा बुद्ध के देवत्वारोपण ने महायान बौद्ध धर्म को प्रोत्साहित किया।
उपर्युक्त कथनों में से कौन-सा/से सही है/हैं?
(a) केवल 1 और 2
(b) केवल 2 और 3
(c) केवल 3
(d) 1, 2 और 3
[I.A.S. (Pre) 2020]
उत्तर-(b) केवल 2 और 3
- स्थविरवादिन हीनयान बौद्ध धर्म का हिस्सा हैं।
- लोकोत्तरवादिन समूह महासंघिक बौद्ध धर्म की एक शाखा थी और महासंघिकों द्वारा बुद्ध की पूजा करने से महायान बौद्ध धर्म का उदय हुआ।
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68. भारतीय इतिहास के संदर्भ में, निम्नलिखित में से कौन भावी बुद्ध है, जो संसार की रक्षा हेतु अवतरित होंगे?
(a) अवलोकितेश्वर
(b) लोकेश्वर
(c) मैत्रेय
(d) पद्मपाणि
[I.A.S. (Pre) 2018]
उत्तर-(c) मैत्रेय
- मैत्रेय का वर्णन लक्कवत्ती सुत्त में किया गया है।
- बुद्ध ने कहा कि ऐसे समय में जब बौद्ध धर्म की शिक्षाओं को भुला दिया गया है, मैत्रेय हजारों गणित के साथ बुद्ध बन जाएंगे।
- यह एकमात्र अवसर है जब बुद्ध ने मैत्रेय के बारे में बात की।
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69. भारत के धार्मिक इतिहास के संदर्भ में निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिए-
1. बोधिसत्व, बौद्धमत के हीनयान संप्रदाय की केंद्रीय संकल्पना है।
2. बोधिसत्व अपने प्रबोध के मार्ग पर बढ़ता हुआ करुणामय है।
3. बोधिसत्व समस्त सचेतन प्राणियों को उनके प्रबोध के मार्ग पर चलने में सहायता करने के लिए स्वयं की निर्वाण प्राप्ति विलंबित करता है।
उपर्युक्त कथनों में से कौन-सा/से सही है/है?
(a) केवल 1
(b) केवल 2 और 3
(c) केवल 2
(d) 1, 2 और 3
[I.A.S. (Pre) 2016]
उत्तर-(b) केवल 2 और 3
- बोधिसत्व शब्द बोधि (ज्ञान) और सत्व (सार या आत्मा) से बना है।
- यह महायान बौद्ध धर्म का उद्देश्य और आदर्श है।
- महायान बौद्ध केवल खुद को दर्द से बचाने के लिए आत्मज्ञान तक पहुंचने की कोशिश नहीं करते हैं, बल्कि अन्य जीवित चीजों की मदद करने के लिए दयालुता की भावना से भी प्रयास करते हैं।
- वे पूरी तरह से प्रबुद्ध होने की प्रतीक्षा करते हैं ताकि वे सभी जीवित चीजों को ऐसा करने में सहायता कर सकें।
- इसका मतलब है कि कथन (1) गलत है, और कथन (2) और (3) सही हैं।
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70. बोधिसत्व पद्मपाणि का चित्र सर्वाधिक प्रसिद्ध और प्रायः चित्रित चित्रकारी है, जो
(a) अजंता में है।
(b) बदामी में है।
(c) बाघ में है।
(d) एलोरा में है।
[I.A.S. (Pre) 2017]
उत्तर-(a) अजंता में है।
- अजता गुहा श्रेणियों में स्थित गुफा संख्या की बोधिसत्व पद्मपाणि का |
- चित्र चित्रकला की श्रेष्ठ कला कृतियों में से एक है। इसे छठी शताब्दी ई. के अंत में निष्पादित किया गया था।
- चित्र में बोधिसत्व पद्मपाणि ने राजसी शैली में एक नीलम जड़ित मुकुट पहना हुआ है, उनके लंबे काले बाल मनोहारी रूप से झुके हैं।
- रमणीय रीति से अलंकृत यह आकृति आदमकद से भी बड़ी है और इसमें उनका दाहिना हाथ कुछ-कुछ रुका हुआ तथा कमल के पुष्प को पकड़े हुए दर्शाया गया है।
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71. हीनयान अवस्था का विशालतम एवं सर्वाधिक विकसित शैलकृत चैत्यगृह स्थित है-
(a) पीतलखोरा में
(b) जुन्नार में
(c) कार्ले में
(d) बेडसा में
[U.P.R.O./A.R.O. (Pre) 2014]
उत्तर-(c) कार्ले में
- चैत्य कार्ले में स्थित एक बहुत बड़ा और अत्यधिक विकसित बौद्ध मंदिर है, जो महाराष्ट्र के पुणे जिले में है।
- यह बौद्ध धर्म के हीनयान चरण से है।
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72. निम्नलिखित में से किस शैलकृत गुफा में ग्यारह सिरों के बोधिसत्व का अंकन मिलता है?
(a) अजंता
(b) एलोरा
(c) कन्हेरी
(d) कार्ले
[U.P.P.C.S. (Pre) 2017]
उत्तर-(c) कन्हेरी
- सलसेती द्वीप पर स्थित कन्हेरी गुफाएं महाराष्ट्र के मुंबई शहर में स्थिति प्रमुख पर्यटन स्थल हैं।
- ये गुफाएं संजय गांधी राष्ट्रीय उद्यान परिसर में स्थित हैं।
- प्राचीन अभिलेखों में कान्हाशैल, कृष्णगिरी, कान्हा- गरी के नाम से उल्लिखित कन्हेरी बौद्धों का प्रमुख केंद्र था।
- कन्हेरी में एक ही पहाड़ी में सर्वाधिक संख्या में गुफाओं का निर्माण हुआ है।
- कन्हेरी की गुफाओं का निर्माण पहली शताब्दी ई. पू. में किया गया था और ये 11वीं शताब्दी ईस्वी तक इस्तेमाल में रहीं।
- गुफा संख्या 41 (पहले इसे 23 नंबर क्रमांकित किया गया था) में अवलोकितेश्वर की एक रोचक मूर्ति स्थित है, जिसकी चार भुजाएं और ग्यारह मुख हैं।
- यह अपनी किस्म की भारत में स्थित एकमात्र मूर्ति है।
- इस रूप की उपासना चीन चीनी तुर्किस्तान, कंबोडिया तथा जापान में 7वीं 8वीं सदी में लोकप्रिय थी।
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73. ‘विशुद्धिमग्ग’ के रचयिता कौन हैं ?
(a) नागार्जुन
(c) वसुबंधु
(b) पद्मसंभव
(d) बुद्धधोसा
[Chhattisgarh P.C.S. (Pre) 2021]
उत्तर- (d) बुद्धधोसा
- विशुद्धिमग्ग (शुद्धि का मार्ग), थेरवाद बौद्ध सिद्धांत पर रचित महान ग्रंथ है, जिसके रचयिता बुद्धघोसा हैं।
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74. प्रथम शताब्दी ईस्वी में किस भारतीय बौद्ध भिक्षुक को चीन भेजा गया था?
(a) असंग
(b) अश्वघोष
(c) वसुमित्र
(d) नागार्जुन
[Uttarakhand P.C.S. (Pre) 2005]
उत्तर-(d) नागार्जुन
- कनिष्क के दरबार में नागार्जुन एक महत्वपूर्ण व्यक्ति थे।
- ह्वेन त्सांग ने कहा कि वह दुनिया के सबसे प्रभावशाली लोगों में से एक थे।
- अपनी पुस्तक “माद्यमिक कारिका” में उन्होंने सापेक्षता के विचार के बारे में लिखा।
- उन्हें कभी-कभी भारतीय आइंस्टीन भी कहा जाता है।
- चीनी किंवदंती कहती है कि नागार्जुन ने चीन की यात्रा की और बौद्ध धर्म की शिक्षा दी।
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75. शून्यता के सिद्धांत का सर्वप्रथम प्रतिपादन करने वाले बौद्ध दार्शनिक का नाम है-
(a) नागार्जुन
(b) नागसेन
(c) आनंद
(d) अश्वघोष
[U.P.P.C.S. (Pre) 1998]
उत्तर- (a) नागार्जुन
- नागार्जुन ने शून्यता के विचार को गहरा किया, जिन्हें सुनयता के नाम से भी जाना जाता है।
- उन्होंने “माध्यमिका कारिका” नामक एक पुस्तक लिखी जिसमें शून्यता और सह-उत्पत्ति के विचार के बारे में बहुत कुछ कहा गया है।
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76. भारतीय इतिहास के संदर्भ में निम्नलिखित युग्मों पर विचार कीजिए-
(ऐतिहासिक व्यक्ति) |
(किस रूप में जाने गए) |
1. आर्यदेव |
जैन विद्वान |
2. दिग्नाग |
बौद्ध विद्वान |
3. नाथमुनि |
वैष्णव विद्वान |
उपर्युक्त युग्मों में से कितने युग्म सही सुमेलित हैं ?
(a) कोई भी युग्म नहीं
(b) केवल एक युग्म
(c) केवल दो युग्म
(d) सभी तीन युग्म
[I.A.S. (Pre) 2022]
उत्तर-(c) केवल दो युग्म
- आर्यदेव बौद्ध दार्शनिक थे, जो बौद्ध दार्शनिक नागार्जुन के शिष्य थे।
- दिग्नाग बौद्ध विचारक थे, उन्होंने प्रमाणसमुच्चय’ नामक ग्रंथ की रचना की थी।
- नाथमुनि वैष्णव विद्वान थे, इन्हें श्री वैष्णव संप्रदाय का पहला आचार्य माना जाता है।
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77. बौद्ध शिक्षा का केंद्र है-
(a) विक्रमशिला
(b) वाराणसी
(c) गिरनार
(d) उज्जैन
[M.P.P.C.S. (Pre) 2004]
उत्तर- (a) विक्रमशिला
- नालंदा, विक्रमशिला और वल्लभी भारत में शिक्षा के बहुत महत्वपूर्ण केंद्र थे।
- इन स्कूलों में सीखने के लिए विभिन्न क्षेत्रों के साथ-साथ भारत के बाहर जैसे चीन, जापान, तिब्बत और दक्षिण-पूर्व एशिया से छात्र आते थे।
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78. नालंदा विश्वविद्यालय के स्थापन का युग है-
(a) मौर्य
(b) कुषाण
(c) गुप्त
(d) पाल
[43rd B.P.S.C. (Pre) 1999]
उत्तर-(c) गुप्त
- नालंदा एक विख्यात बौद्ध पीठ एवं विश्वविद्यालय था।
- यह बिहार में राजगीर के निकट स्थित था। पांचवीं शताब्दी के मध्य गुप्तों के समय में नालंदा महाविहार (विश्वविद्यालय) अस्तित्व में आया।
- सर्वप्रथम कुमारगुप्त ने नालंदा बौद्ध विहार को दान दिया और बाद में बुधगुप्त, तथागतगुप्त तथा बालादित्य नामक गुप्त शासकों ने भी इस बिहार को दान दिए।
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79. नालंदा विश्वविद्यालय के संस्थापक कौन थे?
(a) चंद्रगुप्त विक्रमादित्य
(b) कुमारगुप्त
(c) धर्मपाल
(d) पुष्यगुप्त
[56 to 59 B.P.S.C. (Pre) 2015]
उत्तर-(b) कुमारगुप्त
- नालंदा विश्वविद्यालय की स्थापना 450 ईस्वी में हुई थी जब कुमारगुप्त प्रथम (गुप्त राजवंश) सत्ता में था।
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80. नालंदा विश्वविद्यालय किसलिए विश्वप्रसिद्ध था ?
(a) चिकित्सा विज्ञान
(b) तर्कशास्त्र
(c) बौद्ध धर्म दर्शन
(d) रसायन विज्ञान
[42- B.P.S.C. (Pre) 1997]
उत्तर-(c) बौद्ध धर्म दर्शन
- नालंदा विश्वविद्यालय 450 ईस्वी में बनाया गया था जब कुमार गुप्ता प्रथम सत्ता में थे।
- यह विश्व का पहला अंतर्राष्ट्रीय विश्वविद्यालय था।
- 1915-16 में प्रसिद्ध पुरातत्ववेत्ता अलेक्जेंडर कनिंघम ने इस स्थल की खोज की और इसका नाम नालंदा विश्वविद्यालय रखा।
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81. नीचे दो वक्तव्य दिए गए हैं, जिनमें एक कथन (A) और दूसरा कारण (R) है, दोनों को ध्यानपूर्वक पढ़ें-
कथन (A) बारहवीं शताब्दी के अंत तक नालंदा महाविहार का पतन हो गया।
कारण (R) महाविहार को राजकीय प्रश्रय मिलना बंद हो गया था।
उपर्युक्त दोनों वक्तव्यों के संदर्भ में निम्नलिखित में कौन सही है ?
(a) दोनों (A) और (R) सही हैं और (R), (A) की सही व्याख्या करता है।
(b) दोनों (A) और (R) सही हैं, परंतु (R), (A) की सही व्याख्या नहीं करता है।
(c) (A) सही है. परंतु (R) गलत है।
(d) (A) गलत है, परंतु (R) सही है।
[41″ B.P.S.C. (Pre) 1996]
उत्तर- (a) दोनों (A) और (R) सही हैं और (R), (A) की सही व्याख्या करता है।
- नालन्दा विश्वविद्यालय प्राचीन भारत का एक प्रसिद्ध बौद्ध शिक्षण केन्द्र था। यह दक्षिणी बिहार में राजगीर में स्थित था।
- गुप्त काल के दौरान, नालंदा का विकास हुआ।
- हालाँकि, 12वीं शताब्दी के अंत तक मुस्लिम आक्रमण के कारण इसका महत्व कम होने लगा।
- इसके अलावा, बंगाल के पाल शासकों ने विक्रमशिला विश्वविद्यालय का समर्थन करना शुरू कर दिया, जिसके परिणामस्वरूप नालंदा के महत्व में और भी अधिक गिरावट आई।
- ये दोनों दावे सत्य हैं, और दूसरा दावा पहले वाले की व्याख्या करता है।
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82. ‘नव नालंदा महाविहार’ किसके लिए विख्यात है ?
(a) ह्वेनसांग स्मारक
(b) महावीर का जन्मस्थान:
(c) पाली अनुसंधान संस्थान
(d) संग्रहालय
[48 to 52 B.PS.C. (Pre) 2008]
उत्तर-(c) पाली अनुसंधान संस्थान
- 1951 में, बिहार सरकार ने पुराने नालंदा के खंडहरों के पास नव नालंदा महावीर नामक पाली और बौद्ध धर्म के लिए एक आधुनिक केंद्र बनाया।
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83. निम्नलिखित में से कौन-से बौद्ध धर्म और जैन धर्म दोनों में समान रूप से विद्यमान थे ?
1. तप और भोग की अति का परिहार
2. वेद प्रामाण्य के प्रति अनास्था
3. कर्मकांडों की फलवत्ता का निषेध
4. प्राणियों की हिंसा का निषेध (अहिंसा)
नीचे दिए हुए कूट का प्रयोग करते हुए सही उत्तर का चयन कीजिए-
कूट :
(a) 1, 2, 3 और 4
(b) 2, 3 और 4
(c) 1. 3 और 4
(d) 1 और 2
[I.A.S. (Pre) 1996]
उत्तर-(b) 2, 3 और 4
- बौद्ध धर्म लोगों को आत्म-दंड या आनंद के मामले में चरम सीमा तक जाने की अनुमति नहीं देता, जबकि जैन धर्म ने ऐसा किया।
- दोनों धर्म अनुष्ठानों के विचार को स्वीकार नहीं करते थे, वेदों के प्रमाण में विश्वास नहीं करते थे और जानवरों को चोट नहीं पहुँचाते थे।
- दोनों धर्म अहिंसा के मार्ग पर चलते थे।
- दोनों धर्मों की उत्पत्ति छठी शताब्दी ईसा पूर्व के अंत में हुई थी।
- दोनों धर्म गैर-आस्तिक हैं।
- दोनों धर्मों की स्थापना उत्तरी भारत के क्षत्रियों द्वारा की गई थी।
- दोनों धर्म वेद, वैदिक संस्कृति और ब्राह्मणवाद के विरोधी हैं।
- दोनों धर्म सृष्टिकर्ता ईश्वर के अस्तित्व में विश्वास नहीं करते।
- दोनों धर्म जन्म और पुनर्जन्म के चक्र में विश्वास करते हैं।
- दोनों धर्मों का मानना है कि मोक्ष केवल निर्वाण से ही प्राप्त किया जा सकता है।
- दोनों धर्म कर्म की अवधारणा में विश्वास करते हैं।
- दोनों धर्म तपस्या, या आत्म-त्याग के रूपों का अभ्यास करते हैं।
- दोनों धर्म मजबूत नैतिक सिद्धांतों पर जोर देते हैं।
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84.भगवान बुद्ध ने निम्नलिखित चार आर्य सत्यों का प्रतिपादन किया। नीचे दिए गए कूट का प्रयोग करके उन्हें सही क्रम में रखिए
A. दुःख है।
B. दुःख का निरोध है।
C. दुःख निरोध का मार्ग है।
D. दुःख का कारण है।
कूट:
(a) ADBC
(b) ADCB
(c) ACBD
(d)ABDC
[U.P.P.C.S. (Pre) 2006]
उत्तर- (a) ADBC
- प्रबुद्ध होने के बाद, गौतम बुद्ध अपनी शिक्षाओं का प्रसार करने के लिए ऋषिपत्तन (सारनाथ) शहर गए।
- इस घटना को ‘धर्म चक्र प्रवर्तन’ कहा जाता है।
- उन्होंने दुख, उसके कारण और समाधान के बारे में बात की।
- उन्होंने ‘महान अष्टांगिक पथ’ और ‘चार आर्य सत्य’ की शिक्षा दी, जिसे सभी बौद्ध अनुयायियों द्वारा स्वीकार किया जाता है।
- चार आर्य सत्य हैं: (1) दुख मौजूद है, (2) दुख का कारण है, (3) दुख को समाप्त किया जा सकता है, और (4) दुख को समाप्त करने का एक मार्ग है।
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85. बौद्ध तथा जैन दोनों ही धर्म विश्वास करते हैं कि-
(a) कर्म तथा पुनर्जन्म के सिद्धांत सही हैं।
(b) मृत्यु के पश्चात ही मोक्ष संभव है।
(c) स्त्री तथा पुरुष दोनों ही मोठा प्राप्त कर सकते हैं।
(d) जीवन में मध्यम मार्ग सर्वश्रेष्ठ है।
[U.P.P.C.S. (Pre) 1996]
उत्तर- (a) कर्म तथा पुनर्जन्म के सिद्धांत सही हैं।
- बौद्ध धर्म और जैन धर्म दोनों में कर्म की मान्यता है, जिसका अर्थ है कि हमने अतीत में जो किया है उसका प्रभाव हमारे वर्तमान और भविष्य के जीवन पर पड़ेगा।
- ये दोनों धर्म कर्म और पुनर्जन्म के विचार में विश्वास करते हैं।
- जैन धर्म ने ईश्वर के अस्तित्व को मान्यता दी जबकि बौद्ध धर्म ने नहीं।
- जैन धर्म वर्ण व्यवस्था की निंदा नहीं करता जबकि बौद्ध धर्म करता है।
- बौद्ध धर्म एक मध्यम मार्ग सुझाता है जबकि जैन धर्म अपने अनुयायियों को पूर्ण तपस्या का जीवन जीने की वकालत करता है।
- जैन धर्म के अनुसार मोक्ष मृत्यु के बाद ही संभव है जबकि बौद्ध धर्म के अनुसार यह व्यक्ति के जीवन में ही संभव है।
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86.बौद्ध दर्शन के अनुसार विचार कीजिए-
कथन (A) पुनर्जन्म नहीं होता है।
कारण (R) आत्मा की सत्ता नहीं है।
निम्नलिखित कूट से अपना उत्तर चुनिए
कूट
(a) (A) तथा (R) दोनों सही हैं तथा (R) सही व्याख्या है (A) की।
(b) (A) तथा (R) दोनों सही हैं, किंतु (R) सही व्याख्या नहीं है।
(A) की।
(c) (A) सही है, किंतु (R) गलत है।
(d) (A) गलत है, किंतु (R) सही है।
[U.P.P.C.S. (Pre) 2006]
उत्तर- (d) (A) गलत है, किंतु (R) सही है।
- बौद्ध धर्म ने आत्मा के अमर होने के विचार को खारिज कर दिया, लेकिन उन्होंने पुनर्जन्म के सिद्धांत और कर्म के नियम को स्वीकार किया।
- प्रतीत्यसमुत्पाद की अवधारणा बौद्ध शिक्षण का अभिन्न अंग है जिसका अनुवाद “प्रतीत उत्पत्ति” या “प्रतीत समुत्पाद” है जो बताता है कि सभी घटनाएं आपस में जुड़ी हुई हैं।
- इसका मतलब यह है कि दावा (ए) गलत है, लेकिन कारण (आर) सही है।
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87. बौद्ध धर्म के विषय में कौन-सा कथन सही है?
(1) उसने वर्ण एवं जाति को अस्वीकार नहीं किया।
(2) उसने ब्राह्मण वर्ग की सर्वोच्च सामाजिक कोटि को चुनौती दी।
(3) उसने कुछेक शिल्पों को निम्न माना।
नीचे दिए गए कूट से सही उत्तर चुनिए-
कूट:
(a) 1 तथा 2
(b) 2 तथा 3
(c) 1, 2 तथा 3
(d) उपर्युक्त में कोई नहीं
[U.P.P.C.S. (Pre) 1998]
उत्तर-(c) 1, 2 तथा 3
- बौद्ध धर्म ने जाति व्यवस्था के कुछ पहलुओं को स्वीकार किया, लेकिन उस समय ब्राह्मणों की विशेषाधिकार प्राप्त स्थिति से असहमत था।
- कुछ निचली जातियों को बौद्ध धर्म में उच्च दर्जा दिया गया था।
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88. बौद्ध धर्म के विस्तार के कारणों में सम्मिलित
1. धर्म की सादगी
2. दलितों के लिए विशेष अपील
3. धर्म की मिशनरी भावना
4. स्थानीय भाषा का प्रयोग
5. दार्शनिकों द्वारा वैदिक भावना की सुदृढ़ता
नीचे दिए कूट में से सही उत्तर का चयन कीजिए:
कूट:
(a) 1, 2 और 3
(b) 2, 3 और 4
(c) 1,2,3 और 4
(d) 2, 3, 4 और 5
[U.P.P.C.S. (Pre) 2009]
उत्तर-(c) 1,2,3 और 4
- बौद्ध धर्म के अष्टांगिक मार्ग जिन्हें ‘आर्य-सत्य’ के नाम से जाना जाता है और अहिंसा की अवधारणा को समझना सरल था।
- बुद्ध ने अपना संदेश साझा करने के लिए सामान्य भाषा पाली का प्रयोग किया।
- बौद्ध धर्म जाति व्यवस्था में विश्वास नहीं करता था, जो विशेष रूप से दलितों के लिए आकर्षक थी।
- वे बौद्ध धर्म की मिशनरी विचारधारा की ओर भी आकर्षित हुए।
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89. आरंभिक मध्ययुगीन समय में बौद्ध धर्म का पतन किस / किन कारण / कारणों से शुरू हुआ ?
1. उस समय तक बुद्ध, विष्णु के अवतार समझे जाने लगे और वैष्णव धर्म का हिस्सा बन गए।
2. अंतिम गुप्त राजा के समय तक आक्रमण करने वाली मध्य एशिया की जनजातियों ने हिंदू धर्म को अपनाया और बौद्धों को सताया।
3. गुप्त वंश के राजाओं ने बौद्ध धर्म का पुरजोर विरोध किया।
उपर्युक्त में से कौन-सा/से कथन सही है/ है ?
(a) केवल 1
(c) केवल 2 और 3
(b) केवल 1 और 3
(d) 1, 2 और 3
[I.A.S. (Pre) 2010]
उत्तर- (a) केवल 1
- मध्य युग की शुरुआत में, बौद्ध धर्म भारत में कम लोकप्रिय होने लगा क्योंकि लोग बुद्ध को विष्णु के अवतार के रूप में देखने लगे, जो वैष्णववाद का हिस्सा बन गए।
- गुप्त वंश के शासकों में अभी भी बौद्ध धर्म के प्रति कुछ सहिष्णुता थी, भले ही उन्हें ब्राह्मणवादी आस्था को प्राथमिकता थी।
- विकल्प (ए) सही उत्तर है; कथन (2) और (3) गलत हैं।
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90. भारत के धार्मिक इतिहास के संदर्भ में निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिए-
1. सौत्रांतिक और सम्मितीय जैन मत के संप्रदाय थे।
2. सर्वास्तिवादियों की मान्यता थी कि दृग्विषय (फिनोमिना) के अवयव पूर्णतः क्षणिक नहीं हैं, अपितु अव्यक्त रूप से सदैव विद्यमान रहते हैं।
उपर्युक्त कथनों में से कौन-सा/से सही है/हैं?
(a) केवल 1
(b) केवल 2
(c) 1 और 2 दोनों
(d) न तो 1, न ही 2
[I.A.S. (Pre) 2017]
उत्तर-(b) केवल 2
- सौत्रांतिका और सम्मितिया बौद्ध संप्रदाय थे, जैन धर्म नहीं।
- सर्वास्तिवाद का अर्थ है ‘सिद्धांत कि सभी अस्तित्व में हैं’ और सर्वास्तिवाद एक जटिल प्रणाली में विश्वास करते थे जहां अतीत, वर्तमान और भविष्य सभी का अस्तित्व का अपना रूप था।
- सभी बौद्ध सोचते हैं कि दुनिया में सब कुछ अस्थायी है, लेकिन सर्वास्तिवादियों का मानना था कि धर्म कारक शाश्वत थे।
- अनित्यता (अनित्य) बौद्ध धर्म की तीन प्रमुख मान्यताओं में से एक है, जिसकी शिक्षा स्वयं बुद्ध ने दी थी।
- यह सिद्धांत बताता है कि सारा अस्तित्व अस्थायी है और यही दुख का कारण है।
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91. निम्नांकित कथनों पर विचार करें एवं ‘चैत्य’ तथा ‘विहार’ में क्या अंतर है. इसे चुनें-
(a) बिहार पूजा स्थल होता है, जबकि चैत्य बौद्ध भिक्षुओं का निवास स्थल है।
(b) चैत्य पूजा स्थल होता है, जबकि बिहार निवास स्थान है।
(c) दोनों में विशेषतः कोई अंतर नहीं है।
(d) विहार एवं चैत्य दोनों ही निवास स्थान के रूप में प्रयोग हो सकते हैं।
[U.P. U.D.A./L.D.A. (Pre) 2001]
उत्तर-(b) चैत्य पूजा स्थल होता है, जबकि बिहार निवास स्थान है।
- चैत्य-गृह एक प्रकार की बौद्ध गुफा है जहाँ लोग प्रार्थना के लिए एक साथ आते हैं।
- विहार वे स्थान हैं जहां भिक्षु रहते हैं।
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92.निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिए-
1. पश्चिम गोदावरी जिले के गुन्दुपल्ली में प्रारंभिक चैत्यगृह और विहार चट्टानों को काटकर बनाए गए हैं।
2. पूर्वी दक्कन के चैत्य और विहार साधारणतया चट्टानों को काटकर बनाए गए हैं।
इन कथनों में से-
(a) केवल 1 सही है।
(b) केवल 2 सही है।
(c) 1 तथा 2 दोनों सही हैं।
(d) न तो सही है और न ही 2 सही है।
[U.P.P.C.S. (Pre) 2017]
उत्तर-(c) 1 तथा 2 दोनों सही हैं।
- गुंटुफल्ली आंध्र प्रदेश में गोदावरी जिले के पश्चिमी भाग में स्थित है।
- इसमें चैत्य और विहार नामक चट्टानों को काटकर बनाई गई संरचनाएं हैं, जिनका निर्माण 2-4वीं शताब्दी ईसा पूर्व और 5-6वीं शताब्दी ईस्वी के बीच किया गया था।
- पूर्वी दक्कन क्षेत्र में बहुत सारी बौद्ध वास्तुकला ईंटों से बनी है और नागार्जुनकोंड, बेजवाड़ा, मोली, घंटाशाला, अमरावती और चेजाली जैसी जगहों पर पाई जा सकती है।
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93. सुल्तानी युग में बौद्धों की कौन-सी शाखा सबसे प्रभावशाली थी?
(a) थेरवाद
(b) हीनयान
(c) वज्रयान
(d) तंत्रयान
[Jharkhand P.C.S. (Pre) 2013]
उत्तर-(c) वज्रयान
- मध्य युग के दौरान, बौद्ध धर्म का वज्रयान रूप अधिकतर लोकप्रिय था।
- यह 8वीं शताब्दी में सबसे अधिक सफल रहा।
- वज्रयान की शिक्षाओं का वर्णन ‘मंजुश्री मूलकल्प’ और ‘गुह्यसमाज’ ग्रंथों में किया गया है।
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