1. लघु और सीमांत किसानों को पेंशन के उद्देश्य से “प्रधानमंत्री किसान मानधन योजना” कब प्रारंभ की गई?
(a) 15 अगस्त, 2020
(b) 12 सितंबर, 2019
(c) 26 जनवरी, 2020
(d) 25 अगस्त, 2019
[R.A.S./R.T.S. (Pre) 2021]
उत्तर-(b) 12 सितंबर, 2019
- प्रधानमंत्री किसान मानधन योजना छोटे और सीमांत किसानों की वृद्धावस्था एवं सामाजिक सुरक्षा योजना है।
- इसकी शुरुआत 12 सितंबर, 2019 को हुई थी।
- 18 से 40 वर्ष के आयु वर्ग में आने वाले 2 हेक्टेयर तक की खेती योग्य भूमि वाले सभी छोटे और सीमांत किसान इस योजना हेतु पात्र होंगे।
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2. भारत में खाद्य प्रबंधन का निम्न में से कौन-सा एक उद्देश्य नहीं है?
(a) खाद्यान्नों का वितरण
(b) खाद्यान्नों की खरीद
(c) खाद्यान्नों के बफर स्टॉक का रख-रखाव
(d) खाद्यान्नों का निर्यात
(e) उपर्युक्त में से कोई नहीं/उपर्युक्त में से एक से अधिक
[66th B.P.S.C. Pre. 2020]
उत्तर-(d) खाद्यान्नों का निर्यात
- आर्थिक समीक्षा 2016-17 वॉल्यूम 2 के पेज 182 के अनुसार, खाद्य प्रबंधन में खाद्यान्नों की खरीद, उसका वितरण और बफर स्टॉक तथा मूल्य स्थिरता के लिए उसका भंडारण शामिल है।
- अतः स्पष्ट है कि खाद्यान्नों का निर्यात, खाद्य प्रबंधन का भाग नहीं है।
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3. किसी निजी क्षेत्र के बैंक ने किसानों के लिए ‘ई-किसान धन’ ऐप चालू किया है?
(a) ऐक्सिस बैंक
(b) एच.डी.एफ.सी. बैंक
(c) आई.डी.बी.आई. बैंक
(d) कोटक महिंद्रा बैंक
(e) उपर्युक्त में से कोई नहीं/उपर्युक्त में से एक से अधिक
[66th B.P.S.C. Pre. 2020]
उत्तर-(b) एच.डी.एफ.सी. बैंक
- निजी क्षेत्र के एच.डी.एफ.सी. (HDFC) बैंक ने जून, 2020 में ई. किसान धन मोबाइल एप्लीकेशन जारी किया।
- इस एप्लीकेशन से किसान फसलों के भाव, वेरायटी, मौसम की जानकारी आदि कृषि सूचना के साथ बैंकिंग सेवा का लाभ ले सकेंगे।
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4. हाल के बीते दिनों में निम्नलिखित में से कौन-से कारक कौन-सी नीतियां भारत में चावल के मूल्य को प्रभावित कर रही थीं
1. न्यूनतम समर्थन मूल्य
2. सरकार द्वारा व्यापार करना
3. सरकार द्वारा भंडारण करना
4. उपभोक्ता सहायिकियां (Subsidies)
नीचे दिए गए कूट का प्रयोग कर सही उत्तर चुनिए :
(a) केवल 1, 2 और 3
(b) केवल 1, 3 और 4
(c) केवल 2 और 3
(d) 1, 2, 3 और 4
[I.A.S. (Pre) 2020]
उत्तर-(d) 1, 2, 3 और 4
- न्यूनतम समर्थन मूल्य कीमतों को नीचे जाने से रोकती है।
- किसान अपना उत्पाद समर्थन मूल्य पर सरकार को बेचता है।
- कीमतें तभी बढ़ेगी जब उत्पादन कम होगा, परंतु यदि उत्पादन बढ़ेगा तो कीमतें उस स्तर पर नहीं बढ़ पाएगी।
- यदि व्यापार से अंतरराष्ट्रीय बाजार में चावल की मांग बढ़ती है, तो इसका प्रभाव चावल की कीमतों पर पड़ेगा।
- सरकार द्वारा भंडारण करना भी चावल की कीमतों को प्रभावित कर सकती है।
- उपभोक्ता सहायिकियां कीमतों को घटा देती है।
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5. भारत में निम्नलिखित में से किन्हें कृषि में सार्वजनिक निवेश माना जा सकता है?
1. सभी फसलों के कृषि उत्पाद के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य निर्धारित करना
2. प्राथमिक कृषि साख समितियों का कंप्यूटरीकरण
3. सामाजिक पूंजी विकास
4. कृषकों को निःशुल्क बिजली की आपूर्ति
5. बैंकिंग प्रणाली द्वारा कृषि ऋण की माफी
6. सरकारों द्वारा शीतागार सुविधाओं को स्थापित करना
नीचे दिए गए कूट का प्रयोग कर सही उत्तर चुनिए :
(a) केवल 1, 2 और 5
(b) केवल 1, 3, 4 और 5
(c) केवल 2, 3 और 6
(d) 1, 2, 3, 4, 5 और 6
[I.A.S. (Pre) 2020]
उत्तर-(c) 1, 2, 3, 4, 5 और 6
- हरित क्रांति के दौरान और हरित क्रांति के बाद की अवधि में कृषि में सार्वजनिक और निजी पूंजी निर्माण ने फार्म सेक्टर की प्रगति के लिए उल्लेखनीय योगदान किया।
- प्रारंभ में कृषि विकास मुख्यतः निम्न कार्यों में सार्वजनिक निवेश द्वारा संचालित होता था : (i) कृषि आधारभूत संरचना (जैसे विद्युत, सड़कें, सिंचाई और अनुसंधान तथा विकास);(ii) विस्तार सेवाएं; और (iii) बाजार और भंडारण सुविधाएं आदि का विकास।
- बाद में ऐसे निवेशों द्वारा आधारभूत संरचना में सुधारों के कारण भूमि विकास, भौमजल सिंचाई, फार्म मशीनीकरण, आदि में किसान स्वयं भी निजी निवेश करने के लिए प्रेरित हुए।
- निजी कंपनियों ने भी कृषि अनुसंधान तथा विकास विस्तार, विपणन, संविदा कृषि और कृषि संबंधी अन्य सेवाओं में प्रवेश किया है।
- इन निवेशों ने कृषि में सार्वजनिक निवेश को काफी अनुपूरित किया है।
- सिंचाई, सड़कों और विद्युत परियोजनाओं में सरकार के निवेश से कृषि में निजी निवेश प्रेरित हुआ है।
- दूसरे शब्दों में यदि सरकार द्वारा बुनियादी आधारभूत संरचना निर्मित की जाती है, किसान, ट्रैक्टर और पम्प सेट खरीदने तथा नहर के कमांड क्षेत्रों में नलकूप लगाने के लिए अपनी निजी पूंजी निवेश करने के लिए प्रोत्साहित होंगे।
- दूसरी ओर, सार्वजनिक निवेश को कृषि में निजी निवेश के प्रतिस्थायी के रूप में भी माना जा सकता है।
- साधारणतया किसान अचल और कार्यशील पूंजी में निवेश करते हैं (जहां वे पूर्णतः निजी अधिकार क्षेत्र में होते हैं), जबकि सार्वजनिक निवेश उस प्रकार की परिसंपत्तियों के निर्माण के लिए किया जाता है, जो अधिकांशतः सार्वजनिक अधिकार क्षेत्र में होते हैं।
- सार्वजनिक निवेश द्वारा निर्मित परिसंपत्तियां उपभोक्ता प्रभार चुका कर या उसके बिना भी किसान समुदाय द्वारा प्रयुक्त हो सकती हैं।
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6. भारत में पिछले पांच वर्षों में खरीफ की फसलों की खेती के संदर्भ में, निम्नलिखत कथनों पर विचार कीजिए-
- धान की खेती के अंतर्गत क्षेत्र अधिकतम है।
- ज्वार की खेती के अंतर्गत क्षेत्र, तिलहनों की खेती के अंतर्गत क्षेत्र की तुलना में अधिक है।
- कपास की खेती का क्षेत्र, गन्ने की खेती के क्षेत्र की तुलना में अधिक है।
- गन्ने की खेती के अंतर्गत क्षेत्र निरंतर घटा है।
उपर्युक्त में से कौन-से कथन सही हैं?
(a) केवल 1 और 3
(b) केवल 2, 3 और 4
(c) केवल 2 और 4
(d) 1,2, 3 और 4
[U.P.S.C. (Pre), 2019]
उत्तर- (a) केवल 1 और 3
- फसल क्षेत्र संबंधी नवीनतम उपलब्ध आंकड़ों (स्रोत-आर्थिक समीक्षा 2021-22) के अनुसार, विगत 5 वर्षों में खरीफ की फसलों की खेती के संदर्भ में- धान की खेती के अंतर्गत 2020-21 (चतुर्थ अग्रिम अनुमान) में कुल क्षेत्र 45.1 (खरीफ-40.0 एवं रबी-5.1) मिलियन हेक्टेयर रहा है, जो कि किसी भी अन्य कृषि फसल की तुलना में अधिक है।
- 2020-21 (चतुर्थ अग्रिम अनुमान) में ज्वार की खेती के तहत कुल क्षेत्र 4.2 (खरीफ-1.5 एवं रबी-2.7) मिलियन हेक्टेयर ही है, जबकि तिलहनों की खेती के अंतर्गत कुल क्षेत्र 28.8 (खरीफ-20.9 एवं रबी-7.9) मिलियन हेक्टेयर है।
- कपास की खेती के अंतर्गत इसी आकलन में कुल क्षेत्र 13.0 मिलियन हेक्टेयर है, जबकि गन्ने के अंतर्गत क्षेत्र 4.9 मिलियन हेक्टेयर ही है।
- उपर्युक्त तीनों कथनों के संदर्भ में विगत 5 वर्षों (2016-17 से 2020- 21) में कमोबेश यही प्रवृत्ति रही है।
- गन्ने की खेती के अंतर्गत क्षेत्र वर्ष 2016-17 एवं 2017-18 में क्रमशः 4.4 मिलियन हेक्टेयर एवं 4.7 मिलियन हेक्टेयर रहा।
- जबकि, 2018- 19 में 5.1 मिलियन हेक्टेयर तथा 2019-20 एवं 2020-21 (च.अ.अ.) में क्रमशः 4.6 और 4.9 मिलियन हेक्टेयर रहा है।
इस प्रकार स्पष्ट है कि प्रश्नकाल तथा आर्थिक समीक्षा, 2021-22 के अनुसार भी प्रश्नगत कथनों में केवल कथन 1 एवं 3 ही सही हैं।
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7. ‘राष्ट्रीय कृषि बाजार’ (नेशनल एग्रीकल्चर मार्केट) स्कीम को क्रियान्वित करने का/के क्या लाभ है/हैं?
1. यह कृषि वस्तुओं के लिए सर्व-भारतीय इलेक्ट्रॉनिक व्यापार पोर्टल है।
2. यह कृषकों के लिए राष्ट्रव्यापी बाजार सुलभ कराता है, जिसमें उनके उत्पाद की गुणता के अनुरूप कीमत मिलती है।
नीचे दिए गए कूट का प्रयोग कर सही उत्तर चुनिए-
(a) केवल 1
(b) केवल 2
(c) 1 और 2 दोनों
(d) न तो 1, न ही 2
[U.P.S.C. (Pre) 2017]
उत्तर- (c) 1 और 2 दोनों
- राष्ट्रीय कृषि बाजार योजना किसानों को उनकी उपज का बेहतर मूल्य दिलाने तथा कृषि जिंसों के पारदर्शी व्यापार को सुनिश्चित करने हेतु बनाई गई है।
- इसके इलेक्ट्रॉनिक पोर्टल (e-NAM) का शुभारंभ 14 अप्रैल, 2016 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा किया गया।
- यह एक अखिल भारतीय इलेक्ट्रॉनिक ट्रेडिंग पोर्टल है, जो निवर्तमान कृषि उपज विपणन समितियों (APMCs) को एकीकृत कर कृषि जिंसों हेतु एकीकृत राष्ट्रीय बाजार का सृजन करता है।
- इलेक्ट्रॉनिक व्यापार होने के कारण किसानों को उनके उपज की गुणवत्ता के अनुरूप प्रतिस्पर्धी (बेहतर) मूल्य प्राप्त होता है।
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8. निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिए-
राष्ट्रव्यापी ‘मृदा स्वास्थ्य कार्ड स्कीम’ (सॉइल हेल्थ कार्ड स्कीम) का उद्देश्य है-
1. सिंचित कृषि योग्य क्षेत्र का विस्तार करना।
2. मृदा गुणवत्ता के आधार पर किसानों को दिए जाने वाले ऋण की मात्रा के आकलन में बैंकों को समर्थ बनाना।
3. कृषि भूमि में उर्वरकों के अति-उपयोग को रोकना।
उपर्युक्त कथनों में से कौन-सा/से सही है/हैं?
(a) केवल 1 और 2
(b) केवल 3
(c) केवल 2 और 3
(d) 1, 2 और 3
[U.P.S.C. (Pre) 2017]
उत्तर-(b) केवल 3
- राष्ट्रीय ‘मृदा स्वास्थ्य कार्ड योजना’ (SHCS) का शुभारंभ 19 फरवरी, 2015 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा राजस्थान के सूरतगढ़ से “स्वस्थ धरा, खेत हरा” नारे के साथ किया गया था।
- इसका उद्देश्य किसानों को उनकी भूमि की गुणवत्ता के विषय में जागरूक कर उन्हें उर्वरकों के अति-प्रयोग (अनावश्यक प्रयोग) से रोकना तथा कृषि को अधिक उत्पादक, धारणीय तथा पर्यावरण के प्रति लोचशील बनाना है।
- शेष विकल्पों से इसका प्रत्यक्ष संबंध नहीं है।
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9. निम्नलिखित में से कौन-सा/से भारत में 1991 में आर्थिक नीतियों के उदारीकरण के बाद घटित हुआ हुए है/हैं?
1. GDP में कृषि का अंश बृहत रूप से बढ़ गया।
2. विश्व व्यापार में भारत के निर्यात का अंश बढ़ गया।
3. FDI का अंतर्वाह (इनफ्लो) बढ़ गया।
4. भारत का विदेशी विनिमय भंडार बृहत रूप से बढ़ गया।
नीचे दिए गए कूट का प्रयोग कर सही उत्तर चुनिए-
(a) केवल 1 और 4
(b) केवल 2, 3 और 4
(c) केवल 2 और 3
(d) 1, 2, 3 और 4
[U.P.S.C. (Pre) 2017]
उत्तर-(b) केवल 2, 3 और 4
- विश्व विकास संकेतक के अनुसार, भारत के सकल घरेलू उत्पाद (GDP) में कृषि का अंश वर्ष 2000 में 23 प्रतिशत था, जबकि वर्ष 2015 में यह घटकर 17 प्रतिशत रह गया।
- आर्थिक समीक्षा 2015-16 के अनुसार, वर्ष 2014 में विश्व निर्यात में भारत की हिस्सेदारी 1.7 प्रतिशत थी, जबकि वर्ष 1990 और 2000 में यह क्रमशः 0.5 एवं 0.7 प्रतिशत ही थी।
- अतः कथन (2) सत्य है। आर्थिक समीक्षा 2015-16 के अनुसार, भारत का निवल FDI वर्ष 2014-15 (प्रारंभिक आंकड़े) में 31251 मिलियन डॉलर था, जबकि वर्ष 2000-01 में यह मात्र 3272 मिलियन डॉलर था।
- अतः कथन (3) सत्य है। भारत का विदेशी विनिमय भंडार वर्ष 1991-92 में 9220 मिलियन डॉलर था, जो वर्ष 2014-15 में बढ़कर 320649 मिलियन डॉलर हो गया। अतः कथन (4) भी सत्य है। वर्तमान परिदृश्य में भी विकल्प (b) ही सत्य है।
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10. भारत ने किस देश के साथ नीली अर्थव्यवस्था (समुद्री संसाधन) पर सतत् विकास हेतु साझेदारी के लिए टास्क फोर्स का निर्माण किया है?
(a) स्विट्जरलैंड
(b) नॉर्वे
(c) स्वीडन
(d) फ्रांस
[M.P.P.C.S. (Pre) 2020]
उत्तर-(b) नॉर्वे
- 18 फरवरी, 2020 को भारत के तत्कालीन भू-विज्ञान मंत्री डॉ. हर्षवर्धन और नॉर्वे के तत्कालीन जलवायु एवं पर्यावरण मंत्री स्वेइनंग रोटबैठन ने सतत विकास के लिए नीली अर्थव्यवस्था पर भारत-नॉर्वे कार्यबल (Taskforce) की शुरुआत की।
- उल्लेखनीय है कि दोनों देशों के बीच संयुक्त पहल के तहत समुद्री कचरे के निपटान हेतु कई परियोजनाएं पहले से ही चल रही थीं।
- ध्यातव्य है कि सतत विकास के लिए नीली अर्थव्यवस्था पर भारत-नॉर्वे कार्यबल को जनवरी, 2019 में दोनों देशों के प्रधानमंत्रियों ने संयुक्त रूप से लांच किया था।
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11. सूरज धारा योजना संबंधित है-
(a) ऋण संबंधी
(b) बीज अदला-बदली
(c) टीकाकरण
(d) बीमा संबंधी
(e) इनमें से कोई नहीं
[Chhattisgarh P.C.S. (Pre) 2016]
उत्तर-(b) बीज अदला-बदली
- किसान कल्याण एवं कृषि विकास विभाग, मध्य प्रदेश सरकार द्वारा संचालित ‘सूरज धारा योजना’ बीज अदला-बदली से संबंधित है।
- इस योजना के तहत अनुसूचित जाति एवं जनजाति के लघु एवं सीमांत कृषकों को एक हेक्टेयर के लिए दलहनी एवं तिलहनी फसलों की बीज अदला-बदली हेतु अनुदान दिया जाता है।
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12. निम्नांकित में से कौन भारत में सहकारी कृषि के विचार का समर्थक नहीं था?
(a) जवाहरलाल नेहरू
(b) लाल बहादुर शास्त्री
(c) चरण सिंह
(d) अबुल कलाम आजाद
[U.P.P.C.S. (Pre) 1996]
उत्तर-(c) चरण सिंह
- चौधरी चरण सिंह ने नेहरू के सोवियत शैली से आर्थिक विकास का विरोध किया।
- चौधरी चरण सिंह का विचार था कि सहकारी फार्म भारत में सफल नहीं हो सकते हैं।
- अतः चरण सिंह को भारत में सहकारी कृषि का समर्थक नहीं माना जाता है।
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13. निम्नलिखित में से कौन-सा भारत में भूमि सुधार का हिस्सा नहीं है?
(a) जमींदारी प्रथा का उन्मूलन
(b) भूमि जोतों की अधिकतम सीमा का निर्धारण
(c) काश्तकारी सुधार
(d) बहुफसलीय योजना
[U. P. P. C. S. (Pre) (Re-Exam) 2015]
उत्तर-(d) बहुफसलीय योजना
- भारत में आजादी के समय एक ऐसी कृषि व्यवस्था मौजूद थी, जिसमें भूमि का स्वामित्व कुछ हाथों में केंद्रित था।
- अतः देश को समृद्ध बनाने हेतु भूमि सुधार को अति आवश्यक माना गया तथा इस हेतु जमींदारी प्रथा का उन्मूलन, भूमि जोतों की अधिकतम सीमा का निर्धारण एवं काश्तकारी सुधार के कार्यक्रम अपनाए गए।
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14. निम्नांकित में से कौन-सा उपाय कृषि-संरचना को कृषि विकास के लिए प्रेरक बनाने हेतु अपनाया गया है?
(a) मध्यस्थों की समाप्ति
(b) भू-धृति सुधार
(c) जोतों की हदबन्दी
(d) उपरोक्त सभी
[U.P. P.C.S. (mains) 2017]
उत्तर-(d) उपरोक्त सभी
- देश को समृद्ध बनाने हेतु भूमि सुधार को अति आवश्यक माना गया तथा इस हेतु जमींदारी प्रथा का उन्मूलन, भूमि जोतों की अधिकतम सीमा का निर्धारण एवं काश्तकारी सुधार के कार्यक्रम अपनाए गए।
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15. भारत में पट्टेदारी सुधार के उपायों के संदर्भ में, कौन-सा कथन सही है/हैं?
1. लगान का विनियमन
2. अवधि की सुरक्षा
3. पट्टेदारी पर स्वामित्व की घोषणा
नीचे दिए हुए कूटों में से सही उत्तर चुनिए –
(a) केवल 1
(b) केवल 1 और 2
(c) केवल 2 और 3
(d) 1, 2 और 3
[U.P.P.C.S. (Pre), 2019]
उत्तर-(d) 1, 2 और 3
- सामान्य रूप से भूमि सुधारों (Land Reforms) तथा विशेष रूप से पट्टेदारी सुधारों (Tenancy Reforms) का उद्देश्य सामाजिक न्याय के दृष्टिकोण से पट्टों या जोतों के स्वामित्व का पुनर्वितरण तथा भूमि के अनुकूलतम उपयोग की दृष्टि से प्रचालनात्मक जोतों को पुनर्संगठित करना है।
- भूमि सुधारों के तहत मध्यवर्तियों का उन्मूलन और पट्टेदारी सुधार जिसके तहत लगान का विनियमन, पट्टेदारों हेतु पट्टा अवधि की सुरक्षा तथा उन्हें पट्टेदारी का स्वामित्व प्रदान करना शामिल हैं।
- इस पूरी अवधारणा का उद्देश्य वास्तविक कृषकों को अधिकार प्रदान कर उन्हें राज्य के प्रत्यक्ष संपर्क में लाना है।
- पट्टेदारी की सुरक्षा और लगान के विनियमन के साथ वास्तविक कृषकों को पट्टेदारी पर स्वामित्व प्रदान करना कृषकों को उनके श्रम का समुचित प्रतिफल उपलब्ध कराने हेतु आवश्यक है।
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16. भारत में सीमांत जोत का आकार है-
(a) 5 हेक्टेयर से अधिक
(b) 2 हेक्टेयर से 4 हेक्टेयर
(c) 1 हेक्टेयर से 2 हेक्टेयर
(d) 1 हेक्टेयर से कम
[Uttrakhand P.C.S. (Pre) 2016]
उत्तर-(d) 1 हेक्टेयर से कम
- कृषि संगणना 2015-16 के अनुसार, भारत में सीमांत जोत (Marginal land holding) का आकार 1 हेक्टेयर से कम है।
- अर्द्ध जोतों का आकार 1- 2 हेक्टेयर, अर्द्ध मध्यम जोतों का आकार 24 हेक्टेयर, मध्यम जोतों का आकार 4 – 10 हेक्टेयर तथा बृहद् जोतों का आकार 10 हेक्टेयर या इससे अधिक होता है।
- भारत में सकल जोतों में 68.45 प्रतिशत सीमांत जोतें, 17.62 प्रतिशत लघु जोतें, 9.56 प्रतिशत अर्द्ध- मध्यम जोतें 3.8 प्रतिशत मध्यम जोतें तथा 1 प्रतिशत से भी कम (0.57%) बृहद जोतें हैं।
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17. निम्न राज्यों में से कौन ट्यूब-वैल सिंचाई के क्षेत्र में सर्वोच्च है?
(a) उत्तर प्रदेश
(b) बिहार
(c) पंजाब
(d) हरियाणा
[U.P. R.O./A.R.O. (Pre) 2021]
उत्तर-(a) उत्तर प्रदेश
- विकल्पगत राज्यों में ट्यूबवैल से सिंचाई के संदर्भ में उत्तर प्रदेश में सर्वाधिक क्षेत्र है।
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18. गेहूं की सिंचाई हेतु अति क्रांतिक अवस्था है-
(a) ताज निकलने की अवस्था
(b) किल्ले निकलने की अवस्था
(c) बूट अवस्था
(d) संधि की अवस्था
[U.P.P.C.S. (Pre) 2005]
उत्तर- (a) ताज निकलने की अवस्था
- ताज निकलने की अवस्था गेहूं की सिंचाई हेतु अति क्रांतिक अवस्था होती है।
- यदि किसी किसान को एक सिंचाई की सुविधा उपलब्ध हो, तो उसे इसी अवस्था में सिंचाई करने की सलाह दी जाती है।
- विकल्प में दी गई अन्य अवस्थाएं भी सिंचाई की क्रांतिक अवस्था से संबंधित हैं, परंतु इन सबका संबंध एक से अधिक सिंचाई सुविधा उपलब्ध होने पर है।
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19. “…लाखों करोड़ों पुरुष एवं स्त्री श्रमिकों में, जो वास्तव में काम करते हैं, परस्पर हिस्सेदारी एवं सहयोगपूर्ण निष्पादन की भावना भर देना…”
उपर्युक्त अंश संबंधित है-
(a) सुनियोजित विकास से
(b) सामुदायिक विकास से
(c) पंचायती राज प्रणाली से
(d) एकीकृत विकास कार्यक्रम से
[I.A.S. (Pre) 2000]
उत्तर-(b) सामुदायिक विकास से
- सामुदायिक विकास (Community Development) कार्यक्रम अमेरिकी संस्था फोर्ड फाउंडेशन की सहायता से भारत में वर्ष 1952 से प्रारंभ किया गया तथा इसकी शुरुआत करने वाला भारत विश्व का प्रथम देश था।
- एक आत्मनिर्भर, आर्थिक एवं सामाजिक दृष्टि से न्यायपूर्ण सामाजिक व्यवस्था कायम करना सामुदायिक विकास का लक्ष्य रहा है।
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20. भारत में धीमी कृषि विकास गति के लिए निम्नलिखित में से कौन प्रभावी कारण है?
(a) ग्रामीण निर्धनता
(b) शहरी निर्धनता
(c) कुशल श्रमिक
(d) शहर से गांवों की ओर पलायन
[U.P. P.C.S (Mains) 2016]
उत्तर- (a) ग्रामीण निर्धनता
- ग्रामीण निर्धनता कृषकों को कृषि में उन्नत तकनीक के निवेश को हतोत्साहित करती है।
- कृषिरत अधिकांश भारतीय जनता शहरों के बजाय गांवों में निवास करती है।
- अतः शहरी निर्धनता का कृषि विकास पर प्रभाव अल्प या नगण्य है, जबकि शहर से गांवों की ओर पलायन सर्वथा असत्य है।
- अतः अभीष्ट उत्तर विकल्प (a) है।
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21. सूची-1 को सूची-II में सुमेलित कीजिए और सूचियों के नीचे दिए गए कूट का प्रयोग कर सही उत्तर चुनिए-
सूची-1 |
सूची-II |
(A) बड़े सामंतों को आवंटित भूमि |
1. जागीरदारी प्रणाली |
(B) मालगुजारी के इजारेदारों अथवा तहसीलदारों को आवंटित भूमि |
2. रैय्यतवाड़ी प्रणाली |
(C) उप-किराएदारी पर देने, गिरवी रखने, हस्तांतरण करने, उपहार देने या विक्रय करने के अधिकार सहित प्रत्येक किसान को आवंटित भूमि |
3. महलवाड़ी प्रणाली |
(D) ग्राम्य स्तर पर की गई भू-राजस्व बंदोबस्त |
4. जमींदारी प्रणाली |
कूट :
(a) A-1, B-3, C-2, D-4
(b) A-1, B-4, C-2, D-3
(c) A-3, B-4, C-1, D-2
(d) A-2, B-1, C-3, D-4
[I.A.S. (Pre) 2000]
उत्तर-(b) A-1, B-4, C-2, D-3
- व्यक्तिगत रूप से किसान को आवंटित भूमि रैय्यतवाड़ी प्रणाली, बड़े सामंतों को आवंटित भूमि जागीरदारी प्रणाली, मालगुजारी के इजारेदारों अथवा तहसीलदारों को आवंटित भूमि जमींदारी प्रणाली तथा ग्राम्य स्तर पर की गई भू-राजस्व व्यवस्था महलवाड़ी प्रणाली कहलाती है।
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22. भारत की काली मिट्टी किस उत्पादन के लिए बहुत उपयुक्त होती है-
(a) कपास की फसल के लिए
(b) धान की फसल के लिए
(c) गन्ने की फसल के लिए
(d) गेहूं की फसल के लिए
[U.P.P.C.S. (Pre) 2008]
उत्तर- (a) कपास की फसल के लिए
- कपास की फसल के लिए सर्वोत्तम मिट्टी काली मिट्टी है, जो भारत के गुजरात, महाराष्ट्र, पंजाब तथा आंध्र प्रदेश में सर्वाधिक पाई जाती है।
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23. कृषि उत्पादन में काष्ठ के हलों के स्थान पर इस्पात के हलों का उपयोग निम्नलिखित में किसका उदाहरण है?
(a) श्रम बढ़ाने वाली प्रौद्योगिकीय (टेक्नोलॉजिकल) प्रगति
(b) पूंजी बढ़ाने वाली प्रौद्योगिकीय प्रगति
(c) पूंजी घटाने वाली प्रौद्योगिकीय प्रगति
(d) उपर्युक्त में से कोई नहीं
[I.A. S. (Pre) 2015]
उत्तर-(b) पूंजी बढ़ाने वाली प्रौद्योगिकीय प्रगति
- प्रौद्योगिकीय प्रगति दो प्रकार की होती है- (i) श्रम बढ़ाने वाली प्रौद्योगिकीय प्रगति तथा (ii) पूंजी बढ़ाने वाली प्रौद्योगिकीय प्रगति ।
- कृषि उत्पादन में काष्ठ के हलों के स्थान पर इस्पात के हलों का उपयोग पूंजी बढ़ाने वाली प्रौद्योगिकीय प्रगति (Capital Augmentation) को इंगित करता है।
- उन्नत पूंजी संवर्धन प्रगति मौजूदा पूंजीगत वस्तुओं के अधिक उत्पादक उपयोग पर बल देता है।
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24. भारतीय अर्थव्यवस्था में कृषि का योगदान-
(a) बढ़ रहा है।
(b) घट रहा है।
(c) स्थिर है।
(d) उपरोक्त में से कोई नहीं।
[U.P. P.C.S. (mains) 2017]
उत्तर-(b) घट रहा है।
- आर्थिक समीक्षा, 2021-22 के अनुसार, वर्ष 2021-22 (1st A.E.) में चालू मूल्यों पर जीवीए में कृषि, उद्योग एवं सेवा के क्षेत्र का हिस्सा क्रमशः 18.8%, 28.2% तथा 53.0% अनुमानित है, जबकि वर्ष 2019- 20 (1st R.E.) हेतु यह क्रमशः लगभग 20.2%, 25.9% एवं 53.9% अनुमानित है।
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25. आर्थिक नियोजन के युग के आरंभ से भारत की सकल राष्ट्रीय आय में कृषि का हिस्सा-
(a) निरंतर कम होता रहा
(b) निरंतर बढ़ता रहा
(c) पहले बढ़कर फिर कम हुआ है
(d) पहले कम होकर फिर बढ़ा है
[U.P.P.C.S. (Pre) 1999, U.P. Lower Sub. (Pre) 2004]
उत्तर- (a) निरंतर कम होता रहा
- नियोजन के प्रारंभ में अर्थात वर्ष 1950-51 में भारत के सकल राष्ट्रीय आय में कृषि का हिस्सा 53.1% था, जो समय के साथ क्रमशः कम होते हुए 2006-07 में 17.4% वर्ष 2010-11 में 14.5%, वर्ष 2011-12 में 14.1% तथा वर्ष 2012-13 में 13.68% रह गया।
- आर्थिक समीक्षा, 2021-22 के अनुसार, वर्ष 2019-20 (1st R.E.) में सकल मूल्य वर्धन (GVA) में कृषि एवं संबद्ध क्षेत्र का अंशदान चालू कीमतों पर 18.4%, जबकि वर्ष 2020-21 (P.E.) तथा 2021-22 (1st A.E.) में यह क्रमशः 20.2 प्रतिशत तथा 18.8 प्रतिशत अनुमानित है।
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26. निम्न में से किस प्रांत में ‘सोयाबीन’ खेती के अंतर्गत क्षेत्र सर्वाधिक है?
(a) उत्तर प्रदेश
(b) बिहार
(c) मध्य प्रदेश
(d) महाराष्ट्र
[U.P.P.C.S. (Mains) 2012]
उत्तर-(c) मध्य प्रदेश
- वर्ष 2009-10 के आंकड़ों के आधार पर सोयाबीन कृषि के अंतर्गत सर्वाधिक क्षेत्र मध्य प्रदेश (5.35 मिलियन हेक्टेयर) में है।
- इस संदर्भ में दूसरा स्थान महाराष्ट्र (3.02 मिलियन हेक्टेयर) का है।
- वर्ष 2013-14 के आंकड़ों के अनुसार भी मध्य प्रदेश 6.30 मिलियन हेक्टेयर तथा महाराष्ट्र 3.52 मिलियन हेक्टेयर के साथ क्रमशः पहले एवं दूसरे स्थान पर हैं।
- आर्थिक समीक्षा, 2021-22 के अनुसार, वर्ष 2020-21 (च.अ.अ.) में सोयाबीन उत्पादक शीर्ष तीन राज्य हैं- महाराष्ट्र (6.20 मिलियन टन), मध्य प्रदेश (4.61 मिलियन टन) तथा राजस्थान (1.09 मिलियन टन) है।
- सोयाबीन प्रोसेसर्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया के खरीफ, 2021 के आंकड़ों के अनुसार, क्षेत्रानुसार इन राज्यों का क्रम निम्न है- मध्य प्रदेश (55.69 लाख हेक्टेयर), महाराष्ट्र (43.85 लाख हेक्टेयर) तथा राजस्थान (9.25 लाख हेक्टेयर)।
- उत्पादकता के आधार पर शीर्ष तीन राज्य निम्न हैं- महाराष्ट्र (1102 किग्रा./हे.), गुजरात/ तेलंगाना (1015 किग्रा./हे.)।
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27. निम्नलिखित युग्मों में से कौन सुमेलित नहीं हैं?
(फसल) |
(देश) |
(a) रबड़ |
थाईलैंड |
(b) कहवा |
मंगोलिया |
(c) जैतून |
स्पेन |
(d) गन्ना |
ब्राजील |
[U.P. R.O./A.R.O. (Pre) 2021]
उत्तर-(b) कहवा – मंगोलिया
- दिए गये विकल्पों में शीर्ष कॉफी (कहवा) उत्पादक देश ब्राजील है, न कि मंगोलिया।
- शेष सभी विकल्प सही हैं।
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28. सूची-1 को सूची-II के साथ मिलान कीजिए, नीचे दिए गए कूट में से अपने उत्तर का चयन कीजिए-
सूची-1 |
सूची-II |
(फल) |
(सबसे बड़ा उत्पादक) |
A. आम |
1. जम्मू और कश्मीर |
B. लीची |
2. केरल |
C. नारियल |
3. बिहार |
D. सेब |
4. उत्तर प्रदेश |
A B C D
(a) 4,3,2,1
(b) 1,2,3,4
(c) 4,3,2,1
(d) 1,2,4,3
[U.P. R.O./A.R.O. (Pre) 2021]
उत्तर-(c) 4,3,2,1
- सही सुमेलन है –
(फल) |
(सबसे बड़ा उत्पादक) |
आम |
उत्तर प्रदेश |
लीची |
बिहार |
नारियल |
केरल |
सेब |
जम्मू और कश्मीर |
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29. ‘काशी लालिमा’ निम्नलिखित में से किस फसल की प्रजाति है?
(a) गाजर
(b) भिन्डी
(c) प्याज
(d) टमाटर
[U.P. R.O./A.R.O. (Pre) 2021]
उत्तर-(b) भिन्डी
- काशी लालिमा भिन्डी फसल की एक प्रजाति है।
- यह गर्मी और खरीफ दोनों मौसमों में उगाई जा सकती है।
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30. भारत में फसलों की बुआई के अंतर्गत शुद्ध क्षेत्रफल है लगभग-
(a) 12 करोड़ हे.
(b) 16 करोड़ हे.
(c) 14 करोड़ हे.
(d) 17 करोड़ हे.
[U.P.R.O./A.R.O. (Pre) 2016]
उत्तर- (c) 14 करोड़ हे.
- कृषि सांख्यिकी, 2015 के अनुसार भारत में फसलों की बुआई के अंतर्गत शुद्ध क्षेत्रफल वर्ष 2012-13 (अनंतिम) में 13.99 करोड़ हेक्टेयर रहा।
- अतः निकटतम उत्तर विकल्प (c) है।
- बुआई के अंतर्गत शुद्ध क्षेत्र (Net Area Sown) से तात्पर्य, फसलों और बगीचों (Orchards) के साथ बोए गए कुल क्षेत्र से होता है।
- इसके आकलन (Estimation) के क्रम में एक वर्ष में एक से अधिक बार बोए गए क्षेत्र को भी एक ही बार गिना जाता है।
- कृषि मंत्रालय की वार्षिक रिपोर्ट, 2020-21 के अनुसार देश का कुल भौगोलिक क्षेत्र 328.7 मिलियन हेक्टेयर है, जिसमें कुल शुद्ध बोया गया क्षेत्र 139.4 मिलियन हेक्टेयर तथा कुल फसल क्षेत्र 200.2 मिलियन हेक्टेयर है, जबकि फसल सघनता 143.6 प्रतिशत और शुद्ध बोया गया क्षेत्र कुल फसली क्षेत्र का 42.4 प्रतिशत है।
- शुद्ध सिंचित क्षेत्र 68.6 मिलियन हेक्टेयर है।
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31. निम्न में से किस वर्ष में खाद्यान्न उत्पादन में वृद्धि दर ऋणात्मक रही?
(a) 2001-02
(b) 2003-04
(c) 2004-05
(d) 2005-06
[U.P.P.C.S. (Pre) 2008]
उत्तर-(c) 2004-05
- प्रश्नकाल में विकल्प (c) सही था।
- लेकिन वर्तमान आर्थिक समीक्षा, 2021-22 के अनुसार, वर्ष 2000-01 से 2009-10 की अवधि में मात्र वर्ष 2002-03 एवं वर्ष 2008-09 ही ऐसे वर्ष रहे जिसमे कृषि क्षेत्र की वार्षिक वृद्धि दर ऋणात्मक क्रमशः (-4.4%) तथा (-0.6%) रही।
- वर्ष 2010-11 से 2021-22 (1 A.E.) की अवधि में कृषि क्षेत्र में किसी भी वर्ष ऋणात्मक वृद्धि नहीं दर्ज की गई है।
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32. निम्नलिखित में से किस वर्ष में कृषि क्षेत्र में वृद्धि की दर ऋणात्मक रही है?
(a) 2012-13
(b) 2013-14
(c) 2014-15
(d) 2015-16
[U.P. P.C.S. (mains) 2017]
उत्तर-(c) 2014-15
- वर्ष 2014-15 के प्रथम एवं द्वितीय संशोधित अनुमानों के अनुसार, कृषि एवं संबद्ध क्षेत्र में स्थिर मूल्यों पर नकारात्मक वृद्धि दर क्रमशः 0.2 प्रतिशत तथा – 0.3 प्रतिशत अनुमानित किया गया था।
- लेकिन वर्तमान आर्थिक समीक्षा 2021-22 के अनुसार, विकल्पगत सभी वर्षों में कृषि क्षेत्र में धनात्मक वृद्धि दर्ज की गई है या विगत एक दशक (2010-11 से 2021-22 1 A.E.) में कृषि क्षेत्र में कभी भी ऋणात्मक वृद्धि दर दर्ज नहीं की गई है।
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33. 1997-98 में भारतीय कृषि उत्पादन ने ऋणात्मक वृद्धि दर्शाई है-
(a) 2.4%
(b) 3.2%
(c) 3.5%
(d) 1%
[U.P. Lower Sub. (Pre)1998]
उत्तर- (a) 2.4%
- प्रश्नकाल में विकल्प (a) सही था, जबकि आर्थिक समीक्षा, 2021-22 के अनुसार वर्ष 1997-98 में यह दर -0.9 प्रतिशत है, अगर वर्ष 1990-91 से वर्ष 1999-2000 की अवधि की बात करें तो इस अवधि के दौरान कृषि क्षेत्र में ऋणात्मक वृद्धि दर्ज करने वाले वर्ष निम्नलिखित थे – वर्ष 1991-92 (-1.2%) तथा वर्ष 1997-98 (-0.9%)।
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34. किस पंचवर्षीय योजना में कृषि ने ऋणात्मक विकास प्रदर्शित किया?
(a) तीसरी में
(b) पांचवीं में
(c) सातवीं में
(d) नवीं में
[U.P.P.C.S. (Mains) 2004]
उत्तर- (a) तीसरी में
- तीसरी पंचवर्षीय योजना में कृषि ने ऋणात्मक विकास प्रदर्शित किया था।
- वर्ष 1961-65 के दौरान कृषि उत्पादन की वृद्धि दर (Growth Rate) -1.0% दर्ज की गई थी।
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35. कथन (A): भारत में खाद्यान्न उत्पादन में लगभग आत्मनिर्भरता प्राप्त हो गई है।
कारण (R) : अब भारत थोक मात्रा में खाद्यान्न का आयात नहीं करता है।
उपरोक्त वक्तव्यों के संदर्भ में निम्नलिखित में से कौन-सा सही है?
कूट :
(a) (A) तथा (R) दोनों सही हैं तथा (R), (A) की सही व्याख्या करता है।
(b) (A) तथा (R) दोनों सही हैं, परंतु (R), (A) की सही व्याख्या नहीं करता है।
(c) (A) सही है, परंतु (R) गलत है।
(d) (A) गलत है, परंतु (R) सही है।
[U.P. U.D.A./L.D.A. (Pre) 2002, U.P.P.C.S. (Pre) 2003]
उत्तर-(a) (A) तथा (R) दोनों सही हैं तथा (R), (A) की सही व्याख्या करता है।
- हरित क्रांति के बाद से भारत में खाद्यान्न उत्पादन में अपेक्षित वृद्धि हुई है।
- वर्ष 1950-51 में कुल उत्पादन लगभग 50.8 मिलियन टन था, जो वर्ष 2001-02 में बढ़कर 211.9 मिलियन टन हो गया।
- इस प्रकार इस अवधि में खाद्यान्न उत्पादन में चार गुने से अधिक वृद्धि हुई तथा भारत खाद्यान्न में लगभग आत्मनिर्भर हो चुका है।
- वर्ष 2001- 02 में भारत द्वारा खाद्यान्न का आयात कुल आयात मूल्य का मात्र 4.5% था।
- अतः कथन एवं कारण दोनों सही हैं तथा कारण, कथन की व्याख्या भी करता है।
- आर्थिक समीक्षा, 2021-22 के अनुसार, वर्ष 2020-21 (चतुर्थ अग्रिम अनुमान) में खाद्यान्न उत्पादन 308.6 मिलियन टन अनुमानित है।
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36. निम्न कथन से हम क्या समझते हैं-
“भारत ने राष्ट्रीय खाद्यान्न सुरक्षा प्राप्त कर ली है, परंतु पारिवारिक सुरक्षा नहीं प्राप्त की है”?
(a) प्रत्येक परिवार को अंतःस्थ (‘बफर’) स्टॉक उपलब्ध नहीं है।
(b) खाद्यान्न उत्पादन वृद्धि दर्शाता है, परंतु प्रति व्यक्ति उपलब्धता घटी है।
(c) गरीबी से नीची रेखा में व्यक्तियों की संख्या बढ़ी है।
(d) खाद्यान्न स्टॉक पर्याप्त है, परंतु सभी परिवारों को उसे प्राप्त करने की सामर्थ्य नहीं है।
[U.P.P.C.S. (Spl.) (Mains) 2008]
उत्तर-(d) खाद्यान्न स्टॉक पर्याप्त है, परंतु सभी परिवारों को उसे प्राप्त करने की सामर्थ्य नहीं है।
- 1960 के दशक में हरित क्रांति के परिणामस्वरूप भारत में खाद्यान्न उत्पादन में आशातीत वृद्धि दर्ज हुई।
- इसी के साथ भारत की जनसंख्या में भी तीव्र वृद्धि हुई, पुनः 1990 के दशक में प्रारंभ पूंजीवादी नीति के अनुपालन के कारण संक्रमणशील भारतीय अर्थव्यवस्था में तीव्र आर्थिक वृद्धि का लाभ समाज के निम्न वर्गों को प्राप्त नहीं हुआ।
- इन सब कारकों का सम्मिलित प्रभाव यह हुआ कि पर्याप्त खाद्यान्न उपलब्धता के बावजूद क्रय शक्ति सामर्थ्य के अति निम्न स्तर के कारण खाद्यान्न समाज के अति कमजोर वर्ग (गरीब) के क्रय शक्ति से बाहर रहा।
- इसी संदर्भ में कहा जा सकता है कि “भारत ने राष्ट्रीय खाद्यान्न सुरक्षा प्राप्त कर ली है, किंतु पारिवारिक सुरक्षा अभी तक प्राप्त नहीं कर सका है।”
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37. निम्नलिखित में से विश्व में सब्जियों का सर्वाधिक उत्पादन करने वाला देश कौन-सा है?
(a) चीन
(b) यू.एस.ए.
(c) भारत
(d) ब्राजील
[U.P. Lower Sub. (Pre) 2015]
उत्तर- (a) चीन
- प्रश्नकाल तथा वर्तमान में भी सब्जियों का सर्वाधिक उत्पादन करने वाला देश चीन है।
- चीन के बाद दूसरा स्थान भारत का है।
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38. निम्नलिखित कॉफी उत्पादक देशों को उनके कॉफी उत्पादन (2016) (मात्रा) को अवरोही क्रम में व्यवस्थित करें और नीचे दिए गए कूट से सही उत्तर का चयन करें।
A. कोलंबिया
B. वियतनाम
C. ब्राजील
D. इंडोनेशिया
कूट :
(a) D, C, B, A
(b) C, B, A, D
(c) B, D, C, A
(d) C, A, B, D
[U.P.P.C.S. (Pre) 2018]
उत्तर-(b) वियतनाम
- प्रश्नकाल तथा वर्ष 2019 के आंकड़ों के आधार पर भी विकल्प (b) सही उत्तर था/है।
- FAO द्वारा जारी आंकड़ों के अनुसार वर्ष 2020 में, कॉफी उत्पादक शीर्ष 5 देश क्रमशः निम्न हैं- ब्राजील, वियतनाम, कोलंबिया, इंडोनेशिया तथा इथिओपिया।
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39. भारत में सबसे अधिक कॉफी उत्पन्न करने वाला राज्य कौन-सा है?
(a) महाराष्ट्र
(b) कर्नाटक
(c) तमिलनाडु
(d) केरल
[47th B.P.S.C. (Pre) 2005]
उत्तर-(b) कर्नाटक
- प्रश्नकाल तथा वर्ष 2020-21 के आंकड़ों के अनुसार भी कॉफी उत्पादन में प्रथम स्थान कर्नाटक का था/ है।
- मार्च, 2022 तक के आंकड़ों के अनुसार, वर्ष 2020-21 में भारतीय राज्यों में कर्नाटक (235500 मीट्रिक टन) कॉफी का सबसे बड़ा उत्पादक है।
- कर्नाटक के बाद इस संदर्भ में क्रमशः केरल (69100 मीट्रिक टन) एवं तमिलनाडु (17900 मीट्रिक
टन) का स्थान आता है।
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40. निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिए-
1. विश्व में भारत एकमात्र देश है जो रेशम के ज्ञात सभी पांच व्यापारिक प्रकार उत्पन्न करता है।
2. भारत विश्व में चीनी का सबसे बड़ा उत्पादक है।
उपरोक्त कथनों में से कौन-सा/से सही है/हैं ?
(a) केवल 1
(b) केवल 2
(c) दोनों 1 और 2
(d) न ही 1 और न ही 2
[I.A.S. (Pre) 2005]
उत्तर- (a) केवल 1
- प्रश्नकाल तथा वर्तमान में भी विकल्प (b) ही सही है।
- रेशम के ज्ञात सभी 5 व्यापारिक किस्मों का एकमात्र उत्पादक देश भारत है।
- रेशम की ये 5 श्रेणियां इस प्रकार हैं- मलबेरी (Mulberry), ट्रॉपिकल टसर (Tropical Tasar), ओक टसर (Oak Tasar), इरी (Eri) एवं मूगा (Muga)।
- रेशम उत्पादन में चीन का प्रथम एवं भारत का द्वितीय स्थान है।
- भारत, विश्व में रेशम का सबसे बड़ा उपभोक्ता देश भी है। मलबरी रेशम का उत्पादन कर्नाटक, आंध्र प्रदेश, तमिलनाडु, जम्मू-कश्मीर एवं प. बंगाल राज्यों में, जबकि गैर-मलबरी रेशम का उत्पादन झारखंड, छत्तीसगढ़, ओडिशा एवं उत्तर-पूर्वी राज्यों में बहुतायत से होता है।
- इस प्रकार सही उत्तर विकल्प (a) होगा।
- OECD-FAO द्वारा जारी Agricultural Outlook, 2021-30 के पूर्वानुमानों के अनुसार वर्ष 2018-20 एवं वर्ष 2030 तक विश्व में चीनी का सबसे बड़ा उत्पादक ब्राजील तथा दूसरा सबसे बड़ा उत्पादक भारत रहेगा।
- उपभोग के संदर्भ में भारत सबसे बड़ा उपभोक्ता है/रहेगा।
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41. निम्न में से कौन-सा एक कृषि में उत्पादकता बढ़ाने का रास्ता है?
(a) कुशल सिंचाई
(b) गुणवत्तायुक्त बीज
(c) कीटनाशकों का प्रयोग
(d) उर्वरकों का प्रयोग
(e) उपर्युक्त में से कोई नहीं/उपर्युक्त में से एक से अधिक
[B.P.S.C. (Pre) 2018]
उत्तर-(e) उपर्युक्त में से कोई नहीं/उपर्युक्त में से एक से अधिक
- उपर्युक्त विकल्पों में दिए गए सभी उपाय कृषि में उत्पादकता बढ़ाने के रास्ते हैं।
- भारत में 60 और 70 के दशक में बीज, खाद, सिंचाई, कीटनाशकों और पादप संरक्षण तकनीकों के उत्पादन, विकास और प्रयोग में वृद्धि हुई।
- इससे देश में हरित क्रांति का सूत्रपात हुआ।
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42. निम्नलिखित में से कौन-सा भारतीय कृषि की निम्न उत्पादकता का कारण नहीं है ?
(a) जनसंख्या का दबाव
(b) प्रछन्न बेरोजगारी (Disguised Unemployment)
(c) सहकारी कृषि
(d) भू-जोत का छोटा आकार
[U.P. U.D.A./L.D.A. (Pre) 2002]
उत्तर-(c) सहकारी कृषि
- 20वें दशक के प्रारंभ में भारत में सहकारी कृषि की दिशा में प्रारंभिक प्रयास आरंभ हुए।
- स्वतंत्रता के उपरांत प्रारंभिक वर्षों में सहकारी कृषि को बढ़ावा देने का विशेष प्रयास किया गया।
- सहकारी कृषि उत्पादकता में वृद्धि करती है। इस प्रकार सहकारी कृषि भारतीय कृषि की निम्न उत्पादकता का कारण नहीं है।
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43. भारतीय अर्थव्यवस्था में कृषि का महत्व उसके निम्नांकित में से किस योगदान से जाना जाता है?
(a) राष्ट्रीय आय तथा रोजगार
(b) औद्योगिक विकास तथा अंतरराष्ट्रीय व्यापार
(c) खाद्यान्न आपूर्ति
(d) उपरोक्त सभी से
[U.P.P.C.S. (Pre) 2007]
उत्तर- (d) उपरोक्त सभी से
- भारतीय अर्थव्यवस्था आज भी मूल रूप से एक कृषि आधारित अर्थव्यवस्था है।
- भले ही आज जीडीपी (सकल घरेलू उत्पाद) में कृषि क्षेत्र का योगदान वर्ष 1950-51 के 53.1% से घटकर वर्ष 2021-22 (1 A.E.) में 18.8% तथा 2020-21 (P.E.) में 20.2% रह गया हो, परंतु आज भी भारत की आधी से अधिक जनसंख्या (जनगणना 2011 के अनुसार, लगभग 55%) कृषि कार्य में संलग्न है।
- वर्ष 2020-21 में भारत के सकल निर्यात में कृषि एवं संबद्ध वस्तुओं की हिस्सेदारी 14.3% थी, जबकि इसी वर्ष भारत के आयात में कृषि एवं संबद्ध वस्तुओं की हिस्सेदारी 4.5 प्रतिशत है, जो अंतरराष्ट्रीय व्यापार की दृष्टि से महत्वपूर्ण है।
- औद्योगिक विकास के मुख्य अवयव वस्त्र एवं चीनी कृषि पर ही आधारित हैं।
- भारत उपभोग हेतु अधिकांश खाद्यान्न की आपूर्ति अपने कृषि उत्पादन से ही करता है।
- इस प्रकार अभीष्ट उत्तर विकल्प (d) है।
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44. भारत में कृषि आय कर लगाया जा सकता है-
(a) राज्य सरकारों द्वारा
(b) केंद्र सरकार द्वारा
(c) स्थानीय सरकारों द्वारा
(d) केंद्र तथा राज्य सरकारों द्वारा
[U.P.P.C.S. (Mains) 2009]
उत्तर- (a) राज्य सरकारों द्वारा
- भारत में कृषि आय पर कर आरोपण राज्य सरकार के अधिकार क्षेत्र के अंतर्गत आता है।
- संविधान की सातवीं अनुसूची के सूची-2 (राज्य सूची) की मद संख्या 45 से 63 में राज्य सरकारों के कर-अधिकारों का विवरण है।
- इसी के तहत मद संख्या 46 में कृषि आय पर कर का उल्लेख है।
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45. उत्तर प्रदेश में सर्वाधिक प्रतिशत कर्मचारी नियोजित हैं-
(a) कृषि क्षेत्र में
(b) उद्योग क्षेत्र में
(c) सेवा क्षेत्र में
(d) उद्योग एवं सेवा क्षेत्र में
[U.P.P.C.S. (Mains) 2012]
उत्तर- (a) कृषि क्षेत्र में
- वर्ष 2011 की जनगणनानुसार, उत्तर प्रदेश में कृषि क्षेत्र में सर्वाधिक (59.3%) कर्मचारी नियोजित हैं।
- प्रदेश के कुल कर्मियों में कृषक 29.0% जबकि कृषि श्रमिक 30.3% हैं।
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46. निम्न में से नकदी फसल कौन-सी नहीं है?
(a) जूट
(b) मूंगफली
(c) ज्वार
(d) गन्ना
(e) उपरोक्त में से कोई नहीं / उपरोक्त में से एक से अधिक
[B.P.S.C. (Pre) 2016]
उत्तर-(c) ज्वार
- नकदी फसलें वो फसलें होती हैं, जिनका उत्पादन वाणिज्यिक उद्देश्य से किया जाता है न कि उपभोग के उद्देश्य से।
- उपर्युक्त विकल्पों में ज्वार को मोटे खाद्यान्न फसलों के अंतर्गत श्रेणीबद्ध किया जाता है।
- आर्थिक समीक्षा भारत सरकार, भारत की प्रमुख फसलों को निम्न प्रकार प्रदर्शित करता है-
शेष सभी नकदी फसलें हैं।
(A) खाद्यान्न फसलें (या खाद्य फसल)
(1) चावल, गेहूं, मक्का, मोटे अनाज
(2) दलहन
(B) गैर-खाद्यान्न फसलें (नकदी फसलें)
(1) तिलहन, मूंगफली, रैपसीड और सरसों
(2) रेशेदार – कपास, जूट, मेस्ता
(3) बगानी फसलें – चाय, कॉफी, रबड़
(4) अन्य – गन्ना, तंबाकू, आलू।
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47. ‘काली क्रांति’ संबंधित है-
(a) मत्स्य उत्पादन
(b) कोयला उत्पादन
(c) कच्चा तेल उत्पादन
(d) सरसों उत्पादन
(e) उपरोक्त में से कोई नहीं/ उपरोक्त में से एक से अधिक
[B.P.S.C. (Pre) 2016]
उत्तर-(c) कच्चा तेल उत्पादन
(प्रमुख क्रांतियां) |
(संबंध) |
हरित क्रांति |
खाद्यान्न उत्पादन |
ग्रे क्रांति |
उर्वरक उत्पादन |
गुलाबी क्रांति |
झींगा/प्याज उत्पादन |
नीली क्रांति |
मत्स्य उत्पादन |
लाल क्रांति |
टमाटर/मांस उत्पादन |
श्वेत क्रांति |
दुग्ध उत्पादन |
पीली क्रांति |
तिलहन उत्पादन |
काली क्रांति |
कच्चा तेल उत्पादन |
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48. विशेष कृषि एवं ग्राम उद्योग योजना का मुख्य उद्देश्य है-
(a) कृषि निर्यात का संवर्धन।
(b) खाद्य फसलों की उत्पादकता बढ़ाना।
(c) तिलहन की खेती बढ़ाना।
(d) दलहन की खेती का संवर्धन।
[U.P. U.D.A./L.D.A. (Spl.) (Pre) 2010*]
उत्तर- (a) कृषि निर्यात का संवर्धन।
- विशेष कृषि एवं ग्राम उद्योग योजना का मुख्य उद्देश्य कृषि निर्यात को प्रोत्साहित करना है।
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49. भारत में फसल बीमा योजना का शुभारंभ हुआ-
(a) 1945 में
(b) 1980 में
(c) 1985 में
(d) 1988 में
[U.P.P.C.S. (Mains) 2012]
उत्तर-(c) 1985 में
- भारत में फसल बीमा हेतु प्रथम प्रयास 1 अप्रैल 1985 को खरीफ फसल के दौरान किया गया, जब भारत सरकार द्वारा ‘व्यापक फसल बीमा योजना’ (CCIS : Comprehensive Crop Insurance Scheme) का शुभारंभ किया गया था।
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50. राष्ट्रीय कृषि बीमा योजना भारत में किस वर्ष में प्रारंभ हुई थी?
(a) 1997-98
(b) 1998-99
(c) 1999-2000
(d) 2000-2001
[Uttrakhand P.C.S. (Pre) 2016, U.P.P.C.S. (Mains) 2003]
उत्तर-(c) 1999-2000
- केंद्रीय कृषि मंत्रालय द्वारा अप्रैल, 1985 से प्रारंभ व्यापक फसल बीमा योजना की जगह पर रबी मौसम 1999-2000 से ‘राष्ट्रीय कृषि बीमा योजना’ प्रारंभ की गई थी।
- इस योजना का मुख्य उद्देश्य सूखा, बाढ़, ओला वृष्टि, चक्रवात, आग, कीट / बीमारियों तथा प्राकृतिक आपदाओं आदि से फसलों की हुई क्षति से कृषकों को संरक्षण प्रदान करना था।
- वर्तमान में प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना ने इसे प्रतिस्थापित कर दिया है।
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51. किस वित्तीय वर्ष के संघीय बजट में राष्ट्रीय कृषि बीमा योजना को खरीफ फसल पर भी लागू किया गया?
(a) 2005-06
(b) 2004-05
(c) 2003-04
(d) 2002-03
[U.P.P.C.S. (Mains) 2004, 2005]
उत्तर-(b) 2004-05
- वर्ष 1999-2000 के रबी मौसम से प्रारंभ राष्ट्रीय कृषि बीमा योजना को वर्ष 2004-05 के बजट से खरीफ फसलों पर भी लागू किया गया।
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52. उत्तर प्रदेश में किसान बही योजना लागू की गई थी-
(a) 1970 में
(b) 1975 में
(c) 1990 में
(d) 1992 में
[U.P.P.C.S. (Pre) 2010]
उत्तर-(d) 1992 में
- किसान बही योजना उत्तर प्रदेश में वर्ष 1992 में लागू की गई थी।
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53. निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिए –
1. त्वरित सिंचाई लाभ कार्यक्रम 1996-97 में गरीब किसानों को ऋण सहायता उपलब्ध कराने के लिए आरंभ किया गया था।
2. कमांड क्षेत्र विकास कार्यक्रम 1974-75 में जल-उपयोग दक्षता का विकास के लिए शुरू किया गया था।
निम्नलिखित में से सही विकल्प का चयन कीजिए-
(a) केवल 1
(b) केवल 2
(c) 1 और 2 दोनों
(d) न तो 1 और न ही 2
[I.A. S. (Pre) 2015]
उत्तर-(b) केवल 2
- त्वरित सिंचाई लाभ कार्यक्रम वर्ष 1996-97 में ऐसे राज्यों को ऋण सहायता उपलब्ध कराने के लिए शुरू किया गया था, जिनकी अधूरी वृहद् /मध्यम सिंचाई परियोजनाएं पूरी होने के अग्रिम चरणों में थीं।
- केंद्र द्वारा प्रायोजित कमांड क्षेत्र विकास कार्यक्रम की शुरुआत वर्ष 1974-75 में सिंचाई संभाव्यता का दक्ष उपयोग करने के लिए किया गया था।
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54. राष्ट्रीय कृषि विकास योजना के संबंध में निम्न कथनों पर विचार करिए और बताइए कि इनमें से कौन सही नहीं है?
(a) यह वर्ष 2007-08 में लागू की गई।
(b) इस हेतु ग्यारहवी पंचवर्षीय योजना में 25000 करोड़ रु. व्यय करने का विचार है।
(c) इस योजना के अंतर्गत राज्यों को अतिरिक्त केंद्रीय सहायता 80 प्रतिशत ग्रांट के रूप में प्राप्त होगी।
(d) योजना के अंतर्गत खाद्य फसलों का एकीकृत विकास, कृषि का अभियंत्रीकरण, वर्षा पर आधारित कृषि आदि कार्य सम्मिलित हैं।
[U.P.P.C.S. (Pre) 2009]
उत्तर-(c) इस योजना के अंतर्गत राज्यों को अतिरिक्त केंद्रीय सहायता 80 प्रतिशत ग्रांट के रूप में प्राप्त होगी।
- राष्ट्रीय कृषि विकास योजना 16 अगस्त, 2007 से संचालित है, जो वित्त वर्ष 2007-08 के अंतर्गत है।
- अतः विकल्प (a) सही है।
- इस हेतु 11वीं पंचवर्षीय योजना में 25000 करोड़ रु. व्यय की राशि सुनिश्चित की गई थी अतः विकल्प (b) सही है। इस योजना के अंतर्गत राज्यों को अतिरिक्त केंद्रीय सहायता 100% अनुदान के रूप में प्राप्त होगी न कि 80%, अतः विकल्प (c) गलत है।
- विकल्प (d) सही है। वर्ष 2015-16 से योजना की वित्तपोषण प्रणाली को केंद्र एवं राज्यों के बीच 60 : 40 (पूर्वोत्तर राज्यों एवं हिमालयी राज्यों के लिए 90: 10) कर दिया गया हैं।
- केंद्रशासित क्षेत्रों के लिए वित्तपोषण पद्धति 100 प्रतिशत केंद्रीय अनुदान है।
- नवंबर, 2017 में भारत सरकार ने 15722 करोड़ रुपये के वित्तीय आवंटन से 3 वर्ष (2017-18 से 2019-20) की अवधि हेतु राष्ट्रीय कृषि विकास योजना (RKVY) को ‘राष्ट्रीय कृषि विकास योजना संबद्ध क्षेत्र पुनरुद्धार हेतु लाभकारी दृष्टिकोण’ (आरकेवीवाई – रफ्तार) कृषि के रूप में जारी रखने हेतु मंजूरी दी।
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55. राष्ट्रीय कृषि विकास योजना में किसे शामिल नहीं किया गया है?
(a) मिट्टी परीक्षण प्रयोगशाला
(b) उर्वरक गुण नियंत्रण प्रयोगशाला
(c) कृषि यंत्र परीक्षण प्रयोगशाला
(d) कृषि अभियांत्रिकी
(e) इनमें से कोई नहीं
[Chhattisgarh P.C.S. (Pre) 2017]
उत्तर-(d) कृषि अभियांत्रिकी
- राष्ट्रीय कृषि विकास योजना वर्ष 2007 से संचालित है।
- इस योजना के तहत कृषि संबंद्ध क्षेत्रों के अंतर्गत क्राप हसबैंड्री जिसमें हार्टीकल्चर, पशुपालन, कृषि शोध तथा शिक्षा, कृषि अभियंत्रीकरण (Agricultural Mechanization), कृषि विपणन, खाद्य भंडारण, मृदा तथा जल संरक्षण, कृषि वित्तीय संस्थाएं तथा कृषि कार्यक्रम एवं सहकारिता शामिल हैं।
- कृषि अभियांत्रिकी (Agriculture Engineering) इसमें शामिल नहीं है।
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56. आठवीं योजना के अंतर्गत योजना आयोग ने भारत को जितने प्रमुख कृषि जलवायु प्रदेशों में विभक्त किया था, वह संख्या है-
(a) 10
(b) 15
(c) 20
(d) 25
[R.A.S./R.T.S. (Pre) 1999, 2000]
उत्तर-(b) 15
- आठवीं पंचवर्षीय योजना हेतु योजना आयोग द्वारा भारत को 15 कृषि जलवायु प्रदेशों में विभाजित किया गया था।
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57. राष्ट्रीय हॉर्टीकल्चर मिशन किस पंचवर्षीय योजना में आरंभ किया गया था?
(a) ग्यारहवीं पंचवर्षीय योजना में
(b) दसवीं पंचवर्षीय योजना में
(c) नवीं पंचवर्षीय योजना में
(d) उपर्युक्त में से कोई नहीं
[U.P.P.C.S. (Mains) 2009]
उत्तर-(b) दसवीं पंचवर्षीय योजना में
- राष्ट्रीय हॉर्टीकल्चर मिशन (NHM) एक केंद्र प्रायोजित योजना है। इसे वर्ष 2005-06 (5 मई, 2005 से) में दसवीं योजना के दौरान प्रारंभ किया गया था।
- इस योजना का उद्देश्य भारत में बागवानी क्षेत्र का समग्र विकास तथा उत्पादन में वृद्धि करना है।
- राष्ट्रीय बागवानी मिशन का लक्ष्य वर्ष 2011-12 तक देश में बागवानी उत्पादन को 300 मिलियन टन तथा इसके तहत बुआई क्षेत्र को 40 लाख हेक्टेयर करना था।
- भारत में बागवानी उत्पादन को बढ़ावा देने के लिए वर्ष 2012 को बागवानी वर्ष (Year of Horticulture) भी घोषित किया गया था।
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58. राष्ट्रीय बागवानी मिशन कब प्रारंभ किया गया?
(a) मई, 2004 में
(b) मई, 2006 में
(c) मई, 2007 में
(d) मई, 2005 में
[U.P. P.C.S (Mains) 2016]
उत्तर-(d) मई, 2005 में
- उपर्युक्त प्रश्न की व्याख्या देखें।
- राष्ट्रीय बागवानी मिशन 5 मई, 2005 से प्रारंभ किया गया था।
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59. निम्नलिखित में से कौन-सा राज्य राष्ट्रीय बागवानी मिशन (एन. एच. एम.) से आच्छादित है?
(a) जम्मू एवं कश्मीर
(b) अरुणाचल प्रदेश
(c) उत्तर प्रदेश
(d) हिमाचल प्रदेश
[U.P.P.C.S. (Mains) 2010]
उत्तर-(c) हिमाचल प्रदेश
- प्रश्नकाल हेतु विकल्प (c) सही उत्तर था।
- 12वीं पंचवर्षीय योजना के दौरान भारत सरकार द्वारा राष्ट्रीय बागवानी मिशन (NHM), पूर्वोत्तर और हिमालयी राज्यों के लिए बागवानी मिशन (HMNEH), राष्ट्रीय बांस मिशन, आदि सभी उपमिशनों को मिलाकर ‘एकीकृत बागवानी विकास मिशन (MIDH) का गठन किया गया।
- इस मिशन के अंतर्गत सभी राज्य केंद्रशासित प्रदेश सम्मिलित हैं।
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60. निम्नलिखित में से कौन-सा ‘राष्ट्रीय बागवानी मिशन’ का उद्देश्य नहीं है?
(a) वित्तीय सहायता प्रदान करना
(b) बागवानी क्षेत्र में ऊंची संवृद्धि प्राप्त करना
(c) शस्योत्तर व्यवस्था (पोस्ट-हार्वेस्ट मैनेजमेंट)
(d) मानव संसाधन विकास
[U.P. U.D.A./L.D.A. (Spl.) (Mains) 2010]
उत्तर-(d) मानव संसाधन विकास
- राष्ट्रीय बागवानी मिशन का उद्देश्य बागवानी क्षेत्र में ऊंची संवृद्धि प्राप्त करना, शस्योत्तर व्यवस्था करना तथा वित्तीय सहायता प्रदान है।
- इसमें मानव संसाधन का विकास करना को सम्मिलित नहीं किया गया है।
- अतः विकल्प (c) सही उत्तर है।
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61. कृषि श्रमिक सामाजिक सुरक्षा योजना उपलब्ध कराती है-
(a) ग्राम स्तर पर अधिक गुणवत्तायुक्त जीवन
(b) अतिरिक्त मजदूरी रोजगार
(c) पेंशन तथा बीमा लाभ
(d) अनुदानित आवासीय सुविधाएं
[U.P. U.D.A./L.D.A. (Pre) 2001]
उत्तर- (c) पेंशन तथा बीमा लाभ
- कृषि श्रमिक सामाजिक सुरक्षा योजना को 1 जुलाई, 2001 से प्रारंभ किया गया था।
- यह योजना जीवन बीमा सुरक्षा, एकमुश्त जीवन लाभ तथा कृषि मजदूरों को पेंशन लाभ उपलब्ध कराती है।
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62. ‘लघु कृषक-विकास योजना’ आरंभ की गई-
(a) वर्ष 1947 में
(b) वर्ष 1967 में
(c) वर्ष 1980 में
(d) वर्ष 1971 में
[U.P. P.C.S. (Mains) 2014]
उत्तर- (d) वर्ष 1971 में
- लघु कृषक-विकास एजेंसी प्रोग्राम वर्ष 1971 से देश के 1818 विकास खंडों में आरंभ की गई थी।
- यह कार्यक्रम छोटे और सीमांत किसानों के मूल्यांकन एवं अध्ययन के लिए प्रारंभिक तौर पर असम के कामरूप जिले में आरंभ किया गया था।
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63. राज्य खाद्य आयोग की स्थापना किस कानून के अंतर्गत होती है?
(a) राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम, 2013
(b) राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम, 2019
(c) राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम, 2020
(d) उपर्युक्त में से कोई नहीं
[M.P.P.C.S. (Pre) 2020]
उत्तर-(a) राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम, 2013
- राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम, 2013 (NFSA) की 10 सितंबर, 2013 को अधिसूचित धारा 16 के अनुसार, प्रत्येक राज्य सरकार अधिसूचना द्वारा, इस अधिनियम के कार्यान्वयन को मॉनीटर करने और उसका पुनर्विलोकन करने के उद्देश्य से एक ‘राज्य खाद्य आयोग’ का गठन करेगी।
- संरचना – इसमें एक अध्यक्ष, पांच अन्य सदस्य और एक सदस्य-सचिव शामिल होंगे।
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64. राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा कानून के संदर्भ में कौन-सा कथन सत्य नहीं है?
(a) 67 प्रतिशत जनता को कानूनी रूप से सब्सिडी वाले खाद्य प्रदान करती है।
(b) यह 75 प्रतिशत ग्रामीण जनसंख्या और 50 प्रतिशत शहरी जनसंख्या को आच्छादित करती है।
(c) इसके केवल दो अनुच्छेद हैं, जो कीमत की समस्या और भोजन की पौष्टिकता के स्तर को निर्धारित करता है।
(d) उपरोक्त सभी
[Jharkhand P.C.S. (Pre) 2017]
उत्तर-(c) इसके केवल दो अनुच्छेद हैं, जो कीमत की समस्या और भोजन की पौष्टिकता के स्तर को निर्धारित करता है।
- सरकार ने संसद द्वारा पारित राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम, 2013, 10 सितंबर, 2013 को अधिसूचित किया है।
- जिसका उद्देश्य एक गरिमापूर्ण जीवन जीने के लिए लोगों को वहनीय मूल्यों पर अच्छी गुणवत्ता के खाद्यान्न की पर्याप्त मात्रा उपलब्ध कराते हुए उन्हें मानव जीवन चक्र दृष्टिकोण में खाद्य और पौषणिक सुरक्षा प्रदान करना है।
- इस अधिनियम के लक्षित सार्वजनिक वितरण प्रणाली के अंतर्गत राज्य सहायता प्राप्त खाद्यान्न प्राप्त करने के लिए 75 प्रतिशत ग्रामीण आबादी और 50 प्रतिशत शहरी आबादी को दायरे में लाने का प्रावधान है।
- इस प्रकार कुल 67 प्रतिशत आबादी को इसके दायरे में लाया जाएगा।
- अतः राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा के संदर्भ में कथन (c) सत्य नहीं है।
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65. राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम के संदर्भ में, निम्नलिखित कथनों में कौन सही है/हैं?
I. यह 75 प्रतिशत ग्रामीण और 50 प्रतिशत शहरी जनसंख्या को आच्छादित करेगी।
II. महिलाओं और बच्चों को पोषण संबंधी सहायता पर विशेष ध्यान देना।
III.18 वर्ष आयु से अधिक की सबसे बड़ी महिला परिवार की मुखिया होगी।
नीचे दिए हुए कूटों में से सही उत्तर चुनिए –
(a) I और II सही हैं
(b) II और III सही हैं
(c) I, II और III सही हैं
(d) इनमें से कोई नहीं
[U.P.P.C.S. (Pre), 2019]
उत्तर-(c) I, II और III सही हैं
देश की जनता को खाद्य एवं पोषण सुरक्षा उपलब्ध कराने के उद्देश्य से 10 सितंबर, 2013 को ‘राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम’ अधिसूचित किया गया था। इस अधिनियम के प्रमुख प्रावधान इस प्रकार हैं-
- देश की 75 प्रतिशत ग्रामीण जनसंख्या और 50 प्रतिशत शहरी जनसंख्या अर्थात देश की कुल जनसंख्या के लगभग दो-तिहाई (67 प्रतिशत) को आच्छादित करना।
- पात्र परिवारों को 3 रु., 2 रु. तथा 1 रु. की सब्सिडीकृत कीमत पर क्रमशः चावल, गेहूं तथा मोटे अनाज की 5 किग्रा. मात्रा प्रति व्यक्ति प्रतिमाह उपलब्ध कराना।
- अंत्योदय अन्न योजना’ (AAY) के अति निर्धन परिवारों को प्रति परिवार प्रतिमाह 35 किग्रा. खाद्यान्न रियायती दर पर प्रदान किया जाता रहेगा।
- 18 वर्ष या इससे अधिक आयु की सबसे बड़ी महिला का नाम परिवार के मुखिया के तौर पर नामित करने और उन्हीं के नाम राशन कार्ड जारी करने का प्रावधान।
- महिलाओं और बच्चों को पोषण संबंधी सहायता प्रदान करने संबंधी विशेष प्रावधान।
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66. राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा मिशन (एन.एफ.एस.एम.) का उद्देश्य निम्नलिखित में से कौन नहीं है?
(a) उच्च उत्पादक किस्म के बीजों का वितरण।
(b) सुधारीकृत उत्पादन तकनीक का निदर्शन।
(c) साख सुविधाओं को सुदृढ़ करना।
(d) फसलों की नई विकसित किस्मों का प्रचार-प्रसार करना।
[U.P.P.C.S. (Pre) 2016]
उत्तर-(c) साख सुविधाओं को सुदृढ़ करना।
- राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा मिशन अक्टूबर, 2007 में प्रारंभ किया गया था। मिशन के निम्न उद्देश्य हैं-
1. देश के अभिज्ञात जिलों में क्षेत्र विस्तार और सतत रीति से उत्पादकता वर्धन के माध्यम से धान, गेहूं और दलहन के उत्पादन में बढ़ोत्तरी।
2. मृदा उत्पादकता और उर्वरता का संरक्षण।
3. खेत के स्तर पर आर्थिक लाभ को बढ़ाना, ताकि किसानों में आत्मविश्वास पैदा हो सके।
- अतः उपर्युक्त को ध्यान में रखते हुए विकल्प (c) अर्थात साख सुविधाओं को बढ़ाना, राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा मिशन का उद्देश्य नहीं है।
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67. निम्नलिखित में से कौन-सी फसल राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा मिशन से आच्छादित नहीं है?
(a) दलहनें
(b) चावल
(c) गेहूं
(d) मोटे अनाज
[U.P.P.C.S. (Mains) 2010]
उत्तर- (d) मोटे अनाज
- प्रश्नकाल में विकल्प (d) सही उत्तर था।
- जबकि वर्तमान में विकल्पगत सभी फसलें इसमें शामिल हैं।
- राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा मिशन (NFSM : प्रारंभ वर्ष 2007-08 रबी सीजन से) एक केंद्र प्रायोजित योजना है, जिसे वर्ष 2011-12 तक (11वीं पंचवर्षीय योजना के अंत तक) गेहूं, चावल और दलहन का क्रमशः 10, 8 और 2 मिलियन टन अतिरिक्त उत्पादन (कुल 20 मिलियन टन खाद्यान्न का अतिरिक्त उत्पादन) प्राप्त करने के लक्ष्य के साथ प्रारंभ किया गया था।
- वर्तमान स्थिति – आच्छादित – फसलें – चावल, गेहूं, दलहन, मोटे अनाज व वाणिज्यिक फसलें ।
- 12वीं योजना के अंत तक 10 मिलियन टन चावल, 8 मिलियन टन गेहूं, 4 मिलियन टन दलहन और 3 मिलियन टन मोटे अनाज समेत कुल 25 मिलियन टन अतिरिक्त खाद्यान्न उत्पादन का लक्ष्य था।
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68. भारत में राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा मिशन कब से प्रभावी हुआ?
(a) 2007-08 की रबी फसल से
(b) 2007-08 की खरीफ फसल से
(c) 2005-06 की रबी फसल से
(d) 2006-07 की खरीफ फसल से
[U.P.P.C.S. (Mains) 2008]
उत्तर- (a) 2007-08 की रबी फसल से
- भारत में राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा मिशन 2007-08 की रबी फसल से प्रभावी हुआ था।
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69. ‘नीली क्रांति’ संबंधित है-
(a) खाद्यान्न उत्पादन से
(b) तिलहन उत्पादन से
(c) दुग्ध उत्पादन से
(d) मत्स्य उत्पादन से
[U.P.P.C.S. (Pre) 1997*]
उत्तर-(d) मत्स्य उत्पादन से
- नीली क्रांति मत्स्य उत्पादन से संबंधित है।
- इस क्रांति को बढ़ावा देने के उद्देश्य से भारत सरकार द्वारा ‘राष्ट्रीय मत्स्य विकास बोर्ड’ की स्थापना 9 सितंबर, 2006 को एक स्वायत्त संस्था के रूप में की गई थी, जिसका मुख्यालय हैदराबाद में है।
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70. निम्नलिखित में से विश्व में मछली का सबसे बड़ा उत्पादक देश कौन-सा है?
(a) जापान
(b) चीन
(c) रूस
(d) यू.एस.ए.
[U.P. R.O./A.R.O. (Pre) 2021]
उत्तर-(b) चीन
- 2019 में, कुल उत्पादन के 36 प्रतिशत हिस्से के साथ चीन Capture fisheries & aquaculture दोनों के लिए सबसे बड़ा और मुख्य उत्पादक है।
- अतः विकल्प (b) सही उत्तर है।
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71. निम्नलिखित में से क्या भारत में नीली क्रांति से संबंधित है?
(a) बागवानी
(b) पुष्पकृषि
(c) मत्स्य पालन
(d) रेशम उत्पादन
(e) इनमें से कोई नहीं
[Chhattisgarh P.C.S. (Pre) 2016]
उत्तर-(c) मत्स्य पालन
- भारत में ‘नीली क्रांति’ (Blue Revolution) मत्स्य पालन से संबंधित है।
- कृषि एवं संबद्ध क्षेत्र से संबंधित अन्य क्रांतियां निम्नलिखित हैं-
हरित क्रांति खाद्य उत्पादन
श्वेत क्रांति
दुग्ध उत्पादन
भूरी क्रांति
उर्वरक उत्पादन
पीली क्रांति तिलहन उत्पादन
लाल क्रांति
मांस/टमाटर उत्पादन
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72. नाइजर (रामतिल) की फसल एक तेल की फसल है। इसके बीजों में तेल की मात्रा कितनी पाई जाती है?
(a) 7-16%,
(b) 17-26%
(c) 27-36%
(d) 37-47%
[U.P. R.O./A.R.O. (Pre) 2021]
उत्तर-(d) 37-47%
- नाइजर एक छोटी तिलहन फसल है, जो मुख्य रूप से बारानी परिस्थितियों में उगाई जाती है।
- नाइजर बीज का उपयोग मानव भोजन के रूप में किया जाता है।
- बीज में 37-47% तेल होता है, जो अखरोट के स्वाद और सुखद गंध के साथ हल्का पीला होता है।
- तेल का उपयोग पाक उद्देश्यों के लिए, शरीर का अभिषेक करने, पेंट और मुलायम साबुन बनाने और प्रकाश और स्नेहन के लिए किया जाता है।
- अतः विकल्प (d) इस प्रश्न का सही उत्तर है।
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73. पीत क्रांति संबंधित है उत्पादन से-
(a) खाद्यान्न के
(b) मत्स्य के
(c) तिलहन के
(d) दुग्ध के
[U.P.P.C.S. (Pre) 2007*]
उत्तर-(c) तिलहन के
- पीत या पीली क्रांति (Yellow Revolution) का संबंध तिलहन उत्पादन से है।
- इस क्रांति की शुरुआत ‘भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद’ (Indian Council of Agricultural Research) द्वारा चलाए गए ‘तिलहन पर तकनीकी मिशन’ (Technology Mission on Oilseeds) से वर्ष 1986 में हुई।
- इस मिशन के प्रारंभ से विभिन्न तिलहनों में 25% से लेकर 420% तक की वृद्धि दर अंकित की गई है।
- आर्थिक समीक्षा, 2021- 22 के अनुसार वर्ष 2020-21 (4th A.E.) में तिलहन उत्पादन 36.1 मिलियन टन अनुमानित है, जबकि वर्ष 2019-20 में यह 33.2 मिलियन टन उत्पादित था।
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74. विश्व में ‘हरित क्रांति के जनक’ हैं-
(a) नॉर्मन ई. बोरलॉग
(b) एम.एस. स्वामीनाथन
(c) जी.एस. खुश
(d) बी.पी. पाल
[U.P. Lower Sub. (Pre) 2015]
उत्तर- (a) नॉर्मन ई. बोरलॉग
- अमेरिकी वैज्ञानिक नॉर्मन ई. बोरलॉग को ‘हरित क्रांति का जनक’ (Father of Green Revolution) माना जाता है।
- इन्हें वर्ष 1970 में शांति का नोबेल पुरस्कार (Nobel Prize for Peace) दिया गया था।
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75. भारतीय ‘हरित क्रांति’ की जन्मस्थली है-
(a) पंतनगर
(b) बंगलौर
(c) कानपुर
(d) दिल्ली
[M.P.P.C.S. (Pre) 2006]
उत्तर- (a) पंतनगर
- भारत में हरित क्रांति का प्रारंभ वर्ष 1966 से माना जाता है।
- भारत में हरित क्रांति लाने में कृषि विश्वविद्यालय, पंतनगर का महत्वपूर्ण योगदान रहा है, इसलिए इसे हरित क्रांति की जन्मस्थली भी कहा जाता है।
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76. भारत में हरित क्रांति (Green Revolution) जब आरंभ हुई, तो निम्नलिखित में से कौन इससे संबंधित नहीं था?
(a) एम.एस. स्वामीनाथन
(b) सी. सुब्रमण्यम
(c) इंदिरा गांधी
(d) रफी अहमद किदवई
[M.P.P.C.S. (Pre) 2006]
उत्तर-(d) रफी अहमद किदवई
- भारत में हरित क्रांति (1966) के जनक कृषि वैज्ञानिक एम. एस. स्वामीनाथन थे, जबकि तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी एवं तत्कालीन केंद्रीय कृषि मंत्री सी. सुब्रमण्यम की भूमिका भी इसमें अत्यंत अहम रही।
- अतः स्पष्ट है कि उपर्युक्त दिए गए विकल्पों में से विकल्प (d) अर्थात रफी अहमद किदवई को छोड़कर शेष तीनों हरित क्रांति से संबंधित थे।
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77. निम्न में से कौन-सा एक, 20वीं शताब्दी के सातवें दशक के अंतिम दौर की ‘हरित क्रांति’ की प्रकृति का सबसे उचित वर्णन करता है?
(a) हरी सब्जियों की अत्यधिक खेती
(b) गहन कृषि जिला कार्यक्रम
(c) उच्च उपज किस्म कार्यक्रम
(d) बीज-उर्वरक-जल तकनीकी
(e) उपर्युक्त में से कोई नहीं/उपर्युक्त में से एक से अधिक
[B.P.S.C. (Pre) 2018]
उत्तर-(d) बीज-उर्वरक-जल तकनीकी
- 20वीं शताब्दी के सातवें दशक के अंतिम दौर की हरित क्रांति की प्रकृति का सबसे उचित वर्णन बीज-उर्वरक -जल तकनीकी करता है।
- उच्च पैदावार विविधता बीजों (HYV Seeds), उर्वरक, सिंचाई हेतु पानी, कृषि मशीनरी, कीटनाशकों का प्रयोग किसानों के कृषि ज्ञान ने कृषि के क्षेत्र में उल्लेखनीय परिवर्तन लाया, जिसे तकनीकी रूप से हरित क्रांति या कृषि क्रांति के रूप में जाना जाता है।
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78. सार्वजनिक वितरण प्रणाली से वितरित अनाज पर कीमत बढ़ाने का उद्देश्य है-
(a) किसानों को आकर्षक कीमत मिले।
(b) अनाज के उपयोग को नियंत्रित किया जा सके।
(c) इस योजना में निहित उपादान का भार कम हो सके।
(d) इस योजना से लाभ कमाना।
[U.P.P.C.S. (Pre) 1995]
उत्तर-(c) इस योजना में निहित उपादान का भार कम हो सके।
- सार्वजनिक वितरण प्रणाली (Public Distribution System) के माध्यम से सरकार गरीब परिवारों को उचित मूल्य पर खाद्यान्न उपलब्ध कराती है। PDS से जारी खाद्यान्नों पर सरकार सब्सिडी प्रदान करती है।
- PDS द्वारा जारी खाद्यान्नों की कीमतें बाजार कीमतों की अपेक्षा कम होती हैं।
- अतः यदि सरकार PDS से वितरित अनाजों की कीमत में वृद्धि करती है, तो इसका सीधा प्रभाव यह होगा कि PDS पर दी जाने वाली सब्सिडी (उपादान) का भार कम होगा।
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79. ऑपरेशन फ्लड का संबंध निम्नांकित में से है-
(a) बाढ़ को रोकना
(b) दुग्ध उत्पादन
(c) असम के उग्रवादियों के विरुद्ध संघर्ष
(d) कर चोरी के खिलाफ छापा
[R.A.S./R.T.S. (Pre) 1992*]
उत्तर-(b) दुग्ध उत्पादन
- श्वेत क्रांति की गति तेज करने के उद्देश्य से ऑपरेशन फ्लड चलाया गया।
- इसका संबंध ‘दुग्ध उत्पादन’ से है।
- इसकी शुरुआत वर्ष 1970 में ‘राष्ट्रीय डेयरी विकास बोर्ड’ ने की थी, जिसके सूत्रधार डॉ. वर्गीज कुरियन थे।
- ऑपरेशन फ्लड के कारण ही भारत का विश्व दुग्ध उत्पादन में प्रथम स्थान है।
- आर्थिक समीक्षा, 2021-22 के अनुसार, देश में दुग्ध उत्पादन 6.2 प्रतिशत की चक्रवृद्धि वार्षिक वृद्धि दर से बढ़कर वर्ष 2020-21 में 209.96 मिलियन टन तक पहुंच गया है, जो वर्ष 2014-15 में 146.31 मिलियन टन था।
- साथ ही प्रति व्यक्ति दुग्ध उपलब्धता 2020-21 (P) में 427 ग्राम प्रतिदिन के स्तर पर पहुंच गई है।
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80. ऑपरेशन फ्लड-II का निम्न में किससे संबंध है?
(a) बाढ़ की रोकथाम
(b) दुग्ध आपूर्ति
(c) मत्स्य उत्पादन
(d) स्वच्छ जलापूर्ति
[U.P.P.C.S. (Pre) 1992*]
उत्तर-(b) दुग्ध आपूर्ति
- भारत में वर्गीज कुरियन के नेतृत्व में दुग्ध व्यवसाय के विकास के लिए वर्ष 1970 में ‘ऑपरेशन फ्लड’ नामक अभियान चलाया गया।
- अब तक ऑपरेशन फ्लड-I (1970 से मार्च, 1981 तक), ऑपरेशन फ्लड-II (अप्रैल, 1981 से मार्च, 1985 तक), ऑपरेशन फ्लड-III (अप्रैल, 1985 से मार्च, 1995 तक), ऑपेरशन फ्लड-IV (अप्रैल, 1995 से मार्च, 2000 तक) पूरे हो चुके हैं।
- ऑपरेशन फ्लड एक सफल कार्यक्रम सिद्ध हुआ, जिसके परिणामस्वरूप दुग्ध उत्पादन में भारत विश्व में प्रथम स्थान प्राप्त कर चुका है।
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81. 1950-90 की अवधि में भारत में खाद्यान्नों का उत्पादन बढ़कर तीन गुने से अधिक हो गया है, फिर भी सही अर्थ में आत्मनिर्भरता, जिसका तात्पर्य है भूख से मुक्ति, नहीं प्राप्त की जा सकी है। इसके निम्नलिखित में से कौन-से कारण हैं?
1. हरित क्रांति देश के छोटे-छोटे खंडों तक सीमित रही है।
2. गरीबों की कमाई की तुलना में खाद्य के भाव बहुत अधिक हैं।
3. मोटे अनाजों की तुलना में गेहूं और धान पर अत्यधिक बल दिया गया है।
4. हरित क्रांति के अधिकांश लाभ नकदी फसलों को ही मिले हैं, खाद्य फसलों को नहीं।
निम्नलिखित कूटों में सही उत्तर का चयन कीजिए-
(a) 1, 2 और 3
(b) 1, 2 और 4
(c) 1, 3 और 4
(d) 2, 3 और 4
[I.A.S. (Pre) 1994]
उत्तर- (a) 1, 2 और 3
- हरित क्रांति की यह आलोचना की जाती है कि इसका लाभ कुछ विशेष क्षेत्रों एवं बड़े किसानों को ही मिला है।
- पुनः हरित क्रांति में मोटे अनाजों की उपेक्षा कर गेहूं, चावल एवं कुछ नकदी फसलों के उत्पादन को बढ़ाने पर ही ध्यान केंद्रित किया गया।
- खाद्यान्न की कीमतें मात्र प्रथम पंचवर्षीय योजना की अवधि को छोड़कर निरंतर बढ़ती रही हैं, जिसमें न्यूनतम समर्थन मूल्यों (Minimum Support Price) में वृद्धि का प्रमुख योगदान रहा है।
- खाद्यान्नों की कीमत वृद्धि की अपेक्षा समाज के निम्न आय वर्ग के लोगों की आय में कम वृद्धि हुई है।
- अतः वर्ष 1950-90 की अवधि में खाद्यान्नों में लगभग तीन गुनी वृद्धि के बावजूद भारत को अभी भी भूख से मुक्ति प्राप्त नहीं हो सकी है।
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82. हरित क्रांति से भारत के कौन-से राज्य सर्वाधिक लाभान्वित हुए?
(a) बिहार, प. बंगाल और असम
(b) राजस्थान, गुजरात और महाराष्ट्र
(c) पंजाब, हरियाणा और पश्चिमी उ. प्र.
(d) तमिलनाडु, आंध्र प्रदेश और केरल
[U.P.P.C.S. (Pre) 2008]
उत्तर- (c) पंजाब, हरियाणा और पश्चिमी उ. प्र.
- भारत में हरित क्रांति का प्रारंभ वर्ष 1966 में खरीफ फसल से हुआ।
- इसका सर्वाधिक सकारात्मक प्रभाव पंजाब, हरियाणा, पश्चिमी उ. प्र. तथा आंध्र प्रदेश, महाराष्ट्र एवं तमिलनाडु के कुछ जिलों में दिखाई दिया।
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83. प्रधानमंत्री जी द्वारा प्रस्तावित द्वितीय हरित क्रांति में सम्मिलित नहीं है-
(a) भारतीय कृषकों को सार्वभौमिक (ग्लोबल) कृषि व्यापार में सहभागिता।
(b) फसल पश्चात खाद्यान्न में क्षति को कम-से-कम करना।
(c) फसलों के भंडारण में सुधार।
(d) कृषि में विदेशी मुद्रा के सीधे निवेश को प्रोत्साहन ।
[U.P.P.C.S. (Spl.) (Mains) 2008]
उत्तर- (d) कृषि में विदेशी मुद्रा के सीधे निवेश को प्रोत्साहन ।
- ‘द्वितीय हरित क्रांति’ शब्द सबसे पहले 18 जुलाई, 2005 को भारत-अमेरिका संयुक्त वक्तव्य के दौरान सुनाई पड़ा था।
- इस ‘वक्तव्य’ में प्रधानमंत्री जी ने आशा व्यक्त की थी कि कृषि के क्षेत्र में ज्ञान पहल (Knowledge Initiative) देश में दूसरी हरित क्रांति की अग्रदूत बनेगी।
- इस ज्ञान पहल के द्वारा जैव प्रौद्योगिकी के क्षेत्र सहित कृषि शिक्षा, अनुसंधान, क्षमता निर्माण में मदद करने के लिए दोनों देशों के विश्वविद्यालयों और तकनीकी संस्थाओं तथा व्यवसायों को जोड़ने पर बल दिया गया था।
- अतः स्पष्ट है कि कृषि में विदेशी मुद्रा के सीधे निवेश के बजाय ‘ज्ञान पहल’ पर जोर दिया गया था।
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84. निम्नलिखित में से कौन-सी कृषि करने की प्रक्रिया पर्यावरण संरक्षण में सहायक है?
(a) अधिक उपज वाली किस्म की खेती
(b) ग्लास हाउस में पौधे उगाना
(c) शिफ्टिंग खेती
(d) जैविक खेती
[U.P.P.C.S. (Pre) 2008]
उत्तर-(d) शिफ्टिंग खेती
- जैविक खेती या आर्गेनिक फार्मिंग एक ऐसी उत्पादन प्रणाली है जो मृदा, पारिस्थितिक तंत्र और लोगों के स्वास्थ्य के अनुकूल होती है।
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85. ‘गहन कदन्न संवर्धन के माध्यम से पोषण सुरक्षा हेतु पहल’ (Initiative for Nutritional Security Through Intensive Millets Promotion) के संदर्भ में निम्नलिखित कथनों में से कौन-सा/से सही है/हैं?
1. इस पहल का उद्देश्य उन्नत उत्पादन और कटाई उपरांत प्रौद्योगिकियों को निदर्शित करना है, एवं समूह उपागम (कलस्टर अप्रोच) के साथ एकीकृत रीति से मूल्यवर्धन तकनीकों को निदर्शित करना है।
2. इस योजना में निर्धन, लघु सीमांत एवं जनजातीय किसानों की बड़ी हितधारिता (स्टेक) है।
3. इस योजना का एक महत्वपूर्ण उद्देश्य वाणिज्यिक फसलों के किसानों को, पोषकों के अत्यावश्यक निवेशों के और लघु सिंचाई उपकरणों के निःशुल्क किट प्रदान कर, कदन्न की खेती की ओर प्रोत्साहित करना है।
नीचे दिए गए कूट का प्रयोग कर सही उत्तर चुनिए।
(a) केवल 1
(b) केवल 2 और 3
(c) केवल 1 और 2
(d) 1.2 और 3
[L.A.S. (Pre) 2016]
उत्तर-(c) केवल 1 और 2
- ‘गहन कदन्न संवर्धन के माध्यम से पोषण सुरक्षा हेतु पहल’ (INSIMP : Initiative for Nutritional Security Through Intensive Millets promotion) का उद्देश्य उन्नत उत्पादन एवं कटाई उपरांत प्रौद्योगिकियों तथा समूह उपागगम (कलस्टर एप्रोच) के साथ एकीकृत रीति से मूल्यवर्धित तकनीकों का प्रदर्शन करना है।
- अर्थात इस पहल के अंतर्गत मोटे अनाजों की उत्पादकता तथा उत्पादन में वृद्धि, कदन्न संबंधी खाद्य प्रसंस्करण को प्रोत्साहन तथा उन्हें उपभोक्ताओं के लिए आकर्षक बनाने के प्रयास किए जाएंगे, जिससे कि पोषण के साथ-साथ किसानों की आय को भी बढ़ाया जा सके।
- योजना के अनुसार मूल्यवर्धित तकनीकों का निःशुल्क वितरण उन किसानों को किया जाएगा जिनकी जोत अधिकतम 2 हेक्टेयर हो।
- अर्थात इस योजना के अंतर्गत निर्धन, लघु सीमांत एवं जन जातीय किसानों की बड़ी हितधारिता (Stake) है।
- अतः अभीष्ट उत्तर विकल्प (c) होगा।
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86. राष्ट्रीय कृषि तकनीक परियोजना (NATP) का पोषण, भारत में जिस अंतरराष्ट्रीय वित्तप्रदायी अभिकरण द्वारा होता है, वह है-
(a) खाद्य एवं कृषि संगठन
(b) विश्व बैंक
(c) एशियन बैंक
(d) संयुक्त राष्ट्र विकास कार्यक्रम
[U.P.P.C.S. (Mains) 2002]
उत्तर-(b) विश्व बैंक
- राष्ट्रीय कृषि तकनीक परियोजना (NATP) विश्व बैंक से सहायता प्राप्त परियोजना है।
- यह परियोजना ‘भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद’ (ICAR) और कृषि एवं सहकारिता विभाग (DAC) द्वारा नवंबर, 1998 से कार्यान्वित की जा रही है।
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87. ‘प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना’ के संदर्भ में निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिए-
1. इस योजना के अंतर्गत कृषकों को वर्ष के किसी भी मौसम में उनके द्वारा किसी भी फसल की खेती करने पर दो प्रतिशत की एकसमान दर से बीमा किश्त का भुगतान करना होगा।
2. यह योजना, चक्रवात एवं गैर-मौसमी वर्षा से होने वाले कटाई- उपरांत घाटे को बीमाकृत करती है।
उपर्युक्त कथनों में से कौन-सा/से सही है/हैं?
(a) केवल 1
(b) केवल 2
(c) 1 और 2 दोनों
(d) न तो 1, न ही 2
[I.A.S. (Pre) 2016]
उत्तर-(b) केवल 2
- कृषि क्षेत्र में व्याप्त अनिश्चितताओं से उत्पन्न समस्याओं के समाधान हेतु सरकार द्वारा 13 जनवरी, 2016 को ‘प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना’ (PMFBY) घोषित की गई।
- इस योजना के माध्यम से सरकार कम प्रीमियम दरों पर सभी किसानों को सभी प्रकार (सामान्य तथा वाणिज्यिक) की फसलों पर बीमा प्रदान करेगी।
- इस योजना के निम्नलिखित उद्देश्य हैं-
• प्राकृतिक आपदाओं, कीटों एवं बीमारियों के परिणामस्वरूप फसलों की क्षति की स्थिति में किसानों को वित्तीय सहयोग प्रदान करना।
• किसानों की कृषि में निरंतरता सुनिश्चित करने हेतु उनकी आय में स्थायित्व लाना।
• किसानों को उन्नत एवं आधुनिक कृषि विधियों को अपनाने हेतु प्रेरित करना।
• कृषि क्षेत्र में साख प्रवाह को सुनिश्चित करना। इस योजना के अंतर्गत खाद्यान्न फसलों (अनाज, मोटे अनाज तथा दालें) तिलहन तथा वार्षिक वाणिज्यिक फसलों एवं बागवानी को शामिल किया गया है।
- इसके अंतर्गत बीमा किस्त की दर (बीमित राशि या अनुमानित भावी क्षति जो कम हो अनुपात) एकसमान न होकर अलग-अलग (खरीफ फसलों हेतु 2.0%, रबी फसलों हेतु 1.5% तथा वार्षिक वाणिज्यिक एवं बागवानी फसलों हेतु 5%) है।
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88. फसल बीमा निम्न में से किसके एकाधिकार में है?
(a) नेशनल इंश्योरेंस कंपनी
(b) एल.आई.सी.
(c) जनरल इंश्योरेंस कंपनी
(d) नाबार्ड
[U.P.P.C.S. (Spl) (Mains) 2008]
उत्तर- (d) नाबार्ड
- भारत में कृषि क्षेत्र को बीमा कवर उपलब्ध कराने हेतु ‘भारतीय कृषि बीमा कंपनी’ निर्दिष्ट संस्था है।
- भारतीय कृषि बीमा कंपनी में सामान्य बीमा निगम, नेशनल इंश्योरेंस कंपनी लिमिटेड, न्यू इंडिया इंश्योरेंस कंपनी लिमिटेड, ओरिएंटल इंश्योरेंस कंपनी लिमिटेड, यूनाइटेड इंडिया इंश्योरेंस कंपनी लिमिटेड तथा नाबार्ड (NABARD) ने पूंजी लगा रखी है।
- प्रो. वी.एम. दाण्डेकर को ‘भारत में फसल बीमा का जनक’ (Father of Crop Insurance in India) कहा जाता है।
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89. मौसम-आधारित फसल बीमा योजना सर्वप्रथम लागू की गई थी-
(a) हरियाणा में
(b) कर्नाटक में
(c) पंजाब में
(d) तमिलनाडु में
[U.P.U.D.A./L.D.A. (Mains) 2010]
उत्तर-(b) कर्नाटक में
- उपर्युक्त प्रश्न की व्याख्या देखें।मौसम आधारित फसल बीमा योजना सर्वप्रथम कर्नाटक में वर्ष 2007 (खरीफ सीजन) में लागू की गई थी।
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90. निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिए –
1. ‘वर्षा बीमा’, भारतीय कृषि बीमा कंपनी लिमिटेड (AICIL) द्वारा किया जाता है।
II. यह योजना वर्ष 2007 के दौरान दक्षिण-पश्चिम मानसून अवधि में शुरू की गई थी।
उपर्युक्त कथनों में से कौन-सा/से सही है/हैं?
(a) केवल 1
(b) केवल II
(c) दोनों I और II
(d) न तो 1 और न ही II
[56th to 59th B. P. S.C. (Pre) 2015]
उत्तर- (a) केवल 1
- उपर्युक्त प्रश्न की व्याख्या देखें।इससे पहले कृषि क्षेत्र में लागू बीमा योजनाओं का क्रियान्वयन ‘सामान्य बीमा कंपनी’ (General Insurance Company : GIC) द्वारा किया जाता था, किंतु कृषि क्षेत्र की व्यापक एवं विशिष्ट आवश्यकताओं के दृष्टिगत भारत सरकार ने दिसंबर, 2002 में भारतीय कृषि बीमा कंपनी लि. (AICIL) की स्थापना की, जो कृषि क्षेत्र के बीमा कवर (वर्षा बीमा, फसल बीमा आदि) हेतु प्रमुख उत्तरदायी बीमा संस्था है।
- एआईसी (AIC) द्वारा वर्षा बीमा को खरीफ वर्ष 2004 के दौरान शुरू किया गया था।
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91. निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिए
1. भारतवर्ष में फसल बीमा योजना 1985 में प्रारंभ की गई।
2. उत्तर प्रदेश में शस्य-जलवायु क्षेत्रों की कुल संख्या 9 है।
3. काम के बदले अनाज कार्यक्रम 1977 में प्रारंभ किया गया।
4. नीली क्रांति का संबंध सरसों के उत्पादन से है।
इस कथनों में
(a) केवल 1 तथा 2 सही हैं।
(b) केवल 2 तथा 3 सही हैं।
(c) केवल 3 तथा 4 सही हैं।
(d) केवल 1, 2 तथा 3 सही हैं।
[U.P.P.C.S. (Pre) 2010]
उत्तर-(d) केवल 1, 2 तथा 3 सही हैं।
- नीली क्रांति का संबंध मत्स्य पालन से है न कि सरसों उत्पादन से, अन्य सभी कथन सही हैं।
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92. ‘हरियाली योजना’ संबंधित है-
(a) फसल प्रबंधन से
(b) मृदा प्रबंधन से
(c) जल प्रबंधन से
(d) वन प्रबंधन से
[U.P. P.C.S (Mains) 2016]
उत्तर-(c) जल प्रबंधन से
- 27 जनवरी, 2003 को तत्कालीन प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी ने दो हजार करोड़ रुपये की लागत वाली जल संग्रहण से संबंधित विकास योजना ‘हरियाली’ का शुभारंभ किया था।
- इस योजना का प्रमुख उद्देश्य जल संग्रहण योजनाओं का क्रियान्वयन, वर्षा जल का संचयन, पेयजल समस्या का निवारण, सिंचाई हेतु जल की व्यवस्था तथा वृक्षारोपण को प्रोत्साहन देना है।
- ग्रामीण विकास मंत्रालय के अधीन इस परियोजना को देश की 2.32 लाख पंचायतों के जरिए चलाया जा रहा है।
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93. ‘विशेष कृषि उपज योजना’ का संबंध है-
(a) दलहन व तिलहन के उत्पादन से
(b) नकद फसलों के उत्पादन में वृद्धि से
(c) कृषि पदार्थों के निर्यात के उछाल (थ्रस्ट) से
(d) सूखाग्रस्त क्षेत्रों में फसलों की उत्पादकता बढ़ाने से
[U.P.P.C.S. (Spl.) (Mains) 2004]
उत्तर-(c) कृषि पदार्थों के निर्यात के उछाल (थ्रस्ट) से
- ‘विशेष कृषि उपज योजना’ का संबंध कृषिगत उत्पादों की निर्यात वृद्धि से है।
- इस योजना का उल्लेख ‘आयात निर्यात नीति, 2004-09’ में किया गया था।
- विशेष कृषि उपज योजना का उद्देश्य फल, फूल, सब्जियों, डेयरी, कुक्कुट, लघु वनोत्पाद आदि के उत्पादकों को इनके उत्पादन वृद्धि और निर्यात वृद्धि हेतु प्रोत्साहन प्रदान करना है।
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94. निम्नलिखित में से किस वर्ष में ‘राष्ट्रीय भूमि अभिलेख आधुनिकीकरण कार्यक्रम’ प्रारंभ किया गया था?
(a) 2008 ई.
(b) 2009 ई.
(c) 2010 ई.
(d) 2011 ई.
[U.P.P.C.S. (Pre) 2016]
उत्तर- (a) 2008 ई.
- राष्ट्रीय भूमि अभिलेख आधुनिकीकरण कार्यक्रम (NLRMP) 21 अगस्त, 2008 से प्रारंभ किया गया था।
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95. भारत सरकार के कृषि एवं सहकारिता विभाग द्वारा रेनफेड एरिया डेवलपमेंट कार्यक्रम किस वर्ष में आरंभ किया गया था?
(a) 2008-09
(b) 2009-10
(c) 2010-11
(d) 2011-12
[U. P. P. C. S. (Mains) 2015]
उत्तर-(d) 2011-12
- भारत सरकार के कृषि एवं सहकारिता विभाग द्वारा रेनफेड एरिया डेवलपमेंट कार्यक्रम वर्ष 2011-12 में प्रारंभ किया गया।
- यह राष्ट्रीय कृषि विकास योजना (R.K.V.Y.) के अंतर्गत एक उपयोजना है।
- इसका मुख्य उद्देश्य किसानों के जीवन स्तर में सुधार लाना है।
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96. ‘किसान क्रेडिट कार्ड’ योजना के अंतर्गत निम्नलिखित में से किन- किन उद्देश्यों के लिए कृषकों को अल्पकालीन ऋण समर्थन उपलब्ध कराया जाता है?
1. फार्म परिसंपत्तियों के रख-रखाव हेतु कार्यशील पूंजी के लिए
2. कम्बाइन कटाई मशीनों, ट्रैक्टरों एवं मिनी ट्रकों के क्रय के लिए
3. फार्म परिवारों की उपभोग आवश्यकताओं के लिए
4. फसल कटाई के बाद के खर्चों के लिए
5. परिवार के लिए घर निर्माण तथा गांव में शीतागार सुविधा की स्थापना के लिए
नीचे दिए गए कूट का प्रयोग कर सही उत्तर चुनिए :
(a) केवल 1, 2 और 5
(b) केवल 1, 3 और 4
(c) केवल 2, 3, 4 और 5
(d) 1, 2, 3, 4 और 5
[I.A.S. (Pre) 2020]
उत्तर-(b) केवल 1, 3 और 4
- किसानों की ऋण आवश्यकताओं (कृषि संबंधी खर्चों) की पूर्ति के लिए पर्याप्त एवं समय पर ऋण की सुविधा प्रदान करना, साथ ही आकस्मिक खर्चों के अलावा सहायक कार्यकलापों से संबंधित खर्चों की पूर्ति करने के उद्देश्य से किसान क्रेडिट कार्ड योजना की शुरुआत वर्ष 1998 में की गई थी।
- उद्देश्य –
1. फसल उपजाने के लिए ऋण सहायता ।
2. कटाई के बाद के खर्चों के लिए सहायता प्रदान करना।
3. कृषि से संबद्ध कृषि संपत्ति और गतिविधियों के रख-रखाव हेतु कार्यशील पूंजी प्रदान करना।
4. कृषि उपज विपणन के लिए।
5. किसानों की उपभोग आवश्यकताओं के लिए सहायता प्रदान करना।
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97. किसान क्रेडिट कार्ड योजना का प्रारंभ किया गया था, वर्ष-
(a) 2004-05 में
(b) 2000-01 में
(c) 1998-99 में
(d) 1995-96 में
[U.P.P.C.S. (Spl.) (Mains) 2008]
[U.P.P.S.C. (GIC) 2010]
उत्तर-(c) 1998-99 में
- किसान क्रेडिट कार्ड योजना का प्रारंभ वर्ष 1998-99 में किया गया था।
- इस योजना का उद्देश्य बैंकिंग व्यवस्था से किसानों को समुचित और यथा समय सरल एवं आसान तरीके से आर्थिक सहायता दिलाना है ताकि खेती एवं जरूरी उपकरणों की खरीद के लिए उनके वित्तीय आवश्यकताओं की पूर्ति हो सके।
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98. हैंड बुक ऑफ एग्रीकल्चर प्रकाशित होती है-
(a) भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थान से
(b) भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद से
(c) उत्तर प्रदेश कृषि अनुसंधान परिषद से
(d) भारतीय विज्ञान एवं औद्योगिकी अनुसंधान परिषद से
[U.P.P.C.S. (Mains) 2012]
उत्तर-(b) भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद से
- हैंड बुक ऑफ एग्रीकल्चर ‘भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद’ (ICAR) से प्रकाशित होती है।
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99. उ.प्र. कृषि अनुसंधान परिषद स्थित है-
(a) कानपुर में
(b) गाजियाबाद में
(c) इलाहाबाद में
(d) लखनऊ में
[U.P.P.C.S. (Pre.) 2004]
उत्तर-(d) लखनऊ में
- उत्तर प्रदेश कृषि अनुसंधान परिषद’ (UP Council of Agricultural Research) लखनऊ में स्थित है।
- इसकी स्थापना वर्ष 1989 में हुई थी।
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100. एनएएफईडी संबंधित है-
(a) पशुपालन से
(b) ईंधन की बचत से
(c) कृषि विपणन से
(d) कृषि उपकरण से
[U.P.P.C.S. (Pre) 1995]
उत्तर- (c) कृषि विपणन से
- भारतीय राष्ट्रीय कृषि सहकारी विपणन संघ (National Agricultural Cooperative Marketing Federation of India : NAFED) कृषि विपणन से संबंधित है, जिसकी स्थापना 2 अक्टूबर, 1958 को की गई थी।
- यह राष्ट्रीय स्तर पर एक शीर्ष सहकारी संगठन है, जिसका प्रमुख कार्य चुनी हुई कृषि वस्तुओं का प्रबंधन, वितरण, निर्यात तथा आयात करना है।
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101. निम्नलिखित में से कौन-सी एजेंसी भारत से कृषि-सामानों के निर्यात में सम्मिलित नहीं है (सहभागी नहीं है)?
(a) नैफेड
(b) स्टेट ट्रेडिंग कॉर्पोरेशन
(c) इफको
(d) एम.एम.टी.सी.
[U.D.A./L.D.A. (Pre) 2017]
उत्तर-(c) इफको
- नैफेड (NAFED), स्टेट ट्रेडिंग टी.सी. (MMTC) भारत से कृषि कॉर्पोरेशन (STC) और एम.एम. उत्पादों का निर्यात करने वाली संस्थाएं हैं, जबकि इफको (IFFCO) रासायनिक उर्वरक के उत्पादन, निर्यात एवं आयात करने वाली संस्था है।
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102. भारत में कृषि उत्पादों के बाजार को किसके अधीन विनियमित किया जाता है?
(a) आवश्यक वस्तु अधिनियम, 1955
(b) राज्यों द्वारा अधिनियमित कृषि उत्पाद विपणन समिति अधिनियम
(c) कृषि उत्पाद (श्रेणीकरण एवं चिह्नांकन) अधिनियम, 1937
(d) खाद्य उत्पाद आदेश, 1956 एवं मांस तथा खाद्य उत्पाद आदेश, 1973
[I.A. S. (Pre) 2015, U.P.P.C.S (Pre) 2011]
उत्तर-(b) राज्यों द्वारा अधिनियमित कृषि उत्पाद विपणन समिति अधिनियम
- भारत के अधिकतर भागों में कृषि उत्पादों के बाजार को राज्यों द्वारा अधिनियमित कृषि उत्पाद विपणन समिति अधिनियम (APMC Acts) के अधीन विकसित एवं संचालित किया जाता है।
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103. अंतरराष्ट्रीय आलू केंद्र (सी.आई.पी.) का मुख्यालय स्थित है-
(a) लीमा, पेरू
(b) शिमला, भारत
(c) डैकर, सेनेगल
(d) डबलिन, आयरलैंड
[U.P. R.O./A.R.O. (Pre) 2021]
उत्तर-(a) लीमा, पेरू
- अंतरराष्ट्रीय आलू केंद्र (CIP) का मुख्यालय लीमा, पेरू में स्थापित है।
- इसकी स्थापना 1971 में की गई थी।
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104. भारतीय सब्जी शोध संस्थान स्थित है-
(a) वाराणसी में
(b) लखनऊ में
(c) मैसूर में
(d) बंगलुरू में
[U.P. Lower Sub. (Pre) 2015]
उत्तर- (a) वाराणसी में
- भारतीय सब्जी अनुसंधान संस्थान (Indian Institute of Vegetable Research : IIVR) वाराणसी में स्थित है।
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105. सुनहले चावल में प्रचुरता सृजित की गई है-
(a) विटामिन ‘ए’ की
(b) विटामिन ‘बी’ की
(c) विटामिन ‘डी’ की
(d) विटामिन ‘ई’ की
[U.P.P.C.S. (Mains) 2008]
उत्तर- (a) विटामिन ‘ए’ की
- सुनहला चावल (गोल्डन चावल) औरिजा सैटिवा चावल की एक किस्म है, जिसे बीटा कैरोटिन, जो खाने वाले चावल में प्रो-विटामिन ‘ए’ उपलब्ध कराता है, के जैव संश्लेषण के लिए जेनेटिक इंजीनियरिंग के द्वारा बनाया जाता है।
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106. कृषि उत्पादों की मांग पाई जाती है-
(a) लचीली
(b) शून्य लचीली
(c) स्थायकत्वहीन
(d) अनंत लचीली
[U.P. Lower Sub. (Pre) 2013]
उत्तर-(c) स्थायकत्वहीन
- कृषि उत्पादों की मांग स्थायकत्वहीन (Inelastic Demand : लोचहीन मांग) होती है।
- इसी कारण अत्यधिक पैदावार की स्थिति में किसानों के लिए कीमत व उनकी कुल आय (Total Revenue) पर विपरीत प्रभाव पड़ता है।
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107. भारत में प्रथम कृषि विश्वविद्यालय की स्थापना हुई थी –
(a) पंतनगर में
(b) लुधियाना में
(c) जबलपुर में
(d) कानपुर में
[U.P. P.C.S. (Mains) 2012]
उत्तर- (a) पंतनगर में
- वर्ष 1960 में स्थापित जी.बी. पंत कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय भारत का प्रथम कृषि विश्वविद्यालय है जो पंतनगर, उत्तराखंड में स्थित है।
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108. भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद के निम्नलिखित तकनीकी परियोजनाओं पर विचार कीजिए और आरंभ के वर्ष के अनुसार कालक्रमानुसार व्यवस्थित कीजिए।
I. राष्ट्रीय कृषि नवोन्मेषी परियोजना
II. कृषि विज्ञान केंद्र
III. राष्ट्रीय कृषि तकनीकी परियोजना
IV. प्रयोगशाला से खेत कार्यक्रम
नीचे दिए गए कूट से सही उत्तर चुनिए।
कूट :
(a) II, IV, III, I
(b) IV, III, I, II
(c) I, II, IV, III
(d) III, I, II, IV
[U.P.R.O./A.R.O. (Mains) 2016]
उत्तर- (a) II, IV, III, I
- वर्ष 1974 में प्रथम कृषि विज्ञान केंद्र की स्थापना पुडुचेरी (पाण्डिचेरी) में की गई।
छोटे एवं सीमांत कृषकों की आर्थिक स्थिति में सुधार हेतु ‘प्रयोगशाला से खेत तक’ कार्यक्रम की शुरुआत वर्ष 1979 में की गई।
- कृषि संबंधी सहयोग के माध्यम से खाद्य क्षेत्र में आत्मनिर्भरता लाने व कृषि उत्पादों को बाजार केंद्रित बनाकर गरीबी उन्मूलन व आय सृजन हेतु राष्ट्रीय कृषि नवोन्मेषी योजना की शुरुआत वर्ष 2006 में की गई।
- आईएसीआर ने भारत सरकार व विश्व बैंक की वित्तीय सहायता से राष्ट्रीय कृषि तकनीकी परियोजना की शुरुआत नवंबर, 1998 में की।
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109. केंद्रीय खाद्य तकनीकी अनुसंधान संस्थान स्थित है-
(a) बंगलुरू में
(b) मैसूर में
(c) चेन्नई में
(d) हैदराबाद में
[U.P.P.C.S. (Mains) 2012]
उत्तर-(b) मैसूर में
- ‘केंद्रीय खाद्य प्रौद्योगिकी अनुसंधान संस्थान’ (CFTRI : Central Food Technological Research Institute) मैसूर में स्थित है।
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110. नेशनल एकेडेमी ऑफ एग्रीकल्चरल रिसर्च मैनेजमेंट (NAARM) स्थित है
(a) नई दिल्ली में
(b) हैदराबाद में
(c) नागपुर में
(d) नैनीताल में
[U.P. P.C.S. (Mains) 2012]
उत्तर-(b) हैदराबाद में
- ‘राष्ट्रीय कृषि अनुसंधान प्रबंध अकादमी’ (NAARM: National Academy of Agricultural Research Management) हैदराबाद में स्थित है।
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111. भारतीय चरागाह एवं चारा अनुसंधान संस्थान स्थित है-
(a) बहराइच में
(b) रांची में
(c) झांसी में
(d) पटना में
[U.P. P.C.S. (Mains) 2012]
उत्तर-(c) झांसी में
- ‘भारतीय चरागाह एवं चारा अनुसंधान संस्थान’ (Indian Grass Land and Fodder Research Institute) झांसी में स्थित है।
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112. ‘नीरू-मीरू’ जल संग्रहण कार्यक्रम भारत के निम्नलिखित राज्यों में से किसमें वर्ष 2000 में प्रारंभ किया गया था?
(a) तमिलनाडु
(b) महाराष्ट्र
(c) आंध्र प्रदेश
(d) मध्य प्रदेश
[U.P. P.C.S (Mains) 2016]
उत्तर-(c) आंध्र प्रदेश
- ‘नीरू-मीरू’ (जल और आप) जल संग्रहण कार्यक्रम भारत के आंध्र प्रदेश राज्य में वर्ष 2000 में प्रारंभ किया गया था।
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113. निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिए :
1. चीनी के हर मौसम के लिए केंद्र सरकार गन्ने का सांविधिक न्यूनतम मूल्य निर्धारित करती है।
2. आवश्यक वस्तु अधिनियम के अंतर्गत चीनी और गन्ना आवश्यक वस्तुएं हैं।
उपर्युक्त में से कौन-सा/से कथन सही है/हैं?
(a) केवल 1
(b) केवल 2
(c) 1 और 2 दोनों
(d) न तो 1 और न ही 2
[I.A.S. (Pre) 2010]
उत्तर-(b) केवल 2
- केंद्र सरकार चीनी के हर मौसम में गन्ने का अब सांविधिक न्यूनतम मूल्य नहीं बल्कि ‘उचित एवं लाभकारी मूल्य’ (FRP) का निर्धारण करती है।
- 22 अक्टूबर, 2009 को केंद्र सरकार ने वर्ष 1966 के गन्ना नियंत्रण आदेश में संशोधन हेतु गन्ना नियंत्रण (संशोधन) आदेश, 2009 जारी किया था।
- इस संशोधन आदेश द्वारा 1966 के मूल आदेश में ‘न्यूनतम मूल्य’ को ‘उचित एवं लाभकारी मूल्य’ से प्रतिस्थापित कर दिया गया।
- आवश्यक वस्तु अधिनियम, 1955 के तहत चीनी एवं गन्ना आवश्यक वस्तु हैं।
- अतः पहला कथन गलत एवं दूसरा सही है।
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114. गन्ने के उचित और पारिश्रमिक मूल्य (F.R.P.) निम्नलिखित में से कौन-सा संगठन अनुमोदित करता है?
(a) आर्थिक मामलों की कैबिनेट कमेटी
(b) कृषि लागत और मूल्य आयोग
(c) विपणन और निरीक्षण निदेशालय, कृषि मंत्रालय
(d) कृषि उपज मंडी समिति
[U.P.B.E.O. (Pre) 2019]
उत्तर-(a) आर्थिक मामलों की कैबिनेट कमेटी
- गन्ने के उचित और पारिश्रमिक मूल्य (F.R.P.) का अनुमोदन आर्थिक मामलों की कैबिनेट कमेटी (CCEA) द्वारा किया जाता है।
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115. गन्ने की उचित एवं लाभप्रद कीमत (FRP) को निम्नलिखित में से कौन अनुमोदित करता/करती है?
(a) आर्थिक मामलों की मंत्रिमंडलीय समिति
(b) कृषि लागत और कीमत आयोग
(c) कृषि मंत्रालय का विपणन और निरीक्षण निदेशालय
(d) कृषि उत्पाद विपणन समिति
[I.A. S. (Pre) 2015]
उत्तर- (a) आर्थिक मामलों की मंत्रिमंडलीय समिति
- गन्ने के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य की जगह ‘उचित एवं लाभकारी मूल्य’ की घोषणा की जाती है।
- यह कार्य आर्थिक मामलों की मंत्रिमंडलीय समिति द्वारा किया जाता है।
- अन्य खरीफ व रबी फसलों के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य की घोषणा कृषि लागत एवं मूल्य आयोग की संस्तुति के आधार पर की जाती है।
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116. निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिए:
1. सभी अनाजों, दालों एवं तिलहनों का ‘न्यूनतम समर्थन मूल्य’ (MSP) पर प्रापण (खरीद) भारत के किसी भी राज्य केंद्रशासित प्रदेश (यू.टी.) में असीमित होता है।
2. अनाजों एवं दालों का MSP किसी भी राज्य / केंद्रशासित प्रदेश में उस स्तर पर निर्धारित किया जाता है, जिस स्तर पर बाजार मूल्य कभी नहीं पहुंच पाते।
उपर्युक्त कथनों में से कौन-सा/से सही है/हैं?
(a) केवल 1
(b) केवल 2
(c) 1 और 2 दोनों
(d) न तो 1 न ही 2
[I.A.S. (Pre) 2020]
उत्तर-(d) न तो 1 न ही 2
- कृषि लागत और मूल्य आयोग द्वारा कुल 22 फसलों के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य की सिफारिश की जाती है।
- इस सिफारिश के आधार पर ही सरकार द्वारा न्यूनतम समर्थन मूल्य की घोषणा की जाती है।
- कृषि लागत और मूल्य आयोग द्वारा न्यूनतम समर्थन मूल्य हेतु अनुसंशित फसलें निम्न हैं-
- अनाज – धान, गेहूं, ज्वार, बाजरा, मक्का, रागी और जौ। दालें चना, अरहर, मूंग, उड़द और मसूर।
- तिलहन मूंगफली, सरसों, सूर्यमुखी, सोयाबीन, सीसमम, कुसुम, नाइजरसीड, तथा 4 वाणिज्यिक फसलें कोपरा, गन्ना, कपास और कच्चा जूट।
- भारत सरकार द्वारा कुल 25 फसलों के लिए न्यूतनम समर्थन की घोषणा की जाती है।
हालांकि गन्ने के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य की नहीं बल्कि ‘उचित एवं लाभकरी मूल्य (FRP) की घोषणा की जाती है।
- लेकिन सामान्यतः उसे न्यूनतम समर्थन मूल्य के अंतर्गत ही घोषित किया जाता है।
- प्रत्येक फसल के लिए जो भी MSP निर्धारित की जाती है, वह पूरे देश में एक समान होती है।
- हालांकि अभी तक ऐसा कोई उदाहरण नहीं पाया गया जहां अनाजों एवं दालों का MSP किसी भी राज्य / केंद्रशासित प्रदेश में उस स्तर पर निर्धारित किया गया हो जिस स्तर पर बाजार मूल्य कभी नहीं पहुंच पाते।
- हालांकि सरकार MSP 25 फसलों के लिए जारी करता है परंतु खरीद मुख्यतः चावल, गेहूं और कपास की होती है।
- खरीद भी कई राज्यों में सीमित होता है, जिससे सभी किसानों को एक बराबर लाभ प्राप्त नहीं होता है।
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117. वर्ष 1997-98 के बाद से न्यूनतम समर्थन मूल्य के संदर्भ में कौन-सा कथन सत्य है?
(a) न्यूनतम समर्थन मूल्य > C2 लागतें
(b) न्यूनतम समर्थन मूल्य C2 लागत से स्वतंत्र होता है।
(c) न्यूनतम समर्थन मूल्य = C2 लागतें
(d) न्यूनतम समर्थन मूल्य < C2 लागतें
[R.A.S./R.T.S. (Pre) 2016]
उत्तर- (a) न्यूनतम समर्थन मूल्य > C2 लागतें
- कृषि लागत एवं मूल्य आयोग (CACP) द्वारा न्यूनतम समर्थन मूल्य को अधिक प्रभावी एवं लाभदायक बनाने हेतु लागत की वृहद संकल्पना (C2 एवं C3) को अपनाया जाता है।
- C2 लागत में वास्तविक मालिक द्वारा उत्पादन में किए गए सभी वास्तविक व्यय (नकद एवं वस्तु) शामिल हैं।
- साथ ही इसमें पट्टे की जमीन (leased land) का लगान, पारिवारिक श्रम का मूल्य (Imputed value), स्वामित्व वाली पूंजीगत परिसंपत्तियों के मूल्य पर ब्याज (भूमि छोड़कर) तथा स्वामित्व वाली भूमि का लगान मूल्य (शुद्ध भू-राजस्व) शामिल होता है।
- C3 लागत में C2 तथा C2 का 10% (किसानों की प्रबंधकीय पारिश्रमिक के मद्देनजर) शामिल होता है।
- लागत गणना प्रति क्विंटल और प्रति हेक्टेयर दोनों ही आधारों पर होती है।
- MSP में उत्पादक सब्सिडी के भी सम्मिलित हो जाने के कारण यह C2 लागत से सदैव अधिक रहता है।
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118. भारत में न्यूनतम समर्थन मूल्य का निर्धारण कौन करता है?
(a) कृषि लागत एवं मूल्य आयोग
(b) कृषि मंत्रालय
(c) वित्त आयोग
(d) नाबार्ड
(e) उपर्युक्त में से कोई नहीं/ उपर्युक्त में से एक से अधिक
[Bihar P.C.S. (Pre.), 2019]
उत्तर- (a) कृषि लागत एवं मूल्य आयोग
- कृषिगत उपजों की कीमतों पर सरकार को सलाह देने के उद्देश्य से वर्ष 1965 में कृषि मूल्य आयोग की स्थापना की गई थी।
- वर्ष 1985 में कृषि मूल्य आयोग का नाम बदलकर ‘कृषि लागत और मूल्य आयोग’ कर दिया गया।
- इसका मुख्यालय नई दिल्ली में है।
- इस संस्था द्वारा कुल 23 फसलों के लिए ‘न्यूनतम समर्थन मूल्य’ की सिफारिश की जाती है, जबकि सरकार द्वारा कुल 25 फसलों के लिए ‘न्यूनतम समर्थन मूल्य’ (MSP) की घोषणा की जाती है।
- हालांकि गन्ने के लिए ‘न्यूनतम समर्थन मूल्य’ नहीं, बल्कि ‘उचित एवं लाभकारी मूल्य’ दिया जाता है।
- इस प्रकार हम यह भी कह सकते हैं कि ‘कृषि लागत एवं मूल्य आयोग (CACP) द्वारा सिर्फ 22 फसलों के लिए ही ‘न्यूनतम समर्थन मूल्य’ (MSP) की सिफारिश की जाती है।
- लेकिन सामान्य रूप से इसे 23 फसलों के न्यूनतम समर्थन मूल्य के रूप में भी लिखा जाता है।
- ‘कृषि लागत एवं कीमत आयोग’ फसलों के ‘न्यूनतम समर्थन मूल्य’ (MSP) निर्धारण संबंधी सिर्फ सिफारिश / संस्तुति करता है, लेकिन मूल्य का निर्धारण घोषणा करना सरकार का कार्य है।
- प्रश्नानुसार इस प्रश्न का उत्तर विकल्प (e) होना चाहिए लेकिन बिहार लोक सेवा आयोग ने इस प्रश्न का उत्तर विकल्प (a) माना है।
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119. निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिए:
1. कृषि लागत और कीमत आयोग 32 फसलों के लिए न्यूनतम समर्थन कीमतों की सिफारिश करता है।
2. केंद्रीय उपभोक्ता मामलों, खाद्य एवं सार्वजनिक वितरण मंत्रालय ने राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा मिशन आरंभ किया है।
उपर्युक्त कथनों में कौन-सा/से सही है/हैं?
(a) केवल 1
(b) केवल 2
(c) 1 और 2 दोनों
(d) न तो 1 और न ही 2
[I.A.S. (Pre) 2009]
उत्तर-(d) न तो 1 और न ही 2
- ‘कृषि लागत और कीमत आयोग’ (CACP) वर्तमान में MSP के अंतर्गत कुल 23 फसलों (22+1) के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य की सिफारिश करता है।
- हालांकि गन्ने के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य की नहीं बल्कि ‘उचित एवं लाभकारी मूल्य’ दिया जाता है।
- ‘राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा मिशन’ (NFSM: National Food Security Mission) केंद्र सरकार द्वारा वित्तपोषित योजना है, जो चावल (Rice), गेहूं (Wheat) और दालों (Pulses) के उत्पादन की वृद्धि से संबंधित है।
- वर्तमान में इसके अंतर्गत मोटे अनाज को भी शामिल कर लिया गया है।
- इसका क्रियान्वयन कृषि मंत्रालय (Ministry of Agriculture) द्वारा किया जाता है।
- इस मिशन का प्रारंभ वर्ष 2007-08 में हुआ था।
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120. कृषि लागत और मूल्य आयोग (CACP) के निम्नलिखित में से कौन-कौन से उद्देश्य हैं?
1. कृषि मूल्यों का स्थिरीकरण
2. कृषकों के लिए सार्थक वास्तविक आय स्तरों का सुनिश्चय 3. लोक वितरण पद्धति के माध्यम से उपभोक्ताओं को आवश्यक कृषि पण्य उचित दरों पर उपलब्ध करवा कर उनके हितों की रक्षा
4. कृषकों के लिए अधिकतम मूल्य का सुनिश्चय
नीचे दिए हुए कूटों में से सही उत्तर का चयन कीजिए-
कूट :
(a) 1, 2 और 3
(b) 1, 2 और 4
(c) 1, 3 और 4
(d) 2, 3 और 4
[L.A.S. (Pre) 1995]
उत्तर- (a) 1, 2 और 3
- ‘कृषि लागत एवं मूल्य आयोग’ (CACP: Commission for Agri- cultural Cost and Price) निम्न कीमतों की घोषणा करने का सुझाव देता है-
1. न्यूनतम समर्थन कीमते (Minimum Support Price)- MSP वे कीमतें हैं, जिन पर सरकार कृषि उत्पादों को खरीदने को तैयार रहती है। MSP यह सुनिश्चित करता है कि कृषि उत्पादों की कीमत न्यूनतम समर्थन कीमत से नीचे नहीं जाएगी। MSP कृषकों को सुरक्षा (कीमत संबंधी) उपलब्ध कराता है तथा यह कृषि मूल्यों का स्थिरीकरण सुनिश्चित करता है।
2. वसूली कीमतें (Procurement Price)-वसूली कीमतें वह कीमतें हैं जिस पर सरकार कृषकों से कृषि उपज का क्रय करती है। वसूली कीमतें सामान्यतया MSP से ऊंची होती हैं।
3. जारी कीमतें (Issue Prices)- इस कीमत पर सार्वजनिक वितरण प्रणाली के माध्यम से फूड कॉर्पोरेशन ऑफ इंडिया (FCI) खाद्यान्नों की बिक्री करता है। MSP जहां कृषकों के हित की रक्षा करता है, वहीं जारी कीमतें उपभोक्ताओं के हितों का संरक्षण करती हैं।
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121. न्यूनतम समर्थन मूल्य के संदर्भ में निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिए :
I. यदि बाजार मूल्य ज्यादा है, तो किसान सरकार को बेचेंगे।
II. यह किसानों की पैदावार के लिए न्यूनतम निश्चित मूल्य सुनिश्चित करती है।
III. यह खाद्य सुरक्षा मिशन में सहायता प्रदान करती है।
IV. यह किसानों के लिए अत्यंत लाभदायक है, क्योंकि वे अपनी पैदावार पर ज्यादा बड़ा लाभ कमाते हैं।
इनमें से
(a) I, II एवं IV सही हैं।
(b) II, III और IV सही हैं।
(c) II और IV सही हैं।
(d) II और III सही हैं।
[U.P. P.C.S (Mains) 2016]
उत्तर-(d) II और III सही हैं।
- न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) किसानों की पैदावार के लिए न्यूनतम निश्चित मूल्य सुनिश्चित करने के साथ ही खाद्य सुरक्षा को भी बढ़ावा देता है (किसान को कृषि उत्पादन बढ़ाने को प्रोत्साहन देकर)।
- सरकार द्वारा फसल बोने से पूर्व देश में एक MSP निर्धारित कर दी जाती है।
- इसके अतिरिक्त बाजार परिस्थितियों के अनुरूप किसानों को कुछ अतिरिक्त राशि के भुगतान का भी क्षेत्रानुसार एवं समयानुसार प्रावधान है, जिससे सरकार आवश्यकता पड़ने पर कृषिगत उपजों की अधिक मात्रा खरीद सके।
- निष्कर्षतः किसान अपने उपज को सरकार को तभी बेचेगा जब बाजार मूल्य न्यूनतम समर्थन मूल्य से कम हो।
- अंततः MSP का उद्देश्य किसानों को पैदावार का न्यूनतम मूल्य उपलब्ध करवाना है न कि लाभ को अत्यधिक कराना।
- MSP खाद्य सुरक्षा में सहायता करती है, क्योंकि MSP ही वसूली कीमतों (Procurement Price) के निर्धारण का आधार है तथा वसूली कीमतों के निर्धारण से ही PDS खाद्य सुरक्षा में योगदान देता है।
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122. निम्नलिखित पर विचार कीजिए –
1. सुपारी
2. जौ
3. कॉफी
4. रागी
5. मूंगफली
6. तिल
7. हल्दी
उपर्युक्त में से किनके न्यूनतम समर्थन मूल्य की घोषणा आर्थिक मामलों की कैबिनेट समिति ने की है?
(a) केवल 1, 2, 3 और 7
(b) केवल 2, 4, 5 और 6
(c) केवल 1, 3, 4, 5 और 6
(d) 1, 2, 3, 4, 5, 6 और 7
[I.A.S. (Pre) 2018]
उत्तर-(b) केवल 2, 4, 5 और 6
- किसानों को उनकी फसलों का उचित एवं लाभप्रद मूल्य प्रदान करना सुनिश्चित करने के उद्देश्य से केंद्र सरकार द्वारा प्रतिवर्ष दो मुख्य फसल ऋतुओं रबी और खरीफ के दौरान प्रमुख फसलों के लिए ‘न्यूनतम समर्थन मूल्य’ (Minimum Support Price) की घोषणा की जाती है, जो कि किसानों को उनकी फसलों के लिए न्यूनतम गारंटी मूल्य के रूप में होता है।
- इस संबंध में सरकार को संस्तुतियां देने के लिए वर्ष 1965 में ‘कृषि मूल्य आयोग’ की स्थापना की गई थी, जिसका नाम बदलकर वर्ष 1985 में ‘कृषि लागत और मूल्य आयोग’ (CACP) कर दिया गया।
- आयोग उत्पादन की लागत, समग्र मांग-पूर्ति, घरेलू एवं अंतरराष्ट्रीय कीमत, अंतर-फसल कीमत तुल्यता, कृषि एवं गैर-कृषि क्षेत्र के बीच व्यापार की शर्तों को ध्यान में रखते हुए 23 अधिसूचित कृषि जिंसों के लिए ‘न्यूनतम समर्थन मूल्य’ की सिफारिश करता है।
- यह 23 कृषि जिंस हैं 7 अनाज (धान, गेहूं, मक्का, ज्वार, बाजरा, जौ तथा रागी), 5 दालें (चना, तूर/अरहर, मूंग, उरद तथा मसूर), 7 तिलहन (मूंगफली, रैपसीड/ सरसों, सोयाबीन, सूरजमुखी, तिल, रामतिल तथा सैफ फ्लावर), 4 वाणिज्यिक फसलें (कोपरा, गन्ना, कपास तथा पटसन)।
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123. कृषि मूल्य आयोग की स्थापना की गई, वर्ष-
(a) 1955 में
(b) 1965 में
(c) 1970 में
(d) 1973 में
[U.P.P.C.S. (Mains) 2002]
उत्तर-(b) 1965 में
- कृषिगत उपजों की कीमतों पर सरकार को सलाह देने के उद्देश्य से वर्ष 1965 में कृषि मूल्य आयोग की स्थापना की गई थी।
- वर्ष 1985 में कृषि मूल्य आयोग का नाम बदलकर ‘कृषि लागत और मूल्य आयोग’ कर दिया गया।
- इसका मुख्यालय नई दिल्ली में है।
- ज्ञातव्य है कि सैद्धांतिक रूप से सरकार इसकी सलाहों के मद्देनजर ही कृषिगत उत्पादों के न्यूनतम समर्थन मूल्यों की घोषणा करती है, परंतु सरकार इसकी संस्तुतियों को मानने के लिए बाध्य नहीं है।
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124. गेहूं के समर्थन मूल्य की अनुशंसा कौन करता है?
(a) योजना आयोग
(b) भारतीय रिजर्व बैंक
(c) राष्ट्रपति
(d) कृषि लागत एवं मूल्य आयोग
[M.P.P.C.S. (Pre) 1990]
उत्तर- (d) कृषि लागत एवं मूल्य आयोग
- कृषिगत उपजों की कीमतों पर सरकार को सलाह देने के उद्देश्य से वर्ष 1965 में कृषि मूल्य आयोग की स्थापना की गई थी।
- वर्ष 1985 में कृषि मूल्य आयोग का नाम बदलकर ‘कृषि लागत और मूल्य आयोग’ कर दिया गया।
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125. मूल्य जिस पर सरकार खाद्यान्न का क्रय करती है, है-
(a) परिसीमन मूल्य
(b) बाजार मूल्य
(c) न्यूनतम समर्थन मूल्य
(d) अधिप्राप्ति मूल्य
[U.P.P.C.S. (Spl.) (Mains) 2008]
उत्तर-(d) अधिप्राप्ति मूल्य
- सरकार अधिप्राप्ति मूल्यों या वसूली मूल्यों (Procurement Prices) पर कृषकों से कृषि उपज का क्रय करती है।
- अधिप्राप्ति मूल्य सामान्यतः न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) से ऊंचे होते हैं।
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126. निम्नलिखित में से कौन-सी एक नकद फसल नहीं है?
(a) तंबाकू
(b) कपास
(c) सोयाबीन
(d) रबर
[U.P.P.C.S. (Mains) 2012]
उत्तर-(c) सोयाबीन
- प्रश्नगत विकल्पों में तंबाकू, कपास और रबर तो नकदी फसलों के अंतर्गत आते हैं, जबकि सोयाबीन नकदी फसल नहीं है।
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127. भारत में मुख्य कृषि पदार्थ आयात मद है-
(a) दालें
(b) कॉफी
(c) चीनी
(d) खाने योग्य तेल
[R.A.S./R.T.S. (Pre) 2010]
उत्तर-(d) खाने योग्य तेल
- प्रश्नकाल तथा वर्तमान में भी विकल्पगत वस्तुओं में सर्वाधिक आयात खाने योग्य तेल का ही है।
- आर्थिक समीक्षा, 2021-22 के अनुसार, वर्ष 2019-20 एवं 2020-21 में खाद्य एवं संबद्ध वस्तुओं का कुल आयात में हिस्सा क्रमशः 3.5 प्रतिशत एवं 4.5 प्रतिशत रहा जिसमें से खाद्य तेल का हिस्सा इसी अवधि में क्रमशः 2 प्रतिशत एवं 2.8 प्रतिशत रहा।
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128. निर्यात हेतु आम की पसंदीदा प्रजाति है-
(a) दशहरी
(b) लंगड़ा
(c) अलफांजो
(d) आम्रपाली
[U.P.P.C.S. (Mains) 2012]
उत्तर- (c) अलफांजो
- निर्यात हेतु आम की पसंदीदा प्रजाति अलफांजो या अलफांसो है।
- भारत में इसका प्रमुख उत्पादक राज्य महाराष्ट्र है।
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129. भारत से विदेशों में बहुतायत में निर्यात की जाने वाली आम की कौन-सी प्रजाति है?
(a) लंगड़ा
(b) चौसा
(c) गौरजीत
(d) अल्फॉन्सो
[Jharkhand P.C.S. (Pre) 2021]
उत्तर-(d) अल्फॉन्सो
- भारत से विदेशों में बहुतायत में निर्यात की जाने वाली आम की अल्फॉन्सो प्रजाति है|
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130. संघ सरकार के 2011-12 के बजट में किसानों के लिए बैंक ऋण के समयानुसार भुगतान पर प्रभावी ब्याज दर है-
(a) 7 प्रतिशत
(b) 6 प्रतिशत
(c) 4 प्रतिशत
(d) 3 प्रतिशत
[U.P.P.C.S. (Pre) 2011]
उत्तर-(c) 4 प्रतिशत
- संघ सरकार के वर्ष 2011-12 के बजट में किसानों के लिए बैंक ऋण के समयानुसार, भुगतान पर ब्याज सब्सिडी 2% से बढ़ाकर 3% कर दी गई।
- इस प्रकार प्रभावी ब्याज दर 7-3=4% रह गई।
- वर्तमान में भी यही ब्याज दर है।
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131. किसी फार्म के चल लागत पूंजी में निम्नलिखित में से क्या शामिल नहीं है?
(a) बीज
(b) उर्वरक
(c) सिंचाई जल
(d) भूमि-राजस्व
[U. P. R. O./A.R.O. (Pre) 2014]
उत्तर-(d) भूमि-राजस्व
- किसी फार्म के चल लागत पूंजी में भूमि राजस्व शामिल नहीं होगा, जबकि बीज, उर्वरक तथा सिंचाई जल इत्यादि इसकी चल लागत पूंजी में शामिल होंगे क्योंकि ये सभी कृषि आगत (Agricultural Inputs) में शामिल हैं।
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132. निम्नलिखित में से कौन कृषि वित्त का प्रमुख सिद्धांत है?
(a) उद्देश्य
(b) व्यक्ति
(c) उत्पादकता नियोजन
(d) उपरोक्त सभी
[U.P. P.C.S (Mains) 2016]
उत्तर-(d) उपरोक्त सभी
- कृषि वित्त के प्रमुख सिद्धांत हैं उद्देश्य, व्यक्ति, उत्पादकता नियोजन, संगठन आदि।
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133. भारत में कौन-सा कृषि वित्त का स्रोत नहीं है?
(a) सहकारी समितियां
(b) व्यापारिक बैंक
(c) क्षेत्रीय ग्रामीण बैंक
(d) इनमें से कोई नहीं
[44th B.P.S.C. (Pre) 2000]
उत्तर-(d) इनमें से कोई नहीं
भारत में कृषि वित्त के स्रोतों को दो वर्गों में बांटा जाता है-
(A) संस्थागत स्रोत- जिसमें प्रमुख हैं-
(i) सहकारी समितियां एवं बैंक
(ii) व्यापारिक बैंक
(iii) क्षेत्रीय ग्रामीण बैंक
(iv) सरकार
(B) गैर-संस्थागत स्रोत – महाजन तथा साहूकार, संबंधी और रिश्तेदार, व्यापारी, जमींदार, आढ़तिए आदि।
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134. निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिए :
1. कृषि क्षेत्र को अल्पकालीन साख परिदान करने के संदर्भ में ‘जिला केंद्रीय सहकारी बैंक (DCCBs)’ ‘अनुसूचित वाणिज्यिक बैंकों’ एवं ‘क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों’ की तुलना में अधिक ऋण देते हैं।
2. डी.सी.सी.बी. (DCCBs) का एक सबसे प्रमुख कार्य ‘प्राथमिक कृषि साख समितियों’ को निधि उपलब्ध कराना है।
उपर्युक्त कथनों में से कौन-सा / से सही है / हैं?
(a) केवल 1
(b) केवल 2
(c) 1 और 2 दोनों
(d) न तो 1, न ही 2
[I.A.S. (Pre) 2020]
उत्तर-(b) केवल 2
- जिला केंद्रीय सहकारी बैंक एक सहकारी बैंक है, जो सहकारी समितियों को कृषि ऋण व अन्य प्रकार के ऋण उपलब्ध कराते हैं।
- नाबार्ड वार्षिक रिपोर्ट 2019-20 के अनुसार कृषि क्षेत्र को अल्पकालीन साख परिदान करने के संदर्भ में सहकारी बैंकों की हिस्सेदारी लगभग 10.9 प्रतिशत है, जबकि अनुसूचित वाणिज्यिक बैंक और क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों की हिस्सेदारी क्रमशः लगभग 77.2 प्रतिशत तथा 11.9 प्रतिशत है।
- अतः कथन (1) गलत है।
- डी.सी.सी.बी. एक जिले विशेष में स्थित होते हैं।
- इनका प्रमुख कार्य प्राथमिक कृषि साख समितियों को निधि उपलब्ध कराना है।
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135. निम्नलिखित में से कौन ग्रामीण अर्थव्यवस्था में अंशदान नहीं देता है?
(a) पशुपालन
(b) कुटीर उद्योग
(c) निजी धन उधार देने का प्रचलन
(d) अच्छे उपकरणों की उपलब्धता
[U.P. Lower Sub. (Pre) 2013]
उत्तर-(c) निजी धन उधार देने का प्रचलन
- ग्रामीण अर्थव्यवस्था में पशुपालन, कुटीर उद्योग एवं अच्छे उपकरण की उपलब्धता प्रमुख रूप से योगदान करते हैं।
- गांवों में निजी धन उधार देने का प्रचलन जरूर है, परंतु इसका योगदान ग्रामीण अर्थव्यवस्था में उक्त तीनों की अपेक्षा सीमित ही है।
- अतः विकल्प (c) सर्वाधिक उपयुक्त उत्तर है।
|
136. दीर्घकालीन कृषि ऋण प्रदान किया जाता है-
(a) प्राथमिक सहकारी सोसाइटी द्वारा
(b) जिला सहकारी बैंक द्वारा
(c) भूमि विकास बैंक द्वारा
(d) राज्य सहकारी बैंक द्वारा
[U.P. P.C.S. (Mains) 2014]
उत्तर-(c) भूमि विकास बैंक द्वारा
- ग्रामीण साख की दीर्घकालीन आवश्यकता की पूर्ति भूमि विकास बैंक करते हैं।
- इन्हें भूमि बंधक बैंक भी कहते हैं।
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137. हाल के वर्षों में भारत में कृषि वित्त का सबसे बड़ा स्रोत निम्नांकित में से कौन-सा एक है?
(a) वाणिज्यिक बैंक
(b) सहकारी बैंक
(c) क्षेत्रीय ग्रामीण बैंक
(d) भूमि विकास बैंक
[U.P.P.C.S. (Mains) 2006*]
उत्तर- (a) वाणिज्यिक बैंक
- प्रश्नकाल तथा नाबार्ड की वार्षिक रिपोर्ट, 2020-21 के अनुसार भी भारत में कृषि वित्त का सबसे बड़ा स्रोत-वाणिज्यिक बैंक था / है।
- नाबार्ड वार्षिक रिपोर्ट 2020-21 के अनुसार, वित्तीय वर्ष 2022 में कृषि क्षेत्र के लिए लक्षित ऋणों में विभिन्न संस्थाओं के योगदान का घटता क्रम इस प्रकार रहा-वाणिज्यिक बैंक (73.0%) > सहकारी बैंक (14%) > क्षेत्रीय ग्रामीण बैंक (13%)।
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138. भारत में कृषि-साख के संस्थागत स्रोत निम्न हैं-
(1) सहकारी बैंक
(2) क्षेत्रीय ग्रामीण बैंक
(3) वाणिज्यिक बैंक
निम्न में से उनके महत्व के अनुसार घटते क्रम में कौन-सा सही अनुक्रम है?
(a) 1-3-2
(b) 2-1-3
(c) 3-2-1
(d) 3-1-2
[U.P.P.C.S. (Spl.) (Mains) 2004]
उत्तर-(d) 3-1-2
- प्रश्नकाल में विकल्प (d) सही था। वर्तमान में भी विकल्प (d) ही सही है।
- वर्तमान हेतु उपर्युक्त प्रश्न की व्याख्या देखें।
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139. हाल के वर्षों में निम्न में से कौन कृषि तथा संबंधित क्रियाओं हेतु सबसे कम संस्थागत साख प्रदान कर रहा है?
(a) वाणिज्यिक बैंक
(b) विदेशी निजी बैंक
(c) सहकारी बैंक
(d) क्षेत्रीय ग्रामीण बैंक
[U.P.P.C.S. (Mains) 2010]
उत्तर-(b) विदेशी निजी बैंक
- देश में कृषि तथा संबंधित क्रियाओं हेतु सर्वाधिक संस्थागत साख क्रमशः वाणिज्यिक बैंकों, क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों तथा सहकारी बैंकों द्वारा प्रदान की जा रही है तथा इस संदर्भ में विदेशी निजी बैंकों का योगदान सबसे कम (लगभग शून्य) है।
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140. संप्रग सरकार के नए कृषि पैकेज में प्रावधान नहीं है-
(a) भूमिहीन कृषकों को बैंकों से ऋण मिलेगा
(b) नाबार्ड भूमिहीन कृषकों को ऋण संबंधी प्रस्ताव बनाएगा
(c) 50 लाख नए कृषकों को ऋण उपलब्ध कराया जाएगा
(d) ऋण भुगतान में माफी
[U.P.P.C.S. (Pre) 2005]
उत्तर-(d) ऋण भुगतान में माफी
- संप्रग सरकार के नए कृषि पैकेज में भूमिहीन कृषकों को बैंकों से ऋण प्राप्त करने तथा इससे संबंधित प्रस्ताव नाबार्ड द्वारा बनाए जाने एवं 50 लाख से अधिक नए कृषकों को संस्थागत ऋण उपलब्ध कराने का उल्लेख है।
- इसमें ऋण भुगतान से संबंधित माफी का कोई उल्लेख नहीं है।
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141. भारत की सरकार ने कीमत स्थिरीकरण कोष की स्थापना का निर्णय लिया है-
(a) आलू और प्याज के उत्पादकों के लिए
(b) गन्ना उत्पादकों के लिए
(c) कॉफी और चाय उत्पादकों के लिए
(d) टमाटर उत्पादकों के लिए
[U.P.P.C.S. (Pre) 2006]
उत्तर- (c) कॉफी और चाय उत्पादकों के लिए
- वर्ष, 2003 में वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय द्वारा जारी प्रस्ताव के माध्यम से 500 करोड़ रु. से कीमत स्थिरीकरण कोष स्थापित किया गया था।
- इस कोष का उपयोग चाय, कॉफी, रबर और तंबाकू की कीमतों को स्थिर रखने हेतु किए जाने का प्रावधान था।
- यह योजना प्रारंभ में 3.42 लाख उत्पादकों के लाभार्थ 10 वर्ष के लिए लागू की गई थी।
- कोष का उपयोग इन उत्पादनों की कीमतों में 20% कमी या वृद्धि होने पर किया जाता है।
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142. शहतूत रेशम का अग्रणी उत्पादक भारतीय राज्य है-
(a) आंध्र प्रदेश
(b) तमिलनाडु
(c) कर्नाटक
(d) पश्चिम बंगाल
[U.P.P.C.S. (Mains) 2017]
उत्तर-(c) कर्नाटक
- भारत में शहतूत रेशम का अग्रणी उत्पादक राज्य कर्नाटक है।
- इसके बाद क्रमशः आंध्र प्रदेश, पश्चिम बंगाल एवं तमिलनाडु का स्थान आता है।
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