विश्व बौद्धिक संपदा संगठन (WIPO) के प्रौद्योगिकी और नवाचार सहायता केंद्र (TISC) कार्यक्रम से संबंधित उद्देश्यों एवं सेवाओं का उल्लेख
प्रश्न: WIPO के प्रौद्योगिकी और नवाचार सहायता केंद्र (टेक्नोलॉजी एंड इनोवेशन सपोर्ट सेंटर्स: TISC) कार्यक्रम से जुड़े उद्देश्यों और सेवाओं का वर्णन कीजिए। साथ ही, IPR जागरूकता पर विशेष बल के साथ इस संदर्भ में भारत द्वारा उठाए गए कदमों पर प्रकाश डालिए।
दृष्टिकोण
- विश्व बौद्धिक संपदा संगठन (WIPO) के प्रौद्योगिकी और नवाचार सहायता केंद्र (TISC) कार्यक्रम से संबंधित उद्देश्यों एवं सेवाओं का उल्लेख कीजिए।
- बौद्धिक संपदा अधिकार (IPR) जागरूकता पर विशेष बल के साथ इस संदर्भ में भारत द्वारा उठाए गए कदमों पर प्रकाश डालिए।
उत्तर
WIPO के प्रौद्योगिकी और नवाचार सहायता केंद्र (TISC) कार्यक्रम का उद्देश्य विकासशील देशों में ऐसे अन्वेषकों (Innovator) की उपलब्धता सुनिश्चित करना है जिनकी स्थानीय स्तर पर आधारित, उच्च गुणवत्तायुक्त प्रौद्योगिकी की जानकारी एवं संबंधित सेवाओं तक पहुंच हो। यह अन्वेषकों की उनकी नवाचार संभावनाओं का उपयोग करने तथा उनके बौद्धिक संपदा अधिकारों (IPR) के सृजन, संरक्षण एवं प्रबंधन में सहायता करता है।
भारत में TISC के नेटवर्क की स्थापना से रचनात्मकता तथा नवाचार हेतु भारत में एक गतिशील, जीवंत एवं संतुलित बौद्धिक संपदा अधिकार प्रणाली को प्रोत्साहन मिलेगा। इसके परिणामस्वरूप उद्यमिता को बढ़ावा मिलेगा तथा सामाजिक, आर्थिक एवं सांस्कृतिक विकास में वृद्धि होगी। यह प्रौद्योगिकी और नवाचार सहायता केन्द्रों के मध्य ज्ञान और सर्वोत्तम कार्यप्रणालियों को साझा करने तथा बौद्धिक संपदाओं के क्षमता निर्माण, सृजन एवं वाणिज्यीकरण को प्रोत्साहन प्रदान करेगा। भारत का पहला TISC, WIPO TISC कार्यक्रम के तहत पंजाब के पेटेंट सूचना केंद्र में स्थापित किया जा चुका है।
TISCS द्वारा प्रदान की जाने वाली सेवाएं:
- ऑनलाइन पेटेंट एवं नॉन-पेटेंट (वैज्ञानिक और तकनीकी) संसाधनों तथा बौद्धिक संपदा से संबंधित प्रकाशनों तक पहुंच प्रदान करना।
- तकनीकी सूचनाओं की खोज एवं उनकी पुन:प्राप्ति में सहायता करना।
- ‘डेटाबेस की खोज (सचिंग)’संबंधी प्रशिक्षण प्रदान करना।
- डेटा की मांग-आधारित खोज।
- प्रौद्योगिकी और प्रतिस्पर्धियों की निगरानी।
- औद्योगिक संपदा कानूनों, प्रबंधन एवं रणनीति तथा प्रौद्योगिकी वाणिज्यीकरण और विपणन पर बुनियादी सूचनाएं प्रदान करना।
प्रौद्योगिकी और नवाचार पर विशेष ध्यान के साथ बौद्धिक संपदा अधिकार संबंधी पारितंत्र को सुदृढ़ करने हेतु भारत द्वारा उठाए गए कदम:
- पेटेंट और ट्रेडमार्क संबंधी आवेदन प्रक्रिया को ऑनलाइन कर दिया गया है।
- लगभग सभी पुराने बौद्धिक संपदा अभिलेखों (रिकार्ड्स) को डिजिटल रूप में संचित कर दिया गया है तथा नए अभिलेखों को तत्काल डिजिटल रूप में संचित किया जा रहा है।
- पेटेंट्स और ट्रेडमार्क संबंधी आवेदन प्रक्रिया हेतु स्वचालित इलेक्ट्रॉनिक मॉड्यूल्स को अपनाया गया है, जिसके माध्यम से इस प्रक्रिया की तीव्रता, परिशुद्धता तथा पारदर्शिता में वृद्धि की जा सकती है।
- आवेदनों की प्रोसेसिंग की दक्षता में वृद्धि, आवेदनों के परीक्षण में एकरूपता एवं संगतता, अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर द्विपक्षीय सहयोग में वृद्धि तथा लोगों के जागरूकता स्तर में वृद्धि करने हेतु बौद्धिक संपदा कार्यालय को रूपांतरित (transformed) किया गया है।
- सूचनाओं की पारदर्शिता तथा प्रसार में वृद्धि करने हेतु अब सार्वजनिक MSMEs के लिए बौद्धिक संपदा आवेदनों एवं ईरजिस्टरों की रियल टाइम स्थिति की जानकारी उपलब्ध है।
- नवाचारों को प्रोत्साहित करने तथा आविष्कारों को संरक्षण प्रदान करने हेतु शुल्क में 50% की छूट प्रदान की गई है।
- नवाचार और इसके वाणिज्यीकरण एवं जागरूकता को प्रोत्साहित करने हेतु राष्ट्रीय बौद्धिक संपदा अधिकार नीति, 2016 लागू की गई है।
बौद्धिक संपदा अधिकार जागरूकता कार्यक्रम:
- बौद्धिक संपदा प्रशिक्षण, जागरूकता तथा पहुँच (आउटरीच) संबंधी गतिविधियाँ: बौद्धिक संपदा अधिकार संबंधी जागरूकता/संवेदीकरण कार्यक्रम बौद्धिक संपदा संगठन के साथ-साथ उद्योग संघों, वाणिज्य मंडलों, अकादमिक संस्थानों आदि के द्वारा आयोजित किए जाते हैं। व्यापक पहुंच के लिए सामग्री के क्षेत्रीय भाषाओं में अनुवाद के साथ देश भर में 3500 जागरूकता कार्यक्रमों की योजना बनाई गई है।
- संभावित बौद्धिक संपदा प्रयोक्ताओं हेतु बौद्धिक संपदा से सम्बंधित राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय संगोष्ठियों/सेमिनारों और कार्यशालाओं का आयोजन किया गया है।
- ई-लर्निंग रिसोर्सेज: इन्टरनेट मीडिया के माध्यम से लोगों को शिक्षित करने हेतु पेटेंट, डिजाइन और व्यापार चिह्न महानियंत्रक (CGPDTM) के कार्यालय की वेबसाइट के एक पोर्टल पर बौद्धिक संपदा अधिकार के विभिन्न पहलुओं से संबंधित प्रेजेंटेशन अपलोड किये जा चुके हैं।
- बच्चों का कोना (किड्स नूक): अगली पीढ़ी के मध्य बौद्धिक संपदा अधिकारों के सम्मान और संरक्षण की संस्कृति को आत्मसात करने तथा उसकी शिक्षा प्रदान करने हेतु कुछ कॉमिक्स अपलोड किये गए हैं। ये बौद्धिक संपदा अधिकारों के मूल तत्वों पर आधारित हैं।
- ‘बौद्धिक संपदा अधिकार जागरूकता हेतु योजना – रचनात्मक भारत:अभिनव भारत’: यह योजना बौद्धिक संपदा अधिकार संवर्धन और प्रबंधन प्रकोष्ठ (CIPAM) द्वारा प्रारम्भ की गई है। इसका उद्देश्य छात्रों, नवयुवकों, लेखकों आदि के मध्य बौद्धिक संपदा अधिकार जागरूकता को बढ़ाना है।
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