स्मार्ट सिटी क्या है? उत्तर प्रदेश में स्मार्ट सिटी परियोजना की सफलता का सभावना पर चर्चा करे।

 उत्तर की संरचनाः

भूमिका:

  • संक्षेप में स्मार्ट सिटी की आवश्यकता को बताएँ।

मुख्य भाग:

  • स्मार्ट सिटी परियोजना को बताएँ और उत्तर प्रदेश के चयनित नगरों का उल्लेख करें।
  • परियोजना के बाधक तत्वों का उल्लेख करें।
  • बताएँ कि किस प्रकार परियोजना की बाधाओं को दूर किया जा सकता है।

निष्कर्ष:

  • बताएं कि उत्तर प्रदेश के तीव्र विकास हेतु स्मार्ट सिटी परियोजना की सफलता अनिवार्य है।

 उत्तर

भूमिकाः

स्मार्ट सिटी मिशन, भारत सरकार की अभिनव पहल है। जनगणना 2011 के अनुसार भारत की कुल जनसंख्या का 31% नगरों में अधिवासित है और देश के सकल घरेलू उत्पाद में इन नगरों का योगदान 63% है। भविष्य में नगरीय जनसंख्या और इसके आर्थिक महत्व में वृद्धि को संतुलित और गतिशील बनाना आवश्यक है। इसी परिप्रेक्ष्य में नगरीय क्षेत्रों के भौतिक, संस्थागत, सामाजिक और आर्थिक बुनियादी ढाँचे के व्यापक विकास हेतु स्मार्ट सिटी मिशन को प्रारंभ किया गया है।

मुख्य भागः

  • स्मार्ट सिटी मिशन का उद्देश्य ऐसे शहरों को बढ़ावा देना है जो मूल बुनियादी सुविधाएँ उपलब्ध कराएँ और अपने नागरिकों को एक सभ्य गुणवत्तापूर्ण जीवन प्रदान करे तथा एक स्वच्छ और टिकाऊ पर्यावरण एवं ‘स्मार्ट’ समाधानों के प्रयोग का मौका दें।
  • इस मिशन का मुख्य केंद्र बिन्दु टिकाऊ और समावेशी विकास है जो एक रेप्लिकेबल मॉडल बनकर ऐसे अन्य इच्छुक शहरों के लिए प्रकाश पुंज का काम करेगा।
  • मिशन के अंतर्गत 100 शहर चयनित होंगे और अगले 5 वर्ष की अवधि (वित्तीय वर्ष 2015-16 से वित्तीय वर्ष 2019-20) में उनका विकास किया जायेगा।
  • मिशन के अंतर्गत उत्तर प्रदेश के सर्वाधिक दस स्मार्ट सिटी का चयन किया गया है। इनमें लखनऊ, कानपुर,वाराणसी, अलीगढ़, झांसी, इलाहाबाद, मुरादाबाद, सहारनपुर, बरेली एवं आगरा शामिल हैं।

स्मार्ट सिटी मिशन की रणनीति निम्नलिखित है-

  • पूरे शहर के लिए पहल
  • क्षेत्र का कदम-दर-कदम विकास (स्टेप-बाई-स्टेप डेवलपमेन्ट)
  • क्षेत्र के आधार पर प्रगति के तीन मॉडल
  1. रेट्रोफिटिंग
  2. पुनर्विकास
  3. हरित क्षेत्र

मिशन के अंतर्गत निम्नलिखित कोर सुविधाओं का उन्नयन किया जाएगा-

  • पर्याप्त जलापूर्ति
  • निश्चित विद्युत आपूर्ति
  • ठोस अपशिष्ट प्रबंधन सहित स्वच्छता
  • कुशल एवं गतिशील सार्वजनिक परिवहन प्रणाली
  • सस्ते आवास (विशेषतः गरीबों के लिए)
  • सुदृढ़ आइटा कनाक्टविटी और डिजिटलीकरण
  • सुशासन (ई-गवर्नेस और नागरिक भागीदारी विशेषतः)
  • सतत पर्यावरण
  • नागरिकों की सुरक्षा और संरक्षा
  • स्वास्थ्य और शिक्षा

स्मार्ट सिटी के बाधक तत्व (चुनौतियाँ)-

  • मिशन की सबसे बड़ी बाधा वित्तीय संसाधनों की होगी। यद्यपि चयनित नगर को पांच वर्ष तक सौ करोड़ रूपए प्रतिवर्ष प्रदान करेगी। किन्तु योजना के पूर्ण होने तक लागत में बहुत अधिक वृद्धि अनुमानित है।
  • विश्व बैंक के रिपोर्ट (2015) के अनुसार भारत में अव्यवस्थित नगरीकरण है। मलिन बस्तियों में रहने वाले लोगों की संख्या अधिक है। उत्तर प्रदेश में आगरा, इलाहाबाद, कानपुर इत्यादि नगर अति सघन हैं।
  • मिशन की सफलता योग्य प्रशासकों और प्रशिक्षित मानव संसाधन पर निर्भर करेगी। इस दिशा में गंभीर प्रयस की आवश्यकता है।
  • स्मार्ट नगरों की जीवंतता, स्मार्ट नागरिकों पर निर्भर करेगी। भारत में इस संदर्भ में नागरिक जागरूकता पर विशेष ध्यान देना होगा।
  • मिशन को सफल बनाने में केंद्र तथा राज्यों के बीच सहयोग अनिवार्य है। पं. बंगाल जैसे राज्यों का राजनैतिक कारणों से अलग होना मिशन में बाधा उत्पन्न कर सकता है।
  • इसके अतिरिक्त नगरीय विस्तार के लिए भूमि अधिग्रहण, ऊर्जा की सतत् उपलब्धता, स्वच्छ पेयजल आपूर्ति सुनिश्चित करना भी चुनौतीपूर्ण है।

परियोजना की सफलता के लिए कार्यक्रम/सुझाव-

स्मार्ट सिटी को सफल बनाने के लिए केंद्र और राज्य सरकार द्वारा विभिन्न कार्यक्रमों का क्रियान्वयन किया जा रहा है। उदाहरण के लिए लखनऊ स्मार्ट सिटी में निम्नलिखित चार तत्वों को लक्षित किया गया है-

  • जीवंत लखनऊ (अवसंरचनात्मक विकास)
  • सुगम लखनऊ (परिवहन प्रणाली का विकास एवं विस्तार)
  • स्वच्छ लखनऊ (स्वास्थ्य व हाइजीन पर फोकस)
  • समृद्ध लखनऊ (हेरिटेज, कल्जर इत्यादि का संरक्षण)

इसके अतिरिक्त मिशन की सफलता के लिए नागरिक भागीदारी, ग्राम-नगर समन्वय, नगरीय प्रशासन का क्षमता निर्माण तथा विभिन्न समूहों का समावेशन अनिवार्य होगा।

निष्कर्षः

स्मार्ट सिटी मिशन, उत्तर प्रदेश जैसे अधिक जनसंख्या वाले राज्यों के लिए अत्यंत आवश्यक है। इसलिए आवश्यक है कि मिशन की बाधाओं को दूर करते हुए सुगम और सुविधाजनक नगरों के विकास की दिशा में गंभीर प्रयस किया जाए।

 

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