सूचना का अधिकार अधिनियम (RTI) का संक्षेप में परिचय

प्रश्न: यदि लोगों को अन्य अधिकारों का उपयोग करने की क्षमता प्राप्त करनी है, तो सूचना तक उनकी पहुँच होना अनिवार्य है। शासन (गवर्नेस) में RTI के महत्व पर ध्यान केन्द्रित करते हुए इस कथन की विवेचना कीजिए।

दृष्टिकोण

  • सूचना का अधिकार अधिनियम (RTI) का संक्षेप में परिचय दीजिए।
  • सूचना तक पहुंच लोगों के लिए अन्य अधिकारों का उपयोग करने की क्षमता है, विवेचना कीजिए। 
  • शासन में RTI के महत्व पर ध्यान देने के साथ उपर्युक्त बिन्दुओं पर चर्चा कीजिए।
  • संक्षिप्त निष्कर्ष प्रस्तुत कीजिए।

उत्तर

सूचना का अधिकार अधिनियम, 2005 (RTI) सूचना के लिए नागरिकों के अनुरोधों के प्रति केंद्र और राज्य सरकारों के अधीन विभिन्न सार्वजनिक प्राधिकरणों की समयबद्ध अनुक्रिया को अनिवार्य बनाता है। यह अधिनियम प्रत्येक सार्वजनिक प्राधिकरण को स्वतः संज्ञान लेकर सूचना के सार्वजनिक डोमेन में प्रकटीकरण हेतु कदम उठाने का भी निर्देश देता है।

द्वितीय प्रशासनिक सुधार आयोग ने RTI को “मास्टर की टू गुड गवर्नेस” कहा है, क्योंकि इसे भागीदारीपूर्ण लोकतंत्र को सुदृढ़ करने और जन-केंद्रित शासन की ओर बढ़ने की कुंजी के रूप में देखा गया है। अन्य अधिकारों का उपयोग करने हेतु सूचना तक पहुंच आवश्यक है, जिसे निम्न प्रकार से समझा जा सकता है:

  • RTI यह सुनिश्चित करता है कि किसी भी भ्रष्टाचार या विसंगति के लिए संवैधानिक और कानूनी अधिकारों के रूप में आम जनता द्वारा छानबीन और पूछताछ की जा सकती है। उदाहरण के लिए, RTI के माध्यम से सूचनाओं के प्रकटीकरण के कारण पीडीएस में भ्रष्टाचार और अन्य विसंगति संबंधी मुद्दों में काफी कमी आई है।
  • सार्वजनिक अधिकारियों के कामकाज में पारदर्शिता के स्तर में वृद्धि हुई है और ऐसा वातावरण बना है जिसमें कानून के शासन का कठोरता से पालन किया जाना है।
  • RTI संबंधित लोक प्राधिकारी को जिम्मेदार बनाने तथा वस्तुओं और सेवाओं के वितरण में किसी भी कमी का समाधान प्राप्त करने हेतु एक शक्तिशाली साधन के रूप में उभरा है। साथ ही यह संविधान द्वारा प्रत्याभूत मूल मानवाधिकारों की रक्षा और उन्हें बनाए रखने हेतु एक रक्षक की भूमिका भी निभा रहा है।
  • RTI समाज के सबसे वंचित समूहों के अधिकारों और स्वतंत्रताओं की रक्षा करके, उन्हें उनकी सुभेद्यता की स्थिति से बचाकर, उनके स्वयं के विकास में भाग लेने में सक्षम बनाता है। साथ ही यह उन्हें उन सार्वजनिक नीतियों पर नियंत्रण रखने में भी सक्षम बनाता है जो उन्हें सबसे अधिक प्रभावित करती हैं।
  • सूचना तक पहुंच सरकारों के चयन के सन्दर्भ में राय बनाने, निर्णय लेने की प्रक्रिया में सार्थक रूप से भाग लेने, सरकारों को उत्तरदायी बनाने और अंततः एक वास्तविक लोकतंत्र में रहने में नागरिकों की सहायता करती है।

इस प्रकार, लोगों की क्षमता विकसित करने हेतु उनकी सूचना तक पहुंच आवश्यक है, ताकि वे प्रभावी रूप से अन्य अधिकारों का उपभोग कर सकें और अपने सामर्थ्य का पूर्ण उपयोग कर सकें।

इस संबंध में RTI अधिनियम की वर्तमान कार्यप्रणाली की कमियों, जैसे- अपीलों के भारी संख्या में लंबित रहने, सार्वजनिक सूचनाओं के स्वतः संज्ञान से प्रकटीकरण का अभाव आदि पर ध्यान दिए जाने की आवश्यकता है, ताकि सूचना के अधिकार और अन्य संबंधित अधिकारों को सही भावना में लागू किया जा सके।

Read More 

 

Add a Comment

Your email address will not be published. Required fields are marked *


The reCAPTCHA verification period has expired. Please reload the page.