आतंकवाद और संगठित अपराध के प्राथमिक उद्देश्य : इस सांठगांठ से निपटने हेतु सुझाब

प्रश्न: आतंकवाद का प्राथमिक उद्देश्य संगठित अपराध के उद्देश्य से भिन्न होता है, किन्तु दोनों के मध्य एक सहजीवी संबंध पाया जाता है। चर्चा कीजिए।

दृष्टिकोण

  • आतंकवाद और संगठित अपराध के प्राथमिक उद्देश्य का उल्लेख करते हुए उत्तर आरम्भ कीजिए।
  • दोनों के मध्य सहयोग और सहकार्यता के क्षेत्रों को रेखांकित कीजिए।
  • इस सांठगांठ से निपटने हेतु आगे की राह सुझाते हुए निष्कर्ष प्रदान कीजिए।

उत्तर

किसी भी सार्वत्रिक परिभाषा के अभाव में, सामान्यतः किसी आतंकवादी समूह को एक उग्रवादी, यथार्थ राजनीतिक लक्ष्यों वाले गैर-राज्य संगठन के रूप में संदर्भित किया जाता हैं, जिसके द्वारा उन लक्ष्यों की प्राप्ति हेतु प्रदर्शनकारी हिंसा के साधनों का उपयोग किया जाता है।

जहाँ एक ओर आतंकवाद में राजनीतिक या सामाजिक लक्ष्यों को प्राप्त करने के उद्देश्य से किसी जनसंख्या को भयभीत करने अथवा किसी सरकार या अंतर्राष्ट्रीय संगठन को बाध्य करना जैसे अपराध शामिल हैं वहीं दूसरी ओर संगठित अपराध वित्तीय अथवा अन्य भौतिक लाभ प्राप्त करने के उद्देश्य से किए जाते हैं, जिनमें शक्ति और नियंत्रण स्थापित करना द्वितीयक उद्देश्य हो सकते हैं। संगठित अपराध में हिंसा और बलप्रयोग शामिल हो सकता है, किन्तु संगठित अपराध का मुख्य उद्देश्य लाभ प्राप्त करना ही होता है।

विभेदों के बावजूद, ये सामान्य परिचालन विशेषताओं से संबद्ध होते हैं और प्रायः महत्वपूर्ण संसाधनों हेतु एक-दूसरे पर निर्भर रहते हैं।

आतंकवादी समूहों द्वारा संगठित अपराध के नेटवर्क का उपयोग किया जा रहा है

  • आतंकवादी हमलों को संपन्न करने हेतु वित्तीय संसाधनों तक पहुंच स्थापित करना। उदाहरण के लिए, मादक पदार्थों की तस्करी पर तालिबान की निर्भरता।
  • राज्य द्वारा आर्थिक सहायता से स्वतंत्रता (स्टेट स्पॉन्सरशिप)। उदाहरण के लिए, पाकिस्तान, मध्य एशिया, अफ्रीका और लैटिन अमेरिका जैसे देशों में आतंकवादी समूहों के लिए आय का मुख्य स्रोत मादक पदार्थों (विशेष रूप से हेरोइन) की तस्करी और व्यापार है। इसलिए जब राज्य द्वारा आर्थिक सहायता (स्टेट स्पॉन्सरशिप) बंद कर दी जाती है, तब भी ये आतंकवादी संगठन संगठित अपराधों के नेटवर्क का उपयोग जारी रख सकते हैं।
  • आर्थिक सहायता के सृजन की संभावना और जन समर्थन के अभाव की क्षतिपूर्ति। उदाहरण के लिए, ISIS ने इराक और सीरिया में तेल व गैस के भंडार, बैंकों, प्राचीन वस्तुओं और सांस्कृतिक धरोहरों के साथ-साथ इन क्षेत्रों के लोगों की पूंजी को नियंत्रित करने हेतु विशाल क्षेत्रों पर अधिकार स्थापित किया।
  • विशेषज्ञ कौशल तक पहुंच (जैसे कि धन शोधन अथवा यात्रा से संबंधित जाली दस्तावेज बनाना) विदेशी राज्यों में आतंकवादी हमलों की योजना बनाने के लिए जाली पासपोर्ट और जाली पहचान पत्रों (I.D) का उपयोग किया जा सकता है।
  • सीमा पार गतिविधियों (तस्करी और मानव तस्करी वाले मार्गों का उपयोग) में सुविधाजनक।
  • संभावित भर्तियों की एक विस्तृत श्रृंखला के संपर्क में आना जो पहले से ही गैरकानूनी हैं।
  • अवैध हथियार तस्करों के नेटवर्क का उपयोग करके हथियारों और गोला-बारूद तक पहुंच।

संगठित आपराधिक समूहों को आतंकवादी समूहों से लाभ प्राप्त होता है क्योंकि:

  • वे अपने सैन्य कौशल का उपयोग करते हैं और गुरिल्ला/आतंकी नियंत्रण वाले क्षेत्रों में अवैध मादक पदार्थों की कृषि (drug cultivation) अथवा तस्करी के लिए सुरक्षा प्राप्त करते हैं।
  • आतंकवादी राजनीतिक और आर्थिक संरचनाओं को अस्थिर बनाकर संगठित अपराध सम्बन्धी गतिविधियों के लिए अनुकूल परिवेश का सृजन कर सकते हैं।
  • आतंकवादियों के साथ गठबंधन, भय उत्पन्न करने की अतिरिक्त शक्ति (extra degree) प्रदान कर सकती है, उदाहरण के लिए पीड़ितों का अपहरण कर उच्च फिरौती की मांग करना।
  • हिंसक चरमपंथी अपराधियों के समाज में पुनः प्रवेश करने संबंधित कठिनाइयां, उन्हें संगठित अपराध समूहों की भर्ती के लिए संभावित लक्ष्य बनाती हैं

इस सांठगांठ से निपटने हेतु एक बहुआयामी दृष्टिकोण को अपनाए जाने की आवश्यकता होती है जिसके अंतर्गत सामाजिक रूप से हानिकारक घटनाओं की निगरानी हेतु डेटा विश्लेषण और कृत्रिम बुद्धिमत्ता निगरानी उपकरण का उपयोग और पर्याप्त प्रशिक्षण शामिल होना चाहिए। इसके साथ ही, सामुदायिक पुलिसिंग और स्थितिजन्य अपराध रोकथाम जैसे सॉफ्ट पावर दृष्टिकोण अग्र सक्रिय रूप से हिंसात्मक संगठनों (चाहे अपराधी हों, या आतंकवादी अथवा दोनों) में शामिल व्यक्तियों की रोकथाम हेतु महत्वपूर्ण सिद्ध होते हैं

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