भारत की सड़क अवसंरचना : देश में विश्वसनीय और द्रुतगामी सड़क नेटवर्क के महत्त्व

प्रश्न: देश में विश्वसनीय और द्रुतगामी सड़क नेटवर्क के महत्व की पहचान करते हुए, भारत की सड़क अवसंरचना में सुधार लाने हेतु सरकार द्वारा की गई प्रमुख पहलों का उल्लेख कीजिए।

दृष्टिकोण:

  • देश में विश्वसनीय और द्रुतगामी सड़क नेटवर्क के महत्त्व का संक्षिप्त विवरण दीजिए।
  • भारत की सड़क अवसंरचना में सुधार लाने के लिए सरकार द्वारा आरम्भ की गई प्रमुख पहलों का वर्णन कीजिए।
  • उपर्युक्त बिंदुओं के आधार पर निष्कर्ष प्रस्तुत कीजिए।

उत्तर:

भारत में विश्व का दूसरा सबसे बड़ा सड़क नेटवर्क है, जो संपूर्ण देश में 5.4 मिलियन किमी में विस्तृत है। भारत में एक विश्वसनीय और द्रुतगामी सड़क नेटवर्क का निम्नलिखित कारणों से अत्यधिक महत्त्व है:

  • सड़क नेटवर्क द्वारा देश की सभी वस्तुओं के 64.5 प्रतिशत और कुल यात्री यातायात के 90 प्रतिशत भाग का परिवहन किया जाता है, क्योंकि विकास एवं अवसंरचना के संदर्भ में देश में परिवहन के बहुविध (मल्टी-मोडल) प्रतिमानों के मिश्रण का अभाव है।
  • सड़कें भारत के विकास एजेंडे के लिए महत्वपूर्ण हैं, क्योंकि वे आंतरिक क्षेत्रों तक संपर्क (हिन्टरलैंड कनेक्टिविटी) सुनिश्चित करती हैं।
  • सड़क अवसंरचना कार्यबल की नम्यता और गतिशीलता को प्रभावित करती है, जो कि नियोजन स्तर में परिलक्षित होता है।
  • सड़क अवसंरचना के विकास का प्रभाव अन्य क्षेत्रों जैसे कि पर्यटन के विकास, विदेशी निवेशों के अन्तर्वाह, क्षेत्रीय विकास आदि पर भी दृष्टिगोचर होता है।
  • सड़क परिवहन विभिन्न क्षेत्रों में विदेशी व्यापार और सहयोग के संदर्भ में, अंतरराष्ट्रीय परिप्रेक्ष्य में महत्वपूर्ण है।
  • मेक इन इंडिया जैसे कार्यक्रम को प्रोत्साहित करने हेतु आंतरिक क्षेत्रों (हिन्टरलैंड) को बंदरगाहों के साथ संयोजित करना भी महत्वपूर्ण है। यह भारतीय वस्तुओं की निर्यात प्रतिस्पर्धा को बढ़ाने में भी सहायता करेगा।

भारत की सड़क अवसंरचना में सुधार करने के लिए सरकार द्वारा आरंभ की गई प्रमुख पहलों में निम्नलिखित शामिल हैं:

  • राष्ट्रीय राजमार्ग विकास परियोजनाएँ: इनमें कुछ प्रमुख परियोजनाएँ स्वर्णिम चतुर्भुज परियोजना, उत्तर-दक्षिण और पूर्वपश्चिम गलियारे, देश के प्रमुख बंदरगाहों की राष्ट्रीय राजमार्गों से सड़क संयोजकता (connectivity) आदि हैं।
  • भारतमाला परियोजना: यह परियोजना सीमावर्ती और अंतरराष्ट्रीय संपर्क सड़कों के विकास, तटीय और बंदरगाह संपर्क सड़कों के विकास तथा राष्ट्रीय गलियारों एवं आर्थिक गलियारों की दक्षता में सुधार जैसी नई पहलों की परिकल्पना करती है। 
  • दुर्गम क्षेत्रों में सड़कों का विकास: सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय (MORTH) ने सभी जिला मुख्यालयों में सड़क कनेक्टिविटी में सुधार करने हेतु पूर्वोत्तर क्षेत्र में सड़कों के उन्नयन की योजना निर्मित की है। सरकार ने मध्य/पूर्वी भारत के सुदूरवर्ती जिलों में राष्ट्रीय और राज्य राजमार्गों के विकास के लिए ‘रोड रेक्वायरमेंट प्लान’ (Road Requirement Plan) को भी स्वीकृति प्रदान की है।
  • हाइब्रिड एन्युटी मॉडल: एक नया हाइब्रिड एन्युटी मॉडल विकसित किया गया है, जिसमें सरकार प्रथम पांच वर्षों में परियोजना लागत के 40 प्रतिशत का योगदान करती है, जबकि निजी अभिकर्ता परियोजना के पूर्ण होने के बाद शेष 60 प्रतिशत लागत का भुगतान करते हैं (निर्माण चरण के दौरान इस 60% लागत का वहन इक्विटी या ऋण के माध्यम से किया जाता है)।
  • विदेशी प्रत्यक्ष निवेश: निजी वित्तपोषण की सुविधा के लिए सड़क क्षेत्रक में 100 प्रतिशत प्रत्यक्ष विदेशी निवेश की अनुमति है।
  • राष्ट्रीय राजमार्ग और अवसंरचना विकास निगम लिमिटेड: यह अंतरराष्ट्रीय सीमा के साथ और पूर्वोत्तर क्षेत्र के सामरिक क्षेत्रों में सड़क निर्माण को गति प्रदान करता है।
  • लॉजिस्टिक क्षमता संवर्धन कार्यक्रम (Logistic Efficiency Enhancement Programme: LEEP): इसका उद्देश्य अवसंरचनात्मक, प्रक्रियात्मक और सूचना प्रौद्योगिकी हस्तक्षेपों के माध्यम से माल प्रेषण (कन्साइनमेंन्ट) की लागत, समय, ट्रैकिंग तथा हस्तांतरणीयता में सुधार के द्वारा माल के आवागमन में वृद्धि करना है।
  • भूमि राशि पोर्टल: सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय ने सड़क अवसंरचना के विस्तार के लिए भूमि अधिग्रहण की प्रक्रिया को डिजिटल बनाने तथा स्वचालित करने हेतु एक पोर्टल लॉन्च किया है।

विभिन्न पहलों के बावजूद भी कई बाधाएँ, जैसे- राष्ट्रीय और राज्य राजमार्गों पर अत्यधिक दबाव, धन की कमी, मौजूदा अवसंरचना के अपर्याप्त रखरखाव, सड़क दुर्घटनाओं एवं सुरक्षा आदि के संबंध में चिंताएं विद्यमान हैं। इस प्रकार, इसका उद्देश्य सड़क नेटवर्क का विस्तार, सड़क रखरखाव एवं सुरक्षा में सुधार तथा ग्रामीण क्षेत्रों में लास्ट माइल कनेक्टिविटी सुनिश्चित करके कनेक्टिविटी में और अधिक वृद्धि करना होना चाहिए।

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