राष्ट्र संघ (लीग ऑफ़ नेशंस) : इसकी विफलता के कारण

प्रश्न: राष्ट्र संघ (लीग ऑफ नेशंस) की विफलता का मूल कारण, अंततोगत्वा, इसकी सदस्यता एवं 1930 के दशक में घटित वैश्विक घटनाक्रमों को माना जा सकता है। व्याख्या कीजिए।

दृष्टिकोण

  • राष्ट्र संघ (लीग ऑफ़ नेशंस) के गठन के सन्दर्भ में संक्षिप्त परिचय दीजिए।
  • इसकी विफलता के कारणों को व्यापक रूप से दो श्रेणियों में वर्गीकृत कीजिए: संघ की सदस्यता और 1930 के दशक में घटनाएँ।
  • साथ ही इन दोनों मुख्य कारणों को समझाइए। इसकी विफलता के कारणों पर एक संक्षिप्त टिप्पणी के साथ निष्कर्ष दीजिये।

उत्तर

लीग ऑफ़ नेशन्स को 1920 में राष्ट्रीय सुरक्षा और अंतर्राष्ट्रीय शांति को संयुक्त रूप से बढ़ावा देने के उद्देश्य से स्थापित किया गया था। हालांकि, इसके सदस्यों से इसकी अनुशंसाओं का अनुपालन नहीं कराया जा सका और परिणामस्वरूप घटी घटनाओं के कारण यह संघ विफल हो गया।

लीग ऑफ़ नेशंस की विफलता के लिए उत्तरदायी कारक:

1. लीग की सदस्यता

  • तीन महत्वपूर्ण शक्तियां, अर्थात् संयुक्त राज्य अमेरिका, सोवियत संघ और जर्मनी इसमें शामिल नहीं थीं।
  • संयुक्त राज्य अमेरिका ने 1920 में वर्साय की संधि और लीग, दोनों को अस्वीकृत कर दिया। 
  • 1926 तक जर्मनी को इसमें शामिल होने की अनुमति नहीं थी।
  • सोवियत संघ 1934 में इसका सदस्य बना।
  • यह मात्र फ्रांस और ब्रिटेन के बीच के मुद्दों तक सीमित होकर रह गया। इस प्रकार इसे अन्य शक्तियों द्वारा मनोवैज्ञानिक और वित्तीय लाभ प्राप्त नहीं हो सके।
  • कालांतर में ब्रिटेन ने भी जेनेवा प्रोटोकॉल को अस्वीकृत करके तथा जर्मनी के साथ संबंधों को सामान्य बनाने और युद्ध के पश्चात् क्षेत्रीय समाधान हासिल करने के लिए लोकार्नो संधि पर हस्ताक्षर करके लीग को कमजोर कर दिया।
  • ‘सामूहिक सुरक्षा के सिद्धांत’ के संदर्भ में सदस्यों की समझ में विरोधाभास था।

2. 1930 के दशक की वैश्विक घटनाएं:

1929 की वैश्विक आर्थिक मंदी ने जापान, जर्मनी और इटली में चरम दक्षिणपंथी सरकार के सत्ता में आने की परिस्थितियाँ निर्मित कीं। इन राज्यों की आक्रामक कार्रवाइयों ने लीग की विफलता की गति निर्धारित की:

  • मंचूरिया पर जापानी आक्रमण, 1931: लीग द्वारा इसकी निंदा करने और सैनिकों की वापसी का आदेश देने के बावजूद,जापान ने लीग द्वारा स्थापित लिटन समिति की सिफारिशों का उल्लंघन किया और लीग से बाहर हो गया।
  • लीग के तत्वावधान में आयोजित विश्व निरस्त्रीकरण सम्मेलन, 1932 की विफलता: इसका प्रयोग हिटलर द्वारा वर्साय की संधि का उल्लंघन कर जर्मनी का सशस्त्रीकरण करने और बाद में स्वयं लीग से बाहर निकलने हेतु एक बहाने के रूप में किया गया था।
  • इटली द्वारा अकारण अबीसीनिया पर आक्रमण, 1935 इसके विरोध में लीग ने पहले अधूरे मन से कुछ आर्थिक प्रतिबंध लगाए और बाद में भी इन्हें वापस ले लिया। अंततः 1936 में इटली लीग से बाहर हो गया।

उपरोक्त घटनाओं में से किसी में भी लीग, विशेषकर ब्रिटेन और फ्रांस द्वारा कड़े आर्थिक प्रतिबंध नहीं लगाए गए, न ही निर्णायक सैन्य कार्रवाई की गयी। इस प्रकार, अनिर्णय की स्थिति, प्रतिबद्धता की कमी और सदस्यों के विघटन के कारण लीग ऑफ़ नेशंस विफल हो गया।

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