ब्लॉकचेन : बिटकॉइन के लिए एक डिस्ट्रीब्युटेड लेजर टेक्नॉलॉजी के रूप में प्रकल्पित (इज़ाद),
प्रश्न: मूलतः बिटकॉइन के लिए एक डिस्ट्रीब्युटेड लेजर टेक्नॉलॉजी के रूप में प्रकल्पित (इज़ाद), ब्लॉकचेन विविध क्षेत्रकों, विशेष रूप से बैंकिंग और वित्त में विभिन्न प्रकार के अनुप्रयोग प्रस्तुत करती है। चर्चा कीजिए।
दृष्टिकोण
- संक्षेप में ब्लॉकचेन को परिभाषित कीजिए और इसे बिटकॉइन से संबद्ध कीजिए।
- ब्लॉकचेन प्रौद्योगिकी से संबंधित लाभों का उल्लेख कीजिए।
- बैंकिंग और वित्त पर विशेष ध्यान केन्द्रित करते हुए इन लाभों पर आधारित उन क्षेत्रों का उल्लेख कीजिए जहाँ यह तकनीक उपयोगी सिद्ध हो सकती है।
उत्तर
ब्लॉकचेन का आशय, लेनदेन सम्बन्धी सूचनाएँ धारण करने वाले रिकॉर्डों, जिन्हें ब्लॉक कहा जाता है, की निरंतर बढ़ती सूची से है। ये क्रिप्टोग्राफी के माध्यम से सम्बद्ध और सुरक्षित होती हैं। ब्लॉकचेन प्रौद्योगिकी एक खुले, साझा एवं वितरित बहीखाते के समान होती है, जो दो पक्षों के मध्य लेन-देन का एक सत्यापनीय और स्थायी रिकॉर्ड रखने में समर्थ है। इसे क्रिप्टोकरेंसी (जिसे बिटकॉइन कहा गया) में उपयोग करने हेतु आविष्कृत किया गया था। इसके सार्वजनिक बहीखाता लेन-देन और इसके असंख्य लाभों के कारण विभिन्न क्षेत्रों में क्रांतिकारी परिवर्तन की संभावना है।
ब्लॉकचेन प्रौद्योगिकी के लाभ:
- वितरित डेटाबेस (Distributed database): ब्लॉकचेन डेटाबेस एक ही स्थान पर संग्रहित नहीं रहता है, अर्थात् रिकॉर्ड को सार्वजनिक रूप से रखा जाता है और यह सरलता से सत्यापनीय होता है।
- स्थायी और सुदृढ़ (Durable and robust): ब्लॉकचेन किसी भी इकाई द्वारा नियंत्रित नहीं किया जा सकता है और इसमें विफलता का एक बिंदु भी नहीं है
- दुरुपयोग से सुरक्षा (Incorruptible): ब्लॉकचेन पर सूचनाओं की किसी भी इकाई को परिवर्तित करके इसका दुरूपयोग नहीं किया जा सकता है, क्योंकि यह लेन-देन की पुष्टि के लिए सभी नेटवर्क सदस्यों की सर्वसम्मति पर निर्भर करता है।
- सुरक्षा में वृद्धि: डेटा ब्लॉक को विशिष्ट क्रिप्टोग्राफ़ी के द्वारा संबद्ध एवं सुरक्षित किया जाता है, जिसे हैश (hash) कहा जाता है।
ब्लॉकचेन प्रौद्योगिकी के अनुप्रयोग
- बैंकिंग और वित्तीय क्षेत्र:
- धोखाधड़ी संबंधी मामलों में कमी: केंद्रीकृत डेटाबेस साइबर हमलों के प्रति बैंकों को सुभेद्य बना देता है जबकि ब्लॉकचेन ऐसी प्रकृति वाले अपराधों को समाप्त करती है।
- एंटी-मनी लॉन्ड्रिंग (AML) और नो योर कस्टमर (KYC): ब्लॉकचेन प्रौद्योगिकी एक संगठन द्वारा अपने ग्राहकों तक किसी दूसरे संगठन की पहुँच सुनिश्चित करने हेतु स्वतंत्र सत्यापन की अनुमति प्रदान करती है तथा इस प्रकार मनी लॉन्ड्रिंग गतिविधियों की रोकथाम में सहायता करती है।
- स्मार्ट कॉन्ट्रैक्ट: ब्लॉकचेन, मानदंडों के एक निश्चित समुच्चय की प्राप्ति के पश्चात वित्तीय लेन-देन के निष्पादन हेतु स्मार्ट कॉन्ट्रैक्ट के निर्माण को सक्षम बनाती है।
- भुगतान: यह बैंकों के लिए उनके ग्राहकों एवं संगठनों के मध्य भुगतान प्रक्रिया को अधिक सुरक्षित करेगी, अक्षमताओं में कमी लाएगी तथा लागतों को कम करेगी।
- ट्रेडिंग प्लेटफार्म: ब्लॉकचेन प्रौद्योगिकी का प्रयोग कर परिचालन संबंधी त्रुटियों और धोखाधड़ी के जोखिम को प्रभावशाली रूप से कम किया जाएगा।
- अभिशासन: ब्लॉकचेन में स्वास्थ्य देखभाल, राष्ट्रीय पहचान प्रबंधन प्रणाली, कर एवं आंतरिक राजस्व निगरानी, मतदान तथा भूमि स्वामित्व के पंजीकरण जैसे क्षेत्रों में सरकार की गतिविधियों में आमूलचूल परिवर्तन करने की क्षमता है।
- बौद्धिक संपदा का संरक्षण: स्मार्ट कॉन्ट्रैक्ट, कॉपीराइट को सुरक्षित कर सकता है और सृजनात्मक कार्य की ऑनलाइन बिक्री को स्वचालित बना सकता है। इस प्रकार यह फाइल की कॉपी करने और पुनर्वितरित करने के जोखिम को समाप्त कर देता है।
- इंटरनेट ऑफ थिंग्स: इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों के नेटवर्क-नियंत्रित प्रबंधन में ब्लॉकचेन प्रौद्योगिकी द्वारा तंत्र की दक्षता में वृद्धि और लागत नियंत्रण में सुधार किया जाता है।
- नेबरहुड माइक्रोग्रिड्स: ब्लॉकचेन प्रौद्योगिकी नेबरहुडं माइक्रोग्रिड्स द्वारा उत्पन्न नवीकरणीय ऊर्जा की खरीद और बिक्री को सक्षम बनाती है। जब सौर पैनल द्वारा अतिरिक्त ऊर्जा उत्पन्न की जाती है तब स्मार्ट कॉन्ट्रैक्ट द्वारा स्वचालित रूप से इस अतिरिक्त विद्युत को पुनर्वितरित कर दिया जाता है।
उपर्युक्त अनुप्रयोगों को देखते हुए नीति अणयोग ब्लॉकचेन के लिए एक राष्ट्रीय रणनीति पर कार्य कर रहा है, जो उन क्षेत्रों की पहचान करेगा जहां देश विभिन्न क्षेत्रों में इस प्रौद्योगिकी को कार्यान्वित कर सकता है।
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