i. सामान्य अवधारणा
1. महाविस्फोट सिद्धांत संबंधित है-
(a) महाद्वीपीय विस्थापन से
(b) ब्रह्माण्ड की उत्पत्ति से
(c) हिमालय की उत्पत्ति से
(d) ज्वालामुखियों के विस्फोट से
[R.A.S./R.T.S. (Pre) 2007]
उत्तर- (b) ब्रह्माण्ड की उत्पत्ति से
- महाविस्फोट सिद्धांत (Big Bang Theory) ब्रह्माण्ड की उत्पत्ति, आकाशगंगा तथा सौरमंडल की उत्पत्ति से संबंधित है।
- इस सिद्धांत का प्रतिपादन जॉर्ज लेमेंतेयर (1894-1966) ने वर्ष 1927 में किया था, जिसे वर्ष 1949 में फ्रेड होयल ने बिग बैंग नाम दिया।
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2. महाद्वीपीय बहाव का सिद्धांत किसके द्वारा विकसित किया गया था?
(a) जे.जे. विल्सन
(b) ए. वेगेनर
(c) डु टोइट
(d) एच. हेस
(e) उपर्युक्त में से कोई नहीं/उपर्युक्त में से एक से अधिक
[67th B.P.S.C. (Pre) 2022]
उत्तर- (b) ए. वेगेनर
- महाद्वीपीय बहाव का सिद्धांत (Continental drift theory) एल्फ्रेड वेगेनर द्वारा विकसित किया गया था।
- वेगेनर के अनुसार लगभग 20 करोड़ वर्ष पहले पैंजिया का विभाजन आरंभ हुआ।
- पैंजिया पहले दो बड़े महाद्वीपीय पिंडों लॉरेशिया और गोंडवानालैंड क्रमशः उत्तरी व दक्षिणी भूखंडों के रूप में विभक्त हुआ।
- इसके बाद लॉरेशिया व गोंडवानालैंड धीरे-धीरे अनेक छोटे हिस्सों में बंट गए, जो आज के महाद्वीप के रूप हैं।
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3. आकाशगंगा (Milky Way) वर्गीकृत की गई है-
(a) सर्पिलाकार गैलेक्सी के रूप में
(b) विद्युत गैलेक्सी के रूप में
(c) अनियमित गैलेक्सी के रूप में
(d) गोलाकार गैलेक्सी के रूप में
[U.P.P.C.S. (Pre) 2001]
उत्तर- (a) सर्पिलाकार गैलेक्सी के रूप में
- गैलेक्सी अनेक आकार-प्रकार में दृश्य होती हैं खगोलविद गैलेक्सी को मुख्यतः तीन प्रकारों में विभाजित करते हैं।
- यथा अंडाकार (Elliptical), सर्पिलाकार (Spiral) और अनियमित आकार (Irregular)।
- वर्ष 2005 में स्पिट्जर स्पेस टेलीस्कोप ने आकाशगंगा के आकार के बारे में पूर्व धारणाओं एवं विभ्रम के विपरीत इस बात के स्पष्ट साक्ष्य पेश किए कि आकाशगंगा का आकार दण्ड सज्जित सर्पिलाकार (Barred Spiral) है।
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4. हमारी आकाशगंगा के केंद्र की परिक्रमा करने में सूर्य को समय लगता है-
(a) 2.5 करोड़ वर्ष
(b) 10 करोड़ वर्ष
(c) 25 करोड़ वर्ष
(d) 50 करोड़ वर्ष
[I.A.S. (Pre) 1994, 40th B.P.S.C. (Pre) 1995]
उत्तर- (c) 25 करोड़ वर्ष
- गैलेक्टिक केंद्र से लगभग 7.94 KPC या 25.896 (26) हजार प्रकाश वर्ष की औसत दूरी तथा लगभग 720 किमी./घंटा औसत गति के कारण सूर्य को एक परिक्रमा करने में लगभग 22.5 से 25 करोड़ वर्ष लगते हैं।
- परिक्रमा की यह अवधि ब्रह्माण्ड वर्ष (Cosmic Year) कहलाती है।
- अतः निकटतम विकल्प के रूप में विकल्प (c) अभीष्ट उत्तर होगा।
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5. तारे का रंग सूचक है-
(a) सूर्य से दूरी का
(b) उसकी ज्योति का
(c) उसकी पृथ्वी से दूरी का
(d) उसके ताप का
[I.A.S. (Pre)1994]
उत्तर- (d) उसके ताप का
- तारों का रंग उनके ताप का सूचक होता है।
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6. वह सीमा, जिसके बाहर तारे आंतरिक मृत्यु से ग्रसित होते हैं, कहलाती है-
(a) चंद्रशेखर सीमा
(b) एडिंगटन सीमा
(c) हायल-सीमा
(d) फाउलर सीमा
[U.P.P.C.S. (Pre) 1997]
उत्तर- (a) चंद्रशेखर सीमा
- भारतीय भौतिकविद् सुब्रमण्यम चंद्रशेखर ने वर्ष 1931 में 1.44 सौर्यिक द्रव्यमान की वह सीमा निश्चित की थी, जिसके अंदर के तारे श्वेत वामन बनते हैं और जिसके ऊपर के अवशेष द्रव्यमान वाले तारे न्यूट्रॉन स्टार या कृष्ण विवर/श्याम विवर (Black Hole) के रूप में परिवर्तित होते हैं।
- ध्यान रहे कि 1.44 सौर्थिक द्रव्यमान की चंद्रशेखर सीमा नोवा या सुपरनोवा विस्फोट के बाद बचे अवशेष तारे के द्रव्यमान से सुनिश्चित होती है।
- यह पूर्णतः निश्चित नहीं है कि विकास की मुख्य अवस्था का किस आकार का तारा विस्फोट के पश्चात 1.44 सौर्थिक द्रव्यमान की सीमा के अंदर अवशेष के रूप में बचता है, किंतु ऐसा माना जाता है कि सूर्य के 8 गुने आकार तक के तारे में विस्फोट के पश्चात लगभग 1.44 सौर्थिक द्रव्यमान के बराबर अवशेष बचता है और इससे बड़े तारों का अवशेष 1.44 द्रव्यमान से अधिक होता है।
- इन्हीं तारों के ब्लैक होल बनने की संभावना होती है।
- ब्लैक होल का उच्च गुरुत्वाकर्षण तारे के संपूर्ण अवशेष को अपने अंदर समा लेता है।
- यहां तक कि इसके पास से गुजरने वाली कोई भी वस्तु इसके गुरुत्वाकर्षण से बच नहीं सकती है।
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7. कृष्ण छिद्र सिद्धांत को प्रतिपादित किया था-
(a) सी.वी. रमन ने
(b) एच.जे. भाभा ने
(c) एस. चंद्रशेखर ने
(d) हरगोविंद खुराना ने
[U.P.P.C.S. (Pre) 1996]
उत्तर- (c) एस. चंद्रशेखर ने
- दिए गए विकल्पों में एस. चंद्रशेखर ने कृष्ण छिद्र सिद्धांत या ब्लैक होल की जानकारी सर्वप्रथम दी थी।
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8. ‘ब्लैक होल’ की जानकारी सर्वप्रथम दी थी-
(a) हरमान बाण्डी ने
(b) मेघनाथ साहा ने
(c) एस. चंद्रशेखर ने
(d) जे.वी. नार्लिकर ने
[U.P.P.C.S. (Pre) 2015]
उत्तर- (c) एस. चंद्रशेखर ने
- दिए गए विकल्पों में एस. चंद्रशेखर ने सर्वप्रथम ‘ब्लैक होल की जानकारी दी थी।
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9. कथन (A) : कृष्ण छिद्र (Black Hole) एक ऐसा खगोलीय अस्तित्व है जिसे दूरबीन से देखा नहीं जा सकता।
कारण (R) : कृष्ण छिद्र पर गुरुत्वीय क्षेत्र इतना प्रबल होता है कि यह प्रकाश को भी बच निकलने नहीं देता।
उपर्युक्त वक्तव्यों के संदर्भ में निम्नलिखित में से कौन सही है?
कूट :
(a) (A) तथा (R) दोनों सही हैं तथा (R), (A) की सही व्याख्या करता है
(b) (A) तथा (R) दोनों सही हैं परंतु (R), (A) की सही व्याख्या नहीं करता है।
(c) (A) सही है, परंतु (R) गलत है
(d) (A) गलत है, परंतु (R) सही है
[U.P.P.C.S. (Pre) 2001, U.P.P.C.S. (Pre) 2003]
उत्तर- (a) (A) तथा (R) दोनों सही हैं तथा (R), (A) की सही व्याख्या करता है
- प्रश्नगत कथन एवं कारण दोनों सही हैं और कारण, कथन की सही व्याख्या है।
- कृष्ण छिद्र (Black Hole) को दूरबीन से प्रत्यक्षतः देख पाना संभव नहीं है, क्योंकि अत्यधिक उच्च घनत्व होने के कारण इसका प्रबल गुरुत्वीय क्षेत्र किसी भी प्रकार के विकिरण को यहां तक कि प्रकाश किरणों को भी निकलने नहीं देता है।
- अंतरिक्ष दूरबीनों द्वारा ब्लैक होल की उपस्थिति का पता उसके आस-पास के पिंडों, तारों एवं गैसों के व्यवहार विद्युत चुम्बकीय क्षेत्र के द्वारा लगाया जाता है।
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10. ‘सुपरनोवा’ है-
(a) एक ग्रहिका
(b) एक ब्लैक होल
(c) एक पुच्छलतारा
(d) एक मृतप्राय तारा
[U.P. Lower Sub. (Mains) 2015]
उत्तर- (d) एक मृतप्राय तारा
- सुपरनोवा विस्फोट के पश्चात तारा मृत्यु की दशा को प्राप्त होता है।
- अतः सुपरनोवा एक मृतप्राय तारे की विस्फोट अवस्था है।
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11. हमारे अंतरिक्ष में कितने तारामंडल (Constellations) हैं?
(a) 87
(b) 88
(c) 89
(d) 90
[44th B.P.S.C. (Pre) 2000]
उत्तर- (b) 88
- इंटरनेशनल एस्ट्रोनॉमिकल यूनियन (IAU) के अनुसार, आकाश में कुल 88 तारामंडल (Constellations) है, जिसमें से अधिकांश को दक्षिणी गोलार्द्ध से ही देखा जा सकता है।
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12. निम्नलिखित में से कौन-सी खगोलीय वस्तु नहीं है?
(a) पल्सर
(b) मंगुर तारा
(c) कृष्ण मास्टर
(d) क्वासर
[I.A.S. (Pre) 1993]
उत्तर- (c) कृष्ण मास्टर
- कृष्ण मास्टर खगोलीय वस्तु नहीं है, बल्कि कृष्ण विवर या ब्लैक होल खगोलीय वस्तु है।
- क्वासर एक तारावत स्रोत है, जो लगभग 2.5 से 13 अरब प्रकाश वर्ष की दूरी पर स्थित है।
- कुछ इससे भी अधिक दूरी पर स्थित हैं।
- ये प्रकाश उत्सर्जित करते हैं।
- इनसे आने वाली रेडियो तरंगों से इनकी जानकारी प्राप्त की जाती है।
- इसी प्रकार पल्सर एक खगोलीय पिंड है, जो स्पंदन के रूप में नियमित अंतराल पर रेडियो तरंगें उत्सर्जित करता रहता है।
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13. निम्नांकित में से कौन अंतरिक्ष में नहीं पाया जाता है?
(a) पल्सर
(b) ब्रिटल स्टार
(c) ब्लैक होल
(d) क्वासर
[U.P.P.C.S. (Pre) 1996]
उत्तर- (b) ब्रिटल स्टार
- पल्सर, क्वासर तथा ब्लैक होल तो अंतरिक्ष में पाए जाते हैं, जबकि ब्रिटल स्टार (Brittle Star) का संबंध एनिमेलिया जगत, इकाइनोडर्मेटा संघ तथा ओफिउरोइडिया वर्ग से है, जो समुद्री जीव ‘सी स्टार’ के समान हैं।
- ये दोनों ही समुद्री नितल पर रेंग कर चलने वाले समुद्री जीव हैं, जिन्हें मछली के समीप माना जा सकता है।
- अतः ब्रिटल स्टार का संबंध अंतरिक्ष से न होकर समुद्र से है।
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14. एक निश्चित आकृति में व्यवस्थित ताराओं का समूह, कहलाता है-
(a) आकाश गंगा
(b) नक्षत्र
(c) एंड्रोमीडा
(d) सौरमंडल
[U.P.P.C.S. (Pre) 2013]
उत्तर- (b) नक्षत्र
- खगोलशास्त्र में, आकाश में दिखने वाले तारों का ऐसा समूह, जो हमें एक निश्चित आकृति में व्यवस्थित प्रतीत होते हैं तथा जिन्हें एक नाम प्रदान किया गया है ‘तारामंडल’ अथवा ‘नक्षत्र’ (Constellation) कहलाते हैं।
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15. हब्बल अंतरिक्ष टेलीस्कोप ने पहली बार एक दूरस्थ तारे के सतह की छाया भेजी है। तारे का नाम है-
(a) विरगो
(b) 70 वरजिन्स
(c) बीटलग्यूस
(d) बिग डिपर
[U.P.P.C.S. (Pre) 1995]
उत्तर- (c) बीटलग्यूस
- बीटलम्यूस ओरियन तारा समूह का दूसरा सबसे चमकीला तारा है।
- यह पृथ्वी से लगभग 650 प्रकाश वर्ष की दूरी पर स्थित है।
- इसे सर्वप्रथम 1836 ई. में सर जॉन हर्शेल ने देखा, किन्तु वर्ष 1995 में हब्बल दूरबीन ने इसका चित्र खींचा।
- सूर्य के अतिरिक्त किसी तारे का खींचा जाने वाला यह प्रथम चित्र था।
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16. निम्नलिखित कथनों पर ध्यान दीजिए-
पृथ्वी और सूर्य के बीचों-बीच स्थित अंतरिक्ष यान में बैठे व्यक्ति को दिखाई पड़ेगा कि-
1. आकाश स्याह काला है
2. तारे टिमटिमाते नहीं हैं
3. अंतरिक्ष यान के बाहर का ताप पृथ्वी तल के ताप से कहीं अधिक है
इन कथनों में-
(a) केवल 3 सही है
(b) 1 और 2 सही हैं
(c) 1 और 3 सही हैं
(d) 1, 2 और 3 सही हैं
[I.A.S. (Pre) 1996]
उत्तर- (b) 1 और 2 सही हैं
- अंतरिक्ष यान में बैठे व्यक्ति को आकाश के काला दिखने या तारे टिमटिमाते न दिखाई पड़ने का कारण वायुमंडल हीनता है।
- अंतरिक्ष यान के बाहर (बाह्य आकाश) का तापमान लगभग 2.7 केल्विन (-270.45°C) होता है, जो पृथ्वी तल के ताप से बहुत कम है।
- अतः कथन 3 असत्य है।
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17. ‘प्रकाश वर्ष’ इकाई है-
(a) समय की
(b) दूरी की
(c) चमकीलापन की
(d) इनमें से कोई नहीं
[M.P.P.C.S. (Pre) 1994]
उत्तर- (b) दूरी की
- प्रकाश वर्ष (Light-Year) वह दूरी होती है, जो निर्वात (Vacuum) में प्रकाश द्वारा एक वर्ष में तय की जाती है, अर्थात प्रकाश वर्ष दूरी का मात्रक होता है।
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18. तारों के मध्य दूरी ज्ञात करने की इकाई है-
(a) स्टीलर मील
(b) कॉस्मिक किलोमीटर
(c) गैलेक्टिक इकाई
(d) प्रकाश वर्ष
[Uttarakhand P.C.S. (Pre) 2006]
उत्तर- (d) प्रकाश वर्ष
- निर्वात में प्रकाश द्वारा 3 × 10 किमी. / सेकंड की गति से एक वर्ष में चली गई दूरी प्रकाश वर्ष कहलाती है।
- प्रकाश वर्ष तारों के मध्य दूरी ज्ञात करने की इकाई है।
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19. यदि एक प्रेक्षक तारों को क्षितिज से लंबवत उठते देखता है, तो वह अवस्थित होता है-
(a) विषुवत रेखा पर
(b) कर्क रेखा पर
(c) दक्षिण ध्रुव पर
(d) उत्तर ध्रुव पर
[I.A.S. (Pre) 2001]
उत्तर- (a) विषुवत रेखा पर
- तारे उत्तरी और दक्षिणी खगोलीय ध्रुवों (North & South Celestial Poles) के चारों ओर खगोलीय विषुवत रेखा (Celestial Equator) के समानांतर चक्कर लगाते दिखाई देते हैं।
- उत्तरी एवं दक्षिणी खगोलीय ध्रुव, भौगोलिक उत्तरी एवं दक्षिणी ध्रुवों (Geographical North & South Poles) के ठीक ऊपर स्थित होते हैं तथा खगोलीय विषुवत रेखा पृथ्वी की विषुवत रेखा के लगभग ऊपर एवं ध्रुवों के सदैव 90″ पर स्थित होती है और यह क्षितिज पर पूर्व एवं पश्चिम के बिंदुओं से अंतर्राध करती है।
- खगोलीय ध्रुवों के अंशों (Degrees) की संख्या क्षितिज की विषुवत रेखा के अक्षांशों के बराबर होती है।
- अतः यदि कोई प्रेक्षक (Observer) तारों को क्षितिज से लंबवत उठते हुए देखता है, तो निश्चित ही वह विषुवत रेखा पर है।
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20. एक व्यक्ति काली अंधेरी रात में रेगिस्तान में अकेला खड़ा था। उसे अपने गांव जाना था, जो वहां से पूर्व में पांच किलोमीटर की दूरी पर था। उसके पास दिशा-ज्ञान के लिए कोई यंत्र नहीं था, पर उसने ध्रुव तारे को पहचान लिया। अब उसको गांव पहुंचने के लिए निम्नलिखित में से कौन-सा मार्ग अपनाना अधिकतम सुविधाजनक होगा?
(a) ध्रुव तारे की दिशा में चले
(b) ध्रुव तारे से विपरीत दिशा में चले
(c) ध्रुव तारे को अपनी बाईं ओर रखकर चले
(d) ध्रुव तारे को अपनी दाहिनी ओर रखकर चले
[I.A.S. (Pre) 2012]
उत्तर- (c) ध्रुव तारे को अपनी बाईं ओर रखकर चले
- ध्रुव तारा उत्तर की दिशा में चमकता है, अतः पूर्व की ओर जाने के लिए ध्रुव तारे को अपनी बाईं ओर रखकर चलना होगा।
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21. जिस तारामंडल के तारे ध्रुव तारे की ओर संकेत करते हैं, वह है-
(a) सप्तऋषि
(b) मृग
(c) वृश्चिक
(d) वृष
[41 B.P.S.C. (Pre) 1996]
उत्तर- (a) सप्तऋषि
- ध्रुव तारे (Polaris) का संकेत सप्तऋषि तारामंडल से प्राप्त होता है।
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22. निम्नांकित में से कौन अंतरिक्ष शब्दावली से संबंधित नहीं है?
(a) टेलीमीटरिंग
(b) भारहीनता
(c) सिसलुनर
(d) बाइट
[U.P.P.C.S. (Pre) 1997]
उत्तर- (d) बाइट
- बाइट (Byte) कंप्यूटर प्रणालियों में आठ द्विआधारी अंकों वाली इकाई होती है।
- अधिकांश कंप्यूटरों में इसका प्रयोग अक्षरों, संख्याओं और प्रतीक चिह्नों को प्रदर्शित करने में किया जाता है।
- शेष सभी का संबंध अंतरिक्ष से है।
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23. कभी-कभी समाचारों में ‘इवेंट होराइजन’, ‘सिंगुलैरिटी’, ‘स्ट्रिंग थियरी’ और ‘स्टैंडर्ड मॉडल’ जैसे शब्द किस संदर्भ में आते हैं?
(a) ब्रह्माण्ड का प्रेक्षण और बोध
(b) सूर्य और चंद्र ग्रहणों का अध्ययन
(c) पृथ्वी की कक्षा में उपग्रहों का स्थापन
(d) पृथ्वी पर जीवित जीवों की उत्पत्ति और क्रम विकास
[I.A.S. (Pre) 2017]
उत्तर- (a) ब्रह्माण्ड का प्रेक्षण और बोध
- प्रश्न में दिए गए शब्द ब्रह्माण्ड का प्रेक्षण और बोध के संदर्भ में समाचारों में आते हैं।
- इवेंट होराइजन- यह एक ऐसी सीमा (Boundary) है, जो अंतरिक्ष में ब्लैक होल के चारों ओर के क्षेत्र को परिभाषित करती है।
- इस सीमा के अंदर किसी भी घटना का प्रेक्षण संभव नहीं है।
- सिंगुलैरिटी यह अंतरिक्ष-काल (Space-Time) में एक ऐसा स्थल है, जहां किसी खगोलीय पिंड का गुरुत्वाकर्षण क्षेत्र अनंत हो जाता है।
- स्ट्रिंग थियरी इसमें सभी पदार्थों एवं बलों को एकल सैद्धांतिक रूपरेखा में सम्मिलित कर ब्रह्माण्ड के मूल स्तर की व्याख्या कणों के स्थान पर कंपायमान स्ट्रिंग के पदों में की जाती है।
- स्टैंडर्ड मॉडल- कण भौतिकी का स्टैंडर्ड मॉडल एक ऐसा सिद्धांत है, जिसमें ब्रह्माण्ड में ज्ञात चार मूल बलों में से तीन (विद्युत चुंबकीय, दुर्बल एवं प्रबल) की व्याख्या की जाती है तथा सभी ज्ञात मूल कणों का वर्गीकरण किया जाता है।
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24. निम्नलिखित में से कौन एक समय का प्राकृतिक इकाई नहीं हैं?
(a) उष्णकटिबंधीय वर्ष
(b) चन्द्र मास
(c) मानक समय
(d) दिवस (दिन)
[Uttarakhand P.C.S. (Pre) 2016]
उत्तर- (c) मानक समय
- मानक समय किसी देश का आधिकारिक प्रमाणिक समय होता है, जो किसी देशांतर रेखा द्वारा निर्धारण किया जाता है।
- कम देशांतरीय विस्तार वाले देशों में सामान्यतः एक प्रमाणिक (मानक) समय रेखा का निर्धारण किया जाता है, जबकि अधिक देशांतरीय विस्तार वाले देशों में एक से अधिक मानक समय रेखा का निर्धारण किया जाता है। भा
- रत में 82 1/2º E देशांतर रेखा प्रमाणिक समय रेखा है।
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ii. सौरमंडल
1. निम्नलिखित में से कौन-सा सौरमंडल का भाग नहीं है?
(a) क्षुद्र ग्रह
(b) धूमकेतु
(c) ग्रह
(d) निहारिका
[53nd to 55th B. P.S.C. (Pre) 2011]
उत्तर- (d) निहारिका
- सौरमंडल का निर्माण लगभग 4.53 से 4.58 (लगभग 4.6) बिलियन वर्ष पूर्व हुआ था।
- सौरमंडल में सूर्य (तारा) और ऐसे खगोलीय पिंड सम्मिलित होते हैं, जो गुरुत्वाकर्षण बल द्वारा उससे जुड़े रहते हैं; इनमें ग्रह, बौने ग्रह, प्राकृतिक उपग्रह, क्षुद्र ग्रह, उल्काएं, धूमकेतु और खगोलीय धूल आदि शामिल हैं, जबकि निहारिका सौरमंडल का भाग नहीं होती है।
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2. यह किसने सर्वप्रथम प्रतिपादित किया कि सूर्य हमारे सौरमंडल का केंद्र है और पृथ्वी उसकी परिक्रमा करती है?
(a) न्यूटन
(b) गैलीलियो
(c) पाणिनि
(d) कॉपरनिकस
[M.P.P.C.S. 1995]
उत्तर- (d) कॉपरनिकस
- 1514 ई. में एक हस्तलिखित पुस्तक Commentariolus (Little Commentary) में कॉपरनिकस (Copernicus) ने उस सिद्धांत का प्रतिपादन किया था, जिसमें कहा गया था कि ‘सूर्य ब्रह्माण्ड के केंद्र में है तथा पृथ्वी उसकी परिक्रमा करती है।
- उल्लेखनीय है कि छठी शती ई. के प्रसिद्ध भारतीय खगोलविद् वराहमिहिर ने इससे लगभग 1000 वर्ष पूर्व ही यह बता दिया था कि चंद्रमा पृथ्वी का परिक्रमा लगाता है और पृथ्वी, सूर्य की परिक्रमा करती है।
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3. किस वैज्ञानिक ने पहली बार कहा था कि पृथ्वी सूर्य के चारों ओर चक्कर लगाती है और पृथ्वी ब्रह्माण्ड का केंद्र बिंदु नहीं है?
(a) गैलीलियो
(b) कॉपरनिकस
(c) आइजक न्यूटन
(d) केप्लर
[M.P. P.C.S. (Pre) 1998]
उत्तर- (b) कॉपरनिकस
- दिए गए विकल्पों में निकोलस कॉपरनिकस ने पहली बार कहा था कि पृथ्वी, सूर्य के चारों ओर परिक्रमा करती है और पृथ्वी ब्रह्माण्ड का केंद्र बिंदु नहीं है।
- पोलैंड के खगोलशास्त्री एवं गणितज्ञ निकोलस कॉपरनिकस (Nicolaus Copernicus) इस मत के प्रतिपादक थे कि दैनिक गति में पृथ्वी अपने अक्ष पर तथा वार्षिक गति में स्थिर सूर्य के चतुर्दिक चक्कर लगाती है।
- इटली के वैज्ञानिक गैलीलियो गैलिलेई (Galileo Galilei) ने गिरने वाले पिंडों के आधारभूत नियमों का निरूपण किया है।
- अंग्रेज वैज्ञानिक आइजक न्यूटन (Isaac Newton) ने गुरुत्वाकर्षण तथा गति के तीन नियमों का प्रतिपादन किया।
- जर्मनी के खगोलविद् जोहॉन्स केप्लर (Johannes Kepler) ग्रहीय गतियों से संबंधित 3 आधारभूत नियमों के जनक हैं।
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4. किसने सर्वप्रथम यह स्थापित किया कि सभी ग्रह सूर्य की परिक्रमा करते हैं?
(a) निकोलस कॉपरनिकस
(b) जे. केपलर
(c) सी. गैलीलियो
(d) डी. इम्मैनुअल कान्ट
[Jharkhand P.C.S. (Mains), 2016]
उत्तर- (a) निकोलस कॉपरनिकस
- सर्वप्रथम निकोलस कॉपरनिकस ने यह स्थापित किया कि पृथ्वी सहित सभी ग्रह सूर्य की परिक्रमा करते हैं।
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5. हमारे सौर परिवार के संदर्भ में निम्नलिखित में से कौन-सा कथन सही है?
(a) हमारे सौर परिवार के सभी ग्रहों में पृथ्वी सघनतम है
(b) पृथ्वी के संघटन में मुख्य तत्व सिलिकॉन है
(c) सूर्य में सौर परिवार के द्रव्यमान का 75 प्रतिशत अंतर्विष्ट है
(d) सूर्य का व्यास पृथ्वी के व्यास का 190 गुना है।
[I.A.S. (Pre) 2002]
उत्तर- (a) हमारे सौर परिवार के सभी ग्रहों में पृथ्वी सघनतम है
- सौरमंडल के सभी आठ ग्रहों में पृथ्वी का माध्य घनत्व सर्वाधिक 5.5 ग्राम/सेमी. है।
- अन्य ग्रहों का घनत्व ग्राम/सेमी. में इस प्रकार है-बुध (5.4), शुक्र (5.2), मंगल (3.9), बृहस्पति (1.3), शनि (0.6), अरुण (1.2) तथा वरुण (1.6)। अतः कथन (a) सही है।
- पृथ्वी के संघटन में मुख्य तत्व लोहा (32.07%) है।
- 30.12 प्रतिशत के साथ ऑक्सीजन दूसरे और 15.12 प्रतिशत के साथ सिलिकॉन तीसरे स्थान पर है।
- अतः कथन (b) असत्य है।
- सूर्य में सौर परिवार के द्रव्यमान का 99.8 प्रतिशत भाग अंतर्विष्ट है। सूर्य का द्रव्यमान 1.989 × 10030 किग्रा. है, जो पृथ्वी के द्रव्यमान का लगभग 3,33,000 गुना है। अतः कथन (c) असत्य है।
- सूर्य का व्यास, पृथ्वी के व्यास का लगभग 109 गुना है। अतः कथन (d) भी असत्य है।
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6. सौरमंडल में ग्रहों की संख्या है-
(a) 7
(b) 9
(c) 12
(d) 21
[U.P.P.C.S. (Pre) 1992]
उत्तर- (b) 9
- सौरमंडल में ग्रहों की संख्या पूर्व मान्यता के अनुसार 9 थी, जो सूर्य से बढ़ती हुई दूरी के क्रम में निम्न प्रकार हैं-
1. बुध (57.9 मिलियन किमी.)
2. शुक्र (108.2 मिलियन किमी.)
3. पृथ्वी (149.6 मिलियन किमी.)
4. मंगल (228 मिलियन किमी.)
5. बृहस्पति (778.5 मिलियन किमी.)
6. शनि (1432 मिलियन किमी.)
7. यूरेनस (2867 मिलियन किमी.)
8. नेप्च्यून (4515 मिलियन किमी.)
9. प्लूटो (5906.4 मिलियन किमी.)
- नोट: 14-25 अगस्त, 2006 के मध्य प्राग (चेक गणराज्य) में संपन्न ‘अंतरराष्ट्रीय खगोलीय संघ’ (IAU) की 26वीं महासभा की बैठक में प्लूटो को ग्रहों की श्रेणी से हटाकर बौना ग्रह (Dwarf) की श्रेणी में डाल दिया गया है।
- अतः ग्रहों की संख्या नई मान्यता के अनुसार 9 से घटकर 8 हो गई है।
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7. ग्रहों के बारे में निम्न में क्या सत्व है-
(a) ये प्रकाशहीन होते हैं, किंतु चमकते नहीं है।
(b) ये आप्रकाशवान होते हुए भी चमकते हैं।
(c) ये प्रकाशवान होते हैं, किंतु चमकते नहीं हैं।
(d) ये प्रकाशवान भी हैं और चमकते भी हैं।
[U.P. P.C.S. (Pre) 1992]
उत्तर- (b) ये आप्रकाशवान होते हुए भी चमकते हैं।
- ग्रह (Planet) अप्रकाशवान होते हैं, किंतु सूर्य के प्रकाश से प्रकाशित होते है।
- अतः प्रश्नगत विकल्प (b) का कथन सत्य है।
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8. सूर्य के निकटतम ग्रह है-
(a) बुध
(b) पृथ्वी
(c) शुक्र
(d) प्लूटो
[U.P.P.C.S. (Mains) 2004]
उत्तर- (a) बुध
- बुध (Mercury) सूर्य के सबसे निकट का और पूर्व मान्यता के अनुसार प्लूटो के बाद सौरमंडल का दूसरा सबसे छोटा ग्रह है।
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9. निम्नलिखित युग्मों में से कौन-सा सुमेलित नहीं है?
(a) सौरमंडल का सबसे बड़ा ग्रह – बृहस्पति
(b) सौरमंडल का सबसे छोटा ग्रह – बुध
(c) सौरमंडल का सर्वाधिक चमकीला ग्रह – शुक्र
(d) सौरमंडल का मन्दतम गति वाला ग्रह – मंगल
[U.P.P.C.S. (Mains) 2011]
उत्तर- (d) सौरमंडल का मन्दतम गति वाला ग्रह – मंगल
- सौरमंडल में कुल 8 ग्रह हैं।
- जिसमें सबसे छोटा ग्रह बुध है, जबकि सबसे बड़ा बृहस्पति है।
- शुक्र सर्वाधिक चमकीला ग्रह है। वरुण सबसे दूर स्थित है।
- इसकी परिक्रमण गति भी सबसे कम 5.4 किमी. सेकंड है।
- यह सूर्य की परिक्रमा करने में सर्वाधिक समय 59800 दिन (लगभग 164 वर्ष) लगाता है।
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10. निम्नलिखित को आकार के अनुसार घटते क्रम में लगाइए तथा नीचे दिए गए कूट से सही उत्तर चुनिए-
(1) बृहस्पति
(2) वरुण
(3) पृथ्वी
(4) शनि
कूट:
(a) (1), (4), (3), (2)
(b) (4), (1), (2), (3)
(c) (1), (4), (2), (3)
(d) (4), (1), (3), (2)
[M.P.P.C.S. (Pre) 2008]
उत्तर- (c) (1), (4), (2), (3)
- प्रश्नानुसार आकार के अनुसार घटते क्रम में बृहस्पति, शनि, वरुण, पृथ्वी हैं।
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11. निम्नलिखित में से कौन-सा ग्रह सौरमंडल का नहीं है?
(a) बुध
(b) फ्लोरिडा
(c) शुक्र
(d) शनि
[M.P.P.C.S. (Pre) 2010]
उत्तर- (b) फ्लोरिडा
- बुध, शुक्र और शनि सौरमंडल के ग्रह हैं, जबकि फ्लोरिडा अमेरिका में अवस्थित एक राज्य है।
- यहां यूएसए का अंतरिक्ष यान प्रक्षेपण केंद्र केनेडी स्पेस सेंटर मेरिट आइलैण्ड (Merrit Island) पर स्थित है।
- (केप के नावेरल स्पेस फोर्स स्टेशन के पास) है।
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12. ‘गोल्डीलॉक्स जोन (Goldilocks Zone) शब्द निम्नलिखित में से किसके संदर्भ में अक्सर समाचारों में देखा जाता है?
(a) भूपृष्ठ के ऊपर वासयोग्य मंडल की सीमाएं
(b) पृथ्वी के अंदर का वह क्षेत्र जिसमें शेल गैस उपलब्ध है
(c) बाह्य अंतरिक्ष में पृथ्वी जैसे ग्रहों की खोज
(d) मूल्यवान धातुओं से युक्त उल्कापिंडों (मीटिओराइट्स) की खोज
[I.A.S. (Pre) 2015]
उत्तर- (c) बाह्य अंतरिक्ष में पृथ्वी जैसे ग्रहों की खोज
- गोल्डीलॉक्स जोन को आवासीय क्षेत्र भी कहा जाता है।
- यह किसी तारे के चारों ओर स्थित ऐसा क्षेत्र है, जहां किसी ग्रह की सतह पर तरल पानी होने की उचित स्थिति पाई जाती है।
- तरल पानी ग्रहों पर जीवन की खोज में एक महत्वपूर्ण घटक है।
- हमारे सौरमंडल के गोल्डीलॉक्स जोन में स्थित ग्रह पृथ्वी है।
- अन्य की खोज में अनुसंधान जारी है।
- यह जोन न अत्यधिक गर्म और न ही अत्यधिक ठंडा होता है।
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13. सूची-I को सूची-II से सुमेलित कीजिए तथा सूचियों के नीचे दिए गए कूट की सहायता से सही उत्तर का चयन कीजिए-
सूची-I |
सूची-II |
(A) ग्रह |
1. चंद्रमा |
(B) उपग्रह |
2. यूरेनस |
(C) पुच्छल तारा |
3. मेराइनर |
(D) कृत्रिम उपग्रह |
4. हेली |
कूट :
A, B, C, D
(a) 2, 1, 4, 3
(b) 1, 2, 3, 4
(c) 4, 3, 1, 2
(d) 2 ,1, 3, 4
[U.P.P.C.S. (Pre) 1999]
उत्तर- (a) 2, 1, 4, 3
- यूरेनस ब्रह, चंद्रमा उपग्रह, हेली पुच्छल तारा तथा मेराइनर (मैरिनर) कृत्रिम उपग्रह है।
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14. सौरमंडल का प्रधान आकाशी पिंड कौन-सा है?
(a) पृथ्वी
(b) बृहस्पति
(c) शनि
(d) सूर्य
(e) उपर्युक्त में से कोई नहीं/ उपर्युक्त में से एक से अधिक
[67th B.P.S.C. (Pre) (Re. Exam) 2022]
उत्तर- (d) सूर्य
- सौरमंडल का प्रधान आकाशी पिंड सूर्य है।
- सूर्य, सौरमंडल के केंद्र में स्थित है।
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iii. सूर्य
1. सूर्य की ऊर्जा उत्पन्न होती है-
(a) आयनन द्वारा
(b) नाभिकीय संलयन द्वारा
(c) नाभिकीय विखंडन द्वारा
(d) ऑक्सीकरण द्वारा
[U.P.P.C.S. (Pre) 1996, 2001, 2006]
उत्तर- (b) नाभिकीय संलयन द्वारा
- तारों से मुक्त होने वाली ऊर्जा, ऊष्मा और प्रकाश का कारण नाभिकीय संलयन अभिक्रिया है।
- तारों में 1 से 1.5 करोड़ डिग्री सेल्सियस तापमान पर हाइड्रोजन के परमाणु आपस में संलयित होकर हीलियम का निर्माण करते हैं।
1H2+1H2 → 2H4 +ऊर्जा
ड्यूटीरियम हीलियम
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2. हीरक वलय एक दृश्य है जिसे देखा जा सकता है-
(a) पूर्ण सूर्यग्रहण के आरंभ में
(b) पूर्ण सूर्यग्रहण के अंत में
(c) केवल पूर्णतया पचचिह्न के परिधीय क्षेत्रों पर
(d) केवल पूर्णतया पथचिह्न के केंद्रीय क्षेत्रों पर
[I.A.S. (Pre) 1996]
उत्तर- (c) केवल पूर्णतया पचचिह्न के परिधीय क्षेत्रों पर
- ‘हीरक वलय’ (Diamond Ring) का दृश्य पूर्ण सूर्यग्रहण (Total Solar Eclipse) के समय, जब चंद्रमा, सूर्य को पूर्णतः ढक लेता है, के कुछ सेकंड पूर्व एवं कुछ सेकंड बाद परिधि रेखा पर दिखाई पड़ता है।
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3. सूर्यग्रहण कब होता है-
(a) चतुर्थांश चंद्रमा के दिन
(b) प्रतिपदा (New Moon Day)
(c) किसी दिन
(d) पूर्णिमा को
[U.P.P.C.S. (Pre) 1991]
उत्तर- (b) प्रतिपदा (New Moon Day)
- सूर्यग्रहण (Solar Eclipse) की स्थिति तब होती है जब चंद्रमा, सूर्य और पृथ्वी के बीच आ जाता है जिससे सूर्य का प्रकाश पृथ्वी तक नहीं पहुंच पाता है।
- यह स्थिति केवल प्रतिपदा (New Moon Day) या अमावस्या को ही होती है।
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4. खग्रास (पूर्ण) सूर्यग्रहण केवल सीमित भू-क्षेत्र में ही दिखाई पड़ता है क्योंकि-
(a) पृथ्वी के अनुप्रस्थ परिच्छेद की तुलना में पृथ्वी पर पड़ने वाली चंद्रमा की छाया का आकार छोटा होता है।
(b) पृथ्वी की सतह सपाट नहीं है, बल्कि उसमें उभार और अवनमन है।
(c) सूर्य के चारों ओर पृथ्वी का तथा पृथ्वी के चारों ओर चंद्रमा का कक्ष पथ पूर्णतः वृत्ताकार नहीं है।
(d) वायुमंडलीय अपवर्तन के कारण सूर्य की किरणें चंद्र छाया के अधिकांश परिधीय क्षेत्र तक पहुंच सकती हैं।
[I.A.S. (Pre) 1993]
उत्तर- (a) पृथ्वी के अनुप्रस्थ परिच्छेद की तुलना में पृथ्वी पर पड़ने वाली चंद्रमा की छाया का आकार छोटा होता है।
- जब चंद्रमा, सूर्य और पृथ्वी के बीच आ जाता है तब सूर्यग्रहण की स्थिति होती है।
- इस स्थिति में पृथ्वी का जो भाग सूर्य की ओर होता है, वहीं चंद्रमा की छाया पड़ती है।
- साथ ही पृथ्वी के अनुप्रस्थ परिच्छेद की तुलना में पृथ्वी पर पड़ने वाली चंद्रमा की छाया का आकार छोटा होता है।
- यही कारण है कि पूर्ण सूर्यग्रहण पृथ्वी के सभी भागों पर एक साथ दिखाई नहीं देता है तथा यह केवल सीमित भू-क्षेत्र में ही दिखाई देता है।
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5. सूर्य का प्रभामंडल (Halo) प्रकाश के अपवर्तन से उत्पन्न होता है-
(a) स्तरी मेघों के जलवाष्प में
(b) पक्षाभ-कपासी मेघों के हिमस्फटिकों में
(c) पक्षाभ मेघों के हिमस्फटिकों में
(d) स्तरी मेघों के धूल कणों में
[I.A.S. (Pre) 2002]
उत्तर- (c) पक्षाभ मेघों के हिमस्फटिकों में
- चंद्रमा अथवा सूर्य के चारों ओर पक्षाभ (Cirrus) एवं पक्षाभ स्तरी (Cirrostratus) बादलों के अपवर्तन से बने श्वेत दूधिया रंग के छल्ले को प्रभामंडल कहते हैं।
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6. एक खगोलीय एकक (One Astronomical Unit) औसत दूरी है-
(a) पृथ्वी और सूर्य के बीच की
(b) पृथ्वी और चंद्रमा के बीच की
(c) बृहस्पति और सूर्य के बीच की
(d) प्लूटो और सूर्य के बीच की
[I.A.S. (Pre) 1998, Jharkhand P.C.S. (Pre) 2011]
उत्तर- (a) पृथ्वी और सूर्य के बीच की
- खगोलीय इकाई (Astronomical Unit) लंबाई मापने की इकाई है।
- यह इकाई सूर्य एवं पृथ्वी के बीच की औसत दूरी लगभग 150 × 106 किमी. (149.598×106 किमी. या 149.6 मिलियन किमी.) के बराबर होती है।
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7. पृथ्वी सूर्य से निकटतम दूरी पर होती है-
(a) 3 जनवरी को
(b) 4 जुलाई को
(c) 22 मार्च को
(d) 21 सितंबर को
[Uttarakhand P.C.S. (Mains) 2006, U.P.P.S.C. (GIC) 2010]
उत्तर- (a) 3 जनवरी को
- पृथ्वी सूर्य से निकटतम दूरी पर जनवरी के प्रथम सप्ताह में होती है, इस स्थिति को पेरीहिलियन (उपसौर) कहते हैं।
- इसके विपरीत जुलाई के प्रथम सप्ताह में पृथ्वी, सूर्य से सर्वाधिक दूरी पर होती है, इस स्थिति को अपहिलियन (अपसौर) कहते हैं।
- सामान्यतः उपसौर की स्थिति 4 जनवरी या उसके निकटतम तिथि यथा 2, 3, 5 जनवरी को होती है, उसी प्रकार अपसौर 4 जुलाई या उसके निकटतम तिथि को होती है।
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8. सूर्य का आकार पृथ्वी से कितने गुना बड़ा है?
(a) 124 गुना
(b) 100 गुना
(c) 109 गुना
(d) 115 गुना
[M.P.P.C.S. (Pre) 2014]
उत्तर- (c) 109 गुना
- नासा के अनुसार, सूर्य का आकार पृथ्वी से 109.2 गुना बड़ा है।
- सूर्य की माध्य त्रिज्या 695700 किमी. तथा पृथ्वी की 6378 किमी. है।
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iv. बुध
1. निम्नलिखित में से कौन-सा ग्रह सबसे कम समय में सूर्य का चक्कर लगाता है?
(a) प्लूटो
(b) बुध
(c) पृथ्वी
(d) शनि
[U.P. P.C.S. (Pre) 2002]
उत्तर- (b) बुध
- सौरमंडल के सभी आठ ग्रह सूर्य की परिक्रमा लगाते हैं, जिसमें बुध ग्रह की अवधि (लगभग 88 दिन) सबसे कम है।
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2. निम्नलिखित ग्रह युग्मों में से कौन बिना उपग्रह के हैं?
(a) शुक्र एवं मंगल
(b) बुध एवं मंगल
(c) पृथ्वी और बृहस्पति
(d) बुध और शुक्र
[U.P.P.C.S. (Mains) 2016]
उत्तर- (d) बुध और शुक्र
- बुध (Mercury) एवं शुक्र (Venus) ग्रह के कोई भी उपग्रह नहीं हैं।
- सूर्य और पृथ्वी के बीच में होने के कारण इन्हें अंतग्रह (Interior Planets) भी कहा जाता है।
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3. निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिए-
1. किसी पिंड का एल्बिडो, परावर्तित प्रकाश मे देखने पर, उसकी चाक्षुष द्युति निर्धारित करता है।
2. बुध का एल्बिडो, पृथ्वी के एल्बिडो से बहुत अधिक है।
उपर्युक्त कथनो मे से कौन-सा/से सही है/है?
(a) केवल 1
(b) केवल 2
(c) 1 और 2 दोनों
(d) न तो 1 और न ही 2
[I.A.S. (Pre) 2008]
उत्तर- (a) केवल 1
- परावर्तित प्रकाश में देखने पर किसी पिंड का एल्बिडो उसकी चमक (Brightness) अर्थात चाक्षुष द्युति निर्धारित करता है।
- बुध बहुत अधिक मात्रा में सूर्य का प्रकाश ग्रहण करता है, किंतु इसका एल्बिडो पृथ्वी की तुलना में बहुत कम होने के कारण इसमें चमक कम होती है।
- पृथ्वी का एल्बिडो लगभग 0.3 है, जबकि बुध का लगभग 0.1 है।
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v. शुक्र
1. सौरमंडल का सर्वाधिक गर्म ग्रह है-
(a) बुध
(b) शुक्र
(c) मगल
(d) पृथ्वी
[41 B.P.S.C. (Pre) 1996]
उत्तर- (b) शुक्र
- सौरमंडल का सर्वाधिक गर्म ग्रह शुक्र है।
- इसका औसत तापमान 464°C (737 K) है।
- इसका कारण शुक्र ग्रह पर कार्बन डाई ऑक्साइड गैस की अधिकता है।
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2. ‘Evening Star’ किस ग्रह को कहते हैं?
(a) मंगल
(b) बृहस्पति
(c) शुक्र
(d) शनि
[44th B.P.S.C. (Pre) 2000]
उत्तर- (c) शुक्र
- शुक्र ग्रह को ‘सुबह का तारा’ ‘अथवा भोर का तारा’ (Morning Star) और ‘सायंकाल का तारा’ (Evening Star) कहा जाता है तथा मंगल को ‘लाल ग्रह’ कहा जाता है।
- बृहस्पति सौरमंडल का सबसे बड़ा ग्रह है। जबकि शनि का घनत्व सभी ग्रहों में सबसे कम (जल से भी कम) है।
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3. निम्नलिखित में से किस एक को ‘भोर का तारा’ के नाम से जाना जाता है?
(a) बुध
(b) शुक्र
(c) मंगल
(d) शनि
[U.P. Lower Sub. (Pre) 2015]
उत्तर- (b) शुक्र
- शुक्र ग्रह को ‘भोर का तारा’ के नाम से जाना जाता है, इसे ‘सांझ का तारा’ भी कहा जाता है।
- शुक्र, सूर्य के दूसरा सबसे निकटतम ग्रह तथा रात्रि में आकाश में सबसे चमकीला प्राकृतिक ग्रह है।
- गभग समान आकार तथा द्रव्यमान के कारण इसे ‘पृथ्वी की बहन’ के रूप में भी जाना जाता है।
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4. कथन (A): शुक्र (वीनस) ग्रह पर मानव जीवन का होना अत्यधिक असम्भाव्य है।
कारण (R): शुक्र के वायुमंडल में कार्बन डाइऑक्साइड का अत्यधिक उच्च स्तर है।
नीचे दिए गए कूट का प्रयोग करके सही उत्तर का चयन कीजिए-
(a) (A) और (R) दोनों सही हैं और (R), (A) की सही व्याख्या है
(b) (A) और (R) दोनों सही हैं और (R), (A) की सही व्याख्या नहीं है
(c) (A) सही है, परंतु (R) गलत है
(d) (A) गलत है, परंतु (R) सही है
[I.A.S. (Pre) 2005]
उत्तर- (a) (A) और (R) दोनों सही हैं और (R), (A) की सही व्याख्या है
- शुक्र (Venus) ग्रह पर वायुमंडल (Atmosphere) के प्रमाण उपलब्ध हैं।
- शुक्र के वायुमंडल में मुख्यतः कार्बन डाइऑक्साइड का ही संकेंद्रण है।
- इसके अतिरिक्त शुक्र की सतह का तापमान औसतन 464°C से अधिक रहता है।
- उपर्युक्त कारणों (अत्यधिक तापमान और कार्बन डाइऑक्साइड) से शुक्र पर जीवन की संभावना अत्यधिक कम हो जाती है।
- अतः कथन (A) एवं कारण (R) दोनों सही हैं तथा कारण (R) कथन (A) की स्पष्ट व्याख्या भी करता है।
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5. पृथ्वी की जुड़वां बहन कहे जाने वाले ग्रह का नाम है-
(a) बुध
(b) शुक्र
(c) मंगल
(d) प्लूटो
[U.P.P.C.S. (Pre) 2007, U.P. Lower Sub. (Pre) 2008]
उत्तर- (b) शुक्र
- शुक्र (Venus) ग्रह को पृथ्वी की जुड़वां बहन (Sister Planet) के नाम से भी जाना जाता है।
- इसके अतिरिक्त इस ग्रह को सर्वाधिक चमकीला ग्रह, सुबह का तारा तथा शाम का तारा आदि नामों से भी संबोधित किया जाता है।
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6. मैगलन अंतरिक्षयान किस ग्रह हेतु भेजा गया है?
(a) प्लूटो
(b) शनि
(c) मंगल
(d) शुक्र
[U.P.P.C.S. (Pre) 1991]
उत्तर- (d) शुक्र
- मैगलन अंतरिक्षयान (Magellan Spacecraft) मैगलन मिशन के तहत शुक्र (Venus) ग्रह पर वर्ष 1989 में भेजा गया जो एक डीप स्पेस मिशन था।
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vi. पृथ्वी
1. निम्नलिखित में से किसने सबसे पहले यह कहा था कि पृथ्वी गोलाकार है?
(a) अरस्तू
(b) कॉपरनिकस
(c) टॉलमी
(d) स्ट्राबो
[I.A.S. (Pre) 2001]
उत्तर- (a) अरस्तू
- यूनानी दार्शनिक अरस्तू (384-322 ई.पू.) ने अपनी पुस्तक ‘ऑन द हेवेन्स’ (On the Heavens) (अंग्रेजी में अनूदित) के द्वितीय खंड के 14वें अध्याय में स्पष्ट उल्लेख किया है कि पृथ्वी गोलाकार (Spherical) है।
- अंग्रेजी भाषा में यह पुस्तक जे.एल. स्टॉक द्वारा अनूदित है। टॉलमी तथा स्ट्राबो पहली शताब्दी के तथा कॉपरनिकस 15वीं शताब्दी के दार्शनिक हैं।
- अतः स्पष्ट है कि सबसे पहले अरस्तू ने यह उल्लेख किया है कि पृथ्वी गोलाकार है।
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2. एक जीवधारी के रूप में पृथ्वी का वैज्ञानिक नाम है-
(a) गाय
(b) सीता
(c) ग्रीन प्लैनेट
(d) हरमीज
[U.P.P.C.S. (Pre) 1999]
उत्तर- (c) ग्रीन प्लैनेट
- पृथ्वी पर जीवन इस पर पाई जाने वाली पारिस्थितिकी के कारण है।
- पारिस्थितिकी के कारण ही पृथ्वी ग्रह को ग्रीन प्लैनेट की संज्ञा दी गई है।
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3. पृथ्वी का व्यास है-
(a) 8,000 किमी.
(b) 1,00,000 किमी.
(c) 12,800 किमी.
(d) उपर्युक्त में से कोई नहीं
[Uttarakhand P.C.S. (Mains) 2006]
उत्तर- (c) 12,800 किमी.
- पृथ्वी का व्यास लगभग 12,800 किमी. (12,756 किमी.) है।
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4. कथन (A): पृथ्वी पर एक स्थान से बढ़ते हुए अक्षांश वाले दूसरे स्थान पर किसी वस्तु का वजन घटता है।
कारण (R) : पृथ्वी एक परिशुद्ध गोला नहीं है।
नीचे दिए गए कूट का प्रयोग करके सही उत्तर का चयन कीजिए-
कूट :
(a) (A) और (R) दोनों सही हैं और (R), (A) का सही स्पष्टीकरण है।
(b) (A) और (R) दोनों सही हैं और (R), (A) का सही स्पष्टीकरण नहीं है।
(c) (A) सही है, परंतु (R) गलत है।
(d) (A) गलत है, परंतु (R) सही है।
[I.A.S. (Pre) 2003]
उत्तर- (d) (A) गलत है, परंतु (R) सही है।
- पृथ्वी के घूर्णन से उत्पन्न अपकेंद्रीय बल विषुवत रेखा पर सर्वाधिक होता है।
- इसी बल के प्रभाव के फलस्वरूप विषुवत रेखा पर किसी पिंड का भार सबसे कम और उच्च अक्षांशों की ओर बढ़ता जाता है तथा ध्रुवों पर सर्वाधिक होता है।
- अतः कथन (A) गलत है। पृथ्वी की आकृति लघ्वक्ष गोलाभ (Oblate Spheroid) के सर्वाधिक निकट है।
- पृथ्वी के अपने विशेष आकृति के कारण इसे पृथ्वाकार (जियॉड, Geoid) भी कहा जाता है।
- अतः पृथ्वी परिशुद्ध गोला नहीं है। अतः कारण (R) सही है।
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5. पृथ्वी के तरल अभ्यंतर से भिन्न चंद्रमा का अभ्यंतर है-
(a) प्लाज्मा
(b) वाष्पशील गैस
(c) श्यान द्रव
(d) ठोस
[U.P.P.C.S. (Mains) 2004]
उत्तर- (c) श्यान द्रव
- पृथ्वी के तरल अभ्यंतर (Outer Core) के समान ही चंद्रमा का अभ्यंतर भी श्यान द्रव जैसा है।
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6. भूपर्पटी में बहुतायत से पाया जाने वाला रासायनिक तत्व है-
(a) ऑक्सीजन
(b) एल्युमीनियम
(c) लोहा
(d) सिलिकॉन
[U. P.U.D.A./L.D.A. (Pre) 2013]
उत्तर- (a) ऑक्सीजन
- भूपर्पटी में बहुतायत में पाया जाने वाला रासायनिक तत्व ऑक्सीजन (O) (46.60 प्रतिशत) है।
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7. पृथ्वी तक पहुंचने के लिए सूर्य से चला प्रकाश समय लेता है लगभग-
(a) 2 मिनट
(b) 4 मिनट
(c) 8 मिनट
(d) 16 मिनट
[38th B.P.S.C. (Pre) 1992, M.P. P.C.S. (Pre) 1996, U.P. P.C.S. (Mains) 2005]
उत्तर- (c) 8 मिनट
- सूर्य से प्रकाश को पृथ्वी तक पहुंचने में लगभग 8 मिनट, 19 सेकंड (लगभग 499 सेकंड) का समय लगता है।
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8. निम्नलिखित में से कौन-सा ग्रह पृथ्वी से निकटतम है?
(a) प्लूटो
(b) मंगल
(c) शनि
(d) बृहस्पति
[M.P.P.C.S. (Pre) 1993]
उत्तर- (b) मंगल
- पृथ्वी से औसत दूरी के अनुसार, सौरमंडल के ग्रहों का क्रम निम्नवत है-
शुक्र |
41.4 मिलियन किमी. |
मंगल |
78.3 मिलियन किमी. |
बुध |
91.7 मिलियन किमी. |
- अतः स्पष्ट है कि शुक्र ग्रह के विकल्प में न दिए जाने के कारण विकल्प (b) सही उत्तर होगा।
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9. पृथ्वी को सूर्य की परिक्रमा करने में लगते हैं, लगभग-
(a) 365 दिन
(b) 365.25 दिन
(c) 365.50 दिन
(d) 365.75 दिन
[41 B.P.S.C. (Pre) 1996]
उत्तर- (b) 365.25 दिन
- पृथ्वी को सूर्य की परिक्रमा करने में 365.25636 दिन या 365 दिन, 6 घंटे 9 मिनट 9.51 सेकंड का समय लगता है।
- इसे सौर वर्ष कहा जाता है।
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10. अपने परिक्रमा पथ में पृथ्वी लगभग किस माध्य वेग से सूर्य का चक्कर लगाती है?
(a) 20 किमी./सेकंड
(b) 30 किमी./सेकंड
(c) 40 किमी./सेकंड
(d) 50 किमी./सेकंड
[I.A.S. (Pre) 2006]
उत्तर- (b) 30 किमी./सेकंड
- पृथ्वी, सूर्य के चारों ओर 29.78 किमी./सेकंड (लगभग 30 किमी./सेकंड) के वेग से परिक्रमा करती है।
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11. पृथ्वी की परिक्रमण धुरी (ध्रुवीय धुरी) सदा झुकी होती है-
(a) दीर्घवृत्तीय धुरी से 23.0° पर
(b) दीर्घवृत्तीय धुरी से 23.1° पर
(c) दीर्घवृत्तीय धुरी से 24.5° पर
(d) दीर्घवृत्तीय धुरी से 23.5° पर
[U.P.P.C.S. (Pre) 2016]
उत्तर- (d) दीर्घवृत्तीय धुरी से 23.5° पर
- पृथ्वी की परिभ्रमण धुरी (ध्रुवीय धुरी) सदा दीर्घवृत्तीय धुरी से 232° या 23.5° पर झुकी होती है।
- इस झुके हुए अक्ष के सहारे ही पृथ्वी अपनी धुरी पर चक्कर लगाती है।
- अपने अक्ष का एक चक्कर पूरा करने में पृथ्वी को लगभग 24 घंटे का समय लगता है।
- (Note – प्रश्न में परिक्रमण के स्थान पर परिभ्रमण होना चाहिए)।
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12. निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिए-
1. पृथ्वी के चुंबकीय क्षेत्र की अक्ष, पृथ्वी की भौगोलिक अक्ष पर 23 1/2º आनत है।
2. उत्तरी गोलार्द्ध में पृथ्वी का चुंबकीय ध्रुव उत्तरी कनाडा में एक प्रायद्वीप में है।
3. पृथ्वी की चुंबकीय विषुवत रेखा दक्षिण भारत में थुम्बा से गुजरती है।
उपर्युक्त कथनों में से कौन-सा/से सही है/हैं?
(a) 1, 2 और 3
(b) 2 और 3
(c) केवल 2
(d) केवल 3
[I.A.S. (Pre) 2005]
उत्तर- (d) केवल 3
- पृथ्वी के चुंबकीय क्षेत्र का अक्ष अलग होता है न कि 23 1/2º पर।
- अतः 2 कथन-1 असत्य है। प्रश्नकाल में उत्तरी गोलार्द्ध में पृथ्वी का चुंबकीय ध्रुव उत्तरी कनाडा के क्वीन एलिजाबेथ द्वीप (Island) पर उत्तरी ध्रुव से 1300 किमी. की दूरी पर स्थित था, न कि प्रायद्वीप पर। इस प्रकार कथन 2 भी गलत है।
- पृथ्वी की चुंबकीय विषुवत रेखा दक्षिण भारत में थुम्बा के निकट (9°N, 77°E) से गुजरती है।
- ध्यातव्य है कि पृथ्वी का चुंबकीय ध्रुव और चुंबकीय विषुवत रेखा गतिशील है।
- 1960 के दशक में उत्तरी ध्रुव 78° (258°-180°) पूर्व तथा 75° उत्तर में था।
- वर्ष 2020 में उत्तरी चुंबकीय ध्रुव 164.04°E पूर्व तथा 86.50°N उत्तर में था तथा दक्षिणी ध्रुव 135.88°E पूर्व तथा 64.07°S दक्षिण में था। अतः वर्तमान में चुंबकीय विषुवत रेखा थुम्बा से दूर है।
- इसीलिए इसे उपग्रह प्रक्षेपण हेतु उपयुक्त स्थान मानकर यहां TERLS (Thumba Equatorial Rocket Launching Station) की स्थापना की गई थी।
- यह केरल के तिरुवनंतपुरम जिले में स्थित है।
- अतः प्रश्नकाल में कथन-3 सत्य है।
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13. निम्न कथनों पर विचार कीजिए तथा नीचे दिए गए कूट से सही उत्तर चुनिए-
1. पृथ्वी के अक्ष के उत्तरी सिरे को उत्तरी ध्रुव कहते हैं।
2. 45° अक्षांश की लंबाई विषुवत रेखा की आधी होती है।
3. पृथ्वी के अक्ष की समांतरता है।
4. अपसौर (Aphelion) अवस्था में पृथ्वी के परिभ्रमण की गति तीव्र होती है।
कूट :
(a) 1 तथा 2
(b) 2 तथा 3
(c) 3 तथा 4
(d) 1 तथा 3
[U.P.P.C.S. (Pre) 2000]
उत्तर- (d) 1 तथा 3
- उत्तरी ध्रुव पृथ्वी पर सबसे उत्तरी बिंदु है, अर्थात पृथ्वी के अक्ष के उत्तरी सिरे को ही उत्तरी ध्रुव (North Pole) कहा जाता है।
- अतः कथन (1) सही है।
- 45° अक्षांश रेखा विषुवत रेखा एवं ध्रुवों के मध्य भाग से होकर गुजरती है।
- इसका Cosine 45° = 0.707; अतः इसकी लंबाई 0.707x 40090.28 28343.832 किमी. है, जबकि विषुवत रेखा की लंबाई लगभग 40090.28 किमी. है।
- अतः यह विषुवत रेखा की आधी न होकर आधे से अधिक है।
- 60° अक्षांश रेखा विषुवत रेखा की आधी होती है, जिसका Cosine 60°=0.5 है।
- पृथ्वी के अक्ष की समांतरता से आशय है, जब पृथ्वी सूर्य की परिक्रमा करती है, तब पृथ्वी का अक्ष अपने पहले स्थिति के सापेक्ष समान्तर एवं समान कोण (23129) पर झुका होता है।
- अतः कथन (3) सही है। अपसौर (Aphelion) की स्थिति 4 जुलाई की निकटतम तिथि को होती है, जब पृथ्वी सूर्य से सर्वाधिक दूरी पर होती है।
- अपसौर के समय पृथ्वी के परिक्रमण की गति कम हो जाती है।
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14. दिन-रात जिस कारण होते हैं, वह है-
(a) भू-परिक्रमण
(b) भू-परिभ्रमण
(c) पृथ्वी के अक्ष के झुकाव
(d) चंद्रमा के परिक्रमण
[R.A.S./R.T.S. (Pre) 1999, 2000]
उत्तर- (b) भू-परिभ्रमण
- अपने अक्ष के सहारे पृथ्वी का घूर्णन (Rotation of Earth on its axis) ‘भू-परिभ्रमण’ कहलाता है।
- भू-परिभ्रमण के कारण ही पृथ्वी पर दिन-रात होते हैं।
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15. जब दिन और रात की अवधि बराबर होती है, तो सूर्य की किरणें सीधी पड़ती हैं-
(a) उत्तरी ध्रुव पर
(b) भूमध्य रेखा पर
(c) दक्षिण ध्रुव पर
(d) कर्क रेखा पर
[Uttarakhand P.C.S. (Pre) 2002]
उत्तर- (b) भूमध्य रेखा पर
- सूर्य वर्ष में दो बार (21 मार्च और 23 सितंबर को) विषुवत रेखा/भूमध्य रेखा पर लंबवत चमकता है।
- वर्ष की इन दो तिथियों को पृथ्वी के दोनों गोलाद्धों में दिन एवं रात की अवधियां बराबर अर्थात 12-12 घंटे की होती हैं।
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16. मौसम-परिवर्तन पृथ्वी की गति की किस विशिष्टता से होता है?
(a) सूर्य के चारों ओर परिक्रमा
(b) धुरी पर 23 अंश का झुकाव
(c) ऊपर बताए गए (a) व (b) का सम्मिलित प्रभाव
(d) अपनी धुरी पर घूमना
[R.A.S./R.T.S. (Pre) 1992 TES]
उत्तर- (c) ऊपर बताए गए (a) व (b) का सम्मिलित प्रभाव
- मौसम परिवर्तन में सबसे बड़ा योगदान पृथ्वी का अपने अक्ष पर 2312 का झुकाव के साथ सूर्य के चारों ओर दीर्घ वृत्तीय कक्षा में परिक्रमा होना है।
- इसके अतिरिक्त सूर्य से पृथ्वी की दूरी में परिवर्तन की भी इसमें भूमिका रहती है।
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17. पृथ्वी के पृष्ठ पर किसी विशेष बिंदु पर विचार कीजिए (उदाहरणार्थ दिल्ली शहर) दिन में (उदाहरणार्थ दोपहर बारह बजे) वहां का तापमान सर्दियों की अपेक्षा गर्मियों में सामान्यतः अधिक होगा क्योंकि-
(a) सर्दियों की अपेक्षा गर्मियों में पृथ्वी सूर्य से अधिक निकट होती है।
(b) पृथ्वी पर गिरने वाली सूर्य की किरणें सर्दी में पृथ्वी के पृष्ठ की दिशा में अधिक झुकी होती हैं।
(c) वायुमंडलीय अवक्षेपण से जल का वाष्पन केवल सर्दी में होता है।
(d) सर्दी में पृथ्वी का अक्ष सूर्य की दिशा में अधिक आनत होता है।
[I.A.S. (Pre) 1993]
उत्तर- (b) पृथ्वी पर गिरने वाली सूर्य की किरणें सर्दी में पृथ्वी के पृष्ठ की दिशा में अधिक झुकी होती हैं।
- 21 मार्च व 23 सितंबर की तिथियों को सूर्य दो बार विषुवत रेखा (भूमध्य रेखा) पर लंबवत चमकता है।
- 21 मार्च से 23 सितंबर तक सूर्य विषुवत रेखा एवं कर्क रेखा के बीच (6 माह) रहता है।
- इस समय उत्तरी गोलार्द्ध में ग्रीष्म ऋतु और दक्षिणी गोलार्द्ध में शीत ऋतु होती है।
- उत्तरी गोलार्द्ध की अपेक्षा दक्षिणी गोलार्द्ध में सूर्य की किरणें अधिक तिरछी पड़ती हैं।
- इसके विपरीत 23 सितंबर से 21 मार्च (6 माह) तक सूर्य विषुवत रेखा से मकर रेखा के बीच रहता है।
- इस समय दक्षिणी गोलार्द्ध में ग्रीष्म ऋतु एवं उत्तरी गोलार्द्ध में शीत ऋतु होती है।
- इस समय सूर्य की किरणें दक्षिणी गोलार्द्ध की अपेक्षा उत्तरी गोलार्द्ध में अधिक तिरछी पड़ती हैं।
- सूर्य की किरणों के तिरछेपन के कारण ही सूर्य के चमकने वाले गोलार्द्ध के विपरीत वाले गोलार्द्ध के ध्रुवीय क्षेत्र 6 माह तक अंधेरे में रहते हैं।
- यही कारण है कि उत्तरी गोलार्द्ध में स्थित दिल्ली शहर में शीत ऋतु की अपेक्षा ग्रीष्म ऋतु में तापमान अधिक रहता है।
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18. अगर सूर्य और पृथ्वी के बीच की दूरी एक-चौथाई कम हो जाए, तो सबसे अधिक संभावना किस बात की होगी?
(a) पृथ्वी सूर्य में गिर जाएगी
(b) पृथ्वी जलकर भस्म हो जाएगी
(c) हमारे वर्ष की अवधि कम हो जाएगी
(d) पृथ्वी अंतरिक्ष में उड़ जाएगी
[R.A.S./R.T.S. (Pre) 1993]
उत्तर- (c) हमारे वर्ष की अवधि कम हो जाएगी
- यदि पृथ्वी और सूर्य के बीच की दूरी एक-चौथाई कम कर दी जाए, तो सूर्य के चारों ओर घूमने वाली पृथ्वी की कक्षा छोटी हो जाएगी फलतः पृथ्वी पर 365.25 दिन का होने वाला वर्ष छोटा हो जाएगा।
- चूंकि पृथ्वी की कक्षा छोटी हो जाने पर वह सूर्य से वर्तमान दूरी (149.6 मिलियन किमी.) से कम दूरी पर होगी इसलिए पृथ्वी की कक्षीय गति बढ़ जाएगी।
- ज्ञातव्य है कि सूर्य से बढ़ती दूरी के अनुसार, ग्रहों की परिक्रमण गति घटती जाती है।
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20. कथन (A): कृत्रिम उपग्रह हमेशा पृथ्वी से पूर्वी दिशा में छोड़े जाते हैं।
कारण (R) : पृथ्वी पश्चिम से पूर्व की ओर चक्कर लगाती है और इसलिए उपग्रह को निकास वेग मिल जाता है।
नीचे दिए गए कूट का प्रयोग कर सही उत्तर का चयन कीजिए-
कूट :
(a) (A) और (R) दोनों सही हैं और (R), (A) का सही स्पष्टीकरण है
(b) (A) और (R) दोनों सही हैं और (R), (A) का सही स्पष्टीकरण नहीं है
(c) (A) सही है, परंतु (R) गलत है
(d) (A) गलत है, परंतु (R) सही है
[I.A.S. (Pre) 2002]
उत्तर- (d) (A) गलत है, परंतु (R) सही है
- यह सही है कि अधिकांश कृत्रिम उपग्रह पृथ्वी से पूर्व दिशा की ओर प्रक्षेपित किए जाते हैं, क्योंकि इससे उपग्रह को निकास वेग मिल जाता है लेकिन हमेशा और सभी उपग्रह पूर्व दिशा की ओर प्रक्षेपित नहीं किए जाते हैं।
- ध्रुवों की परिक्रमा लगाने वाले कुछ उपग्रह उत्तर या दक्षिण की ओर प्रक्षेपित किए जाते हैं।
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21. पृथ्वी के परितः घूमने वाले कृत्रिम उपग्रह से बाहर गिराई गई गेंद-
(a) सूर्य पर चली जाएगी
(b) चंद्रमा पर चली जाएगी
(c) पृथ्वी पर गिरेगी
(d) पृथ्वी के परितः उपग्रह के समान आवर्तकाल के साथ उसी के कक्षा में घूमती रहेगी।
[U.P.P.C.S. (Pre) 1995]
उत्तर- (d) पृथ्वी के परितः उपग्रह के समान आवर्तकाल के साथ उसी के कक्षा में घूमती रहेगी।
- पृथ्वी के चारों ओर घूमने वाले कृत्रिम उपग्रह के बाहर गिराई गई कोई वस्तु उपग्रह के समान ही पृथ्वी का चक्कर काटने लगती है।
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22. पृथ्वी की आंतरिक परत निफे के निर्माण में किन तत्वों की प्रचुरता है?
(a) सिलिका और एल्युमीनियम
(b) सिलिका और मैग्नीशियम
(c) बेसाल्ट और सिलिका
(d) निकेल और फेरम
(e) उपर्युक्त में से कोई नहीं/ उपर्युक्त में से एक से अधिक
[67th B.P.S.C. (Pre) (Re. Exam) 2022]
उत्तर- (d) निकेल और फेरम
- पृथ्वी की आंतरिक परत निफे के निर्माण में निकेल और फेरस तत्वों की प्रचुरता है।
- निफे निकेल और फेरम (लोहा) का संक्षिप्ताक्षर है।
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24. पृथ्वी ग्रह की संरचना में, प्रावार (मैंटल) के नीचे, क्रोड (Core) निम्नलिखित में से किस एक से बना है?
(a) एल्युमीनियम
(b) क्रोमियम
(c) लौह
(d) सिलिकॉन
[I.A.S. (Pre) 2009]
उत्तर- (c) लौह
- पृथ्वी का आंतरिक कोर ठोस अवस्था में है, जबकि वाह्य कोर गलित अवस्था में है।
- कोर में लौह एवं निकिल (निफे) की अधिकता है। कोर की मोटाई लगभग 3500 किमी. है।
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25. विश्व पृथ्वी दिवस कब मनाया जाता है?
(a) 22 अप्रैल
(b) 22 मार्च
(c) 07 अप्रैल
(d) 07 मार्च
[M.P.P.C.S. (Pre), 2015]
उत्तर- (a) 22 अप्रैल
- पृथ्वी दिवस एक वार्षिक आयोजन है, जिसे 22 अप्रैल को विश्व में पर्यावरण संरक्षण के लिए समर्थन प्रदर्शित करने के लिए आयोजित किया जाता है।
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26. पृथ्वी का अक्ष जिस कोण पर झुका हुआ है-
(a) 23 1/2°
(b) 66 1/2°
(c) 33 1/2°
(d) 42 1/2°
[M.P.P.C.S. (Pre) 1990]
उत्तर- (a) 23 1/2°
- पृथ्वी अपने अक्ष पर लगभग 23 1/2° झुका हुआ है। पृथ्वी अपने अक्ष पर लगभग 1037 मील/घंटा की चाल से घूर्णन करते हुए लगभग 24 घंटे में एक चक्कर पूर्ण करता है।
- नोट – पृथ्वी का अक्ष अपने कक्ष तल से लगभग 66 1/2° झुका हुआ है।
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27. निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिए:
1. पृथ्वी का चुंबकीय क्षेत्र हर कुछ सौ हजार सालों में उत्क्रमित हुआ है।
2. पृथ्वी जब 4000 मिलियन वर्षों से भी अधिक पहले बनी, तो ऑक्सीजन 54% थी और कार्बन डाइ ऑक्साइड नहीं
3. जब जीवित जीव पैदा हुए, उन्होंने पृथ्वी के आंरभिक वायुमण्डल को बदल दिया।
उपर्युक्त कथनों में से कौन-सा/से सही है/हैं?
(a) केवल 1
(b) केवल 2 और 3
(c) केवल 1 और 3
(d) 1, 2 और 3
[I.A.S. (Pre) 2018]
उत्तर- (c) केवल 1 और 3
- यूरोपीय अंतरिक्ष एजेंसी द्वारा प्रकाशित आंकड़ों के अनुसार, पृथ्वी का चुंबकीय क्षेत्र उत्क्रमित हो सकता है।
- यह कुछ पिघले हुए क्रोड की गति को बदलने के कारण बनता है जिसके परिणामस्वरूप उत्तर और दक्षिण चुंबकीय ध्रुवों का उत्क्रमण होता है।
- पृथ्वी लगभग 4.5 अरब वर्ष पुरानी है।
- पहले पृथ्वी के वातावरण में आक्सीजन का अभाव था।
- लगभग 4 अरब वर्ष पूर्व वायुमंडल में उपस्थित जलवाष्प संघनित होने से जलमंडल का निर्माण हुआ।
- लगभग 1 अरब वर्ष पहले शैवाल जैसे प्रारंभिक जलीय जंतु अस्तित्व में आए तथा शैवाल स्वपोषी होने के कारण प्रकाश संश्लेषण की प्रक्रिया शुरू किए जिससे वातावरण में आक्सीजन प्रवाहित होने लगा और वायुमंडल के ऊपरी परतों में मुक्त ऑक्सीजन उपस्थित होने से ओजोन का निर्माण हुआ।
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28. इनमें से किसने पहली बार यह व्याख्या की थी कि पृथ्वी के अपनी धुरी पर घूमने के कारण प्रतिदिन सूर्योदय एवं सूर्यास्त होता है?
(a) आर्यभट्ट
(b) भास्कर
(c) ब्रह्मगुप्त
(d) वराहामिहिर
(e) उपर्युक्त में से कोई नहीं/उपर्युक्त में से एक से अधिक
[64th B.P.S.C. (Pre) 2018]
उत्तर- (a) आर्यभट्ट
- आर्यभट्ट ने सबसे पहले यह व्याख्या की थी कि पृथ्वी का अपनी धुरी पर घूमना सूर्य के दैनिक उदय एवं अस्त होने का कारण होता है।
- उनकी रचनाएं आर्य सिद्धांत (सूर्य सिद्धांत) में संकलित है।
- भास्कर भेदाभेद वेदान्त दर्शन के प्रस्तावक थे।
- उन्होंने ब्रह्म सूत्र और शंकर के माया के सिद्धांत पर भाष्य लिखा।
- वराहमिहिर के उल्लेखनीय कार्यों में बृहत् संहिता और पंचसिद्धांतिका शामिल है।
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vii. मंगल
1. ‘एक ग्रह के दिन का मान और उसके अक्ष का झुकाव लगभग पृथ्वी के दिन मान और झुकाव के समतुल्य है।’ सही है-
(a) यूरेनस के विषय में
(b) नेप्च्यून के विषय में
(c) शनि के विषय में
(d) मंगल के विषय में
[I.A.S. (Pre) 1994, U.P.P.C.S. (Pre) 2001]
उत्तर- (d) मंगल के विषय में
- पृथ्वी के दिन का मान लगभग 23 घंटा, 56 मिनट व 23 सेकंड और उसके अक्ष का झुकाव 23 अंश, 27 मिनट है।
- मंगल (Mars) दिन की अवधि-24 घंटा, 37 मिनट एवं 23 सेकंड
- अतः स्पष्ट है कि मंगल के दिन की अवधि और अक्ष का झुकाव पृथ्वी के लगभग समतुल्य है।
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2. कथन (A): पृथ्वी द्वारा सूर्य की परिक्रमा की समयावधि की तुलना में मंगल ग्रह द्वारा सूर्य की परिक्रमा की समयावधि कम है।
कारण (R): मंगल ग्रह का व्यास पृथ्वी के व्यास की तुलना में कम है।
नीचे दिए गए कूट का प्रयोग कर सही उत्तर का चयन कीजिए-
कूट :
(a) (A) और (R) दोनों सही हैं और (R), (A) का सही स्पष्टीकरण है।
(b) (A) और (R) दोनों सही हैं परंतु (R), (A) का सही स्पष्टीकरण नहीं है।
(c) (A) सही है, परंतु (R) गलत है।
(d) (A) गलत है, परंतु (R) सही है।
[I.A.S. (Pre) 2006]
उत्तर- (d) (A) गलत है, परंतु (R) सही है।
- सूर्य की परिक्रमा की समयावधि सूर्य से ग्रहों की दूरी पर निर्भर करती है अर्थात जो ग्रह सूर्य से जितनी दूर होगा, उसकी परिक्रमा अवधि भी उतनी अधिक होगी।
- सूर्य से मंगल (Mars) ग्रह की दूरी 228 मिलियन किमी. है, जबकि पृथ्वी (Earth) की लगभग 149.6 मिलियन किमी. है अर्थात मंगल ग्रह पृथ्वी की अपेक्षा सूर्य से अधिक दूरी पर स्थित है।
- पृथ्वी की परिक्रमा अवधि 356.256 दिन तथा मंगल की परिक्रमा अवधि 686.98 दिन है।
- अतः मंगल की परिक्रमा अवधि पृथ्वी की अपेक्षा अधिक है।
- इसलिए कथन (A) गलत है। मंगल ग्रह का व्यास 6792 किमी. तथा पृथ्वी का विषुवत रेखीय व्यास 12756 किमी. है अर्थात मंगल का व्यास पृथ्वी के व्यास की अपेक्षा कम है।
- अतः कारण (R) सही है।
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3. मंगल पर जीवन की उपस्थिति के लिए निम्नलिखित में से कौन-सी एक अवस्था सबसे सुसंगत है?
(a) वायुमंडलीय संघटन
(b) तापीय अवस्थाएं
(c) बर्फ छत्रकों और हिमशीतित जल की उपस्थिति
(d) ओजोन की उपस्थिति
[I.A.S. (Pre) 1997]
उत्तर- (c) बर्फ छत्रकों और हिमशीतित जल की उपस्थिति
- आरंभ में मंगल ग्रह को पृथ्वी के समान ग्रह माना जाता था।
- इसका प्रमुख कारण मंगल पर बर्फ छत्रकों और हिमशीतित जल की उपस्थिति है।
- मंगल ग्रह पर पाये जाने वाले ‘वायुमंडलीय संघटन’ (Atmosphere Composition) में 95.1 प्रतिशत कार्बन डाइऑक्साइड, 2.59 प्रतिशत नाइट्रोजन, 1.94 प्रतिशत आर्गन, 0.16 प्रतिशत ऑक्सीजन, कार्बन मोनोऑक्साइड 0.06 प्रतिशत और जल पाया गया।
- मंगल के वायुमंडल में 210 PPM जल पाया गया है। हिमशीतित जल पाए जाने की घटना मंगल पर जीवन का संकेत करती है।
- मंगल ग्रह अपनी धुरी पर लगभग 24.6 घंटे में एक परिक्रमा और 686.98 दिनों में सूर्य के चारों ओर एक परिक्रमा लगाता है।
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4. किसमें पृथ्वी के अलावा अन्य जीवन की संभावना है क्योंकि वहां का पर्यावरण जीवन के लिए बहुत अनुकूल है-
(a) बृहस्पति
(b) मंगल
(c) यूरोपा बृहस्पति का चंद्रमा
(d) चंद्रमा पृथ्वी का चंद्रमा
[U.P. P.C.S. (Pre) 2000]
उत्तर- (b) मंगल & (c) यूरोपा बृहस्पति का चंद्रमा
- बृहस्पति के चंद्रमा यूरोपा (Europa) के पास से गुजरते हुए वॉयजर (Voyagers) से प्राप्त संकेतों के अनुसार, यूरोपा की सतह पृथ्वी पर स्थित बर्फीले समुद्रों की भांति दिखाई देती है।
- इनकी गहराई संभवतः 50 किमी. तक है।
- यदि ऐसा है तो सौरमंडल में यह एकमात्र ऐसा स्थान होगा जहां पृथ्वी के अतिरिक्त इतनी बड़ी मात्रा में तरल जल प्राप्त होने के संकेत हैं।
- आरंभ में मंगल ग्रह को पृथ्वी के समान ग्रह माना जाता था।
- इसका प्रमुख कारण मंगल पर बर्फ छत्रकों और हिमशीतित जल की उपस्थिति है।
- मंगल ग्रह पर पाये जाने वाले ‘वायुमंडलीय संघटन’ (Atmosphere Composition) में 95.1 प्रतिशत कार्बन डाइऑक्साइड, 2.59 प्रतिशत नाइट्रोजन, 1.94 प्रतिशत आर्गन, 0.16 प्रतिशत ऑक्सीजन, कार्बन मोनोऑक्साइड 0.06 प्रतिशत और जल पाया गया। मंगल के वायुमंडल में 210 PPM जल पाया गया है। हिमशीतित जल पाए जाने की घटना मंगल पर जीवन का संकेत करती है।
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5. फीनिक्स मार्श लैंडर मंगल ग्रह की सतह पर किस तिथि को उतरा ?
(a) 27 जून, 2008
(b) 27 मई, 2008
(c) 26 जून, 2008
(d) 26 मई, 2008
[Chhattisgarh P.C.S. (Pre) 2008]
उत्तर- (d) 26 मई, 2008
- फीनिक्स मार्श लैंडर अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा द्वारा मंगल ग्रह के अन्वेषण हेतु 4 अगस्त, 2007 को प्रक्षेपित किया गया था।
- 25 मई, 2008 (भारतीय समयानुसार 26 मई, 2008) को यह मंगल ग्रह के उत्तरी ध्रुव पर उतरा।
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viii. बृहस्पति
1. बृहस्पति ग्रह के चंद्रमाओं की खोज निम्न में से किस एक वैज्ञानिक ने की थी?
(a) न्यूटन
(b) गैलीलियो
(c) कैप्लर
(d) कॉपरनिकस
[Uttarakhand Lower (Pre) 2010]
उत्तर- (b) गैलीलियो
- बृहस्पति सौरमंडल का सबसे बड़ा ग्रह है।
- वर्तमान में इसके 80 उपग्रहों की खोज हो चुकी है।
- इनमें सबसे पहले खोजे गए चार बड़े उपग्रहों को ‘गैलीलियन उपग्रह’ (Galilean Moons) कहा जाता है।
- इनकी खोज 1610 ई. में गैलीलियो गैलिलेई (Galileo Galilei) द्वारा की गई थी।
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2. सौरमंडल में सबसे बड़ा ग्रह कौन-सा है?
(a) बृहस्पति
(b) वरुण
(c) शुक्र
(d) शनि
[U.P.P.C.S. (Pre) 1990, M.P.P.C.S. (Pre) 1990, 1996, 41 B.P.S.C. (Pre) 1996]
उत्तर- (a) बृहस्पति
- आकार की दृष्टि से सौरमंडल का सबसे बड़ा ग्रह बृहस्पति (Jupiter) है।
- बृहस्पति का व्यास सर्वाधिक अर्थात 1,42,984 किमी. है।
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3. सबसे भारी ग्रह कौन-सा है?
(a) बृहस्पति
(b) शुक्र
(c) प्लूटो
(d) शनि
[Chhattisgarh P.C.S. (Pre) 2003]
उत्तर- (a) बृहस्पति
- सौरमंडल का सबसे भारी ग्रह बृहस्पति है।
- इसका व्यास 1,42,984 किमी. है।
- इसका औसत घनत्व 1.326 ग्राम/घन सेमी. है।
- उल्लेखनीय है कि अपने अक्ष पर सौरमंडल का सर्वाधिक तेज गति से घूर्णन करने वाला ग्रह भी बृहस्पति है।
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4. सूर्य के गिर्द एक परिक्रमा के लिए निम्न में से कौन-सा एक ग्रह अधिकतम समय लेता/लेती है?
(a) पृथ्वी
(b) बृहस्पति
(c) मंगल
(d) शुक्र
[I.A.S. (Pre) 2003, Chhattisgarh P.C.S. (Pre) 2011]
उत्तर- (b) बृहस्पति
- सूर्य के चारों ओर परिक्रमा करने में ग्रहों को लगने वाला समय इस प्रकार है-
शुक्र |
224.70 दिन |
पृथ्वी |
365.25 दिन |
मंगल |
686.98 दिन |
बृहस्पति |
11.862 वर्ष |
- अतः उपर्युक्त विकल्पों में सूर्य की परिक्रमा में सर्वाधिक समय बृहस्पति ग्रह को लगता है, जबकि सौरमंडल के सभी 8 ग्रहों में वरुण सबसे अधिक समय (163.7 वर्ष एक चक्कर लगाने में) लेता है।
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5. बृहस्पति का वलय होता है-
(a) सिलिकेटों का बना हुआ
(b) अस्तित्वविहीन
(c) बहुत घना एवं अपारदर्शक
(d) उपर्युक्त सभी
[U.P.P.C.S. (Mains) 2004]
उत्तर- (a) सिलिकेटों का बना हुआ
- बृहस्पति के वलयों की खोज सर्वप्रथम 1979 ई. में वॉयजर 1 स्पेस प्रोब ने की थी।
- इन वलयों को ‘जोवियन वलय’ कहा जाता है।
- माना जाता है कि ये वलय सिलिकेटों/छोटे धूल कणों के बने हुए हैं।
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6. निम्नलिखित में से कौन-से ग्रह के सर्वाधिक प्राकृतिक उपग्रह अथवा चंद्र हैं?
(a) बृहस्पति
(b) मंगल
(c) शनि
(d) शुक्र
[I.A.S. (Pre) 2009]
उत्तर- (c) शनि
- वर्तमान में शनि ग्रह के सर्वाधिक (84) प्राकृतिक उपग्रह अथवा चंद्र है।
- ज्ञातव्य है कि प्रश्नकाल में सर्वाधिक उपग्रह बृहस्पति के थे।
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ix. शनि
1. शनि सूर्य के चारों ओर एक चक्कर लगाने में………लेता है-
(a) 18.5 वर्ष
(b) 36 वर्ष
(c) 29.5 वर्ष
(d) 84 वर्ष
[44th B.P.S.C. (Pre) 2000]
उत्तर- (c) 29.5 वर्ष
- शनि (Saturn) सूर्य के चारों ओर एक परिक्रमा लगाने में 29.4 वर्षों के बराबर समय लेता है।
- अतः निकटतम उत्तर के रूप में विकल्प (c) सही उत्तर है।
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2. किस ग्रह के चारों ओर वलय हैं?
(a) शनि
(b) मंगल
(c) बुध
(d) पृथ्वी
[U.P.P.C.S. (Pre) 1990]
उत्तर- (a) शनि
- शनि (Saturn) ग्रह के चारों ओर वलयों की पुष्टि हो चुकी है।
- शनि के कुल सात वलयों को खोजा जा चुका है।
- इसके A, B, D एवं E वलय पृथ्वी से भी दिखाई देते हैं।
- शनि के अतिरिक्त बृहस्पति, अरुण एवं वरुण (नेप्च्यून) में भी वलय के संकेत प्राप्त हुए हैं।
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3. अपनी यात्रा के सात वर्षों के बाद अंतरिक्ष यान कैसिनी ने जून, 2004 में निम्नलिखित में से किस ग्रह का चक्कर लगाना आरंभ किया?
(a) बुध
(b) बृहस्पति
(c) मंगल
(d) शनि
U.P.P.C.S. (Mains) 2004
उत्तर- (d) शनि
- कैसिनी यान 15 अक्टूबर, 1997 को शनि ग्रह का परिक्रमा लगाने के लिए छोड़ा गया था।
- यह 30 जून 2004 को शनि के कक्षा में प्रवेश किया।
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4. शनि ग्रह-
(a) प्लूटो से ठंडा है
(b) नेप्च्यून से ठंडा है
(c) नेप्च्यून से गर्म है
(d) ज्यूपिटर से गर्म है
[U.P.P.C.S. (Pre) 2010]
उत्तर- (c) नेप्च्यून से गर्म है
- शनि ग्रह नेप्च्यून से गर्म है।
- सूर्य से दूरी के अनुसार, ग्रहों की स्थिति इस प्रकार है-बुध, शुक्र, पृथ्वी, मंगल, बृहस्पति, शनि, अरुण और वरुण।
- जो ग्रह सूर्य से जितना नजदीक होता है (कुछ अपवादों को छोड़कर) वह उतना ही गर्म होता है।
- शनि की स्थिति वरुण (नेप्च्यून) से पहले है। अतः यह वरुण की अपेक्षा गर्म होगा।
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5. टाइटन सबसे बड़ा चंद्रमा या उपग्रह है-
(a) मंगल का
(b) शुक्र का
(c) बृहस्पति का
(d) शनि का
[U.P.U.D.A./L.D.A. (Pre) 2006]
उत्तर- (d) शनि का
- शनि सौरमंडल का दूसरा सबसे बड़ा ग्रह है।
- इसके उपग्रहों की संख्या 84 है।
- टाइटन शनि का सबसे बड़ा उपग्रह है, जिसका व्यास 5,150 किमी. है।
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x. अरुण, वरुण एवं प्लूटो
1. सौरमंडल से संबंधित निम्नलिखित कथनों में से कौन सही हैं?
I. बुध ग्रह सौरमंडल का सबसे गर्म ग्रह है।
II. शनि का उपग्रह गैनिमीड सौरमंडल का सबसे बड़ा उपग्रह है।
III. नेपच्यून उपशून्य तापमान वाले मीथेन गैस के वलयों से घिरा रहता है।
IV. फोबोस एवं डाइमस मंगल के दो उपग्रह हैं।
(a) केवल I एवं II सही हैं।
(b) केवल II एवं III सही हैं।
(c) केवल III एवं IV सही हैं।
(d) I, II, III एवं IV सभी सही हैं।
[Chhattisgarh P.C.S. (Pre) 2020]
उत्तर- (c) केवल III एवं IV सही हैं।
- सौरमंडल का सबसे गर्म ग्रह शुक्र है, जिसका माध्य तापमान 464°C रहता है।
- बृहस्पति का उपग्रह गैनिमीड सौरमंडल का सबसे बड़ा उपग्रह है।
- फोबोस एवं डाइमस (डिमोस) मंगल के दो उपग्रह हैं।
- नेप्च्यून (वरुण) उपशून्य तापमान वाले मीथेन गैस के वलयों से घिरा रहता है, इसके कारण वरुण का रंग नीला-हरा प्रतीत होता है।
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2. यूरेनस सूर्य के चारों ओर एक परिक्रमा मे…. लेता है।
(a) 84 वर्ष
(b) 36 वर्ष
(c) 18 वर्ष
(d) 48 वर्ष
[44th B.P.S.C. (Pre) 2000]
उत्तर- (a) 84 वर्ष
- अरुण (Uranus) ग्रह सूर्य के चारों ओर एक परिक्रमा करने में 83.7 (84) वर्षों का समय लेता है, जबकि अपने अक्ष पर 17.2 घंटों में एक चक्कर पूरा करता है।
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3. वर्ष दीर्घतम होता है-
(a) प्लूटो पर
(b) गुरु पर
(c) नेप्च्यून पर
(d) पृथ्वी पर
[39th B.P.S.C. (Pre) 1994]
उत्तर- (a) प्लूटो पर
- चूंकि प्लूटो सभी सौरमंडलीय पिंडों में सूर्य से सर्वाधिक दूरी पर है। अतः यह सूर्य का एक परिक्रमा पूरा करने में सबसे अधिक समय (247.93 Earth Years) लगाता है।
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4. सूर्य की परिक्रमा में कौन-सा ग्रह सर्वाधिक समय लेता है?
(a) यूरेनस
(b) बृहस्पति
(c) वरुण
(d) प्लूटो
[U.P. Lower Sub. (Spl) (Pre) 2004]
उत्तर- (d) प्लूटो
- सूर्य की परिक्रमा करने में सर्वाधिक समय वरुण ग्रह लेता है। सूर्य की परिक्रमा करने में प्रश्नगत ग्रहों का समय निम्नवत है-
ग्रह |
समय (वर्ष में) |
बृहस्पति |
11.86 (12) |
अरुण |
83.7 (84) |
वरुण |
163.7 (164) |
प्लूटो |
247.93 (248) |
- नोट: उल्लेखनीय है कि प्लूटो को वर्ष 2006 में ग्रहों की श्रेणी से हटा दिया गया है। अतः ग्रहों के संदर्भ में इस प्रश्न का उत्तर वर्तमान में वरुण होगा। प्रश्नकाल के दौरान प्लूटो को ग्रह माना जाता था। अतः प्रश्नकाल के दौरान विकल्प (d) सही उत्तर था।
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5. इंटरनेशनल एस्ट्रोनॉमिकल यूनियन द्वारा वर्ष 2006 में दी गई एक नई परिभाषा के अनुसार निम्नलिखित में से कौन-सा ग्रह नहीं है?
(a) यूरेनस
(b) नेप्च्यून
(c) प्लूटो
(d) जुपिटर
[M.P.P.C.S. (Pre) 2012 P.C.S.]
उत्तर- (c) प्लूटो
- 14-25 अगस्त, 2006 के मध्य प्राग (चेक गणराज्य) मैं संपन्न ‘अंतरराष्ट्रीय खगोलीय संघ’ (IAU) की 26वीं महासभा की बैठक में प्लूटो को ग्रहों की श्रेणी से हटाकर बौना ग्रह (Dwarf) की श्रेणी में डाल दिया गया।
- अतः ग्रहों की संख्या नई मान्यता के अनुसार 9 से घटकर 8 (आठ) हो गई।
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6. सौर परिवार का सबसे छोटा ग्रह कौन-सा है?
(a) प्लूटो
(b) मंगल
(c) शुक्र
(d) बुध
[U.P.P.C.S. (Pre) 1991]
उत्तर- (a) प्लूटो
- पूर्व मान्यता के अनुसार, सौर परिवार का सबसे छोटा ग्रह प्लूटो (Pluto) था, जिसका व्यास 2376 किमी. है।
- उल्लेखनीय है कि प्लूटो को अब ग्रहों की श्रेणी से हटा दिया गया है।
- अतः अब इस प्रश्न का उत्तर बुध होगा।
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7. सौरमंडल का सबसे ठंडा ग्रह है-
(a) नेप्च्यून
(b) जुपिटर
(c) मार्स
(d) सैटर्न
[M.P.P.C.S. (Pre) 2014]
उत्तर- (a) नेप्च्यून
- हमारे सौरमंडल में सूर्य से दूरी के आधार पर ग्रहों का क्रम है-बुध, शुक्र, पृथ्वी, मंगल, बृहस्पति, शनि, यूरेनस तथा नेप्च्यून। नेप्च्यून के सूर्य से सर्वाधिक दूर होने के कारण इसे सबसे ठंडा ग्रह कहा जाता है।
- यहां पर सतह का औसत तापमान (Mean Temperature) लगभग -200° सेल्सियस है।
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8. कौन-सा ग्रह सौर जगत का सबसे दूर का ग्रह है?
(a) नेप्च्यून (वरुण)
(b) प्लूटो (यम)
(c) कभी वरुण कभी यम
(d) बृहस्पति
[I.A.S. (Pre) 2002, I.A.S. (Pre) 2005]
उत्तर- (c) कभी वरुण कभी यम
- सूर्य से सबसे अधिक दूरी पर स्थित ग्रह आमतौर पर प्लूटो को माना जाता था।
- इसकी कक्षा नेप्च्यून की कक्षा के अंदर स्थित होने के कारण कभी-कभी नेप्च्यून सौरमंडल का सबसे अधिक दूरी पर स्थित ग्रह हो जाता था।
- नेप्च्यून वर्ष 1979 से लेकर 1999 तक सूर्य से सबसे अधिक दूरी पर था, लेकिन 11 फरवरी, 1999 के पश्चात से अगले 228 वर्षों तक प्लूटो ही सूर्य से सबसे अधिक दूरी पर स्थित ग्रह रहेगा।
- वर्तमान में सूर्य से इसकी दूरी 5906.4 मिलियन किमी. है, जबकि नेप्च्यून की 4515 मिलियन किमी. है।
- अतः कहा जा सकता है कि सौर जगत का सबसे दूरस्थ ग्रह कभी नेप्च्यून (वरुण) तो कभी प्लूटो (यम) है।
- प्लूटो ग्रह को ग्रहों की श्रेणी से हटाए जाने के बाद (2006 से) इस प्रश्न का उत्तर वरुण होगा।
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9. निक्स एवं हाइड्रा चंद्रमा हैं-
(a) प्लूटो के
(b) शुक्र के
(c) बृहस्पति के
(d) बुध के
[U.P.U.D.A./L.D.A.(Spl.) (Mains) 2010]
उत्तर- (a) प्लूटो के
- प्लूटो सौरमंडल का एक बौना ग्रह है।
- इसके पांच ज्ञात उपग्रह हैं।
- प्लूटो से दूरी के अनुसार क्रमशः नजदीक से दूर इनकी स्थिति है-चारोन, स्टिक्स, निक्स, केरबेरॉस और हाइड्रा।
- चारोन (Charon) इनमें सबसे बड़ा है, जबकि बृहस्पति के लगभग 80 से अधिक उपग्रहों की खोज की जा चुकी है तथा बुध और शुक्र के अब तक ज्ञात उपग्रह नहीं हैं।
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xi. चंद्रमा
1. मानव ने चंद्रमा पर पहला कदम कब रखा ?
(a) 1953
(b) 1963
(c) 1971
(d) 1969
[M.P.P.C.S. (Pre) 1995]
उत्तर- (d) 1969
- मानव ने चंद्रमा पर पहला कदम 20 जुलाई, 1969 को रखा था।
- अमेरिका के अपोलो 11 मिशन द्वारा भेजे गए तीन अंतरिक्ष यात्रियों में नील आर्मस्ट्रांग, माइकेल कोलिंस और एडविन बज एल्ड्रिन जूनियर सम्मिलित थे, जिनमें से केवल नील आर्मस्ट्रांग और एडविन एल्ड्रिन ने चंद्र तल पर अपने कदम रखे।
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2. ‘सी ऑफ ट्रांक्विलिटी’ कहां पर है?
(a) पृथ्वी
(b) सूर्य
(c) जुपिटर
(d) चंद्रमा
[M.P.P.C.S. (Pre) 1995]
उत्तर- (d) चंद्रमा
- चंद्रमा पर काले धब्बों वाले क्षेत्र (Lunar Mare) को ‘Mare’ कहा जाता है।
- यह एक लैटिन शब्द है, जिसका अर्थ ‘सागर’ (Sea) होता है।
- चंद्रमा पर एक प्रसिद्ध ‘Mare’ ‘सी ऑफ ट्रांक्विलिटी’ या ‘शांति का सागर’ के नाम से जाना जाता है।
- चंद्रमा के इसी भाग में प्रथम मानवयुक्त चंद्रयान अपोलो-11 उतरा हुआ था, जिससे नील आर्मस्ट्रांग तथा एडविन एल्ड्रिन ने चंद्र तल पर पदार्पण किया था।
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3. कथन (A): चांद का सदैव एक अभिन्न फलक ही पृथ्वी की ओर अभिमुख होता है।
कारण (R): चांद अपने अक्ष पर 23% दिवस में घूर्णन पूरा करता है, जो लगभग उतनी ही अवधि है जिसमें वह पृथ्वी की परिक्रमा पूरी करता है।
नीचे दिए गए कूट का प्रयोग कर सही उत्तर का चयन कीजिए-
कूट :
(a) (A) और (R) दोनों सही हैं और (R), (A) का सही स्पष्टीकरण है।
(b) (A) और (R) दोनों सही हैं और (R), (A) का सही स्पष्टीकरण नहीं है।
(c) (A) सही है, परंतु (R) गलत है।
(d) (A) गलत है, परंतु (R) सही है।
[I.A.S. (Pre) 2005]
उत्तर- (c) (A) सही है, परंतु (R) गलत है।
- चंद्रमा की पृथ्वी के चारों ओर की कक्षा दीर्घवृत्तीय और झुकावयुक्त है, फलस्वरूप जब चंद्रमा पृथ्वी से सर्वाधिक दूरी पर होता है, तो छोटा और जब निकटतम दूरी पर होता है, तो बड़ा दिखाई देता है।
- चंद्रमा अपने अक्ष पर 27.322 दिन में एक घूर्णन पूरा करता है जो लगभग उतनी ही अवधि है, जितनी वह पृथ्वी की एक परिक्रमा करने में लेता है।
- चंद्रमा का अपने अक्ष पर यह घूर्णन सिंक्रोनस घूर्णन (Synchro- nous rotation) कहलाता हैं।
- इस कारण चंद्रमा का सदैव एक अभिन्न फलक ही पृथ्वी की ओर अभिमुख होता है।
- अतः कथन (A) सही है, जबकि कारण (R) गलत है।
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4. निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिए और उत्तर नीचे दिए हुए कूटों की सहायता से दीजिए-
कथन (A): पृथ्वी पर से चंद्रमा के पृष्ठ का केवल एक फलक ही दिखाई देता है।
कारण (R): अपने अक्ष पर चंद्रमा के घूर्णन का काल उसके पृथ्वी के चारों ओर घूमने के काल के बराबर होता है।
कूट :
(a) (A) तथा (R) दोनों सही हैं और (R), (A) का सही स्पष्टीकरण है।
(b) (A) तथा (R) दोनों सही हैं, परंतु (R), (A) का सही स्पष्टीकरण नहीं है।
(c) (A) सही है, किंतु (R) गलत है।
(d) (A) गलत है, किंतु (R) सही है।
[U.P.P.C.S. (Pre) 2006]
उत्तर- (a) (A) तथा (R) दोनों सही हैं और (R), (A) का सही स्पष्टीकरण है।
- पृथ्वी से चंद्रमा का लगभग आधा भाग (59%) एवं अभिन्न भाग ही दिखाई देता है, इसलिए कथन (A) सत्य है।
- पृथ्वी का उपग्रह चंद्रमा अपनी धुरी पर घूर्णन और पृथ्वी की कक्षा की परिक्रमा लगभग एक ही समय 27 दिन, 7 घंटे, 43 मिनट (27.322 दिन) में पूरी करता है।
- अतः कारण (R) भी सत्य है। कारण (R), कथन (A) की सही व्याख्या है।
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5. चंद्रमा के धरातल पर दो व्यक्ति एक-दूसरे की बात नहीं सुन सकते हैं क्योंकि-
(a) चंद्रमा पर उनके कान काम करना बंद कर देते हैं
(b) चंद्रमा पर वायुमंडल नहीं है
(c) चंद्रमा पर वे विशेष प्रकार के अंतरिक्ष सूट पहने रहते हैं
(d) चंद्रमा पर ध्वनि बहुत ही मंद गति से चलती है
[U.P.P.C.S. (Pre) 2003]
उत्तर- (b) चंद्रमा पर वायुमंडल नहीं है
- ध्वनि तरंगों के संचरण के लिए किसी माध्यम की आवश्यकता होती है।
- वायुमंडल इसका एक सशक्त माध्यम है।
- चंद्रमा पर वायुमंडल का अभाव है, इसी कारण चंद्रमा पर दो व्यक्ति एक-दूसरे की बात नहीं सुन सकते हैं।
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6. चंद्रग्रहण कब होता है?
(a) जब चंद्रमा, पृथ्वी और सूर्य के बीच आ जाता है
(b) जब पृथ्वी, सूर्य और चंद्रमा के बीच आ जाती है
(c) जब सूर्य, पृथ्वी और चंद्रमा के बीच आ जाता है
(d) इनमें से कोई नहीं
[M.P.P.C.S. (Pre) 1994]
उत्तर- (b) जब पृथ्वी, सूर्य और चंद्रमा के बीच आ जाती है
- जब सूर्य एवं चंद्रमा के बीच पृथ्वी आ जाती है, तो सूर्य का प्रकाश चंद्रमा पर नहीं पड़ता है।
- चूंकि ग्रहों व उपग्रहों का अपना कोई प्रकाश नहीं है, ये केवल सूर्य के प्रकाश से ही प्रकाशित होते हैं।
- अतः चंद्रमा पर सूर्य का प्रकाश न पड़ने के कारण ही चंद्रग्रहण होता है।
- चंद्रग्रहण का प्रकार और उसकी लंबाई चंद्रमा की सापेक्षिक स्थितियों व उसके कक्षीय पथ पर निर्भर करती है।
- चंद्रग्रहण सदैव पूर्णिमा (Full Moon) के दिन होता है।
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7. 22 दिसंबर, 1999 को पूर्णिमा के चंद्रमा के सामान्य से अधिक चमकदार होने के लिए मुख्य उत्तरदायी कारक था-
(a) अपसौर
(b) उपसौर
(c) अपभू
(d) उपभू
[R.A.S./R.T.S. (Pre) 1999]
उत्तर- (d) उपभू
- 22 दिसंबर, 1999 को चंद्रमा उपभू एवं पूर्णचंद्र (Full Moon) की स्थिति में था, अर्थात इस दिन चंद्रमा के पृथ्वी की सबसे निकटतम दूरी पर रहने के कारण ही यह सर्वाधिक चमकदार दिखा।
- 14 नवंबर, 2016 को पुनः पूर्ण उपभू की स्थिति बनी थी, जिसमें चंद्रमा 60 वर्षों में सर्वाधिक बड़ा एवं चमकदार दिखाई पड़ा था।
- इस स्थिति को आम बोलचाल की भाषा में सुपरमून भी कहते हैं।
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8. जब अर्द्ध चंद्र होता है, तो सूर्य, पृथ्वी तथा चंद्र के बीच का कोण होता है-
(a) 45°
(b) 90°
(c) 180°
(d) 270°
[U.P.P.C.S. (Pre) 2005]
उत्तर- (b) 90°
- अर्द्ध चंद्र के समय पृथ्वी के संदर्भ में सूर्य और चंद्रमा की स्थिति समकोणीय 90° होती है।
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9. बेमेल (Oddman) को चुनिए-
(a) मंगल (Mars)
(b) बुध (Mercury)
(c) चंद्रमा (Moon)
(d) पृथ्वी (Earth)
[Chhattisgarh P.C.S. (Pre) 2005]
उत्तर- (c) चंद्रमा (Moon)
- मंगल (Mars), बुध (Mercury) और पृथ्वी (Earth) तीनों ग्रहों की श्रेणी में आते हैं, जबकि चंद्रमा (Moon) पृथ्वी का प्राकृतिक उपग्रह है अर्थात उपर्युक्त तीनों सूर्य का चक्कर लगाते हैं, जबकि चंद्रमा पृथ्वी का चक्कर लगाता है।
- इस प्रकार चंद्रमा उपर्युक्त तीनों ग्रहों से भिन्न एक उपग्रह है।
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10. सुमेलित कीजिए-
(A) ग्रह |
1. चंद्रमा |
(B) उपग्रह |
2. यूरेनस |
(C) पुच्छल तारा |
3. मैरिनर |
(D) कृत्रिम उपग्रहयान |
4. हेली |
(a) A-2 B-1 C-4 D-3
(b) A-1 B-2 C-3 D-4
(c) A-4 B-3 C-1 D-2
(d) A-2 B-1 C-3 D-4
[U.P.P.C.S. (Pre) 1992]
उत्तर- (a) A-2 B-1 C-4 D-3
- चंद्रमा पृथ्वी का एकमात्र प्राकृतिक उपग्रह है।
- यूरेनस अर्थात अरुण एक ग्रह (Planet) है, जो सूर्य से दूरी के अनुसार 7वां है।
- मैरिनर-9 मंगल ग्रह पर अन्वेषण के लिए 30 मई, 1971 को NASA द्वारा छोड़ा गया यान था।
- हेली (Halley) पुच्छलतारा (Comet) है, जो वर्ष 1835, 1910 और 1986 में पृथ्वी से दिखाई दिया।
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11. ‘ब्लू मून’ परिघटना होती है-
(a) जब एक ही माह में दो पूर्णिमा हों।
(b) जब एक कैलेंडर वर्ष में दो लगातार माहों में चार पूर्णिमाएं हों।
(c) जब एक ही कैलेंडर वर्ष में तीन बार एक ही माह में दो पूर्णिमाएं हों।
(d) उपर्युक्त में से किसी से भी नहीं।
[U.P.P.C.S. (Mains) 2007, U.P.P.C.S. (Pre) 2009]
उत्तर- (a) जब एक ही माह में दो पूर्णिमा हों।
- नासा के अनुसार ‘ब्लू मून’ वह परिघटना होती है, जब किसी एक ही माह में दो पूर्णिमा हों।
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12. जब किसी वस्तु को पृथ्वी से चंद्रमा पर ले जाया जाता है, तो-
(a) उसका भार बढ़ जाता है
(b) उसका भार घट जाता है
(c) उसके भार में कोई परिवर्तन नहीं होता है
(d) वह पूर्ण रूप से भार रहित हो जाती है
[U.P.P.C.S. (Pre) 2006]
उत्तर- (b) उसका भार घट जाता है
- पृथ्वी की अपेक्षा चंद्रमा का गुरुत्वीय त्वरण 1/6 होता है, इसलिए पृथ्वी से चंद्रमा पर ले जाने पर किसी वस्तु का भार घटकर उसके भार का 1/6 हो जाता है।
- सूत्र : पिंड का भार द्रव्यमान गुरुत्वीय त्वरण
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14. चंद्रमा की पृथ्वी से दूरी है-
(a) 364 हजार किमी.
(b) 300 हजार किमी.
(c) 446 हजार किमी.
(d) 350 हजार किमी.
[U.P. Lower Sub. (Pre) 2008]
उत्तर- (a) 364 हजार किमी.
- चंद्रमा एवं पृथ्वी के बीच की औसत दूरी 384400 किमी. है।
- उपर्युक्त विकल्पों में सबसे समीप का विकल्प 364000 किमी. है।
- पृथ्वी से चंद्रमा की अधिकतम दूरी 405500 किमी. रहती है।
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15. एक देश, अपने ‘सेलिनी’ (सेलेनॉलोजिकल तथा अभियांत्रिक अन्वेषक) परीक्षणकर्ता को चंद्रमा की कक्षा में भेजकर एशिया का प्रथम देश हुआ है। यह यश प्राप्त करने वाला देश है-
(a) जापान
(b) चीन
(c) भारत
(d) पाकिस्तान
[U.P.P.C.S. (Pre) 2009]
उत्तर- (a) जापान
- ‘सेलिनी’ का जापानी उपनाम ‘कागुया’ (Kaguya) है।
- चंद्रमा की कक्षा में भेजा गया यह जापान का अंतरिक्ष यान था।
- इसे 14 सितंबर, 2007 को प्रक्षेपित किया गया था।
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xii. क्षुद्रग्रह
1. मंगल और बृहस्पति की कक्षाओं के बीच सूर्य के चारों ओर परिक्रमा करने वाले शैल के छोटे टुकड़ों के समूह को क्या कहते हैं?
(a) उल्का
(b) धूमकेतु
(c) उल्का पिंड
(d) क्षुद्रग्रह
[I.A.S. (Pre) 1997]
उत्तर- (d) क्षुद्रग्रह
- मंगल और बृहस्पति की कक्षाओं के बीच सूर्य के चारों ओर क्षुद्रग्रह परिक्रमारत हैं।
- अधिकांश क्षुद्रग्रह छोटे हैं, किंतु कुछ का व्यास 1000 किमी. तक बड़ा है।
- सेरेस (Ceres) का व्यास लगभग 952 किमी. है।
- सौरमंडल में अवस्थितियों के अनुसार, क्षुद्रग्रहों (Asteroids) को श्रेणीबद्ध किया जाता है।
- मुख्य पेटी (Main Belt)- इसमें सूर्य से 2-4 खगोलीय इकाइयों की दूरी पर मंगल और बृहस्पति ग्रहों के बीच स्थित चट्टानी टुकड़े होते हैं।
- इस समूह के प्रमुख क्षुद्रग्रह हंगेरियस (Hungarias), फ्लोरस (Floras), फोकिया (Phocaea), कोरोनिस (Koronis), इयोस (Eos), थेमिस (Themis), सिबेले (Cybele) और हिल्डास (Hildas) हैं।
- पृथ्वी के निकट के क्षुद्रग्रह (NEAs)- इसमें एटेन (Aten), अपोलो (Apollo), अमोर (Amor) एवं अटिरा (Atira) प्रमुख हैं।
- ट्रॉजेंस (Trojans)- यह बृहस्पति के लैगरेंज बिंदु (Lagrange Points) के समीप स्थित है।
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2. क्षुद्रग्रहों तथा धूमकेतु के बीच क्या अंतर होता है?
1. क्षुद्रग्रह लघु चट्टानी ग्राहिकाएं (प्लेनेटॉयड) हैं, जबकि धूमकेतु हिमशीतित गैसों से निर्मित होते हैं, जिन्हें चट्टानी और धातु पदार्थ आपस में बांधे रखते हैं।
2. क्षुद्रग्रह अधिकांशतः बृहस्पति और मंगल के परिक्रमापथों के बीच पाए जाते हैं, जबकि धूमकेतु अधिकांशतः शुक्र और बुध के बीच पाए जाते हैं।
3. धूमकेतु गोचर दीप्तिमान पुच्छ दर्शाते हैं, जबकि क्षुद्रग्रह यह नहीं दर्शाते।
उपर्युक्त में से कौन-सा कथन सही है/हैं?
(a) केवल 1 और 2
(b) केवल 1 और 3
(c) केवल 3
(d) 1, 2 और 3
[I.A.S. (Pre) 2011]
उत्तर- (b) केवल 1 और 3
- धूमकेतु सौरमंडलीय निकाय हैं जो पत्थर, धूल, बर्फ और गैस के बने हुए छोटे-छोटे खंड होते हैं।
- ये ग्रहों के समान सूर्य की परिक्रमा करते हैं।
- धूमकेतु के तीन मुख्य भाग होते हैं (1) नाभि, (ii) कोमा और (iii) पूंछ।
- नाभि धूमकेतु का केंद्र होता है, जो पत्थर और बर्फ का बना होता है।
- नाभि के चारों ओर गैस और धूल के बादल को कोमा कहते हैं।
- नाभि तथा कोमा से निकलने वाली गैस (आयन) और धूल दो पूंछ का आकार ले लेती है।
- धूमकेतु मुख्यतः ‘कुइपर बेल्ट’ (Kuiper Belt) एवं ‘ऊर्ट क्लाउड’ (Oort Cloud) में पाए जाते हैं।
- क्षुद्रग्रह पथरीले और धातुओं के ऐसे पिंड हैं, जो सूर्य की परिक्रमा करते हैं।
- अधिकांश क्षुद्रग्रह बृहस्पति और मंगल के बीच की एक पट्टी (Asteroid Belt) में स्थित हैं।
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xiii. धूमकेतु एवं उल्का
1. धूमकेतु की पुच्छ सूर्य से परे दिष्ट होती है, क्योंकि-
(a) जैसे-जैसे धूमकेतु सूर्य के चारों ओर घूर्णन करता है वैसे-वैसे उसका हल्का द्रव्यमान केवल अपकेंद्रीय बल के कारण दूर क्षिप्त हो जाता है।
(b) जैसे-जैसे धूमकेतु घूर्णन करता है, उसका हल्का द्रव्यमान उसकी पुच्छ की दिशा में स्थित किसी तारे द्वारा आकर्षित हो जाता है।
(c) सूर्य द्वारा उत्सर्जित विकिरण धूमकेतु पर मैज्य दाब डालता है जिससे उसकी पुच्छ सूर्य से दूर क्षिप्त हो जाती है।
(d) धूमकेतु की पुच्छ सदैव एक ही अभिविन्यास में रहती है।
[I.A.S. (Pre) 1997]
उत्तर- (c) सूर्य द्वारा उत्सर्जित विकिरण धूमकेतु पर मैज्य दाब डालता है जिससे उसकी पुच्छ सूर्य से दूर क्षिप्त हो जाती है।
- धूमकेतु (Comet) में सामान्यतः दो पुच्छ होती हैं – (1) धूलकणों से युक्त, (2) आयोनाइज्ड।
- दोनों की उत्पत्ति ‘कोमा’ (Coma) से होती है।
- विद्युत आवेशित कणों से युक्त आयोनाइज्ड पुच्छ सौर्थिक चुम्बकीय क्षेत्र से उत्पन्न चुम्बकीय बल के विशेष प्रभाव के कारण सूर्य की विपरीत दिशा में होती है और सौर हवाओं के सहारे आगे बढ़ती है, जबकि धूलकणों से युक्त पुच्छ सूर्य से उत्पन्न विकिरण दबाव से आगे बढ़ती है।
- अतः विकल्प (c) सही उत्तर है।
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2. ‘हेल-वॉप’ किसका नाम है?
(a) पुच्छल तारा
(b) कार्टून चरित्र
(c) अंतरराष्ट्रीय कम्पनी
(d) एक खिलौना
[M.P.P.C.S. (Pre) 1997]
उत्तर- (a) पुच्छल तारा
- हेल-बॉप (Hale-Bopp) पुच्छल तारा / धूमकेतु (Comet) है, जो 23 जुलाई, 1995 को बृहस्पति की कक्षा के बाहर चमक रहा था।
- इसकी खोज ‘एलन हेल’ (Alan Hale) (न्यू मेक्सिको) और थामस बॉप (Thomas Bopp) (एरीजोना) ने किया था।
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3. शूमेकर-लेवी 9 धूमकेतु किस ग्रह से टकराया था?
(a) प्लूटो
(b) मंगल
(c) बृहस्पति
(d) शनि
[I.A.S. (Pre) 1995]
उत्तर- (c) बृहस्पति
- धूमकेतु शूमेकर लेवी-9 (Comet Shoemaker Levy-9) की खोज 24 मार्च, 1993 में कैलिफोर्निया स्थित पालोमर वेधशाला के वैज्ञानिक इयूगेन एवं कैरोलिन शूमेकर तथा कनाडा के डेविड लेवी द्वारा की गई थी।
- ब्रह्माण्ड में विचरण करता यह धूमकेतु जैसे ही सौरमंडल के सबसे बड़े ग्रह बृहस्पति (Jupiter) के आकर्षण क्षेत्र में आया, 16 से 22 जुलाई, 1994 के मध्य बृहस्पति से टकरा गया।
- इस टक्कर से बृहस्पति ग्रह को कोई नुकसान नहीं हुआ।
- सौरमंडल के दो घटकों के बीच देखी जाने वाली यह पहली टक्कर थी।
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4. उल्का (Meteor) है-
(a) तीव्र गति से चलता तारा
(b) बाह्य अंतरिक्ष से पृथ्वी के वायुमंडल में प्रविष्ट हुए द्रव्य का अंश
(c) तारामंडल का भाग
(d) पुच्छहीन धूमकेतु
[I.A.S. (Pre) 1995]
उत्तर- (b) बाह्य अंतरिक्ष से पृथ्वी के वायुमंडल में प्रविष्ट हुए द्रव्य का अंश
- उल्का (Meteor) आकाश में (पृथ्वी के वायुमंडल में) प्रकाश की चमकती हुई चमकीली लकीर (Bright Streak) सदृश होते हैं, जिन्हें ‘टूटने वाला तारा’ (Shooting Star or Falling Star) भी कहा जाता है।
- पृथ्वी के वायुमंडल में प्रवेश करते ही घर्षण से ये चमकने लगते हैं और पृथ्वी पर पहुंचने से पूर्व ही सामान्यतः जलकर राख हो जाते हैं।
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