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1. जैव विविधता को परिभाषित किया जाता है-
(a) किसी पर्यावरण में विभिन्न प्रजातियों की श्रेणी
(b) किसी पर्यावरण में रोजाना और मौसमी परिवर्तन
(c) एक प्रजाति की दूसरी प्रजाति से भिन्नता
(d) भौतिक घटकों का किसी पर्यावरण पर प्रभाव
[U.P.R.O./A.R.O. (Mains) 2014]
उत्तर- (a) किसी पर्यावरण में विभिन्न प्रजातियों की श्रेणी
- किसी पर्यावरण में विभिन्न प्रजातियों की श्रेणियों की उपस्थिति को जैव विविधता के रूप में जाना जाता है।
- पर्यावरण में जातियां कई समुदायों में संगठित रहती हैं एवं ये समुदाय एक पारितंत्र में पाए जाते हैं।
- इसके आधार पर जैव विविधता का मापन किया जाता है।
- जैव विविधता अल्फा (c), बीटा (β) तथा गामा (1) नामक श्रेणियों में विभाजित की जाती है।
- यह विभाजन वर्ष 1960 में चिटेकर (Whittaker) ने किया था।
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2. जैव विविधता मापने के गणितीय सूचकांकों में से कौन-सा एक स्थानीय स्तर पर किसी समुदाय/आवासीय क्षेत्र में माध्य प्रजाति विविधता को दर्शाता है?
(a) अल्फा सूचकांक
(b) बीटा सूचकांक
(c) गामा सूचकांक
(d) इनमें से कोई नहीं
[R.A.S./R.T.S. (Pre) 2018]
उत्तर- (a) अल्फा सूचकांक
- जैव विविधता मापने के गणितीय सूचकांकों में से अल्फा सूचकांक स्थानीय स्तर पर किसी समुदाय/आवासीय क्षेत्र में माध्य प्रजाति विविधता को दर्शाता है।
- यह अवधारणा आर. एच. बीटेकर द्वारा प्रस्तुत की गई थी।
- बीटा सूचकांक स्थानीय एवं क्षेत्रीय विविधता का अनुपात होता है, जबकि गामा सूचकांक किसी भू-दृश्य (Landscape) की संपूर्ण विविधता को दर्शाता है।
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3. जैव विविधता का अर्थ है-
(a) विभिन्न प्रकार के पादप एवं वनस्पति
(b) विभिन्न प्रकार के जंतु
(c) एक निर्धारित क्षेत्र में विभिन्न प्रकार के पादप एवं जंतु
(d) विभिन्न प्रकार के विदेशागत पादप एवं जंतु
[U.P.P.C.S. (Pre) 2014]
उत्तर- (c) एक निर्धारित क्षेत्र में विभिन्न प्रकार के पादप एवं जंतु
- किसी पारिस्थितिक तंत्र में विद्यमान सजीव प्राणियों (पौधों एवं जंतुओं) की विविधता को ही जैव विविधता के रूप में परिभाषित किया जाता है।
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4. जैव विविधता का सबसे महत्वपूर्ण पहलू है-
(a) भोजन
(b) ओषधि
(c) औद्योगिक उपयोग
(d) पारिस्थितिक तंत्र का निर्वहन
[U.P.P.C.S. (Pre) 2015]
उत्तर- (d) पारिस्थितिक तंत्र का निर्वहन
- जैव विविधता का सबसे महत्वपूर्ण पहलू पारिस्थितिक तंत्र का निर्वहन है।
- यह कार्य विभिन्न स्तरों पर किया जाता है।
- जैव विविधता आनुवंशिक, जाति, समुदाय व पारितंत्र के स्तर पर विभिन्न प्रकार के कार्य करके पारिस्थितिक तंत्र का निर्वहन करती है।
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5. निम्नलिखित में से कौन-सा कारक जैव विविधता के ह्रास के लिए सर्वाधिक महत्वपूर्ण कारक है?
(a) आनुवांशिक आत्मसात्करण
(b) परभक्षियों का नियंत्रण
(c) प्राकृतिक वास का विनाश
(d) कीट नियंत्रण
[U.P.P.C.S (Pre) 2010]
उत्तर- (c) प्राकृतिक वास का विनाश
- प्रश्नगत विकल्पों में ‘प्राकृतिक वास का विनाश’ जैव विविधता के ह्रास के लिए सर्वाधिक महत्वपूर्ण कारक है।
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6. भारत द्वारा भूमि क्षरण तटस्थता प्राप्त करने का लक्ष्य रखा गया
(a) 2025 तक
(b) 2030 तक
(c) 2035 तक
(d) 2040 तक
[U.P.P.C.S. (Pre) 2019]
उत्तर- (b) 2030 तक
- मरुस्थलीकरण से निपटने के लिए संयुक्त राष्ट्र अभिसमय (UNCCD) का 12 दिवसीय 14वां कॉप (COP-14) सम्मेलन नई दिल्ली में 13 सितंबर, 2019 को संपन्न हुआ।
- सम्मेलन में सदस्य देशों ने 2030 तक भूमि क्षरण तटस्थता का लक्ष्य निर्धारित किया।
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7. निम्नलिखित में से किसने सर्वप्रथम ‘बायोडायवर्सिटी’ शब्द का प्रयोग किया था?
(a) सी.जे. वैरो
(b) डी. कास्त्री
(c) वाल्टर जी, रोसेन
(d) डी. आर. बैटिश
[U.P.P.C.S. (Mains) 2013]
उत्तर- (c) वाल्टर जी, रोसेन
- प्रारंभ में जैव विविधता शब्द को अंग्रेजी शब्द Biological Diversity के रूप में प्रथमतः रेमंड एफ. दासमैन (Raymond F. Dassmann) ने वर्ष 1968 में अपनी पुस्तक ‘A Different kind of country’ में दिया था।
- बाद में जैव विविधता को अंग्रेजी शब्द Biological Diversity से परिवर्तित कर Biodiversity के रूप में सर्वप्रथम डब्ल्यू. जी. रोसेन (W.G. Rosen) ने प्रयोग किया था।
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8. ‘जैव विविधता’ शब्द की रचना किसने की?
(a) बी.पी. सिंह
(b) कार्ल मोबिअस
(c) सर ए.जी. टेंसले
(d) वाल्टर जी. रोसेन
[Chhattisgarh P.C.S. (Pre) 2019]
उत्तर- (d) वाल्टर जी. रोसेन
- जैव विविधता शब्द की रचना वाल्टर जी. रोसेन ने साल 1986 में की थी।
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9. संयुक्त राष्ट्र संघ ने निम्न में से किसे 2011-20 के लिए दशक निर्दिष्ट किया है?
(a) प्राकृतिक आपदा दशक
(b) जैव विविधता दशक
(c) जलवायु परिवर्तन दशक
(d) पर्यावरण दशक
[U.P.P.C.S. (Mains) 2012]
उत्तर- (b) जैव विविधता दशक
- संयुक्त राष्ट्र संघ ने दिसंबर, 2010 में प्रस्ताव संख्या 65/161 के माध्यम से 2011-20 को जैव विविधता दशक (United Nations Decade on Biodiversity) घोषित किया था।
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10. भारत का प्रथम नेशनल सेंटर फॉर मरीन बायोडायवर्सिटी (एन. सी.एम.बी.) किस शहर में स्थित है?
(a) भावनगर में
(b) जामनगर में
(c) मुंबई में
(d) पुडुचेरी में
[U.P.P.C.S. (Pre), 2018]
उत्तर- (b) जामनगर में
- भारत का प्रथम नेशनल सेंटर फॉर मरीन बायोडायवर्सिटी (एन.सी. एम.बी.) गुजरात प्रांत के जामनगर में स्थित है।
- इस केंद्र (Centre) का उद्देश्य समुद्रतटीय क्षेत्र में स्थित जैव विविधता की सुरक्षा करना है।
- यह सार्वजनिक एवं निजी क्षेत्र (पीपीपी) की भागीदारी से गठित होने वाला भारत का पहला अनुसंधान संस्थान है।
- गौरतलब है कि जामनगर भारत के एकमात्र समुद्री राष्ट्रीय उद्यान (Marine National Park) (जो कच्छ की खाड़ी में स्थित है) के निकट स्थित है।
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जैव विविधता प्रवणता
1. सर्वाधिक जैव विविधता कहां पाई जाती है?
(a) उष्णकटिबंधीय वर्षा वनों में
(b) शीतोष्ण कटिबंधीय वनों में
(c) शंकुधारी वनों में
(d) उत्तर ध्रुवीय वनों में
[U.P.P.C.S. (Pre) 2012]
उत्तर- (a) उष्णकटिबंधीय वर्षा वनों में
- सर्वाधिक जैव विविधता उष्णकटिबंधीय वर्षा वनों में पाई जाती है।
- इस क्षेत्र का विस्तार 10° उ. तथा 10° द. अक्षांशों के मध्य पाया जाता है।
- इन क्षेत्रों में पादप तथा प्राणियों के विकास तथा वृद्धि के लिए अनुकूलतम दशाएं पाई जाती हैं, क्योंकि यहां पर वर्षभर उच्च वर्षा तथा तापमान रहता है।
- इसी कारण इन्हें अनुकूलतम बायोम (Optimum Biome) भी कहा जाता है।
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2. प्राणियों और पादपों की जातियों में अधिकतम विविधता मिलती है-
(a) शीतोष्ण पर्णपाती वनों में
(b) उष्णकटिबंध के आर्द्र वनों में
(c) अत्यधिक प्रदूषित नदियों में
(d) मरुस्थलों और सवाना मैदानों में
[I.A.S. (Pre) 1994]
उत्तर- (b) उष्णकटिबंध के आर्द्र वनों में
- किसी निश्चित भौगोलिक क्षेत्र में पाए जाने वाले जीवों की संख्या तथा उनकी विविधता को जैव विविधिता कहा जाता है।
- उष्णकटिबंधीय वर्षा वन भूमध्य रेखा के आस-पास विस्तृत हैं।
- हालांकि अधिकांश लोगों द्वारा माना जाता है कि प्रवाल भित्ति (Coral Reef) में सर्वाधिक जैव विविधता पाई जाती है, क्योंकि प्रवालों की 1,000,000 से भी अधिक प्रजातियां हैं, जिनमें से केवल 10 प्रतिशत प्रजातियों का ही अध्ययन किया जा सका है।
- प्रवालों को ‘सामुद्रिक वर्षा वन’ भी कहा जाता है।
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3. जैव विविधता में परिवर्तन होता है-
(a) भूमध्य रेखा की तरफ बढ़ती है।
(b) भूमध्य रेखा की तरफ घटती है।
(c) पृथ्वी पर एक समान रहती है।
(d) ध्रुवों की तरफ बढ़ती है।
[Uttarakhand P.C.S. (Pre) 2012]
उत्तर- (a) भूमध्य रेखा की तरफ बढ़ती है।
- जैव विविधता भूमध्य रेखा की तरफ बढ़ती है।
- जैव विविधता पृथ्वी पर समान रूप से वितरित नहीं है।
- सर्वाधिक जैव विविधता उष्णकटिबंधीय क्षेत्रों में और निम्न जैव विविधता ध्रुवों में पाई जाती है।
- इसका कारण यह है कि उष्णकटिबंधीय क्षेत्रों में गर्म जलवायु, अधिक वर्षा एवं पादप तथा प्राणियों के विकास तथा वृद्धि के लिए अनुकूलतम दशाएं पाई जाती हैं।
- इसके विपरीत ध्रुवों में उष्णकटिबंधीय क्षेत्रों की तरह दशाएं उपलब्ध नहीं है।
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4. निम्नलिखित कथनों में से कौन-सा सत्य नहीं है?
(a) मूमध्य रेखा से ध्रुवों की ओर जाति विविधता में वृद्धि होती है।
(b) उष्णकटिबंध, शीतोष्ण क्षेत्रों की अपेक्षा अधिक जातियों को आश्रय देते हैं।
(c) विशालतम जैव विविधता अमेजनी वर्षा वनों में पाई जाती है।
(d) जाति विविधता शीतोष्ण क्षेत्रों से ध्रुवों की ओर घटती जाती है।
[U.P.P.C.S. (Pre) 2019]
उत्तर- (a) मूमध्य रेखा से ध्रुवों की ओर जाति विविधता में वृद्धि होती है।
- सामान्यतः भूमध्य रेखा से ध्रुवों की ओर जाने पर जाति विविधता घटती जाती है।
- दक्षिणी अमेरिका के अमेजन उष्णकटिबंधीय वर्षा वनों की जैव विविधता विशालतम है।
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5. सर्वाधिक जैव विविधता पाई जाती है-
(a) शांत घाटी में
(b) कश्मीर में
(c) सुरमा घाटी में
(d) फूलों की घाटी में
[Uttarakhand P.C.S. (Pre) 2005, Chhattisgarh P.C.S. (Pre) 2011, U.P. Lower Sub. (Spl.) (Pre) 2003]
उत्तर- (a) शांत घाटी में
- केरल स्थित शांत घाटी (Silent Valley) में सर्वाधिक जैव विविधता (Bio-diversity) पाई जाती है।
- यह केरल के पलक्कड़ जिले में 12 किमी. लंबी एवं 7 किमी. चौड़ाई में विस्तृत है।
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6. ‘शांत घाटी’ अवस्थित है-
(a) उत्तराखंड में
(b) केरल में
(c) अरुणाचल में
(d) जम्मू और कश्मीर में
[U.P. Lower Sub. (Pre) 2008]
उत्तर- (b) केरल में
- ‘शांत घाटी’ केरल के पल्लकड़ जिले में स्थित है।
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7. ‘साइलेंट वैली परियोजना’ निम्नलिखित में से किस राज्य से संबंधित है?
(a) उत्तराखंड
(b) हिमाचल प्रदेश
(c) केरल
(d) तमिलनाडु
[M.P. P.C.S. (Pre) 2016]
उत्तर- (c) केरल
- ‘साइलेंट वैली परियोजना’ का संबंध केरल राज्य से है।
- यह शांत घाटी में स्थित है।
- वर्तमान में शांत घाटी को बायोस्फीयर रिजर्व घोषित कर दिया गया है।
- इस घाटी को वर्ष 1984 में नेशनल पार्क घोषित किया गया था।
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8. ‘फूलों की घाटी’ अवस्थित है-
(a) केरल
(b) जम्मू एवं कश्मीर में
(c) उत्तराखंड में
(d) हिमाचल प्रदेश में
[U.P. Lower Sub. (Pre) 2002]
उत्तर- (c) उत्तराखंड में
- फूलों की घाटी (Valley of Flowers) उत्तराखंड के चमोली जिले में स्थित है।
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9. हिमालय पर्वत प्रदेश जाति विविधता की दृष्टि से अत्यंत समृद्ध है। इस समृद्धि के लिए निम्नलिखित में से कौन-सा कारण सबसे उपयुक्त है?
(a) यहां अधिक वर्षा होती है, जो प्रचुर वनस्पति वृद्धि को बढ़ावा देती है।
(b) यह विभिन्न जीव-भौगोलिक क्षेत्रों का संगम है।
(c) इस क्षेत्र में विदेशज तथा अतिक्रामक जातियां प्रवेश नहीं कराई गई हैं।
(d) यहां मनुष्यों का कम हस्तक्षेप है।
[I.A.S. (Pre) 2011]
उत्तर- (b) यह विभिन्न जीव-भौगोलिक क्षेत्रों का संगम है।
- हिमालय पर्वत प्रदेश जैव विविधता की दृष्टि से अत्यंत समृद्ध है।
- इसका प्रमुख कारण, यहां विभिन्न जीव-भौगोलिक क्षेत्रों का सम्मिलन होना है।
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10. निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिए।
1. उच्चतर अक्षांशों की तुलना में निम्नतर अक्षांशों में जैव विविधता सामान्यतः अधिक होती है।
2. पर्वतीय प्रवणताओं (ग्रेडिएन्ट्स) में, उच्चतर उन्नतांशों की तुलना में निम्नतर उन्नतांशों में जैव विविधता सामान्यतः अधिक होती है।
उपर्युक्त में से कौन-सा/से कथन सही है/हैं?
(a) केवल 1
(b) केवल 2
(c) 1 और 2 दोनों
(d) न तो 1 और न ही 2
[I.A.S. (Pre) 2011]
उत्तर- (c) 1 और 2 दोनों
- उच्चतर अक्षांशों की तुलना में निम्नतर अक्षांशों में जैव विविधता सामान्यतः अधिक होती है।
- उष्णकटिबंधीय क्षेत्र जहां की जैव विविधता सर्वाधिक है निम्न अक्षांशों में ही अवस्थित हैं।
- पर्वतीय क्षेत्रों में उच्चतर उन्नतांशों (चोटियों) की तुलना में निम्नतर उन्नतांशों (घाटियों) में जैव विविधता सामान्यतः अधिक होती है।
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जैव विविधता हॉटस्पॉट
1. निम्नलिखित क्षेत्रों पर विचार कीजिए।
1. पूर्वी हिमालय
2. पूर्वी भूमध्य सागरीय क्षेत्र
3. उत्तर-पश्चिमी ऑस्ट्रेलिया
उपर्युक्त में से कौन-सा/से जैव विविधता का/के हॉटस्पॉट है/हैं?
(a) केवल 1
(b) केवल 1 और 2
(c) केवल 2 और 3
(d) 1, 2 और 3
[I.A.S. (Pre) 2009]
उत्तर- (a) केवल 1
- पूर्वी हिमालय (Eastern Himalayas) जैव विविधता हॉटस्पॉट स्थलों में शामिल है।
- इसके अतिरिक्त भूमध्य सागरीय बेसिन और दक्षिण-पश्चिमी ऑस्ट्रेलिया भी इसमें शामिल हैं।
- विकल्प में पूर्वी भूमध्य सागरीय क्षेत्र तथा उत्तर-पश्चिमी ऑस्ट्रेलिया दिया गया है, इसलिए विकल्प (a) सही उत्तर है।
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2. भारत में जैव विविधता के ‘ताप स्थल’ (हॉटस्पॉट) हैं-
(a) पश्चिमी हिमालय व पूर्वी घाट
(b) पश्चिमी हिमालय व सुंदरबन
(c) पूर्वी हिमालय व पश्चिमी घाट
(d) पूर्वी हिमालय व शांत घाटी
[R.A.S./R.T.S. (Pre) 2008]
उत्तर- (c) पूर्वी हिमालय व पश्चिमी घाट
- ‘कंजर्वेशन इंटरनेशनल’ द्वारा जैव विविधता से संबंधित ‘प्रखर स्थलों’ (Hotspots) की अद्यतन सूची जारी की गई है, जिसमें विश्व के 36 स्थल सूचीबद्ध हैं।
- इसमें भारत के पश्चिमी घाट सहित श्रीलंका तथा पूर्वी हिमालय क्षेत्र का नामोल्लेख है।
- ध्यातव्य है कि फरवरी, 2016 में सी.ई. पी. एफ. (Critical Ecosystem Partnership Fund-C.E.P.F.) द्वारा उत्तरी अमेरिका के तटीय मैदान (The North American Coastal Plain) को 36वां जैव विविधता हॉटस्पॉट घोषित किया गया है।
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3. निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिए।
1. जैव विविधता हॉटस्पॉट केवल उष्णकटिबंधीय प्रदेशों में स्थित हैं।
2. भारत में चार जैव विविधता हॉटस्पॉट, अर्थात पूर्वी हिमालय, पश्चिमी हिमालय, पश्चिमी घाट तथा अंडमान एवं निकोबार द्वीप हैं।
उपर्युक्त कथनों में से कौन-सा/से कथन सही है/हैं?
(a) केवल 1
(b) केवल 2
(c) 1 और 2 दोनों
(d) न तो 1 और न ही 2
[I.A.S. (Pre) 2010]
उत्तर- (d) न तो 1 और न ही 2
- जैव विविधता हॉटस्पॉट केवल उष्णकटिबंधीय प्रदेशों में ही नहीं बल्कि उच्च अक्षांशीय प्रदेशों में भी पाए जाते हैं।
- भारत में चार जैव विविधता हॉटस्पॉट स्थल हैं।
- ये हॉटस्पॉट हैं- पूर्वी हिमालय, पश्चिमी घाट, म्यांमार-भारत सीमा एवं सुंडालैंड।
- अंडमान एवं निकोबार द्वीपसमूह म्यांमार-भारत सीमा तथा सुंडालैंड का ही भाग है।
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4. भारत में जैव विविधता की दृष्टि से संतृप्त क्षेत्र निम्न में से कौन-सा है?
(a) पूर्वी घाट
(b) पश्चिमी घाट
(c) थार का रेगिस्तान
(d) बंगाल की खाड़ी
[U.P.P.C.S. (Pre) 2015]
उत्तर- (b) पश्चिमी घाट
- भारत एक ऐसा देश है, जो उल्लेखनीय जैव विविधता को प्रदर्शित करता है।
- भारत में 18 विशाल विविध (Mega-diverse) देशों के कुल स्तनधारियों का 7.6 प्रतिशत, पक्षियों की 12.6 प्रतिशत, सरीसृपों की 6.2 प्रतिशत तथा उभयचरों की 4.4 प्रतिशत आबादी है।
- दिए गए विकल्पों में पश्चिमी घाट जैव विविधता की दृष्टि से संतृप्त क्षेत्र है।
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5. जैव विविधता के संदर्भ में भारत में निम्नलिखित में से कौन-सा क्षेत्र ‘हॉटस्पॉट’ माना जाता है?
(a) अंडमान निकोबार द्वीपसमूह
(b) गंगा का मैदान
(c) मध्य भारत
(d) उपर्युक्त में से कोई नहीं
[U.P.P.C.S. (Mains) 2009]
उत्तर- (a) अंडमान निकोबार द्वीपसमूह
- हॉटस्पॉट शब्द का सर्वप्रथम प्रयोग नार्मन मायर्स ने वर्ष 1988 में किया।
- हॉटस्पॉट ऐसे स्थान को कहा जाता है जहां पर जातियों की पर्याप्तता तथा स्थानीय जातियों की अधिकता पाई जाती है, लेकिन साथ ही इन जीव जातियों के अस्तित्व पर निरंतर संकट बना हुआ है।
- जैव विविधता के संदर्भ में भारत में पश्चिमी घाट, पूर्वी हिमालय श्रृंखला, म्यांमार-भारत सीमा एवं सुंडालैंड को हॉटस्पॉट माना जाता है।
- अंडमान निकोबार द्वीपसमूह, म्यांमार भारत सीमा वाले क्षेत्र तथा सुंडालैंड का भाग है।
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6. निम्नलिखित में से कौन एक भारत का ‘बायोडायवर्सिटी हॉटस्पॉट’ नहीं है?
(a) हिमालय
(b) विंध्यन
(c) उत्तरी-पूर्वी भारत
(d) पश्चिमी घाट
[U.P.P.C.S. (Mains) 2016]
उत्तर- (b) विंध्यन
- विंध्यन, मध्य प्रदेश के मध्य उत्तर में फैला एक पठार है।
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7. निम्नांकित कौन-से कथन सिक्किम के संबंध में सही हैं?
I. 1975 में यह भारत का अभिन्न अंग बन गया था।
II. इसे वनस्पति शास्त्रियों का स्वर्ग माना जाता है।
III. इसके मुख्य निवासी लेप्चा लोग हैं।
नीचे दिए गए कूट से सही उत्तर चुनिए-
(a) I
(b) I तथा II
(c) II तथा III
(d) I, II तथा III
[U.P. Lower Sub. (Spl.) (Pre) 2004]
उत्तर- (d) I, II तथा III
- 36वें संविधान संशोधन, 1975 के द्वारा सिक्किम को भारत का अभिन्न अंग बना लिया गया।
- इसे वनस्पति शास्त्रियों का स्वर्ग माना जाता है क्योंकि यह पूर्वी हिमालय के हॉटस्पॉट क्षेत्र में आता है, जो जैव विविधता से परिपूर्ण है।
- यहां के मुख्य निवासी लेप्चा, भूटिया और नेपाली लोग हैं।
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8. निम्नलिखित में से तीन मानकों के आधार पर पश्चिमी घाट- श्रीलंका एवं इंडो-वर्मा क्षेत्रों को जैव विविधता के प्रखर स्थलों (हॉटस्पॉट्स) के रूप में मान्यता प्राप्त हुई है-
1. जाति बहुतायता (स्पीशीज़ रिचनेस)
2. वानस्पतिक घनत्व
3. स्थानिकता
4. मानवजाति-वानस्पतिक महत्व
5. आशंका बोध
6. वनस्पति एवं प्राणीजाति का उष्ण व आर्द्र परिस्थितियों के प्रति अनुकूलन
उपर्युक्त में से कौन-से तीन मानक इस संदर्भ में सही हैं?
(a) 1, 2 और 6
(b) 2, 4 और 6
(c) 1, 3 और 5
(d) 3, 4 और 6
[I.A.S. (Pre) 2011]
उत्तर- (c) 1, 3 और 5
- जैव विविधता के प्रखर स्थलों (Hotspots) को जाति बहुतायता, स्थानिकता तथा आशंका बोध के आधार पर मान्यता प्रदान की जाती है।
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जैव विविधता हास के प्रमुख कारक
1. जैव विविधता के नाश का कारण है-
(a) जीवों के प्राकृतिक आवास की कमी
(b) पर्यावरणीय प्रदूषण
(c) वनों का नाश
(d) उपर्युक्त सभी
[U.P.P.C.S. (Mains) 2002]
उत्तर- (d) उपर्युक्त सभी
- जैव विविधता के नाश के प्रमुख कारण प्राकृतिक आवासों का ह्रास, प्राकृतिक संसाधनों का अतिदोहन, विदेशी प्रजातियों का आक्रमण, वन क्षेत्र या वनों की सघनता कम होना, औद्योगीकरण तथा अवैज्ञानिक तरीके से खनन के साथ अवैध शिकार और तस्करी आदि हैं।
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2. जैव विविधता के हास का मुख्य कारण है-
(a) आवासीय प्रदूषण
(b) विदेशज प्रजातियों का समावेश
(c) अत्यधिक दोहन
(d) प्राकृतिक आवासीय विनाश
[U.P.P.C.S. (Pre) 2016]
उत्तर- (d) प्राकृतिक आवासीय विनाश
- प्राकृतिक संसाधनों के दोहन तथा औद्योगिक उत्पादन एवं नगरीकरण को बढ़ावा देने के उद्देश्य से प्राकृतिक वास का विनाश किया जा रहा है, जो जैव विविधता के हास के लिए सर्वाधिक महत्वपूर्ण कारक है।
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3. निम्नलिखित में से कौन-से भौगोलिक क्षेत्र में जैव विविधता के लिए संकट हो सकते हैं?
1. वैश्विक तापन
2. आवास का विखंडन
3. विदेशी जाति का संक्रमण
4. शाकाहार को प्रोत्साहन
निम्नलिखित कूटों के आधार पर सही उत्तर चुनिए :
(a) केवल 1, 2 और 3
(b) केवल 2 और 3
(c) केवल 1 और 4
(d) 1, 2, 3 और 4
[I.A.S. (Pre) 2012]
उत्तर- (a) केवल 1, 2 और 3
- भौगोलिक क्षेत्र में जैव विविधता वैश्विक तापन, आवास के विखंडन एवं विदेशी जाति के संक्रमण से संकटापन्न स्थिति में पहुंच सकती है, जबकि शाकाहार का प्रोत्साहन जैव विविधता के लिए संकट उत्पन्न नहीं करता है।
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4. इनमें से कौन-सा जैव विविधता के लिए बड़ा खतरा है?
(a) भंगुर पारितंत्र जैसे मैंग्रोव और नम भूमि
(b) हिमालय में अगम्य आवास (हैबिटेट)
(c) प्राकृतिक आवासों और वनस्पति का विनाश तथा झूम खेती
(d) आरक्षित जीवमंडल बनाना
[Jharkhand P.C.S. (Pre) 2010]
उत्तर- (c) प्राकृतिक आवासों और वनस्पति का विनाश तथा झूम खेती
- जलवायु परिवर्तन, औद्योगिक विकास एवं प्राकृतिक आवासों में कमी के चलते जैव विविधता के समक्ष बड़ा खतरा उत्पन्न हो गया है।
- देश के पूर्वी और उत्तर-पूर्वी हिस्सों में झूम खेती प्रचलित है, जो कि खेती का अवैज्ञानिक तरीका है।
- झूम खेती के फलस्वरूप बड़े पैमाने पर वनों का नाश हुआ है और भूमि की उर्वरा शक्ति कम हुई है।
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5. यद्यपि भारत की जनसंख्या तीव्र गति से बढ़ रही है, किंतु पक्षियों की संख्या तेजी से घट रही है क्योंकि-
1. शिकारियों की संख्या में असाधारण वृद्धि हुई है।
2. जैविक कीटनाशक तथा जैविक उर्वरक का बड़े पैमाने पर उपयोग हो रहा है।
3. पक्षियों के वास स्थान पर बड़े पैमाने पर कटौती हुई है।
4. कीटनाशक रासायनिक उर्वरक तथा मच्छर भगाने वाली दवाओं का बड़े पैमाने पर उपयोग हो रहा है।
नीचे दिए गए कूट से सही उत्तर चुनिए :
कूट :
(a) 1 तथा 2 सही हैं।
(b) 2 तथा 3 सही हैं।
(c) 3 तथा 4 सही हैं।
(d) 1 तथा 4 सही हैं।
[U.P.P.C.S. (Pre) 2001]
उत्तर- (c) 3 तथा 4 सही हैं।
- भारत की आबादी (Population) में उत्तरोत्तर प्रगति हो रही है किंतु पक्षियों (Birds) की संख्या में गिरावट का कारण इनके वास स्थान (Habitat) में व्यापक तौर पर कटौती तथा कीटनाशकों (Insecticides), रासायनिक उर्वरकों एवं मच्छर भगाने वाली दवाओं का अतिशय उपयोग है।
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6. नीचे दो कथन दिए गए हैं जिनमें एक को कथन (A) तथा दूसरे को कारण (R) कहा गया है।
कथन (A): उष्णकटिबंधीय देशों में तितलियों की प्रजातियां सर्वाधिक संख्या में पाई जाती हैं।
कारण (R): तितलियां कम तापमान में नहीं रह सकती हैं।
नीचे दिए कूटों में से सही उत्तर का चयन कीजिए –
कूट :
(a) (A) तथा (R) दोनों सही हैं तथा (R), कथन (A) की सही व्याख्या है
(b) (A) तथा (R) दोनों सही हैं, परंतु (R), कथन (A) की सही व्याख्या नहीं है
(c) (A) सही है, किंतु (R) गलत है
(d) (A) गलत है, किंतु (R) सही है
[U.P.P.C.S. (Pre) 2019]
उत्तर- (a) (A) तथा (R) दोनों सही हैं तथा (R), कथन (A) की सही व्याख्या है
- तितलियां अनियततापी प्राणी (Cold-blooded) हैं, इसलिए इनके रहने के लिए उष्ण एवं गर्म जलवायु वाला क्षेत्र सर्वश्रेष्ठ स्थान माना जाता है।
- यही कारण है कि तितलियों की सर्वाधिक प्रजातियां उष्णकटिबंधीय देशों में पाई जाती हैं।
- तितलियां अपने शरीर के तापमान को विनियमित करने में सक्षम नहीं होतीं।
- परिणामस्वरूप इनके शरीर का तापमान आस-पास के तापमान के अनुसार बदलता रहता है।
- बहुत कम तापमान होने की स्थिति में यह उड़ान नहीं भर सकतीं।
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7. जैव विविधता को अधिकतम संकट है-
(a) प्राकृतिक निवास एवं वनस्पतियों के विनाश से
(b) अनुपयुक्त कृषि क्रियाओं से
(c) जलवायु परिवर्तन से
(d) जल प्रदूषण से
[U.P. P.C.S. (Pre) 2017]
उत्तर- (a) प्राकृतिक निवास एवं वनस्पतियों के विनाश से
- यद्यपि उपर्युक्त चारों कारक जैव विविधता को प्रभावित करते हैं, तथापि प्राकृतिक निवास एवं वनस्पतियों के विनाश से जैव विविधता को अधिकतम संकट उत्पन्न होता है।
- अनेक वैज्ञानिक अध्ययन भी इस बात की पुष्टि करते हैं कि प्राकृतिक निवास एवं वनस्पतियों के विनाश से बड़ी मात्रा में जैव विविधता का ह्रास होता है, क्योंकि इस स्थिति में जीव-जंतुओं एवं वनस्पतियों को अनुकूलन का भी अवसर नहीं मिलता।
- अन्य परिस्थितियों में अनुकूलन के कारण जैव विविधता का हास कम हो जाता है। अतः विकल्प (a) अभीष्ट उत्तर होगा।
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8. निम्नलिखित में से कौन-सा एक उत्तराखंड में जैव विविधता के हास का कारण नहीं है?
(a) सड़कों का विस्तार
(b) नगरीकरण
(c) बंजर भूमि का वनीकरण
(d) कृषि का विस्तार
[Uttarakhand P.C.S. (Pre) 2006]
उत्तर- (c) बंजर भूमि का वनीकरण
- बंजर भूमि का वनीकरण जैव विविधता के विकास में सहायक है न कि इससे जैव विविधता में हास होता है।
- इस प्रकार बंजर भूमि का वनीकरण जैव विविधता के हास का कारण नहीं है।
- इसके विपरीत सड़कों का विस्तार, नगरीकरण एवं कृषि का विस्तार जैव विविधता के हास के लिए उत्तरदायी कारकों में शामिल हैं।
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9. निम्नलिखित में से कौन एक पारिस्थितिक तंत्र की जैव विविधिता की बढ़ोत्तरी के लिए उत्तरदायी नहीं है?
(a) पारिस्थितिक तंत्र की उत्पादकता
(b) मध्य-व्यवधान
(c) पारिस्थितिक तंत्र की आयु
(d) पोषण स्तरों की कम संख्या
[U.P.P.C.S. (Pre) (Re-Exam) 2015]
उत्तर- (d) पोषण स्तरों की कम संख्या
- पोषण स्तरों में कमी से एक विशेष वर्ग के जीवों की संख्या में वृद्धि होती है, जबकि जैव विविधता में कमी आती है।
- वहीं जैव विविधता की बढ़ोत्तरी में पारिस्थितिकी तंत्र की उत्पादकता, उसकी आयु तथा मध्य-व्यवधान सहायक होते हैं।
- इस प्रकार विकल्प (d) सही उत्तर है।
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जैव विविधता का संरक्षण
1. निम्नलिखित में से कौन-सी जैव विविधता के संरक्षण के लिए महत्वपूर्ण रणनीति है?
(a) जैवमंडल रिजर्व
(b) वानस्पतिक उद्यान
(c) राष्ट्रीय पार्क
(d) जंगली जंतु अभयारण्य
[U.P.P.C.S. (Pre) 2013]
उत्तर- (a) जैवमंडल रिजर्व
- जैव विविधता के संरक्षण के लिए महत्वपूर्ण रणनीति जैवमंडल रिजर्व है।
- जैवमंडल रिजर्व की स्थापना का उद्देश्य प्राकृतिक एवं अर्द्ध-प्राकृतिक भूमि पर स्वस्थाने (In-Situ) जैव विविधता का संरक्षण करना है।
- ध्यातव्य है कि जैव विविधता संरक्षण के लिए स्वस्थाने (In-Situ) व बाहा-स्थाने (Ex-Situ) तकनीकें अपनाई जाती हैं।
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2. निम्नलिखित में से कौन-सा स्थल वनस्पति संरक्षण हेतु स्वस्थाने (In-Situ) पद्धति नहीं है?
(a) जीवमंडल आरक्षित क्षेत्र (बायोस्फीयर रिजर्व)
(b) वानस्पतिक उद्यान
(c) राष्ट्रीय पार्क
(d) वन्यप्राणी अभयारण्य
[I.A.S. (Pre) 2011]
उत्तर- (b) वानस्पतिक उद्यान
- वनस्पति संरक्षण हेतु वानस्पतिक उद्यान स्वस्थाने (In-Situ) पद्धति के अंतर्गत नहीं आता, जबकि जीवमंडल आरक्षित क्षेत्र, राष्ट्रीय पार्क और वन्य प्राणी अभयारण्य इसके अंतर्गत आते हैं।
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3. राष्ट्रीय उद्यानों में आनुवंशिक विविधता का रख-रखाव किया जाता है-
(a) इन-सीटू संरक्षण द्वारा
(b) एक्स-सीटू संरक्षण द्वारा
(c) जीन पूल द्वारा
(d) उपरोक्त में से कोई नहीं
[Uttarakhand P.C.S. (Pre) 2016]
उत्तर- (a & b) इन-सीटू संरक्षण द्वारा & एक्स-सीटू संरक्षण द्वारा
- राष्ट्रीय उद्यानों तथा वन्यजीव अभयारण्यों में इन-सीटू संरक्षण (In-Situ Conservation) द्वारा आनुवंशिक विविधता का रख-रखाव किया जाता है।
- जब किसी वनस्पति या जीवों का संरक्षण उनके मूल प्राकृतिक आवास क्षेत्र में ही किया जाता है, तो उसे इन-सीटू संरक्षण कहते हैं, जबकि उन्हें कहीं दूसरे स्थान पर संरक्षित किया जाता है, तो उसे ‘एक्स-सीटू संरक्षण’ कहा जाता है।
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4. निम्नलिखित में कौन स्व-वासन संरक्षण रणनीति का उदाहरण नहीं है?
(a) जैवमंडल आगार
(b) वनस्पतिक बाग
(c) राष्ट्रीय उद्यान
(d) पवित्र उपवन
[U.P.P.C.S. (Pre), 2018]
उत्तर- (b) वनस्पतिक बाग
- जीवों का उनके प्राकृतिक आवास में संरक्षण ‘स्व-वासन’ (In-Situ) संरक्षण कहलाता है।
- जबकि जीन बैंक, ऊतक संवर्धन केंद्र, वानस्पतिक उद्यान, चिड़ियाघर, एक्वेरियम आदि में संरक्षण बाहा-वासन (Ex-situ) संरक्षण कहलाते हैं।
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5. निम्नांकित में से, क्रायो बैंक ‘एक्स-सीटू’ संरक्षण के लिए कौन-सी गैस सामान्यतः प्रयोग होती है?
(a) नाइट्रोजन
(b) ऑक्सीजन
(c) कार्बन डाइऑक्साइड
(d) मीथेन
[U.P.P.C.S. (Mains) 2009]
उत्तर- (a) नाइट्रोजन
- ‘एक्स-सीटू’ संरक्षण एक ऐसी प्रक्रिया है, जिसके द्वारा वनस्पतियों एवं जानवरों की विलुप्तप्राय प्रजातियों का संरक्षण उनके प्राकृतिक आवास से पृथक किया जाता है।
- एक्स-सीटू संरक्षण के तहत जीवित शुक्राणुओं, अंडों तथा भ्रूणों के नमूनों को अत्यंत कम तापमान पर द्रवित नाइट्रोजन में संरक्षित किया जाता है।
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6. जैव विविधता के साथ-साथ मनुष्य के परंपरागत जीवन के संरक्षण के लिए सबसे महत्वपूर्ण रणनीति निम्नलिखित में से किस एक की स्थापना करने में निहित है?
(a) जीवमंडल निचय (रिज़र्व)
(b) वानस्पतिक उद्यान
(c) राष्ट्रीय उपवन
(d) वन्यजीव अभयारण्य
[I.A.S. (Pre) 2014]
उत्तर- (a) जीवमंडल निचय (रिज़र्व)
- जैव विविधता के साथ-साथ मनुष्य के परंपरागत जीवन के संरक्षण के लिए सबसे महत्वपूर्ण रणनीति जीवमंडल आरक्षित क्षेत्र की स्थापना करने में निहित है।
- एक जीवमंडल आरक्षित क्षेत्र में मानव भी व्यवस्था का अभिन्न अंग होता है।
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7. जीवमंडल आरक्षित परिरक्षण क्षेत्र है-
(a) घास स्थल के
(b) कृषि उत्पादन के
(c) वायुमंडलीय संतुलन के
(d) आनुवंशिक विभिन्नता के
[U.P. Lower (Spl.) (Pre) 2004]
उत्तर- (d) आनुवंशिक विभिन्नता के
- जीवमंडल आरक्षित परिरक्षण क्षेत्र आनुवंशिक विभिन्नता से संबंधित होते हैं।
- इनमें जीवों की आनुवंशिकता को बनाए रखने के लिए उन्हें संरक्षण प्रदान किया जाता है।
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8. निम्न में से कौन एक प्रवाल-विरंजन का सबसे अधिक प्रभावी कारक है?
(a) सागरीय प्रदूषण
(b) सागरों की लवणता में वृद्धि
(c) सागरीय जल के सामान्य तापमान में वृद्धि
(d) रोगों एवं महामारियों का फैलना
[U.P.P.C.S. (Pre) 2012]
उत्तर- (c) सागरीय जल के सामान्य तापमान में वृद्धि
- प्रवाल-विरंजन समुद्री तापमान और अम्लता में वृद्धि, वैश्विक ऊष्मन सहित पर्यावरण दबाव के कारण होता है, जिससे सहजीवी शैवाल का मोचन और प्रवालों की मृत्यु, दोनों घटित होते हैं।
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9. निम्नलिखित में से किनमें प्रवाल भित्तियां हैं?
1. अंडमान और निकोबार द्वीपसमूह
2. कच्छ की खाड़ी
3. मन्नार की खाड़ी
4. सुंदरबन
नीचे दिए गए कूट का प्रयोग कर सही उत्तर चुनिए।
(a) केवल 1, 2 और 3
(b) केवल 2 और 4
(c) केवल 1 और 3
(d) 1, 2, 3 और 4
[I.A.S. (Pre) 2014]
उत्तर- (a) केवल 1 ,2 और 3
- भारतीय सामुद्रिक विज्ञान संस्थान के अनुसार, भारत में प्रवाल भित्ति वाले 4 प्रमुख क्षेत्र-अंडमान और निकोबार द्वीपसमूह, कच्छ की खाड़ी, मन्नार की खाड़ी और लक्षद्वीप हैं।
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जैव विविधता के उपयोग
1. जैव विविधता निम्नलिखित माध्यम माध्यमों द्वारा मानव अस्तित्व का आधार बनी हुई है-
1. मृदा निर्माण
2. मृदा अपरदन की रोकथाम
3. अपशिष्ट का पुनःचक्रण
4. सस्य परागण
निम्नलिखित कूटों के आधार पर सही उत्तर चुनिए :
(a) केवल 1, 2 और 3
(b) केवल 2, 3 और 4
(c) केवल 1 और 4
(d) 1, 2, 3 और 4
[I.A.S. (Pre) 2011]
उत्तर- (d) 1, 2, 3 और 4
- जैव विविधता मृदा निर्माण, मृदा अपरदन की रोकथाम, अपशिष्ट का पुनःचक्रण और सस्य परागण द्वारा मानव अस्तित्व का आधार बनी हुई है।
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IUCN
1. प्रकृति एवं प्राकृतिक संसाधनों के संरक्षण के लिए अंतरराष्ट्रीय संघ (इंटरनेशनल यूनियन फॉर कंजर्वेशन ऑफ नेचर एंड नेचुरल रिसोर्सेज) (IUCN) तथा वन्य प्राणिजात एवं वनस्पतिजात की संकटापन्न स्पीशीज़ के अंतरराष्ट्रीय व्यापार पर कन्वेंशन (कन्वेंशन ऑन इंटरनेशनल ट्रेड इन एन्डेंजर्ड स्पीशीज़ ऑफ वाइल्ड फॉना एंड फ्लोरा) (CITES) के संदर्भ में, निम्नलिखित कथनों में से कौन-सा/से सही है/हैं?
1. IUCN संयुक्त राष्ट्र (UN) का एक अंग है तथा CITES सरकारों के बीच अंतरराष्ट्रीय करार है।
2. IUCN, प्राकृतिक पर्यावरण के बेहतर प्रबंधन के लिए, विश्व भर में हजारों क्षेत्र-परियोजनाएं चलाता है।
3. CITES उन राज्यों पर वैध रूप से आबद्धकर है, जो इसमें शामिल हुए हैं, लेकिन यह कन्वेंशन राष्ट्रीय विधियों का स्थान नहीं लेता है।
नीचे दिए गए कूट का प्रयोग कर सही उत्तर चुनिए।
(a) केवल 1
(b) केवल 2 और 3
(c) केवल 1 और 3
(d) 1, 2 और 3
[I.A.S. (Pre) 2015]
उत्तर- (b) केवल 2 और 3
- आईयूसीएन एक अंतरराष्ट्रीय संगठन है, जो प्रकृति संरक्षण एवं प्राकृतिक संसाधनों के सतत प्रयोग के क्षेत्र में कार्यरत है।
- यह संयुक्त राष्ट्र का अंग नहीं है।
- इसे संयुक्त राष्ट्र महासभा में पर्यवेक्षक का आधिकारिक दर्जा प्राप्त है।
- अतः कथन (1) असत्य है, जबकि कथन (2) एवं (3) सत्य हैं।
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2. प्रकृति एवं प्राकृतिक संसाधन अंतरराष्ट्रीय संरक्षण संघ (IUCN) द्वारा प्रकाशित ‘रेड डाटा बुक्स’ में निम्नलिखित सूची/सूचियां सम्मिलित की जाती है/हैं-
1. जीव विविधता के प्रखर स्थलों (हॉट स्पॉट्स) में विद्यमान स्थानिक पौधों और पशु जातियों की सूची
2. संकटग्रस्त पौधों और पशु जातियों की सूची
3. विभिन्न देशों में प्रकृति एवं प्राकृतिक संसाधन संरक्षण हेतु संरक्षित स्थलों की सूची
निम्नलिखित कूटों के आधार पर सही उत्तर चुनिए।
(a) 1 और 3
(b) केवल 2
(c) 2 और 3
(d) केवल 3
[I.A.S. (Pre) 2011]
उत्तर- (b) केवल 2
- प्रकृति एवं प्राकृतिक संसाधन अंतरराष्ट्रीय संरक्षण संघ (IUCN) द्वारा प्रकाशित ‘रेड डाटा बुक्स’ में विलुप्ति के कगार पर खड़े संकटग्रस्त पौधों और पशु जातियों की सूचियां सम्मिलित की जाती हैं।
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3. ‘रेड डाटा बुक’ का प्रकाशन किसके द्वारा किया जाता है?
(a) यूएसईपीए
(b) आईयूसीएन
(c) डब्ल्यूडब्ल्यूएफ
(d) आईजीबीपी
[Uttarakhand P.C.S. (Pre) 2016]
उत्तर- (b) आईयूसीएन
- रेड डाटा बुक (Red Data Book) का प्रकाशन आईयूसाएन (International Union for Conservation of Nature) द्वारा किया जाता है।
- इसकी स्थापना वर्ष 1964 में की गई थी।
- इसके तहत उन प्रजातियों को रखा जाता है, जिन पर विलुप्त होने का खतरा मंडरा रहा हो।
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4. विलुप्त होने वाली प्रजातियों की सूचीबद्धता होती है-
(a) डेड स्टॉक बुक में
(b) रेड डाटा बुक में
(c) लाइव स्टॉक बुक में
(d) उपर्युक्त में से किसी में नहीं
[U.P.P.C.S. (Pre) 2013]
उत्तर- (b) रेड डाटा बुक में
- विलुप्त होने वाली प्रजातियों की सूचीबद्धता रेड डाटा बुक में होती है।
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5. निम्नलिखित में से कौन-सा एक प्राणी समूह संकटापन्न जातियों के संवर्ग के अंतर्गत आता है?
(a) महान भारतीय सारंग, कस्तूरी मृग, लाल पांडा और एशियाई वन्य गधा
(b) कश्मीरी महामृग, चीतल, नील गाय और महान भारतीय सारंग
(c) हिम तेंदुआ, अनूप मृग, रीसस बंदर और सारस (क्रेन)
(d) सिंहपुच्छी मेकाक, नील गाय, हनुमान लंगूर और चीतल
[I.A.S. (Pre) 2012]
उत्तर- (a) महान भारतीय सारंग, कस्तूरी मृग, लाल पांडा और एशियाई वन्य गधा
- जून, 2012 में आईयूसीएन द्वारा वर्ष 2012 की ‘संकटग्रस्त प्रजातियों की रेड डाटा सूची’ जारी की गई, जिसमें भारत में पाई जाने वाली पक्षियों की 15 प्रजातियों को अति संकटग्रस्त श्रेणी में शामिल किया गया।
- इस सूची में सोन चिरैया या महान भारतीय सारंग (Great Indian Bustard), साइबेरियन सारस और सलेटी टिटहरी (Sociable lapwing) अति संकटग्रस्त श्रेणी में, कस्तूरी मृग संकटग्रस्त श्रेणी में और एशियाई वन्य गधा संकट के नज़दीक (Near Threatened) श्रेणी में, जबकि लाल पांडा संकटग्रस्त श्रेणी में शामिल किया गया।
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6. किसी प्रजाति को विलुप्त माना जा सकता है, जब वह अपने प्राकृतिक आवास में देखी नहीं गई है-
(a) 15 वर्ष से
(b) 25 वर्ष से
(c) 40 वर्ष से
(d) 50 वर्ष से
[U.P.P.C.S. (Pre) 2005]
उत्तर- (d) 50 वर्ष से
- प्रकृति संरक्षण हेतु अंतरराष्ट्रीय संघ (IUCN-International Union for Conservation of Nature) की परिभाषा के अनुसार, किसी प्रजाति को तब विलुप्त (Extinct) माना जाता है, जब वह अपने प्राकृतिक आवास में 50 वर्ष से न देखी गई हो।
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7. निम्नलिखित युग्मों पर विचार कीजिए-
वन्य प्राणी |
प्राकृतिक रूप से कहां पाए जाते हैं |
1. नीले मीनपक्ष वाली महाशीर |
कावेरी नदी |
2. इरावदी डॉल्फिन |
चंबल नदी |
3. मोरचाम (रस्टी)-चित्तीदार |
पूर्वीघाट बिल्ली |
उपर्युक्त में से कौन-से युग्म सही सुमेलित हैं?
(a) केवल 1 और 2
(b) केवल 2 और 3
(c) केवल 1 और 3
(d) 1, 2 और 3
[I.A.S. (Pre) 2019]
उत्तर- (c) केवल 1 और 3
- कावेरी नदी में महाशीर मछली की दो प्रजातियां पाई जाती हैं- नीले मीन पंख वाली तथा नारंगी मीन पंख वाली।
- मोरचाभ-चित्तीदार बिल्ली भारत के अधिकांश भागों तथा श्रीलंका में प्राकृतिक रूप से पाई जाती है।
- इसे 2016 में आई.यू.सी.एन. की लाल सूची में शामिल किया गया है।
- दूसरी ओर, इरावदी डॉल्फिन एक समुद्री डॉल्फिन है, जो कि बंगाल की खाड़ी और उसमें गिरने वाली नदियों के मुहानों तथा दक्षिण-पूर्वी एशियाई देशों के समुद्री तटों पर प्राकृतिक रूप से पाई जाती है।
- इस तरह केवल कथन 1 और 3 सत्य हैं।
- उल्लेखनीय है कि वर्ष 2017 से इरावदी डॉल्फिन IUCN रेड लिस्ट में संकटग्रस्त (Endangered) की श्रेणी में शामिल है।
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जैविक विविधता एवं संकटापन्न जातियां
1. कौन-सी ड्रग गिद्धों की समष्टि में हास के लिए उत्तरदायी है?
(a) एस्पिरिन
(b) क्लोरोक्विन
(c) डिक्लोफिनेक सोडियम
(d) पेनिसिलिन
[U.P.P.C.S. (Spl.) (Mains) 2008]
उत्तर- (c) डिक्लोफिनेक सोडियम
- डिक्लोफिनेक सोडियम एक साधारण सी दर्द निवारक दवा है, जिसका उपयोग किसानों द्वारा पशुओं के लिए दर्द निवारक के रूप में एवं बुखार के इलाज में किया जाता है।
- दरअसल जब डिक्लोफिनेक सोडियम के उपयोग के दौरान पशु मर जाता है और उसी मरे हुए पशु का मांस गिद्ध एक बार भी खा लेता है, तो 30 दिन के भीतर उसकी मृत्यु हो जाती है।
- इस दवा के कुप्रभाव का अंदाजा इससे लगाया जा सकता है कि पिछले 10 वर्षों के भीतर भारत, नेपाल और पाकिस्तान में 8.50 करोड़ गिद्धों की मौत हो चुकी है।
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2. भारत में गिद्धों की तेजी से घटती जनसंख्या का मुख्य कारण है-
(a) डिक्लोफिनेक दवा का अत्यधिक प्रयोग
(b) जानवरों की कम मृत्यु दर
(c) जानवरों की अधिक मृत्यु दर
(d) स्वच्छता
[Chhattisgarh P.C.S. (Pre) 2019]
उत्तर- (a) डिक्लोफिनेक दवा का अत्यधिक प्रयोग
- दरअसल जब डिक्लोफिनेक सोडियम के उपयोग के दौरान पशु मर जाता है और उसी मरे हुए पशु का मांस गिद्ध एक बार भी खा लेता है, तो 30 दिन के भीतर उसकी मृत्यु हो जाती है।
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3. मॉरीशस में एक वृक्ष प्रजाति प्रजनन में असफल रही-
(a) फाख्ता
(b) डोडो
(c) कंडोर
(d) स्कुआ
[I.A.S. (Pre) 1998]
उत्तर- (b) डोडो
- मॉरीशस में टम्बलाकोक (Tambalacoque), जिसे डोडो वृक्ष के नाम से भी जाना जाता है, डोडो पक्षी के विलुप्त होने के कारण प्रजनन में असफल रहा, जिसकी वजह से यह भी लगभग विलुप्त हो रहा है।
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4. भारतीय वन्य जीवन के संदर्भ में उड्डयन वल्गुल (फ्लाइंग फॉक्स) निम्नलिखित में से क्या है?
(a) चमगादड़
(b) चील
(c) बलाक
(d) गिद्ध
[I.A.S. (Pre) 2009]
उत्तर- (a) चमगादड़
- इंडियन फ्लाइंग फॉक्स चमगादड़ों की एक प्रजाति है, जो बांग्लादेश, चीन, भारत, मालदीव, नेपाल, पाकिस्तान और श्रीलंका में पाई जाती है।
- इसे ‘ग्रेटर इंडियन फ्रूट बैट’ (Greater Indian Fruit Bat) के नाम से भी जाना जाता है।
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5. ड्यूगोंग नामक समुद्री जीव जो कि विलोपन की कगार पर है, क्या है?
(a) उभयचर (एम्फिबियन)
(b) बोनी फिश
(c) शार्क
(d) स्तनधारी (मैमल)
[I.A.S. (Pre) 2009]
उत्तर- (d) स्तनधारी (मैमल)
- ड्यूगॉग (Dugong) एक विशाल समुद्री स्तनधारी (Large Marine Mammal) है, जो विलोपन के कगार पर है।
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6. भारत में पाए जाने वाले स्तनधारी ‘ड्यूगोंग’ के संदर्भ में निम्नलिखित कथनों में से कौन-सा/से सही है/हैं?
1. यह एक शाकाहारी समुद्री जानवर है।
2. यह भारत के पूरे समुद्र तट के साथ-साथ पाया जाता है।
3. इसे वन्यजीव (संरक्षण) अधिनियम, 1972 की अनुसूची-1 के अधीन विधिक संरक्षण दिया गया है।
नीचे दिए गए कूट का प्रयोग कर सही उत्तर चुनिए।
(a) 1 और 2
(b) केवल 2
(c) 1 और 3
(d) केवल 3
[I.A.S. (Pre) 2015]
उत्तर- (c) 1 और 3
- ड्यूगोंग एक समुद्री स्तनधारी है। यह एक शाकाहारी स्तनधारी है और घास खाने की इसकी आदत के कारण इसे समुद्री गाय (Sea Cow) भी कहा जाता है।
- ड्यूगोंग को वन्यजीव संरक्षण अधिनियम, 1972 की अनुसूची-1 के अधीन विधिक संरक्षण प्रदान किया गया है।
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7. बलुई और लवणीय क्षेत्र एक भारतीय पशु जाति का प्राकृतिक आवास है। उस क्षेत्र में उस पशु के कोई परभक्षी नहीं हैं, किंतु आवास ध्वंस होने के कारण उसका अस्तित्व खतरे में है। यह पशु निम्नलिखित में कौन-सा हो सकता है?
(a) भारतीय वन्य भैंस
(b) भारतीय वन्य गधा
(c) भारतीय वन्य शूकर
(d) भारत गजेल (कुरंग)
[I.A.S. (Pre) 2011]
उत्तर- (b) भारतीय वन्य गधा
- कच्छ का रन भारतीय वन्य गधे का प्राकृतिक आवास है।
- इस क्षेत्र में इसका कोई परभक्षी नहीं है किंतु आवास क्षेत्र के सीमित होते जाने के कारण इसका अस्तित्व खतरे में है।
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8. प्रोसोपिस जूलीफ्लोरा नामक पादप प्रायः क्यों समाचारों में उल्लिखित होता है?
(a) इसके सार का व्यापक रूप से प्रसाधन-सामग्रियों में उपयोग होता है।
(b) जिस क्षेत्र में यह उगता है वहां की जैव विविधता को कम करने लगता है।
(c) इसके सार का उपयोग कीटनाशकों के संश्लेषण में किया जाता है।
(d) उपर्युक्त में से कोई नहीं
[I.A.S. (Pre) 2011, I.A.S. (Pre), 2018]
उत्तर- (b) जिस क्षेत्र में यह उगता है वहां की जैव विविधता को कम करने लगता है।
- प्रोसोपिस जूलीफ्लोरा मूलतः मेक्सिको, दक्षिण अमेरिका एवं कैरेबियन क्षेत्र का एक छोटा पौधा या झाड़ी है।
- यह पौधा भारत में 19वीं शताब्दी में लाया गया।
- इस पौधे को हिंदी में विलायती बबूल कहते हैं।
- ऐसा माना जा रहा है कि यह पौधा पर्यावरण के लिए हानिकारक है।
- विशेषज्ञों का कहना है कि इसकी जड़ें काफी गहराई तक जाती हैं और यह भूजल को बड़े पैमाने पर सोख रहा है।
- यह पौधा न केवल मिट्टी से जल सोखता है, बल्कि आस-पास के क्षेत्र में वायु की नमी को भी खत्म कर देता है, जिससे इसके निकट दूसरा पौधा ठीक से पनप नहीं पाता।
- यह पौधा वायुमंडल में विभिन्न जहरीले पदार्थों का उत्सर्जन करता है।
- स्पष्ट है कि यह जैव विविधता के लिए एक खतरा है।
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9. निम्नलिखित राज्यों में से किसमें किनमें सिंह-पुच्छी वानर (मॅकाक) अपने प्राकृतिक आवास में पाया जाता है?
1. तमिलनाडु
2. केरल
3. कर्नाटक
4. आंध्र प्रदेश
नीचे दिए गए कूट का प्रयोग कर सही उत्तर चुनिए।
(a) केवल 1,2 और 3
(b) केवल 2
(c) केवल 1, 3 और 4
(d) 1,2,3 और 4
[I.A.S. (Pre) 2013]
उत्तर- (a) केवल 1,2 और 3
- सिंह-पुच्छी वानर दक्षिण भारत में स्थित पश्चिमी घाट में पाया जाता है।
- यह वानर तमिलनाडु, केरल एवं कर्नाटक राज्यों में पाया जाता है।
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10. निम्नलिखित पर विचार कीजिए:
1. काली गर्दन वाला सारस (कृष्णग्रीव सारस)
2. चीता
3. उड़न गिलहरी (कंदली)
4. हिम तेंदुआ
उपर्युक्त में से कौन-से भारत में प्राकृतिक रूप में पाए जाते हैं?
(a) केवल 1, 2 और 3
(b) केवल 1, 3 और 4
(c) केवल 2 और 4
(d) 1, 2, 3 और 4
[I.A.S. (Pre) 2012]
उत्तर- (b) केवल 1, 3 और 4
- वर्ष 1952 में चीता को भारत से विलुप्त घोषित किया गया था।
- हिमाचल प्रदेश और उत्तराखंड में किए गए एक सर्वेक्षण में इस बात की पुष्टि हुई है कि हिम तेंदुआ भारत में उपस्थित है।
- काली गर्दन वाला सारस जम्मू एवं कश्मीर का राज्य पक्षी है।
- उड़ने वाली गिलहरी भारत के साथ ही रूस, चीन, जापान तथा यूरोप, अफ्रीका और उत्तर अमेरिका के अनेक भागों में पाई जाती है।
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11. भारत की जैव-विविधता के संदर्भ में, सीलोन फ्रॉगमाऊथ, कॉपरस्मिथ बार्बेट, ग्रे-चिंड मिनिवेट और ह्रह्वाइट-थ्रोटेड रेडस्टार्ट क्या है?
(a) पक्षी
(b) प्राइमेट
(c) सरीसृप
(d) उभयचर
[I.A.S. (Pre) 2020]
उत्तर- (a) पक्षी
- सीलोन फ्रागमाऊथ भारत के पश्चिमी घाट तथा श्रीलंका में पाया जाने वाला पक्षी है।
- कॉपरस्मिथ बार्बट, जिसे क्रिमसन ब्रेस्टेड बार्बेट के नाम से जाना जाता है, यह भारतीय उपमहाद्वीप और दक्षिण-पूर्व एशिया के कुछ हिस्सों में पाया जाने वाला पक्षी है।
- ग्रे चिंड मिनिवेट कैम्पफेगिडा परिवार का पक्षी है।
- यह हिमालयी क्षेत्रों, चीन तथा ताइवान और दक्षिण-पूर्व एशिया में पाया जाता है।
- ह्वाइट थ्रोटेड रेडस्टार्ट मस्किपिडे परिवार का पक्षी है।
- यह नेपाल, भूटान, मध्य चीन, म्यांमार आदि देशों में पाया जाता है।
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12. निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिए-
1. अंडमान और निकोबार द्वीपसमूह में लवण जल मगर पाया जाता है।
2. मालाबार क्षेत्र के पश्चिमी घाटों में श्रू और टैपीर पाए जाते हैं।
उपर्युक्त कथनों में से कौन’सा/से सही हैं?
(a) केवल 1
(b) केवल 2
(c) 1 और 2 दोनों
(d) न तो 1 और न ही 2
[I.A.S. (Pre) 2008]
उत्तर- (a) केवल 1
- अंडमान एवं निकोबार के समुद्री जीव-जंतुओं में ड्यूगोंग, डॉल्फिन, व्हेल, साल्ट वॉटर क्रोकोडाइल (लवण जल मगर), समुद्री कछुआ, समुद्री सांप आदि सामान्य रूप से बहुतायत में पाए जाते हैं।
- श्रू एवं टैपीर विशाल हिमालय श्रृंखला में पाए जाते हैं, न कि मालाबार क्षेत्र में।
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13. निम्नलिखित कथन पर विचार कीजिए।
1. भारत में, रेड पांडा प्राकृतिक रूप से केवल पश्चिमी हिमालय में पाया जाता है।
2. भारत में स्लो लोरिस (Slow Loris) उत्तर-पूर्व के सघन वनों में रहता है।
उपर्युक्त कथनों में से कौन-सा/से सही है/है?
(a) केवल 1
(b) केवल 2
(c) 1 और 2 दोनों
(d) न तो 1 और न ही 2
[I.A.S. (Pre) 2007]
उत्तर- (b) केवल 2
- भारत में रेड पांडा प्राकृतिक रूप में उत्तर-पूर्वी भारत के उप-हिमालयी क्षेत्रों में पाया जाता है (मुख्य रूप से सिक्किम, पश्चिम बंगाल और अरुणाचल प्रदेश राज्यों में)। अतः कथन (1) गलत है।
- भारत में स्लो लोरिस मुख्यतः उत्तर-पूर्वी राज्यों असम, अरुणाचल प्रदेश, नगालैंड, मणिपुर, मिजोरम, त्रिपुरा और मेघालय में पाया जाता है। अतः कथन (2) सही है।
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14. निम्नलिखित में से कौन सही सुमेलित नहीं है?
(a) सुनहरे लंगूर – विलुप्तप्राय
(b) मरुस्थलीय बिल्ली – विलुप्तप्राय
(c) हूलॉक गिब्बन – विलुप्तप्राय
(d) एशियाई जंगली कुत्ते – असुरक्षित
[Uttarakhand P.C.S. (Pre) 2012, U.P.P.C.S. (Pre) 2014]
उत्तर- (b & d) मरुस्थलीय बिल्ली – विलुप्तप्राय & एशियाई जंगली कुत्ते – असुरक्षित
- आईयूसीएन रेड लिस्ट की नवीनतम सूची में मरुस्थलीय बिल्ली के नाम से कोई भी जानवर सूचीबद्ध नहीं है।
- ‘चीनी मरुस्थलीय बिल्ली’ (Chinese Desert Cat) सूची में शामिल है, जिसे सुभेद्य (Vulnerable) श्रेणी में शामिल किया गया है तथा एशियाई जंगली कुत्ते विलुप्तप्राय श्रेणी में हैं।
- इस प्रकार विकल्प (b) एवं विकल्प (d) दोनों सही सुमेलित नहीं हैं।
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रामसर सम्मेलन
1. रामसर सम्मेलन संरक्षण से संबंधित था-
(a) जैव-ईंधन के
(b) वनों के
(c) नम भूमि के
(d) शुष्क भूमि के
[U.P.P.C.S. (Mains) 2008]
उत्तर- (c) नम भूमि के
- रामसर सम्मेलन आर्द्रभूमियों के संरक्षण से संबंधित है। रामसर ईरान में अवस्थित नगर है।
- 2 फरवरी, 1971 में यहीं हुई बैठक के बाद इस कन्वेंशन की नींव पड़ी तथा वर्ष 1975 में पूर्णतः क्रियान्वित हुआ।
- रामसर में हुई बैठक के कारण ही इसे रामसर कन्वेंशन के नाम से जाना जाता है।
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2. बिहार का प्रथम रामसर क्षेत्र कहां स्थित है?
(a) बेगूसराय
(b) बांका
(c) भागलपुर
(d) भोजपुर
(e) उपर्युक्त में से कोई नहीं/उपर्युक्त में से एक से अधिक
[66th B.P.S.C. (Re-Exam) 2020]
उत्तर- (a) बेगूसराय
- बिहार का प्रथम रामसर स्थल ‘काबरताल आर्द्रभूमि’ राज्य के बेगूसराय जिले में स्थित है।
- 26.20 वर्ग किमी. क्षेत्रफल में विस्तृत यह क्षेत्र 21 जुलाई, 2020 को ‘रामसर स्थल’ के रूप घोषित हुआ।
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3. वेटलैंड दिवस मनाया जाता है-
(a) 2 फरवरी को
(b) 2 अप्रैल को
(c) 2 मई को
(d) 2 मार्च को
[U.P.P.C.S. (Mains) 2008]
उत्तर- (a) 2 फरवरी को
- विश्व आर्द्रभूमि दिवस (World Wetlands Day) प्रत्येक वर्ष 2 फरवरी (2 फरवरी, 1971 को रामसर, ईरान में हस्ताक्षरित आर्द्रभूमियों पर अंतरराष्ट्रीय कन्वेंशन के उपलक्ष्य में) को मनाया जाता है।
- ध्यातव्य है कि वर्ष 2022 में विश्व आर्द्रभूमि दिवस की थीम है – लोगों और प्रकृति के लिए आर्द्रभूमि कार्यवाही (Wetland Action for People and Nature)
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4. निम्नलिखित राज्यों में से किसमें भारत की सबसे बड़ी अंतर्देशीय लवणीय आर्द्रभूमि है?
(a) गुजरात
(b) हरियाणा
(c) मध्य प्रदेश
(d) राजस्थान
[I.A.S. (Pre) 2009]
उत्तर- (a) गुजरात
- भारत में लवणीय आर्द्रभूमियों के अंतर्गत सर्वाधिक क्षेत्र वाला राज्य गुजरात है, जबकि आंध्र प्रदेश का दूसरा स्थान है।
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5. निम्नलिखित आर्द्र क्षेत्रों में किन्हें रामसर का दर्जा प्राप्त है?
1. चिल्का झील
2. लोकटक
3. केवलादेव
4. वूलर झील
नीचे दिए गए कूट से सही उत्तर चुनिए।
कूट :
(a) केवल 1 तथा 2
(b) केवल 2 तथा 3
(c) 1, 2 तथा 3
(d) सभी
[U.P.P.C.S. (Pre) 2013]
उत्तर- (d) सभी
- रामसर सूची अंतरराष्ट्रीय महत्व की आर्द्रभूमियों की सूची है।
- इस सूची में वर्तमान में भारत के कुल 49 स्थल शामिल हैं।
- प्रश्नगत चिल्का झील (ओडिशा), वूलर झील (जम्मू एवं कश्मीर), केवलादेव राष्ट्रीय उद्यान, लोकटक झील (मणिपुर) को रामसर का दर्जा प्राप्त है।
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6. निम्नलिखित में से कौन रामसर कन्वेंशन के अंतर्गत रामसर स्थल है?
(a) गोदावरी डेल्टा
(b) कृष्णा डेल्टा
(c) सुंदरबन
(d) भोज आर्द्र स्थल
[U.P.P.C.S. (Mains) 2015]
उत्तर- (c & d) सुंदरबन & भोज आर्द्र स्थल
- 30 जनवरी, 2019 को सुंदरबन आर्द्रभूमि को रामसर सूची में शामिल किया गया है।
- अतः सुंदरबन और मोज दोनों आर्द्रस्थल रामसर स्थल हैं।
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7. यदि अंतरराष्ट्रीय महत्व की किसी आर्द्रभूमि को ‘मॉन्ट्रियो रिकॉर्ड’ के अधीन लाया जाए, तो इससे क्या अभिप्राय है?
(a) मानव हस्तक्षेप के परिणामस्वरूप आर्द्रभूमि में पारिस्थितिक स्वरूप में परिवर्तन हो गया है, हो रहा है या होना संभावित है।
(b) जिस देश में आर्द्रभूमि अवस्थित है, उसे आर्द्रभूमि के कोर से पांच किलोमीटर के दायरे में मानव क्रिया-कलाप को निषिद्ध करने के लिए विधि अधिनियमित करना चाहिए।
(c) आर्द्रभूमि का बचा रहना इसके आस-पास रहने वाले कतिपय समुदायों की सांस्कृतिक प्रथाओं तथा परंपराओं पर निर्भर है और इसलिए उसके अंदर की सांस्कृतिक विविधता को नष्ट नहीं किया जाना चाहिए।
(d) इसे ‘विश्व विरासत स्थल की स्थिति प्रदान की गई है।
[I.A.S. (Pre) 2014]
उत्तर- (a) मानव हस्तक्षेप के परिणामस्वरूप आर्द्रभूमि में पारिस्थितिक स्वरूप में परिवर्तन हो गया है, हो रहा है या होना संभावित है।
- ‘मॉन्ट्रियो या मोंट्रेक्स रिकॉर्ड’ उन अंतरराष्ट्रीय महत्व की आर्द्रभूमियों की सूची में उन आर्द्रभूमियों का रजिस्टर है, जहां मानवीय हस्तक्षेप के परिणामस्वरूप आर्द्रभूमि के पारिस्थितिक स्वरूप में परिवर्तन या तो हो गया है, या हो रहा है, या होना संभावित है।
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8. पारिस्थितिकीय निकाय के रूप में आर्द्रभूमि (बरसाती जमीन) निम्नलिखित में से किस हेतु उपयोगी है?
(a) पोषक पुनर्प्राप्ति एवं चक्रण हेतु
(b) पौधों द्वारा अवशोषण के माध्यम से भारी धातुओं को अवमुक्त करने हेतु
(c) तलछट रोक कर नदियों का गादीकरण कम करने हेतु
(d) उपर्युक्त सभी हेतु
[U.P.P.C.S. (Pre) 2012]
उत्तर- (d) उपर्युक्त सभी हेतु
- आर्द्र भू-क्षेत्र जलीय तथा शुष्क स्थलीय पारिस्थितिकीय तंत्र के बीच के क्षेत्र हैं।
- आर्द्र भू-क्षेत्र प्रकृति में पानी को सोखने और छानने के विशाल स्पंज हैं।
- ये पोषक पदार्थों की मात्रा को कम करके तलछटों को हटा कर जल को शुद्ध करते हैं।
- बाढ़ के दौरान नम भूमियां पानी में मौजूद तलछट और पोषक तत्वों को अपने में समा लेती हैं और सीधे नदी में जाने से रोकती हैं।
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9. भारत की आर्द्रभूमियों के संदर्भ में, निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिए-
1. आर्द्रभूमि के अंतर्गत देश का कुल भौगोलिक क्षेत्र अन्य राज्यों की तुलना में गुजरात में अधिक अंकित है।
2. भारत में तटीय आर्द्रभूमि का कुल भौगोलिक क्षेत्र, आंतरिक आर्द्रभूमि के कुल भौगोलिक क्षेत्र से अधिक है।
उपर्युक्त में से कौन-सा/से कथन सही है/है?
(a) केवल 1
(b) केवल 2
(c) 1 और 2 दोनों
(d) न तो 1 और न ही 2
[I.A.S. (Pre) 2012]
उत्तर- (a) केवल 1
- वर्ष 2012 तक प्राप्त आंकड़ों के अनुसार, भारत में आर्द्रभूमियों के कुल भौगोलिक क्षेत्र का आंतरिक आर्द्रभूमि के अंतर्गत 69.22 प्रतिशत क्षेत्र तथा तटीय आर्द्रभूमि के अंतर्गत 27.13 प्रतिशत क्षेत्र था, जबकि शेष 3.64 प्रतिशत क्षेत्र सूक्ष्म आर्द्रभूमियों के अंतर्गत आते थे।
- आर्द्र भूमियों के अंतर्गत सर्वाधिक क्षेत्र (3474950 हे.) वाला राज्य गुजरात है।
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10. निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिए-
1. रामसर सम्मेलन के अनुसार, भारत के राज्यक्षेत्र में सभी आर्द्रभूमियों को बचाना और संरक्षित रखना भारत सरकार के लिए अधिदेशात्मक है।
2. आर्द्रभूमि (संरक्षण और प्रबंधन) नियम, 2010, भारत सरकार ने रामसर सम्मेलन की संस्तुतियों के आधार पर बनाए थे।
3. आर्द्रभूमि (संरक्षण और प्रबंधन) नियम, 2010, आर्द्रभूमियों के अपवाह क्षेत्र या जलग्रहण क्षेत्रों को भी सम्मिलित करते हैं, जैसा कि प्राधिकार द्वारा निर्धारित किया गया है।
उपर्युक्त में से कौन-सा/से कथन सही है/हैं?
(a) केवल 1 और 2
(b) केवल 2 और 3
(c) केवल 3
(d) 1, 2 और 3
[I.A.S. (Pre) 2019]
उत्तर- (c) केवल 3
- आर्दभूमियों के संरक्षण हेतु ‘रामसर अभिसमय’ (Ramsar Convention) फरवरी, 1971 में ईरान के शहर रामसर में हस्ताक्षरित हुआ था तथा यह अभिसमय दिसंबर, 1975 में प्रभावी हुआ।
- इस अभिसमय के अनुसार, सदस्य देशों में नामित आर्द्रभूमि स्थल (रामसर साइट) को संरक्षित रखना सदस्य देश का उत्तरदायित्व है, तथापि सदस्य देश की सभी आर्द्रभूमियों के संदर्भ में यह अधिदेशात्मक नहीं है।
- इसमें किसी पक्षकार देश से उसके क्षेत्र की आर्द्रभूमियों के संवर्धन और जहां तक संभव हो, उनके विवेकपूर्ण उपयोग की बात कही गई है। अतः कथन 1 असत्य है।
- भारत में आर्द्रभूमियों के संरक्षण हेतु विधिक रूप से बाध्यकारी विनियामक प्रणाली की स्थापना हेतु सर्वप्रथम कदम ‘राष्ट्रीय पर्यावरण नीति, 2006 के तहत उठाया गया।
- इसमें विनियामक प्रणाली के माध्यम से देश की चिह्नित महत्वपूर्ण आर्द्रभूमियों के अपकर्ष की रोकथाम एवं उनके संरक्षण को संवर्धित करने के साथ ऐसी आर्द्रभूमियों की एक राष्ट्रीय सूची तैयार करने की बात कही गई।
- इसी नीति प्रस्ताव के अनुसरण में एक बहु-विषयक विशेषज्ञ समूह का गठन किया गया, जिसने आर्द्रभूमियों के लिए एक विनियामक रूपरेखा तैयार की।
- इसी विशेषज्ञ समूह की संस्तुतियों के आधार पर भारत सरकार द्वारा आर्द्रभूमि (संरक्षण और प्रबंधन) नियम, 2010 जारी किए गए। इस प्रकार कथन 2 भी गलत है।
- आर्द्रभूमि (संरक्षण और प्रबंधन) नियम, 2010 के तहत ‘आर्द्रभूमि’ की परिभाषा के दायरे में आर्द्रभूमियों पर प्रत्यक्ष प्रभाव डालने वाले क्षेत्रों यथा-अपवाह क्षेत्र (Drainage Area) या जलग्रहण क्षेत्र (Catchment Region), जैसा कि प्राधिकार (Authority) द्वारा निर्धारित किया जाए, को भी शामिल किया गया है। अतः कथन 3 सही है।
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विभिन्न अधिनियम एवं करार
1. भारतीय संसद द्वारा जैव विविधता अधिनियम पारित किया गया-
(a) मई, 2000 में
(b) दिसंबर, 2002 में
(c) जनवरी, 2004 में
(d) अक्टूबर, 2008 में
[U.P.U.D.A./L.D.A. (Mains) 2010]
उत्तर- (b) दिसंबर, 2002 में
- भारतीय संसद द्वारा जैव विविधता अधिनियम 11 दिसंबर, 2002 को पारित किया गया था।
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2. ‘भारतीय राष्ट्रीय जैविक विविधता प्राधिकरण’ स्थापित किया गया-
(a) 2003, चेन्नई में
(b) 2003, बंगलुरू में
(c) 2003, हैदराबाद में
(d) 2003, केरल में
[U.P.R.O./A.R.O. (Mains) 2014]
उत्तर- (a) 2003, चेन्नई में
- जैव विविधता अधिनियम, 2002 के प्रावधानों को कार्यान्वित करने के उद्देश्य से भारतीय राष्ट्रीय जैविक विविधता प्राधिकरण की स्थापना वर्ष 2003 में की गई थी।
- इसका मुख्यालय चेन्नई (तमिलनाडु) में स्थित है।
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3. राष्ट्रीय जैव विविधता प्राधिकरण (NBA) भारत में कृषि संरक्षण में किस प्रकार सहायक है?
1. NBA जैव चोरी को रोकता है तथा देशी और परंपरागत आनुवंशिक संसाधनों का संरक्षण करता है।
2. NBA कृषि पादपों के आनुवंशिक संशोधन पर चल रहे वैज्ञानिक अनुसंधान को प्रत्यक्षतः मॉनीटर करता है और इसका निरीक्षण करता है।
3. NBA की अनुशंसा के बिना आनुवंशिक/जैविक संसाधनों से संबंधित बौद्धिक संपदा अधिकार हेतु आवेदन नहीं किया जा सकता है।
उपर्युक्त में से कौन-सा/से कथन सही है/हैं?
(a) केवल 1
(b) केवल 2 और 3
(c) केवल 1 और 3
(d) 1, 2 और 3
[I.A.S. (Pre) 2012]
उत्तर- (c) केवल 1 और 3
- बौद्धिक संपदा अधिकार हेतु भारत में अथवा भारत से बाहर किसी अनुसंधान पर आधारित किसी आविष्कार के लिए या भारत से अभिप्राप्त जैव संसाधन पर आधारित जानकारी के लिए ऐसा आवेदन करने से पूर्व, राष्ट्रीय जैव विविधता प्राधिकरण (NBA) का पूर्व अनुमोदन अभिप्राप्त करना आवश्यक है।
- एनबीए जैव चोरी को रोकने तथा देशी और परंपरागत आनुवंशिक संसाधनों का संरक्षण करने का कार्य करता है।
- कथन (2) एनबीए से संबंधित नहीं है।
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4. ‘बर्डलाइफ इंटरनेशनल’ (Birdlife International) नामक संगठन के संदर्भ में, निम्नलिखित में से कौन-सा/से कथन सही है/हैं?
1. यह संरक्षण संगठनों की विश्वव्यापी भागीदारी है।
2. ‘जैव विविधता हॉटस्पॉट’ की संकल्पना इस संगठन से शुरू हुई।
3. यह ‘महत्वपूर्ण पक्षी एवं जैव विविधता क्षेत्र’ (इम्पोर्टेन्ट बर्ड एंड बॉयोडायवर्सिटी एरियाज)’ के रूप में ज्ञात / निर्दिष्ट स्थलों की पहचान करता है।
नीचे दिए गए कूट का प्रयोग कर सही उत्तर चुनिए।
(a) केवल 1
(b) केवल 2 और 3
(c) केवल 1 और 3
(d) 1, 2 और 3
[I.A.S. (Pre) 2015]
उत्तर- (c) केवल 1 और 3
- बर्डलाइफ इंटरनेशनल संरक्षण संगठनों की एक वैश्विक भागीदारी है, जो पक्षियों, उनके आवासों तथा वैश्विक जैव विविधता को संरक्षित करने हेतु कार्यरत है।
- यह संस्था “महत्वपूर्ण पक्षी एवं जैव विविधता क्षेत्र” के रूप में स्थलों की पहचान करती है।
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5. निम्नलिखित कथनों में से कौन-सा एक सही है?
(a) जैव-सुरक्षा पर कार्टाजेना उपसंधि (प्रोटोकॉल) के पक्षकारों की प्रथम बैठक (MOP-1) वर्ष 2004 में फिलीपींस में आयोजित हुई।
(b) भारत जैव-सुरक्षा उपसंधि (प्रोटोकॉल जैव विविधता) पर समझौता में हस्ताक्षरकर्ता नहीं है।
(c) जैव-सुरक्षा उपसंधि (प्रोटोकॉल) आनुवंशिक रूपांतरित जीवों से संबद्ध है।
(d) संयुक्त राज्य अमेरिका जैव-सुरक्षा उपसंधि (प्रोटोकॉल)/जैव विविधता पर समझौता का सदस्य है।
[I.A.S. (Pre) 2005]
उत्तर- (c) जैव-सुरक्षा उपसंधि (प्रोटोकॉल) आनुवंशिक रूपांतरित जीवों से संबद्ध है।
- जैव-सुरक्षा पर कार्टाजेना उपसंधि (प्रोटोकॉल) के पक्षकारों की प्रथम बैठक (MOP) मलेशिया की राजधानी क्वालालम्पुर में 23-27 फरवरी, 2004 के मध्य संपन्न हुई थी। अतः कथन (a) गलत है।
- भारत ने जैव-सुरक्षा उपसंधि (प्रोटोकॉल) / जैव विविधता पर समझौते पर हस्ताक्षर 23 जनवरी, 2001 को किया था। अतः कथन (b) भी गलत है।
- जैव-सुरक्षा उपसंधि (प्रोटोकॉल) आनुवंशिक रूपांतरित जीवों से संबद्ध है, इसलिए कथन (c) सही है।
- संयुक्त राज्य अमेरिका जैव-सुरक्षा उपसंधि जैव विविधता पर समझौते का सदस्य नहीं है। अतः कथन (d) भी गलत है।
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6. ‘वाणिज्य में प्राणिजात और वनस्पतिजात के व्यापार-संबंधी विश्लेषण’ (ट्रेड रिलेटेड एनालिसिस ऑफ फौना एंड फ्लोरा इन कॉमर्स- TRAFFIC) के संदर्भ में निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिए-
1. TRAFFIC, संयुक्त राष्ट्र पर्यावरण कार्यक्रम (UNEP) के अंतर्गत एक ब्यूरो है।
2. TRAFFIC का मिशन यह सुनिश्चित करना है कि वन्य पादपों और जंतुओं के व्यापार से प्रकृति के संरक्षण को खतरा न हो।
उपर्युक्त कथनों में से कौन-सा/से सही है/हैं?
(a) केवल 1
(b) केवल 2
(c) 1 और 2 दोनों
(d) न तो 1, न ही 2
[I.A.S. (Pre) 2017]
उत्तर- (b) केवल 2
- ‘वाणिज्य में प्राणिजात और वनस्पतिजात के व्यापार संबंधी विश्लेषण’ (ट्रेड रिलेटेड एनालिसिस ऑफ फौना एंड फ्लोरा इन कॉमर्स- TRAF- FIC) एक गैर-सरकारी संगठन (Non-government Organization) है।
- यह सतत विकास एवं जैव विविधता संरक्षण के संदर्भ में वन्य पादपों एवं जंतुओं के व्यापार पर निगरानी रखने का कार्य करता है।
- TRAFFIC का मिशन यह सुनिश्चित करना है कि वन्य पादपों और जंतुओं के व्यापार से प्रकृति के संरक्षण को खतरा नहीं हो।
- TRAF- FIC की स्थापना वर्ष 1976 में की गई थी।
- यह WWF एवं IUCN का रणनीतिक गठबंधन है।
- यह UNEP के अंतर्गत एक ब्यूरो नहीं है।
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7. भारत रामसर अभिसमय (Ramsar Convention) का एक पक्षकार है और उसने बहुत से क्षेत्रों को रामसर स्थल घोषित किया है। निम्नलिखित में से कौन-सा कथन, इस अभिसमय के संदर्भ में, सर्वोत्तम रूप से बताता है कि इन स्थलों का अनुरक्षण कैसे किया जाना चाहिए?
(a) इन सभी स्थलों को मनुष्य के लिए पूर्णतया अगम्य बना दिया जाए ताकि उनका शोषण न किया जा सके।
(b) इन सभी स्थलों का, परिस्थितिकी तंत्र उपागम से संरक्षण किया जाए और इनमें केवल पर्यटन और मनोरंजन की अनुमति दी जाए।
(c) प्रत्येक स्थल के लिए विशेष मानदंड और विशेष अवधि सुनिश्चित करते हुए उन विशेष अवधियों तक बगैर किसी शोषण के उन सभी स्थलों का, पारिस्थितिकी तंत्र उपागम से संरक्षण किया जाए तथा इसके बाद भावी पीढ़ियों द्वारा उनके धारणीय उपयोग के लिए अनुमति दी जाए।
(d) इन सभी स्थलों का, पारिस्थितिकी तंत्र उपागम से संरक्षण किया जाए और साथ-साथ उनके धारणीय उपयोग की अनुमति दी जाए।
[I.A.S. (Pre) 2010]
उत्तर- (d) इन सभी स्थलों का, पारिस्थितिकी तंत्र उपागम से संरक्षण किया जाए और साथ-साथ उनके धारणीय उपयोग की अनुमति दी जाए।
- भारत रामसर अभिसमय का एक पक्षकार है और उसने बहुत से क्षेत्रों को रामसर स्थल घोषित किया है ताकि इन सभी स्थलों का पारिस्थितिकी तंत्र उपागम से संरक्षण किया जाए और साथ-साथ उनके धारणीय उपयोग की अनुमति दी जाए।
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8. निम्नलिखित अंतरराष्ट्रीय करारों पर विचार कीजिए।
1. खाद्य एवं कृषि हेतु पादप आनुवंशिक संसाधनों के विषय में अंतरराष्ट्रीय संधि
2. मरुमवन का सामना करने हेतु संयुक्त राष्ट्र अभिसमय
3. विश्व विरासत अभिसमय
उपर्युक्त में से कौन-सा/से जैव विविधता से संबंध रखता है/रखते हैं?
(a) केवल 1 और 2
(b) केवल 3
(c) केवल 1 और 3
(d) 1, 2 और 3
[I.A.S. (Pre) 2014]
उत्तर- (d) 1, 2 और 3
- ‘खाद्य एवं कृषि हेतु पादप आनुवंशिक संसाधनों के विषय में अंतरराष्ट्रीय संधि’ (International Treaty on Plant Genetic Resources for Food and Agriculture) ‘जैव विविधता पर अभिसमय’ विश्व विरासत अभिसमय तथा मरुस्थलीकरण का सामना करने हेतु राष्ट्र अभिसमय; ये सभी जैव विविधता से संबंध रखते हैं।
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9. भारत सरकार ने नॉर्वे सरकार के साथ मिलकर एक जैव विविधता नीति एवं कानून के केंद्र की स्थापना की है-
(a) देहरादून में
(b) चेन्नई में
(c) शिलांग में
(d) नई दिल्ली में
[R.O./A.R.O. (Mains), 2017]
उत्तर- (b) चेन्नई में
- भारत सरकार ने नॉर्वे सरकार के साथ मिलकर जैव विविधता नीति एवं कानून के केंद्र (Centre for Biodiversity Policy and Law- CEBPOL) की स्थापना चेन्नई (तमिलनाडु) में की है।
- जिसका उद्देश्य जैव विविधता नीतियों में व्यावसायिक दक्षता (Professional experties) तथा क्षमता निर्माण (Capacity building) का विकास करना है।
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जैव विविधता तथा संयुक्त राष्ट्र व विभिन्न अंतरराष्ट्रीय संस्थान
1.जैव-सुरक्षा (बायो-सेफ्टी) का कार्टाजेना प्रोटोकॉल-
(a) विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी मंत्रालय
(b) स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय
(c) पर्यावरण एवं वन मंत्रालय
(d) रसायन एवं उर्वरक मंत्रालय
[I.A.S. (Pre) 2009]
उत्तर- (c) पर्यावरण एवं वन मंत्रालय
- जैव-सुरक्षा से संबंधित कार्टाजेना प्रोटोकॉल (Cartagena Protocol on Bio-safety) पर भारत ने 23 जनवरी, 2001 को हस्ताक्षर किए थे।
- भारत में इसको पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्रालय कार्यान्वित करता है।
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2. जैव विविधता पर संयुक्त राष्ट्र सम्मेलन के दलों का दसवां सम्मेलन आयोजित किया गया था-
(a) बीजिंग में
(b) कोपेनहेगन में
(c) नगोया में
(d) न्यूयॉर्क में
[U.P.U.D.A./L.D.A. (Mains) 2010]
उत्तर- (c) नगोया में
- जैव विविधता पर संयुक्त राष्ट्र सम्मेलन के दलों का दसवां सम्मेलन नगोया (जापान) में वर्ष 2010 में आयोजित किया गया।
- इसमें जैव विविधता के संरक्षण संबंधी उपायों पर चर्चा की गई एवं इसके परिप्रेक्ष्य में आवश्यक कदम उठाए गए।
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3. निम्नलिखित कथनों में से कौन-सा/से सही है/हैं? UN-REDD+ प्रोग्राम की समुचित अभिकल्पना और प्रभावी कार्यान्वयन महत्वपूर्ण रूप से योगदान दे सकते हैं।
1. जैव विविधता का संरक्षण करने में
2. वन्य पारिस्थितिकी की समुत्थानशीलता में
3. गरीबी कम करने में
नीचे दिए गए कूट का प्रयोग कर सही उत्तर चुनिए।
(a) केवल 1 और 2
(b) केवल 3
(c) केवल 2 और 3
(d) 1, 2 और 3
[I.A.S. (Pre) 2016]
उत्तर- (d) 1, 2 और 3
- UN-REDD (Reducing Emissions from Deforestation and Forest Degradation) एक अंतर्संस्थागत कार्यक्रम है, जो UNFCCC के सदस्य देशों के तत्वावधान में चलाया जा रहा है।
- UN-REDD+ प्रोग्राम की समुचित अभिकल्पना और प्रभावी कार्यान्वयन, जैव विविधता का संरक्षण करने में महत्वपूर्ण योगदान दे सकता है।
- साथ ही साथ वन्य पारिस्थितिकी की समुत्थानशीलता में तथा विकासशील देशों को आर्थिक प्रोत्साहन द्वारा गरीबी कम करने में भी भूमिका निभा सकती है।
- ध्यातव्य है कि REDD कार्यक्रम से ग्रीन हाउस गैस उत्सर्जन कम करने हेतु वित्त प्रवाह संभव है, जो गरीब देशों के विकास व जैव विविधता संरक्षण में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा।
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4. ‘पारितंत्र एवं जैव विविधता का अर्थतंत्र’ (The Economics of Ecosystems and Biodiversity-TEEB) नामक पहल के संदर्भ में निम्नलिखित कथनों में से कौन-सा/से सही है/हैं?
1. यह एक पहल है, जिसकी मेजबानी UNEP, IMF एवं विश्व आर्थिक मंच (World Economic Forum) करते हैं।
2. यह एक विश्वव्यापी पहल है, जो जैव विविधता के आर्थिक लाभों के प्रति ध्यान आकर्षित करने पर केंद्रित है।
3. यह ऐसा उपागम प्रस्तुत करता है, जो पारितंत्रों और जैव विविधता के मूल्य की पहचान, निदर्शन और अभिग्रहण में निर्णयकर्ताओं की सहायता कर सकता है।
नीचे दिए गए कूट का प्रयोग कर सही उत्तर चुनिए।
(a) केवल 1 और 2
(b) केवल 3
(c) केवल 2 और 3
(d) 1, 2 और 3
[I.A.S. (Pre) 2016]
उत्तर- (c) केरल 2 और 3
- पारितंत्र एवं जैव विविधता का अर्थतंत्र (The Economics of Ecosystems and Biodiversity) एक विश्वव्यापी पहल है।
- यह जैव विविधता तथा पारितंत्र के आर्थिक लाभों के प्रति ध्यान आकर्षित करने पर केंद्रित है।
- यह निर्णयन प्रक्रिया में निर्णय लेते समय पारितंत्र व जैव विविधता द्वारा प्राप्त लाभों को ध्यान में रखने में सहायता करती है।
- यह पहल पारितंत्र एवं जैव विविधता के आर्थिक लाभों को प्रस्तुत कर निर्णयकर्ताओं के लिए सभी स्तरों पर दिग्दर्शक की भूमिका निभाती है।
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5. ‘वेटलैंड्स इंटरनेशनल’ नामक संरक्षण संगठन के संदर्भ में निम्नलिखित में से कौन-सा/से कथन सही है/हैं?
1. यह रामसर अभिसमय के हस्ताक्षरकर्ता देशों द्वारा बनाया गया एक अंतःसरकारी संगठन है।
2. यह ज्ञान के विकास और संग्रहण के लिए तथा व्यावहारिक अनुभव का बेहतर नीतियों हेतु पक्षसमर्थन करने के लिए क्षेत्र स्तर पर कार्य करता है।
नीचे दिए गए कूट का प्रयोग कर सही उत्तर चुनिए।
(a) केवल 1
(b) केवल 2
(c) 1 और 2 दोनों
(d) न तो 1 और न ही 2
[I.A.S. (Pre) 2014]
उत्तर- (b) केवल 2
- ‘वेटलैंड्स इंटरनेशनल’ (Wetlands International) एक गैर-सरकारी एवं गैर-लाभकारी वैश्विक संगठन है, जो आर्द्रभूमियों एवं उनके संसाधनों को बनाए रखने तथा उन्हें पुनः स्थापित करने हेतु कार्यरत है।
- यह संगठन विभिन्न अनुसंधानों से प्राप्त ज्ञान का प्रयोग अन्य आर्द्रभूमियों के संरक्षण में करता है।
- साथ ही यह संगठन को अतिरिक्त साधनों को विकसित करने तथा और अधिक अनुसंधान को प्रोत्साहित करने में मदद करता है।
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जैव विविधता : विविध
1. सबसे लंबा जीवित वृक्ष है-
(a) यूकेलिप्टस
(b) सिकोया
(c) देवदार
(d) पर्णांग
[40th B.P.S.C. (Pre) 1995]
उत्तर- (b) सिकोया
- सबसे लंबा जीवित वृक्ष सिकोया (Sequoia) का होता है।
- यह संयुक्त राज्य अमेरिका के उत्तरी कैलिफोर्निया में पाया जाता है।
- इसकी लंबाई 379 फीट (115.5 मीटर) तक होती है।
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2. निम्नलिखित में से कौन एक किसी प्रजाति के विलोपन के लिए उत्तरदायी नहीं है?
(a) व्यापक निच (कर्मता)
(b) बड़े आकार वाला शरीर
(c) संकुचित निच (कर्मता)
(d) आनुवांशिक भिन्नता की कमी
[U.P.P.C.S. (Pre) 2014]
उत्तर- (a) व्यापक निच (कर्मता)
- ‘व्यापक निच’ (Broad Niche) किसी प्रजाति के विलोपन के लिए उत्तरदायी नहीं है।
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3. सीबकथोर्न के विश्वव्यापी मार्केट की बड़ी संभावनाएं हैं। इस पेड़ के बेर में विटामिन और पोषक तत्व प्रचुर होते हैं। चंगेज खां ने इसका प्रयोग अपनी सेना की ऊर्जास्विता को उन्नत करने के लिए किया था। रूसी कॉस्मोनाटो ने इसके तेल को कॉस्मिक विकिरण से बचाव के लिए किया था। भारत में यह पौधा कहां पाया जाता है?
(a) नगालैंड
(b) लद्दाख
(c) कोडईकनाल
(d) पांडिचेरी
[U.P.P.C.S. (Mains) 2004]
उत्तर- (b) लद्दाख
- सीबकथोर्न लद्दाख की पहाड़ी पर पाया जाने वाला पेड़ है।
- इस पेड़ की बेर में विटामिन तथा पोषक तत्व प्रचुर मात्रा में पाए जाते हैं।
- चंगेज खां ने इसका प्रयोग अपनी सेना की ऊर्जास्विता को उन्नत करने के लिए किया था।
- रूसी कॉस्मोनाट ने इसके तेल को कॉस्मिक विकिरण से बचाव के लिए प्रयोग किया था।
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4. भारत सरकार ‘सीबकथोर्न’ की खेती को प्रोत्साहित कर रही है। इस पादप का क्या महत्व है?
1. यह मृदा-क्षरण के नियंत्रण में सहायक है और मरुस्थलीकरण को रोकता है।
2. यह बायोडीजल का एक समृद्ध स्रोत है।
3. इसमें पोषकीय मान होता है और यह उच्च तुंगता वाले ठंडे क्षेत्रों में जीवित रहने के लिए भली-भांति अनुकूलित होता है।
4. इसकी इमारती लकड़ी का उच्च वाणिज्यिक मूल्य है।
उपर्युक्त में से कौन-सा/से कथन सही है/हैं?
(a) केवल 1
(b) केवल 2, 3 और 4
(c) केवल 1 और 3
(d) 1, 2, 3 और 4
[I.A.S. (Pre) 2012]
उत्तर- (c) केवल 1 और 3
- सीबकथोर्न भारत में लेह बेरी के नाम से लोकप्रिय एक पर्णपाती झाड़ी है।
- भारत के लद्दाख क्षेत्र (जम्मू एवं कश्मीर), कुकुमसारी, लाहौल, काजा, ताबो (हिमाचल प्रदेश), नाथूला (सिक्किम) तथा उत्तराखंड एवं अरुणाचल प्रदेश के कुछ क्षेत्रों में यह पाया जाता है।
- इस पौधे की पत्ती, फल, जड़ और कांटें सभी उपयोगी हैं, जिनका परंपरागत रूप से औषधि-निर्माण, पोषण पूरकता, ईंधन, पर्यावरण संरक्षण, बाड़ इत्यादि हेतु इस्तेमाल किया जाता रहा है।
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5. दो महत्वपूर्ण नदियां जिनमें से एक का स्रोत झारखंड में है (और जो उड़ीसा में दूसरे नाम से जानी जाती है) तथा दूसरी जिसका स्रोत उड़ीसा में है- समुद्र में प्रवाह करने से पूर्व एक ऐसे स्थान पर संगम करती हैं, जो बंगाल की खाड़ी से कुछ ही दूर है। यह वन्यजीवन तथा जैव विविधता का प्रमुख स्थल है और सुरक्षित क्षेत्र है। निम्नलिखित में वह स्थल कौन-सा है?
(a) भितरकनिका
(b) चांदीपुर-ऑन-सी
(c) गोपालपुर-ऑन-सी
(d) सिमलीपाल
[I.A.S. (Pre) 2011]
उत्तर- (a) भितरकनिका
- ब्राह्मणी नदी और वैतरणी नदी समुद्र में प्रवाहित होने से पूर्व भितरकनिका नामक स्थान पर मिलती हैं।
- भितरकनिका वन्यजीवन तथा जैव विविधता से संबंधित सुरक्षित क्षेत्र है।
- ब्राह्मणी नदी को झारखंड में दक्षिणी कोयल के नाम से जाना जाता है।
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6. निम्नलिखित पर विचार कीजिए-
1. चमगादड़
2. भालू
3. कृतक (रोडेन्ट)
उपर्युक्त में से किस प्रकार के जंतु में शीतनिष्क्रियता की परिघटना का प्रेक्षण किया जा सकता है?
(a) केवल 1 और 2
(b) केवल 2
(c) 1, 2 और 3
(d) शीतनिष्क्रियता उपर्युक्त में से किसी में भी नहीं प्रेक्षित की जा सकती
[I.A.S. (Pre) 2014]
उत्तर- (c) 1, 2 और 3
- गिलहरी, भालू और कुछ कीटभक्षी चमगादड़ों को जब गर्म मौसम के आहार सर्दियों में नहीं मिलते हैं, तब वे शीतनिष्क्रियता का सहारा लेते हैं।
- शीतनिष्क्रियता की स्थिति में इन प्राणियों का ताप गिरकर आश्रयस्थल के ताप के बराबर हो जाता है, श्वसन मंद हो जाता है, उपापचय घटता है और ये उसी वसा के सहारे जीवित रहते हैं, जो शीतनिष्क्रियता के पूर्व उनके शरीर में संचित हो जाती है।
- यहां उल्लेखनीय है कि कृतक (Rodents) गण में गिलहरियां (Squirrels), छछूदर (Must Rats), चूहे (Rats), मूषक (Mice), आदि स्तनधारी प्राणी आते हैं।
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7. किस पर्यावरण में जैव द्रव्यमान का वार्षिक उत्पादन न्यूनतम होता है?
(a) गहरे सागर
(b) प्रेयरी
(c) पतझड़ी वन
(d) टैगा
[U.P.P.C.S. (Pre) 2002]
उत्तर- (a) गहरे सागर
- जैव द्रव्यमान के उत्पादन की दृष्टि से उष्णकटिबंधीय वर्षा वन प्रथम स्थान पर आते हैं।
- गहरे सागर में वार्षिक स्तर पर नगण्य जैव द्रव्यमान उत्पादन होता है।
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8. विश्व जैव विविधता दिवस कब मनाया जाता है?
(a) मार्च, 22
(b) मई, 22
(c) जून, 23
(d) अप्रैल, 16
[U.P.P.C.S. (Pre), 2018]
उत्तर- (b) मई, 22
- जैव विविधता संबंधी मुद्दों पर जागरूकता एवं समझ को बढ़ाने के उद्देश्य से संयुक्त राष्ट्र ने 22 मई को अंतरराष्ट्रीय जैव विविधता दिवस घोषित किया है।
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9. ‘टुमारोज बायोडायवर्सिटी’ पुस्तक के/की लेखक/लेखिका हैं-
(a) वंदना शिवा
(b) वी. के. शर्मा
(c) एम.एस. स्वामीनाथन
(d) मेधा पाटेकर
[U.P.P.C.S. (Mains) 2004, 2005]
उत्तर- (a) वंदना शिवा
- ‘टुमारोज बायोडायवर्सिटी’ पुस्तक (प्रकाशन वर्ष-2000) वंदना शिवा द्वारा लिखित है, जो एक सक्रिय पर्यावरण कार्यकर्ती एवं भूमंडलीकरण विरोधी लेखिका हैं।
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